Book Title: Anusandhan 2003 01 SrNo 22
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 5
________________ अनुक्रम १. भवविरहाङ्क श्रीहरिभद्रसूरि-विरचित सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 1 जिनस्तवन २. महो० यशोविजय-लिखित कर्मप्रकृति- सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 4 संक्षेप विवरण . ३. समुद्रबन्ध चित्रकाव्य-एक परिचय विजयशीलचन्द्रसूरि 7 ४. समुद्रबन्ध आशीर्वचन । सं. मुनि जिनसेनविजय 12 ५. ३६३ पाखण्डी स्वरूप स्तोत्र-सावचूरि सं. मुनि कल्याणकीर्तिविजय 27 ६. जिनपूजाविधि सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 32 ७. समेतशिखरगिरिरास सं. विजयशीलचन्द्रसूरि . 41 ८. स्वाध्याय (ललितविस्तरासत्क) सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 53 ९. ग्रन्थावलोकन : इतिहासना अज्ञात प्रदेशमां स्वैर विहार : निर्ग्रन्थ ऐतिहासिक. लेख समुच्चय मुनि भुवनचन्द्र १०. ट्रंक नोंध विजयशीलचन्द्रसूरि ११. पत्रचर्चा : 'विबुध'पदविज्ञप्ति- आ. प्रद्युम्नसूरि परिपत्र विषे... १२. नवां प्रकाशनो (माहिती) १३. नवी माहिती १४. प्रो. डॉ. के.आर.चन्द्रनी चिरविदाय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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