Book Title: Aho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Author(s): Babulal S Shah
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad
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प्रत नं.-३ चंद्रसागरजी ज्ञानभंडार-उज्जैन (प्रथम पृष्ठ)
सागर.स
HiaNP गार्डनमः॥हा॥सकलमुरासुरोहमा नाशतश्याय पलादिक वनधीसह तेषणजिनरायश्वलीषण ऋतदेवता वागेसरीविण्यात अाईकमारकधिगावता मुमक्षिक्सक्सोमामाणिकसागरमनिबस ममममनन इंकोमिसानिधिकारख्या शिष्यानी कबुबेकरोनि श्रीमोहममार्मिकदिन संधागलिसार श्राईमरकषिता सतन सूगमागअधिकारथ तेशंशाणीवानिहायकी वृनिश्कीसुविशषि नपदेवावितामणिमुरवा गंधचरितमविदे। घिपचारितलेईनश्चवर मनधीशल्यविकार मुंकीनयालनमाविक संयमनिरतीचारहनावशल्यपहिलईनविंशा विमरनजीवजनाधिनतोषयुलेखममुजमध्यदीविखजिनपतिमादरमणधकी आतीसमरणिजाति यतिब्ध नचारितली अद्यमग्निनिरवाणि तासचरितमुपज्योतविक एकाधिनियालिराम पहिलनेसरवनवछकी मामी कॉशनकामि रागसारंगमचारधाववासुतलिदीकाएदेशी जंबूहीपनासरतमा अक्षकानञ्चवतारोरेनयरव संतपुरनिरमलोचनमणीनविहागरे जहानीयवासरतमायाचना ऊलंबीएकवमइनिहा सामायिकरणनामोरे बे धुमनातेदनापिया रुपवतीयाधामोरे २ऊण्यंचविषयपतिनापिया सुखविक्षसासमारीने एहवाशाविममोमया मुनिवरचनाममारीने झंय तपसयम मिश्रातमा मातानिशिदीसावे सुखितमूरिनामगुणी बतपरिवागिणीची धमाधुसमागममामलायाबनरनारीवादीनदेसनमुणविनयमिछिरचितक्षारीरे ऊंण्मामायिक कलबीतिमा घेवधकाणिलेईरेशाविनसाधुतणीसुण देमनलावधरईछलंगमपदेमणगारजी अधिस्का टनिवारोरे बाजीगरबाजीजिसन मिलीन समारोरेपो सुकोमोदविटंबना परमारधिपधिचालोरेसमकित महातविरताधनी जैनधरममामालनगण्यसलीनापाणीयाविण षिणिश्रायएनटश्रेमासत्राणीजनविश्व
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