Book Title: Anusandhan 2009 00 SrNo 47
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 56
________________ मार्च २००९ ११ निसही " " ९ चोथी ढाल दुहा - २ चोथी ढाल - १० दरव उपावण थांपणमोसा बाकी फाडि घिरत खांतिसुं प्रघल वनारतां स्थान (उपाश्रय) सावद्य क्रिया निषेध (जिनमन्दिर- उपाश्रयमा प्रवेश करता आ शब्द बोलाय छे.) धन उपार्जन गिरवे मूकेली वस्तु पडावी लेवी मोंदु फाडीने घृत (घी) खंतथी सुन्दर कापता मोक्षनी इच्छा व्याकुल थर्बु उपाश्रय छोड्या पछी उपहास तारो " " १२ " " १२ " " १२ " " १७ " " २२ पांचमी ढाल दुहा-१ संवेग हलफल्यौ थानक तड्यां हासौ थारौ पांचमी ढाल-१ सांझैं सांजे आज्यो आवजे बैंसाण्यौ बेसाड्यो पगरी पानही पगनी मोजडी पाथरही पथलाय पथारी पाथरवी छानीठाम एकान्त स्थान संबाहि फेलावीने थेहिज तुं ज गुडाय नाख्यो वखतनैं जोर भाग्यवशे सरास शिथिल (?) अमरस क्रोध - अमर्ष वाहर सेना, टुकडी सालू साडी : :: :: :: :: :: :: :: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86