Book Title: Anusandhan 2009 00 SrNo 47
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 27
________________ अनुसन्धान ४७ ४. ३. विरक्ति कारण गीत, मुनिमेरु । कलमसंयमोपाध्याय, भाषा-राजस्थानी, स्तवन, गा.-७, आदि-पुनिम रजनी करु कपमाला, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय आदिनाथ गीत, मुनिमेरु । कलमसंयमोपाध्याय, भाषा-राजस्थानी, स्तवन, गा.-२, आदि-सकल मंगल कारणऊ रे, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय जीरावला पार्श्वनाथ गीत, मुनिमेरु / कलमसंयमोपाध्याय, भाषा-राजस्थानी, स्तवन, स्तवन, गा.-२, आदि-पहिरिवा खिणु चिरु चंदणु, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय पार्श्वनाथ गीत, मुनिमेरु / कमलसंयमोपाध्याय, भाषा - राजस्थानी, स्तवन, गा.-२, आदि सखी से रहमुच्छले कवणु, अ. 'मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय. नेमिनाथ गीत, मुनिमेरु । कमलसंयमोपाध्याय, भाषा - राजस्थानी, स्तवन, गा.-२, आदि-पमुय देखी नेमी रथ नेमी, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय. अजितनाथ गीत, मुनिमेरु । कमलसंयमोपाध्याय, भाषा - राजस्थानी, स्तवन, गा.-२, आदि-हितु अहितु विवेक विचारी लई, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय. वाराणसी पार्श्वनाथ गीत, मुनिमेरु । कमलसंयमोपाध्याय, भाषा - राजस्थानी, स्तवन, गा.-२, आदि-अम्ह ची शरीरी सोगुण नही रिजवी, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय. जिनचन्द्रसूरि गीत, मुनिमेरु / कमलसंयमोपाध्याय, भाषा - राजस्थानी, स्तवन, गा.-२, आदि-चेतना रूपु आतमा विचारी, अ. मुनिभुवनचन्द्रजी, प्रतिलिपि विनय. लेखन प्रशस्ति का विवरण : ___ तीन पत्र हैं । साइज १० x ४ है । पंक्ति लगभग ८-९ है । अक्षर २८ से ३० है और स्वर्णाक्षरों में लिखित है । यह प्रति कहाँ है मुझे स्वयं १०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86