Book Title: Aagam Manjusha 15 Uvangsuttam Mool 04 Pannavanaa
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 34
________________ * ** **** **** दो सागरोवमाई उक्को सत्त सागरोचमाई अपज्ज. जहन्नेणवि उक्को० अंतो० पज्ज० जहन्नेणं दो सागरोवमाई अंतो० उक्को० सत्त सागरोवमाई अंतो०,माहिदे जहरू साइरे. गाई दो सागरोवमाई उक्को साइरेगाई सत्त सागरोवमाई अपज्ज. जह० उक्को अंतो० पज० जहन्नेणं दो सागरोवमाई साइरेगाई अंतो० उक्को सत्त सागरोवमाई साइरेगाई अंतो०, बंभलोए जह सत्त सागरोवमाई उक्को दस सागरोवमाई अपज्जा जह• उक्को० अंतो० पज्जजह सत्त सागरोवमाई अंतो उफ्को दस सागरोवमाई अंतो०, लंतए जह० दस सागरोवमाई उक्को चउद्दस सागरोवमाई अपज्ज० जह• उक्को० अंतो० पज्ज० जह० दस सागरोवमाई अंतो० उक्को चउद्दस सागरोवमाई अंतो०,महामुक्के जह चाउदस सागरोवमाई उक्को० सत्तरस सागरोवमाई, अपज्जत्तयाणं पुच्छा?,गो०! जहरू उक्को० अंतो० पज्ज० जह० चउद्दस सागरोवमाई अंतो उक्को सत्तरस सागरोवमाई अंतो०, सहस्सारे जह सत्तरस सागरोवमाई उक्को० अट्ठारस सागरोवमाई अप० जहरू उक्को अंतो० पज्जा जह० सत्तरस सागरोवमाई अंतो० उक्को अट्ठारस सागरोवमाई अंतो०, आणए जह• अट्ठारस सागरोवमाई उक्को एगूणवीसं सागरोवमाई अपज. जह० उक्को अंतो० पज्जा जह० अट्ठारस सागरोवमाई अंतो उक्को एगृणवीसं सागरोवमाई अंतो०, पाणए जह० एगूणवीसं सागरोचमाई उक्को वीर्स सागरोवमाई अपज्ज. जह० उक्को अतो० पज्ज. जह० एगृणवीसं सागरोवमाई अंतो० उक्कोसेणं वीस सागरोवमाई अंतो०, आरणे जह० वीसं सागरोवमाई उको एक्कवीसं सागरोवमाई अपज्ज० जह० उक्को अंतो० पज० जह० वीसं सागरोचमाई अंतोमुत्तूणाई उक्को एगवीसं सागरोक्माई अंतो०, अचुए जह० एगवीसं सागरोवमाई उक्को० बावीसं सागरोवमाई अपन० जह० उक्को० अंतो० पज. जह० इकवीसं सागरोवमाइं अंतो० उक्को बाबीसं सागरोबमाई अंतो०, हेडिमहेट्ठिमगेविज जह• बावीसं सागरोबमाई उक्को तेवीसं सागरोवमाई अपज. जह० उकको अंतो०, पजत्तयाणं पुच्छा ?, गो! जह० बावीसं सागरोवमाई अंतो० उक्को० तेवीसं सागरोवमाई अंतो०,हेट्टिममज्झिमगेवेजगे जहतेवीसं सागरोवमाई उक्को० चउवीस सागविमाई अपज्जजह उक्को माई अंतो० उक्को० चउवीसं सागरोवमाई अंतो०, हेद्विमउवरिमगेविजगे जह० चउवीसं सागरोचमाई उक्को० पणवीसं सागरोवमाई अपज जह• उको अंतो० पज जहरू चउवीसं सागरोवमाई अंतो उक्को० पणवीसं साग० अंतो०मझिमहेट्ठिमगेविजगे जह० पणवीसं सागरोबमाई उक्को छवीसं सागरोवमाई अपज जह० उको० अंतो० पजत्त जहरू पणवीसं सागरोवमाई अंतो० उकूको कवीसं सागरोचमाई अंतो०, मज्झिमाजिझमगेबिजगे जहरू छबीसं सागरोवमाई उक्को० सत्तावीसं सागरोचमाई अपज. जह० उक्को अंतो० पजत्त० जहछवीसं सागरोवमाई अंतो० उकूको सत्तावीसं सागरोवमाई अंतो०, मज्झिमउवरिमगेविजगे जह सत्तावीसं सागरोषमाइं उनको अट्ठावीसं सागरोवमाई अपज्जा जह० उक्को० अंतो पज्जत्त० जह सत्तावीसं सागरोबमाई अंतो उक्को० अट्ठावीसं सागरोवमाई अंतो०, उवरिमहेडिमगेविज्जगे जह० अट्ठावीसं सागरोवमाई उक्को एगूणतीसं सागरोवमाई अपज्ज० जह० उकको० अंतो० पज्ज. जह• अट्ठावीसं सागरोवमाई अंतो० उक्को० एगूणतीसं सागरोवमाई अंतो०, उवरिममज्झिमगेविनगे जह० एगुणतीसं सागरोवमाई उक्को तीस सागरोचमाई अपज जह० उको अंतो. पज्जत्त० जह० एगणतीसं सागरोवमाई अंतो० उको तीसं सागरोवमाई अंतो०, उपरिमउबरिमगेवेजगे जहरू तीसं सागरोक्माई उक्को एक्कतीसं सागरोवमाई अपज जह० उक्को० अंतो० पज. जह तीसं सागरोवमाई अंतो० उकूको एकतीसं सागरोवमाई अंतो०, विजयवेजयंतजयंतअपराजितेसु जह० एक्कतीसं सागरोवमाई उक्को० तेत्तीस सागरोवमाई अप० जह० उक्को० अंतो० पज० जह० एकतीस सागरोवमाई अंतो० उक्को तेत्तीसं सागरोवमाई अंतो०, सबट्टसिद्धगदेवाणं मंते! केवइयं कालं ठिई पं०?, गो! अजहन्नमणुक्कोर्स तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पं० अपज० जह० उक्को० अंतो० पज्जत्त० अजहन्नमणुक्कोसं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई ठिई पं०।१०२। पन्नवणाए ठिइपदं ४॥ कइविहा णं भंते! पज्जवा पं०१, गो०! दुविहा पज्जवा पं० त०-जीवपज्जवा य अजीवपज्जवा य, जीवपज्जवा णं मंते ! किं संखेज्जा असंखेजा अणंता ?, गो० नो संखेज्जा नो असं० अर्णता०,से केगट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ-जीवपज्जवा नो संखेज्जा नो असं० अणंता ?, गो! असं० नेरइया असं० अमुरकुमारा असं० नाग० असं० सुवण्ण. असं० विज्जु० असं० अगणि. असं० दीव० असं० उदाहि० असं दिसि० असं० वाउ. असं० थणियकुमारा असंखेजा सं० बाउ० अर्णता वणफ० असं० बेईदिया असं० तेईविया असं० चउ० असं० पंचिदियतिरिक्खजोणिया असं० मणस्सा असं वाणमंतरा असं० जोइसिया अर्स० वेमाणिया अर्णता सिद्धा, से एएटेणं गो०! एवं वुचइ-ते णं नो संखिज्जा नो असंखिजा अर्णता । १०३। नेरइयाणं भंते ! केवइया पजवा पं०१, गो०! अणंता पज्जवा पं०, से केणटेणं मंते ! एवं वुच्चइ-नेरइयाणं अणंता पजवा पं०१, गो०! नेरइए नेरइयस्स दबट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुले ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुाडे ७०५ प्रज्ञापना, पम मुनि दीपरत्नसागर * * * *

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