Book Title: Aho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Author(s): Babulal S Shah
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad

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Page 130
________________ सिध्धहेमशब्दानुशासनम् बृहन्त्र्यास भाग १ और २ कर्ता- कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य टीकाकार- पंडितवर्यश्री जगदीशभाई प्रकाशक-प्राप्तिस्थान- पं. जगदीशभाई, पोलीस चोकी के पास, गोपीपुरा, सुरत. हैमसाधितधातु सार्थ अंगावली उपयोगीधातु, अर्थ, अनुक्रमणिका के साथ में संपादिका- आ. नीतिसूरिजी समुदाय के साध्वीजी श्री अमीरत्नाश्रीजी म.सा. प्रकाशक- आ. विजय नीतिसूरिजी जैन तत्त्वज्ञान पाठशाला प्राप्तिस्थान- सागर जैन उपाश्रय के बाजु में, पाटण ( उ. गु.) > सिद्धार्थ जर्मन भाषा के विद्वान हरमनहेस के जर्मन उपन्यास का संस्कृत रुपांतरण किया है । कर्ता - जर्मन भाषा के विद्वान हरमनहेस संस्कृत कर्ता - मुनि कल्याणकीर्तिविजयजी प्रकाशक- श्री भद्रंकरोदय शिक्षण ट्रस्ट - गोधरा प्राप्तिस्थान- विजयनेमीसूरिजी स्वाध्याय मंदिर- १२, भगतबाग सो., पालडी, अमदाबाद > सजीयकप्पो (श्राद्धजीतकल्प) प्राकृत छेद ग्रंथ के उपर संस्कृत टीका के साथ प्रकाशित हुआ है । कर्ता-टीकाकार- आ. श्री धर्मघोषविजयजी म.सा. संपादन - पं. श्री नयभद्रविजयजी म.सा. प्रकाशक- परमधर्म-अहमदाबाद. प्राप्तिस्थान- परेश जे. शाह - ए -२, घनश्याम फ्लेट, भट्ठा, पालडी, अहमदाबाद. जइजीयकप्पो (यतिजितकल्प) प्राकृत छेदग्रंथ संस्कृत वृत्ति के साथ प्रकाशित हुआ है । कर्ता- जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण म.सा. टीकाकार- सिद्धसेनसूरिजी चन्द्रसूरिजी म.सा. संपादन- पं. श्री नयभद्रविजयजी म.सा. प्रकाशक- परमधर्म-अहमदाबाद. प्राप्तिस्थान- परेश जे. शाह - ए -२, घनश्याम फ्लेट, भट्ठा, पालडी, अहमदाबाद. 128

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