Book Title: Aho shrutam E Paripatra 02 Samvat 2071 Meruteras 2015
Author(s): Babulal S Shah
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar Ahmedabad
View full book text ________________
लाववामां आवी अने हस्तमेळाप थयो. ते वखते बधा हर्षायमान थया. पछी चोरीमां चार फेरा फेरव्या. चार फेरा चार गतिमां भमाडनार छे. चार मंगल वर्त्या पछी अग्निमां होम हवन गोर महाराज करे छे. हस्तमेळाप वखते मात-पिता तरफथी अढळक द्रव्य अपाय छे. पोतानी आबरू प्रमाणे दायजो आपे छे. त्यारबाद वर-कन्या साकर अने घीथी मिश्रित अमृतसमान कंसार आरोगी रह्या छे.
सर्वे नगरजनो धनवतीने धन्य धन्य मानी रह्या छे. अने कहे छे के-खरेखर तेना पुण्यना योगे तेने आर्द्रदेशना इंद्र समान एवा आर्द्रकुमारनी साथे लग्न थया. आ प्रमाणे सारंगमल्हार रागमां श्री न्यानसागरे तेरमी ढाल वर्णवी जेमां आर्द्रकुमारना लग्न महोत्सवनुं वर्णन कर्यं.
दूहा पंचविषय सुख भोगवई, नाटक गीतविलास, भोगकरमनइं निरजरई, रहितो रंग आवास...
अनुक्रमि प्रसविउ धनवती, सुत सुरकुमर समाज, वरस आठनउ ते थयउ, वधतई सुगुण निधान...
तव भरता त्रीयनइं कहि, ए सुत तुम आधार, अम्हनईं आपो आगन्या, लीजइ संयम भार...
२
ढाल-१४
देशी- -ऋतु पावस आई, बोल न लागे मोर वयण रयणहइ... विलखाणी तब धनवती, सु. विरहिनि कयो रहे, गदगदसिरि अबला कहई, सु. कौन करइ तुमहोरि, सुन पीउ सुखदी, बोली हो करजोडी, आंकणी...
लोचन की जलधारसो, सु. सींचे पिउकी देह, सु. प्रीतम थे जब विछुरी, सु. जब जग सूना एह, सु... महुल अटारी बंगला, सु. बाग बगीचे गोख सु. कंत विना किन कामके, सु. जंगल से सब जोग, सु... तो लगि माननीहको, सु. मात-पिता-सुत-वीर, सु. ज्यों लगि सिर को सेहरो, सु. प्रतपो शिरपति धीर...सु.
83
१
२
Loading... Page Navigation 1 ... 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132