Book Title: Anusandhan 2003 01 SrNo 22
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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- अनुसंधान-२२
पांचमा सुमतिजिनेशर साहिब चैत्र शुकल नवमी जाणजी । मिगसर वदि इग्यारस सीधा पद्मप्रभू निरबाणजी श्री० ४ फागुण वदि सातमी दिन ईहां सातमा श्रीसुपासजी चंद्रप्रभू भादव वदि सात्युं सीधा सकल विलासजी श्री० ५ सुविधिनाथ भादौ सुदि नौमी करी काउसगध्यानजी इण तीरथ महिमा बहु जाणी लह्यो परम कल्याणजी श्री० ६ जयता सीतल सीवो (?) दसमा शीतलनाथजी बदि बैशाखे द्वीतिया दिवसै ध्यावै काउसग साथजी श्री० ७ श्रेयकरी महियलमै विचरै इग्यारमो श्रीश्रेयांसजी श्रावण वदि दिन तीज जिनेशर लह्यो मुक्ति अवतंसजी श्री० ८ विमलनाथ अषाढ वदि दिन सप्तमीयें शुभ वारजी समेतशिखर गिरि काउसग्ग धरिकै पाम्या मुक्ति उदारजी श्री० ९ चउदसमा श्रीअनंत जिणंदा मेघाडंबर ट्रंकजी सुदि चैत्री पंचमी दिन सीधा धरि मन ध्यान अचूकजी श्री० १० धर्मनाथजी धर्म वधार्यो वारी भव जगकूपजी ज्येष्ट सुदी पंचमी इण ठांमै पांम्यां सिद्ध स्वरूपजी श्री० ११ अचिरानंदन चंदन सीतल संतनाथ सुखकारजी तेरस ज्येष्ट वदीने दिवसै शिवसुख पाम्या सारजी श्री० १२ वदि वैशाखै पडिवा दिवसै कुंथुनाथ जिनरायजी अविचल पद पाम्या इहां आवी वंदु तेहना पायजी श्री० १३ सुदि मृगसिर दशमी दिन सीधा श्रीअरनाथ महंतजी फागुण सुदि बारस दिन कीधो मल्लिनाथ भवअंतजी , श्री० १४ ज्येष्ट वदी नवमी मुनिसुव्रत सीधा इण गिरि ठामजी .... नमिजिन दशमी.. वदि वैशाखै करियै तास प्रणामजी श्री० १५ पारस आस सफल करो मेरी सांवलिया पास जिणंदजी:श्रावण शुदि अष्टमी दिन पाम्या परम पदारथ छंदजी श्री० १६
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