Book Title: Anusandhan 2011 06 SrNo 55
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 135
________________ मई २०११ १२९ विद्वानो आ प्रवृत्तिमां जोडाया अने देशना खूणे खूणेथी फरी फरीने खानगी अने संस्थागत संग्रहो रुबरुमां तपासीने अहेवालो तैयार कर्या. तेमना अभ्यासप्रवास दरम्यान प्राप्त थयेल महत्त्वपूर्ण हस्तप्रतोनी विगतो अकठी करी, जे ते प्रेसिडेन्सीओ माटे हस्तप्रतोनी खरीदी करी, कवचित सूचनात्मक तो कवचित विस्तृत सूचिपत्रो तैयार कर्यां. आ समयगाळा दरम्यान प्रगट थयेल सूचिपत्रो/अहेवालो पैकी बंगाळ प्रेसिडेन्सीना राजा राजेन्द्रलाल मित्राओ २४० खानगी के संस्थागत संग्रहो रुबरुमां तपासीने ४२६५ संस्कृत हस्तप्रतो वर्णवतुं ११ खण्डोनुं सूचिपत्र Notices of Sanskrit Manuscripts (१८७०-१८९५) तैयार कर्यु. आ पैकीना पाछळना २ खण्डो तेमना अवसान बाद महामहोपाध्याय हरप्रसाद शास्त्रीले सम्पादित करेला छे. हस्तप्रतोना सूचिकरण क्षेत्रनुं आ ओक सीमास्तम्भ समान सूचिपत्र छे. आ उपरान्त मित्राजीओ अन्य महत्त्वपूर्ण सूचिपत्रो पैकी बिकानेरना महाराजाना अंगत संग्रहनी १५४७ हस्तप्रतो, १८८०मां तथा ओशियाटिक सोसायटीनुं १८७७मां तैयार कर्यां हतां. बंगाळ उपरान्त पंजाब- काशीनाथ कुन्ते (१८७८८२), नोर्थ-वेस्ट प्रोविन्सिस (१८७४-८६, ४४०० हस्तप्रतो), अवधनुं जहोन नेसफिल्ड (१८७५-७९), अने कोलिन ब्राउनिंग (१८७२-९३, ५२०० हस्तप्रतो), मैसूर अने कूर्गनुं लेविस राइस (१८८४, २९४४ हस्तप्रतो), दक्षिण भारतनां खानगी संग्रहो, गुस्ताव ऑपर्ट (१८८०-८५, १८७०७ हस्तप्रतो) अने सेन्ट्रल प्रोविन्सनुं ओफ. कीलहोर्न (१८७४, ३८०० हस्तप्रतो) अने बोम्बे प्रेसिडेन्सीनुं ज्योर्ज बुहलर, ओफ. कीलहोर्न, पीटर पीटरसन (१८८२-९८), प्रो. भण्डारकर (१८७९-९१), काथवटे (१८९१-९५) वगेरे द्वारा सर्वेक्षण हाथ धरवामां आव्यु. नोंधq घटे के मुंबइ सरकारे प्रस्तुत योजना पूर्वे १८६६ थी डॉ. ज्योर्ज बुहलर अने डॉ. मार्टिन हग द्वारा संस्कृत हस्तप्रतो, सर्वेक्षण अने प्राप्ति, कार्य शरु कर्यु हतुं. अन्य प्रेसिडेन्सीओनी तुलनाओ बोम्बे प्रेसिडेन्सी- कार्य वधु व्यापक अने गहन रडुं छे. भण्डारकर ओरिओन्टल रिसर्च इन्स्टिट्यूट, पूनानो विद्वत संग्रह आ सर्वेक्षणने आभारी छे. डॉ. बुहलरओ गुजरात उपरान्त बोम्बे प्रेसिडेन्सी उपरान्त राजपुताना, लाहोर, दिल्ही, बनारस, उज्जैन, काश्मीर वगेरे प्रदेशोमां हस्तप्रत खोज-प्रवास कर्या हता. डॉ. बुहलरना अहेवालो ‘has

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