Book Title: Agam 02 Suyagado Bieiyam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
[१४१] न हि नून पुरा अनुस्सुयं, अदुवा तं तह नो समुट्ठियं । सयक्खंधो-१, अज्झयणं-२, उद्देसो-२ ।
मणिणा सामाइयाहियं, नाएणं जगसव्वदंसिणा ।। [१४२] एवं मत्ता महंतरं, धम्ममिणं सहिया बह जना । गुरुणो छंदानवत्तगा, विरया तिण्णा महोघमाहियं ।। त्ति बेमि ।।
. बीए अज्झयणे बीओ उद्देसो समत्तो .
• तइओ उद्देसो [१४३] संवुडकम्मस्स भिक्खुणो, जं दुक्खं पुटुं अबोहिए ।
तं संजमओsवचिज्जई, मरणं हेच्च वयंति पंडिया ।। [१४४] जे विन्नवणाहिऽजोसिया, संतिण्णेहिं समं वियाहिया ।
तम्हा उड्ढे ति पासहा, अदक्खू कामाई रोगवं ।। [१४५] अग्गं वणिएहिं आहियं, धारेती राइणया इहं ।
एवं परमा महव्वया, अक्खाया उ सराइभोयणा ।। [१४६] जे इह सायाणुगा नरा, अज्झोववन्ना कामेहिं मुच्छिया ।
किवणेण समं पगब्भिया, न वि जाणंति समाहिमाहियं ।। [१४७] वाहेण जहा व विच्छए, अबले होइ गवं पचोइए ।
से अंतसो अप्पथामए, नाईवहइ अबले विसीयइ ।। [१४८] एवं कामेसणं विऊ, अज्ज सुए पयहेज्ज संथवं ।
कामी कामे न कामए, लद्धे वा वि अलद्ध कण्हुई ।। [१४९] मा पच्छ असाहुया भवे, अच्चेही अनुसास अप्पगं ।
अहियं च असाहु सोयई, से थणई परिदेवई बहूं ।। [१५०] इह जीवियमेव पासहा, तरुण एवाससयस्स तुट्टई ।
इत्तरवासे व बुज्झह गिद्ध नरा कामेसु मुच्छिया ।। [१५१] जे इह आरंभनिस्सिया, आयदंड एगंतलूसगा ।
गंता ते पावलोगय, चिररायं आसुरियं दिसं ।। [१५२] न य संखयमाहू जीवीयं, तह वि य बालजनो पगब्भई ।
पच्चुप्पन्नेण कारियं के दहूं परलोगमागए ? ।। [१५३] अदक्खुव दक्खुवाहियं सद्दहसू अदक्खुदंसणा ।
हंदि हु सुनिरुद्धदंसणे मोहणिज्जेण कडेण कम्मुणा ।। [१५४] दुक्खी मोहे पुणो पुणो, निव्विंदेज्ज सिलोगपूयणं ।
__ एवं सहिएऽहिपासए, आयतलं पाणेहिं संजए । [१५५] गारं पि य आवसे नरे, अनुपुव्वं पाणेहिं संजए ।
समया सव्वत्थ सुव्वए, देवाणं गच्छे सलोगयं ।। [१५६] सोच्चा भगवानुसासनं, सच्चे तत्थ करेज्जुवक्कम ।
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[11]
[२-सूयगडो]

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85