Book Title: Anusandhan 2003 01 SrNo 22
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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निर्माल्य / निर्माल गई कालनी पूजा-वासी पूजानो उतारो जीवहिंसा न थाय तेनी चीवट
यतना
प्रक्षालन प्रणाळ-नीकवाळो
सुगंधी वाळानी जूडी
अंग लूछवानां वस्त्र
पषाल
पाली
वालाकूची
आंगलूहणा सुहाली भैरवना
सषर/सपर
निरवद्य भूमिका
उलंडाई
कुंथुआ
फूलि -
भावि
आशातना
भणीइ
षणीइ
सृष्टिपूजा
पासानी
मंगलेवु
भंडारि मूंकीई
हाथा
तुंदुल
डालरि
तालजोडु
गाठीउ
उरसीउ
सुंदर सुपेरे
निर्जीव धरती
ओळंगाय
झीणी जीवात
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फूग
जाणी बूझीने
दोष / पाप
भणीए / बोलीए
खोतरी - खंजवाळीए
प्रभुने जमणेथी डाबे पूजा
पाषाणनी(?)
मंगलदीवो
पैसा मूकवा
हाथना थापा
थांट
पषाल लूंहणुं - भोंयलूछणुं नेवानि
चोखा-अक्षत
वासण विशेष (?) सूंडली - टोपली - (म.गु.श. को . )
पंखो (?)
टुकडो
घसवानो पत्थर - ओरसियो
-टाट (तासक) (?)
अनुसंधान-२२
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