Book Title: Aho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Author(s): Babulal S Shah
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad

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Page 90
________________ ढाल-१६ (राग-सारंग) देशी-विंदलीनी ऋषि आर्द्रकुमार एकांगि, आणी समता मनरंगि हो, विचरई वयरागी जिम कंचूकी नाग उतारी, नासइ न रहइ तिण ठारी हो, वि... १ राजगृहपुरनि राहि, आविउ ऋषि अटवीमांहई हो, वि. निजसेवक राजकुमार, शत पंच मिल्या तिणि वार हो, वि.... भय नृप आर्द्रकनउं तेह, लही लाज त्यजी निज गेह हो, वि. जोई जइ कुमरनी शुद्धि, आणी मन एहवी बुद्धि हो, वि... जोतां बहु देसविदेस, न लही किहां शुद्धि विसेस हो, वि. अटवीमां मारग पाडी, भर इकठा थया सवि घाडी हो, वि... ४ कहइं प्रणमी ऋषिना पाय, आवउ पुरि करउ हो पसाय हो, साहिब सोभागी सुणि मुनि कहई पुरि घर केहथी, पामी जई मुगति न तेहथी हो, समझउ एम जाणी... आंकणीछई ए संसार असार वली, अथिर कुटुंबपरिवार हो, सम. केहनउ पिता केहनी माता, केहना सुत केहना भ्रात हो, सम... स्वारथ सरिजाई नासी, केहनी मामी कुण मासी हो सम... कृतकरम उदय जव आवई, तव कोय न आडो थावइ हो, सम... हिंसा नई मृषावाद, चोरी मिथुन उनमाद हो, सम. परिग्रह ए आश्रव पंच, मेली दइ नरकनो संच हो, सम... उपदेस सुणी प्रतिबुद्धा, वयरागी ते थया सुद्धा हो, वि. सई पांचनइं दीक्षा दि, संघलांनि साथई लेई हो, वि... हवई सपरिवार उल्लासइं, जातां जिन वीरनी पासि हो, वि. मिलिउ मारगमां गोसालो, कुमती जे पापई कालो हो, दुरमति दोभागी... निज बुद्धि विकलापित तेणी, जगमांहि प्रगट कर्या जेणइ हो, दु. श्री वर्धमान जिन केरा, तेहतउ ग्रही दोष धणेरा हो, दु... 88

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