Book Title: Anusandhan 2006 02 SrNo 35
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 7
________________ 5 अनुक्रमणिका अज्ञातकर्तृक : वीतराग-विनति सं. रसीला कडीआ नवनवत्यधिकनवशताक्षरा महादण्डकाख्या विज्ञप्ति-पत्री म. विनयसागर श्री लाभानन्द (आनन्दघन)जी-कृत बार भावना ॥ विजयशीलचन्द्रसूरि विविध भास-रचनाओ ॥ विजयशीलचन्द्रसूरि चतुर्दश पूर्व पूजा ॥ विजयशीलचन्द्रसूरि चोत्रीस अतिशय स्तवन सं. पं० महाबोधि विजय कवि जशराजकृत : दोधकबावनी सं. साध्वी दीप्तिप्रज्ञाश्री मानदत्त आदि मुनिकृत विविध स्तवन-सज्झायो सं. साध्वी समयप्रज्ञाश्री महोपाध्याय मेघविजय रचित सप्तसन्धान काव्य : संक्षिप्त परिचय म० विनयसागर समयनो तकाजो : साम्प्रदायिक उदारता शी. ढूंक नोंध : १. निष्कुळानन्दकृत शियळनी नव वाडनां पदो विषे २. नेशनल मिशन फोर मेन्युस्क्रिप्ट विषे ३. मुखपृष्ठ-चित्र विषे माहिती विहंगावलोकन उपा. भुवनचन्द्र 59 70 75 79 0 79 79 81 TO Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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