Book Title: Aagam Manjusha 15 Uvangsuttam Mool 04 Pannavanaa
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 12
________________ सेतं सर्वबुद्धखीण कसायवीयरायचरित्तारिया से किं तं बुद्धबोहियच्छउमत्थरवीण कसायवीयराय चरित्तारिया १, २ दुबिहा पं० तं० पढमसमयबुद्धवोहियः य अपेंद्रमसमय द्रोहिय य, अहवा चरिमसमयबुदबोहिय० य अचरिमसमयबुद्धबोहिय० य, सेत्तं बुद्धबोहिय०, सेतं छउमत्थलीणकसायवीयरायचरितारिया से किं तं केवलिखीण कसायवीयरायचरिनारिया १, २ दुविहा पं० तं० सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अजोगिकेवलि० य से किं तं सजोगिकेवलि० १, २ दुविहा पं० नं० पढमसमयसजोगिकेवन्टिः य अपटमसमयसजोगिकेबलि० य, अहवा चरिमसमयसजोगिकेवलि० य अचरिमसमयसजोगिकेवलि० य, सेत्तं सजोगिकेवलि०, से किं तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीय राय चरिनारिया ?. २ दुविहा पं० [सं० पढमसमयअजोगि० य अपढमसमयअजोगि० य, अहवा चरिमसमयअजोगि० य अचरिमसमयअजोगि० य, सेत्तं अजोगिकेवलिखीण सेनं केली णकसाय०, सेत्तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया, सेत्तं वीयरायचरित्तारिया, अह्वा चरितारिया पंचविहा पं० तं० सामाइयचरितारिया छेदोवडावणीयचरितारिया परिहारविमुदि चरितारिया सुडुमसंपरायचरितारिया अक्खायचरितारिया य से किं तं सामाइयचरितारिया १, २ दुविहा पं० ० इत्तरियसामाइयचरितारिया य आवकहियसामाइयचरिनारिया य, सेतं सामाइयचरित्तारिया से किं तं छेदोवद्वावणीयचरितारिया १, २ दुविहा पं० तं० साइयारच्छेदोवद्वावणीयचरितारिया य निरइयारच्छेदोवट्टावणीयचरितारिया य सेन छेड़ाबट्टावणीयचरितारिया से किं तं परिहारविमुद्धियचरित्तारिया १, २ दुविहा पं० तं०- निविस्समाणपरिहार० य निविट्टकाइयपरिहारः य, सेत्तं परिहारविमुद्वियचरिनारिया, से किं नं सुहुमसंपरायचरित्तारिया ?, २ दुविहा पं० तं० संकिलिस्समाणसुहुम य विमुज्झमाणसुडुम० य, सेत्तं सुहुमसंपरायचरित्तारिया से किं नं अहम्खायचरितारिया ? २ दुविहा पं ० छउमत्थ अहक्खायचरित्तारिया य केवलिअहक्खायचरितारिया य, सेत्तं अहक्खायचरित्तारिया, सेत्तं चरितारिया, सेत्तं अणिढिपत्तारिया, सेतं कम्मभूमगा, सेनं गभवतिया. सेत्तं मणुस्सा । ३७। से किं तं देवा १, २ चउडिहा पं० तं० भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया, से किं तं भवणवासी १, २ दसविहा पं० तं असुरकुमारा नागः सुवन्नः विजुः अग्गि० दीव० उदहि० दिसा० वा० थणियकुमारा, ते समासओ दुविहा पं० तं०-पजत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं भवणवासी से किं तं वाणमंतरा] १. २ अडविहा पं० तं किन्नरा किंपुरिसा महोरगा गंधवा जक्खा रक्खसा भूया पिसाचा, ते समासओ दुविहा पं० तं० फजत्तगा य अपजत्तया य, सेन्तं वाणमन्तरा से किं तं जोइसिया ? २ पंचविहा पं० तं चंदा सूरा गहा नक्खत्ता तारा, ते समासओ दुविहा पं० तं० पजत्तगा य अपजत्तगा य, सेतं जोइसिया से किं तं वैमाणिया १, २ दुबिहा पं० तं० कप्पोवगा य कप्पाईया य से कि तं कप्पोवगा १, २ वारसविहा पं० तं० सोहम्मा ईसाणा सणकुमारा माहिंदा बंभलोया लंतया महामुक्का सहस्सारा आणया पाणआ आरणा अच्चुया, ते समासओ दुविहा पं० तं पजत्तगा य अपज्जत्तगा य, सेत्तं कप्पोवगा, से किं तं कप्पाईया १, २ दुबिहा पं० तं०-गेविजगा य अणुत्तरोबवाइया य से किं तं गेविजगा १. २ नवविहा पं० तं हिडिमहिडिमगेविजगा हिडिममज्झिमगेविजगा हिट्टिमउवरिमगेविजगा मज्झिमहेट्ठिमगे० मज्झिममज्झिमगे० मज्झिमउवरिमगे उबरिमहेडिमगे: उवरिममज्झिमगे० उपरिमउवरिमगेः ते समासओ दुविहा पं० तं० पलत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं गेविजगा, से किं तं अणुत्तरोववाइया १, २ पंचविहा पं० तं० विजया वेजयन्ता जयन्ता अपराजिता सव्वट्टसिद्धा ने स मासओ दुविहा पं० तं० पज्जत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं अणुत्तरोववाइया, सेत्तं कप्पाईया, सेत्तं वैमाणिआ, सेत्तं देवा. सेत्तं पंचिदिया, सेत्तं संसारसमावन्नजीवपन्नत्रणा. सेतं जीवपन्नवणा, सेतं पन्नत्रणा। ३८ ॥ पण्णवणाए भगवईए पण्णत्रणापर्यं १ ॥ कहिं णं भंते! बादरपुढवीकाइयाणं पज्ञत्तगाणं ठाणा पं० १. गोः ! सट्टाणेणं अट्टसु पुढचीसु तं रयणप्पभाए सक्कर० वालुय० पंक० धूम० तमः तमतमः ईसीप भाराए, अहोलोए पायालेस भवणेसु भवणपत्थडेस निरएस निरयावलियासु निश्यपत्थडेसु. उढलोए कप्पेस विमाणेसु विमाणावलियासु विमाणपत्थडेसु, तिरियलोए टंकेसु कूडेसु सेलेसु सिहरीसु परभारेषु विजएस वक्खारेसु वासेसु वासहरपत्रएस वेलास वेइयासु दारेस तोरणेस दीयेसु समुद्देसु. एन्थ णं बायरपुढवीकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पं०, उनवाएणं लोयस्स असंरकेजइभागे समुग्धाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे सहाणेणं लोगस्स असंखेजदभागे. कहिं णं भंते बादरपुढवीकाइयाणं अपनत्तगाणं ठाणा पं० १, गो० ! जत्थेव बादरपुढवीकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं० तत्येव बादरपुढवीकाइयाणं अपजनगाणं ठाणा १० उपवाएणं सङ्घटोए समुपाएणं सोए सहाणेण लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते! सुदुमपुढवीकाइयाणं पज्जतगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पं० १. गो० ! सुमपुढची काइया जे पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सवे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सबलोयपरियावन्नगा पं० समणाउसो !, कहिं णं भंते! बादरआउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं० ? गो० ! सट्टाणेणं सत्तसु घणोदहीसु सत्तसु घणोदहिवलयेसु अहोलोए पायालेसु भवणेसु भवणपत्थडेसु उड्ढलोए कप्पेसु विमाणेसु विमाणावलियास विमाणपत्यडे निरियलोए अगडे तयाएस नदीसु दहेसु वावीसु पुक्खरिणीसु ६८३ प्रज्ञापना, पद-2 मुनि दीपरत्नसागर Afektse

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