Book Title: Aagam Manjusha 15 Uvangsuttam Mool 04 Pannavanaa
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ _ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरूभ्यो नमः On Line - आगममंजूषा [१५] पन्नवणा * संकलन एवं प्रस्तुतकर्ता * मुनि दीपरत्नसागर M.Com. M.Ed. Ph.D.] Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ || किंचित् प्रास्ताविकम् || ये आगम-मंजूषा का संपादन आजसे ७० वर्ष पूर्व अर्थात् वीर संवत २४६८, विक्रम संवत-१९९८, ई.स.1942 के दौरान हुआ था, जिनका संपादन पूज्य आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसरिजी म.सा.ने किया था| आज तक उन्ही के प्रस्थापित-मार्ग की रोशनी में सब अपनी-अपनी दिशाएँ ढूंढते आगे बढ़ रहे हैं। हम ७० साल के बाद आज ई.स.-2012,विक्रम संवत-२०६८,वीर संवत-२५३८ में वो ही आगम-मंजूषा को कुछ उपयोगी परिवर्तनों के साथ इंटरनेट के माध्यम से सर्वथा सर्वप्रथम “ OnLine-आगममंजूषा ” नाम से प्रस्तुत कर रहे हैं। * मूल आगम-मंजूषा के संपादन की किंचित् भिन्नता का स्वीकार * [१]आवश्यक सूत्र-(आगम-४०) में केवल मूल सूत्र नहीं है, मूल सूत्रों के साथ नियुक्ति भी सामिल की गई है। [२]जीतकल्प सूत्र-(आगम-३८) में भी केवल मूल सूत्र नहीं है, मूलसूत्रों के साथ भाष्य भी सामिल किया है। [३]जीतकल्प सूत्र-(आगम-३८) का वैकल्पिक सूत्र जो “पंचकल्प” है, उनके भाष्य को यहाँ सामिल किया गया tic [४] “ओघनियुक्ति”-(आगम-४१) के वैकल्पिक आगम “पिंडनियुक्ति” को यहाँ समाविष्ट तो किया है, लेकिन उनका मुद्रण-स्थान बदल गया है। [५] “कल्प(बारसा)सूत्र” को भी मूल आगममंजूषा में सामिल किया गया है। -मुनि दीपरत्नसागर मुनि दीपरतसागर : Address: Mnui Deepratnasagar, MangalDeep society, Opp.DholeshwarMandir, POST:- THANGADH Dist.surendranagar. Mobile:-9825967397 jainmunideepratnasagar@gmail.com Online-आगममंजूषा Date:-12/11/2012 Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्रीप्रज्ञापनोपांगम्नाम वगयजरमरणभये सिद्ध अभिवन्दिऊण तिविहेणं। वन्दामि जिणवरिन्दं तेलोकगुरुं महावीरं ॥१॥ सुयरयणनिहाणं जिणवरेण भवियजणणिवरकरण। उवदंसिया भगवया पनवणा सबभावाणं ॥२॥ वायगवरवंसाओ तेवीसइमेण धीरपुरिसेण । दुदरधरेण मुणिणा पुवसुयसमिबुद्धीणा ॥३॥ मुयसागरा विणेऊण जेण सुयरयणमुत्तमं दिन । सीसगणस्स भगवओ तस्स नमो अजसामस्स ॥४॥ अज्झयणमिणं चित्तं सुयरयणं दिडिवायणीसन्द । जह वन्नियं भगवया अहमवि तह वनइ. स्सामि ॥५॥ पन्नवणा ठाणाई बहुवत्तव्वं ठिई विसेसा या वक्कन्ती ऊसासो सन्ना जोणी य चरिमाई १०॥६॥ भासा सरीर परिणाम कसाए इन्दिय प्पओगो य। लेसा कायठिई या सम्मत्ते अन्तकिरिया २० य॥७॥ ओगाहणसंठाणा किरिया कम्मे इयावरे। बन्धए वेदवेदस्स, बन्धए वेयवेयए ॥८॥ आहारे उवओगे पासणया ३० सनि सञ्जमे चेच। ओही पवि| यारण वेदणा य तत्तो समुग्घाए ३६ ॥९॥से किं तं पनवणा ?, पनवणा दुविहा पण्णत्ता तंजहा-जीवपन्नवणा य अजीवपनवणा य।१। से किं तं अजीवपन्नवणा ?. अजीवपन्नवणा दुविहा पं० त०-रूविअजीवपन्नवणा य अरूविअजीवपन्नवणा य, से किं तं अरूविअजीवपन्नवणा १.२ दसविहा पं० त०-धम्मत्यिकाए धम्मस्थिकायस्स देसे धम्मस्थिकायम्स पदेसा अधम्मत्यिकाए अधम्मस्थिकायस्स देसे अधम्मत्थिकायस्स पदेसा आगासस्थिकाए आगासत्थिकायस्स देसे आगासत्यिकायस्स पदेसा अद्धासमए १०, सेनं अरूविअजीवपन्नवणा ३।से किं तं रूविअजीवपन्नवणा?,२ चउनिहा पं० त०-खन्धा खन्धदेसा खन्धपएसा परमाणुपोग्गला, ते समासओ पञ्चविहा पं० त०-वण्णपरिणया गन्धः रस फास० सण्ठाणपरिणया, जे वण्णपरिणया ते पञ्चविहा पं० २०-कालवण्णपरिणया णील० लोहि हालिह० सुकिल्लवण्णपरिणया, जे गन्धपरिणता ते दुविहा पं० त०-सुब्भिगन्धपरिणता य दुभिगन्धपरिणता य, जे रसपरिणता ते पञ्चविहा पं० त०-तित्तरसपरिणता कडुय० कसाय० अम्बिल. महुररसपरिणया, जे फासपरिणया ने अट्ठविहा पं० नं०- कक्खडफास मउय० गुरुय० लड्डय०सीय उसिण-णिद्धलक्खफासपरिणया, जे सण्ठाणपरिणया ते पञ्चविहा पं० २०-परिमण्डलसण्ठाण व तंस. चउरंस आयतसण्ठाणपरिणया, जे वण्णओ कालवण्णपरिणता ते गन्धओ मुग्भिग दुग्भिग रसओ तित्तरस० कडुय० कसाय अम्बिल महुररस० फासओ कक्खडफास मउय गुरुयलय सीय उसिण णिद्ध. लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण० वट्ट तंस० चउरंस आयतसण्ठाणपरिणयावि २०,जे वष्णओ नीलवण्णपरिणता ते गन्धओ सुम्भिगन्ध दुम्भिक रसओ नित्त कडुय कसाय अम्बिल०महुर० फासओ कक्खडफास० मउय गुरुय लहुय० सीत. उसिण निद्ध० लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण वट्ट तंस, चउरंस आयन०२०, जे वण्ण ओ लोहियवण्णपरिणया ते गन्धओ सुम्भिगन्ध० दुम्भिक रसओ तित्त० कडुप कसाय अम्बिल महुर० फासओ कक्खडफास मउय गुरुयः लहयः सीत० उसिण निद्र लक्ख० सष्ठाणओ परिमण्डलसष्ठाण बढ० तसचउरंस० आयत०२०, जे वण्णओ हालिहवण्णपरिणया ते गन्धओ सम्भिगन्धरम्भिर्ग रसओ तित्तरस कडय० कसाय अम्बिल० महुर० फासओ कक्खडफास मउय० गुरुय लहुय०सीय उसिण० णिद्ध० लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण ० बट्टतंस चउरंस आयतसं०२०.जे वण्णओ मु. ६७४मज्ञापना,- पद-१ मुनि दीपरनसागर Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किलवपणपरिणता ते गन्धओ सुभिगन्ध० दुम्भिगं रसओ तित्तरस० कडुय कसाय० अम्बिल• महुर० फासओ कक्खडफा० मउय गुरुय लहुय०सीय उसिण-णिद्धलुक्ख. सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण बट्ट० तंस. चउरंस आयय०२०,१००जे गन्धओ सुम्भिगन्धपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि णील. लोहिय हालिहसुकिल रसओ तित्तरस० कडुय० कसाय० अम्बिल महुररस० फासओ कक्खडफास मउय गरुय लहुय० सीत. उसिण णिद्ध लुक्स. सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण व तंस चाउरं० आयय०२३, जे गन्धओ दुब्भिगन्धपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि णील० लोहिय० हालिए सुकिल रसओ तित्तरस० कडुय० कसाय अम्बिल महुर फासओ कक्खटफास० मउय गुरुय लहुय० सीय उसिण णि लुक्खफासपरिणयावि सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाणपरिणयावि वट्ट तैसा चाउरंस आयय०४६. जे रसओ नित्तरसपरिणया ते वष्णओ कालवण्णपरिणतावि णील० लोहिय हालिद सुकिल गन्धओ सुम्भिगन्ध दुन्भिर्ग० फासओ कक्खडफास मउय गुरुयलय सीत. उसिण निद्ध लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण बढ० स० चाउरंस आयय०२०,जे रसओ कडुयरसपरिणता ने वण्णओ कालवण्णपरिणयावि नीललोहिय हालिह सुकिल गन्धओ सुभिगन्ध दुग्भिगन्ध फासओ कक्खडफास. मउय गुरुय लहुय० सीत. उसिण. णि लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण व तंस. चउरंस आयन०२०,जे रसओ कसायरसपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि नीललोहिय हालिद सुक्किा गन्धओ सुभिगन्ध दुम्भिगन्ध० फासओ कक्खडफास मउय गुरुय लहुयः सीत. उसिण णिद्ध लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण बट्ट तंस. चउरंस. आययसण्ठाणपरिणयावि २०, जे रसओ अम्बिलरसपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि नील० लोहिय हालिद मुक्किा गन्धओ सुम्भिगन्ध दुग्भिग फासओ कक्खडफास मउय० गुरुय लहुय० सीत. उसिण निद्ध लुक्स. सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण० वट्ट तंस चउरंस आययसण्ठाणपरिणयावि२० जे रसओ महुररसपरिणया ते वण्णओ कालवणपरिणयावि नीललोहिय हालिद मुक्किाइ गन्धओ मुग्भिगन्ध दुविभ० फासओ कक्खडफास मउय गुरुय लहुय० सीत. उसिण निद्र०लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण व तंस० चउरंस आययसण्ठाणपरिणयावि २०.१००, जे फा. सतो कक्खडफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्ण नीललोहिय हालिद मुक्किल गन्धओ सुब्भिगन्ध० दुम्भिक रसओ वित्तरस० काय कसाय अम्बिल महुर० फासओ गुरुयफास लहुय० सीत. उसिण णिद्ध लुक्ख० सण्ठाणतो परिमण्डलसण्ठाण वट्ट संस० चउरंस आयतसण्ठाणपरिणयावि २३ जे फासओ मउयफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्ण नील० लोहिय हालिद मुकिङ गन्धओ सुम्भिगन्ध० दुम्भिक रसओ तित्तरस० कडुय० कसाय० अम्बिल० महुर० फासओ गुरुय लहुय० सीत. उसिण णिद. लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण यह तंस. चउरंस आययसण्ठाणपरिणयावि२३, जे फासओ गुरुयफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि नीललोहिय हालिद्द घओमुभिगन्ध भिकरसओ तित्तरस०कडय० कसाय० अम्बिल. महर० फासओ कक्खडफासमउय०सीय उसिण-णि लक्ख० सण्ठाणओ परिमण्ड. लसण्ठाण व तंस० चउरंस आययसण्ठाणपरिणयावि २३, जे फासओ लहुयफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि नीललोहिय हालिद मुक्किड़ गन्धओ सु. भिगन्ध० दुम्भिक रसओ तित्तरस कडुय कसाय अम्बिल महुर० फासओ कक्खडफासमयसीय उसिण णिद्ध लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण० वट्ट० तंस० चउरंस आययसण्ठाणपरिणयावि २३, जे फासओ सीयफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि नीललोहिय हालिहसुक्किल गन्धओ सुम्भिगन्ध दुम्भिरसओ तित्तरस० कडुय० कसाय० अम्बिल महुर० फासओ कक्खडफास. मउय गुरुय लहुय० निद्ध लुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसष्ठाण वह तंस० चउरंस आयतसष्ठाण परिणयावि २३, जे फासओ उसिणफासपरिणता ते यण्णओ कालवण्णपरिणयावि नीललोहिय हालिह सुक्किल गन्धओ सुभिगन्ध दुग्भिक रसओ तित्तरस० कडुय० कसाय० अम्बिल महुर० फासओ कक्खडफास मउय गुरुय लहुय० निद्धालुक्ख० सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण बट्ट तंस. चउरंस. आयतसण्ठाणपरिणतावि, जे फासओ निदफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि नीललोहिय हालिए सुक्किा गन्धओ सुम्भिगन्ध दुम्भिक रसओ तित्तरस कडुय० कसाय अम्बिल महुर० फासओ कक्खडफास मउय गुरुय लहुयसीन उसिण सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाण वट्ट तंस. चउरंस आययसण्ठाणपरिणयावि२३. जे फासओ लुक्खफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि नीललोहिय हालिद्र सुकिल्लव गन्धओ सुग्भिगन्ध दुम्भिक रसओ तित्तरस० कडुय० कसाय० अम्बिल महुर० फासओ कक्खडफास० मउय० गुरुयः लहुय सीत. उसिण सण्ठाणो परिमण्डलसण्ठाण वह तंस. चउरंस आययसण्ठाणप०२३, १८४, जे संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि ६७५पज्ञापना पब-१ मुनि दीपरनसागर Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नील० लोहिय० हालिद्द० सुकिल० गन्धओ सुम्भिगन्ध दुभि० रसओ तित्तरस जाव महुर० फासओ कक्खड० जाव लुक्खफासपरिणयावि २०, जे संठाणओ वट्टसंठाणपरिणता तेवण्णओ कालवण्ण जाव मुकिङ गन्धओ सुग्भिगन्ध दुम्भिक रसओ तित्तरस जाव महुर० फासओ कक्खड० जाव लुक्खफासपरिणयावि२०, जे संठाणओ तंससंठाणपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणयावि जाव सुकिङपरिणयावि गन्धओ सुब्भिगन्ध० दुब्भि० रसओ तित्तरस जाव महुरस्सपरिणयावि फासओ कक्खडफास० जाव लुक्खफासपरिणयावि२०, जे संठाणओ चउरंससंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि जाव सुक्किल गन्धओ सुभिगन्ध दुम्भि० रसओ तित्तरस जाव महुर० फासओ कक्सडफास जाव लुक्खफासपरिणयावि २०, जे संठाणओ आयतसंठाणपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणतावि जाव सुकिल० गन्धजो सुम्भिगन्ध दुम्भि० रसओ तित्तरस जाव महुररसपरिणयावि फासओ कक्खडफास जाव लुक्खफासपरिणतावि २०.१००।सेत्तं रूविजजीवपन्नवणा। सेत्तं अजीवपण्णवणा।४ासे किं तं जीवपन्नवणा?,२ दुविहा पं० त०-संसारसमावण्णजीवपन्नवणा य असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा य।५।से किं तं असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा?,२दुविहा पं० त०-अणन्तरसिद्धजसंसार० य परम्परसिद्धअसंसार० य।६।से किंतं अणन्तरसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा?,२ पण्णरसविहा पं० तं०-तित्यसिद्धा अतित्थसिद्धा तित्वगरसिद्धा अतित्वगरसिद्धा सर्यबुद्धसिद्धा पत्तेयबुद्धसिद्धा बुद्धबोहियसिद्धा इत्थीलिङ्गसिद्धा पुरिसलिङ्गसिद्धा नपुंसकलिङ्गसिद्धा सलिङ्गसिद्धा अन्नलिङ्गसिद्धा गिहिलिङ्गसिद्धा एगसिद्धा अणेगसिद्धा, सेतं अर्णतर०॥७॥ से किंतं परम्परसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा?, २ अपेगविहा पं० त०- अपढमसमयसिद्धा दुसमयसिद्धा तिसमयसिद्धा०चउसमयसिद्धान्जाव सकिजसमयसिद्धा असशिजसमयसिद्धा अणन्तसमयसिद्धा०, सेत्तं परम्परसिद्धाससारसमावण्णजीवपण्णवणा, सेतं असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा। दासे किं ते संसारसमावण्णजीवपण्णवणा?,२पञ्चविहा पं० त०- एगेंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा बेइन्दिय तेइन्दिय० चउरिन्दिय पश्चिन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा।९। से किन्तं एगेन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा१,२ पञ्चविहा पं० त०. पुढवीकाइया आउ० तेउ० वाउ० वणस्सइकाइया।१०। से किं तं पुढवीकाइया?, २ दुविहा पं० त०-सुहुमपुढवीकाइया य चादरपुढवीकाइया य।११। से किन्तं मुहुमपुढवीकाइया १,२ दुविहा पं० त०-पज्जत्तसुहुमपुढवीकाइया य अपजत्तमुहुमपुढवीकाइया य, सेत्तं मुहुमपुढवीकाइया ।१२।से किं तं बादरपुढवीकाइया ?, २ दुविहा पं० त०. सण्हचादरपुढवीकाइया य खरवादरपुढवीकाइया य ।१३। से किंत सण्हबायरपुढवीकाइया १,२ सत्तविहा पं० त०- किण्हमत्तिया नील० लोहिय हालिह० सुकिल्ल० पाण्डु० पणगमत्तिया, सेत्तं सह०।१४। से किं ते खरवायरपुढवीकाइया १,२ अणेगविहा पं० त०-'पुढवी य सकरा वालुया य उवले सिला य लोणूसे । अय तंब तउय सीसय रुप्प सुवने य बहरे य॥१०॥ हरियाले हिंगुलए मणोसिला सासगंजण पवाले। अब्भपडलऽभवालय बायरकाए मणिविहाणा ॥११॥ गोमेज्जए य रुयए अंके फलिहे य लोहियक्खे य। मरगय भसारगाढे भुयमोयग इन्दनीले य ॥१२॥ चंदण गेरुय हंसगब्भ पुलए सोगन्धिए य चोदते। चन्दप्पभवेरुलिए जलकंते सूरकते य ॥१३॥ जे यावन्ने तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पं० त० पजत्तगा य अपजत्तगा य, तत्य णं जे ते अपजलगा ते णं असंपत्ता, तत्य णं जे ते पजत्तगा एतेसि वनादेसेणं गन्धादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई सङ्गेज्जाई जोणिप्पमुहसतसहस्साई, पज्जत्तगणिस्साए अप. जत्तगा यकमात जत्य एगा तत्थ नियमा असजा, सत्त खरवायरपुढवाकाइया, सत्तं वायरपुढविकाइया, सेतं पुढवीकाइया ।१५। से कितं आउकाइया.२९विहा 4.10.सह. 18 मआउक्काइया य बादरआउकाइया य, से कि त मुहुमआउकाइया ?,२ दुविहा पं० त०-पजत्तसुहुमआउकाइया य अपजत्तसुहम० य, सेतं सुटुमाउकाइया, से किं ते चादरआउकाइया?, २ अणेगविहा पं० त०. उस्सा हिमए महिया करए हरतणुए सुद्धोदए सीतोदए उसिणोदए खारोदए खहोदए अम्बिलोदए लवणोदए वारुणोदए खीरोदए घओदए खोतो. दए रसोदए जे यावने तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पं० त० पजत्तगा य अपजत्तगाय, तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता, तत्थ णं जे ते पजत्नगा एतेसि वण्णादेसेणं गन्धादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई संखेजाई जोणिप्पमुहसयसहसाई पजत्तमनिस्साए अपजत्तगा वकर्मति जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखिज्जा। सेतै बादरआउक्काइया। से तं आउकाइया ।१६। से कित तेऊकाइया १,२ दुविहा पं० त०-सुहुमतेऊकाइया य चादरतेऊकाइया य, से किन्तं सुहुमतेऊकाइया?,२ दुविहा पं० २०-पज्जत्तगा य अप| जत्तगा य, सेत्तं मुहुमतेऊकाइया। से किन बादरतेऊकाइया?.२ अणेगविहा पं० त०-इङ्गाले जाला मुम्मुरे अची जलाए मुद्धागणी उक्का विजू असणी णिग्याए संघरिससमुहिए सरकन्तमणिणिस्सिए जे यावने तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पं० त०-पजत्तगा य अपजत्तगा य, तत्य णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता, नत्य ण जे ने पजत्तगा एएसिणं बन्नादेसेणं गन्धादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई सकेजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साई पजत्तगणिस्साए अपजत्तगावकर्मति जत्थ एगो नत्थ नियमा असंखिज्जा। सेत्तं वादरतेऊकाइया। सेतं तेऊकाइया।१७। से किन्तं बाउकाइया ?,२ दुविहा पं० त०- मुहुमवाउकाइया य चादरखाउकाइया य, से किन्तं सुहमवाउकाइया?,२ दुविहा (१६९) ६७६ प्रज्ञापनाः पर मुनि दीपरनसागर Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RANGBRADAARAC | पं० त० पज्जत्तगसुहुमवाउकाइया य अपज्जत्तगसुहुमवाउकाइया य, सेत्तं सुहुमबाउकाइया, से किन्तं वादरखाउकाइया?.२ अणेगविहा पं० ते०-पाईणवाए पडीणवाए दाहिणवाए उदीणवाए उड्ढवाए अहोवाए तिरियवाए विदिसीवाए वाम्मामे बाउक्कलिया वायमंडलिया उकलियावाए मंडलियावाए गुंजावाए झंझावाए संववाए घणवाए तणुवाए सुद्धवाए जे यावण्णे तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पं० ते-पजत्तगा य अपजत्तगा य, तत्य जे ते अपज्जत्तगा ते असंपत्ता, तत्य ण जे ते पज्जत्तगा एतेसिं णं वण्णादेसेणं गन्धादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई संखेजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साई पजत्तगनिस्साए अपज्जत्तया वक्कमति जत्य एगो तत्थ नियमा असंखेज्जा, सेत्तं बादरखाउक्काइया, से तं बाउकाइया।१८। से किं तं वणस्सइकाइया १,२ दुविहा पं० ते०-सुकुमवणस्सइकाइया य बायरवणस्सइकाइया य ।१९। से किन्तं सुहुमवणस्सइकाइया १,२ दुबिहा पं० तं०- पजत्तगहुमवणस्सइकाइया य अपजत्तगसुहुमवणस्सइकाइया य, सेत्तं मुहुमवणस्सइकाइया ।२०।से किन्तं बादरवणस्सइ०१.२ दुविहा पं० त०- पत्तेयसरीखादरवणस्सइ. साहारणसरीरचादरवणसइ०।२१।से किन्तं पत्तेयसरीवादरवणस्सइकाइया ?,२ दुवालसविहा पं० त०- रुक्खा गुच्छा गुम्मा लता य वाडी य पवगा चेवा तण वलय हास्य ओसहि जलरह कुहणा य बोदवा ॥१४॥२२। से किन्तं रुक्खा १,२ दुविहा पं० त० एगट्ठिया य बहुबीयगा य, से कितै एगट्टिया १,२ अणेगविहा पं० त०-'णिंबंचजंबुकोसंवसालअंकुल पीलु सेल य। सङइ मोयइ मालुय बउल पलासे करंजे य॥१५॥ पुत्तंजीवयऽरिट्टे विहेलए हरिडए य भिल्लाए। उबेभरिया स्वीरिणि बोदवे धायइ पियाले ॥१६॥ पूइय निंब करजे सुण्हा तह सीसवा य असणे य। पुनाग नागरुक्खे सोवण्णि तहा असोगे य॥१७॥ जे यावण्णे तहप्पगारा, एएसिं णं मूलावि असंखेजजीविया कंदावि संधावि तयावि सालावि पवालावि, पत्ता पत्तेयजीविया, पुष्फा अणेगजीविया फला एगट्ठिया, सेत्तं एगट्ठिया, से किं तं बहुबीयगा?,२ अणेगविहा पं० सं०-'अस्थिय तेंदु कविढे अंबाडग माउलिंग बिल्ले य। आमलग फणिस दालिम आसोदे उंबर बडे य॥१८॥ जग्गोहणंदिरुक्खे पिप्परि सयरी पिलक्खुरुस्खे या काउंचरि कुत्युंभरि बोदवा देवर पिलक्सरुवखे या काउंपरि कथंभरिबोदवा देवदाली य॥१९॥ तिलए लउए उत्तोह सिरीस । सत्तवन दहिवन्ने। लोद्ध दव चंदणऽजुण णीमे कुडए कर्यवे या ॥२०॥जे यावने तहप्पगारा, एतेसिणं मूलावि असंखेजजीविया कंदावि खंधावि सालावि, पत्ता पत्तेयजीविया पुण्फा अणेगजीविया फला बहुवीयगा, सेत्तं चहुबीयगा, सेत्तं रुक्खा, से किं तं गुच्छा १,२ अणेगविहा पं० त०-वाइंगणि सल्लइ युण्डई य तह कत्युरी य जीभुमणा। रूबी आढइ गीली तुलसी तह माउलिंगी य ॥२१॥ कच्छंभरि पिप्पलिया अतसी बिल्ली य काइमाईया। बुचू (म० चा) पडोलकंदे विउवा (प्र० चुण्ण) बत्थलंदरे ॥२२॥ पत्तउर सीयउरए हवंति तहा जयसए य बोदथे। णिम्गू मिअकं तवरि अत्थई चेव तलउ दाडा ॥२३॥ सण पाण कास मुद्दग अग्घाडग साम सिंदुवारे य। करमद अडूसग करीर एरावण महित्य ॥२४॥ जाउलग मील परिली गयमारिणि कुत्रकारिया भंडा। जीवइ केयह वह गंज पाडला दासि अंकोले ॥२५॥ जे यावचे तहप्पगारा, सेत्तं गुच्छा, से किं तं गुम्मा?,२ अणेगविहा पं० त०. 'सेणयए णोमालिय कोरंटय बंधुजीवग मणोजे। पिइयं पाणं कणयर कुजय तह सिंदुबारे य ॥२६॥ जाई मोगर तह जूहिया य तह मलिया य वासंती। वत्थुल कत्थुल सेवाल गंठी मगदंतिया चेव ॥२७॥ चंपग जीई पिइया कुंदो (कन्दो) तहा महाजाई। एवमणेगागारा हवंति गुम्मा मुणेयवा ॥२८॥ सेत्तं गुम्मा, से किं तं लयाओ१,२ अणेगविहाओ पं० ०. "पउमलया णागलया असोग चंपगलया य चूतलता। वणलया वासंतिलया अइमुत्तय कुंद सामलया ॥२९॥ जे यावत्रा तहप्पगारा, सेत्तं लयाओ, से किं तंबाडीओ',२ अणेगविहाओ पं० त०' पूसफली कालिंगी तुंची तउसी य एलवालकी। घोसाडइ पंडोला पंचंगुलि आय णीली या (प्र० नाली य) ॥३०॥ कंगूया कंदुइया ककोडा कारियालई सुभगा। कुयवाय वागली पाच वाली तह देवदाली य॥३१॥ अफेया अइमुत्तग णागलया कण्ह सूरवल्ली य। संघट्ट सुमणसावि य जासुवण कुविंदवाली य॥३२॥ मुहिय अंगावाडी किण्हछी. रालि जयंति गोवाली। पाणी मासावाडी गुंजीवाडी य विच्छाणी ॥३३॥ ससिवी दुगोत्तफुसिया गिरिकण्णइ मालुया य अंजणई। दहिफोलइ कागलि मोगली य तह अकबोंदी य ॥३४॥ जे यावना तहप्पगारा, सेत्तं वाडीओ, से कितं पत्रगा?,२ अणेगविहा पं० त० इक्खू य इक्सुवाडी वीरुणी तह एकडे य मासे या मुंठे सरे य वेत्ते तिमिरे सतपोस्म णले य ॥३५॥ से बच्छू कणए कंकासे य चाववंसे य। उदए कुडए विसए कंडा चेडे य कालाणे ॥३६॥ जे यावने तहप्पगारा, सेत्तं पागा, से किं तं तणा',२ अणेगविहा पं० त०-संडिय मंतिय होत्तिय दम्भ कुसे पत्रए य पोडाला। अजुण असाढए रोहियंसे मुयवे य खीर भुसे ॥३७॥ एरंटे कुरुविंदे करजर सुठे तहा विभंगृ य। महुरतण कुरय सिप्पिय बोदवे सुंकलितणे य ॥३८॥जे यावने तहप्पगारा, सेतं तणा, से कि तं वलया?,२ अणेगविहा पं० त०-'ताल तमाले तकलि तेयली साली य सारकत्ताले। सरले जावति केतह कदली तह धम्मरक्खे य ॥३९॥ मु(भु)यरुक्स हिंगुरुक्खे लवंगुरुकले य होइ बोडरे। पूयफली खजूरी बोदश णालिएरी य ॥४०॥ जे यावणे तहप्पगारा, सेतं वलया, से किं तं हरिया ?,२ ६७७ मज्ञापना पर मुनि दीपरत्नसागर Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणेगविहा पं० त०-'अजोरह वोडाणे हरितग तह तंदुलजगतणे य। वत्थल पोरग मजारयाइ बिल्ली य पालक्का ॥४१॥ दगपिप्पली य दधी सोत्तिय साए तहेव मंडुकी। मूलग सरिसव अंबिल साएय जियंतए चेव ॥४२॥ तुलसे कण्ह उराले फणिजए अज्जए य भूयणए। वारग दमणग म(ख)रुयग सतपुष्फीदीवरे य तहा ॥४३॥ जे यावने तहप्पगारा, सेत्तं ररिया से किं तं ओसडीओ?.२अणेगविहाओ पंत-साली वीही गोहमजवजवजवा कलमसरतिलमम्गमासणिफावकलत्यआलिसंदसतीणपलिमंधा अयसीकसंभकोडवर्कगराल. गमासकोईसा सणसरिसवमूणि(ल)गषीया जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं ओसहीओ, से किं ते जलरहा,२ अणेगविहा पं० त०-उदए अवए पणए सेवाले कलंबुया हढे कसेरुया कच्छभाणी उप्पले पउमे कुमुदेणलिणे सुभए सुगंधिए पोण्डरीए महापुंडरीयए सयपत्ते सहस्सपत्ते कल्हारे कोकणदे अरविंदे तामरसे भिसे पोक्खले पोक्खलस्थिभूए जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं जलरुहा, से कितं कुणा १,२ अणेगविहा पं० त०-आएकाए कुहणे कुणके दवहलिया सफाए सज्झाए छत्तोए वंसीण हिताकुरए जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं कुहणा, 'णाणाविहसंठाणा रुक्खाणं एगजीविया पत्ता। संधावि एगजीवा तालसरलणालिएरीर्ण ॥४४॥जह सगलसरिसवाणं सिलेसमिस्साण वट्टिया विट्टी। पत्तेयसरीराण तह होंति सरीरसंघाया ॥४५॥ जह वा तिलपप्पडिया बहुएहिं तिलेहिं संहता संती। पत्तेयसरीराणं तह हॉति सरीरसंघाया ॥४६॥ सेर्त पत्तेयसरीरबादरवणफइकाइया ।२३। से किंतं साहारणसरीरवादख णस्सइकाइया ?,२ अणेगविहा पं००-'अवए पणए सेवाले लोहिणी मिहुत्यु हुत्थिभागा(य)। अस्सकषि सीहकनी सिउंदि तत्तो मुसुंढी य॥४७॥ रुरु कुण्डरिया जीरू छीर विराली तहेव किट्टीया। हालिह सिंगबेरे य आतुलगा मूलए इय ॥४८॥ कंव्यं कचकर्ड सुमत्तओ बलइ तहेव महसिंगी। नीम्ह सप्पमयंधा छिन्चव्हा चेव बीयाहा ॥४९॥ पाढा मियवालंकी महुररसा चेवरायवल्ली य। पउमा माढरि दंतीति चंडी किट्ठी(ट्टी)त्ति यावरा ॥५०॥मासपण्णी मुग्गपण्णी जीवियरसहे य रेणुया चेवाकाजोली खीरकाओली तहा भंगी नहीं इय॥५१॥ किमिरासि मह मुच्छा, जंगलई पेलुगा इय। किव्हा पउले यहढे, हस्तणुया चेव लोयाणी ॥५२॥ कण्हे कंदे वजे सूरणकंदे तहेव खाइरे। एए अर्णतजीवा जे यावन्ने तहाविहा ॥५३॥ तणमूलकदमूल, सामूलात आवरे। सखिजमसीखजा,पाडवाऽणतजीवाय॥५४॥सिघाडगस्स गुच्छा अणगजीवो उहाइनाया। पत्ता पत्तयजीवादान्निय जीवा फले भणिया णतजीवे उसे मुले, जे यावणे तहाविहा ॥५६॥ जस्स कंदस्स भग्गस्स. समो मंगो पदीसह । अर्णतजीवे उसे कंदे.जे यावने तहाविहा ॥५७॥ जस्स खंघस्स भग्गस्स, समो भंगो पदीसइ। अर्णतजीवे उसे खंघे,जे यावन्ने तहाविहा ॥५८॥ जीसे तयाए भग्गाए, समो भंगो पदीसए। अणंतजीवा तया साउ, जे यावना तहाविहा ॥५९॥ जस्स सालस्स भम्गस्स, समो मंगो पदीसए। अर्णतजीवे य से साले, जे०॥६०॥ जस्स पवालस्स मग्गस्स, समो० अणंतजीवे पवाले से, जे०॥६१॥ जस्स पत्तस्स भग्गस्स, समो०। अर्णतजीवे उसे पत्ते, जे०॥६२॥ जस्स पुष्फस्स भगक्स, समो०। अर्णतजीवे उ से पुष्फे, जे०॥६३॥ जस्स फलस्स भास्स, समो० अर्णतजीवे फले से उ, जे०॥६४॥ जस्स बीयस्स भग्गस्स, समो०। जर्णतजीवे उसे बीए, जे०॥६५॥ जस्स मूलस्स भग्गस्स, हीरो मं०। परित्तजीवे उसे मूले, जे०॥६६॥जुस्स कंद०, हीरो मं०। परित्तजीचे उ से कंदे, जे० ॥६७॥ जस्स खंघ०, हीरो०। परित्तजीचे उ से खंघे, जे०॥६८॥ जीसे तयाए भग्गाए, हीरो। परित्तजीवा तया सा उ, जे. तहाविहा ॥६९॥ जस्स साल०,हीरोगपरित्तजीवे उसे साले, जे०॥७०॥ जस्स पचाल०,हीरोगपरित्तजीवे पवाले उ, जे०॥७१॥ जस्स पत्त०.हीरो परित्तजीवे उसे पत्ते, जे० ॥७२॥ जस्स पुष्फ०, हीरो०। परित्तजीवे उसे पुण्फे, जे०॥७३॥ जस्स फल०, हीरो परित्तजीवे फले से उ, जे०॥७४॥ जस्स बीय०, हीरो०ा परित्तजीये उ से बीए, जे०॥७५॥ जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छाती बहुलतरी भवे। अर्णतजीवा उसा छडी, जे०॥७६॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छल्ली। अर्णतजीचा उ सा छल्ली, जे०॥७७॥ जस्स खंधस्स कट्ठाओ, छली। अर्णतजीवा उ सा छल्ली, जे०॥७८॥ जीसे सालाए कट्ठाओ, छल्ली। अर्णतजीवा उ सा छड़ी, जे०॥७९॥ जस्स मूलस्स कट्ठाओ, छल्डी तणुययरी भवे। परित्तजीचा उ सा छाडी, जे०॥८॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ, छाडी तणुययरी भवे। परित्त०,जे०॥८१॥ जस्स संधस्स कट्ठाओ, छाडी०। परित्त०, जे०॥८२॥ जीसे सालाए कट्ठाओ, छाडी०। परित्त०, जे० ॥८३॥२४॥ चकार्ग भजमाणस्स, गंठी चुन्नघणो भवे। पुढवीसरिसभेएण, अर्णतजीवं वियाणाहि ॥८४॥ गूढसिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होइ निच्छीरें। जंपि य पणट्ठसन्धि अर्णतजी वियाणाहि ॥८५॥ पष्फा जलया बलया य चिंटवता य नालबद्धा या सैखिजमसंखिजा मणिया। निहुया अर्णतजीवा जे यावशे तहाविहा ॥८७॥ पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकदे तहेव झिल्ली य। एए अर्णतजीवा एगो जीवो बिसमुणाले ॥ ८८॥ पलंडू ल्हसुणकंदे य, कंदली य कुमुं(प० कंद)बए। एए परित्तजीवा. जे०॥८९॥ पउमुष्पलनलिणाणं, सुभगसोगंधियाण याअरविंदकुंकणाणं, सयवत्तसहस्सपत्ताणं॥९॥विट बाहिरपत्ता य कनिया चेव एम६७८ प्रज्ञापना, पद-१ मुनि दीपरत्नसागर Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ N दाजीवरस। अम्भितरगा पत्ता पत्तेयं केसरा मिंजा ॥९१॥ वेणुनल इक्खुवाडिय समासइक्खू य इकडेरडे। करकर सुंठि विहंगू तणाण तह पत्रमाणं च ॥१२॥ अचिंछ पर्च बलिमोडओ माय एगस्स होति जीवस्स । पत्तेयं पत्ताई पुष्फाई अणेगजीवाई ॥९३॥ पृसफलं कालिंग तुं तउसेल एलवालुंक। घोसालय पंडोलं तिंदर्य व तेंदूर्स ॥९४॥ चिंटस(ट)मं सकडाह एयाई हर्वति एगजीवस्स। पत्तेयं पत्ताई सकेसरं केसर मिंजा ॥९५॥ सप्काए सज्झाए उहलिया य कुहण कंदुके। एए अर्णतजीवा कंदुके होइ भयणा उ ॥९६॥२५॥ बीए जो. पणिभूए जीवो वकमा सो अन्नो वा। जोऽविय मूले जीवो सोऽविय पत्ते पढमयाए॥९७॥ सबोऽवि किसलओ खलु उम्गममाणो अर्णतओ भणिओ। सो चेव विवड्ढतो होइ परित्तो अर्णतो वा ॥९८॥ समयं वर्कताणं समयं तेर्सि सरीरनिवत्ती। समयं आणुगाहणं समयं ऊसासनीसासो ॥९९॥ इकस्स उजं गहर्ण बहूण साहारणाण तं चेव । जं पहुयाण गहर्ण समासओ तपि इकस्स ॥१०॥ साहारणमाहारो साहारणमाणपाणगहणं च। साहारणजीवाणं साहारणलक्खणं एवं ॥१॥ जह अयगोलोचतो जाओ तत्ततवणिजसंकासो। सो अगणिपरिणओ निगोयजीवे तहा जाण ॥२॥ एगस्स दोण्ह तिण्ह व संखिजाण व न पासिउं सका। दीसंति सरीराई निगोयजीवाणऽणताणं ॥३॥ लोगागासपएसे निगोयजीवं ठवेहि इकिका एवं मविजमाणा हवंति लोगा अर्णता उ॥४॥ लोगागासपएसे परित्तजीवं ठवेहि इकिक। एवं मविजमाणा हवंति लोगा असंखिजा ॥५॥ पत्तेया पजत्ता पयरस्स असंखभागमित्ता उ। लोगाऽसंखा पजत्तयाण साहारणमर्णता ॥६॥ एएहिं सरीरेहिं पञ्चक्खं ते परूविया जीवा । सुहुमा आणागिझा चक्सुएफार्स न ते इति ॥१०॥ जे यावने तह ते समासओ विहा पंत-पजत्तगा य अपजत्तगा य, तत्य जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता, तत्य णं जे ते पजत्तगा तेसिंण बन्नाएसेणं गंधाएसेणं रसाएसेणं फासाएसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई संखिजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साई, पज्जत्तगनीसाए अपजत्तगा वक्कमति जत्य एगो तत्थ सिय संखिजा सिय असंखिजा सिय अर्णता, एएसिं णं इमाओ गाहाओ अणुगंतवाओ, त०-कंदा य कंदमूला य, रुक्खमूला इयावरे। गुच्छा य गुम्म वल्ली य, वेणुयाणि तणाणि य॥८॥पउमुप्पल १० संघाडे हढे य सेवाल किण्हए पणए। अवए य कच्छभाऽऽणी कंदुफेगूणवीसइमे ॥९॥ तयछतिपवालेसु (य), पत्तपुष्फफलेसु य। मूलग्गमज्झबीएसु, जोणी कस्सवि कित्तिया ॥११०॥ सेतं साहारणसरीखायरवणस्सइ. काइया, सेतं पायरवणस्सकाइया, सेतं पणस्सहकाइया, सेल एगिदिया।२६। से किं तं वेइंदिया १.२ अणेगविहा पं०२०- पुलाकिमिया कृच्छिकिमिया गंडयलगा गोलोमा णेउरा सोमंगलगा वंसीमुहा महमुहा गोजलोया जलोया जालाउया संखा संखणगा घुल्ला खुल्ला गुलया खंघा वराडा सोत्तिया मुत्तिया कलुयावासा एगोवत्ता दुहओवत्ता नंदियावत्ता संयुका माइवाहा सिप्पिसंपुडा चंदणा समुहलिक्खा जे यावने तहप्पगारा, सधे ते संमुच्छिमा णपुंसगा, ते समासओ दुविहा पं० त०- पजत्तगा य अपजत्तगा य, एएसि णं एवमाझ्याण येई - दियाण पजत्तापजत्ताणं सत्त जाइकुलकोडिजोणीपमुहसयसहस्सा भवंतीति मक्खायं, सेत्तं बेइंदियसंसारसमावन्नगजीवपनवणा ।२७।से किंत तेईदियसंसारसमावनगजीवपन्नवणा १,२ अणेगविहा पं० त०-ओवहया रोहिणिया कुंथू पिपीलिया उसगा उद्देहिया उक्कलिया उप्पाया उप्पडा तणहारा कट्ठहारा मालुया पत्ताहारा तणटिया पत्तवेंटिया पुष्फबेटिया फलटिया बीयटिया तेत्रणमिजिया तओसिमिजिया कप्पासद्विमिंजिया हिल्लिया झिल्लिया सिंगिरा किंगिरिडा बाहुया लहुया सुभगा सोपस्थिया सुयटा ईदकाइया ईदगोक्या तुरुतुंवगा कुत्थलवाहगा जया हालाहला पिसुया सयवाइया गोम्ही हत्यिसोंडा जे यावन्ने तहप्पगारा, सचे ते संमुच्छिमा नपुंसगा, ते समासओ दुपिहा पं० त० पज्जत्तगा य अपजत्तगा य, एएसिक एवमाझ्याण तेईदियार्ण पजत्तापजत्ताणं अन जाइकलकोडिजोणिप्पमहसयसहस्सा भवतीतिमक्खाय. से तेईदियसंसारसमावनजीवपनवणा ।२८। से कित चरिदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा १.२ अणेगविहा पं० त० - अंधिय पोत्तिय मच्छिय मसगा कीडे तहा पयंगे या ईकुण कुकुड कुकह नंदावते य सिंगिरिडे ॥१११॥ किण्हपत्ता नीलपत्ता लोहियपत्ता हालिदपत्ता सुकिलपत्ता चित्तपक्खा विचित्तपक्खा ओहंजलिया जलचारिया गंभीरा णीणिया तंतवा अच्छिरोडा अच्छिवेहा सारंगा नेउरा दोला भमरा भरिली जरुला तोहा चिंठ्या पत्तविच्या छाणविच्छ्या जलविच्छया पियंगाला कणगा गोमयकीडा जे यावन्ने तहप्पगारा, सोते संमच्छिमा नपंसगा, ते समासओ इविहा पं०० पजत्तगा य अपजत्तगा य, एएसिणं एवमाइयाणं चरिंदियाणं पजत्तापजत्ताणं नव जाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्साई भवंतीतिमक्खायं, सेतं चरिदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा ।२९। से कितं पंचेंदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा?,२चउचिहा पं० त०-नेरइयपंचिंदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा तिरिक्खजोणियपंचिदिय मणुस्सपंचिदिय० देवपंचिंदि०।३०। से किं तं नेरहया ?.२ सत्तविहा पं० त०-रयणप्पभापुढवीनेरइया सकरप्पभा. वालुयप्पभा० पंकप्पभा० धूमप्पभा० तमप्पभा० तमतमप्पभा०, ते समासओ दुविहा पं० ते०-पजत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं नेरइया ।३१। से किं ते पंचिंदियतिरिक्खजोणिया?,२तिविहा पं० त०-जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया य थलयर० य सहयर० य ६७९पज्ञापना, पद-१ मुनि दीपरत्सागर Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ३२ । से किं तं जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? २ पंचविहा पं० तं० मच्छा कच्छभा गाहा मगरा सुंसुमारा से किं तं मच्छा!, मच्छा अणेगविहा पं० तं सहमच्छा खबलमच्छा जुंगमच्छा विज्झडियमच्छा हलिमच्छा मगरिमच्छा रोहियमच्छा हली सागरा गागरा वडा वडगरा गन्भया उसगारा तिमितिमिंगिला णक्का तंदुलमच्छा कणिकामच्छा सालिसत्थियामच्छा लंभणमच्छा पडागा पडागाइपडागा जे यावन्ने तहप्पगारा, सेतं मच्छा से किं तं कच्छमा २ दुबिहा पं० तं० अट्टिकच्छभा य मंसकच्छभा य, सेत्तं कच्छभा, से किं तं गाहा ?, २ पंचविहा पं० तं दिली वेढगा मुद्धया पुलया सीमागारा, सेत्तं गाहा, से किं तं मगरा १, २ दुविहा पं० तं० सोंडमगरा य ममगरा य, सेतं मगरा से कि तं सुमारा १, २ एगागारा पं०, सेत्तं सुंसुमारा, जे यावन्ने तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पं० तं० संमुच्छिमाय गच्भवतिया य, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सङ्के नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गम्भवतिया ते तिविहा पं० तं० इत्थी पुरिसा नपुंसगा, एएसि णं एवमाइयाणं जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं अद्धतेरसजाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीतिमक्वायं, सेत्तं जलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिया । ३३ । से किं तं थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया १.२ दुविहा पं० तं० चउप्पयधलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया य परिसप्पथलयर० य से किं तं चउप्पयथलयर० १, २ चडविहा ० ० एगखुरा बिखुरा गंडीपदा सणप्फदा, से किं तं एगखुरा १, २ अणेगविहा पं० तं० अस्सा अस्सतरा घोडगा गंदभा गोरक्खरा कंदलगा सिरिकंदलगा आवत्तगा जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं एगसुरा से किं तं विखुरा १, २ अणेगविहा पं० तं०. उद्या गोणा गवया रोज्झा पसुया महिसा मिया संघरा वराहा अया एलगरुरुसरभचमरकुरंगगोकन्नमादि जे यावन्ने तहप्पगारा, सेन्तं दुखुरा से किं तं गंडीपया १, २ अणेगविहा पं० तं०- हत्थी हत्यीपूयणया मंकुणहत्थी खग्गा गंडा जे याबन्ने०, सेतं गंडीपया से किं तं सणप्फया ? २ अणेगविहा पं० तं० सीहा बग्घा दीविया अच्छा परच्छा परस्सरा सियाला बिडाला सुणगा कोलसुणगा कोकंतिया ससगा चित्तगा चिलगा जे यावन्ने०, सेत्तं सणप्फया, ते समासओ दुविहा पं० तं० संमुच्छिमा य गन्भवक्कन्तिया य, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सधे नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गव्भवकंतिया ते तिविहा पं० तं० इत्थी पुरिसा णपुंसगा, एएसि णं एवमाइयाणं थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्ताणं दसजाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, सेत्तं चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया । ३४ । से किं तं परिसप्पयलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया १, २ दुविहा पं० तं० उरपरिसप्प० य भुयपरिसप्पय, से किं तं उरपरिसप्प० १, २ चउविहा पं० ० अही अयगरा आसालिया महोरगा, से किं तं अही १, २ दुबिहा पं० तं० दशीकरा य मउलिणो य से किं तं दशीकरा १, २ अणेगविहा पं० तं० आसीविसा दिडीविसा उग्गविसा भोगवीसा तयाविसा लालाविसा उत्सासविता नीसासविसा कण्हसप्पा सेदसप्पा काजदरा दज्झ (भ) पुप्फा कालाहा मेलिमिंदा सेसिंदा जे यावन्ने तह पगारा, सेन्तं दीकरा से किं तं मउलिणो १, २ अणेगविहा पं० तं०- दिवागा गोणसा कसाहीया वइडला चित्तलिणो मंडलिणो मालिणो अही अहिसलागा वासपडागा जे यावन्ने तहपगारा, सेत्तं मउलिणी, सेत्तं अही, से किं तं अयगरा १, २ एगागारा पं०, सेन्तं अयगरा से किं तं आसालिया ?, कहिं णं भंते! आसालिया संमुच्छंति ?, गो० ! अंतो मणुस्सखित्ते अड्ढाइजेसु दीवेसु निशाघाणं पन्नरससु कम्मभूमीसु वाघायं पडुच पंचसु महाविदेहेषु चक्कवट्टिखंधावारेसु वासुदेवखंधावारेसु बलदेवखंधावारेसु मंडलियखंधावारेसु महामंडलियखंधावारेसु गामनिवेसेस नगरनिवेसेसु निगमनित्रेसेसु खेडनिवेसेसु कब्बड निवेसेसु मडंबनिवेसेसु दोणमुनिवेसेसु पट्टणनिवेसेसु आगरनिवेसेसु आसमनित्रेसेस संवाहनिवेसेस रायहाणीनियेसेस एएसिं णं चैव विणासेसु एत्य णं आसालिया संमुच्छंति जह० अंगुलस्स असंखेजइभागमित्ताए ओगाहणाए उक्को० बारसजोयणाई तयणुरुवं च णं विक्वं भवाहणं भूमी दालित्ताणं समुडेड, असन्नी मिच्छादिट्ठी अण्णाणी अंतोमुहुत्तऽदाउया चेव कालं करेन्ति, सेतं आसालिया, से किं तं महोरगा १, २ अणेगविहा पं० तं अत्येगइ अंगुलंपि अंगुलपुहुत्तियावि वियत्थिपि वियस्थित्तियावि स्यणिपि स्यणिपुहुत्तियावि कुच्छिपि कुच्छिपुहुत्तियावि धणुंपि धणुपुहुत्तियावि गाउयपि गाउयपुहुत्तियाचि जोयपि जोयणपुहुत्तियावि जोन्यणसपि जोयणसयपुहुत्तियावि जोयणसहस्संपि, ते गं थले जाता जलेऽवि चरंति थलेऽवि चरन्ति ते णत्थि इहं, बाहिरएस दीवेसु समुदएस हवन्ति, जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं महोरगा, ते समासओ दुविहा पं० [सं० संमुच्छिमा य गन्भवकंतिया य, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सङ्के नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गम्भवकंतिया ते णं तिविहा पं० तं० इत्थी पुरिसगा नपुंसगा, एएसि णं एवमाइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं उरपरिसप्पार्ण दस जाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, सेतं उरपरिसप्पा से किं तं भयपरिसप्पा १, २ अणेगविहा पं० तं० नउला सेहा सरडा सल्ला सरंठा सारा खोरा घरोइला विस्संभरा मूसा मंगुसा पयलाइया छीरविरालिया जहा चउप्पइया जे यावन्ने तह पगारा, ते समासओ दुबिहा पं० तं संमुच्छिमाय गम्भ वकंतिया य, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सधे नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गब्भवकंतिया ते णं तिविहा पं० तं इत्थी पुरिसा नपुंसगा, एएसिं णं एवमाइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं भुयपरिसप्पा नव जाइकुलकोडिजोणिपमुहसयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, सेत्तं भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया, सेतं परिसप्पथलयरपंचिदियतिरिक्खजोणिया । ३५ । (१७०) ६८० प्रज्ञापना, यद-१ मुनि दीपरत्नसागर Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ से किं तं खयरपंचिदियतिरिक्खजोणिया १, २ चउशिहा पं० तं० चम्मपक्खी लोमपक्खी समुग्गपक्खी विययपक्खी से किं तं चम्मपक्खी १ २ अणेगविहा पं० [सं० वग्गुली जलोया अडला भारंडपक्खी जीवंजीवा समुदवायसा कण्णत्ति पक्खिविरालिया जे यावन्ने तहष्पगारा, सेत्तं चम्मपक्खी से किं तं लोमपक्खी १, २ अणेगविहा पं० तं० ढंका कंका कुरला वायसा चक्कागा हंसा कलहंसा रायहंसा पायहंसा आडा सेडी बगा बलागा पारिप्पवा कोंचा सारसा मेसरा मसृरा मयूरा सत्तहत्या गहरा पोंडरीया कागा कामिजुया जुलगा ति तिरा वट्टगा लावा कवोया कविजला पारेवया चिडगा चासा कुकुडा सुगा बरहिणो मयणसलागा कोइला सेहा बरिल्लगमाई, सेतं लोमपक्खी से किं तं समुग्गपक्खी १ २ एगागारा पं० ते णं नत्थि इहं बाहिरएस दीवसमुद्देसु भवन्ति, सेतं समुग्गपक्खी से किं तं विययपक्खी ? २ एगागारा पं०, ते णं नत्थि इह, बाहिरएस दीवसमुद्देसु भवन्ति, सेतं विययपक्सी, ते समासओ दुबिहा पं० तं० संमुच्छिमा य गन्भवकंतिया य, तत्थ णं जे ते समुच्छिमा ते सधे नपुंसगा, तत्थ णं जे ते गम्भवकंतिया ते णं तिविहा पं० [सं० इत्थी पुरिसा नपुंसगा, एएसि णं एवमाइयाणं खयरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्ताणं बारस जाइकुलकोडिजोणिपमुहस्यसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, 'सत्तट्ट जाइकुलकोडिलक्स नव अढतेरसाई च। दस दस य होन्ति नवगा तह बारस चेव बोद्धवा ॥ ११२ ॥ सेतं खयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया, सेत्तं पंचिंदियतिरिक्खजोगिया, सेत्तं तिरिक्खजोणिया । ३६। से किं तं मणुस्सा १, २ दुबिहा पं० तं संमुच्छिममणुस्सा य गम्भवकंतियमणुस्ता य से किं तं संमुच्छिममणुस्सा ?, कहिं णं भंते! संमुच्छिममणुस्सा संमुच्छति १ गो० ! अंतो मणुस्सखिने पणयालीसाए जोयणसयसहस्सेसु अढाइजेसु दीवसमुद्देसु पनरससु कम्मभूमीसु तीसाए अकम्मभूमीसु छप्पन्नाए अंतरदीवएसु गग्भवकंतियमणुस्साणं चैव उच्चारेसु वा पासव सुवा खेलेसु वा सिंघाणएस वा वंतेसु वा पित्तेसु वा पूएस वा सोणिएस वा सुकेसु वा सुकपुग्गलपरिसाडेसु वा विगयजीवकलेवरेसु वा श्रीपुरिससंजोएस वा नगरनिद्मणे या ससु चेव असुइट्टाणे, एस्थ र्ण संमुच्छिममणुस्सा संमुच्छंति, अंगुलस्स असंखेज्जइभागमेत्ताए ओगाहणाए असन्नी मिच्छादिट्टी अन्नाणी सचाहिं पज्जत्तीहिं अपजत्तगा अंनोमुहलाउया चेव कालं करेंति, सेतं समुच्छिममणुस्सा से किं तं गम्भवकंतियमणुस्सा १, २ तिविहा पं० तं० कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अन्तरदीवगा, से किं तं अन्तरदीवगा ?, २ अट्ठावीसविहा पं० तं० एगोरुया आहासिया वेसाणिया गंगोला हयकन्ना गयकन्ना गोकन्ना सकुलिकन्ना आर्यसमुहा मेंढमुहा अयोमुहा गोमुहा आसमुहा हत्थिमुहा सीहमुहा वग्पमुहा आसकन्ना हरिकन्ना अकन्ना कण्णपाउरणा उक्कामुहा मेहमुहा विज्जुमुहा विज्जुदंता घणदंता लट्ठदंता गूढदंता सुद्धदंता सेनं अन्तरदीवगा, से किं तं अकम्मभूमगा ? २ तीसविहा पं० तं० पंचहिं हेमवएहिं पंचहिं हिरण्णवाएहिं पंचहि हरिवासेहिं पंचहिं रम्मगवासेहिं पंचहि देवकुरूहिं पंचहि उत्तरकुरूहिं, सेतं अकम्मभूमगा से किं तं कम्मभूमगा १२ पन्नरसविहा पं० [सं० पंचहिं भरहेहिं पंचहिं एवएहिं पंचहिं महाविदेहेहि, ते समासओ दुबिहा पं० सं० आ (य) रिया य मिलक्ख् य से किं तं मिलक्खू १, २ अणेगविहा पं० तं० सगा जवणा चिलाया सबरबन्चरमुरंडोट्टभडगनिण्णगपकणिया कुलक्खगोंडसिंहलपारसगोधा काँच अंबडलदमिलचिल्लपुलिंदहाणरोस दो चचोकाणगन्धा हारवा बहलियअज्झलरोमपासपडसा मलया य बंधुया य सूयलिकोंकणगमेयपल्हवमालवमग्गरआभासिया कणवीरल्हसियखसा खासियणेदूरमॉढडोंबिलगलओसपओसककेय अक्खागहूणरोमगभरुमरुयचिलायवियवासी य एवमाई, सेतं मिलक्खू से किं तं आ (य) रिया १, २ दुबिहा पं० [सं० इढिपत्ता (य) रिया य अणिढिपत्ता (य) रिया य से किं तं इढिपत्ता (य) रिया १, २ छविहा पं० नं०. अरहंता चकचट्टी बलदेवा वासुदेवा चारणा विजाहरा, सेतं इढिपत्ता (य) रिया से किं तं अणिढिपत्ता (य) रिया १, २ नवविहा पं० नं०- खेत्ता (य) रिया जातिआ (य) रिया कुलारिया कम्मारिया सिप्पारिआ मासारिया नाणारिया दंसणारिया चारित्तारिया से किं तं खेत्तारिया १, २ अछडीसतिविहाणा पं० तं० रायगिह मगह चंपा अंगा तह तामलित्ति वंगा य कंचणपुरं कलिंगा वाणारसी चैव कासी य ॥ ३ ॥ साएय कोसला गयपुरं च कुरु सोरियं कुसट्टा य कंपि ं पंचाला अहिछत्ता जंगला १० चेव ॥ ४ ॥ बारवई सोरडा मिहिल विदेहा य वच्छ कोसंबी । नंदिपुरं संडिला महिलपुरमेव मलया य ॥ ५ ॥ वइराड वच्छ वरणा अच्छा तह मत्तियावइ दसण्णा सोत्तियवई य चेदी वीयभयं सिंधुसोवीरा २० ॥ ६ ॥ महरा य सूरसेणा पाचा भंगी य मास पुरिवा सावत्थी य कुणाला कोडीवरिसं च लाटा य ॥ ७ ॥ सेयवियाविय जयरी केकयअहं च २५॥ आरियं भणियं । इत्युप्पत्ती जिणाणं चक्कीणं रामकण्हाणं ॥ ८ ॥ सेत्तं खेत्तारिया से किं तं जाइआरिया १, २ छविहा पं० तं अंबडा य कलिंदा य, विदेहा वैदगाइया हरिया चुंचुणा चेव, छ एया इन्भजाइओ ॥ ११९ ॥ सेनं जाइआरिया से किं तं कुलारिया १, २ छबिहा पं० [सं० उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा णाया कोरबा, सेतं कुलारिया से किं तं कम्मारिया १, २ अणेगविहा पं० तं० दोसिया सुत्तिया कप्पासिया सुत्तवेयालिया भंडवेयालिया कोलालिया नरवाहणिया जे यावन्ने तहम्पगारा, सेत्तं कम्मारिया से किं तं सिप्पारिया १, २ अणेगविहा पं० सं०. तुष्णागा तंतुवाया पट्टागा दे (प्र० रा वे) या वरुडा ६८१ प्रज्ञापना - १ मुनि दीपरत्नसागर Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ tis a छप्रिया कहपाउयारा मुंजपाउयारा छत्तारा बज्झारा पुत्थारा लेप्पारा चित्तारा संखारा दंतारा भंडारा जिज्झगारा सेडरा कोडिगारा जे यावन्ने तहप्पगारा, सेतं सिप्पारिया, से कित मासारिया १,२ जेणं अदमागहाए भासाए भासेंति तत्यवि वर्ण जत्य बंभी लिवी पवत्तइ, बंमीए णं लिवीए अट्ठारसविहे लेक्सविहाणे पं० त० भी जवणालिया दोसापुरिया खरोही पुक्खरसारिया भोगवइया पहराइया अंतक्खरिया अक्खरपुट्ठिया वेणइया १० निण्हइयां अंकलिची गणियलिवी गंधवलिषी आयंसलिवी माहेसरी दोमिलिषी पोलिन्दी १८, सेत्तं भा. सारिया, से किं तं नाणारिया ?,२ पंचविहा पं००-आमिणिचोहियनाणारिया सुय० ओहि मणपजव० केवलनाणारिया, सेत्तं नाणारिया, से कितं दसणारिया १.२ दुविहा पं० तं० सरागदसणारिया य वीयरायदसणारिया य, से किं तं सरागदसणारिया ?,२ दसबिहा पं० सं०-निसग्गुवएसरुई आणरुई सुत्तचीयरुइमेच। अभिगमवित्थाररुई किरियासंखेवध. म्म ॥१२०॥ भूयत्येणाहिगया जीवाजीवे य पुण्णपावं च। सहसंमुइया आसवसंवरे य रोएइ उ निसग्गा ॥१॥ जो जिणदिढे भावे चउमिहे सदहाइ सयमेव। एमेव नन्नहत्ति य निसग्गलहत्ति नायचो ॥२॥ एए चेच उ भावे उवदिवे जो परेण सदहइ । छउमत्येण जिणेण व उवएसरुइत्ति नायबो॥३॥ जो हेउमयाणतो आणाए रोयए पवयणं तु। एमेव नन्न. हत्ति य एसो आणासई नाम ॥४॥ जो सुत्तमहिजन्तो सुएण ओगाहई उ सम्मत्तं । अंगेण बाहिरेण व सो सुत्तरुइत्तिणायचो ॥५॥ एगपएऽणेगाई पदाइं जो पसरई उ सम्मत्तं । उद. एवं तिपिंदू सो पीयरुइत्ति नायत्रो ॥६॥ सो होइ अभिगमरुई सुयनाणं जस्स अथओ दि8। इकारस अंगाई पइन्नगा दिविवाओ य ॥ ७॥ दशाण समभावा सापमाणेहिं जस्स उपलखा। सबाहिं नयविहीहिं वित्थाररुइत्ति नायवो ॥८॥ दंसणनाणचरिते तवविणए सच्चसमिइगुत्तीसु। जो किरियाभावरुई सो खलु किरियाई नाम ॥९॥ अणभिरगहियकुदिट्ठी संखेवरुइत्ति होइ नायत्रो। अविसारओ पश्यणे अणभिम्गहिओ य सेसेसु ॥१३०॥ जो अस्थिकायधम्मं सुयधम्मं खलु चरित्तधम्मं च । सदहह जिणाभिहियं सो धम्मलहत्ति नायचो ॥१॥ परमत्थसंथवो या सुविद्वपरमत्थसेवणा वादि। वावन्नकुदसणवजणा य सम्मत्तसहहणा ॥२॥ निस्संकिय निकंखिय निचितिगिच्छा अमूढदिही य। उपवूह चिरीकरणे वच्छल पभावणे अट्ठ॥१३३॥ सेत्तं सरागदसणारिया, से किं तंबीयरायदसणारिया ?,२दुविहा पं० तं०- उपसंतकसायवीयरायदसणारिया यखीणकसायवीयरायदसणारिया य, से किं तं उव. संत०१,२ दुविहा पं०२० पदमसमयउवसंत० य अपढमसमयउवसंत० य, अहवा चरिमसमय० य अचरिमसमय० य, से किं तं खीणकसायवीयरायदसणारिया १,२दुपिहा ५००छउमत्थखीण केवलिखीण. य, से कितं छउमत्थखीण०१,२ दुविहा पं० त०-सयंबुद्धच्छउमत्थखीण. य मुखबोहियच्छउमत्थरखीण य, से किं ते सयंदच्छउमत्थरखीण०१,२ रावहा ५००पढमसमयसयंबकय अपढमसमयय, अहवा चारमसमयय अचरिमसमय० य, सेत्तं सर्यबुद्धच्छउमत्थखीण..से कित बनलोहियच्छउमस्थलीण..२दविहा पं००-पढमसमयबुद्धमोहिय० य अपढमसमयचुबमोहिय० य, अहवा चरिमसमय० य अचरिमसमय, सेत्तं छउमत्थखीण, से कितं केवलिखीण०१.२दुविहा पं०१०-सजोगि. केवलिखीण य अजोगिकेवलिखीण य, से किं ते सजोगिकेवलि०१,२ दुविहा पं० त०- पढमसमयसजोगिकेवलि० य अपढमसमयसजोगिकेवलि० य, अहवा चरिमसमयसजोगिक य अचरिमसमयसजोगि०,य से सजोगिकेवलि०, से किंत अजोगिकेवलि०१,२दविहा पं० त०- पढमसमयअजोगिकेवलि० य अपढमसमयअजोगिकेवलि. य. अहवा चरिमसमः यअजोगि० य अचरिमसमयअजोगि० य, सेत्तं अजोगिकेवलिखी०, सेतं केवलिखीण०, सेतं खीणकसायवीयरायदंसणारिया, सेत्तं दसणारिया, से कितं चरित्तारिया १,२ दुविहा पं० तं०-सरागचरित्तारिया य बीयरागचरित्तारिया य, से किं तं सरागचरित्तारिया १,२ दुविहा पं० त०-सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया य पायरसंपराय० य, से किं तं मुहमसंपराय०१.२ दुविहा पं० त०- पढमसमयमुहुम० य अपढमसमयसुहुम० य, अहवा चरिमसमयसुहुम० य अचरिमसमय० य, अहवा सुहुमसंपराय० दुविहा पं० त०-संकिलिस्समाण० य विसुज्झमाण० य, सेत्तं सुहमसंपराय, से कितं चादरसंपरायसरागचरित्तारिया ?,२ दुविहा पं० त०-पढमसमयबादरसंपरोय० य अपढमसमयचादर०य, अहवा चरिमसमयचादर० य अच. रिमसमयवादर० य, अहवा पावरसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा पं० त०- पढिवाई य अपडिवाई य, सेत्तं बादरसंपरायसरागचरित्तारिया, सेतं सरागचरित्तारिया, से किं तं बीयरायचरित्तारिया १.२ दुविहा पं००-उपसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य खीणकसाय० य, से किंत उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया',२ दुविहा पं०२०-पढमसमयउवसंतकसाय य अपढमसमय० य, अहवा परिमसमय० य अचरिमसमय य, सेत्तं उपसंतकसायवीयरायचरित्तारिया, से किं तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया १,२ दुविहा पं० त०-छउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य केवलिखीण. य, से किं तं छउमत्यखीण०१,२ दुविहा पं० त० सयंचुदच्छउमत्थखीण य बुद्धचोहियच्छउमत्थरसीण य, से किं तं सर्यबुद्धच्छ. उमत्थ. १,२ दुविहा पं० सं०- पढमसमयसयंदच्छउमत्य० य अपढमसमयसयंबुद्धच्छउमत्थ० य, अहवा चरिमसमयसयंचुदच्छउमत्य० य अचरिमसमयसयंचुदच्छउमत्थ० य, ६८२ प्रज्ञापना, पद-१ मुनि दीपरत्नसागर SPr Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सेतं सर्वबुद्धखीण कसायवीयरायचरित्तारिया से किं तं बुद्धबोहियच्छउमत्थरवीण कसायवीयराय चरित्तारिया १, २ दुबिहा पं० तं० पढमसमयबुद्धवोहियः य अपेंद्रमसमय द्रोहिय य, अहवा चरिमसमयबुदबोहिय० य अचरिमसमयबुद्धबोहिय० य, सेत्तं बुद्धबोहिय०, सेतं छउमत्थलीणकसायवीयरायचरितारिया से किं तं केवलिखीण कसायवीयरायचरिनारिया १, २ दुविहा पं० तं० सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अजोगिकेवलि० य से किं तं सजोगिकेवलि० १, २ दुविहा पं० नं० पढमसमयसजोगिकेवन्टिः य अपटमसमयसजोगिकेबलि० य, अहवा चरिमसमयसजोगिकेवलि० य अचरिमसमयसजोगिकेवलि० य, सेत्तं सजोगिकेवलि०, से किं तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीय राय चरिनारिया ?. २ दुविहा पं० [सं० पढमसमयअजोगि० य अपढमसमयअजोगि० य, अहवा चरिमसमयअजोगि० य अचरिमसमयअजोगि० य, सेत्तं अजोगिकेवलिखीण सेनं केली णकसाय०, सेत्तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया, सेत्तं वीयरायचरित्तारिया, अह्वा चरितारिया पंचविहा पं० तं० सामाइयचरितारिया छेदोवडावणीयचरितारिया परिहारविमुदि चरितारिया सुडुमसंपरायचरितारिया अक्खायचरितारिया य से किं तं सामाइयचरितारिया १, २ दुविहा पं० ० इत्तरियसामाइयचरितारिया य आवकहियसामाइयचरिनारिया य, सेतं सामाइयचरित्तारिया से किं तं छेदोवद्वावणीयचरितारिया १, २ दुविहा पं० तं० साइयारच्छेदोवद्वावणीयचरितारिया य निरइयारच्छेदोवट्टावणीयचरितारिया य सेन छेड़ाबट्टावणीयचरितारिया से किं तं परिहारविमुद्धियचरित्तारिया १, २ दुविहा पं० तं०- निविस्समाणपरिहार० य निविट्टकाइयपरिहारः य, सेत्तं परिहारविमुद्वियचरिनारिया, से किं नं सुहुमसंपरायचरित्तारिया ?, २ दुविहा पं० तं० संकिलिस्समाणसुहुम य विमुज्झमाणसुडुम० य, सेत्तं सुहुमसंपरायचरित्तारिया से किं नं अहम्खायचरितारिया ? २ दुविहा पं ० छउमत्थ अहक्खायचरित्तारिया य केवलिअहक्खायचरितारिया य, सेत्तं अहक्खायचरित्तारिया, सेत्तं चरितारिया, सेत्तं अणिढिपत्तारिया, सेतं कम्मभूमगा, सेनं गभवतिया. सेत्तं मणुस्सा । ३७। से किं तं देवा १, २ चउडिहा पं० तं० भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया, से किं तं भवणवासी १, २ दसविहा पं० तं असुरकुमारा नागः सुवन्नः विजुः अग्गि० दीव० उदहि० दिसा० वा० थणियकुमारा, ते समासओ दुविहा पं० तं०-पजत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं भवणवासी से किं तं वाणमंतरा] १. २ अडविहा पं० तं किन्नरा किंपुरिसा महोरगा गंधवा जक्खा रक्खसा भूया पिसाचा, ते समासओ दुविहा पं० तं० फजत्तगा य अपजत्तया य, सेन्तं वाणमन्तरा से किं तं जोइसिया ? २ पंचविहा पं० तं चंदा सूरा गहा नक्खत्ता तारा, ते समासओ दुविहा पं० तं० पजत्तगा य अपजत्तगा य, सेतं जोइसिया से किं तं वैमाणिया १, २ दुबिहा पं० तं० कप्पोवगा य कप्पाईया य से कि तं कप्पोवगा १, २ वारसविहा पं० तं० सोहम्मा ईसाणा सणकुमारा माहिंदा बंभलोया लंतया महामुक्का सहस्सारा आणया पाणआ आरणा अच्चुया, ते समासओ दुविहा पं० तं पजत्तगा य अपज्जत्तगा य, सेत्तं कप्पोवगा, से किं तं कप्पाईया १, २ दुबिहा पं० तं०-गेविजगा य अणुत्तरोबवाइया य से किं तं गेविजगा १. २ नवविहा पं० तं हिडिमहिडिमगेविजगा हिडिममज्झिमगेविजगा हिट्टिमउवरिमगेविजगा मज्झिमहेट्ठिमगे० मज्झिममज्झिमगे० मज्झिमउवरिमगे उबरिमहेडिमगे: उवरिममज्झिमगे० उपरिमउवरिमगेः ते समासओ दुविहा पं० तं० पलत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं गेविजगा, से किं तं अणुत्तरोववाइया १, २ पंचविहा पं० तं० विजया वेजयन्ता जयन्ता अपराजिता सव्वट्टसिद्धा ने स मासओ दुविहा पं० तं० पज्जत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं अणुत्तरोववाइया, सेत्तं कप्पाईया, सेत्तं वैमाणिआ, सेत्तं देवा. सेत्तं पंचिदिया, सेत्तं संसारसमावन्नजीवपन्नत्रणा. सेतं जीवपन्नवणा, सेतं पन्नत्रणा। ३८ ॥ पण्णवणाए भगवईए पण्णत्रणापर्यं १ ॥ कहिं णं भंते! बादरपुढवीकाइयाणं पज्ञत्तगाणं ठाणा पं० १. गोः ! सट्टाणेणं अट्टसु पुढचीसु तं रयणप्पभाए सक्कर० वालुय० पंक० धूम० तमः तमतमः ईसीप भाराए, अहोलोए पायालेस भवणेसु भवणपत्थडेस निरएस निरयावलियासु निश्यपत्थडेसु. उढलोए कप्पेस विमाणेसु विमाणावलियासु विमाणपत्थडेसु, तिरियलोए टंकेसु कूडेसु सेलेसु सिहरीसु परभारेषु विजएस वक्खारेसु वासेसु वासहरपत्रएस वेलास वेइयासु दारेस तोरणेस दीयेसु समुद्देसु. एन्थ णं बायरपुढवीकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पं०, उनवाएणं लोयस्स असंरकेजइभागे समुग्धाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे सहाणेणं लोगस्स असंखेजदभागे. कहिं णं भंते बादरपुढवीकाइयाणं अपनत्तगाणं ठाणा पं० १, गो० ! जत्थेव बादरपुढवीकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं० तत्येव बादरपुढवीकाइयाणं अपजनगाणं ठाणा १० उपवाएणं सङ्घटोए समुपाएणं सोए सहाणेण लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते! सुदुमपुढवीकाइयाणं पज्जतगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पं० १. गो० ! सुमपुढची काइया जे पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सवे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सबलोयपरियावन्नगा पं० समणाउसो !, कहिं णं भंते! बादरआउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं० ? गो० ! सट्टाणेणं सत्तसु घणोदहीसु सत्तसु घणोदहिवलयेसु अहोलोए पायालेसु भवणेसु भवणपत्थडेसु उड्ढलोए कप्पेसु विमाणेसु विमाणावलियास विमाणपत्यडे निरियलोए अगडे तयाएस नदीसु दहेसु वावीसु पुक्खरिणीसु ६८३ प्रज्ञापना, पद-2 मुनि दीपरत्नसागर Afektse Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दीहियासु गुंजालियासु सरेसु सरपंतियासु सरसरपंतियासु बिलेसु बिलपतियासु उज्झरेसु निज्झरेसु चिल्ललएम पाउलएम वप्पिणेसु दीवेसु समुहेसु ससु चेव जलासएमु जलट्ठाणेसु, एत्य णं बादरआउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएर्ण लोयस्स असंखेजइमागे समुग्धाएर्ण लोयस्स असंखेजहभागे सहाणेणं लोयम्स असंखेजहभागे, कहिणं भंते ! बादरआउकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पं०?, गो०! जत्येव बादरआउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं० तत्येव बादरआउकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं सवलोए समुग्धायेणं सवलोए सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइमागे, कहिंण मंते ! सुहुमाउकाइयाण पज्जत्तगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पं०१,गो०! सुहुमआउकाइया जे पजत्तगाजे य अपज्जत्तगा ते सवे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सवलोयपरियावनगा पं० समणाउसो!, कहिणं मंते! वायरतेउकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पं०?, गो० सट्ठाणेणं अंतोमणुस्सखेते अड्ढाइजेसु दीवसमुद्देसु निशाघायेणं पन्नरससु कम्मभूमीसु वाघार्य पडुच पंचसु महाविदेहेसु एत्थ वादरतेउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे समुग्धाएणं लोगस्स असंखे. जहभागे सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते ! बायरतेउकाइयाण अफ्जत्तगाणं ठाणा , गो०! जत्येव वायरतेउकाइयाणं पजत्तगार्ण ठाणा पं० तत्थेव वायरतेउ० अपज ठाणा पं०, उववाएणं लोयस्स दोसु उड्ढकवाडेसु तिरियलोयतट्टे य समुग्याएणं सबलोए सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते ! सुहुमतेउकाइयाणं पजत्तगाण य अपजत्तगाण य ठाणा पं०१, गो०! सुहुमतेउकाइया जे पजत्तगा जे अपजत्तगा ते सधे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सबलोयपरियावन्नगा पं० समणाउसो ! ।३९। कहिं णं भंते ! बादरवाउकाइयाणं ठाणा पं०१, गो०! सट्ठाणेणं सत्तसु घणवाएमु सत्तसु घणवायवलएम सत्तसु तणुवाएसु सत्तम तणुवायवलयेसु अहोलोए पायालेसु भवणेसु भवणपत्थडेसु भवण - च्छिद्देसु भवणनिक्खुडेसु निरएमु निरयावलियासु निरयपत्थडेसु निरयच्छिद्देसु निरयनिक्खुडेसु उड्ढलोए कप्पेसु विमाणेसु विमाणावलियासु विमाणपत्थडेसु विमाणच्छिहेसु वि7 माणनिक्खुडेसु तिरियलोए पाईणपडीणदाहिणउदीण सबेसु चेव लोगागासच्छिद्देसु लोगनिक्सुडेसु य एत्य णं बादरवाउकाइआणं पज्जत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं लोयस्स असंखेजेसु भागे समग्घाएर्ण लोयस्स असंखेजेसु भागेसु सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजेस भागेस. कहिणं भंते! अपजत्तचादरखाउकाडयार्ण ठाणा 402.गो भागेसु, कहिणं भंते! अपज्जत्तचादरवाउकाइयार्ण ठाणा 40?, गो! जत्थेव बादरवाउकाइयाण पजत्तगाणं ठाणा तत्येव पादरवाउकाइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं सबलोए समुग्घाएणं सवलोए सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजेसु भागेसु, कहिं णं भंते ! मुहुमवाउकाइयाणं पजत्तगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पं०?, गो०! सुहुमवाउकाइया जे पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सवे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सवलोयपरियावनगा पं० समणाउसो!, कहिं ण भंते ! बादरवणस्सइकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पं०१, गो० सट्टाणेणं सत्तसु घणोदहीसु सत्तसु घणोदहिवलयेसु अहोलोए पायालेसु भवणेमु भवणपत्थडेसु उड्ढलोए कप्पेसु विमाणेसु विमाणावलियासु विमाणपत्थडेसु तिरियलोए अगडेसु तडागेसु नदीसु दहेसु वावीसु पुक्खरिणीसु दीहियासु गुंजालियासु सरेसु सरपंतियासु सरसरपंतियासु बिलेसु बिल पंतियासु उज्झरेसु निझरेसु चिडलेसु पाडलेसु वप्पिणेसु दीवेसु समुहेसु सब्वेसु चेव जलासएसुजलठाणेसु एत्य ण वादरवणस्सइकाइयाण पजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं सवलोए समुग्धाएणं सवलोए सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते ! बादरवणस्सइकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पं०१, गो०! जत्येव बादरवणस्सइकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा तत्थेव बादरवणस्सइकाइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं सबलोए समुग्धाएणं सबलोए सहाणेणं लोयस्स असंखेज्जइमागे, कहिणं भंते ! सुहुमवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पं०?, गो० सुहुमवणस्सइकाइया जे य पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सझे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सव्वलोयपरियावन्नगा पं० समणाउसो!1४०। कहिणं भंते ! बेइंदियाणं पज्जत्तापजत्लगाणं ठाणा पं०१, गो० उड्ढलोए तदेकदेसभागे अहोलोए तदेकदेसभागे तिरियलोए अगडेसु तलाएमु नदीसु दहेसुवावीमु पुक्खरिणीसु दीहियासु गुंजालि. यासु सरेसु सरपंतियासु सरसरपंतियासु पिलेसु बिलपंतियासु उज्झरेसु निझरेसु चिल्ललेसु पल्ललेसु बप्पिणेसु दीवेसु समुद्देसु सव्वेसु व जलासएसु जलठाणेसु एत्य णं बेइंदियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएणं लोगस्स असंखेजइभागे समुग्धाएणं लोगस्स असंखेजइमागे सहाणेणं लोगस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते ! तेइंदियाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं ठाणा पं०१, गो०! उड्ढलोए तदेकदेसभाए अहोलोए तदेकदेसभाए तिरियलोए अगडेसु तलाएमु नदीम दहेसु वाचीसु पुक्खरिणीसु दीहिया गुंजालियामु सरेमु सरपंतियासु सरसरपंतियासु चिलेसु बिलपंतियासु उज्झरेसु निज्झरेस चिडलेस पडलेस वप्पिणेस दीवेस समडेस सब्वेस चेव जर उबवाएणं लोयस्स असंखेजइभागे समुग्याएणं लोयस्स असंखेजइभागे सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते ! चाउरिदियाणं पजत्तापजनगाणं ठाणा पं०?, गो! उड्ढलोए तदेकदेसभागे अहोलोए तदेकदेसभागे तिरियलोए-अगडेसु० समुहेसु ससु चेव जलासयेसु जलठाणेसु एत्य णं चाउरिदियार्ण पजत्तापज्जत्तार्ण ठाणा पं०, उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे समुग्धाएणं लोयस्स असंखेजइभागे सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, कहिं णं भंते ! पंचिंदियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पं० १, गो० ! उड्ढलोयस्स (१७१) ६८४ पज्ञापना, -२ मुनि दीपरत्नसागर | Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व तदेकदेखभाए अहोलोयस्स तदेकदेसमाए तिरियलोए अगडेसु० समुहेसु ससु चेव जलासएसु जलठाणेसु एत्य गं पंचिंदियाण पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, उववाएणं लोयस्स असं खेजइमागे समुन्याएणं लोयस्स असंखेजइभागे सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइमागे ।४१। कहिं ग मंते ! नेरहयार्ण पजत्तापजत्ताणं ठाणा 4० कहिण भंते ! नेरहया परिवसन्ति ?. गो०! सट्ठाणेणं सत्तमु पुढवी तं०- रयणप्पभाए सकर वालुय० पंकप्प० घूमप्प० तमप्प० तमतमप्पभाए एत्य ण नेरइयार्ण चउरासीई निरयावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्वाय, ते यणं नरगा अंतो बट्टा पाहि पाउरंसा अहे सुरप्पसंठाणसंठिया निबंधयारतमसा ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियपहा मेदवसापूयपडलकहिरमांसचिक्खिालित्ताणुलेवणतला असुइबी भच्छा (असुई वीसा पा०) परमम्मिगंधा काउयअगणिवत्रामा कक्खडफासा दुरहियासा असुभा नरगा असुभा नरगेसु वेयणाओ एल्थ गं नेरइयाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पं०, उववाएर्ण लोयस्स असंखेजइभागे समुग्याएर्ण लोयस्स असंखेजइभागे सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, एत्य गं बहवे नेरइया परिवसंति काला कालोभासा गंभीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणगा परमकिण्हा पनेणं पं० समणाउसो!, ते ण तत्व निबं भीता निर्च तत्या निर्च तसिया निचं उचिग्गा निचं परमममुहसंचदं परमभयं पचणुभवमाणा विहरन्ति । ४२। कहिं णं भंते ! रयणप्पभापुढवीनेरहयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिण भंते ! स्यणप्पभापुढवीनेरहया परिवसन्ति?, गो! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सपाहल्लाए उपरि एग जोयणसहस्समोगाहित्ता हेवा चेर्ग जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्टहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्य ण रयणप्पभापुढवीनेरायाणं तीसं निरयावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खार्य, ते ण णरगा अंतो वट्टा बाहिं चउरंसा अहे खुरप्पसंठाणसंठिया निचंधयारतमसा ववगयगहचंदसूरणक्खत्तजोइसप्पहा मेदवसापूयपडलरुहिरमांसचिक्खिलित्ताणुलेवणतला असुई वीसा परमम्भिगंधा काउअगणिवन्नाभा कक्खडफासा दुरहियासा असुभा णरगा असुभा णरगेसु वेयणाओ, एत्य गं रयणप्पभापुढवीनेरहयाण पजत्तापजत्तार्ण ठाणा पं०, उपचाएणं समुग्धाएणं सवाणेणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, तत्थर्ण बहवे स्य. पुढवीनेरइया परिवसन्ति काला कालोभासा गंभीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणगा परमकिण्हा वनेणं पं० समणाउसो !, ते णं निच भीता०णरगभयं पचणुभवमाणा विहरन्ति, कहिण भंते! सकरप्पभापुढवीनेरइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं ण भंते ! सकरप्पभापुढवीनेरइया परिवसन्ति १, गो ! सकारपभापुढवीए पत्तीसुत्तरजोयणसयसहस्सवाहालाए उवरि एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेडा चेर्ग जोयणसहस्सं वजित्ता मो तीसुत्तरे जोयणसय. सहस्से एत्य णे सकरपभापढवीनेरहयाण पणवीस निरयावाससयसहस्सा हवन्तीतिमक्खायं. ते णं गरगा अंतो वहा पाहि पाउसा असुभा गरगा असभा णरगेस वेयणाओ. एत्य ण सकरप्पभापुढवीनेरायाण पजत्तापजत्तार्ण ठाणा 40, उववाएणं समुग्धाएर्ण सहाणेणं लोगस्स असंखेजहभागे, तत्य णं बहवे सकरप्पभापदवीनेहा परिक्सन्ति काला विहरन्ति, कहिं गं भंते ! वालयप्पभापढवीनेहयाण पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं गं भंते ! चालुयप्पमापुढवीनेरख्या परिवसति?, गो० चालुयप्पभापुढवीए अट्ठावीसुत्तरजोयणसयसहस्सवाहालाए उपरि एग जोयणसहस ओगाहित्ता देवा चे जोयणसहस्सं वजित्ता मजो छवीमुत्तरजोयणसयसहस्से एत्य णं चालयप्पभापुढवीनेरहयाणे पारस नरयावाससयहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते ण णरगा अंतो वडा बाहिं चउरंसाएत्य ण बालयप्पभापुढवीनेरइयार्ण पजत्तापजत्तार्ण ठाणा पं०, उववाएणं समुग्धाएणं सहाणेणं ल तत्य गं बहने वालयप्पभापुढवीनेरया परिवसंति काला विहरन्ति, कहिं णं भंते ! पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं गं भंते ! पंकप्पभापुढवीनेखया परिव. संति?, गो०! पंकप्पभापुढवीए वीसुत्तरजोयणसयसहस्सवाहलाए उवरिं एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्ठारसुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्य गं पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं दस निरयावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, तेणं णरगा अंतो वट्टा, एत्य णं पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, उववाएणं समुग्धा - एणं सहाणेणं लो० असं०, तत्थ णं बहवे पंकप्पभापुढवी नेरइजा परिवसति, काला कालोभासा विहरन्ति, कहिं गं भन्ते! घूमप्पभापुढवीनेरहयाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं गंमते! घूमप्पभापुढवीनेरहया परिवसन्ति , गो० घूमप्पमापुढवीए अट्ठारसुत्तरजोयणसयसहस्सवाहलाए उवरिंएगे जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेहाचेगं जोयणसहस्सं वजित्तामझे सोलमुत्तरजोयणसयसहस्से एत्य णं धूमप्पमापुढवीनेरइयाणं तिमि निरयावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खाय, ते ण णरगा अंतो वहा०, एत्य णं धूमप्पभापुढवीनेरहयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, उपवाएणं समुपाएणं सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, एत्य गं बहवे धूमप्पभापुढचीनेरइया परिवसन्ति, काला विहरन्ति, कहिण भंते ! तमापुढवीनेरइयाण फ्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं गं भंते ! तमापुढवीनेरइया परिवसति १, गो ! तमाए पुढवीए सोलसुत्तरजोयणसयसहस्सपाहताए उवरि एमं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मजो चउदमुत्तरजोवणसयसहस्से एत्य णं तमप्पमापुढवीनेरइयाणं एगे पंचुणे परगावाससयसहस्से हवन्तीतिमक्खाय. ते ण णरगा अंतो बट्टा० एत्य णं ६८५प्रज्ञापना, पर-र मुनि दीपरत्नसागर Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तमापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्तार्ण ठाणा ५०, उववाएणं समुग्धाएणं सटाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, तत्थर्ण बहवे तमप्पभापुढवीनेरइया परिवसंति, काला विहरन्ति, कहिं णं भंते ! तमतमापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! तमतमापुढवीनेरइया परिवसति?, गो ! तमतमाए पुढयीए अट्ठोत्तरजोयणसयसहस्सवाहालाए उरि अदतेव जोयणसहस्साई ओगाहित्ता हेद्वावि अदतेवनं जोयणसहस्साई वजित्ता मझे तीसु जोयणसहस्सेसु एत्य णं तमतमापुढवीनेहयाण पजत्तापजत्तार्ण पंचदिसि पंच अणुत्तरा महइमहालया महानिरया ५० त०-काले महाकाले रोरुए महारोरुए अपइहाणे, ते णं गरगा अंतो वट्टा०, एत्थ णं तमतमापुढवीनेरइयाण ठाणा पं०, उबवाएणं लोयस्स असंखेजहभागे समग्याएर्ण सद्राणेणं लोयस्स असंखेजहभागे, तत्थर्ण बहवे तमतमापुढवीनेरइया परिवसंति, काला कालोभासा०विहरन्ति, 'आसीयं बत्तीसं अट्ठावीसंच इंति वीसं च। अट्ठारस सोलसर्ग अठुत्तरमेव हिहिमिया ॥१३४॥ अठ्ठत्तरं च तीसं छवीसं चेव सयसहस्सं तु । अट्ठारस सोलसगं चउद्दसमहियं तु छट्ठीए ॥५॥ अद्धतिवनसहस्सा उवरिमहे बजिऊण तो भणियं। मझे तिसहस्सेमुं होन्ति उ नरगा तमतमाए॥६॥ तीसा य पचवीसा पत्नरस दसेव सयसहस्साई। तिनि य पंचूणेगं पंचेव अणुत्तरा नरगा ॥१३७॥४३॥ कहिं णं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०१, गो ! उड्ढलोए तदेकदेसभाए अहोलोए तदेकदेसभाए तिरियलोए अगडेसु तलाये० समुद्देसु सक्वेसु चेव जलासएसु जलठाणेसु एत्थ णं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं०, उववाए लोयस्स असंखेजइभागे समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइ. भागे।४४॥ कहिणं भंते ! मणुस्साणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०१, गो०! अंतो मणुस्सखेते पणयालीसाए जोयणसयसहस्सेसु अड्ढाइजेसु दीवसमुद्देसु पनरससु कम्मभूमीसुतीसाए अकम्मभूमीसु छप्पनाए अंतरदीयेसु एत्यक मणुस्सार्ण पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०,उववाएण लोयस्स असंखेजइमागे समुग्धाएणं सबलोए सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभाए।१५। कहिं णं भंते ! भवणवासीणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०१ कहिं णं भंते ! भवणवासी देवा परिवसंति ?, गो० ! इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सचाहाडाए उवरि एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेहा चे जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अहहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्य णं भवणवासीणं देवाणं सत्त भवणकोडीओ बावत्तरि भवणावासस यसहस्सा भवन्तीतिमक्खाय, ते णं भवणा बाहिं बट्टा अंतो चउरंसा अहे पुक्खरकनियासंठाणसंठिया उकिनंतरविउलगंभीरखातफलिहा पागारद्वालयकवाडतोरणपडिदुवारदेसभागा जंतसयग्घि(प्र० मुसल)मुसंढिपरियारिया अउज्झा सदाजया सदागुत्ता अडयालकोढगरइया अडयालकयवणमाला खेमा सिवा किंकरामरदंडोवरक्खिया लाउडोइयमहिया गोसीससरसरत्तचंदणदहरदिनपंचंगुलितला उवचियचंदणकलसा चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागा आसत्तोसत्तविउलवडवग्धारियमल्छदामकलावा पंचवन्नसरसम वयारकलिया कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुकधूवमघमघतगंधुदुयाभिरामा सुगंधवरगंधिया गंधवहिभूया अच्छरगणसंघसंविगिन्ना दिव्बतुडियसदसंपणातिया सव्वस्यणामया अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीस्या निम्मला निप्पंका निकंकडच्छाया सप्पहा ससिरिया समिरिया सउज्जोया पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूबा, एत्य णं भवणवासिदेवाण पजनापजत्ताणं ठाणा पं०, उववाएर्ण लोयस्स असंखेजइभागे समुग्धाएणं लोयस्स असंखेजइभागे सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे भवणवासी देवा परिवसंति, तं० - 'असुरा नाग सुवन्ना विजू अग्गी य दीव उदही य। दिसिपवणथणियनामा दसहा एए भवणवासी ॥१३८॥ चूडामणिमउडस्यणभूसणणागफडागरूलबइरपुनकलसंकउप्फेसा सीह. मगरगयंकअस्सवरवद्धमाणनिजुत्तचित्तचिंधगता सुरूचा महड्ढिया महजुइआ महब्बला महायसा महाणुभावा महेसक्ला (महासोक्खा, महासक्खा पा०) हारविराइअवच्छा कडगतुडियर्थभियभुजा अंगदकुंडलमट्ठगंडतला कन्नपीढधारी विचित्तहत्याभरणा विचित्तमालामउलिमउडा कडाणगपववत्थपरिहिया कहाणगपवरमाणुलेवणधरा भासुरबोंदी पलंबवणमालधरा दिवेणं वनेणं दिवेणं गंधेणं दिवेणं फासेणं दिशेणं संघयणेणं दिवेणं संठाणेणं दिवाए इड्डीए दिवाए जुईए दिवाए पभाए दिखाए छायाए दिवाए अचीए दिवेणं तेएणं दिखाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा ते णं तत्य साणं २ भवणावाससयसहस्साणं सार्ण २ सामाणियसाहस्सीणं साणं २ तायत्तीसाणं साणं २ लोगपालाणं साणं २ अगमहिसीर्ण साणं २ परिसाणं साणं २ अणिआणं साणं २ अणिआहिबईणं साणं २ आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च बहूणं भवणवासीणं देवाण य देवीण य आहेवचं पोरेवचं सामित्तं भट्टितं महत्तरगतं आणाईसरसेणावचं कारेमाणा पालेमाणा महताहतनगीयवाइयतंतीतलतालतुडियषणमुइंगपटुप्पवाइयरवेणं दिवाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति। कहि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं र्ण भंते ! असुरकुमारा देवा परिवर्सति?, गो०! इमीसे रयण पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहलाए उरिएर्ग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेवा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मझे अट्ठहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्यणं असुरकुमाराणं देवाणं चउसट्टि भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं ६८६ प्रज्ञापना, पद-र मुनि दीपरत्नसागर Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भवणा पाहिं वहा अंतो चउरसा पुक्खरकनियासंठाणसंठिया उकिनंतरविउलगंभीरवायफलिहा पागारट्टालगसुकडतोरणपडिदुवारदेसभागा जंतसयग्धिमुसलमुसंदिपरियारिया अउ. जमा सदाजया सदागुत्ता अडयालकोट्ठगराया अडयालकयवणमाला खेमा सिवा किंकरामरदंडोवरक्खिया लाउल्लोइयमहिया गोसीससरसरत्तचंदणदहरदिनचंगुलितला उपचितर्चदणकलसा चंदणघडकयतोरणपडिदुवारदेसभागा आसत्तोसत्तविउलववग्धारियमाङदामकलावा पंचवन्नसरससुरभिमुकपुष्फपुंजोवयारकलिया कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुकडज्झतधू. बमघमतगंधुदयाभिरामा सुगंधवरगंधिया गंधवाहिभूया अच्छरगणसंघसंविगिन्ना दिवतुडियसहसंपणादिया सवस्यणामया अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया निम्मला निप्पका निकंकडच्छाया सप्पमा सस्सिरीया समिरीया सउज्जोया पासादीया दरिसणिजा अभिरुवा पडिरूवा एत्य णं असुरकुमारार्ण देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, उपवाए लोयस्स असंखेजहभागे समुग्धाएर्ण लोयस्स असंखजामागे सदाणेणं लोयस्स असंखेजहभागे. तत्थ णं बहवे असुरकुमारा देवा परिवसति काला लोहियक्सपिंचोडा धवलपुष्फर्दता असियकेसा वामे एगकुंडलधरा अदचंदणाणुलित्तगत्ता ईसीसिलिंधपुष्फपगासाईं असंकिलिवाई सुहमाई वत्थाई पवरपरिहिया वयं च पढर्म समइकता दिइयं च वयं असंपत्ता भरे जोवणे वट्टमाणा तलभंगयतुडियपपरभूसणनिम्मलमणिरयणमंडितभुया दसमुद्दामंडियग्गहत्था चूडामणिविचित्तचिंधगया सुरुवा महिद्दिढया महजुइया महायसा महब्बला महाणुभागा महासोक्खा हारविराइयपच्छा कदयतुडियर्थभियभुया अंगयकुंडलमट्टगंडयला कन्नपीढ़धारी विचित्तहत्थाभरणा विचित्तमालामउली कलाणगपपरवस्थपरिहिया कालाणगमलाणुले. वणधरा भासुरबोंदी पलंपवणमालधरा दिवेणं वनेणं दिवेणं गंधेणं दिवेणं फासेणं दिवेणं संघयणेणं दिवेणं संठाणेणं दिवाए इइडीए दिवाए जुईए दिवाए पभाए दिवाए छायाए दिवाए अचीए दिवेणं तेएणं दिशाए लेखाए दस दिसाओ उज्जोवेभाणा पभासेमाणातत्थ सार्ण २ भवणावाससयसहस्साणं साणं २ सामाणियसाहस्सीणं साणं २ तायत्तीसाणं साणं २ आयरक्खदेवसाहस्सीणं अमेसि च बहूर्ण भवणवासीण ताण य देवीण य आहेब । रेवचं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगतं आणाईसरसेणावचं कारेमाणा पालेमाणा महताहतनट्ट गीतवाइयततीतलतालतुडियषणमुइंगपटुप्पवाइयरवेणं दिवाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरति, चमरवलिणो इत्थ दुवे असुरकुमारिंदा असुरकुमाररायाणो परिपसंति काला महानील. सरिसा णीलगुलिअगवलअयसिकुसुमप्पगासा पियसियसयपत्तणिम्मलईसिसितरत्ततंत्रणयणा गरुलाययउजुतुंग-सा उवचियसियापवालविफलसंनिहाहरोहा पंडुरससिसगलपिमलनिम्मलदहियषसंखगोक्खीरकुंददगरयमुणालियाधवलदंतसेढी हुयवहनिहतधोयतत्ततवणिजरत्ततलतालुजीहा अंजणघणकसिणगरुयगरमणिज्जणिद्धकेसा वामेयकुंडलधरा अहचंद . णाणुलित्तगत्ता. दिवाई भोगभागाई मुंजमाणा विहरति, कहिं णं भंते! दाहिणिडाणं असुरकुमाराणं देवार्ण पजत्तापजत्ताणं ठाणा 40 कहिं णं भंते ! दाहिणिाडा असुरकुमारा देवा परिवसंति?, गो ! जंचुदीचे दीवे मंदरस्स पायस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जोयणसयसहस्से एत्य णं दाहिणिलाणं असुरकुमाराणं देवाणं चउत्तीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, तेणं भवणा चाहिं वट्टा अंतो चउरंसा सो चेव वण्णओ जाव पडिरूवा, एत्थ णं दाहिणिहाणं असुरकुमाराणं देवाणं पजत्तापजताण ठाणा 4, ती. सुवि लोगस्स असंखजइभागे, तत्य णं चहये दाहिणिला असुरकुमारा देवा देवीओ परिवसंति काला लोहियक्खा तहेब जाव भुंजमाणा विहरति, एएसिणं तहेव तायतीसगलोगपाला भवन्ति, एवं सवत्थ भाणियावं भवणवासीणं, चमरे इत्थ असुरकुमारिंदे असुरकुमाराया परिवसति काले महानीलसरिसे जाव पभासेमाणे, से णं तस्य चउतीसाए भवणाचाससयसहस्साणं चउसडीए सामाणियसाहस्सीर्ण तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं चउण्हं लोगपालाणं पंचाहं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तहं अणियाण सत्तण्हं अणियाहिवईणं चउण्ह य च उसट्ठीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च बहुर्ण दाहिणिडाणं देवाणं देवीण य आहेवचं पोरेवचं जाव विहरति, कहिं णं भंते ! उत्तरिताण असुरकुमाराणं देवाणं पज. तापजत्ताणं ठाणा पं० कहि णं भंते ! उत्तरिडा असुरकुमारा देवा परिवसंति?, गो० ! जंबुद्दीचे दीवे मंदरस्स पवयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसह. स्सवाहाडाए उरि एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेर्ग जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्ठहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्य णं उत्तरिडाणं असुरकुमाराणं देवाणं तीसं भवणावासस यसहस्सा भवन्तीतिमक्खाय, ते णं भवणा बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा सेसं जहा दाहिणिडार्ण जाव विहरति, चली एस्थ वइरोयणिंदे बहरोयणराया परिवसति काले महानीलसरिसे जाव पभासेमाणे, सेणं तस्थ तीसाए भवणावाससयसहस्साणं सट्ठीए सामाणियसाहस्सीर्ण तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं चउण्हं लोगपालाणं पंचण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराण तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिबईणं चउण्ड य-सट्ठीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च चहणं उत्तरिडाणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवचं पोरेवचं कुछमाणे. विहरइ, कहिं णं भंते ! नागकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! नागकुमारा देवा पारवसंति?, गो०! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसह - ६८७मज्ञापना, पद-२ मुनि दीपरनसागर Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 50 म्सचाहाडाए उवरि एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा वेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्टहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं नागकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं चुलसीई भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं भवणा बाहिं वडा अंतो चउरंसा जाव पडिरूवा, तत्य णागकुमाराणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं० तीसुवि लोगस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे नागकुमारा देवा परिवसंति महिड्ढिया सेसं जहा ओहियाण जाव विहरंति, धरणभूयाणंदा एत्य णं दुवे णागकुमारिंदा णागकुमाररायाणो परिवसंति महद्दिढया सेसं जहा ओहियाणं जाव विहरंति, कहिं णं भंते ! दाहिणिलार्ण नागकुमाराण देवाणं पजत्तापजत्तार्ण ठाणा पं० कहिं गं भंते! दाहिणिला नागकुमारा देवा परिवसति, गो. जंबुद्दीचे दीवे मंदरस्स पश्यस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सवाहलाए उवरि एग जोयणसहसं ओगाहित्ता हिट्ठा चेर्ग जोयणसहस्सं पजित्ता मझे अट्टहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्यण दाहिणियाणं नागकुमाराणं देवाणं चउयालीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खाय, ते णं भवणा बाहिं कहा जाव पडिरूवा, एत्य णं दाहिणिलार्ण नागकुमाराणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, तीसुवि लोयस्स असंखेजइभागे, एत्थ णं दाहिणिला नागकुमारा देवा परिवसंति महिड्ढिया जाव विहरंति, धरणे इत्य नागकुमारिंदे नागकुमारराया परिवसह महड्दिए जाव पभासेमाणे, सेणं तत्थ चउयालीसाए भवणावाससयसहस्साणं छण्हं सामाणियसाहस्सीणं छहं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसार्ण सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं चउच्चीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं अनेसिं च बहूर्ण दाहिणिल्लाणं नागकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवर्थ पोरेवचं कुत्रमाणे विहरद्द, कहिं णं भंते ! उत्तरिहाणं णागकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! उत्तरिडा नागकुमारा देवा परिवसंति?, गो०! जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पचयस्स उत्तरेर्ण इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उरिं एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेडा चेर्ग जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्ठहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ गं उत्तरिडाणं नागकुमाराणं देवाणं चत्तालीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं भवणा बाहिं वट्टा सेसं जहा दाहिणिलाणं जाव विहरंति, भूयाणंदे एत्थ नागकुमारिंदे नागकुमारराया परिवसइ महिढीए जाव पभासेमाणे, सेणं तत्थ चत्तालीसाए भवणावाससयसहस्साणं आहेवञ्चं जाब विहरइ, कहिणं भंते ! सुंबन्नकुमाराणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं | ठाणा पं० कहिणं भंत! सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति?, गो! इमीसे रयणप्पभाए पुढबीए जाव एत्थ णं सवन्नकुमाराणं देवाणं बावत्तरि भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं. तेणं भवणा बाहिं वट्ठा जाव पडिरूवा, तत्थ णं सुवन्नकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, जाच तिसुवि लोगस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति महिड्ढिया सेसं जहा ओहियाणं जाब विहरंति, वेणुदेवे वेणुदाली य इत्थ दुवे सुवण्णकुमारिंदा मुवण्णकुमाररायाणो परिवसंति महड्ढिया जाय विहरंति, कहिं णं भंते! दाहिणियाणं सुवण्णकुमाराणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिणं भंते ! दाहिणिल्डा सुवण्णकुमारा देवा परिवसंति?, गो० इमीसे जाव मज्झे अहहत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं दाहिणिल्लाणं सुवण्णकुमाराणं अट्टत्तीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं भवणा बाहिं वहा जाव पडिरूवा, एत्य णं दाहिणिलाणं सुवष्णकुमाराणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा तिसुवि लोगस्स असंखेज्जइभागे, एत्थ णं वहवे सुवण्णकुमारा देवा परिवसंति, वेणुदेवे य इत्थ सुवष्णकुमरिंदे सुवण्णकुमारराया परिवसइ, सेसं जहा नागकुमाराणं, कहिं णं भंते ! उत्तरिडाणं सुवण्णकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! उत्तरिडा सुवण्णकुमारा देवा परिचसंति?, गो०! इमीसे स्यणप्पभाए जाव एल्थ णं उत्तरिडाणं सुवष्णकुमाराणं चउतीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, तेणं भवणा जाव एत्य णं बहवे उत्तरिडा सुवण्णकुमारा देवा परिवसंति महिड्ढिया जाब विहरति, वेणुदाली इत्य सुवष्णकुमारिंदे सुवण्णकुमारराया परिवसइ महिढीए सेसं जहा नागकुमाराणं, एवं जहा सुवण्णकुमाराणं वत्तवया भणिया तहा सेसाणवि चउद्दसण्हं इंदाणं भाणियचा, नवरं भवणणाणतं इंदणाणतं वन्नणाण परिहाणणाणत्तं च इमाहिं गाहाहि अणुगंतवं-'चउसहिँ असुराणं चुलसीतं चेव होति नागाणं। बावत्तरि सुवण्णे बाउकुमाराण छन्नउई ॥१३९५ दीवदिसाउदहीणं वि. ज्जुकुमारिंदयणियमम्मीणं । उहंपि जुअलयाणं छावत्तरिमो सयसहस्सा ॥१४०॥ चउतीसा चउयाला अट्टत्तीसं च सयसहस्साई। पन्ना चत्तालीसा दाहिणओ हुँति भवणाई ॥१॥ तीसा चत्तालीसा चउतीसं चेव सयसहस्साई। छायाला उत्तीसा उत्तरओ हुंति भवणाई॥२॥चउसट्ठी सट्ठी खलु छच सहस्साई असुरवजाणं । सामाणिआ उ एए चउम्गुणा आयरक्खा उ॥३॥ चमरे धरणे तह वेणुदेवे हरिकंत अग्गिसीहे य । पुन्ने जलकते या अमिय विलम्बे य घोसे य॥४॥ बलि भूयाणंदे वेणुदालि हरिस्सह अग्गिमाणव वसिद्धे। जलपह तहऽमियवाहणे पभजणे य महाघोसे ॥५॥ उत्तरिलाणं जाव विहरति. 'काला असुरकुमारा नागा उदही य पंडुरा दोवि। वरकणगनिहसगोरा इंति सुवण्णा दिसा थणिया ॥ ६॥ उत्तत्तकणगवन्ना विजू अग्गी य होति दीवा य। सामा पियंगुवना वाउकुमारा मुणेयवा ॥७॥ असुरेसु हुँति रत्ता सिलिंधपुष्फप्पभा य नागुदही। आसासगवसणधरा होति सुवण्णा दिसा थणिया ॥८॥ नीलाणुरागवसणा विज्जू अग्गी य हुँति दीवा या संशाणुरागवसणा वाउकुमारा मुणेया ॥१४९॥४६ । कहिं णं भंते ! वाणमंतराणं देवाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पं० (१७२) ६८८प्रज्ञापना मुनि दीपरत्नसागर Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कहिं णं भंते ! वाणमंतरा देवा परिवसंति?, गो! इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए स्यणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सचाहत्म्स उचरि एगं जोयणसयं ओगाहिना हिट्ठावि एगं जोयण. सयं वजिना मझे अट्टम जोयणसएम एत्य णं वाणमंतराणं देवाणं निरियमसंखेजा भोमेजनगराचाससयसहस्सा भन्नीतिमक्खायं, ने णं भोमेजा णगरा बाहिं बट्टा अंनो चउरंसा अहे. एन्थ णं वाणमंतराणं देवाणं पजत्तापजनाणं ठाणा पं. नीमुवि लोयस्स असंखेजहभागे, तत्य र्ण चहवे वाणमंतरा देवा परिवसंति, नं०-पिसाया भूया जक्खा रक्खसा कि नरा किंपुरिसा भयगवइणो महाकाया गन्धवगणा य निउणगंधवगीयरइणो अणवनियपणवन्नियइसिवाइयभूयवाइयकंदियमहाकंदियकुहंडपयंगदेवा चंचलचलचवचित्तकीलणदवII पिया गहिरहसियगीयणचणरई वणमालामेलमउडकंडलसच्छंदविउपियाभरणचारुभसणधरा सत्रोउयसरी पा०)मा कामरुवदेहधारी णाणाविहवण्णरागवरवस्थललंतचित्तचिाड(उलंगनियंसणा विविहदेसिनेवत्थगहियवेसा पमुइयकंदपकलहकेलिकोलाहलप्पिया हासबोलबहुला असिमु. ग्गरसनिकुनहत्या अणेगमणिरयणविविहनिज्जुत्तविचित्तचिंधगया सुरुवा महिड्ढिया ते णं तत्थ साणं २ असंखेजभोमेजनगरावाससयसहस्साणं साणं २ सामाणियसाहम्सीणं साणं २ अगमहिसीणं साणं २ परिसाणं साणं २ अणीयाणं साणं २ अणीयाहिबईणं साणं २ आयरक्खदेवसाहस्सीणं अग्नेसिं च चहणं पाणमंतराणं देवाण य देवीण य आहेवचं पोरेवचं सामिनं भट्टित्तं महत्तरगनं आणाईसरसेणाचचं कारेमाणा पालेमाणा महयाहयनहगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पबाइयरवेणं दिवाई भोगभोगाई भुंजमाणा वि. हरंनि।४७। कहि णं भंते ! पिसायाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! पिसाया देवा परिवसंति?, गो०! इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए रयणामयस्स कंडम्स जोयण - सहस्सचाहत्तम्स उवारि एग जोयणसयं ओगाहित्ता हेट्ठा चेर्ग जोयणसयं वजित्ता मज्झे अट्टसु जोयणसएसु एत्य णं पिसायार्ण देवाणं तिरियमसंखेजा भोमेजनगरावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं भोमेजनगरा वाहिं वट्टा जहा ओहिओ भवणवन्नओ तहा माणियचा जाव पडिरूवा, एत्य णं पिसायाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं०, निमुक्लिोगस्स असंखेज्जइभागे, तत्थ बहवे पिसाया देवा परिवसंति महिड्ढिया जहा ओहिया जाव विहरन्ति, कालमहाकाला इत्थ दुवे पिसायिंदा पिसायरायाणो परिवसंति महिड्ढिया महज्जुइया जाच विहरति, कहिं णं भंते ! दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवाणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! दाहिणिल्ला पिसाया देवा परिवसंति?, गो०! जंबुडीवे दीवे मन्दरस्स पश्वयस्स दाहि. णेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहल्लस्स उवरि एगं जोयणसयं ओगाहित्ता हेटा चेगं जोयणसयं वज्जिना मज्झे अहसु जोयणसएम एत्य णं दाहिणिल्याणं पिसायाणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा भोमेज्जनगरावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं भवणा जहा ओहिओ भवणवनओ तहा भाणियो जाव पडिरूबा, एल्थ णं दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं०, तिसुपि लोगस्स असंखेज्जइभागे, तत्थ णं बहवे दाहिणिल्या पिसाया देवा परिवसंति महिड्ढिया जहा ओहिया जाव विहरंति, काले एत्य पिसायिंदे पिसायराया परिक्सइ महिड्ढीए जाव पभासेमाणे, से णं तत्थ तिरियमसंखेज्जाणं मोमेज्जनयरावाससयसहस्साणं चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चउण्ह य अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिबईणं सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च बट्टणं दाहिणिाडाणं वाणमं. तराणं देवाण य देवीण य आहेवचं जाव विहरद, उत्तरिडाणं पुच्छा, गो०! जहेब दाहिणिल्डाणं वत्तवया तहेव उत्तरिडाणंपि, णवरं मन्दरस्स पचयस्स उत्तरेणं महाकाले एल्थ पिसापिसायराया परिवसइ जाव विहरह, एवं जहा पिसायाण तहा भयाणपि जाय गंधवाणं नवरं देस भद्दा, रक्खसाणं भीममहाभीमा किन्नराणं किन्नरकिंपुरिसा, किंपुरिसाणं सप्पुरिसमहापुरिसा, महोरगाणं अइकायमहाकाया, गंधवाणं गीयरइगीयजसा, जाब विहरइ काले य महाकाले सुरूव पडिरूव पुन्नभद्देय। तह चेव (प्र. अमरवई)माणिभद्दे भीमे य तहा महाभीमे ॥१५०॥ किन्नर किंपुरिसे खलु सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे। अइकायमहाकाए गीयरई चेव गीयजसे ॥ १५१॥४८। कहिं णं भंते ! अणवन्नियाणं देवाणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! अणवन्निया देवा परिवसति?. गो० ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रयणामयम्स कंडस्स जोयणसहस्सचाहतस्स उवारिं जाव अट्ठजोयणसएसु एत्य णं अणवनियाणं देवाणं तिरियमसंखेजा णगरावाससयसहस्सा भवन्तीनिमक्खायं, ते णं जाव पडिरुवा, एत्थ णं अणवनि. याणं देवाणं ठाणा, उबवाएणं लोयस्स असंखेजइभागे समुग्धापणं लोयस्स असंखेज्जइभागे सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, तत्थ णं बहवे अणवन्निया देवा परिवसंति महिद्दिढया जहा पिसाया जाब विहरति, सन्निहियसमाणा इत्थ दुवे अणवम्निदा अभवन्नियकुमाररायाणो परिवसंति महिड्ढिया०, एवं जहा कालमहाकालाणं दोण्हपि दाहिणिडाणं उत्तरिडाण य भणिया तहा सन्निहियसामाणाणपि भाणियवा संगहणीगाहा- अणबन्नियपणवन्नियइसिवाइयभूयवाइया चेव। कंदिय महाकंदिय कोहंडी पयगए चेव ॥१५२॥ इमे इंदा६८९ प्रज्ञापना, पढ़-२ मुनि दीपरतसागर Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 'संनिहिया सामाणा धाय विधाए इसी य इसिवाले। ईसर महेसराविय हवइ सुवच्छे विसाले य ॥ ३ ॥ हासे हासरईऽविय सेए य तहा भवे महासेए। पयए अ पयगवई नेयश्वा आणुपुत्री || १५४ ॥ ४९ ॥ कहिं णं भंते! जोइसियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! जोइसिया देवा परिवर्तति १. गो० इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्त णउइजोयणसए उढं उप्पइत्ता दसुत्तरजोयणसयचाहले तिरियमसंखेज्जे जोइसविसए एत्थ णं जोइसियाणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा जोइसियविमाणात्रासस्यसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं विमाणा अद्धकविट्ठगसंठाणसंठिया सबफालिहामया अन्भुग्गयमूसियपहसिया इव विविह्मणिकणगरयणभत्तिचित्ता बाउद्भूय विजयवेजयंती पडागा छत्ताइच्छत्तकलिया तुंगा गगणतलमहिलंघमाणसिहरा जालंतररयणपंजरुम्मिलियन मणिकणगधूभियागा वियसियसयवत्तपुंडरीया तिलयरयणढचंदचित्ता नाणामणिमयदामालंकिया अंतो चाहिं च सण्हा तवणिज्जरूद्दलवायापत्थडा सस्सिरिया सुरूवा पासाईया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा एत्थ णं जोइसियाणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं० तिमुवि लोगस्स असंखेज्जइभागे, तत्थ णं बहवे जोइसिया देवा परिवसंति, तं० चहस्सई चंदा सूरा मुका सणिच्छरा राहू धूमकेऊ बुधा अंगारगा तत्ततवणिज्जकणगवन्ना जे य गहा जोइसम्मि चारं चरंति केऊ य गइरइया अट्ठावीसइविहा नक्खत्तदेवतगणा णाणासंठाणसंठियाओ पंचवन्नाओ तारयाओ ठियलेसाचारिणो अविस्साममंडलाई पत्तेयनामंकपागडि - चिंधमउडा महिड्डिया जाव पभासेमाणा०, ते णं तत्थ साणं २ विमाणावाससयसहस्साणं साणं २ सामाणियसाहस्सीणं अन्नेसिं च बहूणं जोइसियाणं देवाणं देवीण य आहेवचं जाव विहति, चंदिमसूरिया इत्थ दुवे जोइसिंदा जोइसियरायाणो परिवर्तति महिड्डिया जाव पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं २ जोइसियविमाणावाससयसहस्साणं चउन्हं सामा णियसाहस्सीणं चउन्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं सोलसन्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाव अन्नेसिं च बहूणं जोइसियाणं देवाणं देवीण य आहेवचं जाव विहति । ५०। कहिं णं भंते! बेमाणियाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! वैमाणिया देवा परिवर्तति ? गो० ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ उड्ढ चंदिमसूरियगहनक्खत्ततारारूवाणं बहूई जोयणाई बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्सा बहूई जोयणसयसहस्साई बहुगाओ जोयणकोडीओ बहुगाओ जोयणकोडीकोडीओ उड्ढ दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं सोहम्मीसाणसणं कुमारमाहिंदबंभलोयलंतगमहासुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणच्चुयगेवेजणुत्तरेसु एत्थ णं वेमाणियाणं देवाणं चउरासीई विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउई च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं विमाणा सवरयणामया अच्छा० पडिरूवा एत्थ णं वैमाणियाणं देवाणं पजत्तापज्जाणं ठाणा पं० तिसुवि लोयस्स असंखेज्जइभागे, तत्थ णं बहवे वेमाणिया देवा परिवसंति तं० सोहम्मीसाण० णुत्तरोववाइया देवा, ते णं मिगमहिसवराहसीहच्छगलद्द्द्द्द्रयगयवइभुयगसग्ग उस भविडिमपागडियचिंधमउडा पसिढिलवरमउडकिरीडधारिणो वरकुंडलजोइयाणणा मउडदित्त सिरया रत्ताभा पडमपम्हगोरा सेया सुबन्नगंधफासा उत्तमवेविण पवरवत्थगंधमालाणुलेवणधरा महिड्डिया ० ते णं तत्थ साणं २ विमाणावाससयसहस्साणं साणं २ सामाणियसाहस्सीणं साणं २ तायत्तीसगाणं अन्नेसिं च बहूणं वैमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवचं पोरेबचं जाव दिखाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहति । ५१ । कहिं णं भंते! सोहम्मगदेवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! सोहम्मगदेवा परिवसंति ?, गो० ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पवयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ जाव उटं दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं सोहम्मे णामं कप्पे पं० पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिने अद्धचंदसंठाणसंठिए अचिमालिभासरासिवण्णाभे असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्वेवेणं सङ्घरयणामए अच्छे जाव पडिरूये, तत्थ णं सोहम्मगदेवाणं बत्तीसविमाणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्वायं, ते णं विमाणा सङ्घस्यणामया जाव पंडिरुवा, तेसिं णं विमाणाणं बहुमुज्झदेसभागे पंच वडिसया पं० [सं० असोग डिसए सत्तवण्णवडिसए चंपगवडिसए चूयवडिसए मज्झे इत्थ सोहम्मवर्डिसए, ते णं वर्डिसया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, एत्थ णं सोहम्मगदेवार्ण पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० तिसुबि लोगस्स असंखिज़इभागे, तत्थ णं बहवे सोहम्मगदेवा परिवर्तति महिड्ढिया जाब पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं २ विमाणावाससयसहस्साणं साणं २ अग्गमहिसणं साणं २ सामाणियसाहस्सीणं एवं जहेब ओहियाणं तहेव एएसिंपि भाणियां जाव आयरक्खदेवसाहस्सीणं अनसिं च बहूणं सोहम्मगकप्पवासीणं वैमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवचं जाव विहरंति, सके य इत्य देविंदे देवराया परिवसइ वज्जपाणी पुरंदरे सयकतू सहसक्ले मघवं पागसासणे दाहिणइढलोगहिवई बत्तीसविमाणावासस्यसहस्सा हिवई एरावणवाहणे सुरिंदे अयरंबरवत्थघरे आलइयमालमउडे नवहेमचारुचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्ज माणगंडे महिड्दिए जाब पभासेमाणे से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं चउन्हं लोगपालाणं अट्टहं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिष्टं परिमाणं सत्तण्हं अणीयाणं सत्तण्हं अणी६९० प्रज्ञापना, पद-२ 4 मुनि दीपरत्नसागर 4 Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ याहिवईणं चउण्हं चउरासीणं आयरक्सदेवसाहसीणं अनेसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेखेचं० कुव्वेमाणे जाव विहरइ ।५२। कहिं गं भंते ! ईसाणाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं ण भंते ! ईसाणगा देवा परिवसंति ?, गो०! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पञ्चयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्ढं चंदिमसूरियगहनक्खत्ततारारुवाणं बहूई जोयणसयाइंबहूइं जोयणसहस्साइं जाच उड्ढं दूरं उप्पइत्ता एस्थ णं ईसाणे णामं कप्पे पं० पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिष्णे एवं जहा सोहम्मे जाव पडिरूवे, तत्थ णं ईसाणगदेवाणं अट्ठावीसं विमाणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं विमाणा सवरयणामया जाब पडिरूवा, तेसिं गं बहुमज्झदेसभागे पंच वडिंसया पं० सं०-अंकवर्डिसए फलिहवडिंसए रयणवडिंसए जातरूववडिंसए मझे य इत्थ ईसाणवर्डिसए, ते णं वडिंसया सवस्यणामया जाय पडि. रूवा, एत्थ णं ईसाणगदेवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं० तिमुवि लोगस्स असंखेजइमागे, सेसं जहा सोहम्मगदेवाणं जाव विहरंति, ईसाणे इत्थ देविंद देवराया परिवसइ मूलपाणी वसहवाहणे उत्तरड्ढलोगाहिबई अट्ठावीसविमाणावाससयसहस्साहिवई अरयंवरखत्यधरे सेसं जहा सकस्स जाव पभासेमाणे, सेणं तत्थ अट्ठावीसाए विमाणावाससयसहस्साणं असीईए सानाणियसाहस्सीणं० चउण्डं असीईणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च बहूर्ण इंसाणकप्पवासीर्ण वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवचं जाव चिहरइ, कहिण भंते! सर्णकुम वाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिणं भंते! सर्णकुमारा देवा परिवसंति?,गो० सोहम्मस्स कप्पस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसिंबहई जोयणाई बहई जोयण णकोडाकोडीओ उड्ढं दुरं उप्पइत्ता एत्थ णं सर्णकुमारे णामं कप्पे पं० पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे जहा सोहम्मे जाव पडिरूवे, तत्थ णं सर्णकुमाराणं देवाणं वारस विमाणावाससयसहस्सा भवन्तीतिमक्खायं, ते णं विमाणा सवरयणामया जाव पडिरूवा, तेसिं णं विमाणाणं बहुमज्झदेसभागे पंच वडिंसगा पं० तं०-असोगवडिसए सत्तवन्न च. पग० चूय० मज्झे य एत्य सणंकुमारचडिंसए, ते णं बडिंसया सबरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, एत्थ णं सर्णकुमारदेवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं०. तिसुवि लोगस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे सर्णकुमारदेवा परिवसंति महिड्ढिया जाव पभासेमाणा विहरति, नवरं अग्गमहिसीओ णस्थि, सणंकमारे इत्थ देविंद देवराया परिवसइ अरयंचरवत्थधरे सेसं जहा सकस्स, से णं तत्थ वारसण्हं विमाणावाससयसहस्साणं पावत्तरीए सामाणियसाहस्सीणं सेसं जहा सकस्स अग्गभहिसीवजं नवरं चउण्डं बावत्तरीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाव वि. । हरइ, कहिं णं भंते ! माहिंददेवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! माहिंदगदेवा परिवसंति?, गो! ईसाणस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं बहइं जोयणाई जाव बहुयाओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढं दुरं उप्पइत्ता इत्थ णं माहिंदे नामं कप्पे० पाईणपडीणायए जाव एवं जहेव सणकुमारे नवरं अट्ट विमाणावाससयसहस्सा वडिंसया जहा ईसाणे नवरं मज्झे इत्थ माहिंदवडिसए, एवं जहा सणंकुमाराणं देवाणं जाव विहरंति. माहिंदे इत्य देविंदे देवराया परिवसइ अरयंचरवत्यधरे एवं जहा सणकुमाराणं देवाणं जाव विहरड नवरं अट्ठण्हं विमाणावाससयसहस्साणं सत्तरीए सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं सत्तरीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाब विहरइ, कहिं णं भंते ! पंभलोगदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! बंभलोगदेवा परिवसंति , गो०! सणंकुमारमाहिंदाणं कप्पाणं उप्पिं सपक्खि सपडिदिसि बहूई जोयणाई जाव उप्पइत्ता एत्थ णं बंभलोए नामं कप्पे पाईणपडीणायए उदी. णदाहिणविच्छिण्णे पडिपुन्नचंदसंठाणसंठिए अचिमालिभासरासिप्पमे अवसेसं जहा सणंकमाराणं नवरं चत्तारि विमाणावाससयसहस्सा वडिसया इत्थ भलोयवडिंसए, एत्य णं बंभलोगदेवाणं ठाणा पं० सेसं तहेव विहरंति, चंभे इत्थ देविंद देवराया परिवसइ अरयंचरवत्थधरे एवं जहा सणंकुमारे जाव विहरइ, नवरं चउण्हं विमाणावाससयसहस्साणं सट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं सट्ठीए आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च बहूणं जाब बिहरइ, कहिं णं भंते ! लंतगदेवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते ! लंतगदेवा परिक्संति ?, गो० ! बंभलोगस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसि बहूई जोयणाई जाव बहुगाओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढं दूर उप्पइत्ता एल्थ णं लंतए नाम कप्पे पं० पाईणपडीणायए जहा बंभलोए नवरं पण्णासं विमाणावाससहस्सा भवन्तीतिमक्खायं वडिंसगा जहा ईसाणवडिंसगा नवरं मज्झे इत्थ लंतगबडिंसए देवा तहेब जाव विहरंति, लंतए एत्थ देविंद देवराया परिवसइ जहा सणकुमारे, नवरं पण्णासाए विमाणावाससहस्साणं पण्णासाए सामाणियसाहस्सीणं चउण्ह य पण्णासाणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अग्नेसिं च बहूणं जाव विहरइ, कहिं णं भंते ! महासुकाण ठाणा० कहिं णं महासुक्का देवा परिवसंति ?, गो० ! लंतगस्स कप्पस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसि जाव एत्थ णं महासुक्के नामं कप्पे पं० पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे जहा बंभलोए नवरं चत्तालीसं विमाणावाससहस्सा भवन्तीतिमक्खायं वडिंसगा जहा सोहम्मवडिंसगा, नवरं मज्झे इत्थ महासुक्वडिसए जाव विहरंति, महासुके इत्थ देविंदे देवराया जहा सर्णकुमारे, नवरं चत्तालीसाए विमाणावाससहस्साणं चत्तालीसाए सामाणियसाहस्सीणं चउण्ह य चत्तालीसीणं ६९१ प्रज्ञापना, पदर मुनि दीपरत्नसागर Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयरक्खदेवसाहस्तीर्ण जाव विहरइ, कहिं णं भंते! सहस्सारदेवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! सहस्सारदेवा परिवर्तति १, गो० ! महासुकस्स कप्पस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसिं जाव उप्पइत्ता एत्य णं सहस्सारे नामं कप्पे पं० पाईणपडीणायए जहा बंभलोए नवरं छविमाणावाससहस्सा भवन्तीतिमक्खायं देवा तहेव जाव वडिंसगा जहा ईसाणस्स सिगा नवरं मज्झे इत्य सहस्सारवर्डिसए जाव विहरंति, सहस्सारे इत्य देविंदे देवराया परिवसइ जहा सणकुमारे नवरं छष्टं विमाणावाससहस्ताणं तीसाए सामाणियसाहस्सीणं चउष्ड् य तीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाव आहेवचं० कारेमाणे० विहरइ, कहिं णं भंते! आणयपाणयाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! आणयपाणया देवा परिवर्तति १, गो० ! सहस्सारस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं जाव उप्पइत्ता एत्य णं आणयपाणयनामा दुवे कप्पा पं० पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा अद्धचंदसंठाणसंठिया अचिमालीभासरासिप्पभा सेसं जहा सणकुमारे जाव पडिरूवा, तत्थ णं आणयपाणयदेवाणं चत्तारि विमाणावाससया भवन्तीतिमत्खायं जाव पडिरूवा, वडिंसगा जहा सोहम्मे कप्पे, नवरं मज्झे इत्य पाणयवडिंसए, ते णं वडिंसगा सतरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, एत्थ णं आणयपाणयदेवाणं पज्जत्तापञ्जत्ताणं ठाणा पं०, तिमुवि लोगस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे आणयपाणयदेवा परिवर्तति महिड्डिया जाव पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं २ विमाणावाससयाणं जाव विहति, पाणए इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ जहा सर्णकुमारे, नवरं चउन्हं विमाणावाससयाणं वीसाए सामाणियसाहस्सीणं असीईए आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं बहूणं जाव विहरद्द, कहिं णं भंते! आरणचयाणं देवानं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! आरणचुया देवा परिवर्तति ?, गो० ! आणयपाणयाणं कप्पाणं उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं एत्थ णं आरणच्या नामं दुवे कप्पा पं० पाईपीणायया उदीर्णदाहिणविच्छिण्णा अद्धचंदसंठाणसंठिया अचिमालीभासरासिवण्णाभा असंखिजाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्संभेणं असंखिजाओ जोयणकोडाको डीओ परिक्खेवेणं सवरयणामया अच्छा सण्हा पढिरूवा, एत्थ णं आरणचुयाणं देवाणं तिन्नि विमाणावाससया भवन्तीतिमक्खायं, ते णं सवरयणामया अच्छा सण्हा पडिरूषा, तेसिं णं विमाणाणं कप्पाणं बहुमज्झदेसभाए पंच वर्डिसया पं० तं० अंकवर्डिसए फलिहवडिं० रयणवडिं० जायरूत्रव० मज्झे एत्य अब्यवडिंसए, ते णं वर्डिसया सहरयणाम्या जाव पडिरुवा, एत्य णं आरणचुयाणं देवानं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, तिमुवि लोयस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे आरणच्या देवा परिवसंति, अच्चुए इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ जहा पाणए विहरह, नवरं तिन्हं विमाणावाससयाणं दसहं सामाणियसाहस्सीणं चत्तालीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं आहेबचं कुश्माणे जाव विहरइ, 'बत्तीस अडवीसा वारस अट्ठ चउ मेरो (य) सयसहस्सा। पन्ना चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे ॥ १५५ ॥ आणयपाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणचुए तिन्नि। सत्त विमाणसयाई चउसुवि एएस कप्पे ॥ ६ ॥ सामाणियसंगह गाहा - 'चउरासीई असीई बाबत्तरी सत्तरी य सट्टी य। पन्ना चत्तालीसा तीसा बीसा दस सहस्सा ॥ १५७ ॥ एए चेव आयरक्खा चउम्गुणा, कहिं णं भंते! हिद्विमगेविनगाणं देवाणं पत्ता पत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! हिट्ठिमगेविज्जगा देवा परिवसंति ?, गो०! आरणचुयाणं कप्पाणं उप्पिं जाव उड्ढ दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं हिडिमगेविजगाणं देवाणं तओ गे विजविमाणपत्थडा पं० पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिन्ना पडिपुन्नचंदसंठाणसंठिया अचिमालीभासरासिवण्णाभा सेसं जहा बंभलोगे जाव पडिरूवा, तत्थ णं हेट्टिमगेविज्ञगाणं देवा एकारसुत्तरे विमाणावाससए भवन्तीतिमक्खायं, ते णं विमाणा सवरयणामया जाव पडिरूवा, एत्थ णं हेट्ठिमगेविज्जगाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं०, तिभुवि लोगस्स असंखेज्जइभागे, तत्य णं बहवे हेडिमगेविजगा देवा परिवसंति सत्रे समिढिया सवे समज्जुइया सवे समजता सबै समचला सधे समाणुभावा महामुक्खा अनिंदा अपेस्सा अपुरोहिया अहमिंदा नामं ते देवगणा पं० समणाउसो, कहिं णं भंते! मज्झिमगाणं गेविनगाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! मज्झिमगेविज्जगा देवा परिवसंति ?, गो०! हे मिगेविनगाणं उप्पिसपक्खि सपडिदिसि जाव उप्पइत्ता एत्थ णं मज्झिमगेविजगदेवाणं तओ गेविजगविमाणपत्थडा पं० पाईणपडीणायया जहा हेट्टिमगेविजगाणं, नवरं सत्तुत्तरे विमाणावाससए हवन्तीतिमक्खायं, ते णं विमाणा जाव पडिरूवा, एत्थ णं मज्झिमगेविजगाणं जाब तिमुबि लोगस्स असंखिजइभागे, तत्थ णं बहवे मज्झिमगेविज्जगा देवा परिवर्तति जाब अहमिंदा नाम ते देवगणा पं० समणाउसो, कहिं णं भंते! उवरिमगेविज्जगाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! उबरिमगेविलगा देवा परिवर्तति ?, गो० ! मज्झिमविज्जगाणं उपिं जाब उप्पइत्ता एत्थ णं उवरिमगेविनगाणं तओ गेविजगविमाणपत्थडा पं० पाईणपडीणायया सेसं जहा हेहिमगेविजगाणं नवरं एगे विमाणावाससए भवन्तीतिक्वायं से तहेव भाणियां जाव अहमिंदा नामं ते देवगणा पं० समणाउसो, 'एकारसुत्तरं हेडिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए। सयमेगं उबरिमए पंचेव अणुत्तरविमाणा ॥ १५८ ॥ कहिं णं भंते! अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पं० कहिं णं भंते! अणुत्तरोववाइया देवा परिवसंति १, गो० ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढ दूरं उप्पइत्ता सोहम्मीसाणसणकुमारजावआरणअनुयकप्पा तिनि अट्ठारसुत्तरे गेविजगविमाणावाससए बीइवइत्ता तेण परं दूरं गया (१७३) ६९२ प्रज्ञापना, यद-२ मुनि दीपरत्नसागर क Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नीरया निम्मला वितिमिरा विसुद्धा पंचदिसि पंच अणुत्तरा महइमहालया महाविमाणा पं० त०- विजए वेजयंते जयंते अपराजिए सबढसिद्धे, ते णं विमाणा सश्वरयणामया अच्छा० पडिरूवा, एत्य णं अणुत्तरोववाइयाण देवाण पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा 40 तिसुवि लोगस्स असंखेजइभागे. तत्थ ण बहवे अणुत्तरोववाहया देवा परिवसंति, सो समिढिया० सधे समबला सके समाणुभावा महासुक्खा अणिंदा अप्पेस्सा अपुरोहिया अहमिंदा नाम ते देवगणा पं० समणाउसो! 1५३। कहिं भंते ! सिद्धार्ण ठाणा पं० कहिण भंते सिद्धा परिवसति?, गो! सबसिद्धस्स महाविमाणस्स उवरिछाओ यूभियग्गाओ दुवालस जोयणे उड़े अचाहाए एत्य णं ईसीपब्भारा णामं पुढवी ५० पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खं . भेणं एगा जोयणकोडी वायालीसं च सयसहस्साई तीसं च सहस्साई दोनि य अउणापन्ने जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवणं पं० ईसिपम्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेते अट्ठ जोयणाई बाहलेणं पं० तओ अर्णतरं च णं मायाए २पएसपरिहाणीए परिहायमाणी २ सवेसु चरमंतेसु मच्छियपत्ताओ तणुययरी अंगुलस्स असंखेजइभार्ग बाहलेणं पं०, ईसीपम्भाराए णं पुढवीए दुवालस नामधिज्जा पं० त० ईसिइ वा ईसीपम्भाराइ वा तणुइ वा तणुतणुइ वा सिद्धित्ति वा सिद्धालएति वा मुत्तित्ति वा मुत्तालएइ वा लोयग्गेत्ति वा लोयग्गथूभियाति वा लोयग्गपडिवुज्ाणाइ वा सवपाणभूयजीवसत्तसुहावहाइ वा, ईसीपभारा णं पुढवी सेया संखदलविमलसोस्थियमुणालदगरयतुसारगोक्खीरहारवण्णा उत्ताण| यच्छत्तसंठाणसंठिया सबजुणसुवण्णमई अच्छा सण्हा घट्ठा मट्ठा नीरया निम्मला निप्पंका निकंकडच्छाया सप्पभा समिरिया सउज्जोया पासाईया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा, ईसीपभाराए णं पुढवीए सीआए जोयणम्मि लोगंतो तस्स णं जोयणस्स जे से उवरि गाउए तस्स र्ण गाउयस्स जे से उवरिले छब्भागे एत्य णं सिद्धा भगवंतो साइया अपज्जव. सिया अणेगजाइजरामरणजोणिसंसारकलंकलीभावपुणब्भवगम्भवासवसहीपवंचसमइकता सासयमणागयदं कालं चिट्ठति, तत्यवि य ते अवेया अवेयणा निम्ममा असंगा य संसारविप्पमुक्का पएसनिश्वत्तसंठाणा 'कहिं पडिहया सिद्धा, कहिं सिद्धा पइट्ठिया। कहिं चोदि चइत्ताणं, कत्य गंतूण सिज्झइ ? ॥९॥ अलोए पडिहया सिद्धा, लोयग्गे य पइट्ठिया। इह बॉविं चइत्ताणं, तत्थ गंतूण सिज्झइ ॥१६०॥ दीहं वा हस्सं वा जं चरिमभवे हविज संठाणं । तत्तो तिभागहीणा सिद्धाणोगाणा भणिया ॥१॥ संठाणं तु इहं भवं चयंतस्स चरिमसमयमि। आसी य पदेसघणं तं संठाणं तहिं तस्स ॥२॥ तिन्नि सया तित्तीसा धणुत्तिभागोय होइ नायचो। एसा खलु सिद्धाणं उक्कोसोगाहणा भणिया ॥३॥ चत्तारि य रयणीओ रयणी तिभागणिया य बोडवा। एसा खल सिद्धाणं मज्झिम०॥४॥एगा य होइ रयणी अट्टेव य अंगुलाई साहियया।एसा खल सिद्धाणं जह०॥५॥ ओगाहणाइ सिद्धा भवत्तिभागेण होति । परिहीणा। संठाणमणित्थंथं जरामरणविप्पमुकाणं ॥६॥ जत्थ य एगो सिद्धो तत्थ अणंता भवक्खयविमुक्का। अन्नोऽनसमोगाढा पुट्ठा सधेवि लोगते ॥७॥ फुसइ अणते सिद्धे सञ्चपएसेहिं नियमसो सिहो। तेऽवि य असंखिज्जगुणा देसपएसेहिं जे पुट्ठा ॥८॥ असरीरा जीवघणा उवउत्ता दसणे य नाणे या सागारमणागारं लक्खणमेयं तु सिद्धाणं ॥९॥ केवलनाणुवउत्ता जाणता सवभावगुणभावे । पासंता सबओ खलु केवलदिट्ठीहिणताहि ॥१७०॥ नवि अस्थि माणुसाणं तं सुक्खं नवि य सचदेवाणं । जं सिदाणं सुक्खं अचाबाहं उवगयार्ण ॥१॥ सुरगणसुहं समत्तं सचद्धापिंडियं अर्णतगुणं । नवि पावइ मुत्तिमुहं णंताहिं वग्गवग्गृहि ॥२॥ सिद्धस्स सुहो रासी सचद्धापिंडिओ जइ हवेजा। सोऽणंतवग्गभइओ सबागासे न माइज्जा ॥३॥ जह णाम कोइ मिच्छो नगरगुणे बहुविहे वियागतो। न चएइ परिकहेउं उवमाए तहिं असंतीए॥४॥ इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवम नत्थि तस्स ओवम्म। किंचि. विसेसेणित्तो सारिक्वमिणं सुणह वोच्छं ॥५॥ जह सबकामगुणिय पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोई। तण्हाछुहाविमुको अच्छिज जहा अमियतित्तो॥६॥ इय सबकालतित्ता अतुलं निश्वाणमुवगया सिद्धा। सासयमवावाहं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता ॥७॥सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य पारगयत्ति य परंपरगयत्ति। उम्मुक्कम्मकवया अजरा अमरा असंगा य॥८॥ निच्छिन्नसक्दुक्खा जाइजरामरणबंधणविमुक्का। अब्बाबाह सोक्खं अणुहोंती सासर्य सिद्धा॥१७९॥५४॥ इइ ठाणपयं२॥ दिसि गइ ईदिय काए जोए वेए कसाब लेसा य। सम्मत्त नाण १० दसण संजय उवओग आहारे ॥१८०॥ भासग परित्त पजत्त सुहुम सन्नी भव२०ऽथिए चरिमे। जीवे य खित्त बन्धे पुग्गल महदंडए २७चेव॥१८१॥ दिसाणुवाएणं सवत्थोवा जीवा पच्छिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया।५५। दिसाणुवाएणं सवत्थोवा पुढविक्काइया दाहिणेणं उत्तरेणं विसेसाहिया पुरच्छिमेणं विसेसाहिया पच्छिमेणं विसेसाहिया, दिसाणु सपत्थोचा आउकाइया पच्छिमेणं पुरच्छिमेणं विसे० दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे, दिसाण सम्ब० तेउकाइया दाहिणुत्तरेणं पुरच्छिमेणं संखे. पच्छिमेणं विसे०, दिसा सवत्थोवा वाउकाइया पुरच्छिमेणं पच्छिमेणं विसे० उत्तरेणं विसे० दाहिणणं विसे०, दिसाणु सबथोवा वणस्सइकाइया पच्छिमेणं पुरच्छिमेणं विसे०. दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे०, दिसा० सबत्योवा बेईदिया पच्छिमेणं पुरच्छिमेणं विसे० दक्खिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे०, दिसा सवत्थोवा तेइंदिया पञ्चत्थिमेणं पुरच्छिमेणं विसे. ६९३ प्रज्ञापना, पद-३ मुनि दीपरत्नसागर Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 9 O दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे०, दिसाणु सङ्घत्योवा चउरंदिया पञ्चस्थिमेणं पुरच्छिमेणं विसे० दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे०, दिसाणु सवत्थोवा नेरइया पुरच्छिमपचत्थिम उत्तरेणं दाहिणं असंखे०, दिसाणु० सङ्घत्थोवा रयणप्पभापुढवीनेरइया पुरच्छिमपश्ञ्चत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे०, दिसाणु सवत्थोवा सक्कर० पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असं०, दिसाणुः सवत्थोवा वालुयः पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे, दिसाणुवाएणं सङ्घत्थोवा पंक० पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे०, दिसाणु० सङ्घत्थोवा धूम० पुरच्छिमपञ्च त्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखेजगुणा, दिसाणु सवत्थोवा तमः पुरच्छिमपच्चत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे०, दिसाणु० सवत्थोवा अहे सत्तमाते पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे०, दाहिणेहिंतो आहेसत्तमापुढवीनेरइएहिंतो उट्टाए० नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं असंखेजगुणा दाहिणिलेहिंतो तमा० नेर इएहिंतो पंचमाए० नेरइया पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा दाहिणेणं असंखे दाहिणिलेहिंतो धूम० नेरइएहिंतो चउत्थीए नेरइया पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा दाहिणेणं असंखे० दाहिणिहिंतो पंक० नेरइए हितो तइयाए० नेरइया पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं असंखे दाहिणिहिंतो वालु नेरइएहिंतो दुइयाए नेरइया पुरच्छिमपचच्छिमउत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं असंखे० दाहिणिडेहिंतो सकर० नेरइएहिंतो इमीसे रयण नेरइया पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं असंखे दाहिणेणं असंखे०, दिसा० सवत्थोवा पंचिदियतिरिक्खजोणिया पच्छिमेणं पुरच्छ्रिमेणं विसे० दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे०, दिसाणु सवत्थोवा मणुस्सा दाहिणउत्तरेणं पुरच्छिमेणं संखे० पच्चत्थिमेणं बिसे० दिसाणु सम्रत्थोवा भवणवासी देवा पुरच्छिमेणं पचत्थिमेणं विसे० उत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं असंखे०, दिसाणु० सङ्घत्थोवा वाणमंतरा देवा पुरच्छिमेणं पचत्थिमेणं विसे० उत्तरेणं विसे० दाहिणेण विसे०, दिसाणु सङ्घत्योवा जोइसिया देवा पुरच्छिमपच्चत्थिमेणं दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसे०, दिसाणु सव्वत्थोवा देवा सोहम्मे कप्पे पुरच्छिमपच्चत्थिमेण उत्तरेण असंखे० दाहिणेणं विसे, दिसाणु० सव्वत्थोवा देवा ईसाणे कप्पे पुरच्छिमपच्चत्थिमेणं उत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं विसे, दिसाणु सम्रत्थोवा देवा सर्णकुमारे कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं उत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं विसे०, दिसाणु सव्वत्योवा देवा माहिंदे कप्पे पुरच्छिमपचत्थिमेणं उत्तरेणं असंखे० दाहिणेणं विसे०, दिसाणु सव्वत्थोवा देवा बंभलोए कप्पे पुरच्छिमपच्चत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे, दिसाणु सव्वत्थोवा देवा लंतए कप्पे पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे, दिसाणु सव्यस्थोवा देवा महामुके कप्पे पुरच्छिमपञ्चस्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे०, दिसाणु सव्वत्योवा देवा सहस्सारे कप्पे पुरच्छिमपच्चत्थिमउत्तरेणं दाहिणेणं असंखे, तेण परं बहुसमोववन्नगा समणाउसो, दिसाणु वाणं सत्थोवा सिद्धा दाहिणेणं उत्तरेणं विसे पुरच्छिमेणं संखे० पचत्थिमेणं विसे० । दारं १ । ५६ । एएसिं णं भंते! नेरइयाणं तिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं देवाणं सिद्धाण व पंचग तिसमासेणं कतरे ०१, गो० सवत्थोवा मणुस्सा नेरइया असंखे देवा असंखे सिद्धा अनंत तिरिक्खजोणिया अनंत०, एएसि णं भंते! नेरइयाणं तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजो - जिणीर्ण मणुस्साणं मणुस्सीणं देवाणं देवीणं सिद्धाण य अट्टगतिसमासेणं कतरे ०१, गो०! सङ्घत्थोवाओ मणुस्सीओ मणुस्सा असंखे० नेरड्या असंखे० तिरिक्खजोणिणीओ असंखे० देवा असंखे० देवीओ संखेज सिद्धा अनंत तिरिक्खजोणिया अनंत । दारं २।५७। एएसि णं भंते! सइंदियाणं एगिं० बेई० तेइंदि॰ चउरिंदि० पंचिदि० अणिदियाण य कयरे ०१. गो० ! सहत्थोवा पंचिंदिया चउरिंदिया विसे० तेइंदिया विसे० बेइंदिया विसे० अनिंदिया अनंत एगिं० अ० सइंदिया विसे०, एएसि णं भंते! सइंदियाणं एगिंदि० बेई० तेई० चाउरिं० पंचि० अपजत्तगाणं कतरे ०१, गो० ! सङ्घत्थोवा पंचिंदिया अप० चउरिंदिया अप० विसे० तेइंदिया अप० विसे बेइंदिया अप० विसे० एगिंदिया अप० अर्णतः सइंदिया अप० विसेसाहिया, एएसिं णं भंते! सइंदियाणं एगिंदियाणं बेई० तेई० चउरिं० पंचिं० पजत्ताणं कतरे ०१, गो० सङ्घस्थोवा चउरिंदिया पजत्तगा पंचिदिया पज्ज० विसे० बेइंदिया पज्जत्तया विसे तेइंदिया पज्जत्तया विसे एगिंदिया पजत्तगा अनंत सइंदिया पज्जत्तगा विसे०, एएसिं णं भंते! सइंदियाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे ०१, गो० ! सङ्घत्थोवा सइंदिया अपजत्तगा सइंदिया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा, एएसिं णं भंते! एगिंदियाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे ०१, गो०! सङ्घत्थोवा एगिंदिया अपजत्तगा एगिंदिया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा, एएसि णं भंते! बेइंद्रियाणं पजत्तापजत्तगाणं कयरे ०१, गो० ! सङ्घत्थोवा बेइंदिया पजत्तगा बेइंदिया अपन असंखे०, एएसिं णं भंते! तेइंदियाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे० १, गो० ! सङ्घत्थोवा तेइंदिया पजत्तगा तेइंदिया अपज्ज असंखे, एएसि णं भंते! चउरिंदियाणं पञ्जत्तापजत्ताणं कयरे ०१, गो० ! सवत्थोवा चउरिंदिया पज्जत्तगा चउरिंदिया अपन असंखे०, एएसि णं भंते! पंचिदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे० १, गो०! सवत्थोवा पंचेंदिया पजत्तगा पंचि अपज असंखे०, एएसि णं भंते! सइंदि० एगि० ई० तेई० चउरिं० पंचि पजत्तापत्ताणं कयरे ०१, गो०! सवत्थोवा चउरिंदिया पजत्तगा पंचिं० पजत्तगा विसे० बेइंदिया पजत्तगा विसे० तेइंदिया पजत्तगा विसे० पंचिंदिया अपनत्तगा असंखेज चउरिंदिया ६९४ प्रज्ञापना: यद- ३ • ० मुनि दीपरत्नसागर Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ KARE R अपजत्तगा विसे तेइंदिया अपज्जत्तगा विसे बेइंदिया अपजत्तगा विसे० एगिदिया अपज्जत्तगा अर्णत० सइंदिआ अपज. विसे० एगिदिया पजत्तगा संखेजः सइंदिआ पज्जत्तगा विसे० सईदिया विसेसाहिआ। दारं ३।५८ा एएसि भंते ! सकाइयाणं पुढवी आउ० तेउ० वाउ० वणस्सइ० तस० अकाइयाण य कयरे?, गो! सनत्थोवा तसकाइया तेउकाइया असंखे० पुढवी विसे• आउ० विसेक बाउ, विसे० अकाइया अणंत० वणस्सइ० अर्णत० सकाइया विसेसाहिया, एएसिं णं भंते ! सकाइयाणं पुढवीकाइयाणं आउ० तेउ. बाउ० वणस्सइ० तसका० अपज्जत्तगाणं कयरे०१, गो० ! सबत्योवा तसकाइया अपजत्तगा तेउ० अपज असंखे० पुढवी० अपज्ज विसे० आउ० अपज्जा विसे वाउ० अपज. विसे० वणस्सइ० अपज० अर्णत० सकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, एएसिं भंते! सकाइयाणं पुढवी० आउ० तेउवाउ० वणस्सइ तसकाइयाणं पजत्तगाणं कयरे०१, गो०! सनत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा तेउ० पजत्तगा असंखे. पुढवी० पजत्तगा विसे० आउ० पज्जत्तगा विसेवाउ० पजत्तगा बिसे० वणस्सइ० पज विसेसाहिया, एएसिणं भंते! सकाइयाण पजत्तापज्जत्तगाणं कयरे०?, गो! सबत्योवा सकाइया अपजत्तगा सकाइया पजत्तगा संखेजगुणा, एएसिंणं भंते ! पुढवीकाइयाणं पजत्तापज्जत्तगाणं कयरे०१, गो०! सब्ब० पुढवीकाइया अपजत्तगा पुढवी० पज्जत्तगा संखे०, एएसिणं भंते! आउकाइयाणं पज्जत्तापजत्तार्ण कयरे०?, गो०! सबथोवा आउ० अपजत्तगा आउ० पजत्तगा संखे०.एएसिणं भंते ! तेउ० पजत्तापजत्तार्ण कयरे?, गोसव्वत्योवा तेउ० अपज्जत्तगा तेउ० पजर गो! सव्वत्थोवा वाउ० अपज्जत्तगा वाउ० पजत्तगा संखे०, एएसिं णं भंते ! वणस्सइ० पजत्तापज्जत्ताणं कयरे०?, गो०! सब्बत्थोवा वणस्सइ. अपज्जत्तगा वणस्सइ० पज्जत्तगा संखे०, एएसिं णं भंते ! तसकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, सव्वत्थोवा तस० पज्जत्तगा अपज्जत्तगा असंखे०, एएसिणं भंते ! सकाइयाणं पुढवी० आउ० तेउ० वाउ० वणस्सइ० तस० य पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो०! सब्वत्थोवा तस० पज्जत्तगा तस अपज्जत्तगा असंखे० तेउ० अपज्जत्तगा असंखे० पुढवी० अपज्जत्ता विसे० आउ० अपज्जत्तगा विसे वाउ० अपज्जत्तगा विसे० तेउ० पज्जत्तगा संखे० पुढवी पज्जत्ता विसे० आउ०पज्जत्ता विसे० वाउ० पज्जत्ता विसे० वणस्सइ० अपज्जत्ता अणंत० सका० अपज्जत्तगा विसे० वणस्सइकाइआ पज्जत्तगा संखे० सकाइया पज्जत्तगा विसे० सकाइया विसेसाहिया । ५९। एएसिं णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढवी सुहुमआउ० सुहुमतेउ० सुहुमबाउ० सुहुमवणस्स. मुहुमनिओयाणं कयरे०१, गो०! सवत्थोवा मुहुमतेउ० सुहुमपुढवी. विसे० मुहुमआउ० विसे० सुहुमवाउ० विसे० सुहुमनिगोदा असंखे० मुहुमवणस्सइ० अर्णतः मुहुमा विसे, एएसिणं भंते ! मुहुम० अप० सुहुमपुढवी सुहुमआउ० सुहुमतेउ० सुहुमबाउ० सुहुमवण सुहुमनिगोदाणं अपजत्ताणं कयरे०?, गो० ! सबथोवा सुहुमतेउ० अप० सुहुमपुढवी. 1 अप०विसे०सुहमआउ० अप०विसे. मुहमवाउ० अप० विसे० सुहमनिगोदा अप० असंखे० सुहमवण अप० अर्णतगुणा मुहमा अपजत्तया विसेसा,एएसि णं भंते ! सुहुमप जत्त० सुहुमपुढवीका० पजत्त० मुहुमआउ० पजत्त० सुहुमतेउ० पज्जत्त० मुहुमवाउ० पज्जत्तगाणं सुहुमवणस्सइ० पज्जत्त मुहुमनिगोद० पजत्तगाण य कयरे?, गो० सबथोवा सुहमतेउ० पजत्तगा सुहुमपुढवी० पजत्लगा विसेसा सुहमआउ० पजत्तगा विसेसा सुहुमवाउ० पज विसेसा० सुहमनिगोया पज० असंखेजगुणा सुहुमवण पजत्त० अर्णतगुणा मुहुमपज्जत्त विसेसा०, एएसिणं भंते ! सुहुमाणं पजत्तापज्जत्तगाणं कयरे०१, गो० ! सवत्थोवा सुहुमअपज्जत्तगा मुहुमपजत्तगा संखे०, एएसिं णं भंते! सुहुमपुडवी० पजत्तापजत्तार्ण कयरे०?, गो०! सञ्बत्थोवा सुहुमपुढवीकाइया अपजत्तया सुहुमपुढवीकाइया पजत्तया संखेजगुणा, एएसिंगंभंते ! सुहुमआउ० पजत्तापज्जत्तगाणं कयरे?, गो०! सबथोवा आउ० पज्जत्तगा संखे०, एएसिणं भंते! सहमतेउ० पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो०! सवत्थोया सहमतेउ० अपज्ज० मुहुमतेउ० पज्जत्ता संखे० एएसिणं भंते! सुहुमवाउ० पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०?, गो०! सवत्थोवा सुहुमवाउ० अपज्जा मुहुमवाउ० पज्जा संखेज्ज०, एएसिं णं भंते ! मुहुमवण० पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०?, गो०! सबथोवा सुहुमवण अपज्ज० मुहुमवणस्सइपज्जत्तगा संखे०, एएसिणं भंते ! सुहुमनिगोयाणं पज्जत्ताप० कयरे?, गो०! सश्त्थोवा सुहुमनिगोया अपज्जत्त० सुहुमनिगोया पज्जत्तगा संखेज्ज०, एएसिणं भंते! सुहुमाणं सुहुमपुढ० सुहुमआउ० सुहुमतेउ० सुहुमवाउ० सुहुमनिगोदाण य पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०?, गो० सवत्थोवा मुहुभतेउ० अपज्जत्तया सुहमपुढवी अपज विसेसा० सुहुमआउ० अपज. विसेसा० सुहुमवाउ० पज. विसेसा सुहुमतेउ० अपज० संखेज० सुहमपुढवीपजत्तगा विसेसा० सुहुमआउ० पज्जत्तगा विसेसा० सुहुमवाउ० पजत्तगा विसेसा० सुहुमनिगोदा अपज. असंखे० सुहुमनिगोदा पजत्तगा संखे० सुहुमवण० पज० अर्णतगुणा सुहुमअपज्ज. बिसेसा सुहुमवण. पजत्तगा संखेज० सुहुमपजत्तगा विसेसा सुहुमा० विसेसाहिया।६०। एएसिं गं भंते! बादराणं बादरपुढवीकाइयाणं वादरआउ० वादरतेउ० बादरखाउ० वादरवणस्सइ० पत्तेयसरीरबाद६९५ प्रज्ञापना पढ़-३ मुनि दीपरनसागर Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रवण बावरनिगोदाणं वावरतस० कयरे०१, गो०! सच्चत्योवा बादरतसकाइया बावरतेउ० असंखे० पत्तेयसरीरवादरवणस्सइ० असंखे. पादरनिगोदा असंखे. पावरपुढवी असंखे० पावरआउ० असं० बावरवाउ० असंखे० बादरवणस्स० अर्णत. बादरा विसेसाहिया, एएसिण भंते ! वादरपुढवीकाइयअपजत्तगाणं बादरआउ० बादरतेउ० बादरखाउ० बादरवणस्सइ. पत्तेयसरीवावरवणस्सइ बादरनिगोद० बादरतसकाइ अपज्जत्तगाणं कयरे०१, गो! सत्योवा वादरतसकाइया अपज्जत्तगा बादरतेउ० अपज्ज. असंखे० पत्तेयसरीरवादरवणस्सइ० अपज्जत्तगा असंख० बादरनिगोदा अपज्ज. असंखे० बायरपुढवी अपज्ज असंखे० बादरबाउ० अपज्ज० असंखे० बादरवाउ० अपज्ज० असंखे० बादरवणस्सइ० अपज्ज. अर्णत० बादरअपज्जत्तगा विसेसाहिया, एएसिं णं मंते ! वायरपज्जत्तयाण बादरपुढवीकाइयाणं पज्जत्तयाणं वायरआउ० पज्जत्तयाणं वायरतेउ० पज्जत्तयाणं पायरवाउ० पज्जतयार्ण पत्तेयसरीवायरवणस्सइ० पज्जत्तयाणं वायरनिगोदप० बादरतसकाइयपज्ज० य कयरे०१, गो० ! सबत्योवा बायरतेउ० पज्जत्तया बायरतस० पज्जत्तया असंखे० पत्तेयस. रीवायरवणस्सई० पज्जत्तया असंखे० बायरनिगोदा पज्जत्तया असंखे० चादरपुढवी० पज्जत्तया असंखे० बायरआउ० पज्जत्तया असंखे० बायरखाउ० पज्जत्तया असंखे० बायरवणस्सइ० पज्जत्तया अर्णतगुणा बायरपज्जत्तया विसेसाहिया, एएसिंण भंते! पायराणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो०! सवत्योवा वायरप० वायरअप० असंखेज्जगुणा, एएसिं ] भंते ! वायरपुढवी० पजत्तापजत्ताणं कयरे?, गो०! सबत्योवा वायरपुढवी० पज्जत्तया पायरपुढवी० अपजत्तया असंखे०, एएसि णं भंते ! वायरआउकाइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो०! सबथोवा पायरआउकाइया पजत्तया पायरआउ० अपजत्तगा असंखेजगुणा, एएसिं णं भंते ! वायरतेउकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे०१, गो०! सावत्योवा बायरतेउ० पजत्तया अपजत्तया असंख०,एएसिण भत! बायरवाउ०पज्जत्तापजत्ताण कयर, गा०. सबस्यावा बादरखाउ० पजत्तया पायरवाउ० अपज्जत्त पायस्वणस्सइकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो! सबत्योबा बायरवणस्सइ० पज्जत्तया बायरवणस्सइ० अपज्जत्तया असंखे०, एएसिंण भंते ! पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० पज्जत्तापज्जत्तार्ण कयरे०१, गो०! सबत्योचा पत्तेयसरीरवायरवणस्सइ० पज्जत्तया पत्तेयसरीवायरवणस्सइ० अपज्जत्तया असंखे०, एएसि णं भंते ! बायरनिगोयाणं पज्जत्तापज्जसार्ण कयरे०१, गो०! सबत्योवा पायरनिगोया पज्जत्ता वायरनिगोया अपज्जत्ता असंखे०, एएसिं णं भंते ! वायरतसकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तार्ण कयरे०१, गो०! सव्वत्थोवा वायरतसकाइया पज्जत्ता वायरतसकाइया अपज्जत्ता असंखे०, एएसिणं भंते ! बायराण वायरपुढवी० बायरआउ० पायरतेउ० बायरवाउ० बायरवणस्सइ० पत्तेयसरीखायरवणस्सइ० बायरनिगोयाणं पायरतस० पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो०! सव्वत्थोवा पायरतेउ० पज्जत्तया वायरतस० पज्जत्तया असंखे० बायरतस० अपज्जत्तया असंखे० पत्तेयसरीरबायरवण - स्सइ० पज्जत्तया असंखे० पायरनिगोया पज्जत्तया असंखे० बादरपुढवी० पजत्तया असंखे० बायरआउ० पजत्तया असंखे० बायरवाउ० पज्जत्तया असंखे० वायरतेउ० अपज्जत्ता असंखे० पत्तेयसरीस्थायरवणस्सइ० अपजत्तया असंखे० वायरनिगोया अपजत्तया असंखे० वायरपुढवी० अपजत्तया असंखे० बायरआउ० अपज्जत्तया असंखे० बायरवाउ० अपज. त्तया असंखे० वायरवणस्सइ० पजत्तया अणंत० बायरवणस्सइ० अपजत्तया असंखे० बायरजपज्जत्तया विसेसा० बायरा विसेसा० ।६१। एएसिं ण मंते ! सुहुमार्ण सुहुमपुटवी. मुहुमाउ० मुहुमतेउ० मुहुमवाउ० मुहुमवणस्सइ० सुहुमनिगोयाणं वायराणं वायरपुढवी० बायरआउ० बायरतेउवायरवाउ० बायरवणस्सइ० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० बायरनिगोयाणं तसकाइयाण य कयरे०१, गो०! सञ्बत्थोवा वायरतसकाइया वायरतेउ० असंखे० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० असंखे० चायरनिगोया असंखे० चायरपुढवी० असंखे० पायरआउ० असंखे० वायरखाउ० असंखे० सुहुमतेउ० असंखे० सुहुमपुढवी. विसे० सुहुमआउ० विसे० सुहुमवाउ० विसे० सुहुमनिगोया असंखे० बायरवणस्सइ० अणंत० बायरा विसे० सुहुमवणस्सइ० अर्णतगुणा सुहमा विसे०, एएसिणं भंते! सुहुमअपज्जत्तयाणं सुहुमपुढवी० अपज्जा सुहुमआउ० अपज्जा सुहुमतेउ० अपज्ज० सुहुमवाउ० अपज्ज० मुहुमवणस्सह. अपज. सुहुमनिगोयाणं अपज० वायरअपज्ज० पायरपुढवी. अपज्जा वायरआउ० अपज० बायरतेउ० अपज० चायरवाउ० अपज बायरवणस्सइ० अपज्ज० पत्तेयसरीरवायखणस्सइ० अपज० बायरनिगोयाणं अपज्ज० बायरतसकाइयाणं अपजत्तयाण कयरे०१, गो! सबत्योवा बायरतस० अपजत्तया बायरतेउ० अपजत्तया असंखे० पत्तेयसरीरवायरवणस्स० अपजत्तया असंखे० बायरनिगोया अपजत्तया असंखे० बायरपुढवी० अपजत्तया असंखे० बादरआउ० अपजत्तया असंखे० बायरवाउ० अपजत्तया असंखे० मुहुमतेउ० अपजत्तया असंखे० मुहुमपुढवी० अपजत्तया विसे० सुहुमाउ० अपज्जत्तया विसे० सुहुमवाउ० अपज विसे० सुहमनिगोया अपज असंखे० पायरवणस्सइ० अपज्जत्तया अर्णतः बायरा अपजत्तया विसे० सुहुमवणस्सइ० अपज्जत्तया असंखे० मुहुमा अफजत्तया विसेसाहिया, एएसिं णं भंते ! सुहुमपज्जत्तयाणं सुहुमपुढवी पज्जत्तयाणं सुहुमआउ० पज्जत्तयाणं सुहुमतेउ० पजत्तयाणं सुहुमवाउ० पजत्तयाणं सुहुमवणस्सइ० पजत्तयाणं सुहुमनिगो० पज्जत्तयाणं बायरपजत्तयाणं मायरपुढवी० पजत्तयाणं वायरआउ० पज्जत्तयाणं (१७४) ६९६ प्रज्ञापना, पद-३ मुनि दीपरत्नसागर Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बायरतेउ० पजत्तयाणं वायरवाउ० पजत्तयाणं पायरवणस्सइ पजत्तयाणं पत्तेयसरीरवायरवणस्सइपजत्तयाणं वायरनिगोयाणं पजत्तयाणं वायरतसकाइयपजत्तयाण य कयरे?, गो०! सबत्योवा पायरतेउकाइया पज्जत्तया बायरतस० पज्जत्तया असंखे० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० पज्जत्तया असंखे० बायरनिगोया पज्जत्तया असंखे० वायरपुढवी. पज्जत्तया असंखे० बायरआउ० पज्जत्तया असंखे० बायरवाउ० पम्जत्तया असंखे० सुहुमतेउ० पज्जत्तया असंखे० मुहुमपुढवी० पज्जत्तया विसे० सुहमाउ० पज्जत्तया विसे० मुहुमबाउ० पज्जत्तया विसे सुहुमनिगोया पज्जत्तया असंखे० बायरवणस्सइ० पज्जत्तया अर्णतः वायरपजत्तया विसे० सुहुमवणस्सइपजत्तया असंखे० सुहुमपज्जत्तया विसेसाहिया, एएसिं णं भंते ! सुहमाणं वायराण य पजत्तापजत्ताणं कयरे०१, गो० ! सवत्थोवा बायरा पजत्तया बायरअपजत्तया असंखे० मुहुमअपजत्तया असंखे० मुहुमपजत्तया संखे०, एएसिं गं भंते ! सुहुमपुढवी० बायरपुढवी० य पज्जत्तापजत्ताणं कयरे०१, गो०! सचत्योवा वायरपुढवी० पजत्तया बायरपुढवी० अपजत्तया असंखे० सुहमपुढवीकाइया अप्प० असं० मुहुमपुढवी० पजत्तया संखे०, एएसिं णं भंते ! मुहुमआउकाइयाणं वायरआउ० य पजत्तापजत्ताणं कयरे०१, गो०! सच्चत्थोवा बायरआउ० पजत्तया बायराउ० अपजत्तया असंखे. सहुमआउ० अपजत्तया असंखे० सुहुमआउ० पज्जत्तया संखे०, एएसिणं भंते ! सुहुमतेउ० पायरतेउ० यपज्जत्तापज्जत्तार्ण कयरे०१, गो० सपत्थोवा पायरतेउ० पज्जत्तया वायरतेउ. अपज्जत्तया असं० मुहुमतेउ० अपज्जत्तया असंखे० सुहुमतेउ० पजत्तया संखे०, एएसिं गं भंते ! मुहुमवाउ० बायरवाउ० य पजत्तापजत्ताणं कयरे०१, गो०! सचत्योवा वायरखाउ० पजत्तया वायरवाउ० अपजत्तया असंखे० सुहमवाउ० अपजत्तया असंखे सुहुमवाउ० पजत्तया संखे०,एएसिंण भंते ! सुहुमवणसह पायरवणस्सइ० य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे०१, गो० ! सबत्योवा पायरवणस्सइ० पज्जत्तया वायरवणस्सइ० अपजत्तया असंखे० सुहुमवणस्सइ० अपजत्तया असंखे० सुहुमवणस्सइ० पजत्तया संखे०, एएसि णं भंते! सुहुमनिगो. याणं वायरनिगोयाण य पजत्तापजत्ताणं कयरे?, गो० ! सबत्योवा वायरनिगोयया पजत्तया वायरनिगोयया अपजत्तया असंखे० सुहुमनिगोयया अपजत्तया असंखे० सुहुमनिगोयया पज्जत्तया संखे०, एएसिं णं भंते ! मुहुमाणं सुहुमपुढवी सुहुमआउ० सुहुमतेउ० सुहुमवाउ० सुहुमवणस्सइ० सुहुमनिगोयाण बायराण वायरपुढवी० बायरआउ० बायर • तेउ० वायरवाउ० पायरवणस्सइ० पत्तेयसरीखायरवणस्सइ० वायरनिगोयाणं वायरतस० य पजत्तापजत्ताणं कयरे०?, गो०! सपत्थोवा बादरतेउकाइया पजत्तया वायरतस० पजत्तया असंखे. वायरतस० अपजत्तया असंखे० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० पज्जत्तया असंखे० बायरनिगोया पजत्तया असंखे० वायरपुढवी० पजत्तया असंखे० वायरआउ० पज्जत्तया असंख० बायरखाउ०पज्जत्तया असंखे० बायरतेउ० अपजत्तया असंखे० पत्तयसरीरबायरवणस्सह०अपजत्तया असख० बायरनिगाया अपजत्तया असख० पायरपुढवा० अपजत्तया असंखे० बायरआउ० अपज्जत्तया असंखे० बायरवाउ० अपजत्तया असंखे० सुहुमतेउ० अपजत्तया असंखे० सुहुमपुढवी अपज्जतया विसे० सुहुमाउ० अपज्जत्तया विसे० सुहुम. बाउ० अपज्जत्ता विसे० सुहुमतेउ० पजत्तया असंखे० सुहुमपुढवी० पज्जत्तया विसे० सुहुमआउ० पजत्तया विसे० सुहुनवाउ० पज्जत्तया विसे० सुहुमनिगोया अपजत्तया असंखे० सुहुमनिगोयया पजत्तया संखे० पायरवणस्सइपज्जत्तया अर्णतः बायरपज्जत्तया विसेसा. बायरवणस्सइ० अपज्जत्तया असंखे० पायरअपज्जत्तया विसेसा० बायरा विसेसा० मुहुमवणस्सइ० अपज्जत्तया असंखे० सुहमअपजत्तया विसेसा मुहुमवणस्सइपजत्तया संखे० सुहुमपजत्तया विसे० मुहमा विसेसा । दारं ५। ६२। एएसिणं भंते! जीवाणं स. योगीर्ण मण० वइ० काय अयोगीण य कयरे०१, गो ! सबथोवा जीवा मणयोगी वय० असंखे० अयोगी अणंत काय अणंत० सयोगी विसेसा । दारं ६।६३। एएसिं णं भन्ते ! जीवाणं सवेयगाणं इत्थी० पुरिस० नपुंसक० अवेयगाण य कयरे०१, गो०! सचत्योवा जीवा पुरिसवेयगा इत्थी संखे. अवेयगा अणंत नपुंसक० अर्णत. सतेयगा विसे. साहिया । दारं ७।६४। एएसिं णं भंते ! सकसाईणं कोह माण माया० लोह० अकसाईण य कयरे०१, गो०! सहत्थोवा जीवा अकसाई माण अणंत० कोह. विसेसा० माया. विसेसा० लोह विसेसा सकसाई विसेसाहिया ।दार दा६५। एएसिं णं भंते ! जीवाणं सलेसाणं किण्ह० नील० काउ० तेउ० पम्ह० मुक० अलेस्साण य कयरे?, गो० सञ्चत्योवा जीवा मुक्कलेस्सा पम्ह० संखे० तेउ० संखे० अलेस्सा अर्णत काउ० अणंत नील. विसेसा०किण्ह विसेसा सलेस्सा विसेसाहिया । दारं ९।६६। एएसिणं भंते ! जीवाणं सम्मदिट्ठीणं मिच्छादिट्ठीणं सम्मामिच्छादिट्ठीणं च कयरे०?, गो०! सबत्योवा जीवा सम्मामिच्छदिट्ठी सम्मदिट्ठी अर्णत० मिच्छादिट्ठी अर्णतगुणा । दारं १०।६७। एएसि णं भंते ! जीवाणं आभिणियोहियणाणीणं सुय० ओहि मणपजव० केवलणाणीण य कयरे०१, गो०! सबत्योवा जीवा मणपजव० ओहि असंखे० आभिणियोहिय० सुय० दोवि तुला विसे. केवलनाणी अर्णतगुणा, एएसिं णं भंते ! जीवाणं मइअशाणीणं सुयअ० विभंगणाणीण य कयरे०१, गो० सबत्योवा जीवा विभंगनाणी मइअ० सुयअ० दोवि तुला अणंतगुणा, एएसि ६९७प्रज्ञापना, पद मुनि दीपरत्नसागर Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 0 णं भंते जीवाण आभिणिवोहियणाणीणं सुय ओहि मणपज्जवः केवल मइअ सुयअ विभंगणाणीण य कयरे ०१, गोड सव्वत्थोवा जीवा मणपज्जव ओहि असंखे० आभिणिवोहिय [० सुय० दोषि तुला विसे० विभंगनाणी असंखेः केवलनाणी अनंत मइअन्नाणी सुयअन्नाणी य दोवि तुला अनंतगुणा दारं १० । ६८ एएसि ण भने जीवाणं चदंसणीण अचखु ओहि केवल० य कयरे ०१, गो० सव्वत्थोवा जीवा ओहिदंसणी चक्तु० असंखे केवल अनंत अचक्खुः अनंतगुणा दारं ११ । ६९ । एएसि णं भंते! जीवाणं संयताणं असंयताणं संजयासंजयाणं नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजयाण य कयरे ०१, गो०! सव्वत्थोवा जीवा संजया संजयासंयता असंखे नोसंयतानोअसंजयानोसं यतासंयता अनंत असंजया अनंत दारं १२ । ७० । एएसि णं भंते! जीवाणं सागारोवउत्ताणं अणागारोवउत्ताण य कयरे ०१. गो० ! समथोवा जीवा अणागारोवउत्ता सागारोवडत्ता संजगुणा । दारं १३ । ७१ । एएसि णं भंते! जीवाणं आहारगाण य अणाहारगाण य कयरे ०१, गो०! सङ्घत्थोवा जीवा अणाहारगा आहारगा असंखेजगुणा दारं १४। ७२ । एएसि णं भंते! जीवाणं भासगाणं अभासगाण य कयरे ०१, गो० ! सहत्थोवा जीवा भासगा अभासगा अनंतगुणा । दारं १५। ७३ । एएसि णं भंते! जीवाणं परीत्ताणं अपरीत्ताण य नोपरीतनो अपरीत्ताण व कयरे ०१. गो०! सवत्थोवा जीवा परीक्षा नोपरीत्तानो अपरीत्ता अनंत अपरीत्ता अनंतगुणा दारं १६ । ७४ । एएसि णं भंते! जीवाणं पजत्ताणं अपजनाणं नोपजत्तनो अपजत्ताण य कयरे ०१, गो०! सङ्घत्थोवा जीवा नोपजत्तनो अपजत्तगा अपजत्तगा अनंत पजत्तगा संखिजगुणा । दारं १७।७५। एएसि णं भंते! जीवाणं सुहमाणं बायराणं नोहुमनोवायराण य कयरे ०१, गो० सवत्थोवा जीवा नोहुमनोबायरा वायरा अनंत सुहुमा असंखेजगुणा । दारं १८ । ७६ । एएसि णं भंते! जीवाणं सत्रीणं असनीणं नोसीनो असनीण य कयरे०?, गो० सइत्थोवा जीवा सभी नोसनीनो असन्नी अनंत असन्नी अनंत दारं १९७७ एएसि णं भंते जीवाणं भवसिद्धियाणं अभवसिद्धियाणं नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धियाण य कयरे ०१, गो० ! सव्वत्थोवा जीवा अभवसिद्धिया णोभवसिद्धियणो अभवसिद्धिया अनंत भवसिद्धिया अनंत दारं २०७८ एएसि णं भंते! धम्मत्थिकाय अधम्मत्थिकाय आगासत्थिकायजीवत्थिकायपोग्गलत्थिकायअद्धासमयाणं दव्वट्टयाए कयरे० १, गो० ! धम्मस्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए एए णं तिन्निवि तुला दव्बट्टयाए सव्वत्थोवा जीवत्थिकाए दब्बट्टयाए अनंत पोग्गलस्थिकाए दब्बट्टयाए अनंत अदासमए दब्बट्टयाए अनंत०, एएसि णं भंते! धम्मत्धिकाय अधम्मत्थिकायआगासत्थिकायजीवत्थिकायपोग्गलस्थिकाय अद्धासमयाणं पएसट्टयाए कयरे० १, गो० ! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए एए णं दोवि तुला पएसट्टयाए सइत्थोवा जीवत्थिकाए पएसट्टयाए अनंत पोग्गलस्थिकाए पएसट्टयाए अनंत अदासमए पएसट्टयाए अनंत आगासत्थिकाए पएसट्टयाए अनंतगुणे, एयस्स गं भंते! धम्मस्थिकायस्स दव्वट्टयपएसट्टयाए कयरे० ?, गो०! सब्वस्थोवे एगे धम्मत्थिकाए दव्वट्टयाए से चैव पएसट्टयाए असंखे० एयस्स णं भंते! अधम्मत्थिकायस्स दब्बट्टपएसट्टयाए कयरे ०१, गो० ! सव्वत्थोवे एगे अधम्मथिकाए दब्बट्टयाए से चैव पएसट्टयाए असंखे० एयस्स णं भंते! आगासत्थिकायस्स दब्बट्टपएसट्टयाए कयरे ०१, गो० सव्वत्थोवे एगे आगासत्थिकाए दब्बट्टयाए से चेव पएसड याए अनंतगुणे, एयस्स णं भंते! जीवत्थिकायस्स दव्वट्टपएसट्टयाए कयरे ०१, गो०! सव्वत्थोवे जीवस्थिकाए दब्बट्टयाए से चैव पएसट्र्याए असंखे० एयस्स णं भंते! पोग्गलस्थि कायरस दव्वटुपएसट्टयाए कयरे ०१, गो० सव्वत्योवे पोग्गलस्थिकाए दब्बट्टयाए से चैव पएसट्टयाए असंखे, अद्धासमये न पुच्छिज्जइ पएसाभावा, एएसि णं भंते! धम्मत्यिका अधम्मत्विकाय आगासत्यिकायजीवत्थिकायपोग्गलस्थिकाय अद्धासमयाणं दव्बट्टपएसइयाए य कयरे०१, गो० ! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्धिकाए एए तिनिवि तुहा दव्वट्टयाए सब्वत्थोवा धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए य एएसिं णं दोनिवि तुला पएसडयाए असंखे० जीवत्थिकाए दब्बट्टयाए अनंत से चैव पएसडयाए असंखे: पोग्गलत्थिकाए दुब्वट्टयाए अर्णतः से चैव पएसट्टयाए असंखे० अद्धासमए दुब्बट्टपएसडयाए अनंत आगासत्थिकाए पएसइयाए अनंतगुणे । दारं २१ । ७९ । एएसि णं भंते! जीवाणं चरिमार्ण अचरिमाण व कयरे ०१, गो०! सइत्थोवा जीवा अचरिमा चरिमा अनंतगुणा । दारं २२।८० । एएसि णं भंते जीवाणं पोग्गलाणं अदासमयाणं सब्रदवाणं सव्वपएसाणं सव्वपजवाण य कयरे ०१, गो० ! सव्वत्थोवा जीवा पोग्गला अनंत अदासमया अर्णतः सव्वदच्या विसे० सव्वपएसा अनंत सम्बपजवा अनंतगुणा दारं २३।८१ । खेत्ताणुवाए सब्वत्थोवा जीवा उढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसेसा तिरियलोए असंखे• तेलुक्के असंखे० उड्ढलोए असंखे० अहोलोए बिसेसाहिया । ८२ । खेनाणुवाएणं सब्बत्थोवा नेरइया तेलोक्के अहोलोयतिरियलोए असंखे० अहोलोए असंखे०, खेत्ताणुवाएर्ण सब्वत्थोवा तिरिक्खजोणिया उढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखे • तेलोके असंखे० उड्ढलोए असंखे० अहोलोए विसे०, खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ तिरिक्खजोगिणीओ उड्ढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखे तेलोके संखे: अहोलोय६९८ प्रज्ञापना, यद-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निरियलोए संखे अहोलोए संसे निरियन्टोए संखेजगणाओ. खेनाणुवाएणं सबथोबा मणुम्सा नेलो के उटयोयनिरियटोए असंखे अहोलोयतिरियलोए संखे उड्ढलोए संखे० अहोरोए संखे निरियलोए संखे०, सेनाणुवाएणं सब्बन्धोवा मणुम्सीओ नेलोके उद्दढलोयनिरियोए संखेजगणाओ अहोसोयतिरियलोए संखे उड्ढलोए संखे. अहोलोए संखे० निरियलोए संखे०.खेनाणुवाएणं सत्रन्थोवा देवा उड्ढलोए उनढलोयनिरियलोए असंखेनेटोंके संखे अहोरोयनिरियन्टोए सखे अहोलोए संखि० तिरियलोए संखेज०, खेत्ता. णुवाएणं सबथोवाओ देवीओ उदलोए उडढलोयतिरियलोए असंखे नेलोके संखे: अहोलोयनिरियन्टोए संखे अहोन्योए संखेज तिरियलोए संखेजगुणाओ।८३। खेत्ताणुचा वासी देवा उढोए उडढलोयतिरियलोए असंखेनेन्लोक संखे. अहोलोयतिरियलोए असंखेतिरियलोए असंखे० अहोलोए असंखेजगणा, खेत्ताणुवाएणं सबथोवाओ भवणवासिणीओ देवीओ उड्ढलोए उढलोयतिरियलोए असंखे० नेटोके संखे. अहोलोयतिरियलोए असंखे० तिरियलोए असंखे. अहोलोए असंखेजगणाओ, खेत्ता. णुवाएर्ण समन्थोचा वाणमंतरा देवा उद्दढलोए उढलोयतिरियलोए असंखे तेलोके संखे- अहोलोयतिरियलोए असंखे० अहोलोए संखे० तिरियलोए संखेजगुणा, खेत्ताणुवाएणं सबस्थोवाओ वाणमंतरीओ देवीओ उद्दढलोए उढलोयतिरियलोए असंखे तेलोके संखे. अहोलोयतिरिवलोए असंखे० अहोलोए संखे० तिरियलोए संखेज्जगुणाओ, खेताणुवाएर्ण सवयोवा जोइसिया देवा उढलोए उइढलोयतिरियलोए असंखे नेलोके संखे. अहोलोयतिरियलोए असंखे. अहोलोए संखे० तिरियलोए असंखेज्जगुणा, खेत्ताणुवाएणं सवत्यो। वाओ जोइसिणीओ देवीओ उड्ढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखे तेलोके संखे. अहोलोयतिरियलोए असंखे. अहोलोए संखे० तिरियलोए असंखेजगुणाओ, खेत्ताणुवाएर्ण सवत्थोवा वेमाणिया देवा उड्ढलोयतिरियलोए तेलोंके संखे० अहोलोयतिरियलोए संखि अहोलोए संखि० तिरियलोए संखे० उड्ढलोए असंखिजगुणा, खित्ताणुवाएणं सबथोवाओ वेमाणिणीओ देवीओ उड्ढलोयतिरियलोए तेलोके संखे. अहोलोयतिरियलोए संखे० अहोलोए संखे तिरियलोएसंखे० उड्ढलोए असंखे०१८४ा खेत्ताणुबाएणं सबत्योवा एगिदिया जीवा उड्ढयोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखिक तेलोके असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसे०, खेत्ताणुबाएणं सवत्थोवा एगिदिया अपज्जत्तगा उइढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखे० तेलोके असंखे. उड्ढलोए असंखे. अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएणं सबथोवा एगिदिया जीवा पजत्तगा उड्ढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे तिरियलोए असंखि० तेलोक्के असं० उड्ढलोए असंखि• अहोलोए विसेसाहिया। ८५। खेत्ताणुवाएणं सवत्थोचा बिईदिया उइढ - लोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखि० तेलके असंखि० अहोलोयतिरियलोए असंखिक अहोलोए संखितिरियलोए संखिजगणा, खित्ताणवाएणं सबथोवा घेइंदिया अपज्जत्तया उडढलोए उडढलोयतिरियलोए असंखि तेलोके असंखे. अहोलोयतिरियलोए असंखिक अहोलोए संखि तिरियलोए संखिजगणा, खित्ताणवाएर्ण सव्वत्थोवा वेईदिया पज्जत्ता उड्ढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखिक तेलोके असंखि. अहोलोयतिरियलोए असंखे. अहोलोए संखि० तिरियलोए संखिजगुणा, खिताणुवाएणं सब्बत्थोवा तेइंदिया उइढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखि. तेलोके असंखि. अहोलोयतिरियलोए असंखि- अहोलोए संखि० तिरियलोए संखि०, खित्ताणुबाएणं सव्वत्थोचा तेइंदिया अपज्जत्तया उड्ढलोए उइढलोगतिरियलोए असंखि. तेलोके असंखि. अहोलोयतिरियलोए असंखि० अहोलोए संखि तिरियलोए संखिज्जगुणा, खित्ताणुवाएणं सबथोवा तेईदिया पज्जत्तया उइढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखिक तेलुके असंखि अहोलोयतिरियलोए असंखि. अहोलोए संखि तिरियलोए संखिज्जगुणा, खित्ताणुचाएणं सव्वत्थोवा चउरिदिया जीवा उड्ढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखिक तेलोंके असंखि० अहोलोयतिरियलोए असंखि. अहोलोए संखि० तिरियलोए संखि०, खित्ताणुवाएणं सब्वत्थोवा चरिंटिया जीवा अपज्जत्तया उइढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखिक तेलोके असंखिः अहोलोयतिरियलोए असंखि अहोलोए संखि तिरियलोए संखि०, खित्ताणुवाएणं सब्बत्योबा चउरिदिया जीवा पज्ज. नया उड्ढलोए उड्ढलोयतिरियलोए असंखि० तेलोके असंखि• अहोलोयतिरियलोए असंखि० अहोलोए संखि० तिरियलोए संखिज्जगुणा । ८६। खित्ताणुवाएणं सव्वस्थोवा पंचिंदिया तेलुके उड्ढन्ट्रोयतिरियलोए संखिक अहोलोयतिरियलोए संखिक उड्ढलोए संखि. अहोलोए संखि० तिरियलोए असंखिजगुणा, खित्ताणुवाएणं सबथोवा पंचिदिया अपजत्तया तेलोके उढलोयतिरियलोए संखे. अहोलोयतिरियलोए संखि उड्ढलोए संखि अहोलोए संखि० तिरियलोए असंखिजगुणा, खित्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिंदिया पजत्ता उड्ढलोए उड्ढलोयतिरियलोए संखि तेलुके संखिः अहोलोयतिरियलोए संखिः अहोलोए संखि तिरियलोए असंखिजगुणा।८७ खित्ताणुवाएर्ण सव्वत्थोवा पुढवीकाइया उइढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसेसा तिरियलोए असंखि तेलोके असंखि उड़ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया. खित्ताणुवाएणं सब्वत्थोवा पुढवीकाइया अपज्जत्ता उड्ढलोयतिरियलोए ६९९ पज्ञापना पद-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अहोलोयतिरियलोए विसेसा तिरियलए असंखि० तेलोके असंखि• उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खिताणुबाएर्ण सव्वत्थोवा पुढवीकाइया पजनया उद्दढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए बिसे तिरियलोए असखि० तेलुक्के असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुबाएणं सब्वत्थोवा आउकाइया उड्ढलोयतिरियलोए अ. होलोयतिरियलोए विसे तिरियलोए असंखि० तेलुके असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएर्ण सव्वत्थोवा आउकाइया अपज्जत्तया उइढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे तिरियलोए असंखि० तेलोक्के असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसे०, खित्ताणुवाएणं सव्वत्योवा आउकाइया पज्जना उड्ढलोयतिरियलोए अहो. लोयतिरियलोए विसे तिरियलोए असंखि० तेलोके असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएर्ण सम्बत्थोवा तेउकाइया उड्ढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरिय. लोए विसे० तिरियलोए असखि तेलोके असंखि० उड्ढलोए असंखि. अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेउकाइया अपज्जत्तया उड़ढलोयतिरियलोए अहोलो. यतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखि० तेलोके असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएर्ण सवयोवा तेउकाइया पज्जत्ता उड्ढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखि० तेलोके असंखि० उड्ढलोए असंखे० अहोलोए बिसेसाहिया, खित्ताणुवाएणं सवत्योवा बाउकाइया उड्ढलोयतिरियन्टोए अधोलोयति. रियलोए विसेसा तिरियलोए असंखे० तेलोक्के असंखे० उड्ढलोए असंखे० अधोलोए विसेसा०, खित्ताणुवाएणं सवत्योवा वाउकाइया अपज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए अहो. लोयतिरियलोए विसे तिरियलोए असंखि० तेलुके असखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, सित्ताणुवाएर्ण सवयोवा वाउकाइया पजत्तया उड्ढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे तिरियलोए असंखि० तेलुके असंखि उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएणं सवत्योवा वणस्सइकाइया उड्ढलोयतिरियलोए अहो. लोयतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखि० तेलोके असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएर्ण सशत्थोवा वणस्सइकाइया अपजत्नया उड्ढलोयतिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे.तिरियलोए असंखि तेलके असंलि. उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, खित्ताणुवाएणं सबत्योचा वणस्सइकाइया पज्जत्तया उड्ढलोय. तिरियलोए अहोलोयतिरियलोए विसे० तिरियलोए असंखि० तेलुके असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया । ८८ खित्ताणुवाएणं सवत्थोवा तसकाइया तेलोके उड्ढ. लोयतिरियलोए असखि० अहोलोयतिरियलोए संखि० उड्ढलोए संखि० अहोलोए संखि० तिरियलोए असंखेजगुणा, खित्ताणुवाएणं सवत्थोवा तसकाइया अपज्जत्तया तेलोके उड़द लोयतिरियलोए संखे. अहोलोयतिरियलोए संखि० उड्ढलोए संखि. अहोलोए संखि० तिरियलोए असंखेजगुणा, खित्ताणुवाएर्ण सवयोवा तसकाइया पज्जत्तया तेलोके उड्ढलो. यतिरियलोए संखि० अहोलोयतिरियलोए संखि० उड्ढलोए संखि० अहोलोए संखि० तिरियलोए असंखिजगुणा । ८९। एएसि णं भंते ! जीवाणं आउस्स कम्मस्स बंधगाणं अर्च. धगाणं पजत्ताण अपजत्तगाणं मुत्ताणं जागराणं समोहयाणं असमोहयाणं सायावेयगाणं असायावेयगाणं इंदिओवउत्ताणं नोइंदिओवउत्ताणं सागारोवउत्ताणं अणागारोवउत्ताण य कयरे०?, गो०! सत्वत्थोवा जीवा आउस्स कम्मस्स बंधगा अपज्जत्ता संखे० सुत्ता संखे० समोहया संखे० सायावेयगा संखे० इंदिओवउत्ता संखे० अणागारोवउत्ता संखेसागारोवउत्ता संखे० नोईदिओवउत्ता विसे० असायावेयगा विसे० असमोठ्या विसे० जागरा विसेक पजत्तया विसे० आउयस्स कम्मस्स अधया विसेसाहिया।९01 खित्ताणुवाएणं सबथोवा पुग्णला तेलोके उड्ढलोयतिरियलोए अणंत अहोयतिरियलोए विसे० तिस्थिलोए असंखि० उड्ढलोए असंखि० अहोलोए विसेसाहिया, दिसाणुवाएणं सवत्योवा पुग्गला उड्ढदिसाए अहोदिसाए विसे० उत्तरपुरच्छिमेणं दाहिणपञ्चत्थिमेण य दोवि तुहा असंखि० दाहिणपुरच्छिमेण उत्तरपचत्यिमेण य दोवि तुड़ा विसे० पुरच्किमेणं असंखि० पञ्चत्थिमेणं विसे० दाहिणणं विसे० उत्तरेणं विसेसाहिया, खित्ताणुवाएणं सशत्थोवाई दवाई तेलोके उड्ढलोयतिरियलोए अर्णतः अहोलोयतिरियलोए पिसे उड्ढलोए असंखि० अहोलोए अणंत तिरियलोए संखि०, दिसाणुवाएणं सवत्थोवाई दवाई अहोदिसाए उड्ढदिसाए अर्णत. उत्तरपुरच्छिमेणं दाहिणपञ्चस्थिमेण य दोवि तुलाई असंखिक दाहिणपुरच्छिमेणं उत्तरपत्स्थिमेण य दोवि तुहाई विसे० पुरच्छिमेणं असंखि० पञ्चस्थिमेणं विसे० दाहिणेणं विसे० उत्तरेणं विसेसाहिया।९१। एएसिणं भंते! परमाणुपोग्गलाणं संखेजपएसियाण असंखेजपएसियाणं अर्णतपएसियाण य संधाणं दवट्टयाए पएसट्टयाए दण्डपएसट्ठयाए कयरे?, गो० सव्वत्थोवा अर्णतपएसिया खंधा दवट्टयाए परमाणुपोम्गला दवट्टयाए अर्णत. संखेज्जपएसिया खंधा दट्टयाए संखे० असंखेजपएसिया खंधा दबट्ठयाए असंखे० पएसट्टयाए सवत्थोवा अणंतपएसिया खंधा पएसट्टयाए परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए अर्णत. संखेज्जपएसिया खंधा पएसट्टयाए संसे. असंखेज्जपएसिया संधा पएसट्ठयाए असंखे० दवट्टपएसट्टयाए साथीचा अर्णतपएसिया खंधा दायाए चेव पएसट्टयाए अर्णत. परमाणुपोग्गला दबट्टपएसट्टयाए अर्णत० संखेजपएसिया खंधा दवट्टयाए संखे० ते चेव पएसट्टयाए संखे० असंखेजपएसिया खंधा दबट्टयाए असंखे० ते चेव पएसट्टयाए (१७५) ७०० प्रज्ञापना, पद-३ मुनि दीपरनसागर P44 Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असंखेजगुणा, एएसिणं भंते! एगपएसोगाढाणं संखेज्जपएसोगाढाणं असंखेज्जपएसोगाढाण य पोम्गलाणं दबट्टयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे०१. गो० ! सव्वन्थोत्रा एगपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेजपएसोगाढा पोग्गला दवट्ठयाए संखे० असंखेजपएसोगाढा पोग्गला दबट्टयाए असंखे०, पएसट्टयाए सवस्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए संखिज्जपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए संखि० असंखिजपएसोगाढा पुराला पएसट्टयाए असंखे० वट्टपएसट्टयाए सबथोवा एगपएसोगाढा पुग्गला दबट्टपएसट्टयाए संखिजपएसोगाढा पुग्गला दबट्ठयाए संखि० ते चेव पएसट्टयाए संखि० असंखिजपएसोगाढा पुग्गला दबट्ठयाए असंखि० ते चेव पएसट्टयाए असंखिजगुणा, एएसिं गं भंते ! ए. गसमयठिइयाणं संखेजसमय० असंखिजसमय० पुग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे०१, गो० सवत्थोवा एगसमयठिइया पुग्गला दुव्बट्टयाए संखिज० पुग्गला दवट्ठयाए संखि० असंखिज० पुग्गला असंखि० पएसट्टयाए सवयोवा एगसमयठिइया पुग्गला अपएसट्टयाए संखिजसमय पुग्गला पएसट्टयाए संखे असंखिजसमय० पुग्गला पएसट्टयाए असंखेजगुणा ब्वट्टपएसट्टयाए सवत्थोवा एगसमयठिइया पुग्गला दब्वट्ठपएसट्टयाए संखिजसमयठिइया पुग्गला दवट्ठयाए संखि० ते चेव पएसट्ठयाए संखि० असंखिजसमयठिइया पुग्गला दब्वट्टयाए असंखि० ते चेव पएसट्टयाए असंखिजगुणा, एएसि र्ण भंते! एगगुणकालगाणं संखि० असंखि० अणंतगुणा० पुग्गलाण दवट्ठयाए पएसट्टयाए दवदृपएसट्टयाए य कयरे०१, गो०! जहा पुग्गला तहा माणियब्वा, एवं सेसावि वण्णा गंधा रसा फासा भाणियब्वा, फासाणं कक्खडमउयगुरुयलहुयाणं जहा एगपएसोगाढाणं भणियं तहा भाणियब्वं अवसेसा फासा जहा वना तहा भाणियब्वा । दारं २६।९। अह भंते ! सबजीवप्पचहुं महादषडयं वण्ण(त)इस्सामि-सब्वत्योचा गम्भवक्कतिया मणुम्सा मणुस्सीओ | साख० बायरतउपज्जत्तया असखि० अणुत्तविवाइया असखि० उबरिमगविजगा सखि० मजिझम० सखि० हिट्ठमसखि० अचुए कप्प देवा सखि० आरण साख० पाणए साख १. आणए संखि० अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइया असंखि० छट्ठीए असंखि० सहस्सारे असंखि० महासुक्के असंखि० पंचमाए नेरइआ असं लंतए देवा असंखिचउत्थीए नेरइशा असंखि० बंभलोए देवा असंखि० तचाए नेरइआ असंखि०२० माहिदे देवा असंखि० सर्णकुमारे असंखि० दोचाए नेइया असं समुच्छिममणुस्सा असंखिः ईसाणे देवा असंसिक ईसाणे देवीओ संखि- सोहम्मे देवा संखि सोहम्मे देवीओ संखे० भवणवासी देवा संखेज भवणवासिणीओ संखेज.३० इमीसे स्यणप्पभाए नेरडआ असं० खयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा असंखि० खह जोणिणीओ संखि० बलयरजोणिआ पुरिसा संखि० थल जोणिणीओ संखि० जलयरपुरिसा संखि० जलयरी संखि० वाणमंतरा देवा संखिः बाणमंतरीओ संखि० जोइसिया संखि०४० जोइसिणीओ संखिक खयरनपुंसगा संखि० थलयरनपुंसगा संखि० जलयरनपुंसगा संखिचडरिदिया पन्जत्तया संखि० पंचिदिया प. विसे बेइंदिया प० विसेक तेइंदिया प० विसे० पंचिंदिया अप० असंखे. चउरिदिया अप विसे०५० तेइंदिया अप विस० वेइंदिया अपविसे पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया BI प०असंखि० बायरनिगोया प० असंखि० बायरपुढवीप० असंखि० बायरआउप० असंखि० बायरवाउप० असंखि० बायरतेउअप० असंखि० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइअप० असंखिक बायरनिगोया अप० असंखि०६० बायरपुढबीअप असंखि० बायरआउअप० असंखि० बायरवाउअप० असंखि०मुहुमतेउअप० अप० असंखि सुकुमपुढबीअप बिसे सुटुमआउअप० विसे मुहुमवाउअप विसे मुहुमतेउप० संखि० सुहुमपुढवीप० विसे० सुहुमाउप० विसे०७० मुहुमवाउपज्जत्ता विसे० सुहुमनिगोया अप असंखि० मुहुमनिगोया प. संखि० अभवसिद्धिआ अणंतगुणा परिवडियसम्म हिट्ठी अर्णतसिद्धा अर्णत० बायरवणस्सइपज्जत्तगा अणंत बायरप० बिसे० बायरवण अप० असंसि० बायरअप विसे०८० असंखिक सहमअप०विसे सहमवण प०संखि० सहमप०विसे० सुहमा विसे० भवसिद्धया चिसे निगोयजीचा विसे० वणस्सइ० जीवा विसे० एगिदिया विसेसाहिया ९० तिरिक्खजोणिया विसे मिच्छादिट्टी विसे० अविरया विसे० सकसाई विसे० छउमत्था विसे० सजोगी विसे संसारत्था विसे० समजीवा विसेसाहिआ ९८। दारं २७१९३॥ पन्नवणाए भगवईए बहुवत्तषयपयं ३॥ नेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पं०१, गो० जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई. अपज्जत्तनेरहयार्ण भंते ! केवइयं कालं ठिई पं०१, गो! जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुर्त, पजत्नगनेरइयाणं केवइयं कालं ठिई पं०?, गो जहनेणं दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई उको तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुत्तूणाई, रयणप्पभापुढवीनेरइयाणं भंते ! केवइयं०?, गो०! जहनेणं दसवाससहस्साई उक्को सागरोवमं, अपजत्तरयण?, गो जहन्नेणं अंतोमुहुर्त उक्को० अंतोमुहुत्तं, पज्जत्तरयण ?, गो ! जलेणं दसवाससहस्साई अंतोमुहुनूणाई उक्को सागरोवर्म अंतोमुत्तूर्ण, सक्करप्पभा०?, गो० जहन्नेणं एर्ग सागरोवमं उको तिमि सागरोवमाई, अपज्जत्तयसकरप्पमा० जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्को अंतोमुहुर्त, पजनसकरप्पभा० जहनेणं सागरोवमं अंतोमुहुजूर्ण उको तिनि सागरोवमाई अंतोमुहूत्तुणाई. ७०१ प्रज्ञापना पद-४ मुनि दीपरत्नसागर Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वालुयप्पभा० जहनेणं तिनि सागरोवमाई उक्को सत्त सागरोक्माई अपजत्तयवालुय० जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्को अंतोमुहुर्त पजत्तयवालय जहः तिन्नि सागरोवमाई अंतो. मुहुत्तुणाई उक्को सत्त सागरोवमाई अंतोमुहुतूणाई, पंकप्पभापुढवी० गो०! जह० सत्त सागरोवमाई उक्को० दस सागरोवमाई अपजत्तयर्पक जह• अंतोमुहुत्तं उक्को अंतोमुहृत्त पजत्तयपंक० जह सत्त सागरोक्माई अंतोमुहुत्तूणाई उक्को० दस सागरोवमाई अंतोमुत्तूणाई, धूमप्पभापु० जह० दस सागरोवमाई उको सत्तरससागरोवमाई अपजत्तयधूमप्पभा० जह० अंतोमुहुर्त उक्को अंतोमुहुर्त पज्जत्तगधूम० जहरू दस सागरोवमाई अंतोमुत्तूणाई उक्को सत्तरस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, तमप्पभा० जह सत्तरस सागरोबमाई उक्को बावीसं सागरोवमाई अपज्जत्तयतमप्पभा० जह० अंतोमुहुर्त उक्को० अंतोमुहुत्तं पज्जत्तगतमप्पभा० जह सत्तरस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई उक्को० वावीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तू. णाई, अहेसत्तमा जह० वावीसं सागरोवमाई उक्को तित्तीसं सागरोक्माई अपज्जत्तगअहेसत्तमा० जह० अंतोमुहुत्तं उक्को अंतो० पजत्तगअहेसत्तमपुढवीनेरइयाण भंते! केवइयं कालं ठिई पं०१, गो०! जबावीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाई अंतो०१९४॥ देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई ५०, गो! जह० दस वाससहस्साई उको तेत्तीस सागरोवमाई अपज्जत्तयदेवाणं भंते ! केवइयं०१ जह० अंतोमुहुत्तं उको अंतोमुहुत्तं पज्जत्तयदेवाणं जह० दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई उक्को तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तृणाई, देवीर्ण जह०दसवाससहस्साई उक्कोपणपन्न पलिओवमाइंअपजत्तयदेवीणं जह० अंतो० उको अंतोपजत्तय जहदस वाससहस्साई अंतो० उक्कोपणपर्न पलिओवमाई अंतोमुहुत्तुंणाई,भवणवासीणं देवाणं जह० दसवाससहस्साई उक्को साइरेग सागरोवर्म अपजत्तयभवणवासीणं जहअंतोउको अंतो० पजत्तयभवणव उक्को साइरेग सागरोवमं अंतोमुहुत्तूर्ण,भवणवासिणीणं देवीणं जह० दस वाससहस्साइं उक्को० अपंचमाइं पलिओक्माई अपजत्तयभवणवासिणीणं देवीणं जह, अंतो उक्को अंतो० पज्जत्तियाणं भवणवासिणीणं जह० दस वाससहस्साई अंतोमुहुतूणाई उक्को अद्धपंचमाई पलिओवमाई अंतो०, असुरकुमाराणं जह० दस वाससहस्साई उक्कोसाइरेगं सागरोवमं अपजत्तयअसुरकु० जह० अंतो० उक्को० अंतो० पजत्तयअसुरकु० जहरू दस वाससहस्साई अंतीमुहुत्तूणाई उको साइरेग सागरोवर्म अंतोमुत्तूर्ण, असुरकुमारीणं देवीर्ण जहा दस वास. सहस्साई उको अद्धपंचमाई पलिओवमाई अपज्जत्तियाणं असुरकुमारीणं जहा अंतो० उक्को० अंतो० पज्जत्तियाणं असुरकुमारीणं जहरू दस वाससहस्साई अंतो उक्को अद्र्पचमाई पलिओवमाई अंतो०, नागकुमाराणं देवाणं जह० दस वाससहस्स्साई उक्को. दो पलिओवमाई देसूणाई अपज्जत्तयाणं नागकुमाराणं जह• अंतो० उक्को० अंतो० पजन्जयाणं नागकुमाराणं जहरू दस वाससहस्साई अंतो० उक्को० दो पलिओक्माई देसूणाई अंतो०,नागकुमारीणं जह० दस वाससहस्साई उक्को० देसूर्ण पलिओवमं अप० नागकु० देवीणं जहर अंतोमुहुत्तं उको० अंतो० पज्जत्तियाणं नागकुमारीणं जह० दस वाससहस्साई अंतो० उक्को० देसूर्ण पलिओवमं अंतो०, सुवण्णकुमाराणं जहरू दस वाससहस्साई उक्को० दो पलिओवमाई देसूणाई अपजत्तयाणं जह• अंतो० उक्को० अंतो० पज्जत्तयाणं जह० दस वाससहस्साई अंतोमुहुतूणाई उक्को० दो पलिओवमाई देसूणाई अंतोमुत्तूणाई, सुवण्ण देवीणं जह वाससहस्साई उको० देसूर्ण पलिओवर्म अपजत्तियाणं जह० अंतो० उक्को० अंतो० पजत्तियाणं जह० दस वाससहस्साई अंतो उक्को० देसूर्ण पलिओवमं अंतो०, एवं एएणं अभिलावेणं ओहियअपज्जत्तयपजत्तयसुत्तत्तयं देवाणं देवीण य नेयई जाव यणियकुमाराणं जहा नागकुमाराण।९५। पुढवीकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पं०?, गो०! जह अंतो० उक्को० बावीसं वाससहस्साई अपज्जत्तयपुढवी० जह० उक्को० अंतो० पजत्तयपुढवी० जहरू अंतो० उक्को० बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तुणाई सुहुमपुढची जहा उक्को अंतो० अपजत्तयसुहुमपुढवी० जह० उक्को अंतो० पज्जत्तयसुहुमपुढवी० जह० उक्को० अंतो० बायरपुढवी जह० अंतो उस्को बाबीसं वाससहस्साई अपजत्तवायरपुढबी० जह० उक्को० अंतो० पजत्तयवायरपुढवी० जह० अंतो० उक्को बाबीसं वाससहस्साई अंतोमुत्तूणाई, आउकाइयार्ण ज अंतो० उक्को सत्त वाससहस्साई अपजत्तयआउ० जहरू उक्को० अंतो० पज्जत्तआउ० जह• अंतो० उक्को० सत्त वाससहस्साई अंतोमुत्तूणाई, सुहुमआउ० ओहियाणं अपजत्तयाणं पज्जत्ताण य जहा सुहुमपुढवीकाइयाण तहा माणिय, बायरआउकाइयाणं पुच्छा, गो०! जह. अंतो उक्कोसत्त वाससहस्साई अपज्जत्तयबायरआउकाइयाणं जह० उक्को० अंतो० पज्जत्त उक्को० सत्त वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई, तेउकाइयाण० जह• अंतो० उक्को तिमि राईदियाई अपजत्तयाणं जह• उक्को अंतो० पज्जत्तयाणं जह• अंतो० उक्को तिन्नि राईदियाई अंतोमुहुत्तूणाई, सुहुमतेउ० ओहियाणं अपजत्ताणं पजत्ताण य जह• उक्को० अंतो०, वायरतेउ० जह• अंतो० उक्को तिन्नि राइंदियाई अपज्जत्तयवायरवेज जह उक्को० अंतो० पज्जत्ताणं जह• अंतो० उक्को तिन्नि राईदियाई अंतोमुहुत्तूणाई, वाउकाइयाणं जह• अंतो• उक्को तिन्नि वाससहस्साई अपजत्तयाणं जह• उक्को अंतो. ७.२ प्रज्ञापना, पद-४ मुनि दीपरत्नसागर FEA Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पजत्तयाणं जह• अंतो. उपको तिन्नि बाससहस्साई अंतोमुहलूणाई, मुहमवाउ० जहरू उक्को० अंतो० अपजत्तयाणं जह• उक्को अंतो पजत्तयाणं जह• उस्को अंतो. वायरखाउ० जह• अंतो उक्को तिन्नि वाससहस्साई अपजत्तयाणं जहरू उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह० अंतो० उक्को तिन्नि वाससहस्साई अंतोमुहुजूणाई, वणफडकाइयाणं जह• अंतो० उक्को दस वाससहस्साई अपजत्तयाणं जहरू उक्को अंतो० पजत्तयाण जह० अंतो उनको दस बाससहस्साई अंतोमुहत्तृणाई, मुहुमवणप्फइकाइयाणं ओहियाणं अपजत्ताणं पजत्ताण य अंतो०, वायरवणप्फदकाइयाणं जह• अंतो० उक्को दस वाससहस्साई अपजत्तयाण जह• उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह• अंतो० उक्को. दस वाससहस्साई अंतोमुहुलूणाई।९६) बेईदियाण मंते ! केवइयं कालं ठिई पं०?, गो! जह अंतो० उक्को बारस संवच्छराई अपजत्तयाणं जहरू उक्को अंतो पजत्तयाण जह अताउस्का बारस संवच्छराई अंतीमुहत्तूणाई, तेहादियाणे जहअता० उक्का० एगणवन्न राइदियाइ अपजनयाण जहछ उक्का अता० पजत्तयाण ज अता उक्को एगणवन्नं राईदियाई अंतोमुहुजूणाई, परिदियाणं जह० अंतो उक्को० छम्मासा अपज्जत्तयाणं जह० उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह• अंतो० उक्को छम्मासा अंतोमुहुनूणा ।९७। पंचिंदियतिरिक्सजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पं०?, गो०! जह, अंतो उक्को तिनि पलिओवमाई अपजत्तयाणं जह• उक्को० अंतो पजत्तयाण जह अंतो० उक्को तिनि पलिओवमाई अंतोमुत्तूणाई, समुच्छिमपंचिंदिय० जह, अंतो उक्को पुवकोडी अपजत्तयाणं जह• उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह, अंतो० उक्को. पुक्कोडी अंतोमुहुजूणा, गम्भवक्कतियपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं जह• अंतो उक्को तिन्नि पलिओवमाई अपजत्तयाणं जह• उक्को अंतो० पजत्तयाणं जहअंतो उको तिमि पलिओवमाई अंतो०, जलयरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं केवइयं कालं ठिई पं०?, गो! जह० अंतो उक्को पुवडोडी अपजत्तयाण जह० उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जहरू अंतो० उक्को पुचकोडी अंतो०, समुच्छिम० जलयर० जह० अंतो० उक्को पुचकोडी अपजत्तयाणं जह० उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह• अंतो० उक्को पुचकोडी अंतोमुहुतृणा, गम्भवक्कैतियजलयर० जह० अंतो० उक्को पुषकोडी अपज्जत्तयाणं जह• उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह• अंतो० उक्को पुत्रकोडी अंतो०, चउप्पयघलयर० जहरू अंतो० उक्को तिमि पलिओवमाई अपजत्तयचउप्पयथलयर० जह० उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह० अंतो० उक्को तिन्त्रि पलिओवमाई अंतोमुत्तूणाई, समुच्छिमचउप्पयथ० जह० अंतो उक्को चउरासीइवाससहस्साई अपज्जत्तयाणं जह• उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह० अंतो० उक्को० चउरासीइवाससहस्साई अंतोमुहुलूणाई, गम्भवक्कंतियचउप्पयथलयर जह• अंतो० उक्को तिन्नि पलिओवमाई अपजत्तयाणं जह० उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह अंतो० उक्को तिनि पलिओवमाई अंतोमुहुलूणाई, उरपरिसप्पथलयर जह• अंतो० उक्को० पुषकोडी अपजत्तयाणं जह• उक्को० अंतो० पज्जत्तयाणं जह• अंतो० उक्को पुषकोडी अंतोमुहुजूणा, समुच्छिमाउरपरिसप्प० जह• अंतो० उक्को० तेवनं वाससहस्साई अपजत्तयाणं जह• उक्को अंतो० पजत्तयाणं जह० अंतो० उक्को० तेवनं वाससहस्साई अंतोमुहु०, गम्भवक्कैतियउरपरिसप्पथलयर जह० अंतो. उको पुत्रकोडी अपजत्तयाणं जहरू उको अंतो० पजत्तयाणं जह• अंतो० उको पुषकोडी अंतोमुहु०, भुयपरिसप्पथलयर जह० अंता उक्को पुत्रकोडी अपज्जत्तयाणं जहरू उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह० अंतो० उक्को पुष्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा, समुच्छिमभुयपरिसप्पथलयर० जह• अंतो० उक्को बायालीस वाससहस्साई अपजत्तयाणं जह• उक्को. अंतो० पजत्तयाणं जह० अंतो० उक्को बायालीसं वाससहस्साई अंतो०, गब्भवक्कंतियभुयपरिसप्पथलयर० जह० अंतो० उक्को० पुषकोडी अपजत्तयाणं जहरू उक्को० अंतो. पजत्तयाणं जह• अंतो• उक्को पुत्रकोडी अंतोमुत्तूणा, खयर० जह, अंतो० उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागं अपजत्तयाणं जह• उको अंतो० पजत्तयाणं जह अंतो० उक्को पलिओवमस्स असंखेजहभागो अंतोमुत्तूणो, समुच्छिमखहयर जह, अंतो० उक्को० बावत्तरी वाससहस्साई अपजत्तयाणं जह• उको० अंतो० पजत्तयाणं जह अंतो० उको बावत्तरी वाससहस्साई अंतोमुहलूणाई. गम्भवतियखहयर जह: अंतो० उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागं अपजत्तयाणं जह• उको अंतो० पजत्तयाणं जह. अंतो उकको पलिओवमस्स असंखिहभाग अंतोमहत्तर्ण । ९८ामणुस्साणं भंते! केवइयं कालं ठिई पं०?, गो!जह अंतो० उकको तिनि पलिओवमाई अपजत्तमणुस्साणं जह उक्को अंतो० पजत्तमणुस्साणं जह: अंतो उक्को तिन्नि पलिओवमाई अंतोमुत्तूणाई, समुच्छिममणुस्साणं जह• अंतो उनको अंतो०, गम्भवककंनियमणुम्साणं जह अंतो उकको तिन्नि पलिओवमाई अपजत्नयाणं जह• उकूको० अंतो० पजत्तयाणं जह• अंतो० उक्को तिग्नि पलिओवमाई अंतोमुहत्तूणाई । ९९। वाणमंतराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पं०१, गो० जह० दस वाससहस्साई उक्को पलिओक्मं अपजत्तयवाणमंतराणं देवाणं जह• उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह• दस वाससहस्साई अंतो. ७०३ प्रज्ञापना, 4-7 मुनि दीपरत्नसागर Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ त ० उक्कोः पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, वाणमंतरीणं देवीणं पुच्छा ?, गो० जह० दस वाससहस्साई उक्को० अद्धपलिओयमं अपजत्तियाणं वाण देवीगं जह० उक्को० अंतो० पञ्ज नियाणं वाणमंतरीणं जह० दस वाससहस्साइं अंतोमहत्तूणाई उक्को अढपलिओवमं अंतोः । १०० । जोइसियाणं देवाणं पुच्छा ?, गो० ! जह० पलिओ मट्टभागो उक्को० पलि ओवमं वाससयसहस्समम्भहियं अपजत्तजोइसियाणं जह० उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह० पलिओवमट्टभागो अंतोमुत्तूणो उक्को पलिओवमं वाससयसहस्सममहियं अंतो मुहुत्नृणं, जोइसिणीणं देवीणं पुच्छा ?, गो० जह० पलिओवम भागो उक्को० अद्धपलिओवमं पण्णासवाससहस्समम्भहियं अपजत्तजोइसियदेवीणं जह० उक्को० अंतो० पञ्चत्तियजोइसियदेवीणं जह० पलिओमट्टभागो अंतोमुहुत्तूणो उक्को० अदपलिओवमं पण्णासवाससहस्समम्भहियं अंतोमुहुत्तूर्णं, चंदविमाणे णं भंते! देवाणं पुच्छा ?, गो० ! जह चभागपलिओचमं उक्को पलिओवमं वाससयसहस्समन्महियं अपजत्तयाणं जह० उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह० चउभागपलिजोवमं अंतो उक्को० पलिओचमं वाससयसहस्समम्भहियं अंतोमुडुत्तूर्णं, चंद० देवीणं जह० चउभागपलिओवमं उक्को० अद्धपलिओचमं पचासवाससहस्समम्भहियं अपजत्तियाणं जहः उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूर्णं उक्को० अद्धपलिओवमं पन्नासवाससहस्समम्भहियं अंतो०, सुरविमाणे णं भंते! देवाणं केवइयं कालं ठिई पं० १, गो० ! जह० चउभागपलिजोवमं उक्को पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं अपजत्तयाणं जह० उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह० चउभागपलिओवमं अंतो० उक्को० पलिओचमं वाससह स्समन्महियं अंतो०, सूर विमाणे णं भंते! देवीणं जह० चउभागपलिओवमं उक्को० अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिमन्भहियं अपजत्तियाणं जहः उक्को० अंतो० पज्ञत्तियाणं जह० चउभागपलिश्रीवमं अंतीमुत्तृणं उक्को अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिमन्महियं अंतोमुहत्तूर्णं, गहविमाणे जह० चउभागपलिओवमं उक्को० पलिओवमं अपज्ञत्तयाणं जहः उक्को० अंतोः पलतयाणं जह० चउभागपलिओवर्षं अंतोमुहु० उक्को पलिओवमं अंतोमुहुत्तूर्णं, गहविमाणे देवीणं जह० चउभागपलिओवमं उक्को अपलिओवमं अपज्जत्तियाणं जह० उको अंतो० पत्तियाणं जह० चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूर्ण उक्को० अपलिओचमं अंतोमुहुत्तूर्णं, नक्खत्तविमाणे देवाणं जह० चउभागपलिओवमं उक्को: अदपलिओवमं अपनतयाणं जह० उको अंतो० पजत्तयाणं जह० चउभागपलिओवमं अंतो० उक्को० अदपलिओवमं अंतोमुहुत्तूर्णं, नक्खत्तविमाणे देवीणं जह० चउभागपलिजवमं उक्को साइरेगं चभागपलिओ मं अपजत्तियाणं जहः उक्को० अंतो० पजत्तियाणं जह० चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूर्ण उक्को० साइरेगं चउभागपलिओचमं अंतोमुहुत्तूर्णं, ताराविमाणे देवाणं जह अनुभागपलिओवमं उको० चडभागपलिओवमं अपजत्तयाणं जह० उक्को० अंतो० पजत्तयाणं जह० पलिओ मट्टभागं अंतोमुहुत्तूर्णं उक्को० चठभागपलिओवमं अंतोमुहुतूर्ण, ताराविमाणे देवीणं जह० पलिओ मट्टभागं उको साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं अपजत्तियाणं जह० उक्को० अंतो० पज्ञत्तियाणं जह० पलिओवमट्टभागं अंतोमुहुत्तूर्णं उक्को साइरेगं अट्टभागपलिजवमं अंतोमुहुत्तृणं । १०१ । वेमाणियाणं देवाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पं० १. गो० जह० पलिओचमं उक्को० तेत्तीस सागरोवमाई अप० जह० उक्को अंतोः पज्ञत्तयाणं जह० पलिओचमं अंतो उक्को० तेत्तीस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, बेमाणिणीणं भंते! देवीणं केवइयं कालं ठिती पं० ?, गो० ! जह० पलिओवमं उक्कोः पणपन्न पलिओ माई अप० जह० उक्को अंतो० पज्ञत्तियाणं जह० पलिओवमं अंतो उक्को पणपण्णं पलियोवमाई अंतोमुडुत्तूणाई, सोहम्मे णं कप्पे देवाणं जह० पलिओवमं उक्को० दो सागरोवमाई अप० जह० उकुको० अंतो० पजत्तयाणं जह० पलिओवमं अंतो० उक्को० दो सागरोवमाई अंतो०, सोहम्मे कप्पे देवीणं जहः पलिओषमं उक्को० पन्नासं पलिओ माई अपत्तियाणं देवीणं जह० उक्को० अंतो०, पज्जत्तियाणं देवीणं पुच्छा !, गो० जह० पलिओदमं अंतो० उक्को० पन्नासं पलिओ माई अंतो०, सोहम्मे कप्पे परिग्गहियाणं देवीणं जहः पलिओवर्म उक्को सत्त पलिओ माई अपज्जत्तियपरिग्गहियदेवीणं जह० उक्को० अंतो० परिग्गहियाणं पजत्तियाणं देवीणं जह० पलिओवमं अंतोमुत्तूणं उक्को सत्त पलिओदमाई अंतोमुहुत्तूणाई, सोहम्मे कप्पे अपरिग्गहियाणं देवीणं जह० पलिओदमं उक्को० पन्नासं पलिओवमाई अप० जह० उक्को० अंतो० पत्तियाणं जह० पलिओ वमं अंतोमुहु उक्को० पन्नासं पलिओमाई अंतोमुडनूणाई, ईसाणे कप्पे जह० साइरेगं पलिओत्रमं उक्को० साइरेगाई दो सागरोबमाई अप० जह० उक्को०] अंतो० पज्ज० जह० साइरेगं पलिओचमं अंतोमुहुः उक्को० साइरेगाई दो सागरोवमाई अंतोमुहत्तूणाई, ईसाणे कप्पे देवीणं जह० साइरेगं पलिओवमं उक्को० पणपन्नं पलिओ माई अपन० जह० उको ० अंतो पन० जह० साइरेगं पलिओवमं अतीमहत्तूर्णं उक्को० पणपन्नं पलिओबमाई अंतोमुहत्तूणाई, परिग्गहियाणं जह० साइरेगं पलिओवमं उक्को० नव पलिओ माई अपन० जह० उको अंतो० ईसा पज्ज० जह० साइरेगं पलिओवमं अंतो० उक्को० नत्र पलिओवमाई अंतो० ईसाणे अपरिग्महियाणं जह० साइरेगं पलिओवमं उक्को० पणपन्नाई पलिओत्रमाई अपनः जहः उक्को: अंतो, पजत्तियाणं पुच्छा ?, गो० जह० साइरेगं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूर्णं उक्को० पणपन्नं पलिओमाई अंतोमुहुत्तूणाई, सणकुमार गो० जहन्नेणं (१७६) ७०४ प्रज्ञापना, पद-४ 5 मुनि दीपरत्नसागर Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * ** **** **** दो सागरोवमाई उक्को सत्त सागरोचमाई अपज्ज. जहन्नेणवि उक्को० अंतो० पज्ज० जहन्नेणं दो सागरोवमाई अंतो० उक्को० सत्त सागरोवमाई अंतो०,माहिदे जहरू साइरे. गाई दो सागरोवमाई उक्को साइरेगाई सत्त सागरोवमाई अपज्ज. जह० उक्को अंतो० पज० जहन्नेणं दो सागरोवमाई साइरेगाई अंतो० उक्को सत्त सागरोवमाई साइरेगाई अंतो०, बंभलोए जह सत्त सागरोवमाई उक्को दस सागरोवमाई अपज्जा जह• उक्को० अंतो० पज्जजह सत्त सागरोवमाई अंतो उफ्को दस सागरोवमाई अंतो०, लंतए जह० दस सागरोवमाई उक्को चउद्दस सागरोवमाई अपज्ज० जह• उक्को० अंतो० पज्ज० जह० दस सागरोवमाई अंतो० उक्को चउद्दस सागरोवमाई अंतो०,महामुक्के जह चाउदस सागरोवमाई उक्को० सत्तरस सागरोवमाई, अपज्जत्तयाणं पुच्छा?,गो०! जहरू उक्को० अंतो० पज्ज० जह० चउद्दस सागरोवमाई अंतो उक्को सत्तरस सागरोवमाई अंतो०, सहस्सारे जह सत्तरस सागरोवमाई उक्को० अट्ठारस सागरोवमाई अप० जहरू उक्को अंतो० पज्जा जह० सत्तरस सागरोवमाई अंतो० उक्को अट्ठारस सागरोवमाई अंतो०, आणए जह• अट्ठारस सागरोवमाई उक्को एगूणवीसं सागरोवमाई अपज. जह० उक्को अंतो० पज्जा जह० अट्ठारस सागरोवमाई अंतो उक्को एगृणवीसं सागरोवमाई अंतो०, पाणए जह० एगूणवीसं सागरोचमाई उक्को वीर्स सागरोवमाई अपज्ज. जह० उक्को अतो० पज्ज. जह० एगृणवीसं सागरोवमाई अंतो० उक्कोसेणं वीस सागरोवमाई अंतो०, आरणे जह० वीसं सागरोवमाई उको एक्कवीसं सागरोवमाई अपज्ज० जह० उक्को अंतो० पज० जह० वीसं सागरोचमाई अंतोमुत्तूणाई उक्को एगवीसं सागरोक्माई अंतो०, अचुए जह० एगवीसं सागरोवमाई उक्को० बावीसं सागरोवमाई अपन० जह० उक्को० अंतो० पज. जह० इकवीसं सागरोवमाइं अंतो० उक्को बाबीसं सागरोबमाई अंतो०, हेडिमहेट्ठिमगेविज जह• बावीसं सागरोबमाई उक्को तेवीसं सागरोवमाई अपज. जह० उकको अंतो०, पजत्तयाणं पुच्छा ?, गो! जह० बावीसं सागरोवमाई अंतो० उक्को० तेवीसं सागरोवमाई अंतो०,हेट्टिममज्झिमगेवेजगे जहतेवीसं सागरोवमाई उक्को० चउवीस सागविमाई अपज्जजह उक्को माई अंतो० उक्को० चउवीसं सागरोवमाई अंतो०, हेद्विमउवरिमगेविजगे जह० चउवीसं सागरोचमाई उक्को० पणवीसं सागरोवमाई अपज जह• उको अंतो० पज जहरू चउवीसं सागरोवमाई अंतो उक्को० पणवीसं साग० अंतो०मझिमहेट्ठिमगेविजगे जह० पणवीसं सागरोबमाई उक्को छवीसं सागरोवमाई अपज जह० उको० अंतो० पजत्त जहरू पणवीसं सागरोवमाई अंतो० उकूको कवीसं सागरोचमाई अंतो०, मज्झिमाजिझमगेबिजगे जहरू छबीसं सागरोवमाई उक्को० सत्तावीसं सागरोचमाई अपज. जह० उक्को अंतो० पजत्त० जहछवीसं सागरोवमाई अंतो० उकूको सत्तावीसं सागरोवमाई अंतो०, मज्झिमउवरिमगेविजगे जह सत्तावीसं सागरोषमाइं उनको अट्ठावीसं सागरोवमाई अपज्जा जह० उक्को० अंतो पज्जत्त० जह सत्तावीसं सागरोबमाई अंतो उक्को० अट्ठावीसं सागरोवमाई अंतो०, उवरिमहेडिमगेविज्जगे जह० अट्ठावीसं सागरोवमाई उक्को एगूणतीसं सागरोवमाई अपज्ज० जह० उकको० अंतो० पज्ज. जह• अट्ठावीसं सागरोवमाई अंतो० उक्को० एगूणतीसं सागरोवमाई अंतो०, उवरिममज्झिमगेविनगे जह० एगुणतीसं सागरोवमाई उक्को तीस सागरोचमाई अपज जह० उको अंतो. पज्जत्त० जह० एगणतीसं सागरोवमाई अंतो० उको तीसं सागरोवमाई अंतो०, उपरिमउबरिमगेवेजगे जहरू तीसं सागरोक्माई उक्को एक्कतीसं सागरोवमाई अपज जह० उक्को० अंतो० पज. जह तीसं सागरोवमाई अंतो० उकूको एकतीसं सागरोवमाई अंतो०, विजयवेजयंतजयंतअपराजितेसु जह० एक्कतीसं सागरोवमाई उक्को० तेत्तीस सागरोवमाई अप० जह० उक्को० अंतो० पज० जह० एकतीस सागरोवमाई अंतो० उक्को तेत्तीसं सागरोवमाई अंतो०, सबट्टसिद्धगदेवाणं मंते! केवइयं कालं ठिई पं०?, गो! अजहन्नमणुक्कोर्स तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पं० अपज० जह० उक्को० अंतो० पज्जत्त० अजहन्नमणुक्कोसं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई ठिई पं०।१०२। पन्नवणाए ठिइपदं ४॥ कइविहा णं भंते! पज्जवा पं०१, गो०! दुविहा पज्जवा पं० त०-जीवपज्जवा य अजीवपज्जवा य, जीवपज्जवा णं मंते ! किं संखेज्जा असंखेजा अणंता ?, गो० नो संखेज्जा नो असं० अर्णता०,से केगट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ-जीवपज्जवा नो संखेज्जा नो असं० अणंता ?, गो! असं० नेरइया असं० अमुरकुमारा असं० नाग० असं० सुवण्ण. असं० विज्जु० असं० अगणि. असं० दीव० असं० उदाहि० असं दिसि० असं० वाउ. असं० थणियकुमारा असंखेजा सं० बाउ० अर्णता वणफ० असं० बेईदिया असं० तेईविया असं० चउ० असं० पंचिदियतिरिक्खजोणिया असं० मणस्सा असं वाणमंतरा असं० जोइसिया अर्स० वेमाणिया अर्णता सिद्धा, से एएटेणं गो०! एवं वुचइ-ते णं नो संखिज्जा नो असंखिजा अर्णता । १०३। नेरइयाणं भंते ! केवइया पजवा पं०१, गो०! अणंता पज्जवा पं०, से केणटेणं मंते ! एवं वुच्चइ-नेरइयाणं अणंता पजवा पं०१, गो०! नेरइए नेरइयस्स दबट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुले ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुाडे ७०५ प्रज्ञापना, पम मुनि दीपरत्नसागर * * * * Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिय अब्भहिए जइ हीणे असंखिज्जइभागहीणे वा संखिजभाग० संखिजगुण वा असंखिजगुण० वा अह अब्भहिए असंखिज्जइभागममहिए वा संखिज० वा संखिजगुण वा असंखिजगुण० वा, ठिईए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अब्भहिए जइ हीणे असखिज्जइभाग० वा संखिजइभाग० वा संखिज्जगुण वा असंखिजगुणहीणे वा अह अन्भहिए असंखिजभागममहिए वा संखिजभाग० वा संखिजगुण वा असंखिज्जगुण० वा, कालवण्णपजवेहिं सिय होणे सिय तुड़े सिय अमहिए जइ होणे अणंतभाग० वा असंखेजभाग० संखेजभाग० वा संखेजगुण वा असंखेजगुण वा अर्णतगुण वा अह अमहिए अणंतभागममहिए वा असंखेजभाग० वा संखेजभाग० वा संखेजगुण वा असंखेजगुण वा अणं. तगुण वा नीललोहियपीयहालिदसुकिल्ले० छडाणवडिए, सुन्भिगंध० दुम्मिगंध य छट्ठाणवडिए, तित्तरसकडुयकसायअंबिलमहुर छट्ठाणवडिए, कक्खडफासमउयगरुयलहुयसीयउसिणनिलुक्खफासपज्जवेहिं छहाणवडिए, आमिणिवोहियनाणपज्जवेहिं सुय ओहि०मइअनाणसुयअन्नाणविभंगनाणचक्द सणअचकखुर्दसणओहिदसण छट्टाणवडिए, से तेणटेणं गो एवं बुचइ-नेरइयाणं नो संखेज्जा नो असंखेज्जा अर्णता पज्जवा पं०।१०४। असुरकुमाराणं भंते ! केवइया पजवा पं०?, गो० ! अणंता पजवा पं०, से केणटेणं भंते ! एवं बुचइ असुरकुमाराणं अर्णता पजवा पं०१, गो! असुरकुमार असुरकुमारस्स दबट्टयाए तुझे पएसट्टयाए तुळे ओगाहणट्ठयाए चउढाणवडिए ठिईए चउहाणवडिए कालवनपज्जवेहि छट्टाणवडिए एवं नीललोहियहालिहसुकिल्लमुब्भिगंधदुभिगंधतित्तरसकडुयकसायअंबिलमहुरकक्खडमउयगरुयलहुयसीयउसिणनिलकख० आभिणियोहियणाणसुयओहिमइअन्नाणसुयअन्नाणविभंगनाणचकसुदंसणअचकखुओहिदसणपज्जवेहिं छहाणवडिए, से एएणट्टेणं गो०! बुचइ-असुरकुमाराणं अर्णता पज्जया पं० जहा नेरइया, जहा असुरकुमारा तहा नागकुमारावि जाय थणियकुमारा । १०५। पुढवीकाइयाणं भंते ! केवइया पज्जवा पं०?, गो०! अर्णता पज्जवा पं०, से केणट्टेण० पुढवीकाइयाणं अर्णता पज्जवा पं०१, गो० ! पुढवीकाइए पुढवीकाइयस्स दबयाए तुले पएसट्टयाए तुल्ले ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अब्महिए जइ हीणे असंखिजइभागहीणे वा संखिजइभाग वा संखिजइगुण वा असंखिजगुण वा अह अमहिए असंखि० वा संखिजइभाग० वा संखिज्जगुण वा असंखि०, ठिईए तिहाणवडिए सिय हीणे सिय ताड़े सिय अमहिए जहहीणे असंखिज्ज. भाग० वा संखिज्जभाग० वा संखिज्जगुण वा अह अब्भाहिए असंखिज्जइ० वा संखिज्जइ० वा संखिज्जगुणअन्भहिए वा, वन्नेहिं गंधेहिं रसेहिं फासेहिं मइअन्नाणसुयअन्नाण. अचकखुदंस० छट्ठाणवडिए, आउकाइयाणं मंते! केवइया पज्जवा पं०?, गो०! अणंता पज्जवा पं०?, से केणठेणं ०?, गो! आउकाइए आउकाइयस्स दाट्टयाए तुले पएसट्टयाए तुले ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए तिहाणवडिए वन्नगंधरसफासमइअन्नाणसुअअन्नाणअचासुदसणपज्जवेहिं छहाणवडिए, तेउकाइयाणं जाव छट्ठाणवडिए, वाउकाइयाणं जाव छहाणवडिए, वणस्सइकाइयाणं जाव छट्ठाणवडिए, से एएणतुणं गो० एवं वुच्चइ-वणस्सइकाइयाणं अर्णता पं०।१०६। बेइंदियाणं पुच्छा, गो०! अणंता पजवा पं०, से केण - ट्रेणं भंते ! एवं बुचइ-बेइंदियाणं अणंता पज्जवा पं०?, गो०! बेइंदिए बेइंदियस्स दबट्टयाए तुले पएसट्ठयाए तुड़े ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुले सिय अब्भहिए जइ हीणे असंखिज्जइ० वा संखिज्जइ० वा संखिज्जइगुण वा असंखिज्जइगुण वा अह अब्भहिए असंखिज्जभाग० वा संखिज० वा संखिजगुण वा असंखिज्जइगुण वा, ठिईए ति. ट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासआभिणियोहियनाणसुयनाणमइअन्नाणसुयअन्नाणअचखुदसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए, एवं तेईदियावि, एवं चउरिदियावि, नवरं दो दसणा चकम्खुदसणं अचकसुदसणं । १०७ पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पज्जवा जहा नेरइयाणं तहा माणियवा।१०८। मणुस्साणं भंते ! केवइया पज्जवा पं०?, गो० अर्णता पज्जवा पं०, से केगडेणं मंते ! एवं बुचइ-मणुस्साणं अर्णता पज्जवा पं०?, गो! मणूसे मणूसस्स दबट्टयाए तुले पएसट्टयाए तुले ओगाहणट्ठयाए चउहाणवडिए ठिईए चउवाणवडिए वन्नगंधरसफासआभिणिवोहियनाणसुयनाणओहिनाणमणपज्जवनाणपज्जवेहिं छडाणवडिए केवलनाणपज्जवेहिं तुझे तीहिं दसणेहिं छट्ठाणवडिए केवलदसणपज्जवेहि तुडे । १०९। वाणमंतरा ओगाहणट्ठयाए ठिईए चउट्ठाणवडिया वण्णाईहिं छट्ठाणवडिया, जोइसिया वेमाणियावि एवं चेव नवरं ठिईए तिट्ठाणवडिया।११०। जहन्नोगाहणगाणं भंते! नेरइयाणं केवइया पनवा पं०१, गो०! अणंता पजवा पं०, से केणद्वेणं मंते! एवं वुचाइ ?, गो०! जहन्नोगाहणए नेरइए जहन्नोगाहणस्स नेरइयस्स दापट्टयाए तुाडे पएसट्टयाए तुडे ओगाहणट्ठयाए तुड़े ठिईए चउढाणवडिए वनगंधरसफासपज्जवेहिं तीहि नाणेहिं तीहिं अन्नाणेहिं तीहिं दसणेहिं छट्ठाणवडिए, उकोसोगाहणगाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पज्जवा पं०?, गो०! अणंता पज्जवा पं०, से केणतुणं भंते! एवं बुचइ उक्कोसोगाहणयाण नेरइयाणं अर्णता पज्जया पं०१, गो0 1 उकोसोगाहणए नेरइए उक्कोसोगाहणस्स नेरइयस्स दषट्ठयाए तुले पएसट्टयाए ताडे ओगाहणट्ठयाए तुडे, ठिईए सिय हीणे सिय तुहले सिय अन्महिए जइहीणे असखिज्जमा० वा संखिज्जभाग० वा अह अम्भहिए असंखिज्जभागअन्भहिए वा संखिज्जभागअभ. ७०६ प्रज्ञापना पद-.-4 मुनि दीपरत्नसागर Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वा बन्नगंधरसफासपजवेहिं तीहि नाणेहिं तीहिं अन्नाणेहिं तीहिं दसणेहिं छहाणवडिए, अजहन्नमणुकोसोगाहणाणं नेरइयाणं केवइया पज्जवा पं०?, गो०! अणंता पज्जया ५०, से केणद्वेणं भंते ! अजहन्नमणुकोसोगाहणाणं अर्णता पज्जवा पं०?, गो० अजहन्नमणुकोसोगाहणए नेरइए अजहन्नमणुकोसोगाहणस्स नेरइयस्स दबट्टयाए तुड़े पएसट्टयाए नाले ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अब्भहिए जइहीणे असंज्जभाग० वा संखिजभाग० वा संखिज्जगुण वा असंखिजगुण या अह अम्भहिए असंखिज्जभागअब्भ या संखि. जभागअम्भ० वा संखिजगुणअभ० वा असंखिजगुणअम्भ० वा. ठिईए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अभ० जइ हीणे असंखिजभाग० वा संखिजभाग० वा संखिजगुण वा असंखिज्जगुण वा अह अब्भ० असंखिज्जभागअम० वा संखिज्जभागअभ० वा संखिज्जगुणअब्भ० वा असंखिज्जगुणअब्भ० वा, वन्नगंधरसफासपज्जवेहि तीहिं नाणेहि तीहिं अन्नाणेहि तीहि ईसणेहिं छट्ठाणचडिए, से एएणट्टेण गो०! एवं बुचइ-अजहन्नमणुकोसोगाहणार्ण नेरइयाणं अर्णता पज्जवा पं०, जहन्नठिइयाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पजवा पं०१, गो.! अर्णता, ठिईएतुड़े दसणेहिं छट्ठाणवडिए.एवं उक्कोसठिइएवि, अजहन्नमणुक्कोसठिइएविएवं चेव नवरं सहाणे चउट्टाणवडिए, जहन्नगुणकालगाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया ठिईए चउट्टाणवडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुले अवसेसेहिं वन्नगंध छट्टाणबडिए, से एएटेणं गो०! अर्णता पज्जवा 40, एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालाएवि एवं चेष नवरं कालवन्नपज्जवेहिं छहाणवडिए, एवं अवसेसा चत्तारि बन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ट फासा भाणियचा, जहन्नाभिणियोहियनाणीणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पज्जचा पं०?, गो! जह० अर्णता पज्जवा पं०, से केणट्टेणं भंते !० गो! जहन्नाभिणिचोहियनाणी नेरहए जहन्नाभिणिचोहियस्स नाणिस्स नेरइयस्स० आभिणियोहियनाणपज्जवेहि ताडे सुयनाण० छट्ठाणवडिए, एवं उकोसाभिहिरोहियनाणीचि, अजहन्नमणुकोसाभिचोहियणाणीवि एवं चेव णवरं आभिणियोहियनाणपज्जवेहि सट्टाणे छट्ठाणवडिए, एवं सुयनाणी ओहिनाणीवि, नवरं जस्स नाणा तस्स अन्नाणा नस्थि, जहा नाणा तहा अन्नाणावि भाणिया, नवरं जस्स अन्नाणा तस्स नाणा न भवंति, जहन्नचकसुदंसणीणं भंते ! नेरहयाणं केवइया पज्जवा पं०?, गो०! अर्णता पज्जवा पं०, से केण?ण जहन्नचकखुर्दसणी ण नेरइए जहन्नचकसुदसणिस्स नेरइयस्स छडाणवडिए चकखुर्दसणपज्जवेहिं तुड़े अचक्नु० ओहिदसणपज्जवहिं छहाणवडिए, एवं उक्कोसचकूखुदसणीचि, अजहन्नमणुकोसचखुर्दसणीवि एवं चेव नवरं सट्टाणे छट्ठाणवडिए. एवं अचकखुर्दसणीपि ओहिदसणीवि। १११। जहन्नोगाहणगाणं भंते ! असुरकुमाराणं केवइया पजया पं०?, गो! अणंता पजवा पं० से केण जहन्नोगाणगाणं असुरकुमाराणं अणता पजवा पं०१, गो! जहन्नोगाहणए SI अमुरकुमार जहन्नागाहणस्स असुरकुमारस्स दवट्ठयाए ताकिठिाए पङ पन्नाईहिं आभिणियोहि. सुयओहितीहि अन्नाणेहि नीहि सणेहि य उडाणपडिए.एवं उकोसो. 18 र उकोसोगाहणएवि असुरकमारे ठिईए चउडाणवडिए, एवं जाव थणियकमारा। ११२। जहन्नोगाहणाणं भंते ! पढवीकारयाणं केवइया?, अणंता पज्जवा पं०, से केणटेणं एवं वुबइ-जह पुढ० अर्णता पज्जवा पं०१, गो! जहन्नोगाहणए पुढवी जहन्नोगाहणस्स पुढ़वी दवट्टयाए तुड़े ओगाहणट्टयाए तुड़े ठिईए तिट्टाणवडिए वन्नगंध दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खु० य छट्टाणवडिए, एवं उक्कोसोगाहणएवि, अजहण्णमणुकोसोगाहणएवि एवं चेव नवरं सट्टाणे चउडाणवडिए, जहन्नठिइयाणं पुढचीकाइयाणं पुच्छा, गो० अणंता प०, से केणटेणं एवं बुबइ जहन्न पुढवी अर्णता पजवा पं०?, गो०! जहन्नठिइए पुढवीकाइए जहन्नठियस्स पुढवीकाइयस्स दबट्टयाए-नुड़े ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए तुड़े वन्नगंध जाव छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसठिडएवि, अजहन्नमणुकोसठिइएवि एवं चेव नवरं सट्ठाणे तिट्ठाणवडिए, जहन्नगुणकालयाणं भंते. पुढवीकाइयाण पुच्छा, गो०! अर्णता पजवा पं०से केणडेणं एवं बुचइ-जहन्नगुण पुढवी अणंता पजवा पं०?. गो. जहन्नगुणकालए पुढवीकाइए जहन्नगुणका. लगम्स पुढवीकाइयम्स दबट्ठ पएस० नुड़े ओगाहणट्टयाए चउट्टाणवडिए ठिईए तिट्टाणवडिए कालबन्नपजयेहिं तुल्ड़े अवसेसेहिं वनगंध दोहिं अन्नाणेहिं अचकख य छट्ठाण बडिए. एवं उक्कोसगुणकालएवि अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि एवं चेच नवरं सट्टाणे छट्ठाणचडिए, एवं पंच बन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ट फासा भाणिया. जहन्नमतिअन्नाणीणं भंते ! पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गो! अर्णता पज्जवा पं०, से केणटेणं एवं बुबह-जहन्नमतिअन्नाणीणं पुढवीकाइयाणं अणंता पज्जवा पं०?. गो! जहन्नमतिअन्नाणी पुढवीकाइए जहन्नमतिअन्नाणिस्स पुढवीकाइयस्स जाव ओगाहणट्ठयाए छहाणवडिए ठिईए तिट्ठाणचडिए वन्नगंध छट्ठाणचडिए मइअन्नाणपजहि तुड़े सुयअन्नाणअचकखुर्द छट्ठाणचडिए, एवं उकोसमअन्नाणीवि, अजहन्नमणुकोसमहअन्नाणीवि एवं चेव नवरं सहाणे छट्ठाणवडिए, एवं सुयअन्नाणीवि, अचकसुदंसणीवि एवं चेव, जाव वणप्फइकाइया। ११३ । जहन्नोगाहणगाणं भंते ! वेइंदियाणं?, अर्णता पजवा पं०, से केण?णं जहमोगाहणगाणं बेइंदियाणं अर्णता पजवा पं०?, गो! जहमोगाहणए इंदिए जहनोगाहणस्स घेईदियस्स ७०७ प्रज्ञापना पद.. मुनि दीपरतसागर Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दबाए तुले पसट्टयाए ओगाहणट्टयाए तुले ठिईए तिद्वाणवडिए वन्नगंध० दोहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खुदंसण० य उड्डाणवडिए, एवं उकोसोगाहणएवि णवरं णाणा णत्थि, अजनमणुकोसोगाहणए जहा जहन्न्रोगाहणए णवरं सट्टाणे ओगाहणाए चउड्डाणवडिए, जहनठियाणं भंते! बेइंद्रियाणं पुच्छा, गो०! अनंता पज्जवा पं० से केणणं भंते! एवं बइ- जहन्नठियाणं बेइंदियाणं अनंता पज्जवा पं०१, गो० ! जहन्नठिइए बेईदिए जहन्नटिइयस्स बेईदियस्स दट्टयाए तुले पएसइयाए तुले ओगाहणट्टयाए चउट्टा ठितीए तुले वन्नगंध० दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खुदंसणेण य छट्टाणवडिए, एवं उकोसठिइएवि नवरं दो णाणा अम्महिया, अजहन्नमणुकोसठिइए जहा उकोसठिइए णवरं ठिईए तिडाणव डिए, जहन्नगुणकालगाणं बेइंदियाणं पुच्छा, गो०! अनंता पज्जवा पं० से केण० बेइंद्रियाणं अनंता पज्जवा पं० १. गो०! जहन्नगुणकालए चेईदिए जहन्नगुणकालगस्स इंद्रियस्स दशट्टयाए तुले पएसइयाए तुले ओगाहणट्टयाए छट्टाणवडिए लिईए तिट्ठाण कालवन्न० तुले अवसेसेहिं बन्नगंध० दोहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं अचककुदंसणेण य छट्टाणवडिए, एवं उकोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएव एवं चैव वरं सट्ठाणे उट्ठाणचडिए, एवं पंच बन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा भाणिया, जहन्नाभिणित्रोहियनाणी भंते! बेइंदियाणं केवइया पजवा पं० १, गो०! अनंता पजवा पं० से केण जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं बेइंदियाणं अनंता पज्जवा पं०१, गो० ! जहनाभिणिबोहियणाणी बेईदिए जहन्नाभिणिवोहियणाणिस्स वेइंदियस्स दडपएसट्टयाए तुले ओगाहणट्ट्याए चउट्ठाणवडिए ठिईए तिट्ठाणवडिए वन्नगंध उट्ठाणवडिए आभिणित्रोहिय० तुले सुय० अचक्खु छट्ठाणवडिए, एवं उकोसाभिणिबोहियणाणीवि, अजहभमणुकोसाभिणिवोहियणाणीवि एवं चेत्र नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, एवं सुयनाणीवि सुयअनाणीचि अचक्खु - दंसणीवि, णवरं जत्य णाणा तत्थ अन्नाणा नत्थि जत्थ अन्नाणा तत्य णाणा नत्थि, जत्य दंसणं तत्थ णाणावि अन्नाणावि, एवं तेइंदियाणवि, चउरिंदियाणवि एवं चेव णवरं चक्सुदं सर्ण अमहियं । ११४ । जहन्नोगाहणगाणं भंते! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं केवइया पजवा पं०१, गो०! अनंता पजचा पं० से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ· जहन्नोगाहणगाणं ० अता पजवा पं० १, गो० ! जहन्नोगाहणए पंचिदियतिरिक्खजोणिए जहन्नोगाह्णयस्स पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स दबट्ट्याए पएसट्टयाए ओगाहण० तुले ठिईए तिट्ठाणव डिए बन्नगंध० दोहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं दोहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, उकोसोगाहणएवि एवं चैव नवरं तीहिं नाणेहिं तीहिं दंसणेहिं उट्ठाणचडिए, जहा उकोसोगाहणए वहा अजहन्नमणुकोसोगाहणएवि णवरं ओगाहणट्टयाए ठिईए चउट्ठाणवडिए, जहन्नठिइयाणं भंते! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं केवइया पज्जवा पं०१, गो० अनंता पज्जवा पं० सेकेण० जन्नठियाणं पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं अनंता पज्जवा पं०१, गो०! जहन्नठिइए पंचिदियतिरिक्खजोगिए जहन्नठिइयस्स पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स दवइयाए तुले पएसइयाए तुले ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए तुले वन्नगंध दोहिं अन्नाणेहिं दोहिं दंसणेहिं छट्टाणवडिए, उक्कोसठिइएवि एवं चैव वरं दो नाणा दो अन्नाणा दो दंसणा अजहन्नमणुकोसठिएवि एवं चैव नवरं ठिईए चउद्वाणवडिए तिथि णाणा तिभि अन्नाणा तिन्नि दंसणा जहन्नगुणकालगाणं भंते! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो० ! अनंता, सेकेण०, गो०! जहन्नगुणकालए पंचिदियतिरिक्खजोणिए जहन्नगुणकालगस्स पंचिदियतिरिकुखजोणियस्स दवट्टयाए तुझे पएसट्टयाए तुले ओगाहणट्टयाए चउडाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुले अवसेसेहिं बन्मगंध० तीहिं नाणेहिं तीहिं अन्नाणेहिं तीहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसगुणकालएव अजहन्न मणुकोसगुणकालएवि एवं चेव नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए एवं पंच बना दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा, जहन्नाभिणिबोहियणाणीणं भंते! पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं केवइया पज्जवा पं० १. गो० ! अनंता पज्जवा पं०, से केण० १, जहन्नाभिणिवोहियणाणी पंचिदियतिरिक्खजोणिए जहन्नाभिणित्रोहियणाणिस्स पंचिदियतिरिकृखजोणियस्स दशट्टयाए तुले पाएट्टयाए तुले ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणचडिए वन्नगंध० छठाणवडिए आभिणिषोहियनाणपज्जवेहिं तुले सुयनाणचक्सुदंसणअचक्बुदंसणपजवेहिं छाणवडिए उकोसाभिणिबोहियनाणीवि णवरं ठिईए तिद्वाणवडिए तिमि नाणा तिमि दंसणा सहाणे तुले सेसेसु उट्ठाणवडिए अजहन्नमणुकोसाभिणिबोहियनाणी जहा उकोसाभिणिबो हियनाणी णवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए सट्टाणे छट्ठाणवडिए एवं सुयनाणीवि, जहन्नोहिनाणीणं भंते! पंचिदियतिरिक्ख०१, अनंता पज्जवा पं० से केण०१, गो० ! जहन्नोहिनाणी पंचिदियतिरिक्खजोणिए जहन्नोहिनाणिस्स पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स दशट्ट्याए तुले पएसट्ट्याए तुले ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए तिट्ठाणवडिए बन्न गंध. आभिणिबोहियनाणसुयनाण० छट्ठाणवडिए ओहिनाण० तुले अन्नाणा नत्थि चक्सुअचक्खुओहिदंसण० उट्ठाणवडिए एवं उकोसोहिनाणीवि, अजहन्नमणुकोसोहिनाजीवि एवं चैव वरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, जहा आभिणिबोहियनाणी तहा मइअनाणी सुयअन्नाणी य, जहा ओहिनाणी तहा विभंगनाणीवि, चक्बुदंसणी अचक्सुदंसणी य जहा आमिणिषोहियनाणी, ओहिदंसणी जहा ओहिनाणी, जत्य नाणा तत्थ अन्नाणा नत्थि जत्थ अन्नाणा तत्थ नाणा नत्थि, जत्थ दंसणा तत्थ णाणावि अन्नाणावि (१७७) ७०८ प्रज्ञापना, द " मुनि दीपरत्नसागर Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अस्थित्ति भाणियवा । ११५। जहन्नोगाहणगाणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पज्जचा पं०१, गो०! अणंता पज्जवा पं०, से केणट्टेणं भंते ! एवं वुचइ-जहन्नोगाहणगाणं मणुम्साणं अर्णना पन्जवा पं०१, गो! जहन्नोगाहणए मणूसे जहन्नोगाहणगस्स मणूसस्स दवट्ठयाए तुले पएसट्टयाए तुल्ढे ओगाहणठ्याए तुाडे ठिहए तिठाणबडिए वन्नगंध नीहिं नाणेहि दोहिं अन्नाणेहि तीहि सणेहिं छठाणवडिए, उक्कोसोगाहणए एवं चेव नवरं ठिईए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अच्भहिए जइ हीणे असंखिज्जइभागहीणे अह अब्भहिए असंखे. ज्जइभागअभहिए, दो नाणा दो अन्नाणा दो दंसणा, अजहन्नमणुकोसोगाहणएविएवं चेव, णवर ओगाहणट्टयाए चउठाणबडिए, ठिईए चउठाणबडिए. आढाडेहिं चरहिं नाणेहि छठाणवडिए, केवलनाण. तुाडे, तीहि अनाणेहि तीहिं ईसणेहिं छठाणवडिए, केवलदसणफनवेहिं तुरडे, जहन्नठिइयाणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पं०१.गो अर्णता पज्जवा पंसे केण?, जहन्नठिडए मणुस्से जहन्नठिइयस्स मणुस्सस्स दबट्ठयाए तुड़े पएसट्टयाए तुढे ओगाहणट्ठयाए चउठाणवडिए लिईए नुल्ले बन्नगंध दोहिं अन्नाणेहिं दोहि दसणेहिं छट्ठाणवडिए, एवं उकोसठिइएवि नवरं दो नाणा दो अन्नाणा दो दसणा, अजहन्नमणुकोसठिइएवि एवं चेव नवरं ठिईए चउठाणबडिए ओगाहणठ्याए चउठाणबडिए आइडेहि चउहि नाणेहि छट्ठाणचडिए केवलनाण तुले तीहिं अन्नाणेहिं तीहिं दसणेहिं छट्ठाणवडिए केवलदसण तुड़े, जहन्नगुणकालयाणं भंते ! मणुस्साणं?, अर्णना, से केण?. जहन्न । गुणकालए मणूसे जहन्नगुणकालगस्स मणुस्सस्स दवट्ठयाए तुड़े पएसट्टयाए तुड़े ओगाहणट्टयाए ठिईए चउढाणवडिए कालवनफ्जयेहिं तुल्ले अबलेसेहिं वन्नगंध उहाणबडिए चरहिं नाणेहिं छहाणपडिए केवलनाणपजवेहिं नुल्ले तीहि अन्नाणेहिं तीहि दसणेहि छटाणवाडिए केवलदसणपजवेहि तुल एवि एवं चेव, नवरं सट्टाणे छट्टाणवडिए, एवं पंच बन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ट फासा भाणियत्रा, जहन्नाभिणिवोहियनाणीणं मणुस्साणं केवड्या पजवा पं०?. गो. अगंना पजवा पं०, से केण ?, जहन्नाभिणिबोहियणाणी मणसे जहन्नाभिणिचोहियणाणिस्स मणुस्सस्स दवट्टयाए नुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले ओगाहणट्टयाए चउढाणवडिए ठिईए चटाणवहिए बन्नगंध छट्ठाणवडिए आभिणियोहियनाण नुल्ले सुयनाण दोहिं दसणेहिं छट्ठाण, एवं उक्कोसाभिणिचोहियनाणीवि नवरं आभिणिचोहियनाण नुल्ले ठिडए तिहाणपडिए तीहिं नाणेहिं तीहिं दसणेहिं छट्ठाण, अजहन्नमणुकोसामिणिबोहियनाणी जहा उक्कोसामिणिचोहियनाणी नवरं ठिईए चउट्टाणवडिए सट्टाणे छट्ठाणचडिए, एवं सुयनाणीवि. जह न्नोहिणाणीणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पं०?, गो० अर्णता पजवा पं० से केण?, जन्नोहिनाणी मणुम्से जहन्नोहिनाणिस्स मणूसस्स दाट्टयाए नुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले A ओगाहणट्टयाए ठिईए तिट्टाणबडिए वन्नगंध दोहिं नाणेहिं छहाणवडिए ओहिनाणपजवेहिं तुल्ले मणनाणछट्टाणबडिए नीहिं दंसणेहिं छहाण. एवं उक्कोसोहिनाणीचि, अज हन्नमणुक्कोसोहिनाणी एवं चेच नवरं ओगाहणट्ठयाए चउडाणवडिए सहाणे छट्ठाणवडिए, जहा ओहिनाणी तहा मणपजवन णीपि भाणियचे नवरं ओगाहणट्टयाए तिट्टाण, जहा आभिणिचोहियणाणी तहा मईअन्नाणी सुयअन्नाणीवि भाणियो, जहा ओहिनाणी तहा विभंगनाणीवि भाणियत्वे, चक्षुदसणी अचक्खुदसणी य जहा आभिणिबोहियणाणी. ओहिदसणी जहा ओहिनाणी, जत्य नाणा तत्य अन्नाणा नत्यि जत्थ अन्नाणा तत्थ नाणा नस्थि, जत्थ दंसणा तत्थ णाणावि अन्नाणावि. केवलनाणीणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पज्जवा पं०१, अर्णता पजवा पं०,से केण०१, गो केवलनाणी मणूसे केवलनाणिस्स मणुसस्स दवट्टयाए ताडे पएसट्टयाए वाले ओगाहणट्टयाए चउट्टाणवडिए ठिईए तिहाणवडिए वागंध० छहाणवडिए केवलनाणकेवलदसण. तुड़े, एवं केवलदसणीवि मणूसे भाणियो। ११६। वाणमंतरा जहा असुरकुमारा, एवं जोइसियवेमाणिया नवरं सट्टाणे ठिईए निट्टाण३ - डिए माणियो, सेत्तं जीवपजवा ।११७। अजीवपजवा णं भंते! कइविहा पं०?, गो० दुविहा पं० त०-रूचिअजीवपजवा य अरूविअजीवपजवा य, अरूविअजीब कइविहा पं०१, गो०! दसविहा पं० त०-धम्मस्थिकाए धम्मत्यिकायस्स देसे धम्मस्थिकायस्स पएसा अहम्मस्थिकाए अहम्मस्थिकायस्स देसे अहम्मस्थिकायस्स पएसा आगासस्थिकाए आगाB सत्यिकायस्स देसे आगासस्थिकायस्स पएसा अद्धासमए ।११८। रूविअजीवपज्जवा णं भंते ! कइविहा पं०?, गोचउबिहा पं०२०- खंधा खंधदेसा खंधपएसा परमाणुपुग्गला. ते Aण मंते ! किं संखेजा असंखेज्जा अणंता ?. गो०! नो संखेजा नो असंखेजा अर्णता, से केणट्टेणं भंते! एवं वुचइनो संखेज्जा नो असंखजा अणंता ?, गो०! अणंता परमाणुपुग्गला अणंता दुपएसिया खंधा जाव अणंता वसपएसिया अर्णता संखिजपएसिया अर्णता असंखिज्जपएसिया अर्णता अर्णतपएसिया खंधा, से तेणद्वेणं गो०! एवं पुचइते णं नो संखिज्जा नो असंखिज्जा अणंता ।११९॥ परमाणुपोग्गलाण मंते ! केवड्या पज्जवा पं०१, गो०! परमाणुपोग्गलाणं अर्णता पज्जवा पं०,से केणद्वेणं परमाणु० अर्णता ?, गो० परमाणुपुग्गले परमागुपोग्गलस्स दबट्टपएसट्ठयाए तुले ओगाहणतुले ठिईए सिय हीणे सिय तुले सिय अम्भहिए जड़ हीणे असंखिजइभागहीणे वा सखिजइभाग० वा संखिज्जइगुण वा असंखि७०९ प्रज्ञापना, पह-PL मुनि दीपरनसागर Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ज्जइगुण वा अह अमहिए असंखिज्जइभागअभहिए पा संखिजइभाग० वा संखिजगुण वा असंखिजगुण० बा, कालवन्नपज्जवेहिं सिय हीणे सिय नुढे सिय अम्भहिए जह हीणे अणंतभागहींणे वा असंखिज्जइभाग० वा संखिजइभाग० वा संखिजगुण वा असंखिजगुण वा अर्णतगुण वा अह अभहिए अर्णतभाग० वा असंखिजइभाग० वा संखिजभाग या संखिजगुण वा असंखिजगुण या अर्णतगुणक पा, एवं अबसेसवन्नर्गधरसफासपजवेहिं छठाणवडिए, फासार्ण सीयउसिणनिवलाखेहि छठाणवडिए, से तेणटूठेणं गो एवं पञ्चर-परमाणपोग्गलाणं आणता०, दुपएसियाणं पुच्छा, गो! अणंता पज्जवा पं०, से केण०१,गो! दुपएसिए दुपएसियस्स दब्बठ्ठपएस० ताडे ओगाहसियहीणे सिय तुड़े सिय अभहिए जइ हीणे पएसहीणे अह अम्भहिए पएसमभहिए ठिईए चउट्ठाणवडिए बन्नाईहिं उवरिलेहिं चउफासेहि य छट्ठाणवडिए, एवं तिपएसेवि, नवरं ओगाहण. ट्ठयाए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अमहिए जइ हीणे पएसहीणे वा दुपएसहीणे वा अह अब्भहिए पएसमभहिए वा दुपएसमभहिए या, एवं जाव दसपएसिए नवरं ओगाहणाए पएसपरिखुड्ढी कायवा जाव दसपएसिए णवरं नवपएसहीणत्ति, संखेजपएसियाणं पुच्छा, गो० अर्णवा, से केण० एवं बुच्चइ०?, गो० संखेजपएसिए संखेजपएसियस्स दवट्ठयाए तुड़े पएसठ्ठयाए सिय हीणे सिय तुड़े सिय अब्भहिए जइ हीणे संखेजभागहीणे वा संखिजगुण० वा अह अब्भहिए एवं चेव, ओगाहणट्ठयाएवि दुट्ठाणवडिए. ठिईए चउट्ठाणवडिए, यण्णाइउवरिडचउफासपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए, असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गो०! अर्णता, से केण०?, गो! असंखिजपएसिए खंधे असंखिज्जपएसियस्स रंधस्स दवट्ठयाए तुले पएसट्ठयाए चउहाण, ओगाहणट्टयाए चउट्टाणठिईए चउट्ठाण० वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाण, अणंतपएसियाणं पुच्छा, गो० अर्णता, से केण? गोक! अर्णत. पएसिए खंधे अणंतपएसियस खंधस्स दव० तुड़े पएस० छट्टाण० ओगाण चउडाण ठिईए चउट्ठाण वन्नगंध छट्ठाण०, एगपएसोगाढाणं पोग्गलाणं पुच्छा, गो० अर्णता, सेकेण, गो! एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव० ताडे पएस.छद्राण नाडे पएस० छट्ठाण ओगाहणतुल्छे ठिईए चउहाण० वण्णाइउपसिउचउफासेहिं छट्ठाण,एवं दुपएसोगाढेवि, संखिजपएसोगाढाणं पुच्छा, गो! अणंता, से केणटेणं भंते! एवं बुच्चइ०?, गो०! संखेजपएसोगाढे पोग्गले संखिजपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव तुल्ढे पएस उट्ठाण ओगाहण दुहाण ठिईए चउठाण वण्णाइउपरिचउफासेहि य छट्ठाण०, असंखेजपएसोगाढाणं पुच्छा, गो०! अणंता, से केण०?, गो० असंखेजपएसोगाढे पोग्गले असंखेजपएसो. गाढस्स पोग्गलस्स दबट्टयाए तुल पएसट्टयाए छट्टाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउहाणवडिए ठिईए चउहाणवडिए वण्णाइअट्टफासेहिं छट्टाणवडिए, एगसमयठिइयाणं पुच्छा, गो! अर्णता, सेकेण ०?, गो० एगसमयठिइए पोग्गले एगसमयठिइयस्स पोग्गलस्स दक्षतुल्ले पएस० छट्ठाण ओगाहण० चउट्ठाण ठितीए तुल्ले वण्णाइअट्ठफासेहिं छट्ठाण एवं जाव दससमयठिइए, संखेजसमयठिइयाणं एवं चेव णवरं ठिईए दुट्ठाण, असंखेजसमयठिइयाणं एवं चेव नवरं ठिईए चउहाण, एकगुणकालगाणं पुच्छा, गो! अणंता, से केण?, गो! एकगुणकालए पोग्पाले एकगुणकालयस्स पोग्गलस्स दव० तुल्ले पएस० छट्ठाण ओगाहण० चउट्ठाण ठिईए चउट्ठाण कालवनपनवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वन्नगंधरसअट्ठफासेहिं छट्ठाण एवं जाव दसगुणकालए, संखेजगुणकालएवि एवं चेव नवरं सहाणे दुट्ठाण, एवं असंखिजगुणकालएविनवर सट्टाणे चउट्टाण०, एवं अर्णतगुणकालएवि नवरं सट्टाणे छट्ठाण, एवं जहा कालवनस्स वत्तवया भणिया तहा सेसाणवि वन्नगंधरसफासाणं वत्तवया भाणियचा जाच अणंतगुणलुक्खे, जहन्नोगाहणगाणं भंते ! दुपएसियाणं पुच्छा, गो० अणंता, से केण?, गो०! जहन्नोगाहणए दुपएसिए खंधे जहन्नोगाहणस्स दुपएसियस्स खंधस्स दाढ० तुल्ले पएस० तृले ओगाहण तुड़े ठिईए चउट्ठाण कालवन्नपजवेहिं छट्ठाण सेस. AI वन्नगंधरसपजवेहिं छट्ठाणसीयउसिणणिलक्खफासपज्जवहिं छट्ठाणसे तेणट्टेणं गो० एवं बुचड़-जहन्नोगाहणार्ण दुपएसियाण पोग्गलार्ण अर्णता फज्जवा पं०, उक्कोसोगाहणएवि एवं चेव, अजहन्नमणुक्कोसोगाहणओ नस्थि, जहन्नोगाहणयाणं भंते ! तिपएसियाणं पुच्छा, गो०! अर्णता, से केण०, गो० जहा दुपएसिए जहन्नोगाहणए, उक्कोसोगाहणएवि एवं चेक, एवं अजहन्नमणुकोसोगाहणएवि, जहन्नोगाहणयाणं भंते ! चउपएसियाणं पुच्छा, गो०! जहा जहन्नोगाहणए दुपएसिए नहा जहन्नोगाहणए पउप्पएसिए, एवं जहा उको. सोगाहणए दुपएसिए तहा उक्कोसोगाहणए चउप्पएसिएवि, एवं अजहन्नमणुक्कोसोगाहणएवि चउप्पएसिए णवरं ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुड़े सियमभहिए जइ हीणे पएसहीणे अह अम्महिए पएसअन्महिए, एवं जाब दसपएसिए णेयर णवरं अजहन्नुकोसोगाहणए पएसपरिवुड्ढी कायचा जाब दसपएसियस्स सत्त पएसा परिवड्ढिजति, जहन्नो. गाहणगाणं भंते ! संखेजपएसियाणं पुच्छा, गो०! अर्णता, से केण०, गो० जहन्नोगाहणए संखेज्जपएसिए जहन्नोगाहणगस्स संखिजपएसियस्स दाट्टयाए तुल्ले पएस० दुवाण. ओगाहण० तुल्ले ठिईए चउट्ठाण० वण्णाइचउफासपज्जवेहि य छट्ठाण०, एवं उक्कोसोगाहणएवि, अजहन्नमणुक्कोसोगाहणएवि एवं चेव णवरं सट्टाणे बुवाणवडिए, जहन्नोगाहण७१० प्रज्ञापना, पद-५ मुनि दीपरत्नसागर Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क गाणं भंते! असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गो०! अनंता से केण० ?, गो०! जहन्नोगाहणए असंखिजपएसिए बंधे जहन्नोगाहणगस्स असंखिजपए सियस्स खंधस्स बट्ट० तुल्ले पएस० चट्टान० ओगाहण० तुझे ठिईए चउद्वाण० वण्णाइवरिलफासेहि य उडाणवडिए, एवं उक्कोसोगाहणएवि अजहन्नमणुक्कोसोगाहणएवि एवं चैव नवरं सहाणे चउडाणबडिए, जहओोगाहणगाणं भंते! अनंतपएसियाणं पुच्छा, गो० ! अनंता से केण०१, गो० ! जहन्नोगाहणए अणतपएसिए बंधे जहलोगाहणगस्स अणतपएसियस्स संधस्स दबट्ट० तुझे पएस० छट्टाण० ओगाहण० तुझे ठिईए चउट्ठाण वण्णाइउवरिलचउफासेहिं छट्ठाण, उक्कोसोगाहणएवि एवं चेव नवरं टिईएवि तुझे, अजनमणुक्कोसोगाहणगाणं भंते! अणतपएसियाणं पुच्छा, गो० ! अनंता, से केण ०१, गो० ! अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए अणतपएसिए खंधे अजहन्नमणुक्कोसोगाहणगस्स अनंतपएसियस्स संघस्स दव • तुले पएस ० छाण० ओगाहण० चउद्वाण: ठिईए चउ० वण्णाइअडफासेहिं छट्टाण०, जहन्नठिइयाणं भंते! परमाणुपुग्गलाणं पुच्छा, गो०! अनंता से केण०१, गो०! जहन्नठिइए परमाणुपोगले जहन्नठि यस परमाणुपोम्गलस्स दवडयाए पएस ओगाहण० लिईए तुझे वण्णाइदुफासेहि य छट्टाणवडिए, एवं उकोसठिइएवि अजहन्नमणुकोसठिइएवि एवं चैव नवरं लिईए चउडाणवडिए, जठियाणं दुपएसियाणं पुच्छा, गो० ! अनंता, से केण०१, गो० ! जहन्नहिइए दुपएसिए जहन्नडिइयस्स दुपए सियस्स दश तुले पएस तुल्ले ओगाहण० सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अम्भहिए जइ हीणे पएसहीणे अह अब्भहिए पएसजन्महिए ठिईए तुल्ले वण्णाइचउफासेहि य छड्डाणवडिए, एवं उक्कोसठिइएवि, अजहन्नमणुक्कोसटिइएवि एवं चैत्र नवरं ठिईए चउडाणवडिए, एवं जाव दसपएसिए नवरं पएसपरिवुड्डी काया, ओगाहणट्ट्याए तीसुवि गमएस जाब दसपएसिए एवं पएसा परिवढिज्जति, जठियाणं भंते! संखिज्जपएसियाणं ०१, अनंता से केण० १, गो० ! जहन्नठिइए संखिजपएसिए खंधे जहन्नठिइयस्स संखिजपएसियस्स खंधस्स दव० तुल्ले पएस ० • दुट्टाणवडिए ओगाहणट्टयाए दुट्ठाणचडिए ठिईए तुल्ले वण्णाइचउफासेहि य उड्डाणवडिए, एवं उक्कोसटिइएवि, अजहन्नमणुकोसटिइएवि एवं चेव नवरं ठिईए चउट्टाणवडिए, जहन्नठिइयाणं अ संखिजपएसियाणं पुच्छा, गो०! अनंता से केण०१, गो०! जहन्नठिइए असंखिजपएसिए जहनठिइयस्स असंखिजपएसियस्स दवट्टयाए तुड़े पएस० चट्टान० ओगाहण० चउडा० ठिईए तुल्ले वण्णाइउवरिइचउफासेहि य छट्टाणवडिए, एवं उक्कोसठिइएवि, अजहतमणुक्कोसठिइए एवं चेव नवरं ठिईए चउडाणवडिए, जहन्नठियाणं अनंतपएसियाणं पुच्छा, गो० ! अनंता, से केण०१, गो०! जहन्नठिइए अनंतपएसिए जहन्नठिइयस्स अनंतपएसियस्स दश० तुहे पएस० छट्टाण० ओगाहणः चउडाण ठिईए तुले वण्णाइअट्ट फासेहि य छट्टाण०, एवं उक्कोसठिइएवि, अजहन्नमणुक्कोसठिइएवि एवं चैव नवरं ठिईए चउद्वाणवडिए, जहन्नगुणकालयाणं परमाणुपुग्गलाणं पुच्छा, गो०! अनंता, से केण० १, गोः! जहन्नगुणकालए परमाणुपुमाले जहन्नगुणकालगस्त परमाणुपुग्गलस्स दव० पएस ओगाहणः तुले ठिईए चउडाण कालवनपज्जवेहिं तुझे अवसेसा वण्णा नत्थि गंधरसदुफासपज्जवेहि य छट्टाणवडिए एवं उक्कोसगुणकालएवि, एवमजनमणुक्कोसगुणकालएवि णवरं सट्टाणे छट्टाणवडिए, जहन्नगुणकालगाणं भंते! दुपएसियाणं पुच्छा, गो०! अनंता, सेकेण०, गो० ! जनगुणकालए दुपाएसिए जहन्नगुणकालयस्स दुपएसियस्स दवट्टयाए पएस० तुले ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय अम्भहिए जड़ हीणे पएसहीणे अह अम्भहिए पएस अन्महिए ठिईए चउट्ठाण कालवनप० तुझे अवसेसवण्णाइउवरिलचउफासेहि य छट्टाणवडिए एवं उक्कोसगुणकालएव अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि एवं चेव नवरं सट्टाछट्ठाणवडिए, एवं जाव दसपएसिए नवरं पएसपरिवुड्ढी ओगाहणाए तहेब, जहण्णगुणकालयाणं भंते! संखिज्जपएसियाणं पुच्छा, गो०! अनंता से केण ०१, गो० ! जहष्णगुणकालए संखिजपएसिए जनगुणकालगस्स संखिजपएसियस्स दश० तुले पएस दुट्ठाण ओगाहण० दुद्वाण ठिईए चउडाण० कालवनपज्जवेहिं तुले अवसेसेहिं वण्णाइउवरिलचउफासेहि य छट्टाण०, एवं उक्कोसगुणकालएवि एवं अजह्नमणुक्कोसगुणकालएवि नवरं सहाणे छट्टाण०, जहन्नगुणकालयाणं भंते! असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गो० ! अनंता, से केण एवं बुच्चइ ?, गो० ! जहन्नगुणकालए असंखिज्जपएसिए जहन्नगुणकालगस्स असंखिज्जपएसियस्स दबट्टयाए तुल्ले पएस० चउद्वाण ठिईए चउट्टाण० कालवन्नपज्जवेहिं तुले अवसेसेहिं वण्णादिउवरिल्लचउफासेहि य छट्टाण० ओगाहणडयाए चउद्वाण०, एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहरुमणुक्कोसगुणकालएवि एवं चैव नवरं सट्टाणे छट्टाण०, जहन्नगुणकालयाणं भंते! अणतपएसियाणं पुच्छा, गो०! अनंता, से केण०१, गो० ! जहन्नगुणकालए अणतपएसिए जहन्नगुणकालयस्स दबट्टयाए तुल्ले पएस० उद्वाण • ओगाहण० चउट्ठाण ० ठिईए चउट्ठाण कालवण्णपजवेहिं तुझे अवसेसेहिं बन्नादिअट्ठफासेहि य छट्टाण०, एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि एवं चैव नवरं सहाणे छुट्टा०, एवं नीललोह्रियहालिदक्किमुग्भिर्गंधवुब्भिगंधतित्तकडुयकसायअंबिलमडुररस अड्डफासपजवेहि य वत्तश्या माणियचा, नवरं परमाणुपोग्गलस्स सुग्भिगंधस्त दुग्भिगंधोन ७११ प्रज्ञापना, पद मुनि दीपरत्नसागर Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भण्णइ दुन्भिगंधस्स सुब्भिगंधो न भण्णइ तित्तस्स अवसेसं न भण्णति, एवं कडुयादीणवि, अवसेस तं चेव, जहन्नगुणकक्खडाणं अणंतपएसियाणं खंधाणं पुच्छा, गो०! अणंता, से केण०?, गो! जहन्नगुणकक्खडे अर्णतपएसिए जहन्नगुणकक्खडस्स अणंतपएसियस्स दबट्टयाए तुड़े पएस० छट्ठाण० ओगाहण० चउट्ठाण ठिईए चउट्टाण. वन्नगंधरसेहिं छ. हाण कवडफासपनवेहिं तुले अक्सेसेहिं सत्तफासपज्जवेहिं छट्ठाण०, एवं उक्कोसगुणकक्खडेवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणकक्खडेवि एवं चेव नवरं सट्टाणे छट्ठाण,एवं मउयगुरुय. लहुएवि भाणिय, जहन्नगुणसीयाणं भंते! परमाणुपोग्गलाणं पुच्छा, गो०! अर्णता, से केण०१, गो०! जहन्नगुणसीए परमाणुपोग्गले जहन्नगुणसीतस्स परमाणुपुम्गलस्स दबट्टयाए तुड़े पएस तुले ओगाहण तुझे ठिईए चउट्टाण० वन्नगंधरसेहिं छट्ठाणसीयफासपजवेहि य तुल्ले उसिणफासो न भण्णति निलुक्खफासपजवेहि य छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसगुणसीएवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणसीतेबि एवं चेव नवरं सहाणे छट्ठाणवडिए, जहन्नगुणसीतार्ण दुपदेसियाण पुच्छा, गो०! अर्णता, से केण०?, गो०! जहन्नगुणसीते दुपएसिए जहन्नगुणसीतस्स दुपदेसियस्स दबट्टयाए तुल्ले पएस. तुझे ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए जद्द हीणे पएसहीणे अह अभहिए पएसअब्भहिए ठिईए चउट्ठाण वन्नगंधरसपनवेहिं छट्ठाण० सीयफासपजवेहिं तुझे उसिणनिलुक्खफासपजवेहिं छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसगुणसीतेथि, अजहन्नमणुक्कोसगुणसीतेवि एवं चेव नवरं सहाणे छट्ठाणवडिए, एवं जाव दसपएसिए णवरं ओगाहणट्ठयाए पएसपरिखुड्ढी काया जाव दसपएसियस्स नव पएसा बुड्ढिजति, जहन्नगुणसीयाणं संखेजपएसियाणं पुच्छा, गो० अर्णता. से केणटेणं भंते! एवं बुच्चइ?, गो०! जहन्नगुणसीते संखिज्जपएसिए जहन्नगुणसीतस्स संखिजपएसियस्स दवट्ठयाए तुले पएस० दुट्टाणओगाहण० दुहाण ठिईए चउट्ठाण वण्णादीहिं छट्ठाणसीयफासपनवेहिं तुल्ले उसिणनिद्धलक्खेहिं छहाण, एवं उक्कोसगुणसीतेवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणसीतेवि एवं चेव नवरं सहाणे छट्ठाण,जहन्नगुणसीयाणं असंखिजपएसियाण पच्छा, गो! अर्णता, से केण०१, गो० जहन्नगुणसीते असंखिजपएसिए जहन्नगुणसीयस्स असंखिजपएसियस्स दवन्तुले पएस० चउठाण ओगाहणठयाए चउट्ठाण० ठिईए चउठाण० वण्णाइपजवेहिं छट्ठाण० सीयफासपजवेहिं तुले उसिणनिबलुक्खफासपजवेहिं छट्ठाण०, एवं उक्कोसगुणसीतेवि, अजहन्नमणुकोसगुणसीतेवि एवं चेव नवरं सट्ठाणे छट्ठाण०, जहन्नगुणसीताणं अर्णतपएसियाणं पुच्छा, गो० अणंता, से केण०?, गो०! जहन्नगुणसीते अणंतपएसिए जहन्नगुणसीतस्स अर्णतपएसियस्स दवट्ठयाए ताले पएस. छट्ठाण ओगाहण० चउट्ठाण ठिईए चउट्ठाण वण्णाइपजवेहिं छट्ठाणसीयफासपजवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं सत्तफासपजवेहि छहाण, एवं उक्कोसगुणसीतेवि, अजहन्नमणुकोसगुणसीतेवि एवं चेव नवरं सट्ठाणे छट्ठाण, एवं उसिणनिदलुक्खे जहा सीते परमाणुपोग्गलस्स तहेब, पडिवक्खो सवेसि न भण्णइत्ति भाणियवं । १२० । जहनपएसियाण मंते ! खंधाणं पुच्छा, गो०! अणंता, से केण०?, गो०! जहन्नपएसिए संघे जहन्नपएसियस्स संघस्स दबट्टयाए पएस० तुल्ले ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए जइ हीणे पएसहीणे अह अमहिए पएसमभहिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वन्नगंधरसउवरिलचउफासपनवेहिं छट्ठाण, उक्कोसपएसियाणं भंते ! खंघाणं पुच्छा, गो०! अर्णता०, से केण?, गो० उक्को० संघे उकोसपएसियस्स संघस्स दवट्ठयाए पएस० तुल्ले ओगाहणट्ठयाए चउहाण० ठिईए चउहाण० वण्णाइअट्टफासपजवेहि य छट्ठाण०, अजह - न्नमणुकोसपएसियाणं मंते ! खंधाणं केवइया पजवा पं०?, गो! अर्णता०, से केणद्वेणं०१, गो०! अजहन्नमणुकोसपएसिए खंधे अजहन्नमणुकोसपएसियरस खंघस्स दचट्ठयाए तुल्ले पएस० छट्ठाण० ओगाहण० चउट्ठाण० ठिईए चउट्ठाण० वण्णाइअट्ठफासपजयेहि य छट्ठाण०, जहन्नोगाहणगाणं भंते ! पोग्गलाणं पुच्छा, गो०! अणंता, से केणद्वेण ०१, गो०! जहमोगाहणए पोग्गले जहन्नोगाहणगस्स पोग्गलस्स दबट्टयाए तुल्ले पएस० छट्ठाण ओगाहण० तुल्ले ठिईए चउट्ठाण वण्णाइउवरािडफासेहि य छट्ठाण, उक्कोसोगाहणएवि एवं चेव नवरं ठिईए तुले, अजहन्नमणुकोसोगाहणगाणं मंते ! पोमालाणं पुच्छा, गो०! अणंता, से केणढणं० १, गो०! अजहन्नमणुकोसोगाहणए पोग्गले अजहन्नमणुक्कोसोगाहणगस्स पोग्गलस्स दबट्टयाए तुल्ले पएस० छट्ठाण ओगाहण० चउट्ठाण० ठिईए चउहाण वण्णाइअट्टफासपज्जवेहि य छट्ठाण०, जहन्नठिइयाणं भंते ! पोग्गलाणं पुच्छा, गो०! अर्णता, से केण?णं०?, गो०! जहन्नठिइए पोग्गले जहन्नठिायस्स पोयालस्स दबट्टयाए तुल्ले पएस० छट्ठाण० ओगाहण० चउट्ठाण० ठिईए तुल्ले वण्णाइअट्टफासपजवेहि य छ । ट्ठाण, एवं उक्कोसहिइएवि, अजहन्नमणुक्कोसहिइएवि एवं चेव नवरं ठिईएवि चउहाण,जहन्नगुणकालयाणं भंते ! पोग्गलाणं केवइया पजवा पं०?, गो०! अर्णता, से केणटेणं०१, गो०! जहन्नगुणकालए पोम्गले जहन्नगुणकालयस्स पोग्गलस्स दट्टयाए तुल्ले पएस० छट्ठाण ओगाहण० चउट्ठाण ठिईए चउट्ठाण कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले अचसेसेहि वन्नगंघरसफासपज्जवेहि य छट्ठाण से तेणट्टेणं गो०! एवं बुचाइ-जहन्नगुणकालयाणं पोग्गलाणं अणंता पज्जवा पं०, एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएवि एवं चेव नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, एवं जहा कालवन्नपज्जवाणं वत्तवया मणिया तहा सेसाणवि बन्नगंधरसफासाणं वत्तच्या भाणियचा जाव अजहन्नमणुक्कोसलुक्खे सट्टाणे (१७८) ७१२ प्रज्ञापना, पद-५ मुनि दीपरत्नसागर Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क छहाणवडिए । सेनं रूविअजीवपजवा, सेत्तं अजीवपजवा ।१२१॥ इति पन्नवणाए बिसेसपर्य ५॥ 'वारस चउवीसाई सअंतरं एगसमय कनो य। उबट्टण परभक्यिाउयं च अट्टेव आगरिसा ॥१८२॥ निस्यगई णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पं०?, गो०! जहरू एक समयं उक्को बारस मुहुत्ता, तिरियगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उबवाएणं पं. गो! जह० एगं समयं उक्को० वारस मुहुत्ता, मणुयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पं०१, गो०! जह० एग समयं उक्को. बारस मुहुत्ता, देवगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उबवाएणं पं०?, गो०! जह० एग समयं उक्को० बारस मुहुत्ता, सिद्धिगई णं भंते! केवइयं कालं विरहिया सिझणाए पं०?, गो० जह: एर्ग समयं उक्को छम्मासा, निर. यगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उबट्टणाए पं०?, गो०! जह० एकं समयं उक्को बारस मुहुत्ता, तिरियगई णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उच्व पं.?, गोजह एगं समयं उक्को बारस मुहुत्ता, मणुयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उबट्टणाए पं०, गो! जहएग समयं उको बारस मुहुत्ता, देवगई भंते ! केवाइयं कालं विरहिया उबट्टणाए पं०?, गोन जहएगं समयं उको बारस मुहुत्ता। दारं १३१२२। स्यणप्पभापुढवीनेरइया णं भंते! केवइयं कालं विर० उप० ५०?, गो०! जहरू एग समयं उपको बउवीस मुहुत्ता, सक्करप्पभा० केवइयं कालं विर० उपवाएणं पं०१, गो०! जह० एग समयं उक्को सत्तराईदियाणि, वालुयप्पभा० केवइयं कालं विर० उववा० ५०, गोजह एग समयं उको अदमासं, पंकप्पभा० केवइयं कालं पिर० उपवा०५०१. गो०! जह० एग समयं उकको मासं, धूमप्पभा० केवइयं कालं विर० उवचा०५०?, गो, जहएगं समयं उककोदो मासा, तमा० केवइयं कालं विर० उव० ५०?, गो०! जह० एगं समयं उक्को० चत्तारि मासा, अहेसत्तमाः केवइयं कालं विर० उववा० ५०१, गो! जहरू एगं समयं उक्को छ. म्मासा, असुरकुमारा णं भंते ! केवइयं कालं विर० उववा० पं०?, गो०! जह• एगं समयं उक्को चउबीस मुहुत्ता, नाग० केवइयं कालं विर० उबवा पं०?, गो, जह: एगं समय उक्को चउच्चीसं मुहुत्ता, एवं सुवनविजुअग्गिदीवदिसाउदहिवाउथणियकुमाराणं पत्तेयं जहएगं समयं उक्को चउनीसं मुहुत्ता, पुढवीकाइया णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उवा पं०?, गो०! अणुसमयमविरहियं उववाएणं पं०, एवं आउतेउवाउवणस्सइकाइयाणवि अणुसमयं अविरहिया उववाएणं पं०, बेईदिया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववा० मुहुर्त, एवं तेईदियचडरिदिया, समुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उव० पं०?, गो०! जहएग समय उको अंतो, गम्भवतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! केवइयं कालं विर० उववा०पं०?, गोजहएगं समयं उको बारस महत्ता, संमच्छिममणस्सा णं भंते ! केवइयं कालं विर० उववा० ५०?, गो. जह• एग समयं उक्को चउदीसं मुहुत्ता, गम्भवतियमणुस्साणं जह एग समयं उको बारस मुहत्ता, वाणमंतराणं जह० एर्ग समयं उको चउत्रीसं मुहुना, जोइसियाणं पुच्छा, गो० जहरू एग समयं उको चउबीसं मुहुत्ता, सोहम्मे कप्पे देवा?, गो! जहरू एर्ग समयं उफी० चउथीसं मुहत्ता, इंसाणे०१. गो० जह एग समयं उको चउचीसं महुत्ता, सर्णकुमारे?, गो, जह० एग समयं उकोकणव राईदियाई बीसाई मुहुत्ताई, माहिं दे०?, गोजह एग समयं उक्को बारस राईदियार्ण दस मुहुना, बंभलोए?, गो! जहः एग समयं उक्को अद्धतेवीसं राइंदियाई, लंतगदेवाणं पुच्छा, गो०! जह• एगं समयं उक्को पणतालीसं राइंदियाइ. महामुक्कदेवाणं पुच्छा, गो० जहरू एग समयं उक्को असीई राईदियाई, सहस्सारे०, गो! जहरू एग समयं उक्को राइंदियसयं, आणयदेवाणं०, गो जहरू एग समयं उक्कोकसंखेनमासा. पाणयदेवाणं०, गोजह एगं समयं उक्को संखेजमासा, आरणदेवाणं गो जह एग समयं उक्को संखिज्जवासा, अय्यदेवाणं०, गो० जह० एग समयं उक्को संखिज्जा वासा, हिडिमगेविजाणं.?.गो.जह एगं समयं उक्को सखिजाई वाससयाई, मज्झिमगेविजाणं?, गो! जह एगं समयं उक्को संखिजाई वाससहस्साई. उबरिमगेचिजाणं.गो! जह एगं समयं उक्को संखिजाई वाससयसहस्साई, विजयवेजयंतजयंतअपराजितदेवाणं पुच्छा, गो०! जह एग समय उक्को. असंखेज कालं, सबट्टसिद्धगदेवाणं पुच्छा, गो !जह. एग समयं उक्को पलिओवमस्स संखिजइभार्ग, सिद्धा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया सिझणाए पं०?, गो० जहरू एग समयं उक्को छम्मासा । १२३ । रयणप्पभापुढवीनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उबट्टणाए पं०?, गो०! जह० एर्ग समय उक्को चउबीस मुहुत्ता एवं सिद्धवजा उचट्टणावि भाणियवा जाच अणुत्तरोववाइयनि नवरं जोइसियवेमाणिएसु चयणंति अहिलाबो कायद्यो । दारं २।१२४। नेरइया णं भंते ! किं संतरं उववजति निरंतरं उववजंति?, गो० संतरपि उववजति निरंतरपि उववजंति, तिरिक्खजोणिया ण भंते ! किं संतरं उव० निरंतरं उव०?, गो०! संतरंपि उवव० निरंतरपि उवव०, मणुस्सा णं भंते ! किं संतरं उवव० निरंतरं उवव०?, गो० संतरपि उव निरंतरंपि उवव०, देवा णं भंते ! गो! संतरंपि उवव० निरंतरंपि उवव०, रयणप्पभापुढवीनेरइया भंते !?,गो०! संतरंपि उवव निरंतरपि उवव०, एवं जाव अहेसत्तमाए संतरंपि उवव निरंतरंपि उवव०, असुरकुमारा ] ७१३ प्रज्ञापना पद- 5 मुनि दीपरत्नसागर Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भंते ! देवाणं किं संतरं उव० निरंतरं उव०१, गो० संतरंपि० निरंतरंपि०, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाण मंते! किं संतरं उब० निरंतरं उव०?, गो० नो संतरं उप निरंतरं उव०, एवं जाव वणस्सइकाइया नो संतरं उप निरंतरं उप०, बेईदिया णं भंते ! किं संतरं उव० निरंतरं उव०?, गो०! संतरपि उन० निरंतरपि उप०, एवं जाच पंचिंदियतिरिक्खजोणिया, मणस्साणं भंते! कि संतरं उव०निरंतर उव०१.गो! संतरपि उव० निरंतरीप उव०,एवं बाणमंतरा जाइसिया साहम्मीसाणसणकुमारमाहिदबंभलायलतगमहासुक्कसहस्सारआण। यपाणयआरणयहिडिमगेविजगमज्झिमगेविजगउपरिमगेविजगविजयवेजयंतजयंतअपराजितसवट्ठसिद्धदेवा य संतरपि उव. निरंतरपि उप०, सिदा णं भंते ! कि संतरं सिाति निरंतरं सिझंति?, गो०! संतरंपि सिझंति निरंतरंपि सिझंति । १२५। नेरइया ण मंते! किं संतरं उबद्दति निरंतर उचट्ठति ?, गो० संतरपि उबद्दति निरंतरपि उन्नति, एवं जहा उव. बाओ भणिओ तहा उबट्टणापि सिद्धवजा भाणियबा जाब बेमाणिया नवरं जोइसियवेमाणिएसु चयणति अहिलावो काययो । दारं ३।१२६ । नेरहया णं भंते! एगसमएणं केवइया उववजति?, गो० जह एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्को संखेजा वा असंखेज्जा वा उववज्जति, एवं जाव अहेसलमाए, असुरकुमारा गं भंते! एगसमएणं केवइया उव०?, गो! जह एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्को संखेज्जा वा असंखेज्जा वा, एवं नागकुमारा जाव यणियकुमारावि माणियबा, पुढबीकाइया गं भंते ! एगसमएणं केवइया उच०?, गो! अणुसमयं अविरहियं असंखेज्जा उववर्जति, एवं जाव बाउकाइया, वणस्सइकाइया णं भंते ! एगसमएणं केवइया उवव०?, गो०! सट्टाणुववाइयं पडुच अणुसमय अविरहिया अर्णता उवव० परठाणुववाइयं पडुच अणुसमयं अविरहिया असंखेज्जा उवव०, बेईदिया णं मंते! केवइया एगसमएर्ण उव०?, गो०! जह• एगो वा दो वा तिन्नि वा उको संखेज्जा वा असंखेज्जा वा. एवं तेइंदिया चउरिंदिया समुच्छिमपंचिंदियतिरिक्सजोणिया गम्भवकतियपंचिंदियतिरिक्खजोणिया समुच्छिममणुस्सा पाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणसर्णकुमारमा हिंदवंभलोयलंतगमहासुकसहस्सारकप्पदेवा ते जहा नेरहया, गम्भवतियमणुस्सआणयपाणयआरणअचुयगेवेज्जगअणुत्तरोषवाइया य एते जह० इको वा दो या तिन्नि वा उको संखिज्जा, सिद्धा णे भंते ! एगसमएर्ण केवइया सिझति ?, गो०! जह• एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्को० अट्ठसयं । १२७। नेरइयाण भंते ! एगसमएण केवइया उबईति०?, गो०! जह एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोकसंखेज्जा वा असंखेज्जा चा उपद्दति, एवं जहा उववाओ भणिओ तहा उबणावि भाणिया जाव अणुत्तराववाइया गवरं जोडसियोमा- ASI णियाणं चयणेणं अहिलावो कायकोदारा१२८ा नेराया णं भंते । कतोहिंतो उवव०१-किं नेरइएहितो उप०तिरिक्खजोणिएहितो उप० मणुस्सेहितो उब देवहितो उप०, गो०! नो नेरइएहितो उप० तिरिक्खजोणिएहिंतो उव० मणुस्सेहितो उव० नो देवेहितो उवव०, जइ तिरिक्खजोणिएहितो किं एगिदियतिरिक्खजोणिएहितो बेइंदियतेइंदियचउरिदियपं. चिंदियतिरिक्ख० उवर्षजति ?, गो० नो एगिदिय० नो बेईदियनो तेइंदिय० नो चउरिदिय० उवव० पंचेंदियतिरिक्ख० उवव०, जद पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उवव० किं जलयर० थलयर० खहयर०?, गो०! जलयर० जोणिएहिंतो उवव० थलयर० खयर०, जइ जलयर जोणिएहितो किं समुच्छिमजलयर गम्भवकंतियजलयर०?, गो० समुच्छिमजलयर उव० गम्भवतिय उवव०, जइ समुच्छिमजलयर० किं पजत्तयसमुच्छिमजलयर० किं अपजत्तसमुच्छिमजलयर०?, गो० पज्जत्तयसमुच्छिमजलयर० नो अपज्जत्तगजलयर०, जइ गम्भवतियजलयर०कि पजत्तगगम्भवतियजलयर० अपजत्तयगम्भ० जलयर०?, गो० पज्जत्तयगम्भ जलयर० नो अपजत्तगगम्भवक्कतियजलयर०, जइ बलयर० किं चउप्पयथलयर० परिसप्पथलयर०?, गो! चउप्पयथलयर परिसप्पथलयर०, जइ चउप्पयथलयर० किं समुच्छिमेहिंतो गम्भवक्कतिएहितो०?गो० समुच्छिमचउप्पयथलयर० गम्भवक्कंतियचउप्पयथलयर, जइ समुच्छिमचउप्पय० किं पजत्तगसमुच्छिमचउप्पय० अपज्जत्तगसमुच्छिमचउप्पय०?, गो० पजत्तसमुच्छिमचउप्पयथलयर० नो अपजत्तगसंमु. च्छिमचउप्पय०, जई गम्भवक्कंतियचउप्पयतिरिक्सजोणिएहितो कि संखेजवासाउअगम्भवतियचउप्पय० असंखेजवासाउयगम्भ०?, गो ! संखेजवासाउ० नो असंखेजवासाउ०, जइ संखेजवासाउय० किं पजत्तगसंखेजवासाउयगम्भ अपजत्तगसंखेजवासाउयगम्भ०?.गोपजत्त हितो० नो अपजत्तसंसेफवासाउएहितो०,जइ परिसप्पथलयर० किं उरपरिसप्पथलयर० भुयपरिसप्पथलयर०१. गो०! दोहितोषि उपवर्जति, जइ उरपरिसप्पथलयर०किं समुच्छिमउरपरिसप्प० गम्भवतियउरपरिसप्प०१, गो समुच्छिमेहिंतोवि गम्भवतिएहिंतोवि उववर्जति, जइ समुच्छिमउरपरिसप्पथलयर० किं पजत्तएहितो अपजत्तगेहितो?, गो० पजत्तगसमुच्छिमेहितो नो अपजत्तगसंमुच्छिमेहितो उक्वजति, जइ गम्भवकंतियउर - परिसप्पथलयर० उवव० किं पजत्तएहितो अपजत्तएहितो?, गो०! पजत्तगगम्भवकंतिएहिंतो नो अपजत्तगम्भवतिएहिंतो उवव०, जइ भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियः उववर्जति किं समुच्छिमभुयपरिसप्पथलयर० गम्भवतियभुयपरिसप्पथलयर०?, गो०! दोहितोऽवि उववजति, जइ समुच्छिमभुयपरिसप्प० किं पजत्तयसमुच्छिमभुयपरिसप्प० अपज्जत्तयसंमु४ भज्ञापना, पद-95. मुनि दीपरनसागर Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च्छिम०?, गो०! पजत्तएहितो उपयजति नो अपजत्तएहितो०, जइ गम्भवकंतियभुयपरिसप्पथलयर० किं पजत्नएहितो अपजत्नएहितो उपव०?, गो० पजत्तएहितो उपव० नो अपजत्तएहितो, जइ सहयरपंचिंदिय० किं समुच्छिमखहयरपंचिं० गम्भवतियखयर०?, गो! दोहितोऽवि. जइ समुच्छिमखहयर० किं पजत्तएहितो अपजत्नएहितो उपच०१, गो! पजनएहितो नो अपजत्तएहितो, जा पजतगगम्भवतियखयर कि संखेजवासाउएहितो. असंखेग्जवासाउएहितो उपर०, गो ! संखिजवासाउएहितो नो असंसि. ज्जवासाउएहितो०, जइ संखिज्जयासाउयगम्भवक्कंतियखहयर० किं पज्जत्तएहिंतो अपज्जत्तएहितो?, गो०! पज्जत्तएहितो नो अपज्जत्तएहितो, जइ मणुस्सेहितो कि संमुपिछममणस्सेहिंतो गम्भवतियमणस्सेहितो०१. गो० नो समुच्छिममणुस्सेहितो गम्भवतियमणस्सेहितो०,जह गम्भवतियमणस्सेहितो किकम्मभूमिगगम्भवतियमणस्सेहितो अकम्मभूमिगगम्भ० अंतरदीवगगम्भ उपसति?, गो कम्मभूमिगगम नो अकम्मभूमिगगम नो अंतरदीवग०, जह कम्मभूमिगगम्भ कि संखेजवासाउएहितो असंखे. जा ज्जवासाउएहितो उप०?, गो०! संखेज्जवासाउय० नो असंखिज्जवासाउय०, जइ संखेज्जवासाउय किं पज्जत्तेहितो अपज्जत्तेहितो?, गो० ! पज्जत्तएहितो नो अपज्जत्तएहितो | उवव०, एवं जहा ओहिया उववाइया तहा रयणप्पभापुढवीनेरहयावि उववाएयवा, सक्करप्पभापुढवीनेरइयाणं पुच्छा, गो! एतेवि जहा ओहिया तहेवोववाएयशा नवरं समुच्छिमेहिंतो पडिसेहो कायरो, पालुयप्पभापुढवीनेरडया णं भंते ! कतोहिंतो उवव०?, गो०! जहा सकरप्पभापुढवीनेरइया नवरं भुयपरिसप्पेहितो पढिसेहो कायरो, पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं पुच्छा, गो० जहा बालुयप्पभापुढवीनेरहया नवरं सहयरेहितो पडिसेहो कायको, धूमप्पभापुढवीनेरइयाण पुच्छा, गो० जहा पंकप्पभापुढवीनेरइया नवरं चउप्पएहितोचि पडिसेहो कायचो. तमापढवीनेरइया र्ण मत! कोहितो उपवजति.गो! जहा धूमप्पभापुढवीनेरइया नवरं बलयरहितोवि पडिसेहो कायरो, इमेणं अभिलावेणं जइ पंचिदियतिरिक्खजो णिएहितो किं जलयरपंचिंदि० धलयरपंचिदि० सहयरपंचि०१, गो०! जलयरपंचिंदिएहिंतो उवव० नो थलयरेहितो नो खहयरेहितो, जइ मणुस्सेहितो किं कम्मभूमिएहितो अकम्म भूमिएहितो अंतरदीव०?, गो० कम्मभूमिएनो अकम्मभूमिएहिंतो नो अंतरदीवएहिंतो उववजंति, जइ कम्मभूमि संखेज्जवासाउ० असंखेज्जवासाउ.?.गो! संखेज्जवासाउनो असंखेज्जवासाउ०, जइ संखेज्जवासाउ०किपज्जत्तएहितो अपज्जत्तएहितो०१, गो०! पज्जत्तएहिंतो नो अपज्जत्तएहितो, जइ पज्जत्तयसंखेज्जवासाउय किं इथि पुरिसेहितो नपुंस०?, गो० ! इत्थीहितो पुरिसेहितो नपुंसएहितोवि, अहेसत्तमापुढवीनेरइया ण भंते! कतोहितो०?, गो० ! एवं चेव नवरं इत्थीहितो पडिसेहो कायद्यो-'अस्सन्नी खलु पढमं दो. चंपि सिरिसवा तहय पक्खी। सीहा जति चउत्यि उरगा पुण पंचमि पुढवि ॥१८३॥ छट्टिं च इत्थियाओ मच्छा मणुया य सत्तमि पुढवि। एसो परमोचाओ बोदशो नरगपुढवीणं ॥१८॥ १२९। असुरकमारा णं भंते! कतोहितो उपवनति, गोनो नेहएहितो तिरिक्खजोणिएहिंतो मणुस्सेहितो उपवनो देवहितो उपय०, एवं जेहितो नेरहयाण उववाओ तेहितो A अमुरकुमाराणवि माणियको नवरं असंखेजवासाउयअकम्मभूमगअंतरदीवगमणुस्सतिरिक्खजोणिएहितोचि उववनंति सेसं तं चेय, एवं जाव थणियकुमारा भाणियवा ।१३०। पुढ वीकाझ्या णं भंते! कतोहितो उवच -कि नेहएहितो जाव देवेहिंतो उववनंति?, गो! नो नेरइएहितो तिरिक्खजोणिएहितो मणुस्संहितो देवहितोचि उपवनंति, जइ तिरिक्सजोणिएहिंतो उक्वजति किं एगिदियतिरिक्खजोणिएहितो जाव पंचिंदियतिरिक्त उवव०?, गो०! एगिंदियतिरिक्ख. जाव पंचिदियतिरिक्ख उपवनंति, जइ एगिदियतिरिक्त किं पदवीकाइएहितो जाव वणस्सइकाइएहितो उपय०१. गो. पुढवीकाइएहिंतोचि जाव वणस्सइकाइएहितोचि उ०, जह पढवीकाइएहितो कि सुहमपुढवीकाइएहितो वायरपढपी०१. गो०! दोहिंतोवि उववजंति, जइ मुहुमपुढवीकाइएहितो किं पज्जत्तपुढवी अपज्जत्तपुढवी ?, गो०! दोहितोचि उववज्जंति, जइ बायरपुढवीकाइएहितो किं पज्जत्तएहितो अपज. नएहिंतो०?, गो०! दोहितोवि, एवं जाच वणस्सइकाइया चउकएणं भेदेण उवबाएयचा, जइ बेईदियतिरिक्खजोणिएहितो किं पजत्नयबेईदिएहितो अपज्जत्तयचेईदिएहितो०, गो० दोहितोवि उववज्जति, एवं तेइंदियचाउरिदिएहितोचि, जइ पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो किं जलयरपंचिंदिय० एवं जेहितो नेहयाणं उवचाओ भणिओ तेहिंतो एतेसिपि भा. णिययो नवरं पन्जत्तगअपज्जत्तगेहितोपि उवय सेस तब, जहमणुस्सेहितो. किं समुच्छिममणस्सेहितो गम्भवतियम. गो० दोहितोचि, जह गम्भवतिय कि कम्मभूमगगम्भवतिय० अकम्मभूमगगम्भवक्कंतिय सेसं जहा नेरइयाणं नवरं अपज्जत्तएहिंतोवि, जइ देवेहिंतो० किं भवणवासिवाणमंतरजोइसवेमाणिएहितो०?, गो० भवणवासिदेवेहिंतोवि जाव वेमाणियदेवेहितोवि०, जह भवणवासिदेवेहितो किं असुरकुमार जाव यणियकुमार०?, गो असुरकुमारदेवेहितोचि जाव थणियकुमारदेवे०, जइ वाणमंतरदेवेहितो किं पिसाएहिंतो जाव गंधश्वहितो०?, गो० पिसाएहितोवि जाव गंधोहितोवि, जइ जोइसियदेवेहितो कि चंदविमाणेहितो जाव ताराविमाणेहितो?, गो०! चंदविमाणजोइसियदे७१५ प्रज्ञापना, पढ़-05 मुनि दीपरनसागर Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेहितोवि जाच ताराविमाणजोइसियदेवेहितोवि, जइ वेमाणियदेवेहितो किं कप्पोवगवेमाणियदेवेहितो कप्पातीतवेमाणियदेवेहितो?, गो० ! कप्पोवगवेमाणिय० नो कप्पातीतयेमा|णिय०, जह कप्पोवगवेमाणिय० किं सोहम्मेहिंतो जाव अनुएहितो?, गो०! सोहम्मीसाणेहिंतो० नो सर्णकुमारजावअचुएहितो०, एवं आउकाइयावि, तेउवाउकाइयावि नवरं देवव. जेहिंतो, वणस्सइकाइया जहा पुढवीकाइया । १३१श बेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया एते जहा तेउवाऊ देववज्जेहिंतो भाणियशा । १३२। पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! कओहितो Gउववजति ?, किं नेरइएहिंतो जाव किं देवेहितो०, गो० ! नेहएहितोवि तिरिक्खजोणिएहितोवि मणुस्सेहिंतोवि देवेहितोवि, जइ नेरइएहितो किं स्यणप्पभापुढवीनेरइएहितो जाव अहेसत्तमापुढवीनेरइएहिंतो?, गो! स्यणप्पभापुढवि० जाव अहेसत्तमापुढवि०, जइ तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजति किं एगिदिएहितो जाव पंचिंदिएहिंतो , गो०! एगिदिएहिं. तोवि जाव पंचिंदिएहिंतोवि, जइ एगिदिएहितो किं पुढवीकाइएहिंतो उवव० एवं जहा पुढचीकाइयाणं उपवाओ भणिओ तहेव एएसिपि भाणियशो नवरं देवेहितो जाव सहस्सारकप्पोवग० नो आणयकप्पोवगजावअचुएहिंतोवि उवववति । १३३१ मणुस्सा णं मंते! कजोहिंतो उवव०कि नेरइएहिंतो जाव देवेहितो?, गो० नेरइएहितोचि जाव देवेहिंतोवि, जह नेहएहिंतो किं स्यणप्पभा एहिंतो जाव अहेसत्तमा एहिंतो उववर्जति?, गो० स्यणप्पभा०एहिंतोविजावतमापुढवी०,नोअहेसत्तमा एहितो, जर तिरिक्खजोणिएहिंतो कि एगिदियतिरिक्स एवं जेहिंतो पंचिंदियतिरिक्सजोणियार्ण उववाओ भणिओ तेहिंतो मणुस्साणवि निरवसेसो भाणियको नवरं अहेसत्तमापुढवीनेरहएहितो तेउवाउकाइएहितो ण उवव०, सबदेवेहितो य उक्याओ कायशो जाव कप्पातीतवेमाणिय सबद्दसिद्धदेवेहिंतोवि उववजावेयशा।१३४। वाणमंतरदेवाण मंते! कओहितो उवव० किं नेरइएहितो तिरिक्खजो. णिय मणुस्स० देवेहितो?, गो! जेहिंतो असुरकुमारा तेहिंतो भाणियवा। १३५ । जोइसिया णं भंते ! देवाकओहिंतो उववजति?, गो! एवं चेव नवरं समुच्छिमअसंखिजवासाउ. यखयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियवजेहिंतो अंतरदीवमणुस्सवजेहिंतो उववज्जावया । १३६। वेमाणियाणं भंते! कओहिंतो० किं नेरइएहितो किं तिरिक्खजोणिएहिंतो मणुस्सेहितो देवेहितो?, गो० णो णेरइएहिंतो उवव० पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो मणुस्सेहिंतो उवव० णो देवेहिंतो उक्व०, एवं सोहम्मीसाणगदेवाऽवि भाणियवा, एवं सर्णकुमारदेवावि मा. णियमा नवरं असंखेजवासाउयअकम्मभूमगवजेहितो उपच०, एवं जाव सहस्सारकप्पोक्गवेमाणियदेवा भाणियचा, आणयदेवा गं भंते! कओहितो. किं नेरइएहितो किं पंचिंदियतिरिक्खजोणिय० मणुस्स० देवेहितो?, गो०! णो णेरइएहितो नो तिरिक्खजोणिएहितो मणुस्सेहितो णो देवेहितो, जइ मणुस्सेहितो किं समुच्छिममणुस्सेहितो गम्भवतियमणुस्सेहिंतो०?, गो०! गम्भवक्कतियमणुस्सेहिंतो नो समुच्छिम०, जइ गम्भवक्कंतिय० किं कम्मभूम० अकम्मभूम० अंतरदीवगेहितो०१, गो० नो अकम्मभूमिगेहिंतो णो अंतरदीवगेहितो कम्मभूमगगम्भ०, जइ कम्मभूमगगम्भ०कि संखेजवा असंखेजवासाउएहिंतो?, गो० संखेजवासानो असंखिजवासा०, जइ संखिजवासाउय मणस्सेहिंतो किं पजत्तएडितो अपजत्तएहिंतो०?, गो०! पजत्तएहिंतो नो अपजत्तएहितो, जइ पजत्तसंखेजवासा०मणुस्सेहिंतो किं सम्मदिद्विपजत्तग० मिच्छादिदिपज्जत्तम्गेहितो सम्मामिच्छादिपिजत्तगेहिंतो०?, गो० सम्मदिठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्ममूमगगम्भवक्कतियमणूसेहिंतो० मिच्छदिठ्ठिपजत्तगेहिंतो० णो सम्मामिच्छादिठिपजत्तएहिंतो०, जइ सम्मदिदिठपज्जत्तसंसेजवासाउयकम्मभूमगगम्भक्क्कवियमसेहितो कि संजतसम्मरिदिठ० अर्सयतसम्मदिठ्ठिपजत्त संजयासंजयसम्मदिदिठपजत्तसंखेज०?, गो! तीहितोवि.एवं जाव अचगो कप्पो. एवं चेव गेविज्जगदेवावि नवरं असंजता संजतासंजता य एते य पडिसेहेयचा, एवं जहेब गेविज्जगदेवा तहेव अणुत्तरोक्वाइयावि णवरं इमं नाणत्तं संजया चेव, जइ सम्मदिट्टीसंजतपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगम्भवकंतियमसेहितो० किं पमत्तसंजय० अपमत्तसंजयसम्मदिदिठ एहितो?, गो०! अपमत्तसंज-एहिंतो नो पमत्तसंज-एहितो०, जइ अपमत्तसंज० एहितो० किं इइढिपत्तसंजएहिंतो अणिड्ढिपत्तसंजएहितो?, गो०! दोहितोकादारं ५।१३७। नेरइया णं भंते ! अणंतर उच्चहित्ता कहिं गच्छंति कहिं उवयजति किं नेरइएम तिरिक्सजोणिएमु मणुस्सेसु देवेसु०, गो०! नो नेसएसु तिरिक्खजोणिएसु मणुस्सेसु नो देवेसु उवव०, जइ तिरिक्खजोणिएमु किं एगिदिएसु जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएम उवव०?, गो० ! णो एगिदिएमु जाव नो चाउरिदिएसु उवव०, एवं जेहिंतो उपवाओ भणिओ तेसु उबट्टणावि भाणियमा नवरं समुच्छिमेसुन उवव०, एवं सम्पुढवीसु भाणियचं नवरं अहेसत्तमाओ मणुस्सेसु ण उववर्जति ।१३८। असुरकुमारा गं भंते ! अणंतरं उचट्टित्ता कहिं गच्छति कहिं उवव०?, किं नेहएसु जाव देवेसु उ०?, गो० नो नेरइएसु तिरिक्सजो. णिएसु मणुस्सेसु णो देवेसु उवव०, जह तिरिक्खजोणिएम० किं एगिदिएसु जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु०१, गो० एगिदियतिरिकखजोणिएमु नो बेइंदिएसु जाव नो चउरिंदितेरिखजोणिएमु०, जइ एगिदिएमु किं पुढवीका एनिदिएसु किं पुढवीकाइयएगिदिएसु जाव वणस्सइकाइयएगिदिएसु०, गो०! पुढवीकाइयएगिदिएसुवि आउकाइयएगिदिएसुवि नो तेउ. काइएसु नो वाउकाइएसु वणस्सइकाइएसु, जइ पुढवीकाइएसु किं सुहुमपुढवी० बायरपुढवी०, गो०! बायरपुढबी० नो मुहुमपुढवी०, जइ बायरपुढवी० किं पजत्तयवायर - (१७९) ७१६ प्रज्ञापना, 4. 5 मुनि दीपरत्नसागर 2 Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुढवी- अपजत्तवायरपुढयी०१, गो० पजत्तएम० नो अपजत्तएम०, एवं आउवणस्सइसुवि भाणिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिएम मणूसेसु य जहा नेरइयाणं उपट्टणा समुच्छिमवजा तहा भाणियचा, एवं जाच पणियकुमारा । १३९। पुढवीकाइया णं भंते ! अणंतरं उचट्टित्ता कहिं गच्छति० किं नेरइएसु जाव देवेसु?, गो० नो नेइएमु तिरिक्सजोणिएम मणूसेसु य नो देवेसु०, एवं जहा एतेसि चेष उपाओ तहा उमट्टणावि देववजा माणियचा,एवं आउवणस्सइवेईदियतेइंदियचडरिंदियाचि, एवं तेउवाउ० नवरं मणुस्सबजेसु।१४०। पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! अर्णतरं उबहित्ता कहिं गच्छति कहिं उव०?, गो० नेरइएसु जाव देवेसु, जइ नेरइएम किं स्यणप्पभापुदपी जाय अहेसत्तमापुढवी०?, गो० स्य. णप्पभापुढवि० जाच अहेसत्तमापुढवि० उप०,जह तिरिक्वजोणिएम० किं एगिदिएमु जाव पंचिंदिएमु उ०?, गो०! एगिदिएमु जाप पंचिदिएम० उप०, एवं जहा एतेसिं चेव उपवाओ उजद्दणावि तहेव भाणिया नवरं असंखेनवासाउएसुवि एते उव०, जइ मणुस्सेसु० किं संमुच्छिममणुस्सेसु गम्भवकंतियमणूसेसु०?, गो० दोसुवि, एवं जहा उववाओ तहेब उपट्टणावि माणियचा नवरं अकम्मभूमगअंतरदीवगअसंखेजवासाउएसुवि एते उववजंतित्ति भाणिया, जइ देवेमु किं भवणवईसु जाव किं वेमाणिएमु०, गो० सवेमु चेव, जइ भवणवईसु किं असुरकुमारेगु जाच धणियकुमारेसु०, गो० सवेसु चेव, एवं वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु निरंतरं जाव सहस्सारो कप्पोत्ति । १४१।मणुस्सा णं भंते ! अणंतरं उच्चट्टित्ता कहिं गच्छति कहिं उप०१, किं नेइएसु जाव देवेसु०?, गो०! नेरइएमुवि जाव देवेसुचि, एवं निरंतर सच्चेसु ठाणेसु पुच्छा, गो० सवेसु ठाणेसु, न किंचिवि पडिसेहो कायद्योजाव अत करेंति ।१४२शवाणमंतरजोइसियवेमाणियसोहम्मीसाणा य जहा असरकमारा, नवरं जोड़सियाण य वेमाणियाण य चयंतीति अभिलावो कायचो, सर्णकुमारदेवाणं पुच्छा ?, गो० जहा असुरकुमारा नवरं एगिदिएसु ण, एवं जाव सहस्सारगदेवा, आणय जाव अणुत्तरो. ववाइया देवा एवं चेव नवरं नो तिरिक्खजोणिएसु० मणुस्सेसु पजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगम्भवतियमणूसेसु० । दारं ६।१४३ । नेरइया णं भंते ! कतिभागावसेसाउया परभ. वियाउयं पकरेंति?, गो० नियमा छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं०, एवं असुरकुमारावि, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइया णं भंते ! कतिभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरें। ति?, गो! पुढवीकाइया दुविहा पं० २०. सोवकमाउया य निस्वकमाउया य, तत्थ णं जे ते निरुवकमाउया ते नियमा तिभागाच० परभवियाउयं पकरेंति, तत्थ णं जे ते सोवकमा. उया ते सिय तिभागावसे० परभवि० पकरेंति सिय तिभागतिभागावसे सिय विभागतिभागतिभागावसे०, आउतेउवाउवणफइकाइयाणं वेइंदियतेइंदियचउरिदियाणवि एवं चेव, पंचिं. दियतिरिक्सजोणियाणं भंते! कतिभागावसे० परभवि० पकरैति', गो० पंचिंदियतिरिक्खजोणिया दुविहा पं० त० संखेजवासाउया य असंखेजवासाउया य, तत्य णं जे ते असंखेजवासाउया ते नियमा छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति, तत्थ णं जे ते संखिजवासाउया ते दुविहा पं००-सोवक्कमाउया य निरुवकमाउया य, तत्य णं जे ते निरुवकमाउया ते नियमा तिभागावसेसाउया परमवियाउथ पकरैति. तत्य जे ते सोचकमाउया ते णं सिय तिभागा०सिय विभागतिभागासिय विभागतिभागतिभागावसेसाउया परभदियाउयं पकरेंति, एवं मणूसावि,वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरहया । दारं ७॥१४४ाकइबिहे णं भंते ! आउयबंधे पं०१, गो०! छबिहे आउयबंधे पं०२०-जातिनामनिहत्ताउए गति. ठिती० ओगाहण० पएस. अणुभागनामनिहत्ताउए, नेररयाणं भंते ! कइविहे आउयबंधे पं०१, गो०! छविहे आउयर्वधे पं० २० जातिनामनिहत्ताउए गति ठिती ओगहण. पदेस० अणुभाव०, एवं जाव बेमाणियाण, जीवा गं भंते ! जातिनामनिहत्ताउयं कतिहिं आगरिसेहिं पगरेति?, गो० जह• एकेण वा दोहि वा तीहिं या उनको अट्ठहिं, नेरइया णं भंते ! जातिनामनिहत्ताउयं कतिहिं आगरिसेहिं पगरैति?, गो० जह• एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्को० अढहि, एवं जाव येमाणिया, एवं गतिनाम ठितीणाम ओगाहणानाम० पदेसनाम० अणुभावनामनिहत्ताउएवि, एतेसिं णं भंते! जीवाणं जातिनामनिहत्ताउयं जह• एक्केण वा दोहिं या तीहिं या उको अट्ठहिं आगरिसेहिं पकरेमाणाणं कतरे?, गो०! सबथोवा जीवा जातिणामनिहत्ताउयं अट्ठहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा सत्तहिं० संखे० छहिं० संखे०एवं पंचहि संखि० चाउहिं संखि० तीहिं संखि० दोहिं संखि० एगेणं संखे०, एवं एतेणं अभिलावेणं जाच अणुभागनामनिहत्ताउयं, एवं एते छप्पिय अप्पाबहुदंडगा जीवादीया भाणियब्वा । १४५॥ इति वर्कतियपयं ६॥ नेरइया णं भंते! केवतिकालस्स आणर्मति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा?, गो! सततं संतयामेव आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा, असुरकुमारा णं भंते ! केवतिकालस्स आणमंति वा०, गो०! जह सत्तण्हं थोबाण उक्को सातिरेगस्स पक्सस्स आणर्मति वा जाव नीससंति वा, नागकुमारा णं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा०?, गो ! जह सत्तण्हं थोवाणं उक्को मुहुत्त हुत्तस्स, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढपीकाइया णं भंते! केवतिकालस्स आणमंति वा०?, गो०! वेमायाए आणमंति वा०, एवं जाच मणूसा, वाणमंतरा जहा नागकुमारा, ७१७ प्रज्ञापना, पद-49 मुनि दीपरत्नसागर TODA Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोइसिया णं भंते! केवतिकालस्स आणमंति वा०?, गो जह मुहुत्तपुहुत्तस्स उकोसेणवि मुहुन्तपुहुत्तस्स, बेमाणिया णं भंते ! केवतिकालस्स आणमंति वा०?, गो० जह मुहु. तपुहुत्तस्स उक्को० तेत्तीसाए पक्खार्ण, सोहम्मदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंतिवा०, गो०! जह मुहुत्त हुत्तस्स उक्को दोण्हं पक्खाणं, ईसाणगदेवाणं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा ?, गो०! जह सातिरेगस्स मुहुत्तपुहुत्तस्स उक्को० सातिरेगाणं दोण्हं पक्खाणं, सणकुमारदेवा णं भंते ! केवतिकालस्स आणमंति वा०?, गो०! जह• दोण्हं पक्खाणं उक्को सत्तण्हं पक्खाणं,माहिंदगदेवा णं भंत! कवतिकालस्स आणमंतिवा०?, गो! जह० साइरेगाणं दोण्हं पकखाणं उक्को साइरेगाणं सत्तण्हं पकखाणं.बंभलोगदेवाणं भंते! केवतिकालस्स आणमंति वा०१, गोजह सत्तण्हें पक्खार्ण उपको दसहं पक्खार्ण, लंतगदेवा णं भंते ! केवतिकालस्स आणमंति वा०, गो०! जहदसण्हं पक्खाणं उक्को चरदसण्हं पक्खाणं, महासुकदेवा णं भंते ! कैवतिकालस्स आणमंति वा०?, गो०! जह० चउदसण्हं पक्खाणं उक्को० सत्तरसण्हं पक्खाणं, सहस्सारगदेवा णं भंते ! केवतिकालस्स आणमंति वा०?, गो०! जह सत्तरसण्हं पक्खार्ण उको० अट्ठारसण्हं पक्खार्ण०, आणयदेवा र्ण भंते ! केवतिकालस्स०१, गो०! जह० अट्ठारसण्हं पक्खाणं उको एगृणवीसाए पक्खाणं, पाणयदेवा णं भंते ! केवतिकालस्स०१, गो०! जह० एगणवीसाए पक्खाणं उको० वीसाए पक्खाणं०, आरणदेवा णं मंते! केवतिकालस्स०१, गो०! जह० वीसाए पक्खाणं उक्को एगवीसाए पक्खार्ण०, अचुयदेवा णे भंते ! केवतिकालस्स०१, गो०! जह० एगवीसाए पक्खाणं उक्को० बावीसाए पक्खाणं०, हिडिमहिदिठमगेविजगदेवा णं भंते ! केवतिकालस्स०?, गो! जहरू बावीसाए पक्खाणं उको० तेवीसाए पक्खाणं०, हिटिममज्झिमगेविजगदेवा णं मंते ! केवतिकालस्स०१, गो! जह० तेवीसाए पकूखाणं उको चउवीसाए पक्खाणं, हिदिठमउवरिमगेविजगा देवा णं भंते ! केवतिकालस्स०?, गो०! जह० चउवीसाए पक्खाणं उको० पणवीसाए पक्खाणं, मज्झिमहिट्ठिमगेविजगा णं देवा गं भंते ! केवइकालस्स०, गो०! जह० पणवीसाए पक्खाणं उको छवीसाए पक्खाणं, मज्झिममजिसमगेविजगा ण देवा गं भंते ! केवइकालस्स०, गो! जह• छत्रीसाए पक्खाणं उक्को सत्तावीसाए पक्खाणं, मज्झिमउवरिमगेविजगा देवा णं भंते ! केवइकालस्स०, गो०! जह सत्तावीसाए पक्खाणं उको० अट्ठावीसाए पक्खाणं०, उपरिमहेडिमगेविजगा णं देवा णं भंते ! केवइकालस्स०१, गो! जह० अट्ठावीसाए पकखाणं उको एगणतीसाए पकखाणं. एगणतीसाए पकखाणं, उवरिममजिझमगेविजगा णं देवा णं भंते! केवहकालस्स०१, गो० जह० एगणतीसाए पक्खाणं उको तीसाए पक्खाणं०, उवरिमउवरिमगेविजगा ण देवाण मंते! केवइकालस्स०१,मो०! जहतीसाए पक्वार्ण उको एकतीसाए पक्खार्ण०, विजयविजयंतजयंतअपराजितविमाणेसुणं देवाणं भंते ! केवतिकालस्स०?, गो०! जह० एकतीसाए पक्खाणं उको तेत्तीसाए पक्खार्ण०, सबट्टगसिद्धदेवा णं भंते ! केवतिकालस्स जाव नीससंति वा?, गो! अजहन्नमणुकोसेणं तेत्तीस्मए पकूखाणं जाव नीससति वा । १४६॥ उस्सासपर्य ७॥ करणं मंते ! समाओ पं०१, गो० दस सन्नाओ पं० त०-आहारसमा भय० मेहुण० परिम्गह कोह० माण० माया० लोह० लोय० ओघसना, नेरइयाणं भंते! कति समाओ पं०१, गो०! दस साओ पं० त०-आहारसना जाब ओघसना, असुरकुमाराणं भंते ! कइ सन्नाओ पं०?, गो०! दस सन्नाओ पं० त०- आहारसमा जाव ओघसना, एवं जाव यणियकुमारार्ण, एवं पुढवीकाझ्याणं जाव वेमाणियावसाणाणं नेतई । १४७। नेरइयाणं भंते! किं आहारसोवउत्ता भय० मेहुण० परिग्गहसनोवउत्ता?, गो०! ओसन कारणं पडुब भयसनोवउत्ता संतइभाव पडुच आहारसबोवउत्तावि जाव परिम्गहसनोवउत्तावि, एएसिंणं भंते ! नेरइ. यार्ण आहारसन्नोवउत्ताणं भय० मेहुण० परिम्गहसमोवउत्ताण य कयरे०१, गो०! सवयोवा नेरहया मेहुणसन्नो आहारसन्नो० संखि० परिग्गहसन्नो० संखि० भयसन्नो० संखि०, तिरिक्खजोणियाण मंते! किं आहारसन्नोवउत्ता जाच परिम्गहसन्नोवउत्ता?, गो० ओसन्न कारणं पडुप आहारसन्नोवउत्ता संतइभावं पडुच आहारसन्नोवउत्तावि जाव परिग्गहसन्नोवउत्तावि, एएसिं णं भंते! तिरिक्खजोणियाणं आहारसन्नोवउत्तार्ण जाव परिग्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे०१, गो०! सवस्थोवा तिरिक्खजोणिया परिग्गहसन्नोवउत्ता मेहुणसन्नो संखि० भयसन्नो० संखि० आहारसन्नोवउत्ता संखि०, मणुस्सा णं भंते ! किं आहारसन्नोवउत्ता जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता?, गो०! ओसन्न कारणं पडुच मेहुणसन्नोवउत्ता संततिभावं पडुच्च आहारसन्नोवउत्तावि जाव परिम्गहसन्नोवउत्तावि, एएसिंण मंत! मणुस्सार्ण आहारसन्नोवउत्ताणं जाव परिग्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे?, गो० सवयोवा मणूसा भयसन्नो आहारसन्नो संखि० परिम्गहसन्नो० संखि० मेहुणसन्नो० संखि०, देवा ण मंते ! किं आहारसन्नोवउत्ता जाय परिग्गहसन्नोवउत्ता?, गो०! ओसन्न कारणं पडुन परिग्गहसन्नोवउत्ता संततिभावं पडच आहारसन्नोवउत्तावि जाव परिग्गहसन्नोवउत्तावि, एएसिं णं भत! देवाणं आहारसन्नोषउत्तार्ण जाव परिम्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे०१, गो! सबत्थोवा देवा आहार भयस संखि० मेहुणस० संखि० परिम्गहसन्नो० संखे०।१४८॥ इति सन्नापर्य दा कतिविहा गं भंते ! जोणी ५०?, गो०! तिविहा जोणी पं० सं०-सीता ७१८ प्रज्ञापना, पर-5 मुनि दीपरत्नसागर Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोणी उसिणा जोणी सीतोसिणा जोणी।१४९। नेइयाणं भंते ! कि सीता जोणी उसिणा जोणी सीतोसिणा जोणी?, गो० सीताविजोणी उसिणावि जोणी णो सीतोसिणा जोणी, अमुरकुमारार्ण भत! कि सीता जोणी उसिणा जोणी सीतोसिणा जोणी?, गो! नो सीता नो उसिणा सीतोसिणा जोणी, एवं जाव थणियकुमारार्ण, पुढपीकाइयाणं भंते कि सीना पणा जोगी.गो! सीताबि उसिणावि सीतोसिणावि.एवं आउबाउवणस्सडबेईदियतेइंदियचरिंदियाणवि पनेयं भाणिय, तेउकाइयाणं णो सीता उसिणा णो सीतो. सिणा, पंचिदियतिरिक्सजोणियाणं भंते ! कि सीता उसिणा सीतोसिणा जोणी?, गो० सीयावि उसिणावि सीतोसिणावि, समुच्छिमपंचिदियतिरिक्सजोणियाणचि एवं चेव, गब्भवर्कतियपंचिंदियतिरिक्सजोणियार्ण भंते ! कि सीता उसिणा सीतोसिणा जोणी?, गोणो सीता नो उसिणा सीतोसिणा जोणी, मणुस्साणं भंते ! किं सीना उसिणा सीनोसिणा जोणी?, मो० सीयाबि उसिणावि सीतोसिणावि, संमुच्छिममणुस्साणं भंते ! किं सीता उसिणा सीतोसिणा जोणी?, गो०! तिविहा जोणी, गम्भवतियमणुस्साणं भंते ! कि सीता उसिणा सीतोसिणा?, गोणो सीता णो उसिणा सीतोसिणा, वाणमंतरदेवाणं भंते! किं सीता उसिणा सीतोसिणा?, गो० णो सीता णो उसिणी सीनोसिणा, जोइसियवेमाणियाणवि एवं चेच, एएसिणं भंते ! जीवाणं सीतजोणियाणं उसिणजो० सीतोसिणजो अजोणियाण य कयरे?, गो०! सबथोवा जीवा सीतोसिणजोणिया उसिण असंखे. अजोणिया अर्णत सीतजोणिया अर्णतगुणा । १५०। कतिचिहा णं भंते ! जोणी पं०?, गो० तिविहा जोणी पं०-सचित्ता अचित्ता मीसिया, नेदयार्ण भंते! कि सचिना जोणी अचित्ता मीसिया जोणी?, गो० नो सचित्ता अचित्ता नो मीसिया जोणी, असुरकुमाराणं भंते ! किं सचित्ता अचित्ता मीसिया ?, गो० नो सचित्ता अचित्ता नो मीसिया, एवं जान थणिय. कुमाराणं, पुढवीकाइआणं भंते ! किं सचित्ता अचित्ता मीसिया ?, गो०! सचित्ता अचित्ता मीसियावि, एवं जाव चाउरिदियाणं, समुच्छिमपंचिदियतिरिक्सजोणियाणं संमच्छिममगुस्साण य एवं व, गम्भवतियचिदियतिरिक्खजोणियाणं गम्भवतियमणुस्साण य नो सचिना नो अचित्ता मीसिया, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा अमुरकुमाराणं, एतेसि णं भंते ! जीवाणं सचिनजोणीण अचिनजो मीसजो अजोणीण य कयरे ?, गो! सबथोवा जीवा मीसजोणिया अचित्तजो. असंखे. अजोणिया अणंत सचिनजो अणंतगुणा । १५१। कइविहाण भैते ! जोणी ५०?, गोतिविहा जोणी प० २०. संवुडा जोणी वियडा जोणी संवुडवियटा जोणी, नेरहयाणं भंते ! फि संखुटा वियडा संखुडवियडा जोणी ?, गो० संखुडा नो वियहा नो संदवियडा, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, बेईदियाणं पुच्छा, गो० नो संवुडा वियहा नो संवृदपियहा, एवं जाव परिदियाणं, समुच्छिमपं. चिदियतिरिक्खजोणियाण संमुण्डिममणुस्साण य एवं वेव, गम्भवतियपंचिदियतिरिक्ख जोणिय गब्भवतियमणुस्साण य नो संखुडा नो विवडा संखुडचियहा जोणी. वाणमतरजोइसियवमाणियाणं जहा नेरद्रयाण, एतेसिणं भंते ! जीवाणं संबुडजोणियाणं वियडजोर संवुडवियडजो• अजोणियाण य कयरे ?, गो० सवयोवा जीवा संवुडवियडजोणिया वियर असंसि. अजोणिया अर्णत संबड० अर्णतगणा । १५२। कढविहाणं भंते ! जोणी पं. गोतिबिहा जोणी पंत कुम्मुण्णया संखावत्ता सीपत्ता, कुम्मुण्णया णं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं, कुम्मुण्णयाए णं जोणीए उत्तमपुरिसा गम्भे वक्रमति :- अरहता चक्कवट्ठी बलदेवा वासुदेवा, संखावना णं जोणी इत्थीरयणम्स, संखावत्ताए जोणीए बहवे जीवा य पोमाला य वक्कमति विउकर्मति चयंति उपचयंति नो चेव णं णिप्फजंति, बंसीपत्ता ण जोणी पिटुजणस्स, बंसीपत्ताए णं जोणीए पिहुजणे गम्भे पक्कमति । १५३॥ जो. णिपदं ५ ॥ कति णं भंते ! पुढवीओ पं०१, गो! अट्ठ पुढवीओ पं० २०-रयणप्पभा सक्कर: वालुय- पंक धूम नम: तमतमप्पा इंसीपभारा. इमाणं भंते ! रयणप्पभा पुटवी कि चरमा अचरमा चरमा अचरमाई चरमंतपदेसा अचरमंतपदेसागो उमा णं रयणप्पभा पढवी नो चरमा नो अचरमा नो घरमाति नो अचरमानि नो चरमंतपदेसा नो I अचरमंतपदेसा नियमा अचरमं चरमाणि य परमंतपदेसा य अचरमंतपदेसा य, एवं जाव अधेसत्तमा पुढवी. सोहम्मानी जाव अणुनरविमाणाणं.. एवं चेव ईसीपम्भारावि.एवं चेव लोगेवि, एवं चेव अग्लोगेवि । १५४ । इमीसे णं भंते ! स्यणपभाए पुढवीए अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमनपएसाण य दद्वयाए पएसट्ठयाए दबट्टपएसटुयाए कयरे?, गोसवत्योवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दट्टयाए एगे अचरिमे चरिमाई असखिजगुणाई अचरिमं चरिमाणि य दोषि विसेसाहिआ पएसट्टयाए सवस्थोवा इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए चरमन्तपदेसा अचरमंतप० असंसे चरमंतपदेसा य अचरमंतपदेसा य दोवि विसे० दबपएसट्ठयाए सबथोवा इमास रयणप्पभाए पुढवीए दबट्टयाए एगे अच. रिमे चरिमाई असंखे. अपरिमं परिमाणि य दोवि विसे० चरमंतपएसा असंखे० अचरमंतपएसा असंखि चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोवि विसेसाहिआ, एवं जाव अहे. सनमाए, सोहम्मस्स जाव लोगस्स एवं चेव । १५५। अलोगस्स णं भंते ! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपदेसाण य अचरमन्तपदेसाण य दबट्टयाए पाएसट्टयाए दद्रुपएसट्टयाए ७१९ पज्ञापना, 17-१० मुनि दीपरनसागर Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कयरे०?, गो०! सनत्योवे अलोगस्स दबट्टयाए एगे अचरमे वरमाई असंखि० अचरमं चरमाणि य दोवि विसेसा० पएसट्टयाए सवत्थोवा अलोगस्स चरमन्तपदेसा अचरमन्तपएसा अर्णतगुणा चरमन्तपदेसा य अचरमन्तपदेसा य दोवि विसे० दबटुपएसट्ठयाए सवत्थोवे अलोगस्स एगे अचरमे चरमाई असंखेज अचरमं च चरमाणि य दोषि विसेसा चरमन्तपएसा असंखे० अचरमन्तपएसा अणन्त चरमन्तपएसा य अचरमन्तपएसा य दोवि विसे०, लोगालोगस्स णं भंते! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपएसाण य अचरमन्तपए - साण य दबट्ठयाए पएसट्ठयाए दबटुपएसट्टयाए कयरे०१, गो०! सबत्योवे लोगालोगस्स दबट्टयाए एगमेगे अचरमे लोगस्स चरमाइं असंखे० अलोगस्स चरमाइं विसेसा० लोगस्स य अलोगस्स य अचरमं च चरमाणि य दोवि विसेसा० पएसट्ठयाते सबत्योबा लोगस्स चरमन्तपदेसा अलोगस्स चरमन्तपदेसा विसेसाहिआ लोगस्स अचरमन्तपएसा असंखे० अलोगस्स अचरमन्तपएसा अणन्त० लोगस्स य अलोगस्स य चरमन्तपदेसा य अचरमन्तपदेसा य दोवि विसे० दबटुपएसट्टयाए सबथोवे लोगालोगस्स दवट्ठयाए एगमेगे अचरमे लोगस्स चरमाई असंखे० अलोगस्स चरमाई विसेसा० लोगस्स य अलोगस्स य अचरमं चरमाणि य दोवि बिसेसा० पएसट्ठयाए लोगस्स चरमन्तपदेसा असंखे० अलोगस्स य चरमन्तपएसा विसे लोगस्स अचरमन्तपएसा असंखे. अलोगस्स अचरमंतपएसा अणंत लोगस्स य अलोगस्स य चरमन्तपएसा अचरमन्तपएसा य दोवि विसे०सबदबा बिसे० सबपएसा अणंत सवपजवा अणंतगणा। १५६। परमाणपोग्गले णं भंते ! किं चरिमे अचरिमे अवत्तत्रए चरमाई अचरमाई अवत्तवयाइं उदाह चरिमे य अचरिमेय उदाह चरमे अचरमाइंच उदाह चरमाई अचरमेय उदाहु घरमाई अचरमाईच पढमा चउभंगी १० उदाहु चरिमे य अवत्तवए य उदाहु चरमे य अवत्तवयाई च उदाहु चरमाई च अवत्तथए च उदाहु चरमाई च अवउत्तबयाई च चीया चउभंगी उदाहु अचरिमे य अवत्तथए य उदाहु अचरमे य अवत्तवयाई च उदाहु अचरमाई च अवत्तवए य उदाहु अचरमाई च अवत्तवयाई च तइया चउभं गी उदाहु चरमे य अचरमे य अवत्तवए य उदाहु चरमे य अचरमे य अवत्तबयाई च २० उदाहु चरमे य अचरमाई च अवत्तबए य उदाहु चरमे य अचरमाई च अवत्तवयाई च उदाहु चरमाई च अचरमे य अवत्तवए य उदाहु चरमाई च अचरमे य अवत्तवयाई च उदाहु चरमाई च अचरमाइं च अवत्तत्रए य उदाहु चरमाई च अचरमाई च अवत्तवयाई च एते उदीर्स मंगा, गो! परमाणुपोग्गलेनोचरमे नो अचरम नियमा अवत्तवए, सेसा भंगा पडिसहयवा।१५७।दुपएसिएणं भंते! संधपुच्छा, गो०! दुपएसिए खंघे सिय चरम नो अचरमे सिय अवत्तबए, सेसा भंगा पडिसेहेयचा, तिपएसिए णं भंते ! पुच्छा, गो! तिपएसिए खंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तबए नो चरमाई नो अचरमाई नो अबतब्बयाई नो चरमेय अचरमेय नो चरमे य अचरमाईच सिय चरमाई च अचरमे य नो चरमाई च अचरमाई च सिय चरमेय अवत्तबए य, सेसा भंगा पडिसेहेयधा, चउपएसिए ण भंते! खंधे पुच्छा, गो०! चउपएसिए णं खंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तए नो चरमाई नो अचरमाई नो अवत्तवयाई नो चरमे य अचरमे यनो चरमे य अचरमाईच सिय चरमाई अचरिमे य सिय चस्माई च अचरमाई च सिय चरमे य अवत्तवए य सिय चरमे य अवत्तबयाई च नो चरमाई च अवत्तत्रए य नो चस्माई च अवत्तवयाई च नो अचरमे य अवत्तव्वए य नो अचरमे य अवत्तवयाई च नो अचरमाईच अवत्तवए य नो अचरिमाई च अवत्तवयाई चनो चरमे य अचरिमेय अवत्तबएय नो चरिमे य अचरिमे य अवत्तश्याई च नो चरमे य अचरमाई च अवत्तवए य नो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्बयाई च सिय चरमाई च अचरिमे य अवत्तव्वए य, सेसा भंगा पडिसेहेयब्वा, पंचपएसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गो०! पंचपएसिए खंधे सिय घरमे नो अचरमे सिय अवत्तव्वए णो चरमाई णो अचरमाई नो अवत्तव्बयाई सिय चरमे य अचरमे य नो चरमे य अचरमाई च सिय चरमाई च अचरमे य सिय चरमाईच अचरमाई च सिय चरमे य अवत्तव्वए य सिय चरमे य अवत्तब्बयाई च सिय चरमाई च अवत्तव्वए य नो चरमाई च अवत्तव्ययाई चनो अचरमेय अवसव्वए य नो अचरमे य अवत्तब्वयाई च नो अचरमाई च अक्त्तव्वए य नो अचरमाई च अवत्तब्वयाई च नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्बए य नो चरमे य अचरमे य अवत्तब्वयाई च नो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्बए य नो चरमेय अचरमाई च अवत्तव्बयाई च सिय चरमाईच अचरमेय अवत्तव्वए य सिय चरमाईच अचरमेय अवत्तब्बयाई च सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वए य नो चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्बयाई च, छप्पएसिए ण मंते! पुच्छा, गो०! छप्पएसिएकसंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तब्वए नो चरमाई नो अचस्माई नो अवत्तव्बयाई सिय चरमे य अचरमे य सिय चरमेय अचरमाईच सिय चरमाईच अचरमे य सिय चरमाई च अचरमाई च१० सिय चरमे य अवत्तब्बए य सिय चरमे य अवत्तव्बयाई च सिय चरमाई च अवत्तब्बए अ सिय चरमाई च अवत्तव्बयाई च नो अचरमे य अवत्तब्बए य नो अचरमे य अवत्तव्वयाई च नो अचरमाइं च अवतब्बए य नो अचरमाइंच अवत्तवयाई च सिय चरमे य अचरमे य अवत्तथए य नो घरमे य अचरमे य अवत्तवयाई च नो चरमे य अचरमाइं च अवत्तबए य नो चरमे य अचरमाइंच अवत्तबयाईच सिय चरमाईच अचरमे य अवत्ताए य सिय परमाइंच अचरमे य अवत्तबयाईच सिय घरमाइंच अचरमाइंच अवत्तव्यए य सिय चरमाई (१८ ७२० प्रज्ञापनाप-१० मुनि दीपरत्नसागर Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ त च अचरमाई च अवत्तब्वयाई च २६, सत्तपएसिए णं भंते! खंधे पुच्छा, गो० ! सत्तपएसिए णं खंधे सिय चरिमे णो अचरिमे सिय अवत्तत्रए जो चरिमाई णो अचरिमाई णो अबतयाई सिय चरमे य अचरमे य सिय चरमे य अचरमाई च सिय चरमाई च अचरमे य सिय चरमाई च अचरमाई च १० सिय चरमे य अवत्तवए य सिथ चरमे य अवत्तश्याई च सिय चरमाई च अवत्तवए य सिय चरमाई व अवत्सइयाई च णो अचरमे य अवत्तत्रए य णो अचरमेय अवत्तव्यवाई च णो अचरमाई च अवत्तव्वए य णो अचरमाई च अवत व्वयाई च सिय चरमे य अचरमेय अवत्तव्वए य सिय चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाई च २० सिय चरमे य अचरिमाई च अवत्तव्यए अ णो चरिमे य अचरिमाई च अवत्तव्यवाई च सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्यए य सिय घरमाई च अचरमे य अवत्तब्वयाई च सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्यए य सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तब्वयाई च २६, अट्ठपएसिए णं भंते! खंधे मुच्छा, गो०! अट्ठपए लिए खंधे सिय चरमे नो अचरमे सिय अवत्तब्वए नो चरमाई नो अचरमाई नो अवत्तव्वयाई सिय चरिमेय अचरिमे य सिय चरिमे य अचरिमाई च सिय चरिमाई च अचरिमे य सिय घरमाई च अचरमाई व १० सिय चरमे य अवतव्वए य सिय चरमे य अवत्तब्वयाई च सिय चरिमाई च अवत्तब्वए य सिय चरिमाई च अवत्तव्ययाई च णो अचरिमे य अवत्तव्वए य णो अचरिमे य अवत्तब्वयाई च णो अचरिमाई च अवत्तव्वए य णो अचरिमाई च अवत्तब्वयाई च सिय चरिमे य अचरिमेय अवत्तम्वए य सिय चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्वयाई च २० सिय चरिमे य अचरिमाई च अवत्तव्यए अ सिय चरिमे य अचरिमाई च अवत्तब्वयाई च सिय चरिमाई च अचरिमेय अवत्तव्यए अ सिय चरिमाई च अचरिमेय अवत्तव्वयाई च सिय चरिमाई च अचरिमाई च अवत्तव्यए य सिय चरिमाई च अचरिमाई च अवत्तब्वयाई च २६, संखेज्जपएसिए: असंखेजपए सिए अनंतपएसिए संधै जहेब अट्टपए सिए तहेव पत्तेयं भाणियां, परमाणुम्मि य तइओ पढमो तहओ य होंति दुपएसे पढमो तइओ नवमो एकारसमो यतिपएसे ॥ १८५ ॥ पढमो तइओ नवमो दसमी एकारसो य चारसमो भंगा चउप्पएसे तेवीसइमो य बोहवा ॥ ६ ॥ पढमो तइओ सत्तमनवदसइकारवारतेरसमो तेवीस चउडीसो पणवीसइमो य पंचमए ॥ ७ ॥ बिचउत्थपंच पनरस सोलं च सत्तरद्वारं वीसेकवीस बावीसगं च वज्जेज उहांम ॥ ८ ॥ विचउत्थपंचछ पण्णर सोलं च सत्तरद्वारं बावीसइमविह णा सत्तापदेसंमि खंधम्मि ॥ ९ ॥ बिचउत्थपंच पण्णर सोलं च सत्तरद्वारं। एते वज्जिय भंगा सेसा सेसेस खंधे ॥ १९० ॥ १५८ ॥ कइ णं भंते! संठाणा पं० गो० पंच संठाणा पं० तं० परिमंडले वट्टे से चउरंसे आयते य, परिमंडला णं भंते! संठाणा किं संखेजा असंखेजा अनंता ?, गो० नो संखिजा नो असंखेज्जा अर्णता, एवं जाव आयता, परिमंडले णं भंते! संठाणे किं संखेजपएसिए असंखे० अनंत ०१, गो० ! सिय संखेज • सिय असंखेज सिय अनंतपदेसिए, एवं जाब आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे संखेजपाएसिए कि संखेजपएसो गाढे असंखेजपए अणतपए०१, गो० संखेजपएसोगाटे नो असंखेज नो अनंत, एवं जाव आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेजपएसिए किं संखेजपएसोगाटे असंसेज० अनंत ०?, गो० ! सिय संखेज सिय असंखेज नो अणतपएसोगाढे, एवं जाव आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे अणतपएसिए किं संखेज्ज० असंखेज्ज० अणतपएसोगाढे १, गो० ! सिय संखेज्ज० सिय असंखेज नो अनंतपएसोगाढे, एवं जाव आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे संखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे किं चरमे अचरमे चरमाई अचरमाई चरमंतपएसा अचरमंतपएसा ?, गो० ! परिमंडले णं संठाणे संखेजपए सिए संखेजपएसोगाढे नो चरमे नो अचरमे नो चरमाई नो अचरमाई नो चरमंतपएसानो अचरमंतपएसा, नियमं अचरमं चरमाणि य चरमंतपसा य अचरमंतपएसा य एवं जाव आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेजपएसिए संखेजपएसोगाटे किं चरमे ०१ पुच्छा, गो० ! असंखेज संखेज जहा संखेज्जपएसिए, एवं जाव आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेजपएसिए असंखेजपएसोगाडे किं चरमे० पुच्छा, गो० असंखिजप० असंखिजपएसोगाढे नो चरमे जहा संखेजपएसो गाढे, एवं जाब आयते, परिमंडले णं भंते! संठाणे अनंतपएसिए संखिजपएसोगाडे किं चरमे० पुच्छा १, गो० तहेब जाव आयते, अणतपएसिए असंखेजपएसोगाढे जहा संखेजपएसोगाढे, एवं जाव आयते, परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरमंतपदेसाण य अचरमंतपएसाण य दबट्टयाए पएसट्टयाए दब्बट्टपएसट्टयाए कयरे ०१, गो० ! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाटस्स दब्बट्टयाए एगे अचरिमे चरमाई संखेजगुणाई अचरमं चरमाणि यदोऽवि विसेसाहियातिं पदेसट्टयाए सव्वत्योचा परिमंडलस्स संठाणस्स संखिजपए सियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स चरमंतपएसा अचरमंतपएसा संखेज्जगुणा चरमंतपएसा य अचरमंतपसा य दोऽवि विसेसाहिया दव्वट्टपएसट्टयाए सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स दब्बट्टयाए एगे अचरिमे चरमाई संखेज्जगुणाति अचरमं च चरमाणि य दोषि विसेसाहियातिं चरमंतपएसा संखेज्ज० अचरिमंतपएसा संखेज्जगुणा चरिमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोषि विसेसा०, एवं वट्टतं चउरंसायए सुवि ० ७२९ प्रज्ञापना, पद- १० मुनि दीपरत्नसागर Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ० जोएवं परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स असंखेजपए सियस्स संखेजपएस गाढस्स अचरमस्स चरमाण य चरमं तपसाण य अचरमंतपएसाण यदब्बट्टयाए पएसइयाए दब्बडपएसट्टयाए कयरे० ?, गो०! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स असंलेजपएसिअस्स संखेनपएसोगादस्स दव्वट्टयाए एगे अचरमे चरमाति संखेजगुणाति अचरमं च चरमाणि य दोवि विसेसाहियातिं पदेसट्टयाते सब्यस्थोचा परिमंडलसंठाणस्स असंखेजपएसियरस संखेजपएसोगाढम्स चरमंतपएला अचरमंत संखि चरमंत० य अचरमंत० य दोषि विसे० दब्बट्टएसइयाए सम्बत्योचे परिमंडलम्स संठाणस्स असंखेजपएसियन्स संखेजपएसोगादस्स दब्बट्टयाए एगे अचरिमे चरमातिं संसेजगुणातिं अचरमं च चरमाणि य दोवि विसेसाहि यातिं चरमंतपसा संखेज अचरमंतपएसा संखेन चरमंत० य अचरमंत० य दोवि विसे० एवं जाव आयते, परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स असंखेजपएसियस्स असंखेज्जपएसोगाढस्स अचरमस्स चरमाण य चरमंतपसाण य अचरमंतपएसाण य दण्बट्टयाए पएसइयाए दब्बटुपएसट्टयाए कयरे ०१, गो०! जहा रयणप्पभाए अप्पाचहुये तहेब निरवसेसं भा णिय एवं जाव जयते परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स अनंतपाएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स अचरिमस्स य० दव्वट्टयाए० कयरे ०१, गो० ! जहा संरखेजपएसियरस संरखेजपएसोगाटस्स नवरं संकमेणं अनंतगुणा, एवं जाब आयए, परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स अणतपएसियस्स असंखेजपएसोगाटस्स अचरमस्स य० जहा रयणप्पभाए नवरं संकमे अनंतगुणा, एवं जाब आयते । १५९। जीये णं भंते! गतिचरमेणं किं चरमे अचरमे १, गो० सिय चरमे सिय अचरमे, नेरइए णं भंते! गतिचरमेणं किं चरिमे अचरिमे ?, गो० सिय सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव बेमाणिए, नेरइया णं भंते! गतिचरमेणं किं चरिमा अचरिमा १, गो० ! चरिमावि अपरिमावि, एवं निरंतरं जाव वैमाणिया, नेरइए णं भंते! चरमे ठितिचरमेणं किं चरमे अचरमे ?, गो० ! सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाय बेमाणिए, नेरइया णं भंते! ठिवीचरमेणं किं चरमा अचरमा ?, गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया, नेरइए णं भंते! भवचरमेणं किं चरमे अचरमे १, गो०! सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वैमाणिए, नेरइया णं भंते! भवचरमेणं किं चरमा अचरमा १, गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं निरंतरं जाव वैमाणिया, पेरइए णं भंते! भासाचरमेणं किं चरमे अंचरमे १, गो० सिय चरमे सिय अचरमे, नेरइया णं भंते! भासाचरमेणं किं चरमा अचरमा १, गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं जाव० एगिंदियवजा निरंतरं जाव वैमाणिया, नेरइए णं भंते! आणापाणुचरमेणं किं चरमे अचरमे १, गो० ! सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव बेमाणिए, नेरइया णं भंते! आणापाणुचरमेणं किं चरमा अचरमा ?, गो०! चरमावि अचरमावि एवं निरंतरं जाव बेमाणिया, नेरइए णं भंते! आहारचरमेणं किं चरमे अचरमे १, गो० सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वेमाणिए, नेरइया णं भंते! आहारचरमेणं किं चरमा अचरमा ?, गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं निरंतरं जाव वैमाणिया, नेरइए णं भंते! भावचरमेणं किं चरमे अचरमे १, गो० ! सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वेमाणिए, नेरइया णं भंते! भावपरमेणं किं चरमा अचरमा ?, गो० ! चरमाथि अचरमावि, एवं निरंतरं जाव वैमाणिया, नेरइए णं भंते! वण्णचरमेणं किं चरमे अचरमे ?, गो० सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वैमाणिए, नेरइया णं भंते! वण्णचरमेणं किं चरमा अचरमा १. गो० ! चरिमावि अचरिमावि, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया, नेरइए णं भंते! गंधचरमेणं किं चरमे अचरमे ?, गो० ! सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वैमाणिए, नेरइया णं भंते! गंधचरमेणं किं चरमा अचरमा १, गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं निरंतरं जाव वैमाणिया, नेरइए णं भंते! रसचरमेणं किं चरमे अचरमे १, गो० सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वैमाणिए, नेरइया णं भंते! रसचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं निरंतरं जाव वैमाणिया, नेरइए णं भंते! फासचरमेणं किं चरमे अचरमे ?, गो०! सिय चरमे सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव बेमाणिए, नेरइया णं भंते! फासचरमेणं किं चरमा अचरमा ?, गो० ! चरमावि अचरमावि, एवं जाव बेमाणिया, संग्रहणीगाहा गति ठिइ भवे य भासा आणापाणुचरमे य बोदवा आहार भावचरमे वण्ण रसे गंध फासे ये ॥ १९९ ॥ १६० ॥ चरमपदं १० ॥ से पूर्ण भंते! मण्णामीति ओहारिणी भासा चिंतेमीति ओहारिणी भासा अह मण्णामीति ओधारिणी भासा अह चिंतेमीति ओधारणी भासा तह मण्णामीति ओधारिणी मासा तह चिंतेमीति ओहारिणी भासा ?, हंता गो०! मण्णामीति ओधारिणी भासा चिंतेमीति ओधारिणी भासा अह मण्णामीति ओधारिणी भासा अह चिंतेमीति ओघा० तह मण्णामीति ओधा० तह चिंतेमीति ओधा०, ओहारिणी णं मंते! मासा किं सथा मोसा सामोसा असथामोसा १, गो० सिय सथा सिय मोसा सिय सथामोसा सिय असच्चामोसा, सेकेणणं भंते! एवं दुम्बति ओधारिणी णं मासा सिय सथा जाव असथामोसा १, गो० आराहिणी सथा विराहिणी मोसा आराहणविराहिणी सथामोसा जा णेव आराहणी व विराहिणी वाराहणविराहिणी सा असच्चामोसा णामं सा चउत्थी भासा से तेणट्टेणं गो०! एवं दुम्बति ओहारिणी णं भासा सिय सञ्चा० सिय असचामोसा १६१। अह भंते! गाओ ७२२ प्रज्ञापना - १९ मुनि दीपरत्नसागर Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मिया पसू पक्खी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो० ! जा य गाओ मिया पसू पक्खी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा, अह भंते! जा य इत्थीवऊ जाय पुरिसबऊ जा य णपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा?, हंता गो०! जा य इत्थीवऊ जा य पुमचऊ जा य नपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा एसा भासा मोसा, अह भंते! जा य इत्थीआणमणी जा य पुमाणवणी जा य नपुंसगआणमणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो० जा य इस्थिआणवणी जाय मजाणवणी जा य नपुंसगआणवणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा, अह भंते! जा य इत्थिपण्णवणी जा य पुमपण्णवणी जा य नपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो० ! जा य इत्थिपण्णवणी जा य पुमपण्णवणी जा य नपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा, अह भंते! जा जाति इत्थव जाती पुमवऊ जातीति णपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो० ! जातीति इत्थिवऊ जाईति पुमवऊ जातीति णपुंसगवऊ पण्णत्रणी एसा भासा न एसा भासा मोसा, अह भंते! जा जातीइ इत्वियाणमणी जाइत्ति पुमआणवणी जातीति णपुंसगाणमणी पण्णवणी णं एसा भासा न एसा भासा मोसा ? हंता गो० ! जातीति इत्थिआणमणी जातीति पुमआणवणी जातीति णपुंसगाणमणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा, अह भंते! जा जातीति इत्थिपण्णत्रणी जतीति पुमपण्ण वणी जातीति णपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा न एसा भासा मोसा ?, हंता गो०! जातीति इत्थिपण्णवणी जाईति पुमपण्णवणी जाईति णपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा । १६२ । अह भंते! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणति बुयमाणा अहमेसे बुयामीति ?, गो०! नो इणट्टे समट्टे, गण्णत्थ सण्णिणो, अह भंते! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणइ आहारं आहारमाणे अहमेसे आहारमाहारेमित्ति?, गो० नो इणट्टे समडे, गण्णत्य सण्णिणो, अह भंते! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जा गति अयं मे अम्मापियरो ?, गो०! नो इणट्टे समट्ठे, णण्णत्थ सण्णिणो, अह भंते! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणति अयं मे अतिराउले अयं मे अइराउलेसि ?, गो० णो तिण सम, गण्णत्य सण्णिणो, अह भंते! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणति अयं मे भट्टिदारए अयं मे भट्टिदारियेति ?, गो०! इणट्टे समट्ठे, णण्णत्थ सण्णिणो, अह भंते! उद्दे गोणे खरे घोडए आए एलते जाणति बुयमाणे अमेसे बुयामि १, गो०! णो इणट्टे समट्ठे, णण्णत्य सण्णिणो, अह भंते! उट्टे जाव एलते जाणति आहारं आहारेमाणो अमेसे आहारमाहारेमि ? गो० ! णो इण समडे, गण्णत्थ सण्णिणो, अह भंते! उट्टे गोणे खरे घोडए अए एलए जाणति अयं मे अम्मापियरो १, गो० णो इणट्ठे समट्ठे, गण्णत्य सण्णिणो, अह भंते! उट्टे जाव एलए जागति अयं मे अतिराउलेति ०१, गो०! जो इणट्टे समट्ठे, णण्णत्य सष्णिणो, अह भंते! उट्टे जाव एलए जाणति अयं मे भट्टिदारए भट्टिदारिएत्ति, गो० ! णो इणडे समट्टे, गण्णत्य सण्णिणो । १६३। अह भंते! मणुस्से महिसे आसे हत्थी सीहे वग्धे विगे दीविए अच्छे तरच्छे परस्सरे सियाले चिराले सुणए कोलसुणए कोकंतिए ससए चित्तए लिए जे यावने तहप्पारा सा सा एगबऊ ?, हंता गो० मणुस्से जाव चिडलए जे० सवा सा एगबऊ, अह भंते! मणुस्सा जाव चिह्नलगा जे० तहपगारा सङ्घा सा बहुचऊ ?, हंता गो० मणुस्सा लिग सा सा बहुवऊ, अह भंते! मणुस्सी महिसी बलवा हत्यिाणिया सीही वग्धी विगी दीविया अच्छी तरच्छी परस्सरा रासभी चियाली विराली सुणिया कोलसुणिया कोकंतिया ससिया चित्तिया चिखलिया जे यावन्ने तह सक्षा सा इत्थिवऊ ?, हंता गो०! मणुस्सी जाव चिहलिगा जे यावन्ने तहप्पगारा सा सा इथिवऊ, अह भंते! मणुस्से जाचिये जे यावन्ने तहम्यगारा सा सा पुमवऊ?, हंता गो० मणुस्से महिसे जाव चिलए जे यावन्ने तहप्पगारा सङ्घा सा पुमवऊ, अह भंते! कंसं कंसोयं परिमंडलं सेल घूभं जालं घालं तारं रूवं अच्छप कुंडं पउमं दुदं दहिं णवणीतं असणं सयणं भवणं विमाणं छत्तं चामरं भिगारं अंगणं णिरंगणं आभरणं रयणं जे यावने तहप्पगारा सर्व तं पुं सगवऊ?, हंता गो०! कंसं जाव रयणं जे यावने तहप्पगारा तं स णपुंसगवऊ, अह भंते! पुढवी इत्थिवऊ आउत्ति पुमवऊ घण्णित्ति नपुंसगवऊ पनवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा?, हंता गो० ! पुढवीत्ति इत्थित्रऊ आउत्ति पुमवऊ घण्णित्ति नपुंसगबऊ पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा, अह भंते! पुढवीति इत्थिआणमणी आउत्ति पुमआणमणी घण्णेत्ति नपुंसगाणमणी पण्णवणी णं एसा मासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो० पुढवीति इत्थिआणमणी आउत्ति पुमआणमणी घण्णेत्ति नपुंसगाणमणी पण्णवणी णं एसा भासा एसा भासा मोसा, अह भंते! पुढवीति इत्थिपण्णवणी आउत्ति पुमपण्णवणी घण्णेति णपुंसगपण्णवणी आराहणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो०! पुढवीति इत्पिण्णवणी आउत्ति पुमपण्णवणी घण्णेत्ति नपुंसगपण्णत्रणी आराहणी णं एसा भासा न एसा भासा मोसा, इचेवं भंते! इत्यिवयणं वा पुमवयणं वा नपुंसगवयणं वा वयमाणे पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ?, हंता गो० ! इत्थिवयणं वा पुमवयणं वा णपुंसगवयणं वा वयमाणे पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा । १६४ भासा णं भंते! ७२३ प्रज्ञापना, पद-११ मुनि दीपरत्नसागर Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 44PR4 T किमादीया किंपचहा किंसठिया किंपनवसिया ?, गो० भासा णं जीवादीया सरीरप्पभवा वजसंठिया लोगतपजवसिया १०. भासा को य पभवति कतिहि व समएहि भासती भासं। भासा कतिप्पयारा कति वा भासा अणुमया उ॥१९२॥ सरीरप्पभवा भासा दोहि य समएहि भासती भासं। भासा चउप्पगारा दोष्णि य भासा अणुमता उ ॥१९३।। कतिविहा णं भंते ! भासा पं०?, गो०! दुविहा भासा पं० त०-पजत्तिया य अपवत्तिया य, फजत्तिया णं मंते! भासा कतिविहा पं०१, गो०! दुविहा पं० त०- सच्चा य मोसा य, सच्चा णं भंते ! भासा पजत्तिया कतिविहा पं०?, गो० ! दसविहा पं० त० जणवयसचा सम्मय० ठवण नामरूव० पडुच० ववहार भाव० जोग० ओवम्मसबा, 'जणवय संमत ठवणा नामे रुवे पडुच्चसच्चे या ववहार भाव जोगे दसमे ओवम्मसचे य ॥१९४॥ मोसा ण मंते! भासा पजत्तिया कतिविहा पं०१, गो०! दसविहा पं० त०-कोहणिस्सिया माणनिस्सिया माया लोह पेज० दोस० हास० भय० अक्खाइया० उपघाइयनिस्सिया 'कोहे माणे माया लोभे पिजे तहेब दोसे या हास भए अक्खाइय उवघाइयणिस्सिया इसमा ॥१९५॥ अपजत्तिया णं भंते! कइविहा भासा पं०?, गो० दुविहा पं० सं०-प्सचामोसा असञ्चामोसा य, सचामोसा णं मंते ! भासा अपज्जत्तिया कतिविहा पं०१, गो०! दसविहा पं० त०- उप्पणमिस्सिया विगतमिस्सिया उप्पण्णविगत जीव. अजीव जीवाजीव० अर्णत० परित्त० अदा० अबदामिस्सिया, असचामोसाण मंत! भासा अपना अपजतिया कहचिढ़ा पं०१, गो! दुवालसचिहा पं० २०. आर्मतणि आणमणी जायणि तह पुच्छणी य पणवणी। पञ्चक्रवाणीभासा भासा इच्छाणुलोमा य ॥१९६॥ अणभिग्गहिया भासा भासा य अभिग्गहमि बोद्धया। संसयकरणी भासा वोगड अधोगडा चेव ॥१९७॥१६५। जीवाणं मते! किं मासगा अभासगा?, गो० जीवा भासगावि अभासगावि, से केणतुणं भंते ! एवं बुञ्चति-जीवा भासगावि अभासगावि?, गो०! जीवा दुविहा पं० सं०-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावणगा य, वत्थ गंजे ते असंसारसमावण्णगा ते णं सिदा, सिद्धा णं अभासगा, तत्थ णं जे ते संसारसमावण्णमा ते दुबिहा पं० २०. सेलेसीपडिवण्णमा य असेलेसीपडिवण्णगा य, तत्य णं जे ते सेलेसीपडिवण्णमा ते णं अभासगा, तत्व णं जे ते असेलेसीपडिवण्णगा ते दुविहा पं० त०- एगिदिया य अणेगिंदिया य, तत्थ णे जे ते एगिदिया ते गं अमासगा, तत्थ णं जे ते अणेगेंदिया ते दुविहा पं० त०-पजत्तगा य अपजत्तगा य, तत्वणं जे ते अपज्जत्तगा तेणं अभासगा, तत्य णं जे ते पज्जत्तगा ते णं भासगा, से एएणतुणं गो०! एवं वुचति-जीवा मासगावि अमासगावि, नेरइयाण मंते! किं भासगा अमासगा?, गो० नेरइया भासगावि अभासगावि, से केणडेणं भंते ! एवं वुचति-नेरइया भासगावि अमासगावि, गो०! नेरहया दुविहा पं० २०-पजत्तगा य अपजत्तगा य, तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं अभासगा, तत्य णं जे ते फजत्तमा ते णं मासगा, से एएणद्वेणं गो०! एवं युवति-नेरइया भासगावि अभासगावि, एवं एगिंदियवज्जाणं निरंतर भाणियौ । १६६। कतिणं भंते ! भासज्जाया पं०१, गो! चतारि भासजाया पं० २०. सचमेर्ग भासज्जायं चितिय मोसं ततिय सबामोसं चउत्थं असचामोर्स, जीवा र्ण भंते ! किं सर्व भासं भासंति मोसं० सचामोसं असच्चामोसं०१, गो० जीचा सर्चपि भासं भासंति मोर्सपि० सचामोसपि० असच्चामोसपि०, नेरइया णं मंते ! किं सर्च भासं भासंति जाय असञ्चामोसंपि भासं भासंति?, गो०! नेरइया णं सर्चपि भास भासंति जाव असच्चामोसंपि०, एवं असुरकुमारा जाव थणियकुमारा, बेईदियतेईदियचउरिदिया य नो सर्च नो मोसं नो सचामोसं असच्चामोसं०, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! किं सचं भास जाव किं असबामोसं०१, गो०! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णो सर्च भासं भासंति णो मोसं० णो सच्चामोसं० एणं असचामोसं०, णण्णत्य सिक्खापुरगं उत्तरगुणलदि बा पडुच सचंपि भासं भासति मोसंपि० सच्चामोसंपि० असचामोसंपि०, मणुस्सा जाच वेमाणिया एते जहा जीवा तहा भाणियवा।१६७। जीवे णं भंते ! जातिं दधाति भासत्ताए निष्हति ताई किं ठियाई गेहति अठियाई गेहति ?, गोठियाई गिव्हति नो अठियाई गिण्हति, जाई मंते ! ठियाई गिण्हति ताई किं दबतो गिण्हति खेत्ततो गिण्हति कालतो गिण्हति भावतो गिण्हति?, गो०! दवओवि गिण्हति खेत्तओवि० कालओवि० आवमोवि गिण्हति, जातिं भंते! दरओ गेण्हति ताई किं एगपदेसिताई गिरोहति दुपदेसियाइं जाय अणंतपदेसियाई गेण्हति?, गो०! नो एगपदेसियाइं जाव नो असंखिजपदेसियाई, अर्णतपदेसियाई गेहति, जाई खेत्तजओ गेण्हति ताई कि एगपएसोगाढाई गेण्हति दुपएसोगाढाइं गेण्हति जाव असंखेजपएसोगाढाई गेहति ?, गो० नो एगपएसोगाढाई जाव नो संखेजपएसोगाढाई०, असंखेजपएसोगाढाई गेहति, जाई कालतो गेण्हति ताई किं एगसमयठिइयाई दुसमयठिइयाई जाव असंखिजसमयठिड्याई गेहति ?, गो०! एगसमयठितियाइंपि दुसमयठितियाइंपि जाव असंखेजसमयठितियाइंपि गेहति, जाई भावतो गेहति ताई किं वण्णमंताई गंधमंताई रसमंताई फासमंताई गेण्हति ?, गो० अण्णमंताईपि जाव फासमंताईपि गेहति, जाई भावओ वण्णमताईपि ताई किं एगवण्णाई जाच पंचवण्णाइं गेहति !, गो! गहणदबाई पहुच एगवण्णाईपि जाप पंचवण्णाईपि गेहति, सजग्गहणं पडुच णियमा पंचवण्णाई गेहति, तं०. कालाई नीलाई लोहियाई हालिदाई सुकिलाई, जाई वणतो कालाई गेहति ताई किं एगगुणकालाई जाव अणंतगुणकालाई गिण्हति ?, गो! एगगुणकालाइंपि जाव अणंतगुणकालाइंपि गेण्हति, एवं जाव मुकिरहाइंपि, जाई भावतो गंधमंताई (१८१) ७२४ प्रज्ञापना, परकश मुनि दीपरनसागर Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गिण्हति ताई कि एगगंधाई दुगंधाई गिण्हति ?, गो०! गहणदवाई पडुच एगगंधाइपि० दुगंधाइंपि०, सवग्गहणं पडुच्च नियमा दुगंधाई०, जाई गंधतो सुम्भिगंधाई गिण्हति ताई कि एगगुणसुम्भिगंधाई जाप अणंतगुणसुम्भिगंधाई गिण्हति ?, गो एगगुणसुभिगंधाइंपि जाव अणंतगुणसुभिगंधाइंपि, एवं दुम्भिगंघाईपि गेण्हइ, जाई भावतो रसमंताई गेहति ताई किं एगरसाई जाय कि पंचरसाई गेण्हति ?, गो० गहणदवाई पडुच एगरसाइपि जाव पंचरसाईपि०, सव्वग्गहणं पडुन नियमा पंचरसाई गेण्हति, जाई रसओ तित्तरसाई गेहति ताई किं एगगुणतित्तरसाई जाव अर्णतगुणतित्तरसाई गिण्हति ?, गो०! एगगुणतित्ताईपि जाच अर्णतगुणतित्ताईपि०, एवं जाव मधुररसो, जाई भावतो फासमंताई गेण्हति ताई किं एगफासाई जाव अट्टफासाई गिण्हति ?, गो०! गहणदधाई पडुच णो एगफासाई० दुफासाई जाव चउफासाई गेण्हति णो पंचफासाई गेहति जाव नो अट्टफासाई गेण्हति, सवरगहणं पडुन नियमा चउफासाई गेहति तै० सीतफासाई गेण्हति उसिणफासाई निदफासाईलुक्खफासाई गेहति, जाई फासतो सीताई गिण्हति ताई किं एगगुणसीताई गेहति जाव अर्णतगुणसीवाई गेष्हति , गोएगगुणसीताइंपि गेण्हति जाव अर्णतगुणसीताईपि गेहति, एवं उसिणणिदलुक्साईजाव अर्णतगुणलुक्खाइपि गिण्हति, जाई भंते ! जाव अर्णतगुणलक्खाई गेण्हति ताई किं पुडाई• अपुट्ठाई गेहति ?, गो०! पुढाई गेहति नो अपुट्ठाई गेण्हति, जाई भंते ! पुट्ठाई गेहति ताई किं ओगाढाई अणोगाढाई०?, गो! ओगाढाई गेण्हति नो अणोगाढाई०, जाई भंते ! ओगाढाई गेण्हति ताई कि अणंतरोगाढाई० परंपरोगाढाई०?, गो० अणंतरोगाढाई गिण्हति नो परंपरोगाढाई, जाई भंते ! अणंतरोगाढाई गेण्हति ताई कि अणूई० पायराई गेण्हति ?, गो! अणूईपि० वायराईपि०, जाई भंते ! अणूई गेहति ताई कि उड्ढे अधे तिरियं गेहति ?, गो०! उदपि०अधेवि० तिरियपि गेण्हति, जाई भंते ! उडूंढपि० अवि० तिरियपि गेण्हति ताई किं आदि० मझे० पजवसाणे गेण्हति?, गो०! आदिपि० मझेवि० पजवसाणेवि गेहति, जाई भंते ! आदिपि० मोवि० पज्जवसाणेवि गिण्हति ताई कि सचिसए. अविसए गिण्हति?, गो०! सविसए गेहति नो अविसए०, जाई भंते ! सविसए गेहति ताई किं आणुपुषिं गेहति अणाणुपुष्०ि१, गो०! आणुपुश्विं गेण्हति नो अणाणुपुवि०, जाई भंते ! आणुपुत्रि गेष्हति ताई किं तिदिसि जाव छदिसिं गेण्हति ?, गो०! नियमा छदिसि गेण्हति, 'पुट्ठोगाढ अणंतर अणू य तह बायरे य उड्ढमहे । आदि विसयाणुपुर्वि णियमा तह छदिसिं चेच ॥ १९८॥१६८। जीवे णं भंते! जाई दवाई भासत्ताए गेहति ताई कि संतरं गेहति निरंतरं गेहति ?, गो०! संतरपि० निरंतरपि गेहति, संतरं गिण्हमाणे जह० एग समयं उक्को० असंखेजसमए अतरं कटु गेहति, निरंतरं गेण्हमाणे जह दो समए उक्को० असंखेजसमए अणुसमयं अविरहियं निरंतरं गेहति, जीवे णं भंते ! जाई दवाई भासत्ताए गहियाई णीसिरह ताई किं संतरं नीसिरह निरंतर नीसिरह?, गो! संतरं नीसरह नो निरंतरं नीसरइ, संतरं निस्सरमाणे एगेणं समएणं गेहति एगेणं समएणं नीसिरइ, एतेणं गहणनीसरणोवाएणं जह• दुसमइयं उक्को० असंखेजसमइयं अंतोमुहुत्तिगं गहणनीसरणोवायं करेति, जीचे णं भंते ! जाई दवाई भासत्ताए गहियाई णीसिरति ताई किं भिण्णाई णीसरति अभिः ण्णाई णीसरति ?, गो० भिन्नाइपि निस्सरह अभिनाईपि निस्सरइ, जाई भिनाई हिस्सरति ताई अर्णतगुणपरिखुड्डीएणं परिखुड्ढमाणाई लोयंतं फुसन्ति, जाई अभिषणाई नीसरह ताई असंखेजाओ ओगाडणवग्गणाओ गंता भेदमावर्जति संखेजाति जोअणातिं गंता विदंसमागच्छति । १६९। तेसिंण मंते ! दवाण कतिविटे भेए पं०१, गो पञ्चविधे भेदे पंतं.. खंडाभेदे पयर० चुपिया० अणुतडिया० उकरियामेदे, से कितं खंडाभेदे?,२ जण्णं अयलंडाण वा तउ० वा तंब० वा सीस० वा स्यय० वा जातरूवखंडाण वा खंडएण भेदे भवति, से तं खंडाभेदे, से किं तं पयरभेदे १,२ जण्णं वैसाण चा वेत्ताण वा नलाण वा कदलीधभाण वा अब्भपडलाण वा पयरेणं भेदे भवति, से तं पयरभेदे, से किं तं चुणियाभेदे?.२ जणं तिलचुण्णाण वा मुग्ग० वा मास० वा पिप्पली वा मिरीय वा सिंगवेर वा चुण्णियाए मेदे भवति, से तं चुण्णियाभेदे, से कि त अणुतडियाभेदे १.२ जण्णं अगडाण वा तडागाण वा दहाण वा नदीण वा वावीण वा पुक्खरिणीण वा दीहियाण वा गुंजालियाण वा सराण वा सरसराण वा सरपंतियाण वा सरसरपंतियाण वा अणुतडियाभेदे भवति, से ते अणुतडियाभेदे, से किं तं उक्करियाभेदे?,२ जणं मूसाण वा मंडूसाण वा तिलसिंगाण वा मुग्गसिंगाण वा माससिंगाण वा एरंडशीयाण वा फुडिता उकरियाभेदे भवति, से तं उक्करियाभेदे, एएसिणं भंते! दवाण खंडाभेएणं जाव उक्करियाभेदेण य भिजमाणार्ण कयरे०?, गो० सात्योबाई दवाई उकरियाभेदेणं भिजमाणाई अणुतडियाभेएणं भिजमाणाई अणतगुणाई चुण्णि - याभेदेणं भिजमाणाई अणंत० पयरभेदेणं भिजमाणाई अर्णत खंडाभेदेणं भिजमाणाई अर्णतगुणाई।१७०। नेरइए णं भंते ! जाई दवाई भासत्ताए गेहति ताई किं ठियाई गेण्हति अठियाई गेण्हति?, गो०! एवं चेव जहा जीवे वत्तवया भणिया तहा नेरइयस्सवि जाव अप्पाबहुर्य, एवं एगिदियवजो दंडतो जाच बेमाणिए, जीवा र्ण भंते! जाई दवाई भासत्ताए गेहति ताई किं ठियाई गेण्हति अठियाई गेण्हति ?, गो०! एवं चेव पुहुत्तेणवि णेत जाव वेमाणिया, जीवे णं भंते! जाई वधाई सबभासत्ताए गेण्हति ताई किं ठियाई गेण्हति अठियाई ७२५ प्रज्ञापना, ६-०११ मुनि दीपरत्नसागर Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गेहति ?. गो० जहा ओहियदंडओ तहा एसोऽपि णवरे विगलिंदिया ण पुच्छिज्जति, एवं मोसाभासाएवि सचामोसाभासाएवि. असचामोसाभासाएवि एवं चेत्र, नवरं असमामोसाभासाए विगलिंदिया पुच्छिति इमेणं अभिलावेणं-चिगरिदिए णं भंते ! जाई दवाई असचामोसाभासत्ताए गिण्हइ ताई किं ठियाई गेण्हइ अठियाई, गो०! जहा ओहियदंडओ. एवं एए एगत्तपुडुत्तेणं दस दंडगा माणियवा ।१७१। जीवेणं भंते ! जाई दवाई सबभासत्ताए गिहति ताई किं सबभासत्ताए नीसिरइ मोसभासत्ताए- सचामोसमासनाए- असच्चामो. सभासत्ताए नीसरह ?, गो! सच्चभासत्ताए नीसरइ नो मोसमासत्ताए नो सच्चामोसभासत्ताए नो असच्चामोसमासत्ताए नीसरड, एवं एगिदियविगरिदियक्जो दंडनो जाय वेमाणिए, एवं पुहुनेणवि, जीवे णं भंते ! जाई दब्बाई मोसमासत्ताए गिण्हति ताई किं सच्चभासत्ताए जाव असचामोसमासत्ताए नीसरड?, गोनो सचभासत्ताए: मोसमासत्ताए नीस. रति णो सचामोस० णो असच्चामोसभासत्ताए नीसरति, एवं सचामोसमासत्ताएवि, असच्चामासमासत्ताएवि एवं चेव, नवरं असच्चामासमासत्ताए विगलिदिय जाए चेव गिण्हति ताए चेव नीसरति, एवं एते एगत्तपुहुत्तिया अट्ट दंडगा भाणियवा । १७२। कतिविहे भंते ! वपणे पं०?, गो! सोलसबिहे वयणे पं० नं एगवयणे दु. बटु इस्थि० पुम० णपुंसग अज्झत्थ. उवणीय अवणीय उवणीयावणीय अवणीयोवणीय तीन पटुप्पन्न अणागय पच्चक्ख० परोक्खषयणे, इच्चेइन भंते ! एगपयर्ण या जाव परोक्खवयणं वा बदमाणे पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा मासा मोसा ?,हंता ! गो०! इच्चेइतं एगवयर्ण वा जाब परोक्खवयणं वा वदमाणे पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा । १७३। कति णं भंते ! भासजाया पं०?, गो! चत्तारि भासजाया पं० तं०-सचमेगं भासजायं वितिय मोसं तइयं सच्चामोसं असचामोतं भासजातं, इच्चेइयाई विराहते.गो! इच्चेइयाईचत्तारि भासजायाई आउत्तं भासमाणे आराहते. नो विराहते, नेण परं असंजतबिरयअपडिहता. पच्चक्खायपाचकम्मे सच्चं भासं भासतो मोसं वा० सच्चामोसंवा असच्चामोसं वा भासं भासमाणे नो आराहते, विराहते।१७४ाएनेसि णं भंते! च्चामोस० असच्चामोस अभासगाण य कयरे०?, गोः सबत्योचा जीवा सच्चभासगा सच्चामोस. असंखि० मोसभासगा: असंखे. असच्चामोसभासगा असंखे० अभासगा अणंतगुणा । १७५। भासापर्य ११॥ कति णं भंते ! सरीरा पं०?, गो०! पंच सरीरा पं० त०-ओरालिए वेउलिए आहारए तेयए कम्मए, नेरइयाणं भंते ! कति सरीरया पं०?, गो०! तओ सरीरया पं० ते बेउविए तेयए कम्मए, एवं अमुरकुमाराणवि जाव धणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं भंते! कति सरीरया पं०?, गो० तओ सरीरया ५० त० ओरालिए तेयए कम्मए, एवं वाउकाइयवजं जाव परिदियाणं, वाउकाइयाणं भंते ! कति सरीरया पं०?, गो०! चत्तारि सरीरया पं० त०-ओरालिए वेउविते तेयए कम्मए, एवं पंचिदियतिरिक्सजो. णियाणवि, मणुस्साणं भंते ! कति सरीरया पं०?, गो०! पंच सरीरया पं० त० ओरालिए वेउविते आहारए तेयए कम्मए, वाणमंतरजोइसियवेमाणियार्ण जहा नारगाणं । १७६। केवइया णं भंते ! ओरालियसरीरया पं०१, गो०२ दुविहा पं० २०-बदिल्लया य मुक्तिलया य, तत्थ णं जे ते पदेडगा ने णं असंतेजा असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालतो सेत्ततो असंखेना लोगा, नत्थ णं जे ते मुकाइया ते णं अणंता अर्णताहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालतो खेतओ अर्णता लोगा अभवसिदिएहितो अणंतगुणा सिद्धाणऽणंतभागो, केवतिया णं भंते ! वेउवियसरीरया पं०१. गो०२ दुविहा पं० २०-बदेइया य मुकेडगा य, तत्थ णं जे ते बहेडगा ते णं असंखेजा असंखेजाहि उम्सप्पिणीओस ., प्पिणीहिं अवहीरति कालतो खेततो असंखेजातो सेढीओ पयरस्स असंखेजतिभागो, तत्व णं जे ते मुक्केडगा ते णं अणंता अणताहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरति कारतो जहा ओरालियम्स मुक्केडया तहेब बेडवियम्सवि भाणियवा, केवतिया णं भंते ! आहारगसरीस्या पं०?, गो०२ दुविहा पं०२०- बदल्लया य मुकल्या य, तत्थ णं जे ते बहेडगा ते णं सिय अस्थि सिय नन्यि जड अस्थि जहएको वा दो वा तिण्णि वा उक्को० सहस्सपुहुत्तं, तत्थ णं जे ते मुकेडया ते णं अणंता जहा ओरालियस्स मुफिया तहेव भाणियबा, केवड्या णं भंते ! नेयगसरीरया पं०१, गो०२ दुविहा पं० २०- बढेङगा य मुक्केडगा य, तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं अणंता अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालतो खेतओ गणा सजीवाणंतभागणा. तत्य णं जे ते मलगा ते णं अणंता अर्णताहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालतो खेत्ततो अणंता लोगा दवओ सबजीचे हितो अणंतगुणा जीवजग्गस्साणतभागे, एवं कम्मगसरीराणिविभाणितवाणि।१७नेरइयाण भंते ! केवतिया ओरालियसरीरा पं०?, गो०२ दुबिहा पंतं०- बलमा हाय मुकेडगा य, नत्थ णं जे ते पोतगा ने णं णस्थि, तत्थ णं जे ते मुकेगा ते णं अणंता जहा ओरालियमुकेगा तहा भाणियचा. नेरहयाणं भंते ! केवड्या घेउधियसरीरा पं०१ गो!२ दुविहा पं० तं- बोडगा य मुक्केडगा य, तत्थ णं जे ते पद्धेडगा ते णं असंखेजा असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालतो खेत्ततो असंखिजाओ सेढीओ ७२६ प्रज्ञापना, पद-१२ मुनि दीपरत्नसागर Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पयरस्स असंखेहभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसई अंगुलपढमवग्गमूलं वितीयवम्गमूलपडुप्पणं अहवणं अंगुलवितीयवग्गमूलघणप्पमाणमेत्ताओ सेढीतो, तत्थ णं जे ते मुकाडगा तेणं जहा ओरालियस्स मुक्केडगा तहा माणियचा, नेरइयाणं भंते ! केवइआ आहारगसरीरा पं०?, गो०२ दुविहा पं०२०- बढे० मुके० एवं जहा ओरालिए चबेडगा मुकेल्या य भणिया तहेब आहारगावि भाणियचा, तेयाकम्मगाई जहा एएसिं चेव येउवियाई । १७८। असुरकुमारणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पं०१, गो०! जहा नेरइयाणं ओरालियसरीरा भ. णिता तहेव एतेसि भाणितब्वा, असुरकुमाराणं भंते ! केवइया येउब्वियसरीरा पं०?,गो!२ दुविहा पं० त०-बढेङगा य मुकलगा य, तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं असंखेज्जा असंखेजाहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालतो खेत्ततो असंखेजाओ सेढीतो पयरस्स असंखेजतिभागो, तासिं णं सेढीणं विक्खंभमई अंगुलपढमवग्गमूलस्स (प० अ) संखेजतिभागो, तत्थ णं जे ते मुकेलगा ते णं जहा ओरालियस्स मुकेङगा तहा भाणियचा, आहारगसरीरगा जहा एतेसिं चेव ओरालिया तहेव दुविहा भाणियचा, तेयाकम्मगसरीरा दुविहावि जहा एतेसिं चेव विउविया, एवं जाव थणियकुमारा।१७९॥ पुढवीकाइयाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरगा पं०१,२ दुविहा पं०२०- बडगा य मुक्केलगा य, तत्थ णं जेते बद्धेङगा ते णं असंखेजा असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरति कालतो खेत्ततो असंखेजा लोगा, तत्थ णं जे ते मुकेल्लगा ते णं अणंता अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालतो खेत्ततो अणंता लोगा अभवसिदएहिंतो अणंतगुणा सिद्धाणं अणंतभागो, पुढवीकाइयाणं भंते ! केवतिया वेउवियसरीरगा पं०१, गो०१२ दुविहा पं० २०-बद्धे० मुक्के०, तत्थ णं जे ते बोलगा ते णं णस्थि, तत्थ णं जे ते मुलगा ते णं जहा एएसिं चेव ओरालिया तहेव भाणियवा, एवं आहारगसरीरावि, तेयाकम्मगा जहा एएसिं चेव ओरालिया, एवं आउ. कायतेउकाइयावि, वाउकाइयाणं भंते! केवतिया ओरालियसरीरापं०१, गो०१२ विहा पं० २०-बद्धेमके०, दुबिहावि जहा पुढवीकाइयाणं ओरालिया, वेउबियाणं पुच्छा, गो दुविहा पं० ते०- बद्धलगा य मुकेलगाय, तत्थ णं जे ते बढेङगा ते णं असंखेजा समए २ अबहीरमाणा२पलितोचमस्स असंखेजइभागमेत्तेणं कालेणं अवहीरति नो चेव णं अवहिया सिया, मुकेडगा जहा पुढवीकाइयाणं, आहारयतेयाकम्मा जहा पुढवीकाइयाणं तहा भाणियवा, वणप्फइकाइयाणं जहा पुढवीकाइयाणं णवरं तेयाकम्मगा जहा ओहिया तेयाकम्मगा, बेइंदियाणं भंते ! केवइया ओरालिया सरीरगा पं०१, गो०१२ दुविहा पं० २०-बढे० मुक्के०, तत्थ णं जे ते पदेडगा ते णं असंखेजा असंखेज्जाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अबहीरति कालतो खेत्ततो असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजइभागो, तासिं णं सेढीण विक्खंभसूई असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ असंखेजाइं सेढिवम्गमूलाई, बेइंदियाणं ओरालियसरीरेहिं बहेडगेहिं पयरो अवहीरति असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं कालतो खेत्ततो अंगुलपयरस्स आवलियाते य असंखेजतिभागपलिभागेणं, तत्व णं जे ते मुकेल्लगा ते जहा ओहिया ओरालियमुक्केडगा, वेउचिया आहारगा य पबिडगा णस्थि, मुकिलुगा जहा ओहिया ओरालियमुक्कडगा, तेयाकम्मा जहा एतेसिं चेव ओहिया ओरालिया, एवं जाव चउरिदिया, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं एवं चेव, नवरं येउवियसरीरएसु इमो विसेसो-पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते! केवइया वेउबियसरीरया पं०?, गो०२दुविहा पं० त०- बद्धे० मुक्के०, तत्थ णं जे ते बदोङया तेणं असंखिजा जहा असुरकुमाराणं णवरं तासिं णं सेढीणं विक्संभसूई अंगुलपढमवम्गमूलस्स असंखेज्जइभागो, मुकेडगा तहेव, मणुस्साणं भंते ! के - वढया ओरालियसरीरंगा पं०१.गो०१२ दविहा पं०२०-बदल्लगा यमके०, तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं सिय संखिजा सिय असंखिजा जहण्णपदे संखेजा संखेजाओ कोडाकोडीओ तिजमलपयस्स उवरि चउजमलपयस्स हिट्ठा अहवर्ण उट्ठो बग्गो पंचमवग्गपडुप्पो अवर्ण छण्णउइच्छेयणगदाई रासी, उकोसपए असंखिज्जा असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंनि कालतो खेतओ रूवपक्खित्तेहिं मणुस्सेहिं सेढी अवहीरइ, तीसे सेढीए आकासखेत्तेहिं अवहारो मग्गिजइ असंखेजा असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं कालतो खेततो अंगुलपढमवग्गमूलं तइयवग्गमूलपडप्पण्णं, तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते जहा ओरालिया ओहिया मुक्केडगा, वेउवियाणं भंते ! पुच्छा, गोक! दुविहा पं० २०-बढे मुक्के, तत्थ णं जे ते बद्धोडगा ते णं संखिजा समए २ अबहीरमाणा २ संखजेणं कालेणं अबहीरंति नो चेवणं अवहीरिया सिया, तत्थ णं जे ते मुक्केडगा ते णं जहा ओरालिया ओहिया, आहारगसरीरा जहा ओहिया, नेयाकम्मगा जहा एतेसिं चेव ओरालिया, वाणमंतराणं जहा नेरइयाणं ओरालिया आहारगा य, वेउवियसरीरंगा जहा नेरइयाणं नवरं तासि णं सेढीणं विक्खंभमूई संखेजजोअणसयवग्गपलिभागो पयरस्स, मुक्किाच्या जहा ओरालिया, तेयाकम्मया जहा एतेसिं चेव वेउविता, जोइसियाणं एवं चेव नवरं तासिं णं सेढीणं विक्खंभमूई विच्छप्पन्नंगुलसयवग्गपलिभागो पयरस्स, वेमाणियाण एवं चेव नवरं तासि णं सेढीण विक्खंभसूई अंगुलवितीयवग्गमूलं तइयवग्गमूलपडुप्पन्नं अहवणं अंगुलतइयवम्गमूल घणप्पमाणमेत्ताओ सेढीओ सेसं तं चेव । १८०॥ सरीरपयं १२॥ कतिविधे णं भंते ! परिणामे पण्णते?, गो० दुविहे परिणामे पं० त०-जीवपरिणामे य अजीवपरिणामे य । १८१॥ ७२७ प्रज्ञापना, पह-१३ मुनि दीपरबसागर Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीवपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० दसविधे पं० तं०-गविपरिणामे इंदिय० कसाय० लेसा० जोग० उवओग० णाण दंसण० चरित० वेदपरिणामे । १८२ । गतिपरिणामे भंते! कतिविधे पं० १, गो० ! चउविहे पं० तं० नरयगतिपरिणमे तिरिय० मणुय० देवगतिप, इंदियपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं० १, गो० पंचविधे पं० तं०. सोनिंदिय० चक्खिदिय० घाणिदिय जिग्मि ( प० रसणि) दिय० फासिंदियपरिणामे, कसायपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० ! चविधे पं० तं०- कोह० माणः मायाः लोभकसायप०, लेस्सापरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० छविहे पं० तं० कण्ह० नील० काउ० तेउ० पम्ह० सुक्कलेसाप०, जोगपरिणामे णं भंते! कइविहे पं० १, गो० तिविधे पं० नं० मण० वइ० कायजोगप०, उवओगपरिणामे णं भंते! कइविहे पं०१, गो० दुविहे पं० तं० सागारोवओगप० अणागारोवओगप०, णाणपरिणामे णं भंते! कइविहे पं० १. गो० ! पंचविहे पं० तं०आभिणित्रोहिय० सुय० ओहि मणफ्ज्ज० केवलणाणप, अण्णाणपरिणामे णं भंते! कइविहे पं०१, गो०! तिविहे पं० तं० मइअण्णाणप० सुयअ० विभंगणाणप, दंसणपरिणामे णं भंते! कवि पं० १, गो० ! तिविधे पं० तं० सम्मदंसणपरि मिच्छादंसणप० सम्मामिच्छादंसणप०, चारितपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० पंचविहे पं० तं० सामाइयचारितप० छेदोवद्वावणीय० परिहारविमुद्धियः सुहुमसंपराय० अहक्खायचरित्तप०, वेदपरिणामे णं भंते! कइविहे पं०१, गो० ! तिविहे पं० तं० इत्थि० पुरिस० णपुंसगवेदपः, नेरइया गतिपरिणामेण निरयगतीया इंदिय० पंचिंदिया कसाय० कोहकसाईचि जाव लोभकसायीवि लेसा कव्हलेसावि नीललेसावि काउलेसावि जोग० मणजोगीवि वयजो० कायजो० उवओग सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि जाण० आभिणित्रोहियणाणीवि सुय० ओहि अण्णाणप मइअण्णाणीचि सुयअण्णाणीचि विभंगणाणीवि दंसणः सम्मादिट्टीवि मिच्छादिट्टीवि सम्मामिच्छादिद्वीवि चरित० नो चरित्ती नो चरित्ताचरित्ती अचरित्ती वेदपरिणामेणं नो इत्थी नो पुरिस० नपुंसगवेद्गा, असुरकुमारावि एवं चेत्र णवरं देवगतिया कण्हलेसाचि जाव तेउलेसावि वेद० इस्थिवेदगावि पुरिसवेदगावि नो नपुंसगवेदगा सेसं तं चेव, एवं जाव धणियकुमारा, पुढवीकाइया गतिः तिरियगतिया इंदिय एगिंदिया सेसं जहा नेरइयाणं नवरं लेसा० तेउलेसावि जोग० कायज़ोगी णाणपरिणामे णत्थि अण्णाण मतिअण्णाणी सुयअण्णाणी दंसण० मिच्छादिट्ठी सेसं तं चेत्र एवं आउवणप्फइकाइयावि, तेऊबाऊ एवं चेवण वरं लेसा परिणामेणं जहा नेरइया, बेइंदिया गतिपरिणामेणं तिरियगतिया इंदिय० बेइंदिया सेसं जहा नेरइयाणं णवरं जोग० वयजोगी कायजोगी णाणः आभिणिबोहियणाणीवि अणाणीव अण्णाणपरिणामेणं मइअण्णाणीचि सुयअण्णाणीवि नो विभंगणाणी दंसणपरिणामेणं सम्मद्द्द्विीवि मिच्छादिट्ठीवि नो सम्मामिच्छादिट्टी सेसं तं चेत्र एवं जाव चउरिंदिया णवरं इंदियपरिवुड्ढी कायशा, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया गतिपरिणामेणं तिरियगतिया सेसं जहा नेरइयाणं णवरं लेसापरि० जाव सुकलेसावि चरित्तपरिणा० नो चरित्ती अचरित्तीवि चरिताचरितीवि वेदपरि० इत्थि पुरिस० नपुंसगवेदगावि, मणुस्साणं गतिपरि० मणुयगतिया इंदियपरि० पंचिंदिया अनिंदियावि कसायपरि० कोह: माण० माया० लोभ० अकसाईवि लेसापरि० कण्हलेसाचि जाव अलेसावि जोगपरि मणजोगीवि जाब अजोगीवि उवओगपरि० जहा नेरइया णाणपरि० आभिणित्रोहियणाणीचि जाय केवलणाणीचि अण्णापरि० तिष्णिवि अण्णाणा दंसणपरि तिष्णिवि दंसणा चरित्तपरि० चरितीवि अचरितीवि चरिताचरित्तीवि वेदपरि० इत्थीवेयगावि पुरिसवेदगावि नपुंसगवेयगावि अवेदगावि, वाणमंतरा गतिपरि= देवगतिया जहा अमुरकुमारा, एवं जोइसियावि नवरं तेउलेसा, वैमाणियावि एवं चेत्र नवरं लेसापरि० तेउलेसाचि पम्हलेसावि सुकलेसावि, सेतं जीवपरिणामे । १८३ । अजीवपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० २ दसविधे पं० तं०- बंधणपरिणामे गतिः संठाण भेद० वण्ण गंध रस० फास अगुरुलहुय० सदपरिणामे । १८४। बंधणपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं० १, गो० २ दुविहे पं० नं० द्धिगंधणपरिणामे य लुक्वबंधणपरिणामे य. 'समणिदयाए बंधो न होति समलुक्खयाएवि ण होति बेमायणिद्दुक्खत्तणेण गंधो उ संधार्ण ॥ १९९ ॥ द्धिस्स णिदेण दुयाहिएण, लुक्सस्स लक्खेण दुयाहिएणं निद्धस्स लुक्खेण उवेड बंधो, जहणवलो विसमो समो वा ॥ २०० ॥ गतिपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० २ दुविहे पं० [सं० फुसमाणगति य अफुसमाणगति० य, अह्वा दीहगह य हस्सगइपरिणामे य, संठाणपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० २ पंचविधे पं० तं०. परिमं डठाणपरि० जाब आयतसं, भेदपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो०२ पंचविधे पं० तं० खंडभेद० जाव उक्करियाभेदपरि०, वण्णपरिणामे णं अंते! कतिविधे पं० १. गो० ! पंचविधे पं० ० कालवण्णप० जाव सुकिल, गंधपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं० १, गो० ! २ दुविहे पं० तं० मुभिगंध० दुग्भिः, रसपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं० १. गो० ! २ पंचविहे पं० [सं० - तित्तरस० जाव महुर०, फासपरिणामे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो०२ अट्टविधे पं० तं० कक्खडफासपरिणामे य जाय लुक्खफास, अगुरुलहुयपरिणामे णं भंते! कतिविहे पं० १, गो० २एगागारे पं० सहपरिणामे णं भंते! कतिविहे पं०१, गो० २ दुविहे पं० तं० सुम्भिसद० य दुम्मिसदपरिणामे य, सेतं अजीवपरिणामे । १८५ ॥ परिणामपर्यं १३ ॥ कति णं मंते! कसाया पं० १. गो० चत्तारि कसाया पं० तं० कोह० माण० माया० लोभकसाए, नेरइयाणं भंते! कति कसाया पं० १. गो० ! चत्तारि कसाया पं० तं० कोहकसाए जाव (१८२) ७२८ प्रज्ञापना, पद-१४ मुनि दीपरत्नसागर Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोभकसाए, एवं जाव वैमाणियाणं । १८६ । कतिपतिट्ठिए णं भंते! कोहे पं० १, गो० ! चउपतिट्टिए कोहे पं० तं० आयपतिट्ठिए परप तदुभय० अप्पइट्टिते, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं दंडतो, एवं माणेणं मायाए लोभेणं दंडओ, कतिविहे (हिं णं भंते! ठाणेहिं कोहुप्पत्ती भवति ?, गो०! चउहिं ठाणेहिं कोहुप्पत्ती भवति तं० खेत्तं वधुं सरीरं उबहिं पडुच्च, एवं नेरइयाण जाव वेमाणियाणं, एवं माणेणवि मायाएव लोभेणवि, एवं एतेवि चत्तारि दंडगा । १८७। कतिविधे णं भंते! कोघे पं०१, गो० चउविहे कोहे पं० तं० अणताणुचंधी कोहे अपच्चक्खाणे कोहे पच्चक्खाणावरणे कोहे संजलणे कोहे, एवं नेरइयाणं जाव वैमाणियाणं, एवं माणेणं मायाए लोभेणं, एएवि चत्तारि दंडगा । १८८ । कतिविधे णं भंते! कोधे पं० १, गो० ! चउविहे कोहे पं० तं० आभोगनिवत्तिए अणाभोग० उवसंते अणुवसंते, एवं नेरइयाणं जाव वैमाणियाणं, एवं माणेणवि मायाएव लोभेणवि चत्तारि दंडगा । १८९। जीवा णं भंते! कतिहि ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिसु ?, गो० ! चउहिं ठाणेहिं तं० कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं, एवं नेरइयाणं जाव वैमाणियाणं, जीवा णं भंते! कतिहि ठाणेहिं अड कम्मपगडीओ चिति ?, गो० ! चउहिं ठाणेहिं तं०- कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं, एवं नेरइया जाव वेमाणिया, जीवा णं भंते! कतिहि ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिस्संति ?, गो० ! ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिस्संति, तं०. कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं, एवं नेरइया जाव वैमाणिया, जीवा णं भंते! कतिहि ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ उवचिर्णिसु ?, गो० ! चउहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ उवचिणिसु, तं० कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं, एवं नेरइया जाव बेमाणिया, जीवा णं भंते! उवचिणंति पुच्छा, गो० चउहिं ठाणेहिं जाव लोभेणं, एवं नेरइया जाव वैमाणिया, एवं उवचिणिस्संति, एवं वंधिंसु बंधंति बंधिस्संति, उदीरेंसु उदीरंति उदीरिस्संति, वेदिंसु वेदेति वेदइस्संति, निजरिंसु निजरेंति निजरिस्संति, एवं एते जीवाइया वैमाणियपजवसाणा अट्टारस दंडगा जाव वैमाणिया निजरिंसु निजति निज्जरिस्संति, 'आतपतिट्टिय खेत्तं पडुच्च णंताणुबंधि आभोगे । चिण उवचिण बंध उदीर वेद तह निजरा चैव ॥ २०१ ॥ १९० ॥ इति कसायपयं १४ ॥ संठाणं बालं पोहत्तं कतिपदेस ओगाढे अप्पात्रहु पुट्ट पविट्ट विसय अणगार आहारे ॥ २०२ ॥ अहाय असी यमणी दुद्धे पाणे ते फाणिय वसा य कंबल घृणा थिग्गल दीवोदहि लोगऽलोगे य ॥ २०३ ॥ कति णं भंते! इंदिया पं० १. गो०! पंच इंदिया पं० तं० सोतिंदिए चक्खि० घाणि० जिभि० फार्सिदिए, सोतिदिए णं भंते! किंसंलिए पं०१, गो०! कलंबुयापुप्फ० पं०, चक्खिदिए णं भंते! किंसंठिते पं० १, गो० ! मसूरचंद पं०, घाणिदिए णं भंते! पुच्छा, गो० ! अइमुत्तगचंद ०, जिम्भिदिए णं पुच्छा, गो० ! खुरप्प० पं०, फासिंदिए णं पुच्छा, गो० ! णाणासंठाण० पं०, सोईदिए णं भंते! केवइयं बाणं पं० १, गो० ! अंगुलस्स असंखेजइभागे बाहल्लेणं पं०, एवं जाव फासिदिए, सोतिंदिए णं भंते! केवइए पोहत्तेणं पं० १, गो०! अंगुलस्स असंखेजइभागं पोहत्तेणं पं० एवं चक्खिदिएवि घाणिदिएवि, जिम्मिंदिए णं पुच्छा, गो! अंगुलपुत्ते पं०, फासिंदिए णं पुच्छा, गो० ! सरीरप्पमाणमेते पोहत्तेणं पं० सोतिंदिए णं भंते! कतिपदेसिते पं० १. गोः! अणतपदेसिते पं० एवं जात्र फासिंदिए । १९१ । सोइंदिए णं भंते! कतिपदेसोगाढे पं०१, गो०! असंखेजपएसोगाटे पं० एवं जाव फासिंदिए, एएसि णं भंते! सोनिंदियचक्खिदियघाणिदियजिज्भिदियफासिंदियाणं ओगाहणट्टयाए एसट्टयाए ओगाहणपएसट्टयाए कतरे ०१, गो० ! सहत्थोवे चक्खिदिते ओगाहणट्टयाते सोतिंदिए ओगाह० संखेज० घाणिदिए ओगाहः संखेज० जिम्मिंदिए ओगाह० असंखेज्ज० फासिदिए ओगाहः संखेज्ज० पदेसट्टयाते सर्व्वत्थोवे चक्खिदिए पदेस• सोतिंदिए पएस० संखेज्ज० घाणिदिए पएस० संखि० जिम्भिदिए पएस० असंखे फासिंदिए पएसट्टयाए संखे, ओगाहणपदेसट्टयाए सतत्थोवे चक्खिदिए ओगाहणट्टयाए सोविंदिए ओगाहण० असंखे० घाणिदिए ओगाहणट्टयाए संखिज० जिग्भिदिए ओगा असंखेज फासिंदिए जोगा० संखिन फासिंदियस्स ओगाहणट्टयाहिंतो चक्खिदिए पएसट्टयाए अनंतगुणे सोतिंदिए पएस राखेन घाणिदिए पएस० संखिज० जिम्भिदिए पएस० असंखेज फासिंदिए पदेस संखेज्ज०, सोतिंदियस्स णं भंते! केवइया कक्खडगुरुयगुणा पं० १. गो० ! अणता, एवं जाव फासिंदियस्स, सोतिंदियस्स णं भंते! केवइया मउयलहुयगुणा पं० १, गो० ! अनंता, एवं जाव फासिंदियस्स, एतेसिं णं भंते! सोइंदियचक्खिदियघाणिदियजिन्भिदियफासिंदियाणं कक्खडगुरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य कयरे ०१, गो० ! सङ्घत्थोवा चक्खिदियस्स कक्खडगु० सोतिंदियस्स कक्खडगु० अनंत घाणिंदियस्स कक्खड० अनंत० जिम्भिदियस्स कक्खड० अर्णतः फासिंदियस्स कक्खड अनंतगुणा, मउयलहुयगुणाणं सवत्थोवा फासिंदियस्स मउयलयगुणा जिम्भिदियस्स मउयलहुय० अर्णतः घार्णिदियस्स मउयलहुय० अनंत सोविंदियस्स मउयलहुय० अनंत० चक्खिदियस्स मउयलहुय० अनंत०, कक्खडगरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य सङ्घत्थोवा चक्खिदियस्स कक्खडगुरुयगुणा सोतिंदियस्स कक्खडगुरु० अणतः घाणिदियस्स कक्खडगरु० अनंत जिम्भिदियस्स कक्खडगुरुः अनंत फासिंदियस्स कक्खडगुरु० अर्णतः फासिंदियस्स कक्खडगुरुयगुणेहिंतो तस्स चैव मउयलहुयगुणा अनंत० जिन्भिदियस्स मउयलहुयः अनंतः घाणिदियस्स ७२९ प्रज्ञापना, एद-रूप O O मुनि दीपरत्नसागर Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मउयलहु० अर्णत० सोतिदियस्स मउपलहु० अर्णत० चक्खिदियस्स मउयलहुयगुणा अर्णतगुणा । १९२। नेरइयाणं भंते ! कह इंदिया पं०?, गो० पंच तं०- सोतिदिए जाव फासिं. दिए, नेरदयार्ण भंते : सोतिदिए किंसंठिए पं०?, गो० कलंच्यासंठाणसंठिने पं०,एवं जहा ओहियाणं वत्तवया भणिता तहेव नेरइयाणपि जाव अप्पाचहुयाणि दोण्णि, नवरं नेरइयाणं भंते ! फासिदिए किंसंठिए पं०१, गो! दुविधे पं० २०-भवधारणिजे य उत्तरवेउचिते य, तत्थ णं जे से भवधारणिजे से णं हुंडसं० पं०, तत्थ णं जे से उत्तरउचिते सेचि नहेब सेसंत चेव, अमुस्कुमाराणं भंते ! कद इंदिया पं०?, गो० पंच, एवं जहा ओहियाणि जाव अप्पाचहुगाणि दोषिणवि नवरं फासिदिए दुविधे पं० २० भवधारणिजे य उत्तरखेउविते य, तत्य णं जे से भवधारणिजे से णं समचउरंससं०५०, तत्थ णं जे से उत्तरवेउविते से णं णाणासं० सेसं तं चेव, एवं जाव बणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाण मंते! कति इंदिया पं०१,गो! एगे फासिदिए पं०, पुढवीकाइयाणं भंते ! फासिंदिते किंसंठाणसंठिते ५०?, गो! मसूरचंदसं० पं०, पुढवीकाइयाणं भंते ! फासिंदिते केवइयं वाहलेणं पं०?, गो० अंगुलस्स असंखे. जइभागं बाहलेणं पं०, पुढवीकाइयाणं भंते ! फासिदिए केवतितं पोहत्तेणं पं०?, गो०! सरीरप्पमाणमेत्ते पोहत्तेणं, पुढवीकाइयाणं मंते ! फासिदिए कतिपदेसिते पं० १, गो! अणंतपदेसिते पं०, पुढवीकाइयाणं भंते ! फासिदिते कतिपदेसोगाढे पं०?, गो० असंखेजपएसोगाढे पं०, एतेसिं गं भंते ! पुढवीकाइयाणं फासिंदियस्स ओगाहणट्ठयाए पएसट्टयाए ओगाहणपएसट्टयाए कयरे?, गो सबत्योचे पुढवीकाइयाणं फासिदिए ओगाहणट्टयाते ते चेव पदेसट्ठयाते अर्णतगणे, पढवीकाइयाणं भंते ! फासिंदियरस केवडया कक्खडगरुयगुणा पं०१. गो० अणंता, एवं मउयलहुयगुणावि, एतेसिं णं भंते ! पुढवीकाइयाणं फार्सिदियस्स कक्खडगरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य कयरे०१, गो०! सबत्योवा पुढवीकाइयाणं फासिदि. यस्स कक्खडगमयगुणा तस्स चेव मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, एवं आउकाइयाणवि जाच वणप्फइकाइयाणं णवरं संठाणे इमो विसेसो दट्टयो-आउकाइयाणं थिबुगबिंदुसं०५०, तेउकाइयाणं मुइकलावसं० पं०, बाउकाइयाणं पडागासं० पं०, वणष्फड़काइयाणं णाणासं०५०, बेईदियाणं भंते ! कति फासिदिए य, दोण्हंपि इंदियाणं संठाणं पाहातं पोहतं पदेसं ओगाहणा य जहा ओहियाणं भणिता तहा भाणियबा, णवरं फासिदिए हुंडसंठाणसंठिते पं० इमो विसेसो, एतेसि णं भंते ! बेइंदियाणं जिभिदियफासिंदियाणं ओगाहणट्ठयाते पदेसट्टयाते ओगाहणपएसट्टयाए य कयरे०१, गो०! सवत्थोवे बेईदियाणं जिभिदिए ओगाहणट्ठयाते फासिदिए ओगाहण असंखेज० पदेसट्टयाते सबथोचे इंदियाणं जिभिदिते पएस० फासिंदिए संखेज ओगाहणपएसट्ठयाते सव्वत्थोवे वेइंदियस्स जिम्भिदिए ओगाहणट्ठयाते फासिदिए ओगाहण. असंखे० फासिदियस्स ओगाहणट्ठयातेहिनो जिभिदिए पएसट्ठयाते अणंत फासिंदिए पएसट्टयाए संखेजगुणे, बेईदियार्ण भंते ! जिभिदियस्स केवइया कक्खडगरुयगुणा पं०१. गो ! अर्णता, एवं फासिदियस्सवि, एवं मउयलहुयगुणावि, एतेसिं णं भंते ! बेइंदियार्ण जिभिदियफासिदियार्ण कक्खडगरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य कनरे?, गो! सबथोवा इंदियाणं जिभिदियस्स कक्खडगरुयगुणा फासिदियस्स कक्खडगरुय० अणंत फासिदियस्स कक्सडगरुयगुणेहितो तस्स चेव मउयलहुय० अणंत० जिभिदियस्स मउयलहुय० अणंत०, एवं जाव पडरिदियत्ति, नवरं इंदियपरिवइढी कातया, तेइंदियाणं घाणिदिए थोचे परिदियाणं चक्खिदिए थोचे सेस तं चेच, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मसाण य जहा नेरइयाणं, णवरं फासिदिए छपिहसंठाणसंठिते पं० २०-समचउरंसे निम्मोह परिमंडले सादी सुजे वामणे ९डे, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं । १९३। पुट्ठाई भंते ! सदाई मुणेति अपुट्टाई सदाई सुणेति?, गो०! पुट्ठाई सदाई सुणेति नो अपुट्ठाई, पुट्टाई भंते ! रुबाई पासति अपुट्ठाई०१, गो० नो पुट्ठाई. अपुट्टाई० पासति, पुढाई भंते ! गंधाई अग्धाइ अपुट्ठाई०१, गो० पुट्ठाई अग्याइ नो अपुटाई०,एवं रसाणवि कासाणवि णवरं रसाई अस्साएति फासाई पडिसंवेदेतित्ति अभिलाबो कायचो, पविट्ठाई भंत: सदाई मुणेति अपचिट्ठाई.?, गो०! पविट्ठाई सदाई सुणेति नो अपविट्ठाई०,एवं जहा पुढाणि तहा पविट्टाणिपि । १९४। सोतिदियस्स णं भंते ! केबतिए विसए पं०?, गो० जह अंगुलस्स असंखेजतिभागो उकोसेणं चारसहि जोअणेहितो अच्छिण्णे पोग्गले पुढे पविट्ठातिं सहाति मुणेति, चक्सिदियस्स णं भंते! केवतिए विसए पं०१, गो!जह अंगुलम्स संखेजतिभागो उको सातिरेगाओ जोयणसतसहस्साओ अच्छिण्णे रूबाई पासइ. घाणिदियस्स पुच्छा, गो० जह• अंगुलअसंखेजतिभागो उक्को णवहिं जोयणेहितो अच्छिपणे गंधाति अग्धाइ, एवं जिभिदियस्सपि फासिदियस्सवि । १९५। अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स जे चरमा णिजरापोमगन मुहुमा णं ते पोग्गला पं० समणाउसो ! सब लोगपि य णं ते ओगाहित्ताणं चिठ्ठति ?,हंता गो०! अणगारस्स भावियप्पणो मारणांतियसमुग्धाएणं समोहयस्स जे चरमा णिजरापोग्गला सुहुमा ण ते पोग्गला सा लोगपि य ते ओगाहित्ताणं चिट्ठति, छउमत्येणं मंते! मसे तेसि णिजरापोग्गलाणं किंचि आणत्तं वा नाणत्तं वा ओमत्तं वा तुच्छत्तं वा ७३० पज्ञापना पद-१५ मुनि दीपरत्नसागर Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गरुयत्तं वा लहुयत्तं वा जाणति पासति ?, गो०! णो इणढे समढे, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-छउमत्थे णं मणूसे तेसि णिज्जरापोग्गलाणं णो किंचि आणत्तं वा जाव लहुयत्तं वा जाणइ पासइ ?, देवेऽवि य णं अत्येगतिए जे णं तेसिं निजरापोमालाणं नो किंचि आणत्तं वा जाव लहुयतं वा जाणति पासति, से तेणद्वेणं गो० एवं वुञ्चति-छउमत्थे मणूसे तेसिं णिन्न - रापोग्गलाणं नो किंचि आणत्तं वा जाव जाणति पासति, एवंमुहुमा णं ते पोग्गला पं० समणाउसो!, सबलोगपि य ण ते ओगाहिताणं चिट्ठति, नेरइया णं भंते ! निजरापोग्गले किं जाणंति पासंति आहारति उदाहु न याति न पासंति आहारैति?, गो०! नेरइया णिज्जरापोग्गले न जाणंति न पासंति आहारैति, एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं, मणूसाणं भंते ! ते निज्जरापोग्गले कि जाणंति पासंति आहारति उदाहुन याणति न पासंति आहारैति?, गो०! अत्यंगतिया जाणति पासंति आहारैति अत्यंगतिया न याति न पासंति आ. हारेंति, से केणटेणं भंते! एवं बुच्चति-अत्यंगतिया जाणंति पासंति आहारेंति अत्थेगतिया न जाणति न पासंति आहारेंति?, गो०! मणूसा दुबिहा पं० २०-सण्णिभूया य असण्णिभूया य, तत्थ णं जे ते असण्णिभूया ते णं न याणंति न पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते सण्णिभूया ते दुविहा पं० त०-उवउत्ता य अणुवउत्ता य, तत्थ ण जे ते अणुवउत्ता ते णं न याणंति न पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते उवउत्ता तेणं जाणंति पासंति आहारेंति, से एएणडेणं गो०! एवं बुच्चइ-अत्यंगतिया न याणंति न पासंति आहारेंति अत्थेगतिया जाणंति पासंति आहारैति, वाणमंतरजोइसिया जहा नेरइया, वेमाणिया णं भंते! ते निजरापोग्गले किं जाणंति पासंति आहारैति०?, जहा मणूसा, नवरं वेमाणिया दुविहा पं०तं-माइमिच्छादिट्ठीउबवण्णगा य अमाइसम्मदिट्टीउववण्णगा य, तत्थ णं जे ते माइमिच्छादिट्ठी ते णं न याणंति न पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते अमाइसम्मदिट्टी ते दुविहा पं० त०-अणंतरोववष्णगा य परंपरोव० य, तत्थ ण जे ते अणंतरोव० तेणं न याति न पासंति आहारति, तत्थ ण जे ते परंपरोववण्णगा ते दुविहा पं० त०- पजत्तगा य अफ्जत्तगा य, तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं न जाणंति न पासंति आहारति, तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा ते दुविहा पं०२०- उवउत्ता य अणुवउत्ता य, तत्य णं जे ते अणुव उत्ता ते णं न याति न पासंति आहारैति, तत्व णं जे ते उवउत्ता ते णं जाणंति पासंति आहारैति, एतेणद्वेणं गो० एवं युञ्चति-अत्यंगतिया याणंति जाव अत्यंगतिता आहारैति ।१९६। अहार्य पेहमाणे मणूसे अहार्य पेहति अत्ताणं० पलिभागं पेहति ?, गो० ! अदाय पेहति नो अप्पाणं पेहति पलिभागं पेहति, एवं एतेणं अभिलावेणं असिं मणिं दुर्द्ध पाणं तेलं फाणियं वसं । १९७। कंबलसाडे णं भंते ! आवेदितप. रिवेढिते समाणे जावतियं ओवासंतरं फुसित्ताणं चिट्ठति विरलिएवि समाणे तावइयं चेव उवासंतरे फुसित्ताणं चिट्ठति ,हंता गो०! कंबलसाडए णं आवेढियपरिवेढिते समाणे जाव* तियं तं चेव. थूणा णं भंते ! उड्ढे ऊसिया समाणी जावइयं खेतं ओगाहइत्ताणं चिट्ठति तिरियपि अणं आयता समाणी तावइयं चेव खेत ओगाहइत्ताणं चिट्ठति तिरियंपिय र्ण आयता समाणी तावइयं चेव खेत्तं ओगाहित्ताणं चिट्ठति ?,हंता गो० थूणा णं उड्ढं ऊसिया तं चेव चिट्ठति, आगासथिम्गले णं भंते ! किणा फुडे कइहिं वा काएहि-किं धम्मस्थिकाएणं धम्मस्थिकायस्स देसेणं धम्मस्थिकायस्स पदेसेहिं फुडे एवं अधम्मत्थिकाएणं. आगासस्थिकाएणं० एएणं भेदेणं जाव पुढवीकाइएणं जाब तसकाइएणं अदासमएणं फुडे?, गो० धम्मत्यिकाएणं नो धम्मस्थिकायस्स देसेणं धम्मस्थिकायस्स पदेसेहिं फुडे एवं अधम्मत्यिकाएणविनो आगासत्यिकाएणं आगासस्थिकायस्स देसेणं आगा० पदेसेहिं जाव वणस्सइकाइएणं फुडे तसकाइएणं सिय फुडे सिय णो फुद्दे अदासमएणं देसे फुडे देसे णो फुडे, जंबुद्दीवेणं भंते! दीवे किणा फुडे कइहिं वा काएहिं फुडे किं धम्मत्थिकाएणं जाव आगासस्थिकाएणं फुडे ?. गो० णो धम्मस्थिकाएणं धम्मस्थिकायस्स देसेणं० पदेसेहिं फुडे एवं अधम्मस्थिकायस्सवि आगासत्यिकायस्सवि पुढवीकाइएणं जाव वणस्सइकाएणं फुडे तसकाइएणं सिय फुडे सिय णो फर्ड अद्धासमएणं फुडे, एवं लवणसमुद धायतिसंडे दीवे कालोए समुहे म्भितरपुक्खर, बाहिरपुक्खरखे एवं चेव णवरं अद्धासमएण ना फुड, एव जा समुहे, एसा परिवाडी इमाहि गाहाहि अणुगंतवा, तं०-जंबुद्दीवे लवणे धायति कालोय पुक्खरे वरुणो। खीर घय खोय णंदिय अरुणवरे कुंडले रुयते॥२०४।। आभरणवत्वगंधे उप्पलतिन्लए य पउमनिहिरयणे। बासहर दह नईओ विजया वक्खार कप्पिदा ॥२०५॥ कुरु मंदर आवासा कूडा नक्खत्तचंदसूरा य। देवे णागे जस्खे भूए य सयंभुरमणे य ॥२०६॥एवं जहा बाहिरपुक्खरदे भणिए तहा जाव सयंभूरमणसमुहे जाव अद्धासमएणं नो फुडे, लोगे णं भंते ! किणा फुडे कइहिं वा काएहिं जहा आगासथिग्गले, अलोए णं भंते! किणा फुडे कतिहि वा काएहिं पुच्छा, गो! नो धम्मस्थिकाएक फुडे जाव नो आगासत्थिकाएणं आगासत्यिकायस्स देसेणं फुडे नो पुढवीकाइएणं फुडे जाव नो अद्धासमएणं फुडे एगे अजी. वदवदेसे अगुरुलहए अणंतेहिं अगुरुलहुयगुणेहिं संजुत्ते सवागासअर्णतभागूणे ॥१९८॥१५ उ०१॥ इंदियउवचय णिवत्तणा य समया भवे असंखेजा। लद्धी उपओगढ़ अप्पाचहुए विसेसहिया ॥२०७॥ ओगाहणा अवाए ईहा तह पंजणोग्गहे चेव । दबिंदिय भाविंदिय तीया बद्धा पुरक्खडिया ॥२०८॥ कतिविहे णं भंते ! इंदियउवचए पं०?, गो० पंचविहे इंदि७३१ प्रज्ञापना, पद-२५ मुनि दीपरत्नसागर Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यउवचए पं० तं०-सोतिदिय० जाव कासिदियउपचते, नेरइयाणं भंते ! कतिविहे इंदिओवचए पं०?, गो०! पंचविहे पं० सं०- सोतिदिओवचए जाव फासिंदिओवचए, एवं जाव वेमा णियाणं जस्स जइ इंदिया तस्स ततिविहो चेव इंदिओवचओ भाणियत्रो, कतिविहा णं भंते ! इंदियनिवत्तणा पं०?, गो०! पंचविहा इंदियनिवत्तणा पं० सं०-सोतिदियनिवत्तणा जाच फासिंदियनिवत्तणा, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं णावरं जस्स जइ इंदिया अस्थि०, सोतिदियणिवत्तणा णं भंते ! कइसमइया पं०?, गो०! असंखिजसमइया अंतोमुहुत्तिया पं०, एवं जाव कासिदियनियत्तणा, एवं नेरयाणं जाच वेमाणियाणं, काविहा णं मंते! इंदियलदी पं०१, गो०! पंचविहा इंदियलबी पं०२०-सोतिदियलदी जाब फासिदियलबी. एवं नेरहयाणं जाव वेमाणियाणं णवरं जस्स जइ इंदिया अस्थि तस्स तावइया भाणियचा, कतिविहा णं भंते ! इंदियउवओगरा पं०?, गो०! पंचविहा इंदियउवओगदा पं० त० सोति. दियउ० जाव फासिदियउबओगदा, एवं नेस्याणं जाव वेमाणियाणं णवरं जस्स जइ इंदिया अस्थि०, एतेसिंणं भंते! सोतिदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिंदियाणं जहपणयाए उकोसियाए जहन्नुकोसियाए उवओगदाए कयरे?, गो० सवस्थोवा चक्खिदियस्स जहष्णिया उवओगद्धा सोतिदियस्स जह० पिसे० पाणिदियस्स जहबिसे० जिभिः दियस्स जह. विसे० फासिदियस्स जह• विसे० उक्कोसियाए उपओगदाए सवयोवा चक्खिदियस्स उक्कोसिया सोतिदियस्स उक्को विसे० पाणिदियस्स उको विसे- जिभिदियस्स उको विसे० फासिदियस्स उक्को विसे० जहण्णउकोसियाए उवओगराए सवत्योवा चक्खिदियस्स जहनुकोसिया० सोतिदियस्स जह० विसे० पाणिदियस्स जह् विसे जिभिदियस्स ज०वि० फासिदियस्स जनु०वि० फासिंदियस्स जष्णियाहिंतो उवओगदाहिंतो चक्खिदियस्स उकोसिया विसे० सोतिदियस्स उको वि० पाणिंदियस्स उक्को वि०। भिदियस्स उको विसे फासिदियस्स उकोसिया उवओगहा विसे०, कतिविहा र्ण भंते ! इंदियओगाहणा पं०१, गोपंचविहा इंदियओगाहणा पं० सं०-सोतिदिय० जाव फासि. दियओगाहणा, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं नवरं जस्स जइ इंदिया अस्थि०।१९९। कतिविधे णं भंते ! इंदियअवाए ५०?, गो० पंचविधे इंदियअवाए पंत-सोतिंदियअवाए जाब फासिदियअवाए, एवं नेरइयाणं जाच वेमाणियाणं नवरं जस्स जइ इंदिया अत्थि०, कतिचिहा णं भंते! ईहा पं०?, गो! पंचविहा ईहा पं० त०-सोतिदियईहा जाब फासिंदियईहा, एवं जाव वेमाणियाणं णवरं जस्स जइ इंदिया०, कतिविघेणं भंते! उम्गहे पं०?, गो०! दुविहे उग्गहे पं० त०- अत्थोग्गहे य बंजणोग्गहे य, पंजणोग्गहे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो० चउविधे पं० ते०- सोतिंदियः पाणिदिय जिभिदिय० फासिंदियवंजणोग्गहे, अत्योग्गहे णं भंते ! कतिविघे ५०१, गो! छविहे पं० २०. सोतिदिय चक्खिदिय जिभिः दिय० फासिंदिय० नोइंदियअत्यो०, नेरइयार्ण भंते ! कतिविहे उम्गहे पं०१, गो०! दुविहे पं० त०- अत्थोग्गहे य बंजणोग्गहे य, एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं भंते! कतिविधे उम्गहे पं०?, गो०! दुविधे उग्गहे पं०-अत्योग्गहे य बंजणावग्गहे य, पुढवीकाइयाणं भंते! बंजणोम्गहे कतिविधे पं०१, गो०! एगे फासिंदियवंजणोग्गहे पं०, पुढवीकाइयार्ण भंते! कतिविधे अत्योग्गहे पं०१, गो० एगे फासिंदियअत्योग्गहे पं०, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, एवं बेइंदियाणवि नवरं बेइंदियाणं वंजणोग्गहे दुबिहे पं० अत्यो। माहे दुविहे पं०, एवं तेइंदियचउरिंदियाणवि णवरं इंदियपरिखुड्ढी कायचा, चउरिंदियाणं वंजणोम्गहे तिविधे पं० अत्थोग्गहे चउचिये पं०, सेसाणं जहा नेरइयाणं, जाब बेमाणियाणं ।२००। कतिविहाणं मंते ! इंदिया पं०?, गो०! दुविहा पं० त०-दबिंदिया य भाबिंदिया य, कति णं मंते ! दविंदिया पं०१, गो० अट्ठ दश्विंदिया पं० तं०-दो सोत्ता दो नेत्ता दो घाणा जीहा फासे, नेरइयाणं भंते ! कति दथिंदिया पं०?, गो० अट्ठएते चेक, एवं असुरकुमाराणं जाब थणियकुमाराणवि, पुढवीकाइयाणं भंते! कति दधिदिया पं०?, गोएगे फासिदिए पं०, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, बेइंदियाणं मंते! कति दविंदिया पं०?, गो०! दो दकिंदिया पं० २०. फासिदिए य जिभिदिए य, तेइंदियाणं पुच्छा, गो०! चत्तारि दकिंदिया पं० तं. दो घाणा जीहा फासे, चउरिदियाणं पुच्छा, गोछ दरिंदिया पं० २०-दो णेत्ता दो पाणा जीहा फासे, सेसाणं जहा नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया दर्विदिया अतीता',गो०! अर्णता, केवइया बदेलगा?, गो०! अट्ट, केवइया पुरेक्खडा?, गो०! अट्ट वा सोल वा सत्तरस वा संखेजा वा असंखेजा वा अर्णता वा, एगमेगस्स ण भंते ! अमुरकुमारस्स केवइया दबिंदिया अतीता ?, गो० अर्णता, केवड्या बबेलगा?, अट्ट, केवइया पुरेक्खडा ?, अट्ठ वा नव वा सत्तरस वा संखेजा वा असंखेना वा अणंता वा, एवं जाव यणियकुमाराणं ताव माणियार्च, एवं पुढवीकाइया आउकाइया पणस्सइकाइयावि, नवरं केवइया बबेलगत्ति पुच्छाए उत्तरं एके फासिंदियदर्षिदिए, एवं तेउकाइयवाउका. इयस्सवि नवरं पुरेक्खडा नव वा दस वा, एवं इंदियाणषि, णवरं बढे पुच्छाए दोषिण, एवं तेईदियस्सवि णवरं पदेलगा चत्तारि, एवं चारिदियस्सवि नवरं बदल्लगा छ पंचिंदियति. रिक्खजोणिया मणूसा वाणमंतरा जोइसिया सोहम्मीसाणगदेवस्स जहा अमुरकुमारस्स नवरं मणूसस्स पुरेक्खडा कस्सई अस्थि कस्सई णत्यि, जस्सस्थि अट्ठ वा नव वा संखेजा वा असंस्केजा वा अर्णता वा, सर्णकुमारमाहिंदर्वभलंतगमुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणअचुयगेवेजगदेवस्स य जहा नेत्यस्स, एगमेगस्स णं भंते ! विजयवेजयंतजयंतअपरा- (१८३) ७३२ प्रज्ञापना, पद-१५ मुनि दीपरतसागर Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जियदेवस्स केवइया दबिंदिया अतीता ? गो० ! अर्णता, केवइया बद्धेलगा ?, अट्ट, केवइया पुरेक्खडा १, अड वा सोलस वा चडवीसा वा संखेज्जा वा सङ्घट्टसिद्धगदेवस्स अतीता अनंता बनेड़गा अट्ट पुरेक्खडा अट्ठ, नेरइयाणं भंते! केवइया दर्शिदिया अतीता ?, गो०! अणता, केवइया बढेगा ?, गो०! असंखेज्जा, केवइया पुरेक्खडा ?, गो० ! अणंता, एवं जाव गेवेजगदेवाणं, नवरं मणूसाणं वद्धेउगा सिय संखेज्जा सिय असंखेज्जा, विजयवेजयंतजयंत अपराजितदेवाणं पुच्छा, गो० ! अतीता अनंता बदेलगा असंखेज्जा पुरेक्खडा असंखेजा, सबसिद्धगदेवाणं पुच्छा, गो० ! अतीता अनंता बढेगा संखेना पुरेक्खडा संखेजा, एगमेगस्स णं नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया दत्रिंदिया अतीता ? गो० ! अनंता, केवइया बडगा ?, गो० ! अट्ट, केवइया पुरेक्खडा १, गो०! कस्सई अस्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा सोलस वा चडवीसा वा संखेजा वा असंखेज्जा वा अनंता वा, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स असुरकुमारले केवइया दहिंदिया अतीता १, गो०! अनंता, केवइया बढेलगा?, गो०! णत्थि केवइया पुरेक्खडा १, गो०! कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि अट्ट वा सोलस वा चवीसा वा संखेना वा असंखेजा वा अणंता वा, एवं जाव थणियकुमारते, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स पुढवीकाइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ?, गो! अनंता, केवइया बदोडगा ?, गो० ! णत्थि केवइया पुरेक्खडा १, गो०! कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि एको वा दो वा तिष्णि वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणता वा, एवं जाव वणस्सइकाइयत्ते, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स बेइंद्रियन्ते केवइया वद्विंदिया अतीता ?, गो०! अनंता, केवड्या बद्धेलगा ?, गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, गो०! कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि दो वा चत्तारि वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा, एवं तेइंदियत्तेवि, नवरं पुरेक्खडा चत्तारि अट्ठ वा वारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा, एवं चउरिंदियत्तेवि, नवरं पुरेक्खडा छ वा बारस वा अट्ठारस वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अनंता वा, पंचिदियतिरिक्सजोणियत्ते जहा असुरकुमारत्ते, मणूसत्तेवि एवं चेत्र नवरं केवइया पुरेक्खडा ?, अट्ट वा सोलस या चवीसा वा संखेजा वा असंखेज्जा वा अणंता वा, सज्ञेसिं मणूसवजाणं पुरेक्खडा मणूसत्ते कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि एवं ण वुच्चति, वाणमंतरजोइसियसोहम्मगजावगेवेजगदेवत्ते अतीता अनंता, बद्धेलगा नत्थि, पुरेक्खडा कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अट्ट वा सोलस वा चडवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा, एग· मेगस्स णं भंते! नेरइयस्स विजयवेजयंतजयंतअपराजितदेवत्ते केवइया दद्विंदिया अतीता १, णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, कस्सई अस्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अड्ड वा सोलस वा, सङ्घट्टसिद्धगदेवत्ते अतीता नत्थि, बदेलगा णत्थि, पुरेक्खडा कस्सई अत्थि कस्सई णत्थि, जस्स अस्थि अड, एवं जहा नेरइयदंडओ नीतो तहा अमरकुमारेणवि नेतची जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएणं नवरं जस्स सहाणे जड़ बद्धेहगा तस्स तइ भाणियता, एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स नेरइयत्ते केवइया दर्शिदिया अतीता ?, गो० ! अनंता, केवड्या बढ़ेलगा? णत्थि केवइया पुरेक्खडा?, कस्सई अस्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि अट्ट वा सोलस वा चडवीसा वा संखेजा वा असंखेजा वा अनंता वा, एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्ते वरं एगिंदियविगलिंदिएमु जस्स जइ पुरेक्खडा तस्स तत्तिया भाणियत्रा, एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स मणूसते केवइया दद्विंदिया अतीता ०१, गो० अणता, केवइया बढेलगा ?, गो०! अड, केवइया पुरेक्खडा ?, कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा सोलस वा चडवीसा संखेज्जा या असंखेज्जा वा अनंता वा वाणमंतरजोइसियजावगेवेजगदेवते नेरइयत्ते, एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स विजयवेजयंतजयंतअपराजितदेवत्ते केवइया दर्शिदिया अतीता १, गो०! कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अट्ट वा सोलस वा केवइया बद्धेलगा?, नत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, कस्सई अस्थि कस्सई नत्थि, जस्सऽत्थि अट्ठ वा सोलस बा, एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स सङ्घट्टसिद्ध गदेवत्ते केवविता दद्विंदिया अतीता ?, गो०! कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ, केवइया बद्धेलगा १, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ, वाणमंतरजोतिसिए जहा नेरलिए, सोहम्मगदेवेवि जहा नेरइए, नवरं सोहम्मगदेवस्स विजयवेजयंतजयंतापराजियत्ते केवइया अतीता ?, गो०! कस्सई अस्थि कस्सई णत्थि, जस्स अत्थि अड, केवइया बढेलगा?, गत्यि, केवइया पुरेक्खडा?, गो०! कस्सई अत्थि कस्सति णत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ वा सोलस वा सङ्घट्टसिद्धगदेवते जहा नेरइयस्स, एवं जाव गेवेज्जगदेवस्स समसिद्धग ताव तयं, एगमेगस्स णं भंते! विजयवेजयंतजयंतापराजितदेवस्स नेरइयत्ते केवइया दर्शिदिया अतीता १, गो०! अर्णता, केवइया बडगा ?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ? णत्थि एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियत्ते, मणूसते अतीता?, अनंता, बढेलगा णत्थि, पुरेक्खडा अट्ठ वा सोलस वा चडवीसा वा संखेज्जा वा वाणमंतरे जोइसियत्ते जहा नेरइयत्ते, सोहम्मदेवत् अतीता अनंता, बजेगा णत्थि पुरेक्खडा कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेजा था, एवं जाव गेवेज्जगदेवते, विजयवेजयंत अपराजितदेवत्ते अतीता कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अट्ट, केवतिया बढेगा ?, अट्ट, केवतिया पुरेक्खडा ?, कस्सई अत्थि कस्सई नत्थि, जस्स अस्थि अट्ट, एगमेगस्स णं भंते! ७३३ प्रज्ञापना, ८-१५ जहा मुनि दीपरत्नसागर Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विजयवेजयंत जयंत अपराजियदेवस्स सङ्घट्टसिद्धगदेवते केवइया दहिंदिया अतीता ? गो० णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, कस्सई अस्थि कस्सई णत्थि जस्स अस्थि अइ, एगमेगस्स णं भंते! सिद्धगदेवस्स नेरइयत्ते केवइया दहिंदिया अतीता ? गो० अनंता, केवइया बढेलगा ?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ? णत्थि एवं मणूसकजं जाव गेवेज्जगदेवते, नवरं मणूसते अतीता अनंता, केवइया बढेगा ?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, अट्ठ, विजयवेजयंतजयंतअपराजितदेवत्ते अतीता कस्सति अस्थि कस्सई नत्थि, जस्स अन्थि अट्ठ, केवइया बलगा ?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, णत्थि एगमेगस्स णं भंते! सबसिद्धदेवस्स सङ्घट्टसिद्धगदेवते केवइया दबिंदिया अतीता ? गो० णस्थि, केवइया बडगा, अट्ट, केवइया पुरेक्खडा ?, गत्थि, नेरइयाणं भंते! नेरइयत्ते केवलिता दबिंदिया अतीता ? गो० ! अनंता, केवइया बढेलगा?, असंखेजा, केवइया पुरेक्खडा, अनंता, नेरइयाणं भंते असुरकुमारने केवइया दर्शिदिया अतीता?, गो०! अनंता, केवइया बदेलगा?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा, अनंता एवं जाव गेवेजगदेवते, नेरइयाणं भंते विजयवेजयंत जयंत अपराजितदेवने केवइया दर्शिदिया अतीता १, नत्थि, केवइया बढेगा ?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, असंखिजा, एवं सङ्घट्टसिदगदेवतेवि, एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं सङ्घट्टसिद्धगदेवते भाणियां नवरं वणस्सइकाइयाणं विजयवेजयंतजयंत अपराजितदेवत्ते सङ्घट्टसिद्धगदेवते य पुरेक्खडा अनंता, सधेसि मणूससङ्घट्टसिद्धगवज्जाणं सद्वाणे बदेलगा असंखेजा परद्वाणे बदेडगा णत्थि वणस्सइकाइयाणं बढेगा अनंता, मणूसाणं नेरइयत्ते अतीता अनंता, बदेलगा णत्थि, पुरेक्खडा अनंता, एवं जाव गेवेजगदेवते, नवरं सट्टा अनीता अनंता, बदलगा सिय संखेजा सिय असंखेजा, पुरेक्खडा अनंता, मणूसाणं भंते विजयवेजयंतजयंत अपराजितदेवत्ते केवइया दर्शिदिया अतीता ?, संखेज्जा, केवइया बदेगा ? णत्थि केवइया पुरेकखडा ?, सिय संखेजा सिय असंखेजा, एवं सङ्घसिदगदेवत्तेवि, वाणमंतरजोइसियदेवाणं जहा नेरइयाणं, सोहम्मदेवाणं एवं चैव नवरं विजयवेजयंत जयंत अपराजियदेवत्ते अतीता असंखेज्जा, बदेगा णत्थि पुरेक्खडा असंखेजा, सङ्घद्धसिद्धगदेवत्ते अतीवा णत्थि बदलगा णत्थि पुरेक्खडा असंखेजा, एवं जाव गेवेज्जगदेवाणं, विजयवेजयंत जयंत अपरा जितदेवाणं भंते! नेरइयत्ते केवइया दर्शिदिया अतीता १, गो०! अर्णता, केवइया बदेलगा ?, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, णत्थि एवं जाव जोइसियत्तेषि, नवरं मणूसते अनीता अ ता, केवइया बदेगा?, णत्थि पुरेक्खडा असंखिजा, एवं जाव गेवेजगदेवते सट्टा अतीता असंलेजा, केवइया बढेलगा ?, असंखिया, केवइया पुरेक्खडा ?, असंखेज्जा, सङ्घट्टसिद्धगदेवते अतीता नत्थि, बदेउगा नत्थि, पुरेक्खडा असंखेजा, सङ्घट्टसिद्धगदेवाणं भंते! नेरइयत्ते केवतिया दहिंदिया अतीता ?, गो०! अनंता, केवतिया बदेगा ?, नन्थि, केवतिया पुरेक्खडा १, णत्थि एवं मणूसवज्जं जाव गेवेजगदेवते, मणूसत्ते अतीता अनंता, बदेलगा नस्थि, पुरेक्खडा संखेजा, बिजयवेजयंतजयंत अपराजितदेवते केवइया दत्रिंदिया अतीता ?, संखेज्जा, केवइया बद्धे ०१, णत्थि केवइया पुरेक्खडा ?, णत्थि सङ्घट्टसिद्ध गदेवाणं भंते! सव्वसिदगदेवते केवइया दब्विंदिया अनीता ?, णत्थि केवइया बढे ? संखिज्जा, केवइया पुरेक्खडा ?, णत्थि दारं कति णं भंते भाविंदिया पं०१, गो० पंच भाविंदिया पं० तं०- सोनिंदिए जाव फासिंदिए. नेरइयाणं भंते! कति भाविंदिया पं० १. गो० ! पंच भाविंदिया पं० नं०. सोलिंदिते जाय फासिंदिने एवं जस्स जड़ इंदिया तस्स तइ भाणितव्वा, जाव वैमाणियाणं, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स केवइया भाविंदिया अतीता ? गो० अनंता, केवइया बढेगा?, पंच, केवइया पुरेक्खडा १, पंच वा दस वा एकारस वा संखेजा वा असंखेजा वा अर्णता वा एवं असुरकुमारस्सवि नवरं पुरेक्खडा पंच वा छ वा संखेजा वा असंखेजा वा अनंता वा, एवं जाव धणियकुमारस्सवि एवं पुढचीकाइयआउकाइयवणस्सइकाइयस्सवि बेईदियतेइंदियचडरिंदियस्सवि, तेउकाइयवा उकाइयस्सवि एवं चैव नवरं पुरेक्खडा छ वा सत्त वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा, पंबिंदियतिरिक्सजोणियस्स जाव ईसाणस्स जहा असुरकुमारस्स नंबरं मणूसम्स पुरेक्खडा कस्सई अत्थि कस्सई नन्थित्ति भाणियां, सर्णकुमार जाव गेवेजगस्स जहा नेरइयस्स, विजयवैजयंतजयंतअपराजितदेवस्स अतीता अनंता, बढेगा पंच, पुरेक्सडा पंच वा दस वा पण्णरस वा संखेजा था, ससिद्धगदेवस्स अतीता अनंता, बदेलगा पंच, केवइया पुरेक्खडा १, पंच दारं नेरइयाणं भंते! केवइया भाविंदिया अतीता, गो० अनंता, केवइया बदेलगा, असंखेजा, केवइया पुरेक्खडा, अनंता, एवं जहा दत्रिंदिएस पोहत्तेणं दंडतो भणितो तहा भाविंदिएमुवि पोहणं दंडतो भाणियो नवरं वणस्सइकाइयाणं बजेगा अनंता, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया भाविंदिया अतीता ? गो० अनंता, केवइया बदेलगा?, पंच, पुरेक्खडा कस्सवि अस्थि कस्सवि नत्थि जस्स अस्थि पंथ वा दस वा पंनरस वा संखेजा वा असंखेजा वा अनंता वा एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं नवरं बदेडगा नत्थि, पुढवीकाइयत्ते जाव बेइंदियत्ते जहा दबिंदिया, तेइंदियते तहेव नवरं पुरेक्खडा तिष्णि वा छवा णव वा संखेजा वा असंखेजा वा अनंता वा एवं चउरिंदियत्तेषि नवरं पुरेक्खडा चत्तारि वा अट्ठ वा बारस वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अनंता वा एवं एए चैव गमा चत्तारि ७३४ मज्ञापना, पद- १५ मुनि दीपरत्नसागर %%* Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाणेतवा जे चेव दकिंदिएसु णवरं तइयगमे जाणितमा जस्स जइ इंदिया ते पुरेक्खडेसु मुणेतवा, चउत्थगमे जहेब दबिंदिया जाव सबढसिद्धगदेवाणं सबट्टसिद्धगदेवने केवनिया भाबिंदिया अतीता?.नस्थि, बद्धलगा १, संखिजा, पुरेक्खडा?,णत्थिा२०१० उ०२ इंदियपयं १५। कतिविहे ण मंते !पओगे पं०१, गो०! पण्णरसविहे पओगे पं० सं०-सचमणप्पओगे अस. च०सचामोस० असञ्चामोसमणप्पओगे, एवं वइप्पओगेविचउहा, ओरालियसरीरकायप्पओगे ओरालियमीससरी बेउविय वेठपियमी. आहारक आहारगमीस (तेया)कम्मासरी. रकायप्पओगे।२०२। जीवाणं भंते ! कतिविधे पओगे 4०१, गो०! पण्णरसक्थेि पं० तं०- सचमणप्पओगे जाव कम्मासरीरकायप्पओगे, नेरइयाणं भंते ! कतिविधे पओगे पं.?, गो! एक्कारसविधे पओगे पं० सं०-सच्चमण जाव असच्चामोसवय० वेउधियसरीर बेउधियमीससरीर० (तया)कम्मासरीरकायप्पओगे, एवं असुरकुमाराणवि जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गोविबिहे पओगे पं० २० ओरालियसरीर० ओरालियमीससरी० कम्मासरीरकायप्पओगे य, एवं जाच पणस्सई णवर वाउकाइयाणं पंचविहे पत्रओगे पं० तं० ओरालिय० ओरालियमीस. केउथिए दुविधे कम्मासरीरकायप्पओगे य, बेईदियाणं पुच्छा, गो०! चउबिहे पओगे पं० त०. असचामोसवइ० ओरालियसरीर ओरालियमीस सरीर० कम्मासरीरकायप्प०, एवं जाव चउरिदियाणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो! तेरसविधे पओगे पं० २०. सचमण मोसमण सचामोस. असचामोसमण एवं वइप्पओगेवि ओरालियसरीर० ओरालियमीससरीर० वेउपिय० वेउवियमीससरीर० कम्मासरीरकायप्पओगे, मणूसार्ण पुच्छा, गो०! पण्णरसविधे पओगे पं०२०-सच्चमणप. जाव कम्मासरीरकायप्प०,वाणमंतरजोइसियवेमाणियाण जहानेरहयाण।२०३१ जीवाणं भंते! किं सचमणप्पओगी जाय किं कम्मा०गी?,गो०! जीवा सविताव होज सचमणप्पओगीषि जाव बेउधियमीससरीस्कायप्पओगीचि कम्मासरीरकायप्पओगीवि १३, अहवेगे आहारगी अहवेगे आहार०पओगिणो अहवेगे आहारगमीस०पओगी अहवेगे आहारगमीणो चउभंगो, अहवेगे आहारगी य आहारगमीस ओगी य अहवेगे आहारग०पओगी य आहारगमीसापजोगिणो य अहवेगे य आहारग गिणो य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे आहारग.. गिणो य आहारगमीसा०गिणो य एए जीवाणं अट्ठ, नेरइया णं भंते ! किं सचमणप्पओगी जाव किं कम्म ओगी?, नेरइया सवेवि ताव होजा सचमणप्पओगीवि जाब वेउत्रियमीसागीवि अहवेगे य कम्म०ओगी य अहवेगे य कम्मा० ओगिणो य, एवं असुरकुमारावि जाव यणियकुमाराणं, पुढवीकाइया णं भंते ! किं ओरालिय ओगी ओरालियमीसा ओगी कम्मा० ओगी?, गो०! पुढवीकाइया ओरालि० ओरालियमीस० कम्मा ओगीवि, एवं जाव वणप्फडकाया णवरं वाउकाइया वेउविय० वेउश्चियमीस० ओगीवि, बेईदिया णं भंते कि ओरालिय०ओगी जाव कम्मा० ओगी?, गो०! बेइंदिया सबेवि ताव होजा असबमोसवइप्पजोगीवि ओरालियप्पओगीवि ओरालियमीसप्पओगीवि अहवेगे य कम्मा प्योगीवि अहवेगे य कम्मा०पजोगिणो य, एवं जाव चाउरिदियावि, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया नवरं ओरालियप्पओगीवि ओरालियमीसा अहवेगे य कम्मास य अहवेगे य कम्मास०गिणो य, मणूसा र्ण भंते ! किं सचमणप्पओगी जाय किं कम्मास०१, गो०! मणूसा सवेवि ताव होजा सचमणप्पओगीवि जाब ओरालियः वेउविय बेउधियमीस य अहवेगे य ओरालियमीसा० य अहवेगे ओरालियमीसा गिणोय अहवेगे आहारगगीय अहवेगे आहारगाणो य अहवेगे आहारगमीसागीय अहवेगे आहारगमीसा ओगिणो य अहवेगे कम्मग ओगी य अहवेगे य कम्मग ओगिणो य एते अट्ठ भंगा पत्तेय, अहवेगे य ओरालियमीस ओगीय आहारग ओगीय अहवेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारगः ओगिणो य अहवेगे ओरालियमीसा ओगिणो य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा ओगिणो य आहारग ओगिणो य, एवं एते चत्तारि भंगा, अहवेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारगमीसा ओगीय अहवेगे य ओरालियमीसा ओगी य आहारगमीसा ओगिणो य अहवेगे ओरालियमीसा ओगिणो य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा०. ओगिणो य आहारगमीसा ओगिणो य चत्तारि भंगा, अहवेगे ओरालियमीसा ओगी य कम्मास ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा ओगी य कम्मास ओगिणो य अहवेगे ओरा. लियमीसा ओगिणो य कम्मा ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा ओगिणो य कम्मा ओगिणो य, एते चत्तारि मंगा, अहवेगे आहारगओगी य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे आहारग० ओगी य आहारगमीसा ओगिणो य अहवेगे आहारग ओगिणो य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे आहारग ओगिणो य आहारगमीसा ओगिणो य चत्नारि भंगा. अह. वेगे आहारग ओगी य कम्मग ओगी य अहवेगे आहारग० ओगी य कम्मा ओगिणो य अहवेगे आहारग ओगिणो य कम्मा० ओगी य अहवेगे आहारग ओगिणो य कम्मा ओ. गिणो य चउरो भंगा, आहवेगे आहारगमीसा ओगी य कम्मग ओगी ये आहारगमीसा य कम्मा० ओगिणो य अहवेगे य आहारगमीसा ओगिणो य कम्मा ओगी य अहवेगे आहारगमीसा ओगिणो य कम्मग० ओगिणो य चउरो भंगा, एवं चउग्रीसं भंगा, अहवेगे ओरालियमीसग ओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे ७३५ मज्ञापना, ६-१७ मुनि दीपरवसागर Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 6 २ O ओरालियमीसग० ओगी य आहारग० ओगी य आहारगमीसा ओगिणो य अहवेगे ओरालियमीसग० ओगी य आहारग० ओगिणी य आहारगमीसा ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा० ओगी य आहारग० ओगिणो य आहारगमीसा० ओगिणो य अहवेगे य ओरालियमीसा० ओगिणो य आहारग० ओगी य आहारगमीसागी य अहवेगे ओरालियमीसा गिणो य आहारगगीय आहारगमीसा०गिणो य अहवेंगे ओरालिगमीसा० गिणो य आहारगः ओगिणो य आहारगमीसा० जगी य अवेगे य ओरालियमीसा गिणो य आहारगः गिणो य आहारगमीसा० गिणो य एते अड भंगा, अहवेंगे ओरालियमीसा ओगी य आहारग० ओगी य कम्मा० ओगी य अवेगे ओरालियमीसा-ओगी य आहारग० ओगी य कम्मग गिणो य अहवेगे ओरालियमीसा ०ओगी य आहारग० गिणो य कम्मरा० ओगी य अहयेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारग• ओगिणो य कम्मग० गिणी य अहवेगे ओरालियमीसा गिणो य आहारग ओगी य कम्मग० ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा गिणो य आहारग०ओगी य कम्मग० गिणो य अहवेंगे ओरालियमीसा गिणी य आहारगः गिणो य कम्मग० ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा०गिणी य आहारग० गिणो य कम्म० गिणो य अहवेगे य ओरालियमीसा० ओगी य आहारगमीसा ओगी य कम्मग० ओगी य अवेंगे ओरालियमीसाओगी य आहारगमीसा ओगी य कम्मग० गिणी य अहवेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारगमीसा गिणो य कम्मग० ओगी य अहयेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारगमीसा :गिणो य कम्मगः गिणी य अहयेंगे ओरालियमीसा०गिणो य आहारगमीसा० ओगी य कम्मग० गिणी य अहयेंगे ओरालियमीसा गिणो य आहारगमीसा ओगी य कम्मग-ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा गिणो य आहारगगिणो य कम्मग० ओगी य अहयेंगे ओरालियमीसा गिणो य आहारगमीसा गिणो य कम्मगः गिणो य अहवेगे आहारगःओगी य आहारगमीसा ओगी य कम्मा० ओगी य अहवेगे आहारग० ओगी य आहारगमीसा० ओगी य कम्मा० गिणो य अहवेगे आहारग० ओगी य आहारगमीसा ओगिणो य कम्मा० ओगी य अहवेगे आहारग० ओगी य आहारगमीसा गिणी य कम्मा गिणो य अहवेगे आहारग० गिणो य आहारगमीसा ओगी य कम्मा० ओगी य अहवेगे आहारगः गिणो य आहारग मीसा ओगी य कम्मग० गिणो य अहवेगे आहारगगिणो य आहारगमीसा०गिणो य कम्मा० ओगी य अहयेगे आहारग० गिणो य आहारगमीसा०गिणी य कम्मः गिणो य एवं एए नियासंजोएणं चत्तारि अट्ठ भंगा, सध्येवि मिलिता बत्तीसं भंगा जाणितवा, अहवेंगे ओरालियमिस्ता० ओगी य आहारगओगी य आहारगमीसा ओगी य कम्मा० ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा० ओगी य आहारग० ओगी य आहारगमीसा ओगी य कम्मा०गिणो य अहयेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारग० ओगी य आहारगमीसा गिणो य क म्मा० ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारग० ओगी य आहारगमीसा०गिणो य कम्मा० ओगिणो य अहयेगे ओरालियमीसा० ओगी य आहारगः गिणो य आहारगमीसाओगी य कम्मा० ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा ओगी व आहारग० ओगिणो य आहारगमीसा ओगी य कम्मा०गिणो य अहवेंगे ओरालियमीसा ओगी य आहारग० गिणो य आहारगमीसा गिणो य कम्मा० ओगी य अहयेगे ओरालियमीसा ओगी य आहारगः गिणो य आहारगमीसा०गिणो य कम्माः गिणो य अहयेंगे ओरालियमीसा गिणो य आहा रंग ओगी य आहारगमीसा० ओगी य कम्मा० ओगी य अहवेगे ओरालियमीसा गिणो य आहारग० ओगी य आहारगमीसा ओगी य कम्मा० गिणो य अहवेगे ओरालियमीसा:गिणो य आहारग ओगी य आहारगमीसा गिनो य कम्माः ओगी य अहयेंगे ओरालियमीसा गिणो य आहारग० ओगी य आहारगमीसा०गिणो य कम्मा०गिणी य अवेंगे औरालियमीसा गिणी य आहारगगिणो य आहारगमीसा ओगी य कम्मा० ओगी य अहवेंगे ओरालियमीसा-गिणो य आहारग गिणो य आहारगमीसा ओगी य कम्मा० गिणी य अहगे ओरालियमीसा० गिणां य आहारग० गिणो य आहारगमीसा गिणो य कम्मा० ओगी य अवेंगे ओरालियमीसासरीरकायप्यओगिणी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आ हारगमी सासरीरकाय प्पओगिणी य कम्मासरीरकायाप्पओगिणो य एवं एते चउसंजोएणं सोलस भंगा भवति, सप्तेऽवि य णं संपिंडिया असीती भंगा भवति वाणमंतरजोइसवेमागिया जहा असुरकुमारा । २०४ | कडविहे णं भंते! गप्पवाए पं० १. गो० पंचविहे गडप्पवाए पं० तं० पञगगती ततः बंधणच्छेदण उबवाय विहायगती. से किं तं पओगगती १.२ पण्णरसविहा पं० नं० सममणप्पओगगती एवं जहा पओगो भणितो नहा एसावि भाणितवा जाव कम्मगसरीरका यप्पओगगती, जीवाणं भंते! कतिविहा पञगगती पं० १. गो०! पण्णरसविहा पं० नं०- सचमणप्पओगगनी जाब कम्मगसरीरकायप्पओगगती, नेरइयाणं भंते! कावेहा पओगगती पं० १. गो० एकारसविहा पं० तं सचमणप्पओगगती एवं उवउखिऊण जस्स जतिविहा नस्स नतिविहा भाणितष्ठा जाव बेमाणियाणं, जीवाणं भंते! सचमणप्पओगगती जाव कम्मगसरीरकायप्पओगगती ?, गो० जीवा सद्वेषि ताव होज सचमण ओगगतीवि एवं तं चैव पुत्रवण्णितं भाणित भंगा तहेब जाय वैमाणियाणं, से नं पओगगती से किं तं तनगती १, २ जेणं जं गामं वा जाव सण्णिवेसं वा संपडिते असंपत्ते अंतरापहे बहुति से नं ननगती से किं तं बंधणच्छेदणमती १, २ जीवो वा सरीराओ सरीरं वा जीवाओ से तं बंधणच्छेदणगती से किं तं उबवायगती १ २ तिविहा पं० तं खेोवागती (१८४) 2. ७३६ प्रज्ञापना, यद- 25 मुनि दीपरत्नसागर Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भवोववायगती नोभवोषवायगती, से किं तं खेसोववायगती?.२पंचविहा पं० त०- नेरइयखेत्तोववायगती तिरिक्खजोणियः मणूस देव सिइखेनोबवायगनी, से कि तं नरइयखे. तोयवायगती?,२ सत्तविहा पं० त०-स्यणप्पभापुढवी जाव अधेसत्तमापुढवीनेरइयखेत्तोबवायगती, से तं नेरइयखेतोववायगती, से किंतं निरिक्ख जोणियखेनोववायगनी ?.२पंचविहा पं०-एगिदियतिरिक्ख० जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियखेत्तोववायगती, से तं तिरिक्खजोणियखेत्तोववायगती, से कि तं मणूसखेतोववायगनी'.२ दुविहा पं० नं. समुच्छिम मणूस० गम्भवतियमणूसखेत्तोवबायगती, से ते मणूसखेत्तोववायगती, से कि तं देवखेतोववायगती ?,२चउविहा पं० त०-भवणवति जाव वेमाणियदेवखेनोववायगनी, सेनं देवखेनोववायगती, से किं तं सिद्धखेत्तोववायगती?,२ अणेगविहा पं० तं जंबुहीवे दीवे भरहेरखयवासे सपक्खिसपडिदिसि सिद्धखेलो० चुहिमवंतसिहरिवासहरपञ्चतसपक्खिस०सिद्ध - सेतो जंबुद्दीवे दीवे हेमवतहेरण्णवाससपक्खि सिदखेतोय. जंबुद्दीवे दीवे सदावइवियडावइवट्टवेयड्ढसपक्खिस सिद्धखेतोव जंबुद्दीवे दीवे महाहिमवंतरुप्पिवासहरपवतसपक्खिससिबखत्तो जंबुट्टी दीवे हरिबासरम्मगवाससपक्खिससिद्धखे जंबुद्दीचे दीये गंधावातिमालवंतपवयवट्टवेयड्ढसपक्खिससिद्ध जंबुद्दीवे दीवे णिसहणीलवंतवासहरपवतसपक्खिसक सिदखे जंबुट्टीवे दीचे पुषविदेहावरविदेहसपक्खिस सिइखे जंबुद्दीचे दीवे देवकुरु उत्तरकुरुगस सिद्ध जंबुद्दीवे दीवे मंदरपवयस्स सपक्खि सिदखे लवणे समुद्र सपक्वि सिद्ध धायइसंडे दीवे पुरस्थिमजाव पच्छिमदमंदरपवतसप सिखित्तो कालोयसमुदसप सिद्ध पुक्खरवरदीवद्धपुरस्थिमदभरहेखयवाससप सिद्ध एवं जाव पुक्खरखरदीवदुपच्छिमदमदरपातसपक्खिसपडिदिसि सिदखेत्तोववायगती, से तं सिद्धखेत्तोक्वायगती, से कि तं भवोववायगती?.२ चउचिहा पं० २०- नेरइय० जाव देवभवोववायगनी, से कि त नेरइय?. २सनविहा पं० त०-एवं सिद्धवजो भेदो भाणितवो जो चेव खेत्तोववायगतीए सो चेब, से तं देवभवोववायगती, से तं भवोववायगती, से किं नं नोभवोबवायगनी ?.२ दुविहा पं० तं.-पोग्गलणोभवोववायगती सिद्धनोभवोववायगती य, से किं तं पोग्गलनोभवोववायगती,२जण्णं परमाणुपोग्गले लोगस्स पुरस्थिमिडाओ घरमंताओ पचस्थिमिाई चरमंतं एगसमएणं गच्छति पञ्चस्थिमिल्लाओ वा चरमंताओ पुरस्थिमिडं चरमंतं एगसमएणं गच्छति दाहिणिड्डाओ वा चरमंताओ उत्तरिई चरमंतं एगसमएणं गच्छति एवं उत्तरिडाओ दाहिणिलं उवरिडातो हेद्विर्ड हिडिलाओ उपरिवं, से तं पोग्गलणोभवोववायगती, से किं तं सिद्धणोभवोव०?,२ दुविहा पं० त०- अणंतरसिदणो परंपरसिद्धणोभवो य, से कितं अर्णतरसिद्धणोभवो?.२ पण्णरसविहा पं०२०-तित्थसिद्धअणंतरसिद्धणोभवो य जाव अणेगसिद्धणोभवो य, से किं तं परंपरसिद्धणोभवोवबायगती?.२ अणेगविहा पंत अपढमसम: यसिद्धणोभयोववायगती एवं दुसमयसिद्धणोभवोववायगती जाव अर्णतसमयसिद्धणोमवोववायगती.से तं सिद्धणोभवोचवायगती. से नं णोभाववायगती. स तं उबवायगती, से कित जमाण अणवसंपज्जमाण पोग्गल मंड्या णावा नयछाया० छायाणवात लेसा लेसाणुवात उहिस्सपविभत्तः चउपुरिसपबिभत्त, बंकगती पंक बंधणविमोयणगती, से किं तं फुसमाणगती?,२ जण्णं परमाणुपोग्गले दुपएसिए जाव अणं परमाणुस्स जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं अण्णमण्णं फुसंताणं गती पवत्तइ. सेत्तं फुसमाणगती, से किं तं अफुसमाणगती ?,२ जण्णं एतेसि चेव अफुसंताणं गती पवत्तति, से तं अफुसमाणगती, से किं ते उपसं. पजमाणगती ?,२ जण्णं रायं वा जुवरायं वा ईसरं वा तलवरं वा माडंबितं वा कुटुंबितं वा इन्भं वा सिद्धिं वा सेणावति वा सस्थवाह वा उपसंपन्जित्ताणं गच्छति, से ते उपसंपज्जमाणकागती, से किंनं अणुवसंपजमाणगनी?.२ जणं एतेसिं चेय अण्णमण्णं अणुवसंपजित्ताणं गच्छति. सेनं अणुवसंपन्जमाणगती. से किं तं पोग्गलगती?.२ णं परमाणुपोमालार्ण जाव अणंनपएसियाणं खंधार्ण गती पवत्तति, से तं पोग्गलगनी, से किं तं मंडुयगती?.२ जपणं मंडओ फिडिना गच्छति. से नं मंडुयगती. से किं तं णावागती?, जणं णाचा पुचये - तालीओ दाहिणचेयानि जलपहेणं गच्छति दाहिणवेतालिओ वा अवरवेतालिं जलपहेणं गच्छति, से तं णावागती.से कि तं णयगती १.२ जण्णं णेगमसंगहववहारउजुसुयसदसमभिरूढएवंभूयाणं नयाणं जा गती अहवा सवणयावि जं इच्छंति, से तं नयगती, से किं तं छायागती ?,२जंण हयच्छार्य गय वा नर वा किण्णर या महोरग० वा गंधव वा उसह. बारह वा छनच्छायं वा उपसंपजिनाणं गच्छति, से नं छायागती,से किं तं छायाणुवायगती?,२ जणं पुरिसं छाया अणुगच्छति नो पुरिसे छायं अणुगच्छति, से तं छायाअणुवा गती.२ जणं किण्हलेसानीललेसं पप्प तारुबत्ताएतावण्णत्ताए नागंधत्ताए तारसत्ताए नाफासनाए भुजो२परिणमति एवं नीललेसा काउलेसं पाप तारूवत्ताए परिणमति.एवं काउलेसावि नेउलेसं तेउलेसावि पम्हलेसं पम्हळेसाविसकलेस पप्प तारुवनाने जाव परिणमति.सेतलेसागती.से कि तलेसाणवायगती?.२ जलेसाई दवाई परियाइत्ता कालं करेइ नाड़ेसेसु उववजनि, नं-किण्हलेसेसु वा जाव मुक्कलेसेसु वा, से तं लेसाणुवायगनी, से किं तं उहिस्सपविभत्तगती ?.२ जणं आयरियं वा उवज्झायं ७३७ प्रज्ञापना, पद-15 मुनि दीपरत्नसागर Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वा थेरं वा पत्तिं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छेदं वा उदिसिय २ गच्छति, से तं उदिस्सियपविभत्तगती, से किं तं चउपुरिसपविभत्तगती ?.२ से जहानामए चनारि पुरिसा समर्ग पजुवट्ठिया समगं पट्ठिता समगं पजुवट्ठिया विसमगं पट्ठिया विसमं पजुवट्ठिया विसमं पट्ठिया विसमं पजुवट्ठिया समगं पट्ठिया, से तं चउपुरिसपविभत्तगती, से किं तं बंकगती?,२ चउचिहा पं० त०-घट्टनया भणया लेसणया पवडणया, से तं वंकगती, से किं पंकगती ?,२ से जहाणामते केइ पुरिसे पंकसि वा उदयंसि वा कार्य उविहिया गच्छति, से नं पंकगती, से किं तं बंधणविमोयणगती?,२ जणं अंबाण वा अंबाडगाण वा माउलिंगाण वा बिल्डाण वा कविट्ठाण वा (प्र० भवाण वा)फणसाण वा दालिमाण वा पारेवताण वा अक्खोलाण वा चाराण वा बोराण वा विंडुयाण वा पक्काण परियागयाणं बंधणातो विप्पमुकाणं निवाघातेणं अधे वीससाए गती पवत्तइ, से तं बंधणविमोयणगती, से तं विहायोगती।२०५॥ पओगपदं १६॥ 'आहार समसरीरा उस्सासे कम्म्मवालेसासु। समवेदण समकिरिया समाउया चेव बोदवा ॥२०९॥णेरइया णं भंते ! सो समाहारा सो समसरीरा सो समुस्सासनि. स्सासा ?, गो०! णो इणट्टे समडे, से केणट्टेणं मत! एवं बुचाइ-नेरहया नो सब्वे समाहारा जाव णो सब्बे समुस्सासनिस्सासा ?, गो० णेरड्या दुविहा पं० २०-महासरीरा य अप्पसशरीरा य, तत्य जे जे ते महासरीरा ते णं बहुतराए पोग्गले आहारैति बहुतराए पोग्गले परिणामेंति बहुतराए पोग्गले उस्ससंति बहुतराए पोग्गले नीससंति अभिक्खणं आहारैति अभि० परिणामेंति अभि० ऊससंति अभि० नीससंति, तत्थ णं जे ते अप्पसरीरा ते णं अप्पतराए पो० आहा. अप्प० पो० परि० अप्प० पो० ऊससंति अप्प० पो० नीससंति आहब आहारति आहाच परिणामेंति आहच ऊससंति आहच्च नीससंति, से एएणतुणं गो० एवं वुचइ-नेरइया नो सवे समाहारा नो सवे समसरीरा णो सवे समुस्सासनिस्सासा ।२०६। नेरइया णं भंते ! सके समकम्मा?, गो० नो इणढे समढे, से केणडेणं भंते! एवं बुच्चइ-नेरइया नो सवे समकम्मा?, गो० नेरइया दुविहा पं०२०-पुत्रोववनगा य पच्छोववनगा य, तत्य णं जे ते पुब्बो ववनगा ते णं अप्पकम्मतरामा तत्थ णं जे ते पच्छोववनगा ते णं महाकम्मतरागा, से तेणटेणं गो एवं बुचइ-नेरइया णो सके समकम्मा, नेरइया णं भंते ! सो समवन्ना?, गोणो 1 इणढे समढे, से केण₹र्ण भंते! नेरइया नो समवन्ना?, गोणेरड्या दुविहा पं० त०-पुवांववनगा नो समवन्ना?. गोणेरड्या विहा पं००-पुव्योववनगा य पच्छोववनगा य, तत्थ ण जे ते पुब्बोववनगा ते णं विमुदवनतरागा तत्थ णं जे ते पच्छोकवनगा ते णं अविसुद्धवनतरागा, से एएणडेणं गो०! एवं बुचइ-नेरइया नो सब्वे समबन्ना, एवं जहेब बनेण भणिया तहेव लेसासु विसुद्धलेसतरागा अविसुद्धलेसतरागा य भाणियव्या, नेरइया णं भंते ! सव्वे समवेदणा ?, गो० नो इणढे समढे, से केण एवं बुञ्चति-नेरइया णो सव्वे समवेयणा?, गो! नेरइया दुविहा पं० त०-सन्निभूया य असन्निभूया य, तत्थ णं जे ते सचिभूता ते णं महावेदणतरागा, तत्थ णं जे ते असन्निभूता ते णं अप्पवेदणतरागा, से तेणडेणं गो०! एवं बुधइ-नेरइया नो सब्चे समवेयणा । २०७। णेरइया णं भंते! सो समकिरिया ?, गो० नो इणढे समढे, से केणटेणं भंते! एवं वुचइ-नेरइया णो सवे समकिरिया ?, गोनेरड्या तिबिहा पं० त०-सम्मदिट्टी य मिच्छादिट्टी य सम्मामिच्छादिट्ठी य, तत्थ णं जे ते सम्मदिट्टी तेसिं णं चत्तारि किरियाओ कजति तं० आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया अपमक्खाणकिरिया, तस्थणं जे मिच्छादिट्ठीजेयसम्मामिच्छादिट्टी तेसिंणं नियताओपञ्च किरियाओकजति तं०-आरंभिया जाब मिच्छादसणवत्तिया.से नेणट्टेणं गो एवं वुचद-नेरहया नो सब्वे समकिरिया, नेरइया णं भंते ! सब्बे समाउआ समो०१.गोणो इणढे समढे, से केण?णं भंते ! एवं वुचइ०१, गो० नेरडया चउग्विहा पं०२०- अत्थेगनिया समाउआ समोववनगा अत्ये समाउया विसमो अस्थेविसमाउया समोच. अत्येक विसमाउया विसमोववनगा, से तेणटेणं गो! एवं बुचइ- नेरइया नो सब्वे समाउया नो सब्वे समोववन्नगा। २०८। असुरकुमारा णं भंते ! सवे समाहारा एवं सव्वेसिं पुन्छा ?, गो! नो इणद्वे समहे.से केणदृर्ण भंते! एवं वचइ-जहा नेरइया. असुरकुमारा णं भने। सब्य समकम्मा?.गाणाहणट्टसमस कण एव बुचड०१.गाअसुरकुमारा दाबहा परतपुब्बोववनगा य पच्छोववनगा य, नस्थ णं जे ने पुब्बोनेणं महाकम्म नन्थ णं जे ने पच्छोयवनगा ते णं अप्पक०, से नेणद्वेणं गो०! एवं बुचनि- असुरकुमारा णो सब्वे समकम्मा, एवं वनलेस्साए पुच्छा. नन्थ णं जे ने पुख्योववनगा नेणं अविसुद्यन्नतरागा पच्छो विसु०.से नेण?णं गो एवं वुच्चइ असुरकुमाराणं सवेणो समवन्ना, एवं लेस्साएवि. वेयणाए जहा नेरइया अवसेसं जहा नेरइयाणं, एवं जाव थणियकुमारा ।२०५४ पुढवीकाइया आहारकम्मवन्नलेस्साहि जहा नेरइया, पुढवीकाइया सब्बे समवेयणा पं०१.हंता गो सब्वे समबेदणा, से केणटेणं ०१. मोक पुढवीकाइया सव्ये असन्नी असन्निभूयं अणिययं वेयर्ण वेयन्ति. से तेणतुणं गो० पुढवीकाइया सवे समवेदणा. पुढवीकाइया णं भंते! सो समकिरिया ?.हंना गो! पढ़वीकाइया सो समकिरिया. से केणद्रेणं, गो पढवीकाइया सधे माइमिच्छादिट्ठी नेसि णियडयाओ पंच किरियाओं कजति नं: आरंभिया जाव मिच्छादसणनिया य, से णं गो एवं०. जाव चरिदिया. पंचेंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरडया नचरं किरियाहिं सम्मट्टिी मिच्छादिही सम्मामिच्छादिद्वी. नत्थर्ण जे ने सम्मदिट्ठी ने दुविहा पं० नं०. ७३८ प्रज्ञापना, पद-०११ मुनि दीपरतसागर Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असंजता य संजयासंजता य, तत्थ जे ते संजयासंजया तेसिं णं तिषि किरियाओकजंतितं० आर० परि०माया०, तत्वण जेते असंजता तेसि चत्तारि किरियाओ कर्जति त.. आरं० परि० माया अपच०, तत्य णजे ते मिच्छाविट्ठी जे य सम्मामिच्छाविट्ठी तेसिं गं णियइयाओ पंच किरियाओ कजति त०-आरंमिया परि०माया अपच मिच्छा०,सेस त चेव ।२१०। मणुस्सा णं भंते ! सवे समाहारा०१, गो०! णो इणद्वे समढे,से केण०१, गो०! मणुस्सा दुविहा पं० २०.महासरीरा य अप्पसरीरा य, तत्य जे ते महासरीरा ते गं बहुतराए पोग्गले आहारैति जाव बहुतराए पोग्गले नीससंति आहब आहारेंति आहच नीससंति, तत्य णं जे ते अप्पसरीरा ते णं अप्पतराए पोग्गले आहारेंति जाव अप्पतराए पोग्गले नीससंति अभिस्वणं आहारति जाव अभिक्खणं नीससंति, से तेणद्वेणं गो० एवं बुचति-मणुस्सा सवे णो समाहारा, सेर्स जहा नेरइयाणं नवरं किरियाहिं मणूसा तिविहा पं० त०-सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी, तस्य जे ते सम्मदिट्ठी ते विविहा पं० त०-संयता असंयता संयतासंयता, तत्य ण जे ते संयता ते दुविहा पं० २०-सरागसंयता य बीयरागसंयता य, तत्थ णं जे ते वीयरागसंयता ते णं अकिरिया, तत्य णं जे ते सरागसंयता ते दुविहा पं००-पमत्तसंयता य अपमत्तसंयता य, तत्थ णं जे ते अपमत्तसंजया तेर्सि एगा मायाव. लिया किरिया कजति, तत्व जे ते पमत्तसंजया तेसिं दो किरियाओ कजति त०-आरंभिया य मायावत्तिया य, तत्वणं जे ते संजयासंजया तेसिं तिमि किरियाओ कजति त.. आरंभिया परिम्गहिया मायावत्तिया, तत्थर्ण जे ते असंजया तेसिं चत्तारि किरियाओ कजति त०-आरंभिया जाव अपचक्वाणकिरिया, तत्थर्ण जे ते मिच्छादिट्ठी जे य सम्मामिच्छा. दिट्ठी तेसिं नियइयाओ पंच किरियाओ कति त०-आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, सेसं जहा नेरइयाणं । २११॥ वाणमंतराणं जहा असुरकुमाराणं, एवं जोइसियवेमाणियाणवि भनवरं ते वेदणाए विहा पं०२०-माइमिच्छादिडीउववनगा य अमाइसम्मदिद्वीउववागाय, तत्य जे ते माइमिच्छादिद्रीउववनगा ते ण अप्पवेदणतरागा. तत्य सम्मदिट्ठीउववशगा ते णं महावेदणतरागा, से तेण गो! एवं वुचइ, सेसं तहेव । २१२। सलेसा णं भंते ! नेत्या सवे समाहारा समसरीरा समुस्सासनिस्सासा सबेवि पुच्छा, गो०! एवं जहा ओहियगमओ तहा सलेसागमओवि निरखसेसो भाणियन्वो जाव वेमाणिया, कण्हलेसाण भंते ! नेरहया सव्वे समाहारा० पुच्छा, गो० जहा ओहिया, नव नेत्या वेयणाए माइमिच्छादिट्ठीउववनगा य अमाइसम्मादिद्वीउववनगा य भाणिया, सेसं तहेन जहा ओहियाणं. असरकमारा जाव वाणमंतरा एते जहा ओहिया नवरं मणस्साणं किरियाहिं विसेसो जाव तत्य णं जे ते सम्मादिट्ठी त तिविहा पं० त०-संजया असंजया संजयासंजया य, जहा ओहियाणं, जोइसियवेमाणिया आइलियासु तिसु लेसासु ण पुच्छिनंति, एवं जहा कि. व्हलेसा विचारिया तहा नीललेस्सा विचारियचा, काउलेसा नेहएहितो आरम्भ जाव वाणमंतरा नवरं काउलेस्सा नेरइया वेदणाए जहा ओहिया, तेउलेसाणं भंते! असुरकुमाराण ताओ चेव पुच्छाओ, गो! जहेब ओहिया तहेव नवरं वेयणाए जहा जोइसिया, पुढवीआउवणस्सइपंचेंदियतिरिक्खमणुस्सा जहा ओहिया तहेव भाणियशा नवरं मणसा किरियाहिं जे संजता ते पमत्ता य अपमत्ता य भाणियहा सरागचीयरामा नत्थि, वाणमंतरा तेउलेसाए जहा अमुरकुमारा, एवं जोइसियवेमाणियावि सेस तं चेच, एवं पम्हलेसावि भाणियव्या नवरं जेसिं अस्थि, सुक्कलेस्सावि तहेव जेसिं अत्यि, सव्वं तहेव जहा ओहियार्ण गमओ नवरं पम्हलेसमुक्कलेस्साओ पंचेंदियतिरिक्खजोणियमणूसवेमाणियाणं चेव, न सेसाणंति ।२१३॥१७ लेस्सापए उ०१॥ करणं भंते ! लेसाओ पं०?गो०! छहलेसाओ पं० त० कष्हलेसा नील० काउ० तेउ० पम्ह मुक्कलेसा । २१४ । नेस्याणं भंते ! कइ लेसाओ पं०१, गो! तिषित-किष्ह नील काउलेसा, तिरिक्खजोणियार्ण मत! कर लेस्साओ 40?, गो! उत्तेसाओ पं०1०.कण्हलेसा जाव सुकलेसा, एगिदियाण मंत! कर लेसाओ पं.? गो० चत्तारि लेसाओ पं० २०. कण्ह जाव तेउलेसा, पुढवीकाइयाण मंते ! कर लेसाओ पं०१, गो०! एवं चेव, आउवणस्सइकाइयाणवि एवं चेव, तेउवाउवेईदियतेईदियचउरिंदियाण जहा नेरइयाण, पंचेंदियतिरिक्खजोणियार्ण छलेस्सा, संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा नेरइयाणं, गम्भवकतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो! छालेसा, तिरिक्तजोणिणीणं छालेसा एयाओ चेव, मणूसाणं छालेसा एयाओ चेव, संमुच्छिममणुस्साणं जहा नेरइयाणं, गम्भवतियमणुस्साणं छलेसाओ, मणुस्सीणं एवं चेव, देवाण छ एयाओ पेय, देवीणं पुच्छा, गोचत्तारि कण्ह जाव तेउलेस्सा, भवणवासीणं भंते! देवाणं एवं चेव, एवं भवणवासिणीणवि, वाणमंतरदेवाणं एवं चेव, वाणमंतरीणवि, जोइसियाण पुच्छा, गो०! एगा तेउलेसा, एवं जोइसिणीणचि, बेमाणियाणं पुच्छा, गो०! तिमि त० तेउ० पम्ह० सुकलेस्सा, वेमाणिणीणं पुच्छा, गो०! एगा तेउलेस्सा ।२१५। एतेसिं णं मंते ! जीवाणं सले. स्साणं कण्हलेसाणं जाव मुक्कलेस्साणं अलेस्साण य कयरे?, गो०! सबत्योचा जीवा सुक्कलेस्सा पम्ह संखे० तेउ० संखे० अलेस्सा अर्णत. काउ० अर्णतः नील. विसे० कण्ह. विसे० सलेस्सा विसेसाहिया । २१६। एएसिं णं भंते ! नेरइयार्ण कह नील० काउलेस्साण य कयरे०१, गो०! सव्वयोवा नेरइया कन्हलेसा नीललेसा असं० काउ० असंखेजगुणा ७३९ प्रज्ञापना, 43-929 मुनि दीपरत्नसागर Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ।२१७। एतेसिक भंते ! तिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं जाव सुकलेसाण य कयरे०?, गो० सव्वथोवा तिरिक्खजोणिया सुकलेसा एवं जहा ओहिया नवरं अलेसवजा, एएसि एगि. दियाणं कण्ह नील काउ० तेउलेस्साण य कयरे०?, गो०! सव्वत्थोवा एगिदिया तेउलेस्सा काउ० अर्ण नील० विसेसा० कण्हलेसा विसेसाहिया, एएसि णं भंते ! पुढवीकाइयाण कण्ह - लेसाणं जाव तेउलेस्साण य कयरे०१, गो०! जहा ओहिया एगिदिया नवरं काउलेस्सा असंखेजगुणा, एवं आउकाइयाणवि, एतेसिंण भंते ! तेउकाइयाणं कण्ह नील काउलेस्साण य कयरे०१, गो० सव्वत्थोवा तेउकाइया काउनील विसे० कण्हलेस्सा विसेसाहिया, एवं बाउकाइयाणवि, एतेसिं गं भंते ! वणस्सइकाइयाणं कण्हलेस्साण जाव तेउलेस्साण य जहा एगिदियओहियाणं, बेईदियाणं तेइंदियाणं चउरिदियाणं जहा तेउकाइयाणं, एएसिं णं भंते ! पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं एवं जाव सुकलेसाण य कयरे०?, गो० ! जहा ओहियाणं तिरिक्खजोणियाणे नवरं काउलेस्सा असंखेजगुणा, संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्स जहा तेउकाइयाणं, गम्भवतियपंचिंदियतिरिक्ख. जहा ओहियाणं, तिरिक्खजोणियाण नवरं काउलेस्सा संखेजगुणा, एवं तिरिक्खजोणिणीणवि, एएसिं णं मंते! संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्ख गन्भवतियपंचेंदियति य कण्ह जाच सुकलेसाण य कयरे०१, गो ! सबस्थोवा गम्भवतियपंचेदियतिरि० सुक० पम्ह० संखेज तेउले० संखे० काउ० संखेनील० विसेसा कण्ह विसेसा० काउ०समुच्छिमपंचेदियतिरिक्खजोणिया असंखेज. नील. विसेसाकण्ह. विसेसा०,एएसिंण भंते ! संमुच्छिम तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्ह० जाव सुकलेसाण य कयरे०?, गो०! जहेवपंचमं तहा इमं छ? भाणिय, एएसिं गं भंते ! गम्भवतिय जोणियाणं गन्मतिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाणं जाव सुकलेसाण य कयरे०१, गो० ! सचत्योवा गमवकतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुकलेसा सुक. लेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेज० पम्हलेसा गम्भ तिरिक्खजोणियासले०पम्हलेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेजातेउलेसा तिरिक्खजोणिया संसे०तेउलेसा तिरिक्खजोणिणीओ 15 सं०काउ०सं० नीलविसेसा० कण्ह० विसंसा० काउलेसाओ सं०नील०विसे० कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ.एएसिंण मते! संमच्छिमपंचेंदियतिरिक्ख० गम्भवकतियपंचें० गम्भ.. तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाण जाव सुकलेस्साण य कयरे०१, गो०! सवत्योवा गम्भ०तिरिक्खजोणिया सुकलेसा सुक्कलेसाओ संखेजगुणाओ पम्हलेसा गम्भव० संखेज० पम्हले. RI साओ तिरिक्व० संखे० तेउलेसा गम्भव०तिरिक्व० संखेज तेउलेसाओ तिरि० संखेजगुणाओ काउलेसाओ सं० नीललेसा पिसे० कण्ह. विसे०काउ०सं० नील०वि० कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, पंचिं०याण तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेस्साणं जाव सुकलेसाणं कयरे०१,गो सहयोवा पंचेंदियतिरि० सुकलेस्सा सुक्कलेसाओ संखि० पम्हलेसा सं० पम्हलेसाओ सं. सखेज तेउलेसा सं० तेउलेस्साओ संखिज० काउ० संखे० नील विसे०कण्ह विसेसा० काउ० असंखेजगुणा नीलले० विसे० कण्हले० विसेसाहियाओ, एएसिं णं भंते ! तिरितिरिक्ख जोणिणीण य कण्ह जाव सुका कयरे०१, गो०! जहेव नवर्म अप्पाबहुगं तहा इमपि नवरं काउतिरि०अर्णतगुणा,एवं एते दस अप्पाबहुगा तिरिक्खजोणियाण। २१८ा एवं मणुस्साणवि अप्पाबहुगा भाणियवा नवरं पच्छिमर्ग अप्पाबहुगं नस्थि ।२१९एएसिं गं भंते ! देवाणं कण्हलेसाण जाव सुकलेसाण यकयरे०१, गो! सवयोवा देवा सुकले० पम्ह० असं० काउले० असं० नील. विसेसा. कण्ह विसेसा० तेउ० संखेजगुणा, एएसि णं भंते ! देवीर्ण कण्ह जाव तेउलेसाण य कयरे०१, गो०! सवत्योचा देवीओ काउनील. विसे० कण्ह विसे० तेउ० संखे०, एवं एएसि णं भंते ! देवाणं देवीण य कण्ह० जाव सुक्क० कयरे०१, गो०! सबथोबा देवा सुक० पम्ह० असं० काउ० असं नील. विसे० कण्ह विसे० काउ०देवीओ संखेनील. विसे० कण्ह विसे० तेउ० देवा संखे० तेउ० देवीओ संखे०, एएर्सि र्ण भंते! भवणवासीणं देवाण कण्ह० जाव तेउलेस्साण य कयरे?, गो०! सबत्योचा भवणवासी देवा तेउ, काउलेसा असं नील. विसे० कण्ह विसेसा०,एतेसिं णं भंते ! भवणवासिणीणं देवीणं कण्ह० जाव तेउ० कतरे०?, गो०! एवं चेष, एएसिं णं भंते ! भवणवासीर्ण देवाणं देवीण य कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे०१, गो० सम्वत्थोवा भवणवासी देवा तेउ० भवणवासिणीओ तेउ० संखे० काउ०भवणवासीओ असंखे० नीलेलेसा विसे० कण्हलेसा विसे० काउलेसाभवणवासिणीओ संखेनील० विसे० कण्हलेसाओ बिसेसाहियाओ, एवं वाणमंतराणं तिन्नेव अप्पाबहुया जहेव भवणवासिणं तहेब भा०,एतेसिं गं भंते ! जोइसि. याणं देवाणं देवीण य तेउलेसाणं कयरे०१, गो० सवत्योबा जोइसिया देवा तेउ० जोइसिणीओ देवीओ तेउ० संखे०, एएसिणं भंते ! वेमाणियाणं देवाणं तेउ० पम्हलेसाणं सुकले. साण य कयरे ?, गो! सबथोवा वेमाणिया देवा सुकलेस्सा पम्ह० असं० तेउ० असं०, एतेसिं णं भंते ! वेमाणियाणं देवाणं देवीण य तेउले० पम्ह सुफलेस्साण य कयरे०१, गो! सबत्योचा वेमाणिया देवा सुकलेस्सा पम्ह० असंखेजगुणा तेउ० असंखे० तेउ० वेमाणिणीओ देवीओ संखे०, एएसिं णं भंते ! भवणवासीणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाण य देवाणं कण्ह० जाव सुका कयरे०१, गो० सवत्थोवा वेमाणिया देवा सुक० पम्ह० असंखेज्जगुणा तेउ० असंखे० तेउलेसा भवणवासिदेवा असं० काउ० असं० नील. विसेकण्ह. विसे तेउवाणमंतरा देवा असं नील विसे० कण्ह विसे० तेउ जोइसिया देवा संखे०, एएसि णं भंते! भवणवासिणीणं वाणमंतरीणं जोइसिणीणं वेमाणिणीण य (१८५) ७४० प्रज्ञापना. -०२७ मुनि दीपरत्नसागर Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कण्हलेसाणं जाव तेउ० य कयरे०, गो० सबथोवाओ देवीओ वेमाणिणीओ तेउलेसाओ भवणवासिणीओ तेउ० असं० काउ० असं० नील०विसे कण्ह बिसे तेउलेसाओ वाणमं. तरीजो देवीओ असं० काउ० असं० नील० विसे० कण्हलेसाओ विसे० तेउलेसाओ जोइसिणीओ देवीओ संखेजगुणाओ, एएसिणं भंते ! भवणवासीणं जाव वेमाणिणीणं देवाण य देवीण य कव्हलेसाणं जाच सुकलेसाण य कयरे०१, गो ! सबथोवा वेमाणिया देवा सुक्कलेसा पंम्ह असंख० तेउ० असंखे० तेउलेसाओ बेमाणियदेवीओ संखे० तेउभवणवासी देवा असं० तेउल्भवणवासिदेवीओ संखे० काउलेसाभवणवासी असं नील० विसे० कण्ह बिसे० काउ०भवणवासिणीओ संखे० नील विसेसा० कण्ह विसे तेउवाणमंतरा संखे० तेउलेसाजो वाणर्मतरीओ संखे० काउन्वाणमंतरा असं० नील० विसे० कण्ह विसे काउवाणमंतरीओ संखेनीललेसाओ विसे० कण्हलेसा विसेसा० तेउ०जोइसिया संखे० तेउ०जोइसिणीओ संखिजगुणीओ।२२०। एएसिं णं भंते ! कण्हलेसाणं जाच सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पढिया वा महढिया वा ?, गो०! कण्हलेसेहिंतो नीललेसा महड्ढिया नीललेसेहितो काउ० एवं काउलेस्सेहितो तेउ० तेउलेसेहितो पम्ह० पम्हलेसेहिंतो मुक्कलेसा महड्ढिया, सबप्पढिया जीवा कण्हलेसा सव्वमहड्ढिया जीवा मुकलेसा, एएसि र्ण भंते ! नेरइयाणं कण्हलेसाणं नील० काउ० य कयरे० अप्पड्ढिया वा०?, गो० कण्हलेसेहिंतो नीलले० महड्ढिया नीललेसेहिंतो काउ०, सबप्पढिया नेरइया कण्ह सवमहड्ढिया नेरइया काउले०, एएसिं णं भंते ! तिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं जाव मुक्कलेसाण य कयरे०?, गो०! जहा जीवाणं, एएसिं गं भंते! एगिदियतिरिक्खजोणि कण्हलेजाव वेउलेसाण य कयरे०?, गो०! कण्हलेसेहिंतो एगिदियतिरिक्खजो० नीलले० महड्ढिया नीलले० काउ० मह काउले० तेउ० महड्ढिया, सबप्पढिया एगिदियतिरिक्सजोणिया कण्ह सपमहड्ढिया तेउलेसा, एवं पुढवीकाइयाणवि, एवं एएण अभिलावेणं जहेब लेस्साओ भावियाओ तहेव नेयावं जाव चाउरिदिया, पंचेंदियतिरिक्ख तिरिक्खजोणिणीणं संमुच्छिमाणं अगम्भवतियाण य सवेसिं भाणियवा जाव अप्पडिढया वेमाणिया देवा तेउले० सवमहवेमा० सुकलेसा, केई भणंति-चउवीसदंडएणं इड्डी भाणि ॥२२॥१७लेसापए उ०२॥ नेरइए णं भंते! नेरइएसु उववजइ अनेरइए नेइएमु उववाह ?, गो०! नेरइए नेरइएसु उव० नो अनेरइए नेरइएसु उव०, एवं जाव वेमाणियाणं, नेरइए णं भंते ! नेरइएहितो उट्टइ अनेरहए नेरइएहितो उबद्दति ?, मो० अनेरइए नेरइएहितो उबद्दति णो नेरइए नेरइएहिंतो उबट्टइ, एवं जाव वेमाणिए, नवरं जोइसियवेमाणिएसु चयणंति अभिलाबो कायो, से नूर्ण भंते! कण्हलेसे नेरहए कण्हलेसेसु नेइएम उववजति कण्हलेसे उववहह, जल्लेसे उववज्जइ तल्लेसे उपट्टह?,हंता गो० कण्हलेसे नेरहए कण्हलेसेसु नेहएम उववज्जति कण्हलेसे उपट्टइ, जडेसे उववजइ तलेसे उबहह, एवं नीललेस्सेवि, एवं काउलेस्सेवि,एवं असुरकुमाराणवि जाव थणियकुमारा नवरं तेउलेस्सा अमहिया, से नूर्ण भंते ! कण्हलेसे पुढवीकाइए कण्हलेसेसु पुढवीकाइएसु उववज्जति कण्हलेसे उबट्टाइ, जालेसे उपवजति ताडेसे उपद्दति ?,हंता गो! कण्हलेसे पुढवीकाइए कण्हलेसेसु पुढवीकाइएमु उववजति, सिय कण्हलेसे उबट्टइ सिय नीललेसे उबट्टइ सिय काउलेसे उचट्टइ सिय जालेसे उववज्जति सिय तहलेसे उबट्टइ. एवं नीलकाउलेस्सासुवि, से नूर्ण भंते ! तेउलेसे पुढवीकाइए तेउलेस्सेसु पुढवीकाइएमु उववजइ० पुच्छा, हंता गो०! तेउलेस्सेसु पुढवीकाइएमु उक्वजइ, सिय कण्हलेसे उबट्टा सिय नील० उबट्टा सिय काउ० उबट्टइ, तेउ० उववजइ नो चेवणं तेउलेसे उबट्टइ, एवं आउकाइया वणस्सइकाइयावि, तेउवाऊ एवं पेच, नवरं एतेसि तेउलेस्सा नत्थि, वितियचाउरिदिया एवं चेव तिमु लेसासु, पंचेंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य जहा पुढचीकाइया आदिलियासु तिसु लेसामु भणिया तहा छमुवि लेसासु भा०, नवरं छप्पि लेस्साओ चारेयश्चाओ, वाणमंतरा जहा असुरकुमारा, से नूर्ण भंते ! तेउलेस्से जोइसिए तेउलेस्सेमु जोइसिएसु उवव० जहेव असुरकुमारा, एवं वेमाणियावि, नवरं दोहंपि चयंतीति अभिलाबो, से नूर्ण भंते ! कण्हलेसे नील० काउ० नेरइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु नेरइएमु उवव० कण्ह० नील. काउले० उबइ जलेसे उववजइ ताडेसे उबट्टइ ?,हंता गो०! कण्ह नील० काउलेसे० उववजइ जाड़ेसे उववजइ ताडेसे उववइ, से नूर्ण भंते ! कण्हलेसे जाव तेउलेस्से असुरकुमारे कव्हलेसमु जाव तेउलेसेसु असुरकुमारेसु उववजह एवं जहेब नेरइए तहा असुरकुमारावि जाव थणियकुमारावि, से नूर्ण भंते! कण्हलेसे जाव तेउलेसे पुढवीकाइए कण्हलेसेसु जाव तेउलेसेमु पुढवीकाइएसु उववजइ?,एवं पुच्छा जहा अमुरकुमाराणं, हंता गो० ! कण्हलेसे जाव तेउलेसे पुढवीकाइए कण्हलेसेसु जाव तेउलेसेमु पुढवीकाइएम० सिय कण्हलेसे उबट्टइ सिय नीललेसे० सिय काउलेसे उबइ सिय जडेसे उववजइ तलेसे उववइ, तेउलेसे उबवजइ नो चेव ण तेउलेसे उववइ, एवं आउकाइया वणस्सइकाइयावि भाणिया, से नूर्ण मंते! कण्डलेसे नील० काउ० तेउकाइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु तेउकाइएमु उववजइ कण्ह० नील० काउलेसे उववइ जलेसे उववजइ ताडेसे उववट्टइ?, हंता गो! कहा नील० काउलेसे तेउकाइए कण्ह नील० काउलेसेसु तेउकाइएमु उववजइ सिय कण्हलेसे उबट्टइ सिय नीललेसे उववट्ठति सिय काउलेसे उवचट्टइ सिय जस्लेसे उववजइ तसे उवव - ७४१ प्रज्ञापना, पर-29 मुनि दीपरनसागर Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दृइ, एवं बाउकाइयबेइंदियतेइंदियचडरिंदियावि भाणियवा से नूर्ण भंते ! कण्हलेसे जाव सुक्कलेसे पंचेंदियतिरिक्खजोणिए कण्हलेसेमु जाब मुकलेसेसु पंचेंदियतिरिक्ख जोणिएम उववज्जइ०? पुच्छा. हंता गो! कण्हलेसे जाव मुक्कलेस्से पंचेंदियतिरिक्खजोगिए कण्हलेसेसु जाव मुक्कलेसेसु पंचेंदियतिरि० उववज्जइ सिय कण्हलेसे उववइ जाय सिय सुकलेसे उबवट्टर सिय जाडेसे उवषजइ ताडेसे उपपदाइ, एवं मणूसेवि, वाणमंतरा जहा असुरकुमारा, जोइसिगवेमाणियावि एवं चेव नवरं जस्स जाडेसा, दोण्हयि चयणनि भाणियन्त्रं । २२२। कण्हलेसे भंते ! नेरइए कण्हलेस नेरइयं पणिहाए ओहिणा सवओ समंता समभिलोएमाणे केवतियं खेले जाणइ केवइयं खेत्तं पासइ ?, गो ! णो पहयं खेनं जाणइ णो बहयं खेनं पासह णो दूरं खेत जाणइ णो दूरं खेतं पासइ इत्तरियमेव खितं जाणइ इत्तरियमेव खेतं पासइ, से केणटेणं भंते ! एवं बुचइ-कण्हलेसे णं नेहए न घेष जाय इनरियमेव खेनं एकहपुरिस बहुसमरमाणज्जास भूमिभागास ठिबा सबा समता समलाएजा,तए ण स पुरिस धणितलगयं पुरिस पणिहाए सबओ समंना समभि. लोएमाणे णो बहुयं खेत्तं जाव पासइ जाव इत्तरियमेव खेत्तं पासइ, से तेणट्टेणं गो०! एवं बुचइ-कण्हलेसे गं नेरइए जाव इत्तरियमेव खेतं पासइ, नीललेसे णं भंते ! नेरइए कण्हलेसं नेरइयं पणिहाय ओहिणा सबओ समंता समभिलोएमाणे केवतिय खेत्तं जाणइ केवतियं खेतं पासइ ?, गो०! बहुतरागं खेत्तं जाणइ० पासह नूरतरखेनं जाणइ० पासइ वितिमिरतरार्ग खेत्तं जाणइ० पासह विसुदतरागं खेत्तं जाणइ० पासइ, से केणतुणं भंते! एवं बुचइ-नीललेसे ण नेरइए कण्हलेस नेरइयं पणिहाय जाय विसुद्धतरागं खेनं जाणइ पासइ?, गो से जहानामए के पुरिसे बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ पवर्य दुरूहित्ता सबआ समता समभिलाएजा तए णं से पुरिस धरणितलगयं पुरिसं पणिहाय सबओ समंता समभिन्लोएमाणे - बहुतरागं खेत्तं जाणइ जाच विसुद्धतरागं खेत्तं पासइ, से तेणटेणं गो एवं बुचइ नीललेस्ले नेरइए कण्हलेसं जाव विमुद्धतरागं खेनं पासइ, काउलेस्से णं भंते ! नेरइए नीललेस नेरइयं पणिहाय ओहिणा सबओ समता समभिलोएमाणे केवतिय खेतं जाणइ पासइ ?, गो० बहुतरागं खेतं जाणइ० पासइ जाय पिसुद्धतरार्ग खेतं पासति. से केणट्टेणं भंते ! एवं चुछ-काउलेस्सेणं नेरहए जाव विमुद्धतरागं खेत्तं पासइ?, गो० से जहानामए केइ पुरिसे बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ पत्रयं दुरुहइला दोषि पाए उचाबिया (वइना) सबओ समंता समभिलोएजा तए णं से पुरिसे पच्चयगय धरणितलगयं च पुरिस पणिहाय सबओ समंता समभिन्लोएमाणे बहुतराग खेत्तं जाणइ पहुनरागं खेले पासइ जाच चितिमिरतरागक पासह, से तेणट्टेणं गो एवं बचाइ- काउलेस्से णं नेहए नीललेस नेरइयं पणिहाय ने चेव जाच विसद्धतरागं खेतं जाणहरु पासह । २२३ कण्हलेसे गं भंते ! जी होजा?, गो! दोसु वा तिसुपा चउसु वा नाणेसु होजा, दोसु होमाणे आभिणिचोहियमुयनाणे होजा, तिसु होमाणे आभिणियोहियमुयनाणओहिनाणेसु होजा अहवा तिस होमाणे आभिणियोहियसुयनाणमणपज्जयनाणेसु होजा, चउसु होमाणे आभिणिचोहियसुयओहिमणपज्जवनाणेसु होना, एवं जाय पम्हलेसे, सुक्कलेसे णं भंते ! जीवे कइसु नाणेसु होजा?. गो! दोसु या तिसु वा चउसु वा एगंमि वा होजा, दोसु होमाणे आभिणिबोहियनाणे एवं जहेब कण्हलेसाणं तहेव भाणियचं जाव चउहि, एगंमि नाणे होजा, एगमि केवलनाणे होजा । २२४॥१७ लेस्सापए उ०३॥ 'परिणामवन्नरसगंधमुद्धनपसस्थसंकिलिटुण्हा। गतिपरिणामपदेसोगाढवग्गणठाणाणमप्पचहुं ॥२१०॥ कइणं भंते ! लेसाओ पं०?, गोछाडेसाओ पं० ले कण्ह जाव सुकलेसा, से नूर्ण भंते ! कण्हलेसा नीललेस पप्प तारूवत्ताए नावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुजो२ परिणमति?.हंता गो कण्हलेस्सा नीललेम्स पप्प तारूवनाए जाव भुजो २ परिणमति, से केणद्वेणं भंते ! एवं बुचइ- कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमति', गो! से जहानामए खीरे दूसिं पाप सुद्धे या वस्थे रागं पप्प तारुवत्ताए जाच ताफासत्ताए भुजो२ परिणमइ, से तेणटेणं गो एवं बुबइ-कण्हलेसा नीललेसं पप्प तारुवत्ताए जाव भुजो२ परिणमद, एवं एनेणं अभिलावेणं नीललेसा काउलेसं पप्प काउ० तेउलेसं पप्प नेउ० पम्हलेसं पप्प पम्ह मुक्कलेसं पप जाच भुजो २ परिणमइ. से नूर्ण भंते ! कण्हलेसा नीललेसं काउलेसं तेउलेस पम्हलेसं सुक्कलेसं पण तारुनाए जाव ताफासत्ताए भुजो२ परिणमइ?,हंता गो! कण्हलेसा नीललेसं पप्प जाच सकलेसं पप्प तारुवत्ताए जाव ताफास भजो २ परिण- 4 मद, से केण?णं भंते ! एवं पुचइ-कण्हलेसा नीललेसं जाय सुक्कलेसं पप्प तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमइ ?, गो से जहानामए वेरुलियमणी सिया कण्हसुत्तए वा नील वा लोहिय हालिहसुकिङ ० आइए समाणे तारुवत्ताए जाव भुजो२परिणमइ, से तेणट्टेणं एवं बुचइ-कण्हलेसा नीललेसं जाव सुफलेसं पप्प तारुवत्ताए• भुजो२परिणमति. से नूणं भंते ! नीललेसा किण्हलेसं जाव सुकलेसं पप्प तारूवत्ताए जाब भुजो २ परिणमइ?,हंता गो०! एवं चेव, काउलेसा कण्हलेसं जाव सुकलेसं०?, एवं, तेउलेसा किण्ह जाब सुक्कलेसं०?,एवं, पम्हलेसा किण्ह ० जाव सुकलेसं पप्प जाव भुजो२ परिणमइ ?, हंता गो०! ते चेत्र, से नूर्ण भंते! सुकलेसा किण्ह० जाव पम्हलेसं पप्प जाव भुजो २ परिणमइ ?.हंता ७४२ प्रज्ञापना, पह-0१७ मुनि दीपरनसागर Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गो० ते चेव । २२५। कण्हलेसा गं भंते ! वनेणं केरिसिया पं०?, गो० से जहानामए जीमूतेइ वा अंजणेइ वा खंजणेइ वा कज्जलेइ वा गवलेइ वा गवलएइ वा जंबूफलेइ वा अहा. रिद्वपुप्फेइ वा परपुढेइ वा भमरेइ वा भमरावलीइ वा गयकलभेइ वा किण्हकेसरेइ वा आगासथिग्गलेह वा किण्हासोएइ वा कण्हकणवीरएइ वा कण्हबंधुजीवएइ वा, भवे एतारूबे ?. गो०! णो इणढे समढे, कण्हलेस्सा ण इत्तो अणिट्टयरिया चेव अकंतयरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुन्नतरिया चेव अमणामतरिया चेव बन्नेणं पं०, नीललेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्ने] पं०?, गो से जहानामए भिंगएइ वा भिंगपत्तेइ वा चासेइ वा चासपिच्छएइ वा सुएइ वा सुयपिच्छेइ वा सामाइ वा वणराईइ वा उचंतएइ वा पारेवयगीवाइ वा मोरगीवाइ वा हल. हरखसणइ वा अयसिकुसुमेह वा वणकुसुमेह या अंजणकेसियाकुसुमेह वा नीलप्पलेह वा नीलासोएइ वा नीलकणवीरेइ वा नीलबंधुजीवेहवा, भवे एयारुवे?. गो० णो इणद्वे समझे, एत्तो जाव अमणामयरिया चेव वन्नेणं पं०, काउणं भंते! केरिसिया वन्नेणं पं०?, गो० से जहानामए खदिरसारेह वा कइरसारेड या धमाससारेइ वा तंबेद वा तंचकरोडेड वा तंब. च्छिवाडियाएइ वा वाइंगणिकुसुमेइ वा कोइलच्छदकुसुमेह वा जवासाकुसुमेइ वा, भवे एयारुवे?, गो०! णो इणढे समढे, काउलेसा णं एत्तो अणिट्ठयरिया चेव जाव अमणामयरिया चेव०, तेउलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वनेणं पं०१, गो० से जहानामए ससरहिरेइ वा उरम्भरुहिरेइ वा वराहरूहिरेइ वा संवररुहिरेइ वा मणुस्सरुहिरेइ वा इंदगोपेइ वा वालेंदगोपेड़ वा चालदिवायरेड वा संझारागेइ वा गुंजदरागेइ वा जातिहिंगुलेइ वा पवालेकुरेइ वा लक्खारसेइ वा लोहितक्खमणीइ वा किमिरागकंबलेद वा गयतालुएइ वा चीणपिट्ठरासीइ वा पारिजायकुसुमेइ वा जासुमणकुसुमेह वा किंसुयपुष्फरासीइ वा रत्तुप्पलेइ वा रत्तासोगेइ वा रत्तकणवीरेइ वा रत्तबंधुयजीवेइ वा, भवे एयारुवे?, गो! णो इणढे समढे, तेउलेसा णं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव बनेणं पं०, पम्हले० भंते ! केरिसिया वनेणं पं०१, गो० से जहानामए चंपेइ वा चंपयच्छल्डीइ वा चंपयभेदेड वा हालिदाइ वा हालिहगुलियाइ वा हालिदभेदेइ वा हरियालेइ वा हरियालगुलियाइ वा हरियालभेदेइ वा चिउरेइ वा चिउररागेइ वा मुवन्नसिप्पीइ वा वरकणगणिहसेइ वा वरपुरिसबसणेइ वा अलइकुसुमेइ वा चंपयकुसुमेइ वा कण्णियारकुसुमेइ वा कुहंडयकुसुमेह वा सुवण्णजूहियाइ वा सुहिरन्नियाकुसुमेइ वा कोरिटसङदामेइ वा पीतासोगेइ वा पीतकणवीरेइ वा पीतपंधुजीवएइ वा, भवे एयारूवे ?, हा पम्हलस्सा ण एत्ता इछतरिया जाव मणामयरिया चव वन्नण प०, सुकलस्साण भत! कासिया बन्नणं पं०..गो०!से जहानामए अंक वा संखेह वा चंदेड वा कुंदेइ वा दगेइ वा दगरएइ वा दधीइ वा दहिपणेइ वा खीरेइ वा खीरपुरएइ वा सुक्कच्छिवाडियाइ वा पेहुणमिंजियाइ वा धंतधोयरुप्पपट्टेइ वा सारदवलाहएइ वा कुमुददलेड वा पोंडरीयदलेड वा सालिपिहरासीति वा कुडगपुष्फरासीति वा सिंदुबारमल्लुदामेह वा सेयासोएइ वा सेयकणवीरेइ वा सेतबंधुजीवएइ वा, भवे एयारूवे०?, गो० नो इणढे समढे,सुक्कलेसाणं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणुण्ण(णाम)यरिया व वन्नेणं पं०, एयाओ णं भंते! छाछेसाओ कइसु बन्नेसु साहिजति ?, गो०! पंचसु वन्नेसु साहितितं०- कण्हलेसा कालएणं वन्नेणं साहिजतिनीललेस्सा नीलवन्नेणं० काउलेस्सा काललोहिएणं० तेउलेस्सा लोहिएणं० पम्हलेस्सा हालिहएणं० सुक्कलेस्सा सुकिल्लएणं वनेणं साहिजति।२२६। कण्हलेस्सा र्ण भंते ! केरिसिया आसाएणं पं०१, गो० से जहानामए निवेइ वा निंबसारेड वा निंबच्छाडीइ वा निवफाणिएइ वा कुडएइ वा कुडगफलएइ वा कुडगच्छाडीइ वा कुंडगफाणिएइ वा कडुगतुंबीइ वा कडुगर्नुचिफलेड वा खारतउसीइ वा खारतउसीफलेइ वा देवदालीति वा देवदालीपुप्फेइ वा मिगवालुंकीइ वा मियवालुंकीफलेड वा घोसाडएइ वा घोसाडियाफलेइ वा कण्हकदेइ वा वज. कंदएड वा, भवे एयारूवे०?, गो० णो इणडे समढे, कण्हलेसा णं एत्तो अणितरिया चेव जाव अमणामयरिया चेव आसाएणं पं०, नीललेसाए पुच्छा, गो० से जहानामए भंगीति वा भंगीरएइ वा पाढाइ वा चवियाइ वा चित्तामूलएइ वा पिप्पलीइ वा पिप्पलीमूलएइ वा पिप्पलीचुण्णेइ वा मिरिएइ वा मिरियचुण्णएइ वा सिंगवेरेइ वा सिंगबेरचुण्णेइ वा, भवे एयारुवे?, गो! णो इणट्टे समढे, नीललेस्सा णं एत्तो जाव अमणामतरिया चेव आसाएणं पं०, काउलेस्साए पुच्छा, गो०! से जहानामए अंबाण वा अंबाडगाण वा माउलिंगाण वा बिडाण वा I कविट्ठाण वा भजाण वा फणसाण या दाडिमाण वा पारेवताण वा अक्खोडयाण वा बोराण वा तिंदुयाण वा अपकाणं अपरिवागाणं बनेणं अणुवबेयाणं गंधेणं अणु० फासेणं अणु०, भवे एयारूवे?, णो इणढे समढे, जाव एतो अमणामयरिया चेव काउ० अस्साएणं पं०, तेऊणं पुच्छा, गो० से जहानामए अंबाण वा जाव सिंदुयाण पक्काणं परियावण्णाणं वनेणं उववेयाणं पसत्येणं जाव फासेणं जाय एत्तो मणामयरिया चेव तेऊ आसाएणं पं०, पम्हलेस्साए पुच्छा, गो० से जहानामए चंदप्पभाइ वा मणसिलाइ वा वरसीधूइ वा वरखारुणीइ वा पत्तासवेइ या पुष्फासवेइ वा फलासवेइ वा चोयासवेइ वा आसवेइ वा महइ वा मेरएइ वा कविसायणेइ वा खजूरसारेइ वा मुहियासारेइ वा सुपकखोतरसेइ वा अट्टपिट्टणिट्टियाइ वा जंबूफलकलियाइ वा वरप्पसन्नाइ वा आसला मंसला पेसला ईसि ओढवलंबिणी इसिं बोच्छेदकहुई ईसि तंबच्छिकरणी उक्कोसमदपत्ता वनेणं उववेया जाव फासेणं आसायणिजा ७४३ प्रज्ञापना, पद-२४ मुनि दीपरत्नसागर Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विसायणिज्जा पीणणिज्जा बिहणिजा दीवणिज्जा दप्पणिज्जा मदणिजा सवेंदियगायपल्हायणिजा, भवे एयारूवा०?, गो० णो इणट्टे समट्टे, पम्हलेस्सा एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणा. मयरिया चेव आसाएणं पं०. मुक्कले० भंते ! केरिसिया अस्साएणं पं०?, गो० से जहानामए गुलेह वा खंडेइ वा सकराइ वा मच्छंडियाइ वा पप्पडमोदएइ वा भिसकंदेड वा पुफ. तराइ वा पउमुत्तराइ वा आदसियाइ वा सिद्धस्थियाइ वा आगासफालितोवमाइ वा अणोवमाइ वा, भवे एतारूवा०, गो० णो इणट्टे समढे, सुकलेस्सा एत्तो इट्टतरिया चेव पियतरिया चेवमणामयरिया चेव असाएणं पं0 1२२७1 करणं भंते ! लेस्साओ दुभिगंधाओ पं०१, गो! तओ लेस्साओ दुब्मिगंधाओ पं०२० कण्ह नील काउलेस्सा, कई णं भंते! लेस्साओ सुम्भिगंधाओ पं०१, गो! तओ लेस्साओ सुब्भिगंधाओ पं० त० तेउ०पम्हसुक्क०, एवं तओ अविसुद्धाओ तओ विसुद्धाओ तओ अप्पसस्थाओ तओ पसत्थाओ तओ संकिलिट्ठाओ तो असंकिलिट्ठाओ तओ सीतलुक्खाओ तओ निधुण्हाओ तओ दुग्गतिगामियाओ तओ सुगतिमामियाओ। २२८। कण्हलेस्सा णं भंते ! कतिविहं परिणाम परिणमति ?, गो०! तिविहं वा नवविहं, वा सत्तावीसविहं वा एक्कासीतिविहं वा वेतेयालीसतिविहं वा बहुयं वा बहुविहं वा परिणाम परिणमइ, एवं जाव सुक्कलेसा, कण्हलेसा णं भंते ! कति. पदेसिया पं०?, गो०! अर्णतपदेसिया ५०, एवं जाव सुक्कलेसा, कण्हलेसा णं भंते! कइपएसोगाढा पं०?, गा! असंखजपएसोगाढा पं०,एवं जाव सुक्कलेस्सा, कण्हलेस्साए णं भंते! 17 केवतियाओ वग्गणाओ पं०१, गो० अर्णताओ वग्गणाओ, एवं जाव सुक्कलेस्साए । २२९ । केवतिया णं भंते ! कण्हलेस्साणं ठाणा पं०?, गो० ! असंखेजा कण्हलेस्साणं ठाणा पं०, एवं जाव सुक्कलेस्सा, एएसिं णं भंते ! कण्हलेस्साठाणाणं जाव सुक्कलेस्साठाणाण य जहन्नगाणं दबट्टयाए पएसट्टयाए दबट्टपएसट्टयाए कतरे?, गो० सवत्थोत्रा जहन्नगा काउलेस्साठाणा दबढ० जहन्नगा नील० दबट्टयाए असंखे० जहन्नगा कण्ह दव० असं० जहन्नतेउ० दव० असं० जहन्नगा पम्ह० दव० असं० जहन्नगा सुक० दव० असं० पएसट्ट. याए सवत्योवा जहन्नगा काउलेसाठाणा पएस० जहन्नमा नील० पएस० असं जहन्नगा कण्ह पएस० असं० जहण्णतेउठाणा पएस० असं० जहन्नगा पम्ह० पएस० असं० जहन्नगा मुक्क० पएस० असं० दवट्ठपएसट्टयाए सबत्योवा जहन्नगा काउ० दव० जहन्नगा नील० दब० असं०एवं कण्हतेउ० पम्ह जहन्नगा मुक्क० दवा असं जहन्नएहितो सुक्कलेस्साठाणेहिंतो दबढ० जह० पएस० असं० जहन्नया नील० पएस० असं० एवं जाव सुक्कलेस्साठाणा, एतेसिं गं कण्हलेस्साठाणाणं जाव सुकलेसाठाणाण य उक्कोसगाणं दबढ० पएस० दवटुपएसट्टयाए कयरे?, गो०! सबत्योवा उक्कोसगा काउलेस्साठाणा दबट्ठयाए उकोसगा नील० दबट्टयाए असंखे०, एवं जहेब जहन्नगा तहेव उकोसगावि नवरं उकोसत्ति अभिलावो, एतेसि र्ण भंते ! कण्हलेस्साठाणाण जाव सुक्कलेस्साठाणाण य जहन्नउक्कोसगाणं दवट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए कतरे०?, गो०! सवयोवा जहन्नगा काउलसठाणा दबट्टयाए जहन्नया नील०व०अस०एवं कण्हतउपम्हलस्स० जहसुकलसठाणा दव० अ याए असं० उक्कोसा नील दुवा असं एवं कण्हतेउपम्ह० उक्को० सुक्कलेसाठाणा दा० असं० पएसट्टयाए सबथोवा जहन्नगा काउलेसठाणा पएस० जहन्नगा नील० पएस. असंखे०एवं जहेब दवट्ठयाए तहेव पएसट्टयाएवि भाणिय, नवरं पएसट्टयाएत्ति अभिलावविसेसो, दबट्टपएसट्ठयाए सवत्थोवा जहन्नगा काउलेसठाणा दवट्ठयाए जहन्नगा नील. दव० असं०एवं कण्हतेउपम्ह० जहन्नया सुक० दव० असं० जहन्नएहिंतो सुक्कलेसाठाणेहिंतो दबट्टयाए उक्कोसा काउ० दक्ष असं० उक्कोसा नील. दव० असं०एवं कण्हतेउपम्ह: उक्कोसगा सुक्क दव० असं० उक्कोसएहितो सुक्क० दवट्ठ० जहन्नगा काउ० पएसट्टयाए अर्णतगुणा जहन्लगा नील० पएस० असं० एवं किण्हतेउपम्ह० जहन्नगा सुक्कलेस. असं जहन्नएहिती सुक्कलेसाठाणेहिंतो पएस० उक्को० काउ०पएस० अर्स० उक्कोसया नील०पएस० अर्स०एवं किण्हतेउपम्ह० उक्कोसया सुक्कलेसाठाणा पएसट्टयाए असं० । 1 २३०॥ १७ लेसापए उ०४॥ कइ णं भंते लेस्साओ पं०?, गो०! छ लेसाओ पं० तं०-कण्हलेसा जाव सुक्क०, से नूर्ण भंते! कण्हलेस्सा नीललेसं पप्प तारूवत्ताए जाव ताफास - ताए भुजो२ परिणमति इत्तो आढतं जहा चउत्थओ उहेसओ तहा भाणियाई जाव वेरुलियमणिदिटुंतोत्ति, से नूर्ण भंते ! कण्हलेसा नीललेस पप्प णो तारूवत्ताए जाच णो ताफासत्ताए मुजो २ परिणमइ ?, हंता गो०! कण्ह० नीललेस्सं पप्प णो तारूवत्ताए जाव णो ताफासत्ताए भुजो २ परिणमति, से केणडेणं भंते ! एवं बुचइ ?, गो० आगारभावमायाए वा से सिया पलिभागभावमायाए वा से सिया, कण्हाण सा, णो खलु सा नीला, तत्थ गया ओसका उस्सकाइ वा, से तेणडेणं गो०! एवं बुचइ-कण्ह नील० पप्प णो तारुवत्ताए जाव २परिणमति,से नणं भंते! नील काउलेसं पप्पणो तारूवत्ताए जाव मज्जो२परिणमति?.ईता गो! नील० काउलेर्स पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमति, सेकेणटेणं मंते! एवं वुच्चइ-नील० काउलेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव मुजोरपरिणमति, गो०! आगारभावमायाए वा से सिता पलिभागभावमायाए वा से सिता नीला णं सा णो खलु सा काउ, तत्थ गया ओसक्कइ उस्सकति वा, से एएणद्वे०१, गो०! एवं वुथइ-नील० काउलेस पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुजो२ परिणमति, एवं काउ० तेउलेसं पप्प तेऊ० पम्हं (१८६) ७४४ प्रज्ञापना, मुनि दीपरत्नसागर cि Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पप्प पम्हा सुक्क पप्प, से नूर्ण भंते ! सुक्का पम्हं पप्प णो तारूवत्ताए जाव परिणमति ?, हंता गो०! सुक्का तं चेव, से केणतुणं भंते! एवं वुचति-सुक्का जाव णो परिणमति ?, गो०! आगारभावमायाए वा जाव सुक्का णं सा, णो खलु सा पम्हा,तत्थ गया ओसक्कइ० से तेणठूर्ण गो!एवं बुच्चइ-जाव णो परिणमइ।२३१॥१७लेसापए उ०५॥कति णं भंते ! लेसा पं०?, गो०! छ लेसा पं० त० कण्ह जाव सुक्क०, मणुस्साणं भंते ! कह लेसा पं०१, गो० छ लेस्साओ पं० त०-कण्ह जाव सुक्क०, मणुस्सीर्ण छाडेसाओ पं० तं- कण्हा जाब मुक्का, कम्मभूमयमणुस्साणं० छ पं०२०- कण्हा जाव सुक्का, एवं कम्मभूमयमणुस्सीणवि, भरहेरवयमणुस्साणं० छ पं० त०-कण्हा जाव मुक्का, एवं मणुस्सीणवि, पुष्वविदे। हअवरविदेहकम्मगमणु०१, गो! छ लेसाओ कण्ह जाव सुक०, एवं मणूसीणवि, अकम्मभूमयमणुस्साणं०१ चत्तारि लेसाओ पं० तं०- कण्हा जाव तेउ,एवं अकम्मभूमिगमणुस्सीणवि, एवं अंतरदीवमणुस्साणं अंतर०मणुस्सीणवि, एवं हेमवयएरनवयमणुस्साणं मणुस्सीण य, गो! चत्तारिपंत-कण्हा जाव तेउ०,हरिवासरम्मयअकम्ममणुस्साणं मणुस्सीण य चत्तारितं०-कण्हा जाव तेउ०, देवकरुउत्तरकरुअकम्ममणस्सा एवं चेच, एतेसिं चेव मणस्सीणं एवं चेव. धायडसंडपरिमदेवि एवं चेव, पच्छिमदेवि एवं पक्खरदीवेवि भाणिय. N कष्हलेसे गं भंते ! मणुस्से कण्हलेसे गभं जणेज्जा ?, हंता गो०! जणेजा, कण्हले० मणुस्से नीललेसं गभं जणेजा?, हंता गो० जणेज्जा, जाव सुकलेसं गर्भ जणेजा, नीललेसे | मणुस्से कण्हलेसं गम्भ जणेजा ?, हंता गो०! जणेजा, एवं नील० मणुस्से जाव सुक्कलेसं गम्भ जणेजा, एवं काउलेसेण छप्पि आलावगा भाणियचा, तेउ० पम्ह० मुक्कलेसाणवि, एवं छत्तीसं आलावगा भा०, कण्ह. इत्थिया कण्हलेसं गम्भं जणेज्जा ?, हंता गो०! जणेजा, एवं एतेवि छत्तीसं आलावगा भाणियबा, कण्हलेसे भंते ! मणुस्से कण्हलेसाए इस्थियातो | कण्हलेसं गभं जणेजा ?, हंता गो०! जणेजा, एवं एते छत्तीसं आलावगा, कम्मभूमगकण्हलेसे णं भंते ! मणुस्से कण्ह इत्थियाए कण्हलेसं गम्भं जणेजा ?. हंता गो० जणेज्जा, एवं एते छत्तीसं, अकम्मभूमयकण्ह मणुस्से कण्ह इत्थियाए अकम्मभूमयकण्हलेसं गर्भ जणेज्जा?, हंता गो० जणेजा, नवरं चउसुलेसासु सोलस आलावगा, एवं अंतरदीवगाणवि ।२३२॥ उ०६ लेस्सापदं १७॥ 'जीव गइदिय काए जोए बेए कसाय लेसा य । सम्मत्त णाण दंसण संजय उवओग आहारे ॥२११॥ भासग परित्त पजत मुहुम सन्नी भवऽस्थि चरिमे य। एतेसिं तु पदाणं कायठिई होइ णायका ॥२१२॥ जीवे णं भंते! जीवेत्ति कालतो केवचिरं होइ?, गो! सबई, दारं १।नेरइए णं भंते नेरइएत्ति कालओ केचिरंभ होइ ?, गो०! जहन्ने] दस वाससहस्साई उकोसेणं तेत्तीस सागरोवमाई, तिरिक्खजोणिए णं भंते ! तिरिक्खजोणिएत्ति कालओ केवचिरं होइ?, गो! जहअंतोमुहत्तं उक्कोसेर्ण सप्पिणीओ कालतो खेत्तओ अणंता लोगा असंखेजपोग्गलपरियट्टा ते णं पुग्गलपस्थिट्टा आवलियाए असंखिजइभागे, तिरिक्खजोणिणी णं भते! - तिरिक्खजोणिणित्ति कालओ केवचिरं होइ ?, गो जहन्नेणं अंतोमुहुर्त उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुचकोडी हुत्तमभहियाई, एवं मणुस्सेवि, मणुस्सीवि एवं चेव, देवे णं भंते ! देवेत्ति कालओ केवचिरं होइ ?, गो०! जहेव नेरइए, देवी णं भंते ! देवित्ति कालतो केवञ्चिरं होइ , गो०! जहन्नेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं पणबन्न पलिओवमाई. सिद्धे णं भंते ! सिद्धेत्ति कालतो केवचिरं होइ?, गो० सादिए अपजवसिए, नेरइए णं भंते ! नेरइयअपजत्तएत्ति कालतो केवचिरं होइ ?, गो०! जहन्नेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुहुतं, एवं जाव देवी अपजत्तिया, नेरइयपजत्तए णं भंते ! नेरइयपजत्तएत्ति कालतो केवचिरं होइ ?, गो०! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुतूणाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुतूणाई, तिरिक्खजोणियपजत्तए णं भंते ! तिरिक्खजोणियपज्जत्तएत्ति कालतो केवचिर होइ?, गो०! जहनेणं अंतोमुहुतं उक्को तिन्नि पलिओवमाई अंतोमुहुत्तूणाई. एवं ति. रिक्खजोणिणीपजत्तियावि, एवं मणुस्सेवि मणुस्सीवि, एवं चेव देवपजत्तए जहा नेरइयपज्जत्तए, देवीपजत्तिया णं भंते! देवीपज्जत्तियत्ति कालतो केवचिरं होइ?, गो! जहरू दस वाससहस्साई अंतोमुत्तूणाई उको० पणपन्नं पलिओवमाई अंतोमुहुत्तूणाई। दारं २।२३३। सइंदिए णं भंते! सईदिएत्तिकालतो केवचिरं होइ ?, गो०! सईदिए दुविहे पं० त० अणाइए वा अपजवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए, एगिदिए णं भंते ! एगिदिएत्ति कालतो केवचिरै होइ ?, गो! जह• अंतोमुहुत्तं उक्को० अणतं कालं वणस्सइकालो, बेइंदिए णं भंते ! बेइंदिएत्ति कालतो केवचिरं होइ ?, गो! जह• अंतो० उक्को० संखेनं कालं, एवं तेइंदियचउरिदिएवि, पंचिंदिए णं भंते ! पंचिंदिएत्ति कालतो केवचिरं होइ ?, गो० जह• अंतो० उक्को सागरोवमसहस्सं साइरेग, अणिदिएणं पुच्छा, गो! साइए अपजवसिए, सईदियअपज्जत्तए णं भंते ! पुच्छा, गो०! जह० उक्को अंतो०,एवं जाव पंचिंदियअपजत्तए, सई . दियपजत्तए णं भंते! सइंदियपजत्तएत्ति कालतो केवचिरं होड?,गो जह० अंतो० उक्को० सागरोवमसतपहत्तं सातिरेगं, एगिदियपज्जत्तएणं में उक्को संखेज्जाई वाससहस्साई, पेइंदियपजत्तए ण पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उक्को० संखेजवासाई, तेईदियपजत्तए पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उक्को० संखेजाई राईदि. ७४५ प्रज्ञापना, पद-१८ मुनि दीपरत्नसागर 1 Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ याई, चउरिदियपजत्तए णं भंते! पुच्छा, गो०! जह• अंतो उक्को० संखेजा मासा, पंचिंदियपजत्तए णं भंते ! पंचिंदियपजत्तएत्ति कालतो केवचिरं होइ ?, गो० जहः अंनो. उक्को सागरोचमसयपहत्तं । दारं ३।२३४ । सकाइए णं भंते ! सकाइएत्ति कालतो केवचिरं होइ?, गो०! सकाइए दुपिहे ५००-अणाइए वा अपजवसिए अणाइए वा सपजबसिए, पुढवीकाइए णं पुच्छा, गो० ! जह• अंतो० उक्को० असंखेनं कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालतो खेत्ततो असंखेजा लोगा, एवं आउनेउवाउकाइयावि, वणस्सइकाइयाणं पुच्छा, गो० जह• अंतो उक्को० अणंतं कालं अणंताओ उस्सप्पिणीअवसप्पिणिओ कालओ खेत्तो अर्णता लोगा असंखेजा पुग्गलपरियट्टा नेणं पुग्गलपस्विट्टा आवलियाए असंखेजइभागो, तसकाइए णं भंते ! पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उक्को दो सागरोवमसहस्साई संखेजवासमभहियाई, अकाइए णं भंते ! पुच्छा, गो० अकाइए सादिए अपजवसिए, सकाइयअपजत्तए णं पुच्छा, गो०! जह• उक्को अंतो०, एवं जाव तसकाइयअपजत्तए, सकाइयपजत्तए पुच्छा, गो० ! जह• अंतो० उक्को सागरोजमसयपुहुत्तं सातिरेग, पुढवीकाइयपजत्तए पुच्छा, गो० जह० अंतो• उक्को संखेजाई वाससहस्साई, एवं आऊवि, तेउकाइयपजत्तए पुच्छा, गो०! जह: अंतो उक्को संखेजाई राईदियाई, बाउकाइयपजत्तए णं पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उक्को० संखेजाई वाससहस्साई, वणस्सइकाइयपजत्तए पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को० संखेजवाससहस्साई, तसकाइयपजत्तए पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उको सागरोवमसयपुहुत्तं सातिरेगं । दारं ४।२३५। सुहुमे णं भंते ! मुहुमेत्ति कालतो केवचिरं होति?, गो जह• अंतो उक्को असंखेज कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीतो कालतो खेत्ततो असंखेजा लोगा, सुहुमपुढवीकाइते सुहुमाउ० मुहुमतेउ० मुहुमवाउ० सुहमवणफइकाइते सुहमनिगोदेवि खेज कार्ल असंखिजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीतो कालतो खेत्ततो असंखेजा लोगा, मुहुमे णं भंते! अपजत्तएत्ति पुच्छा, गो! जह० उ० अंतोमुहुर्त, पुढवीआउतेउवाउवणफइकाइयाण य एवं चेच, पज्जत्तयाणवि एवं चेव जहा ओहियाणं, बादरे ण मंते ! वादरेत्ति कालतो केवचिरं होति ?, गो०! जह• अंतो० उक्को असंखेज कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीतो कालओ खेत्तओ अंगुलस्स असंखेजतिभागं, बादरपुढबीकाइए णं भंते ! पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उको सत्तरिसागरोषमकोडाकोडीतो, एवं बादराउकाइएवि जाव बादरतेउकाइएवि पादरखाउकाइएवि, वादरवणप्फडकाइते बादर० पुच्छा, गो० जह० अंतो० उको असंखेनं कालं जाव खेतओ अंगुलस्स असंखेजतिभागं, पत्तेयसरीवादरवणफइकाइए णं भंते ! पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीतो, निगोदे णं भंते ! निगोएत्ति केवचिरं होति?, गो०! जह• अंतो० उक्को अर्णताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालतो खेत्ततो अड्ढाइजा पोग्गलपरियट्टा, बादरनिगोदे णं भंते ! चादर० पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उक्को सत्तरि सागरोचमकोडा. कोडीतो, वादरतसकाइया णं भंते ! बादरतसकाइयत्तिकालओ केवचिरं होइ?, गो० जह• अंतो० उक्को० दो सागरोवमसहस्साई संखेजवासमभहियाई, एतेसिं चेव अपज्जत्तगा सवेवि जह उक्को० अंतो०, बादरपजते णं भंते ! वादरपजत्त० पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को सागरोचमसतपुहुतं सातिरेग, बादरपुढवीकाइयपज्जत्तए णं भंते ! चादर० पुच्छा, गो०! जह अंतो० उक्को संखिज्जाई वाससहस्साई, एवं आउकाइएवि, तेउकाइयपजत्तए णं भंते ! तेउकाइयपज० पुच्छा, गो० जह• अंतो० उक्को संखिजाईराईदियाई, बाउकाइ. यवणस्सइकाइयपत्तेयसरीरवादरवणफइकाइते पुच्छा, गो० जह• अंतो० उक्को संखेजाई वाससहस्साई, निगोयपजत्तते० बादरनिगोदपजत्तएत्ति पुच्छा, गो! दोहवि जह अंतो उक्को अंतो०, बादरतसकाइयपजत्तए णं भंते ! वादस्तसकाइयपजत्तएत्ति कालतो केवचिरं होति?, गो० जह० अंतो० उक्को सागरोवमसतपुहुत्तं सातिरेगं । दारं ५ 1२३६। सजोगीण भंते ! सजोगित्तिकाल०१.गो० सजोगी विहे पं० त०-अणादीए वा अपज्जवसिते अणादीए वा सपज्जवसिते, मणजोगीण भंते ! मणजोगि | गोजएकं समय उको अंतो०,एवं वइजोगीवि, कायजोगीणं भंते ! काल०?, गो०! जह• अंतो उको० वणप्फइकालो, अजोगीण भंते ! अजोगित्ति कालओ केबचिरं होति?, गो! सादीए अपज्जवसिते । दारं ६।२३७। सवेदए णं भंते ! सवेदएत्ति०, गो० सवेदए तिविघे पं० त० अणादीए वा अपजवसिते अणादीए वा सपज्जवसिए सादीए वा सपजवसिए, तत्थ णं जे से सादीए सपजवसिए से जह० अंतो० उको० अर्णतं कालं अर्णताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीतो कालतो खेत्ततो अवड्ढं पोग्गलपरियट्ट देसूर्ण, इत्यिवेदे णं भंते ! इत्विवेदेत्ति काल०?, गो! एगेणं आदेसेणं जहरू एक समयं उक्को० दसुत्तरं पलिओवमसतं पुचकोडीपुहुत्तमम्भहियं एगेणं आदेसेणं जह० एर्ग समयं उक्को अट्ठारस पलितोचमाई पुत्वकोडीपुहुत्तममहिवाई एगेणं आदेसेणं जह एग समय उक्को चउद्दस पलिओबमाई पुचकोडीपुहुत्तमम्भहियाई एगेणं आदेसेणं जह० एग समयं उक्को पलिओवमसतं पुचकोडीपुडुत्तमभहियं एगेणं आदेसेणं जह० एर्ग समयं उक्को० पलितोवमपुडुत्तं पुषकोडीपुडुत्तमम्भहियं, पुरिसवेदे णं भंते ! पुरिसवेदेत्ति०?, गो० जह० अंतो० उक्को सागरोवमसत७४६ प्रज्ञापना, पद-२८ मुनि दीपरत्नसागर DATOut Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुहुत्तं सातिरेगं, नपुंसगवेए ण भंते ! नपुंसगवेदेत्ति पुच्छा, गो०! जह० एग समय उक्को वणस्सइकालो, अवेदएणं भंते! अवेदएत्ति पुच्छा, गो०! अवेदे दुविधे पं० त० सादीए वा अपजवसिए साइए वा सपज्जवसिते, तत्थ णं जे से साइए सपजवसिते से जह० एग समयं उक्को० अंतो०।दारं ६।२३८ा सकसाई णं भंते ! सकसादित्ति काल०, गो० सकसाती तिविधे ५० त०-अणादीए वा अपज्जवसिते अणादीए वा सपजवसिते सादीए वा सपज्जवसिते जाप अवड्ढं पोग्गलपरिय१ देसूर्ण, कोहकसाई णं भंते ! पुच्छा, गो! जह• उनको अंतोमुहुर्त, एवं जाव माणमायकसातीणं, लोभकसाई णं भंते ! लोभ पुच्छा, गो०! जह० समयं उक्को० अंतो०, अकसाई णं भंते ! अकसादित्ति०, गो०! अकसादी दुबिहे पं० तं०-सादीए वा अपजवसिते सादीए वा सपज्जवसिते, तत्थ णं जे से सादिए सपजवसिते से जह० एग समयं उक्को अंतोदारं ७॥२३९। सलेसे णं भंते ! सलेसेत्ति पुच्छा, गो! सलेसे दुविधे पं० सं०-अणादीए वा अपज्जवसिए अणाइए या सपज्जवसिते, कण्हलेसे०त्ति कालतो केवचिरं होइ ?, गो! जह० अंतो० उक्को तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, नीललेसे णं भंते! नीललेसेत्ति० पुच्छा, गो०! जह० अंतो उक्को० दस सागरोवमाई पलितोवमासंखिज्जइभागमभहियाई, काउलेसे पं० पुच्छा, गो०! जह, अंतो० उक्को. | तिष्णि सागरोवमाई पलितोवमासंखिजतिभागमभहियाई, तेउलेसे णं० पुच्छा, गो! जह• अंतो० उक्को० दो सागरोवमाई पलितोवमासंखिजतिभागमभहियाई, पम्हलेसे गं० पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उको दस सागरोबमाइं अंतोमुहुत्तमभहियाई, सुक्कलेसे णं पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को० तेत्तीस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई, अलेसे ण. | पुच्छा, गो०! सादीए अपजवसिते । दारं टा२४०। सम्महिट्ठीण भंते ! सम्महिद्वित्ति काल०१, गो० सम्मदिट्ठी दुविहे पं० त०-सादीए वा अपजवसिते सादीए वा सपज्जवसिते, तत्य णं जे से सादीए सपज्जवसिते से जह• अंतो० उको छावडिं सागरोवमाई साइरेगाई, मिच्छादिट्ठी णं भंते! पुच्छा, गो०! मिच्छादिट्ठी तिविधे पं०२०- अणाइए वा अपज्जवसिए अणादीए वा सपजवसिए सादीए वा सपजवसिए, तत्व णं जे से सादीए सपजवसिते से जह• अंतो० उक्को० अर्णतं कालं अणंताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालतो खेत्ततो अबडद पोग्गलपरियई देसर्ण. सम्मामिच्छादिट्टी णं पच्छा. गो! जह• अंतो० उक्को अंतोदार ९।२४१। णाणी णं भंते! णाणित्ति काल०१. गोणाणी विधे ५००-सातीते वा अपजवसिते साइए वा सपजवसिते, तत्थ णं जे से सादीए सपजवसिते से जह• अंतो० उक्को छाबढि सागरोवमाई साइरेगाई, आभिनिचोहियणाणी णं पुच्छा, गो०! एवं चेव, एवं सुयणाणीवि, ओहिनाणीवि एवं चेव नवरं जह० एग समय, मणपजवणाणी णं भंते! मणपजवनाणित्ति कालतो०१, गो०! जह० एग समयं उको० देसूणा पुषकोडी, केवलणाणीण पुच्छा,गो सातिए अपजवसिते, अण्णाणी मतिअण्णाणी सुतअण्णाणी पुच्छा, गो०! अण्णाणी मइअण्णाणी सुयअनाणी तिविधेपं० त० अणाइए वा अपजवसिए अणादीए वा सपजवसिते सादीए वा सपजवसिते, तत्थ णं जे से सादीए सपजवसिते से जह० अंतो० उको० अर्णतं कालं अर्णताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालतो खेतओ अवड्ढपोग्गलपरियह देसूर्ण, विभंगणाणी णं भंते ! पुच्छा, गो०! जह० एग समय उको तेत्तीसं सागरोवमाई देसूणाते पुषकोडीते अन्महिताई। दारं १०।२४२। चक्खुदंसणी णं भंते! पुच्छा, गो०! जह० अंतो उको० सागरोवमसहस्सं सातिरेगं, अचक्खुदसणी णं मंते !०, गो०! अचातुर्दसणी दुविहे पं० त०-अणादीए वा अपजवसिते अणादीए वा संपज्जवसिए, ओहिदं । सणी ण पुच्छा, गो०! जह० एर्ग समय उको दो छावडीओ सागरोवमाणं साइरेगाओ, केवलदसणी णं पुच्छा, गो०! सातीए अपजवसिते । दारं ११।२४३ । संजए ण भंते ! संजतेत्ति पुच्छा, गो०! जह० एग समयं उक्को० देसूर्ण पुनकोडिं, असंजते ण मंते! असंजएत्ति पुच्छा, गो०! असंजते तिविधे पं० त०-अणातीए वा अपज्जवसिते अणातीए वा सपजवसिते सातीए चा सपजवसिते, तत्थ णं जे से सातीए सपज्जवसिते से जह० अंतो० उक्को० अर्णतं कालं अर्णताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ खेत्ततो अवड्ढे पोग्गलपरिय१ देसूर्ण, संजतासंजते र्ण पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को० देसूर्ण पुचकोडिं, नोसंजतनोअसंजतनोसंजतासंजते ण पुच्छा, गो० सादीए अपज्जवसिते । दारं १२।२४४। सागारोवओगोवउत्ते णं मंते ! पुच्छा, गो०! जह० उक्को० अंतो०, अणागारोवउत्तेवि एवं चेव । दारं १३१२४५। आहारए भंते! पुच्छा, गो०! आहारए दुविधे पं० त०-छउमत्यआहारए य केवलि. आहारए य, छउमत्थ० ण मंते ! गो०! जह० सुड्डागभवग्गहण दुसमयऊणं उको० असंखेनं कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीतो कालतो खेत्ततो अंगुलस्स असंखेजतिभागं, केवलिआहारए णं भंते! केवलिआहारएत्ति कालतो०१, गो ! जह० अंतो० उको० देसूर्ण पुष०, अणाहारए णं भंते ! अणाहारएत्ति०१, गो०! अणाहारए दुबिहे पं० तं०- छउमत्यअणाहारए य केवलिअणाहारए य, छउमस्थ णं भंते! पुच्छा, गो०! जह० एग समय उक्को० दो समया, केवलिअणाहारए णं भंते !०?, गो० ! केवलिअणाहारए दुविधे पं० त०-सिद्धकेवलिअणाहारए य भवत्यकेवलि. य, सिद्धकेबलिणं पुच्छा, गो०! सादीए अपज्जवसिए, भवत्यकेबलि० णं भंते ! पुच्छा, गो! दुविधे ५००-सजो७४७ प्रज्ञापना, पद-१८ मुनि दीपरत्नसागर Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गिभवत्थके० अजोगिभवत्थकेवलि० य, सजोगिभवत्थके० णं भंते! पुच्छा, गो०! अजहण्णमणुकोसेणं तिण्णि समया, अजोगिभवन्थकेवलिअणाहारए णं पुच्छा, गो० जह० उक्को० अंतो०] । दारं १४ । २४६ । भासए णं पुच्छा, गो० २ जह० एवं समयं उको ० अंतो०, अभासए णं पुच्छा, गो० ! २ तिविधे पं० तं० अणाइए वा अपज्जबसिए अणाइए वा सपन वसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए वा सपज्जवसिते से जह० अन्तो० उ० वणप्फइकालो दारं १५। २४७ । परित्तए णं पुच्छा, गो० २ दुविहे पं० नं० कायपरिने य संसार० य, काय० णं पुच्छा, गो० जह० अंतो० उको ० असं० पुढवीकालो असंखेज्जाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीतो, संसारपरित्ते णं पुच्छा, गो० ! जह० अंतो० उक्को० अर्णतं कालं जाव अवढं पोम्गलपरियहं देसूर्ण, अपरित्ते णं पुच्छा, गो० २ दुविहा पं० तं कायअपरिते य संसारअ०, कायअपरिते णं पुच्छा, गो० जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, संसारअपरिते पुच्छा, गो० ! २ दुबिहे पं० तं० अणादीए वा सपजवसिते अणादीए वा अपजवसिते, नोपरितेनोअपरित्ते णं पुच्छा, गो० ! सादीए अपज़वसिते । दारं १६ । २४८ । पज्ञत्तए णं पुच्छा गो० जह० अन्तो० को ० सागरोवमसतपुडुत्तं सातिरेगं, अपजत्तए णं पुच्छा, गो० जह० उच्को० अंतो० नोपजत्तएनो अपज्ञत्तए णं पुच्छा, गो० ! सादीए अपज्जवसिते । दारं १७। २४९। सुहुमे णं भंते! सुहुमित्ति पुच्छा, गो० ! जह० अंतो० उक्को० पुढवीकालो, बादरे णं पुच्छा, गो० जह० अन्तो० उको असंखेज्जं कालं जाव खेतओ अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, नोसुहुमनोबादरे णं पुच्छा, गो० ! सादीए अपज्जवसिते । दारं १८ । २५० । सण्णी णं भंते! पुच्छा, गो० जह० अंतो उक्को० सागरोवमसतपुहुत्तं सातिरेगं, असण्णी णं पुच्छा, गो० ! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, नोसण्णीनोअसण्णी णं पुच्छा, गो० ! सादीए अपज्जवसिते । दारं १९ । २५१ । भवसिद्धिए णं पुच्छा, गो० ! अणादीए सपज्जवसिते, अभवसिद्धिए णं पुच्छा, गो० ! अणादीए अपज्जवसिते, नोभवसिद्धिएनोअभवसिद्धिए णं पुच्छा, गो० ! सादीए अपज्जवसिते । दारं २० । २५२ । धम्मत्थिकाए णं पुच्छा, गोः ! सर्द एवं जाव अदासमए । दारं २१ । २५३ । चरिमे णं पुच्छा, गो० अणादीए सपजवसिते, अचरिमे णं पुच्छा, गो० ! २ दुविधे पं० तं० अणादीए वा अपजवसिते सादीते या अपज्जवसिते । दारं २२ । २५४ ॥ कार्यट्टिइनामपर्यं १८ ॥ जीवा णं भंते! किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्टी सम्मामिच्छादिट्ठी १, गो० जीवा सम्मादिद्वीवि मिच्छादिद्वीवि सम्मामिच्छादिट्ठीवि, एवं नेरइयावि, असुरकुमारावि, एवं चैव जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइया णं पुच्छा, गो० ! २ णो सम्मादिट्ठी मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी, एवं जाव वणस्सइकाइया, वेइंदियाणं पुच्छा, गो०! बेईदिया सम्मादिट्ठी मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्टी, एवं जाव चउरिंदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा वाणमंतरजोइसियवेमाणिया य सम्मादिद्वीवि मिच्छादिद्वीवि सम्मामिच्छादिट्ठीवि, सिद्धा णं पुच्छा, गो० ! सिद्धा सम्मादिट्टी णो मिच्छादिट्टी णो सम्मामिच्छादिट्ठी । २५५ ॥ सम्मत्तपयं १९ ॥ 'नेरइय अंतकिरिया अ णन्तरं एगसमय उच्बट्टा। तित्थगरचक्किबलदेववासुदेवमंडलियरयणा य ॥ २१३ ॥ दारगाहा जीवे णं भंते! अंतकिरियं करेजा ?, गो० ! अत्थेगइए करेजा अत्थेगतिए णो करेजा, एवं नेरइए जाव वैमाणिए, नेरइए णं भंते! नेरइएस अंतकिरियं करेज्जा ?, गो०! नो इणट्टे समट्टे, नेरइया णं भंते! असुरकुमारेस अंतकिरियं करेज्जा ?, गो०! नो इण्डे समट्ठे, एवं जात्र माणिएस, नवरं मणूसेसु अंतकिरियं करेज्जत्ति पुच्छा, गो० ! अत्येगतिए करेज्जा अत्येगतिए णो करेज्जा, एवं असुरकुमारा जाव वैमाणिए एवमेव चडवीस २ दंडगा भवन्ति । २५६ । नेरइया णं भंते! किं अनंतरागया अंतकिरियं करेंति परंपरागया अंतकिरियं करेंति ?, गो०! अनंतरागयावि परंपरागयावि अंतकिरियं करेति एवं रयणप्पभा० जाव पंकप्प भा० नेरइया, धूमप्पभा० नेरइयाणं पुच्छा, गो० णो अनंतरागया, परंपरागया अंतकिरियं पकरेंति, एवं जाव आहेस तमा, असुरकुमारा जाव यणियकुमारा पुढवी आउवणस्सइकाइया य अणन्तरागयावि परंपरागयावि अंतकिरियं पकरेंति, तेउवाउबेइंदियतेइंदियच उरिंदिया णो अनंतरागया परंपरागया अंतकिरियं पकरेंति, सेसा अनंतरागयावि परंपरागयावि अंतकिरियं पकरेंति । २५७। अणंतरागया नेरइया एगसमये केवइया अंतकिरियं पकरेंति ?, गो० जह० एगो वा दो वा तिमि वा उक्को० दस, स्यणप्पभापुढवीनेरइयावि एवं चैव जात्र वालुयप्पभा०, , अतः भंते! पंकपभापुढवी० एगसमएणं केवतिया अंत० पकति ?, गो० जह० एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्को: चत्तारि, अणन्तरागया णं भंते! असुरकुमारा एगसमये केवतिआ अंतः पकति ?, गो० जह० एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्को० दस, अनंत णं भंते! असुरकुमारीओ एगस केव: अंतः पकरेंति ? गो० जह० एक्को या दो वा तिन्नि वा उक्को पंच एवं जहा असुरकुमारा सदेवीया तहा जाव थणिअ०, अनंतरागया णं भंते पुढवी० एस० केवइया अंतकिरियं पकरेंति ? गो! जह एक्को बा दो वा तिन्नि वा उक्कोः चत्तारि एवं आउकाइयावि चत्तारि वणस्सइकाइया उच्च पंचिंदियतिरिक्ख जोणिया दस मणुस्सा दस मणूसीओ वीस वाणमंतरा दस वाणमंतरीओ पंच जो इसिआ इस जोइसिणीओ वीसं वैमाणिआ अनुसयं वैमाणिणीओ वीसं । २५८ । नेरइए णं भंते! नेरइए हिंतो अनंतरं उच्चट्टित्ता नेरइएस उबवजेजा ? गो० नो इण्डे समहे. नेरइए णं भंते! नेरइएहिंतो अनंतरं उचट्टित्ता असुरकुमारेसु उव० ?, गो० ! नो इणट्टे समट्ठे, एवं निरंतरं जाव चउरिदिए पुच्छा, गो०! नो इणट्टे समट्ठे. नेरइए णं भंते! नेरइएहितो अनंतर (१८७) ७४८ प्रज्ञापना, पद-२० मुनि दीपरत्नसागर ७ Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उच्च० पंचिंदियतिरिएमु उवव०?, अत्येगतिए उव अत्येगइए णो उव०, जे णं भंते! नेरइएहितो अणंतरं० पंचिंदियतिरि० उववजेज्जा सेणं भंते ! केवलिपनत्तं धम्म लभेजा सवण याए?, गो० अत्यंगतिए लभेज्जा अत्ये० यो लभेज्जा, जे णं भंते ! केवलिपचतं धर्म लभेज्जा सवणयाए से णं केवलं बोहिं बुजोज्जा ?, गो०! अत्यंगतिए मुझेज्जा अत्थे•णो०, हा जेणं भंते ! केवलं बोहिं बोज्जा से णं सहहेज्जा पत्तिएज्जा रोएज्जा?, गो! सद्दहेज्जा पत्तिएज्जा रोएज्जा, जे णं भत! सदहेज्ज्जा पत्तिएजा रोएजा से णं आभिणियोहिय. नाणसुयणाणाई उप्पाडेजा,हता गो०! उप्पाडेजा, जेणं भंते ! आभिणिचोहियनाणसुयनाणाई उप्पाडेज्जा से णं संचाएज्जा सीलं वा वयं वा गुणं वा वेरमण वा पच्चक्खाणं वा पोसहोववास वा पडिवज्जित्तए?, गो०,अत्येगतिए संचा. अत्थे० णो संचाएज्जा, जे णं भंते! संचाएज्जा सीलं वा जाव पोसहोववास वा पडिवजित्तए से णं ओहिनाणं उप्पाडेज्जा!, गो०! अत्ये० उप्पाडेज्जा अत्येगतिए णो०, जे ण मंते ! ओहिनाणं उप्पाडेज्जा से णं संचाएज्जा मुंडे मवित्ता आगाराओ अणगारियं पवइत्तए?, गो०! नो इणढे समढे, नेरइए णं मते ! नेहएहिंतो अर्णत उपद्वित्ता मणस्सेसु उववजेजा. गो! अत्येगतिए उव० अत्येकणो उव०, जेणं भंते ! उव० से णं केवलिपमत्तं धम्म लभेजा सवणयाए?, गो! जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु जाव जे णं भंते ! ओहिनाणं उप्पाडेजा से णं संचाएजा मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पञ्चइत्तए?, गो! अत्येगतिए संचाएजा अत्थे० णो संचाएजा, जेणे भंते ! संचाएजा मुण्डे भवित्ता आगाराओ अणगारिय पचहत्तए से णं मणपजवनाणं उप्पाडेजा, गो०! अत्थे• उप्पा० अत्ये० णो उप्पा०, जे णं भंते ! मणपज्जवनाणं उप्पा सेणं केवलनाणं उप्पा, गो! अत्ये० उप्या० अत्ये०णो उपा०,जेणं मते! केवलनाणं उप्पा० से णं सिझेज्जा बुझेज्जा मुच्चेज्जा सबदुक्खाणं अंतं करेज्जा?, गो! सिझेज्जा जाव सबदुक्खाणमंतं करेज्जा, नेरइए णं भंते ! नेरइएहितो अणंतरं उच्चट्टित्ता वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु उव०?, गो० नो इणढे समढे । २५९। असुरकुमारे णं भंते ! असुरकुमारेहिंतो अणंतरं उपट्टित्ता नेरइएसु उब०, गो० नो इणढे समढे, असुरकुमारे णं भंते ! असुरकुमारेहितो अणंतरं उच्चट्टित्ता असुरकुमारेसु उव०१, गो० नो इणढे समढे, एवं जाव थणियकुमारेसु, असुरकुमारे णं भंते! असुरकुमारेहिंतो अणंतर उपट्टित्ता पुढवीकाइएसु उववज्जेज्जा ?, गो०! अत्गइए उववजेज्जा अत्थेगतिए णो उव०, जे णं मंते ! उव० से ण केवलि धम्म लभेजा सपणयाए ?, गो० नो इणढे समढे, एवं आउवणस्सईसुवि, असुरकुमाराणं भंते! असुरकुमारेहितो अणंतरं उन्नट्टित्ता तेउवाउवेइंदियतेइंदियचउरिदिएसु उववजेज्जा ?, गो० नो इणद्वे समढे, अवसेसेसु पंचसु पंचिंदियतिरिक्खजोणियाइसु असुरकुमारेसु जहा नेरहओ एवं जाव थणियकुमारा ।२६०। पुढवीकाइए णं भंते ! पुढवीकाइए. हितो अर्णवर उवाहिता नेरइएसु उववज्जेजा, गो! नो इण? समडे, एवं असुरकुमारसुवि, जाव थणियकुमारसुवि, पुढवीकाइए णं मंते! पुढवीकाइएहितो अर्णतरं उबंहिता पुढवी. काइएम उववजेजा?, गो अत्येगतिए उववजेजा अत्येगतिए णो उववजेजा. जे ण मते ! उववजेजा से ण केवलिपलआउक्काइदिसु निरंतरं माणिय जाव चउरिदिएसु, पंचिंदियतिरिक्खजोणियमणुस्सेसु जहा नेरइए, वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु पडिसेहो, एवं जहा पुढवीकाइओ भणिओ वहेब आउकाइओवि जाव वणस्सइकाइओवि माणियचो, तेउकाइए णमंते ! तेउकाइएहितोअर्णवरं उमट्टित्ता नेरइएमु उववजेजा?, गोणो इणढे समढे, असुरकुमारेसुवि जाव धणियकुमारसु, पुढवीकाइजआउवाउतेउवणवेइंदियतेइंदियचठरिदिएसु अत्येगतिए उवक्जेजा अत्येगतिएणो उववजेजा, जे गं भंते! उववजेजा से गं केवलिपनत्तं धम्म लभेजा सवणयाए?, गो० नो इणढे समढे, तेउवाइए ण मंते ! तेउकाइएहितो अणंतर उपट्टित्ता पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववजेज्जा?, गो०! अत्येगइए उववज्जेज्जा अत्येगइए णो उववज्जेज्जा, जे० से णं केवलिपनत्तं धम्म लभेज्जा सवणयाए?, गो०! अत्येगइए लभेज्जा अत्ये०णो लभेज्जा, जेणं भंते ! केवलिपचत्तं धम्म लभेज्जा सवेणयाए सेणं केवलिं बोहिं बुझेज्जा ?, गो०! णो इणढे समढे, मणुस्सवाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु पुच्छा, गो०! को इणढे समढे, एवं जहेव तेउवाइए निरंतरं एवं वाउकाइएवि।२६१। वेईदिए णं भंते ! बेईदिएहितो अर्णतरं उच्चट्टित्ता नेरइएसु उववज्जेज्जा?, गो०! जहा पुढवीकाइआ नवरं मणुस्सेसु जाव मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा, एवं तेइंदिया चउरिदियावि जाव मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा, जे ण मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा से णं केवलनाणं उप्पाडेज्जा ?, गो०! नो इणढे समढे ।२६२। पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! पंचिंदियतिरिक्सजोणिएहितो रस उववज्जेज्जा,गो! अत्येगडए उववज्जेज्जा अत्येगहएणो उववज्जेज्जा, जे०से केवलिपण्णधम्म लभेजा सवणयाए, मो अत्येगहए लभेज अत्येगइए णो लमेज्जा, जे णं केवलिपचतं धम्म लमेजा सवणयाए से णं किं केवलिं बोहिं बुजोजा?, गो०! अत्यंगतिए पुज्झज्जा अत्येगतिए णो बुझेज्जा, जे णं भंते! केवलिं बोहिं बुज्झज्जा से गं सदहेज्जा पत्तिएज्जा रोएज्जा ?, हंता गो० जाव रोएज्जा, जे ण मते! सदहेज्जा से गं आमिणियोहियनाणसुयनाणओहिनाणाई उप्पाडेज्जा १, हेता गो ७४९ प्रज्ञापना, पद-२० मुनि दीपरनसागर Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - K At-AL. 2 जाव उप्पाडेजा, जेणं भंते! आभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणाई उप्पाडेजा से णं संचाएजा सीलं वा जाव पटिवजित्तए ?, गोणो इणट्टे समझे, एवं असुरकुमारेसुचि जाव थणियकुमारेसु, एगिदियविगलिंदिएसु जहा पुढवीकाइआ, पंचिदियतिरिक्खजोणिएसु मणुस्सेसु य जहा नेरइए, वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु जहा असुरकुमारे । दारं ४।२६३ । रयणप्पभापुढवीनेरइए णं भंते ! रयण नेरइएहितो अणंतरं उञ्चट्टित्ता तित्थगरतं लभेजा ?, गो! अत्थेगइए लभेजा अत्थे० णो लभेजा, से केणट्टेणं भने एवं वुच्चइ-अस्थेगइए लभेजा अत्थेगइए णो लभेजा ?, गो०! जस्स ण रयण नेरइअस्स तित्यगरनामगोयाई कम्माईबदाई पुट्टाई निधत्ताई कडाई पट्टवियाई निविट्ठाई अभिनिविट्ठाई अभिसमन्नागयाई उदिनाई णो उवसंताई हवंति से णं रयण नेरइए रयण नेरइएहितो अणंतरं उच्चट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा, जस्स णं रयण नेरइयस्स तित्थगरनामगोयाई णो बढ़ाई जाव णो उदिन्नाई उक्संताई हवंति से णं रयणनेरइए रयणम्नेरइएहितो अणंतरं उपट्टित्ता तित्थगरत णो लभेजा, से तेणट्टेणं गो० एवं बुबइ-अत्यंगतिए लभेज्जा एवं सकरप्पभाजाववालयप्पभापुढवीनेरइए. हितो तित्वगरतं लभेज्जा, पंकप्पभापुढवीनेरइए ण मंते ! पंकप्पभा०हिंतो अणंतरं उच्चट्टित्ता तित्थगरतं लभेज्जा?, गो० णो इणट्टे समटे, अंतकिरियं पुण करेग्जा, धूमप्पभापुढवीपुच्छा. गो०! णो इणडे समढे, सबबिरई पुण लभेज्जा, तमप्पमापुढचीपुच्छा, विरयाविरई पुण लभेज्जा, अहेसत्तमपुटवीपुच्छा, गोणो इण? समद्वे, रु कुमारस्स पुच्छा, गो०! णो इणडे समढे, अंतकिरियं पुण करेज्जा,एवं निरंतरं जाव आउकाइए, तेउकाइएणं भंते! तेउक्काइएहितो अणंतरं उपट्टित्ता तिथल्लभेज्जा?, गो० णो०(तिरिय०) केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाएत्ति, एवं वाउकाइएवि. वणस्सइकाइए णं पुच्छा, गो०! णो ति०, अंतकिरियं पुण करेज्जा. वेइंदियतेइंदियचउरिदिए ण पुच्छा, गो० नो निक मणपज्जवनाणं उप्पाडेज्जा, पंचिंदियतिरिक्खजोणियमणूसवाणमंतरजोइसिए णं पुच्छा, गो०! णो ति०, अंतकिरियं पुण करेज्जा, सोहम्मगदेवेणं भंते! अणंतरं चयं चइत्ता नित्यगरतं लभेज्जा?, गो! अत्थेला अत्थे नो ल०एवं जहा स्यणप्पभापुढवीनेरहए एवं जाव सबद्दसिद्धगदेवे ।२६४ा स्यणप्पभापुढवींनेरइए णं भंते ! अणंतरं उबत्तिा चक्कपट्टित्तं लभेजा?, गो अत्येलभेजा अत्येकनोलभेजा, से केणट्टेणं भंते! एवं बुल, गो! जहा रयणप्पभापुढवीनेरइयस्स तित्वगरते, सकरप्पभानेरइए अर्णतरं उबडित्ता चक्रवट्टितं लभेजा, गो०! णो वि०, एवं जाव अधेसत्तमापुढवीनेरइए, तिरियमणुएहितो पुच्छा, गो०! णो ति०, भवणबइवाणमंतरजोतिसियवेमाणिएहितो पुच्छा, मो०! अत्ये० ल. अत्ये० नो लभेजा, एवं बलदेवत्तपि, णवरं सक्करप्पभापुढवीनेरइएवि लभेजा, एवं वासुदेवत्तं दोहितो पुढवीहिंतो वेमाणिएहितो य अणुत्तरोववाइयवजेहितो, सेसेस नो ति.मंड. लियत्तं अधेसत्तमातेउवाऊवजेहितो, सेणावइस्यणत्तं गाहावइरयणतं बड्ढतिस्यणतं पुरोहियस्यणतं इस्थिरयणतं च एवं चेब, णवरं अणुत्तरोबवाइयवज्जेहिंतो, आसरयणत्तं हत्थिरयणतं रयणप्पभाओ णिरंतरं जाव सहस्सारो, अत्०लभेज्जा अत्थे० नोलभेजा, चक्करयणतं छत्तस्यणत्तं चम्मरयणतं दंडस्यणतं असिरयणत्तं मणिस्यणतं कागिणिस्यणत्तं एतेसिं र्ण असुरकुमारेहितो आरद निरंतरं जाव ईसाणाओ उववाओ, सेसेहितो नो तिणट्टे समझे।२६५। अह भंते! असंजयभवियदश्वदेवाणं अविराहियसंजमाणं विराहियसंजमार्ण अविराहियसंजमासंजमाणं विराहियसंजमासंजमाणं असण्णीणं तावसाणं कंदप्पियाणं घरगपरिवायगाणं किबिसियाणं तेरिच्छियाणं आजीवियाणं आभिओगियाणं सलिंगीणं दसणवाव पणगाणं देवलोमेसु उक्वजमाणाणं कस्स कहिं उववाओ पं०१, गो, असंजयभवियदश्वदेवाणं जहण्णेणं भवणवासीसु उक्को उवरिमगेवेजएसु अविराहियसंजमार्ण जह सोहम्मे कप्पे * उको सबट्टसिद्धे विराहियसंजमाणं जह• भवणवासीसु उक्को० सोहम्मे कप्पे अविराहियसं जमासंजमाणं जह० सोहम्मे कप्पे उक्को० अचुए कप्पे विराहितसंजमार्सजमाणं ज० भवणवासीसु उक्को जोतिसिएसु असन्त्रीणं जहन्नेणं भवणवासीमु उ० वाणमंतरेसु तावसाणं ज० भवणवासीम उक्को जोइसिएसु कंदप्पियाणं जाभवणवासीसु उ० सोहम्मे कप्पे चरगपरिवायगाणं जभवणवासीसु उ० बंभलोए कप्पे किब्बिसियाणं जह सोहम्मे कप्पे उ०लंतए कप्पे तिरिच्छियाणं जह• भवणवासीसु उ० सहस्सारे कप्पे आजीवियाणं ज. भवणवासीसु उ० अनुए कप्पे एवं आभिओगियाणवि सलिंगीर्ण दसणवावण्णगाणं जक भवणवासीसु उ० उपरिमगेवेजएसु ।२६६। कतिविहे णं भते! असणियाउए पं०?, गो! चउविधे असण्णिआउए पं० त०- नेरइयअसण्णियाउए जाच देवअसण्णियाउए, असण्णी णं भंते ! जीवे किं नेरइयाउयं पकरेति जाव देवाउयं पकरेति?, गो० नेरइयाउयं पकरेति जाव देवाउयं पकरेति, नेरइयाउं पकरेमाणे जह० दस वाससहस्साई उ० पलिओवमस्स असंखेजइभागं पकरेति तिरिक्खजोणियाउयं पकरेति तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे जहा अंतो० उक्को० पलितोवमस्स असंखेजहभागं पकरेति, एवं मणुस्साउयंपि, देवाउयं जहा नेरइयाउयं, एयस्स णं भंते ! नेरहयअसण्णिआउयस्स जाब देवअसण्णिआउयस्स कतरे०१, गो०! सबथोवे देवअसण्णियाउए मणूसअसण्णिआउए असखेजगुणे तिरिक्खजोणियअसपिणआउए असंखे० नेरइयअसण्णिआउए असंखे०।२६७॥ अन्तकिरियापर्य २०॥ विहिसंठा७५० पज्ञापना पद- २१ मुनि दीपरत्नसागर ***** 016 Ss * Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पमाणे पोग्गलचिणणा सरीरसंजोगो । दश्वपएसऽप्पबहुं सरीरओगाहणऽप्पबहुं ॥२१४ ॥ कति णं भंते! सरीरया पं०?, गो०! पंच सरीरया पं० २० ओरालिए वेउथिए आहारए श्री तेयए कम्मए, ओरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो० पंचविधे पं० तं०-एगिदियओरालियसरीरे जाव पंचिंदिय०, एगिदियओरा० णं भंते! कतिविधे पं०?, गो० पंचविहे पं० तं०- पुढवीकाइएगि० जाव वणप्फइकाइय०, पुढवीकाइयए० णं भंते! कतिविधे पं०?, गो०! दुविहे पं० २०-सुहुमपुढवीकाइय० यबादरपुढवीकाइय० य, सुहुमपुढवीकाइयएगिक गंभंते! कतिविधे पं०?, गो०! दुविहे पं० सं०-पज्जत्तगसुहुमपुढवीकाइ० य अपज्जत्तगसुहुमपुढवी० य, वादरपुढवीकाइयावि एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइयएगिदियओरालियत्ति, बेइंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो०! दुविधे पं० सं०-पज्जत्तवेइंदि० य अपज्जत्तगवेईदिय० य, एवं तेईदिया चरिंदियावि, पंचिंदियओरालियसरीरे ण मंते! कतिविधे पं०?, गो०! दुविधे पं० त०-तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरा० मणुस्सपंचिंदियओरा०, तिरिक्खजोणियपंचिं०णं भंते! कतिविधे पं०१, गो०! तिविघे ५० त०-जलयरतिरिक्खा पलयरतिरिक्ख० खयरति०, जलयरतिरि ओरालियसरीरेण भंते ! कतिविधे पं०?, गो०! दुविधे पं० त०-समुच्छिमजल० गम्भवतिजलयरपंचिं०, समुच्छिमजल मंते! कतिविधे पं०?, गो०! दुबिहे पं० तं०- पजत्तगसमुच्छिमपंचिं० अपजत्तगसमुच्छिम०, एवं गम्भवतिएवि, थलयरपंचिं०ओरालियसरीरे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो०! दुविहे पं० तं०-चउप्पयथलयरतिरि० परिसप्पथलतिरि०, चउप्पयथलयरतिरि० णं भंते ! कतिविधे पं०?, गो०! दुविहे पं० सं०-समुच्छिमथलयरचउप्पयतिरि० गम्भवतियचउप्पयथल०, संमुच्छिमचउ० ! दविधे पं०२०-पज्जत्तसंमच्छिमचउ० अपजत्तसमुच्छिमचउप्पयथल०, एवं गम्भवतिएवि, परिसप्पथलयरतिरि० कतिविधे पं०?, गो०! दुबिहे पं०तं०-उरपरिसप्पथल भुयपरिसप्पथल० य, उरपरिसप्पथल० भंते ! कतिविधे पं०१, गो०! दुविहे पं००-समुच्छिमउर गम्भवतियउर०, संमुच्छिमे दुबिहे पं० त० अपज्जत्तसंमु०पजत्तसं. मुच्छिम०, एवं गम्भवतियउरपरिसप्प०, चउकतो भेओ, एवं भुयपरिसप्पावि समुच्छिमगम्भवक्कतिया पज्जत्ता अपज्जत्ता य, सहयरा दुविधा ५००-समुच्छिमा य गम्भवक्कतिया य, संमुच्छिमा दुविधा पं० त० पज्जत्ता अपज्जत्ता य, गम्भवक्कंतियाबि पज्जत्ता अपज्जत्ता य, मणूसपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो०! दुबिहे पं००.स समुच्छिममणूस य गम्भवक्कंतियमणू०, गम्भवक्कैतियमणूस ओरालियसरीरे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो०! दुविहे पं० त०-पजत्तगगम्भवक्कंतियमणूस अपजत्तगगम्भ०मणूसपंचिं०।२६८। ओरालियसरीरेणं भेते ! किंसंठिते पं०?, गो०! णाणासंठाणसंठिते पं०, एगिदियओरा० किंसंठिते पं०?, गो० णाणासंठाणसंठिते पं०, पुढवीकाइय० किंसंठिते पं०?, गो० मसूरचंदसं०५०, एवं सुहुमपुढवीकाइयाणवि बादराणवि, एवं चेव पज्जत्तापज्जत्ताणवि, आउकाइयएगिदियओरा० भंते! किंसंठिते पं०१, गो०! थिचुकबिंदुसं० पं०, एवं सुहुमबादरपज्जत्तापज्जत्ताणवि, तेउ० किसंठिते पं०?, गो! सूईकलावसं०५०,एवं मुहुमवादरपज्जत्तापज्जत्ताणवि, वाउकाइयाणवि पडागासं०, एवं सुटुमचादरपज्जत्तापज्जत्ताणवि, वणप्फडकाइयार्ण णाणासं०५०, एवं सुहमवादरपज्जत्तापजत्ताणवि, बेइंदियओरा० मत! किंसंठिए पं०?, गो हुंडर्स०, एवं पज्जत्तापज्जत्ताणवि, एवं तेइंदियचउरिदियाण पंचिदियतिरिक्खजोणियओरा भंते ! किंसंठिए पं०१,गो! छविहे पं० तं०-समचउरंस जाब हुँडसठाणसंठितेवि, एवं पज्जत्तापजत्ताणवि, समुच्छिमतिरिक्व०किंसंठिए पं०१, गो०! हुंडर्स०५०, एवं पज्जत्तापज्जत्ताणवि, गम्भवतियतिरिक्ख भंते ! किंसंठिए पं०१, गो! छविहसंठाणसंठिए पं० तं०-समचाउरंससं० जाव हुंडसंठा०, एवं पज्जत्तापज्जत्ताणवि, एवमेते तिरिक्खजोणियाणं ओहियाणं णव आलावगा, जलयरपं० भंते! किंसंठिया पं०?, गो! छविहसंठाणे ५००-समचउरंसे जाव हुंडे,एवं पजत्तापजत्ताणवि, समुच्छिमजलयरा हुंडसंठाणसंठिता, एतेसिं चेव पज्जना अपजत्तगावि एवं थेव, गम्भवतियजलयरा छविहसंठाणसंठिता एवं पज्जत्तापज्जत्ताणवि, एवं थलयराणविणव सुत्ताणि, एवं चउप्पयथलयराणवि उरपरिसप्पथलयराणवि भुयपरिसप्पथलयराणवि, एवं सहयराणवि णव सुत्ताणि, नवरं सवत्य संमुच्छिमा हुंडसंठाणसंठिता भाणितवा, इयरे छसुवि, मणूसपंचिंदिय० णं भंते! किंसंठिए पं०?, गो! छविहसंठाणसंठिते ५०० समचाउरंसे जाव हुंडे, पजत्तापजत्ताणवि एवं चेव, गब्भवक्कंतियाणवि एवं चेव, पजत्तापजत्ताणवि एवं चेव, संमुच्छिमाणं पुच्छा, गो०! हुंडसंठाणसंठिता पं०।२६९। ओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं०१,गोजह अंगुलस्स असंखेजतिभागं उको० सातिरेगं जोयणसहस्सं, एगिदियओरालि. यस्सवि एवं चेव जहा ओहियस्स, पुढवीकाइयएगिदियओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं०?, गो०! जह० उ० अंगुलस्स असंखेजतिभागं, एवं अपजत्तयाणवि पज्जत्तयाणवि, एवं सुहुमाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं, बादराणं पज्जत्तापज्जत्ताणवि, एवं एसो नवओ भेदो जहा पुढविक्काइयाणं तहा आउकाइयाणवि तेउकाइयाणवि बाउक्काइया - णवि, वणस्सइकाइयओरालियसरीरस्स णे भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं०१, गो० ज० अंगुलस्स असंखेजतिभागं उक्को सातिरेगं जोअणसहस्सं अपज्जत्तगाणं जह• उक्को० ७५१ प्रज्ञापना, पढ़-०२१ मुनि दीपरत्नसागर Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 444 अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं, पज्जत्तगाणं जह• अंगुलस्स असं उनको सानिरगं जोयणसहस्सं. बादराणं जह: अंगुलस्स असं, उक्को जोअणसहसं सानिरंग, पञ्जनाणवि एवं चेव, अपज्जत्ताणं जह• उको अंगुलस्स असं०. सुहुमाणं पज्जनापज्जनाण य तिण्हवि जहा उक्को अंगुलस्स असं, बेईदियोरा भने ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं.?, गो०! जह० अंगुलस्स असं० उक्को बारस जोअणाई, एवं सवत्थवि अपज्जनयाणं अंगुलम्स असंखेर जहण्णेणवि उक्कोसेणवि. पज्जत्तगाणं जहेब ओरालियम्स ओहियम्स, एवं तेईदियार्ण तिण्णि गाउयाई चाउरिदियार्ण चत्तारि गाउयाई पंचिंदियतिरिक्खजोणियार्ण उको जोयणसहस्सं, एवं संमच्छिमाणं, गम्भवकनियाणवि एवं चेव नवओ भेदो भाणियो, एवं जलयराणवि जोयणसहस्सं, नवओ भेदो, थलयराणवि णव भेदा उको छ गाउयाई, पज्जत्तगाणवि एवं चेव, समुच्छिमार्ण पज्जनगाण य उको गाउयपुहत्तं, गम्भवतियाणं उकोछ गाउयाई पज्जत्ताण य, ओहियचउप्पयपज्जत्तगम्भवक्कतियपज्जत्तयाणवि उस्को छ गाउयाई, समुच्छिमाणं पज्जत्ताण य गाउयपुहुनं उक्को०, एवं उरपरिसप्पाणवि, ओहियगम्भवक्कतियपज्जत्तगाणं जोयणसहस्सं, संमुच्छिमाणं पज्जत्ताण य जोयणपुहुतं, भुयपरिसप्पाणं ओहियगम्भवक्कंतियाणवि उक्को गाउयपुहुर्त, समुच्छिमार्ण धणपटुत्तं, खहयराणं ओहियगम्भवक्कतियाणं संमुच्छिमाण य तिण्डपि उक्को घणुपुत्तं, इमाओ संगहणिगाहाओ-'जोयणसहस्स छग्गाउयाई तत्तो यजोअणसहस्स। गाउयपुहुत्त भुयए धणुह. पुहुत्तं च पक्खीसु ॥२१५॥ जोयणसहस्स गाउयपृहुत्त तत्तोय जोअणपुहुत्तं । दोण्हं तु धणुपुहुत्तं समुच्छिमे होति उच्चत्तं ॥२१६॥ मणूसोरालियसरीरस्सणं भंते! केमहालिया०५०१, गो०! जह० अंगु० असं० उक्को० तिण्णि गाउयाई, एवं अपजत्तार्ण जहरू उको अंगुलस्स असं०, संमुच्छिमाणं जह• उक्को अंगुलस्स असं०, गम्भवतियाण पज्जत्ताण य जह• अंगुलस्स असं० उको तिष्णि गाउयाई।२७०। वेउवियसरीरेणं भंते ! कतिविधे पं०?, गो०! दुविधे पं० तं०-एगिदियवेउब्वियसरीरे य पंचिंदियवेउ०, जति एगिदियवेउ० किं वाउकाइए. गिदियवे० अवाउकाइय०१,गो०! बाउकाइयएगिदिय० नो अवाउक्काइय०, जइ वाउकाइयवेउब्वियसरीरे किं सुहमवाउक्काइय० बायरवाउ०१, गोनो सुहुमवाउ० बादरवाउ०, जह बादरवाउक्काइयएकिं पजत्तबादरवाउ० अपज्जत्त०?, गो०! पज्जत्तवादरखाउ० नो अपनत्तवादरवाउन देवपंचिंडियवेडडिया, जड नेरायः किं रयणप्पभापढवी जाव किं अधेसत्तमापढवी०१ गो० रयणप्पभापढवीनेरचय जाव अधेसत्तमा वेउष्ट्रियस. रीरेऽवि, जइ रयणप्पभापुढवीनेरहयविउवियसरीरे किं पजत्तगस्य अपजत्तगरयणप्पभा०, गो! पजत्तगरयणप्पभापु० अपजत्तगरयणप्पभापु०, एवं जाव अधेसत्तमाए दुगतो भेदो माणितत्रो, जइ तिरिक्खजोणिय० किं समुच्छिमपं तिरिवेउ० गम्भवक्कंतियतिवे?, गो० नो समुच्छिमपं ति गम्भवक्कतियपंचि०नि०, जति गम्भवक्कतियपंचिं. दियति० किं संखेजवासाउयगम्भवतिय० असंखिजवासाउयग?, गो! संखेजवासाउयगम्भ पनि वेव्स नो असंगभ पंचिंतिरि०वेउ०स०, जड़ संखिजगभ०पंचिं० ति० किं पजत्तगसं० अपजत्तगसंग०५०वि०, गो० पज संग नो अपसंगम्भ०, जइ संखेजवासा किं जलयरगम०पं०नि० थलयरसं० खहनरसं०?, गो०! जलयरसंग पं०थलयरसं०खहयरसं०,जह जलयरसं०किं पज्जत्तगजलयरसं० अपजत्त?.गो० पजत्तजलयरसंगभ० नो अपजत्तसं जलयरग०, जति थलयरपंचि०सरीरे किं चउप्पयजावसरीरे किं परिसप्पजाव०१, गो०! चउप्पयजावसं० परिसप्पजावसं०, एवं सजेसिं णेय जाव खहयराणं पज्जनाणं नो अपजनाणं, जति मणूसपंचिंदियवेउ सरीरे किं समुच्छिममणूस. गम०म० वेउधियसरीरे ?. गो०! णो समुच्छिम० गम्भवतियम०पे०सरीरे, जइ गभ० किं कम्मभूमग अकम्मभूमग अंतरदीवग०, गो कम्मभमगगमणो अकम्मभूमगणों अंतरदीवम०, जइ कम्मभूमगगभ० किं संखेजवासाउयकम्मर असं कम्मभूमग?, गो! संखे कम्मभमगगम्भक नो असं कम्मभूमगर, जति संखेकम्मकि पजत्तयसंखे० क०म० अपजत्तगसंक०ग.?.गो०! पजत्तसं कानो अपजनसंकग०म०,जइ देवपंचिदियवेउवियसरीरे किं भवणवासिदेव जाच वेमाणियदेव,गोभवणवासिदेव० जाव वेमाणियदेव०, जइ भवणवासिदेवः किं असुरकुमारभवः जाव धणियकुमारभवः, गो असुरकुमार जाच थणियकुमारवेऽश्चियसरीरेवि, जइ असुरकुमारदेव० किं पजनगअसुर अपजत्तगअसुरकुमारभवण?, गो० पज्जतअसुर० अपजनगअसुर एवं जाय थणियकुमाराणं. दुगनो भेदो, एवं वाणमंतराणं अढविहाणं जोतिसियाणं पंचविहाणं, वेमाणिया दु. विहा-कप्पोवगा कप्पातीता य, कप्पोवगा बारसविहा, नेसिपि एवं चेव दुहनो भेदो. कप्पानीना दुविहा गेवेनगा व अणुनरोववाइया य, गेवेनगा णविहा अणुनरोबचाइया पंचविहा, एतेसि पज्जत्तापजत्ताभिलावेणं दुगतो भेदो भाणियो। २७१। वेरश्चियसरीरेण भने ! किसंहिते पं०, गो० णाणासंठाणसंठिते ५०, बाउकाइयएगिदियवउभियसरीरेणं भंते ! किंसं. ठिते पं०?, गो०! पडागासंठाणसंठिते पं०, नेरइयपंथिंदियवेउधियसरीर ण भंते ! किसंठिए पं००, गो, नेरइयपंचिंदियदेउ० दुबिधे पंतं भवधारणिज्जे य उत्तरचे उत्रिए य. नन्थ णं जे से भवधारणिज्जे से णं हुंडसंठाणे पं०, तत्थ णं जे से उत्तरचेउविते सेवि हुंडसंठिए पं०, स्यणप्पभापुढवीनेरइयपंचिकणं भंने! किंसंठिए पं०, गोरयणप्पभापुढ० (१८८) 1 ७५२ प्रज्ञापना, ३-०२१ मुनि दीपरत्नसागर Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दुविधे सरीरे पं० त०-भवधारणिज्जे य उत्तरखेउबिए य, तत्य णं जे से भवधारणिज्जे से णं हुंडे, जे से उत्तरवेउविते सेवि हुंढे, एवं जाव अधेसत्तमापुढवीनेरइसकेउवियसरीरे, तिरि. क्खजोणियपं०वेउ०सरीरेणं भंते ! किंसंठिए पं०१, गो०! णाणासंठाण. पं०, एवं जाव जलयस्थलयस्खयराणवि, थलयराणवि चउपयपरिसप्पाणवि परिसप्पाणवि उरपरिसप्पभुयपरिसप्पाणवि, एवं मणूसपंचिदियवे०सरीरेवि, अमुरकुमारभवणवासिदेव० णं भंते ! किंसंठिते पं०१ गो० असुरकुमाराणं देवाणं दुविहे सरीरे पं० २०. भवधारणिज्जे य उत्तरखेउविते य, तत्थ णं जे से भवधारणिज्जे से गं समचाउरंससंठाणसंठिए पं०, तत्थ णं जे से उत्तरखेउचिए से ण णाणासंठाणसंठिए पं०,एवं जाव थणियकुमारदेवपंचिदियवेउपियसरीरे, एवं वाण. मंतराणवि गवरं ओहिया पाणमंतरा पुच्छिनति, एवं जोतिसियाणवि ओहियाणं, एवं सोहम्मे जाव अचुयदेवसरीरे, मेकेजगकप्पातीतवेमाणियदेवपंचिदियवेउपियसरीरेणं भंते ! किंसं. ठिते ५०१, गो०! गेवेजगदेवाणं एगे भवधारणिजे सरीरे, से गं समचउरंससंठाणसंठिते पं०, एवं अणुत्तरोववाइयाणवि।२७२। बेउवियसरीरस्स गं भंते ! केमहालिया सरीराचगाहणार पं०१, गो० जह• अंगुलस्स असं० उफ्को सातिरेग जोयणसयसहस्स, वाउक्काइयवेउवियसरीरस्स णं मंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं०१, गो०! जह• अंगुलस्स असं० उक्को अंगुलस्स असं०, नेरदयपंचिंदियवे. गं भंते ! केमहा०५०१, गो०! दुविहा पं० त०-भवधारणिजा य उत्तरखेउविया य, तत्थ णं जा सा भव० सा जह• अंगुलस्स असंखेजतिभागं उक्को० पंचधणुसयाई, तत्थ णं जा सा उत्तर० सा जह• अंगुलस्स संखेजतिमार्ग उक्को० घणुसहस्स, स्यणप्पभापुढवीनेहयाणं भंते ! केमहा०५०?, गो०! दुविहा पं० सं०-भवधारिणिज्जा य उत्तरखेउधिता य, तत्य णं जा सा भवधारणिज्जा सा जह• अंगु० असं० उक्को सत्त घणूई तिषिण रयणी छच अंगुलाई, तत्व णं जा सा उत्तरवेउविता सा जह• अंगु० असं० उक्को. पण्णरस धणूर्ति अड्ढाइजाओ रयणीओ, सक्करप्पभाए पुच्छा, गो! तत्व णं जा सा भवधारणिज्जा सा जह• अंगु० असं० उक्को० पण्णरस धणूई अड्ढाइजातो धारयणीओ, तत्थ गं जा सा उत्तरखेडपिता सा जह० अंगु०संखे० उक्को एक्कतीसं धणूई एक्का य स्यणी, वालुयप्पभाए पुच्छा, भवधारणिजा एक्कतीसं धणूई एक्का रयणी उत्तर वेउपिया बावढि धणूति दी रयणीमओ, पंकप्पभाए भवधारणिज्जा वाचट्ठि धणूई दो रयणीओ उत्तरखेउविया पणवीस घणुसर्य, धमप्पभाए भवधारणिजा पणवीस घणुसर्य उत्तरवेउनिया अडूढातिजाई घणुसयाई, तमाए भवधारणिजा अड्ढाइजाई घणुसताई उत्तरखेडपिया पंच धणुसताई अधेसत्तमाए भवधारणिजा पंच घणुसयाई उत्तरखेउविता धणुसहस्सं, एवं उको, जह• भवधारणिजा अंगुलस्स असंखेजतिभागं उत्तरखेउविता अंगुलस्स संखिजतिभार्ग, तिरिक्खजोणिय०वेउविय० भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पं०१, गो०! जह AI अंगु० संखे० उक्को जोअणसतपुहर्स, मणुस्सवेउपियसरीरस्स भंते ! केमहा०?, गो०! जह० अंगुल० संखे० उक्को सातिरेग जोअणसतसहस्स, असुरकुमारभवणवासि०वे. वियसरीरस्स णं भंते ! केमहा०१, गो० असुरकुमाराणं देवाणं दुविहा सरीरोगाहणा पं० त०-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउधिया य, तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जह• अंगु० असं० उक्को सत्त स्पणीओ, तत्य सा उत्तरखेउपिता सा जह• अंगु० संखे० उक्को जोअणसतसहस्सं. एवं जाव थणियकुमाराणं, एवं ओहियाण पाणमंतराणं, एवं जोइसियाणवि, सोह. म्मीसाणदेवाणं एवं चेव उत्तरवेठबिता जाय अनुओ कप्पो, नवरं सर्णकुमारे भवधारणिजा जह• अंगु० असं० उक्को छ रयणीओ, एवं माहिदेवि, भलोयलंतगेसु पंच रयणीओ महासुक्कसहस्सारेसु चत्तारि रयणीओ आणयपाणयआरणचुएसु तिण्णि रयणीओ गेविजगकप्पातीतवेमाणियदेवपंचिंदियवेउ० केम०१, गो०! गेवेजगदेवाणं एगा भवधारणिज्जा सरीरोगाणा पं० सा जह• अंगुल० असं० उक्को दो स्यणी, एवं अणुत्तरोक्वाइयदेवाणवि णवरं एक्का स्यणी।२७३। आहारगसरीरे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो० एगागारे पं०, जइ एगागारे किं मणूसाहारग० अमणूसाहा०?, गो० मणूसआहार० नो अमणूसआ०, जइ मणूसआहा० किं समुच्छिममणूस० गम्भवति०, गो० नो समुच्छिम० गम्भवक्कं. तियमणूसआहा०, जइ गम्भ०मणुस्सा० किं कम्मभूमगग० अकम्मभूम० अंतरदीव०?, गो०! कम्मभूम नो अकम्मभूम० नो अंतरदीवग०, जइ कम्मभूमगमणुस्सा० किं संखेजवासाउयकम्मग० असंखेजवासाउ०कम्म.?, गो०! संखिजवासाउकम्म० नो असंखिज०, जति संखेज्जकम्मगम आहारगसरीरे कि पजत्तसं० अपजत्तसं०१, गो०! पज्जत्तसंखिजवासा० नो अपजत्तसंखेज०, जइ पजत्तसंखिज० किं सम्महिद्दीपजत्तगसं० मिच्छादिट्ठीपजत्तसं० सम्मामिच्छादिडिपज सं०१, गो० सम्म०पज्ज. नो मिच्छादिट्ठी नो सम्मामिच्छादिडिप०, जइसम्मादिद्विपजत्तसं०कि संजयसम्मा० असंजतसम्मा०संजयासंजयसम्मा०१, गो! संजयसम्मा० नो असंजतसम्मा० नो संजतासंजतसम्मा०, जइ संजतसम्मा० किं पमत्तसंजतसम्मा० अपमत्तसंजतसम्मा०१, गो०! पमत्तसंजयसम्महिटिपजत्त० नोअपमत्तसं०, जइ पमत्तसंजय०कि इढिपत्तप्पमत्तसं० अणिढिपत्तप्प०१, गो०! इड्ढिपत्तपमत्त० नो अणिढिपत्तपमत्तसंजयसम्मादिद्विपजत्तसंखेजवासाउगकम्मभूमगमणुस्साहारगसरीरे, आहारगसरीरे णं भंते ! किसंठिते पं०१, गो ! समचउरससंठिए पं०, ७५३ प्रज्ञापना, पास, मुनि दीपरनसागर Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आहारगसरीरस्स भंते! महालिया सरीरोगाहणा पं० १, गो० ! जह० देसूणा रयणी उच्को० पडिपुण्णा रयणी । २७४ । तेयगसरीरे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० ! पंचविहे पं० तं०एगिंदिय० जाव पंचिदियतेयगसरीरे, एगिंदियतेयग० णं भंते! कइविधे पं०१, गो० पंचविधे पं० तं० पुढवीकाइय० जाव वणस्सइकाइयतेयगसरीरे, एवं जहा ओरालियसरीरस्स भेदो भणितो तहा तेयगस्सवि जाव चउरिंदियाणं, पंचिंदियतेयगसरीरे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० ! चउविहे पं० तं० नेरइयतेयगसरीरे जाव देवतेयगसरीरे, नेरइयाणं दुगतो भेदो भाणि तो जहा वेउडियसरीरे, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं मणूसाण य जहा ओरालियसरीरे भेदो भणितो तहा भाणियत्रो, देवाणं जहा वेउडियसरीरे भेदो भणितो तहा भाणियो जाव सङ्घट्टसिद्धदेवत्ति, तेयगसरीरे णं भंते! किंसंठिए १०१, गो०! णाणासंठाणसंठिए पं०, एगिंदियतेयगसरीरे णं भंते! किंसंठिए पं०१, गो०! णाणासंठाणे पं०, पुढवीकाइय० णं भंते! किंसंठिए पं०१, गो० ! मसूरचंद संठिए पं० एवं ओरालियसंठाणानुसारेण भणितव्यं जाव चउरिदियाणवि, नेरइयाणं भंते! तेयगसरीरे किंसंठिए पं०१, गो०! जहा वेउब्वियसरीरे, पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं मणूसाणं जहा एतेसिं चेव ओरालियन्ति देवाणं भंते! किंसंठिते तेयगसरीरे पं०१, गो० ! जहा वेडव्वियस्स जाव अणुत्तरोववाइयत्ति । २७५॥ जीवस्स भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा पं०१, गो०! सरीरपमाणमेत्ता विक्संभवाहणं आयामेणं जह० अंगुलस्स असं० उको० लोगताओ लोगते, एगिंदियस्स णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरो ०१, गो०! एवं चैव जाव पुढवी आउतेउवाउवणफड्काइयस्स, बेइंदियस्स णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएण समो० तेयासरीरस्स केमहा ०१, गो०! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्संभवाहले आयामेणं जह० अंगुलस्स असंखे उक्को तिरियलोगाओ लोगते, एवं जाव चउरिंदियस्स, नेरइयस्स णं भंते! मारणंतिय तेयासरीरस्स केमहा ०१, गो० सरीरप्पमाणमेत्ता विक्संभवाहणं आयामेणं जह० सातिरेकं जोयणसहस्सं उक्को० अधे जाव आहेसत्तमा पुढवी तिरियं जाव सयंभुरमणे समुद्दे उर्द्धं जाव पंडगवणे पुक्लरिणीतो, पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स णं भंते! मार० समु० समो० तेयासरीरस्स केमहा ०१, गो०! जहा बेईदियसरीरस्स, मणुस्सस्स णं भंते! मार० समु० समो० तेयासरीरस्स केमहा ०१, गो०! समयखेत्ताओ लोगतो, असुरकुमारस्स णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेया केम० १, गो० ! सरीरप्यमाणमेत्ता विक्संभवाहलेणं आयामेणं जह० अंगुलस्स असंखे० उको० अधे जाब तथाए पुढवीए हिडिले चरमंते तिरियं जान सयंभुरमणसमुदस्स बाहिरिले वेइयंते उटं जाव इसीपभारा पुढवी, एवं जाव यणियकुमारतेयगसरीरस्स, वाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणगा य एवं चैव सर्णकुमारदेवस्स णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स महालिया ओगाहणा पं० १, गो०! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्संभवाहणं आयामेणं जह० अंगु० असं० उको० अधे जाव महापातालाणं दोघे तिभागे तिरियं जाव सयंभुरमणे समुदे उड़ जाय अचुओ कप्पो, एवं जाव सहस्सारदेवस्स अचुओ कप्पो, आणयदेवस्स णं भंते! मार० समु० समो० तेया० केम ०१, गो० ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खभवाहणं आयामेणं जह० अंगु असं० उको० जावे अघोलोइयगामा तिरियं जाव मणूसखेत्ते उड़ जाव अचुओ कप्पो, एवं जाब आरणदेवस्स, अच्चुअदेवस्स एवं चैव गवरं उटं जाव सुयाई विमाणातिं गेविजगदेवरस णं भंते! मारणंतियसमु० समो० तेयग० केम ०१, गो०! सरीरपमाणमेत्ता विक्खभवाहणं आयामेणं जह० विजाहरसेढीतो उक्को० जाव अहोलोइयगामा तिरियं जाव माणूसते उ जाव समातिं विमाणातिं, अणुत्तरोववाइयस्सवि एवं चेव, कम्मगसरीरे णं भंते! कतिविधे पं०१, गो० पंचविधे पं० सं०- एगिंदियकम्मगसरीरे जाव पंचिंदिय० य एवं जहेब तेयगसरीरस्स भेदो संठाणं ओगाहणा य भणिता तहेव निरवसेसं भाणित जाव अणुत्तरोवबाइयत्ति । २७६ ओरालियसरीरस्स णं भंते! कतिदिसिं पोम्गला चिति १, गो०! निशाघाएणं छदिसिं वाचायं पहुच सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं, वेउडियसरीरस्स णं भंते! कतिदिसिं पोग्गला चिजति १, गो० णियमा छद्दिसिं, एवं आहारगसरीरस्सवि, तेयाकम्मगाणं जहा ओरालियसरीरस्स, ओरालियसरीरस्स णं भंते! कतिदिसिं पोग्गला उपचिजंति ?, गो०! एवं चेच, जाव कम्मगसरीरस्स, एवं अवचिजंति, जस्स णं भंते! ओरालियासरीरं तस्स वेडशियसरीरं जस्स देउडियसरीरं तस्स ओरा ०१, गो० ! जस्स ओरा तस्स वेउडियसरीरं सिय अस्थि सिय नत्थि जस्स वेडब्बियसरीरं वस्स ओरालियसरीरं सिय अस्थि सिय नत्थि, जस्स णं भंते! ओरालियसरीरं तस्स आहारगसरीरं जस्स आहारगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं १, गो०! जस्स ओरा० तस्स आहारगसरीरं सिय अत्थि सिय नत्थि जस्स पुण आहारगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं णियमा अत्थि, जस्स णं भंते! ओरालियसरीरं तस्स तेयगसरीरं जस्स तेयगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं १, गो० ! जस्स ओरालियसरीरं तस्स तेयगसरीरं नियमा अत्थि जस्स पुण तेयगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं सिय अत्थि सिय णत्थि एवं कम्मगसरीरंपि, जस्स णं भंते! वेउडियसरीरं तस्स आहारगसरीरं जस्स आहारगसरीरं तस्स उचियसरीरं १, गो०! जस्स वेडशियसरीरं तस्स आहारगसरीरं णत्थि जस्सवि आहारगसरीरं तस्सवि वेउडियसरीरं णत्थि तेयाकम्मातिं जहा ओरालिएण समं तहेब आहा ७५४ प्रज्ञापना, पद- २१ ० मुनि दीपरत्नसागर Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रगसरीरेणवि समं चारेयवाणि, जस्स णं भंते ! तेयगसरीरं तस्स कम्मगसरीरं जस्स कम्मगसरीरं तस्स तेयगसरीरं?, गो०! जस्स तेयगसरीरं तस्स कम्मगसरीरं णियमा अस्थि जस्सवि कम्मगसरीरं तस्सवि तेयगसरीरं णियमा अस्थि । २७७। एतेसि णं भंते ! ओरालियवेउवियआहारगतेयगकम्मगाण दवट्ठयाए पदेसट्टयाए दवटुपएसट्ठयाते कयरे?, गो० सम्वत्थोवा आहारगसरीरा दवट्ठयाते वेउधिय० दबट्ठयाए असंखे० ओरालिय० दव० असं० तेयाकम्ममा दोवि तुला दबट्टयाते अर्णत० पदेसट्ठयाए सव्वत्थोवा आहारगसरीरा पदे वेउब्बिया पदे असं० ओरालिय० पदे० असं० तेयग० पदे. अणंत० कम्मग० पदे० अणंत० दवट्ठपदेसट्ठयाते सव्वधोवा आहारगसरीरा दवट्ठयाते वेउव्विय० दव्वट्ठयाए असं० ओरालियसा दबट्ट० असं० ओरालियसरीरहितो व्बट्टयाएहितो आहारगसरीरा पदेसट्टयाए अर्ण बेउब्विय० पदे असं० ओरालिय० पदे असंखेजगुणा तेयाकम्मा दोवि तुल्ला दबट्टयाए अणं० तेयगसरीरा पदे० अणंत० कम्मगसरीरा पदेसट्टयाए अर्णतगुणा ।२७८। एतेसिं णं भंते ! ओरालियवेउब्वियाहारगतेयगकम्मगसरीराणं जण्णियाए ओगाहणाए उक्कोसियाए ओगाहणाए जहण्णुकोसियाए ओगाहणाए कतरे०?, गो०! सब्वत्योचा ओरालियसरीरस्स जहणिया ओगाहणा तेयाकम्मगाणं दोहवि तुला जहणिया ओगाहणा विसे० विउब्विया जहाण्णया आगाहणा अस० आहारगसरीरस्स जहाषणया आगाहणा अस० उकासिथाए आगाहणाए सव्वस्थावा आहारगसरीरस्स उकीसिया आगाहणा ओरालिय०उकोसिया ओगा० संखे० वेउब्विय उक्कोसिया ओगा० संखि० तेयाकम्मगाणं दोवि तुल्ला उक्को० ओगा० असं० जहण्णुकोसियाते ओगाहणाते सव्वत्थोवा ओरालिय० जहण्णिया ओगा. तेयाकम्माणं दोण्हवि तुला जहण्णिया ओगा. विसे० बेउब्विय० जहणिया ओगा० असं० आहारगस्स जहणियाहिंतो ओगाहणाहिंतो तस्स चेव उक्कोसिया ओगाविसे० ओरालिय० उक्कोसिया ओगा० संखे० वेउब्विया णं उक्कोसिया ओगा० सैखि० तेयाकम्मगाणं दोहवि तुला उक्कोसिया ओगाहणा असंखिजगुणा ।२७९॥सरीरपयं २१॥ कति णं भंते ! किरियाओ पं०?, गो! पंच किरियाओ पं० २० काइया अहिगरणिया पादोसिया पारियावणिया पाणाइवायकिरिया, काइया णं भंते! किरिया कतिविहा पं०?, गो०! दुविहा पं० त०. अणुवरयकाइया य दुप्पउत्तकाइया य, अहिंगरणिया णं भंते ! किरिया कइविहा पं०?, गो०! दुविहा पं० सं०- संजोयणाहिकरणिया य निश्वत्तणाधिगरणिया य. पादोसिया णं भंते! किरिया कतिविहा पं०?, गो०! तिविहा पं० सं०-जेणं अप्पणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा असुभं मणं संपधारेति सेत्तं पादोसिया किरिया, पारियावणिया णं भंते! किरिया कतिविहा पं०१, गो०१२तिविहा पं० २०-जेणं अप्पणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा अस्सायं वेदणं उदीरेति, सेत्तं पारियावणिया किरिया, पाणातिवायकिरिया णं भंते ! कतिविहा पं०?, गो०! तिविहा पं० त०-जेणं अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा जीवियाओ ववरोवेइ, से तं पाणाइवायकिरिया ।२८। जीवा णं भंते! किं सकिरिया अकिरिया ?, गो०! जीवा सकिरियाचि अकि. रियावि, से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जीवा सकिरियावि अकिरियावि?, गो! जीवा दुविहा पं० २०-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य, तत्य ण जे ते असंसारसमावण्णगा ते णे सिद्धा, सिद्धार्ण अकिरिया, तत्य ण जे ते संसारसमावण्णगा ते दुविहा पं०२०-सेलेसिपडिवण्णमा य असेलेसिपडि०, तत्थ ण जे ते सेलेसिप० ते णं अकिरिया, तत्य णं जे ते असेलेसिपडि० ते णं सकिरिया, से तेणटेणं गो! एवं वुच्चइ-जीवा सकिरियाबि अकिरियावि, अस्थि णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कजति ?, हंता गो०! अस्थि, कम्हि ] भंते ! जीवाणं पाणातिवाएणं किरिया कजति?, गो०! छसु जीवनिकाएसु, अत्थि णं भंते ! नेरइयाणं पाणाइवाएर्ण किरिया कजति?, गो०! एवं चेव, एवं जाव निरंतर वेमाणियाणं, अस्थि-णं भंते! जीवाणं मुसावाएणं किरिया कजति,हंता अस्थि, कम्हि णं मंत! जीवाणं मुसावाएणं किरिया कजति?, गो० सव्वदचेसु, एवं निरंतर नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, अत्थि णं भंते! जीवाणं अदिनादाणेणं किरिया कजति ?,हंता अस्थि, कम्हि णं भंते! जीवाणं अदिनादाणेणं किरिया कजति?, गो०! गहणधारणिजेसु दवेसु, एवं नेरइयाणं निरंतरं जाव वेमाणियाणं, अस्थि णं भंते ! जीवाणं मेहुणेणं किरिया कजति ?,हंता अस्थि, कम्हि णं भंते ! जीवाणं मेहुणेणं किरिया कजति ?, गो० रूबेसु वा रूबसहगतेसु वा दवेसु, एवं जाव वैमाणियार्ण, अस्थि र्ण भते! जीवाणं परिगहेर्ण किरिया कज्जति?.हंता अस्थि, कम्हि मंते! परिग्गहेर्ण किरि०?, गोसबदसु, एवं नेरइयाण जाव वेमाणियार्ण, एवं कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं पेजेणं दोसेणं कलहेणं अब्भक्खाणेणं पेसुनेणं परपरिवाएणं अरविरतीते मायामोसेणं मिच्छादसणसल्लेणं, सब्बेसु जीवा नेरइयभेदेणं भाणितब्बा, निरंतरं जाव वेमाणियाणंति, एवं अट्ठारस एते दंडगा । २८१ । जीवे णं भंते ! पाणातिवाएणं कति कम्मपगडीओ बंधति?, गो० सत्तविहबंधए वा अट्ठविधबंधए वा, एवं नेरइए जाव निरंतरं वेमाणिते, जीवा णं भंते ! पाणातिवाएणं कति कम्मपगडीओ बंधति ?, गो०! सत्तविहवंधगावि अट्ठविहवंधगावि, नेरहया णं भंते! पाणातिवाएणं कइ कम्मपगडीओ बंधति ?, गो० सव्वेवि ताव होजा सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य, एवं असुरकुमारावि जाव धणियकुमारा, पुढवीआउतेउ. ७५५ प्रज्ञापना पद-र मुनि दीपरत्नसागर Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वाउवणप्फइकाइया य, एए सनेवि जहा ओहिया जीवा, अबसेसा जहा नेरइया, एवं ते जीवेगिंदियवज्जा तिणि २ भंगा सवत्थ भाणियवत्ति, जाय मिच्छादसणस, एवं एगत्तपोहत्तिया छत्तीसं दंडगा होति।२८। जीवे णं भंते! णाणावरणिज कम्मं बंधमाणे कतिकिरिए पं०१, गो! सिय तिकिरिए सिय चाउकिरिए सिय पंचकिरिए, एवं नेरइए जाव वेमाणिए, जीवा णं भंते ! णाणावरणिज बंधेमाणा कतिकिरिया?, गोसिय तिकिरिया सिय चउकिरिया सिय पंचकिरियावि, एवं नेरइया निरंतरं जाव वेमाणिया, एवं दरिसणावरणिजं वेदणिज मोहणिजं आउयं नामं गोतं अंतराइयं च अडविहकम्मपगडीतो भाणितबाओ, एगत्तपोहत्तिया सोलस दंडया भवन्ति, जीवेणं भंते ! जीवातो कतिकिरिए ?, गो०! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए सिय अकिरिए, जीवे णं भंते! नेरइयाओ कतिकिरिए.गो०! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय अकिरिए, एवं जाच थणियकुमाराओ, पुढवी आउ० तेउकाइयातो बाउकाइयवणण्फइकाइयबेईदियतेईदियचाउरिदियपंचिंदियतिरिक्खजोणियमणुस्सातो जहा जीवातो, वाणमंतरजोइसियवेमाणियातो जहा नेरइयातो, जीवेणं भंते ! जीवहिंतो कतिकिरिए. गो! सिय ति.सिय चउसिय पंचसिय अकिरिए, जीवे णं भंते! नेरहएहिंतो कतिकिरिए,गो०! सिय ति०सिय एवं जहेब पढमो दंडतो तहा एसो वितिओ भाणितधो जाव वेमाणियत्ति, जीवा णं भंते ! जीवातो कतिकिरिया ?, गो० सिय ति सिय चउ० सिय पंच० सिय अकिरियावि, जीवा णं भंते ! नेरइयातो कतिकिरिया ?, गो०! जहेब आदिल्लदंडतो तहेव माणितशो, जाव वेमाणियत्ति, जीवा णं भंते ! जीवेहितो कतिकिरिया ?, गोति० चउ० पंच० अकिरियावि जीवा णं भंते ! नेरइएहितो कतिकिरिया ?, गो०! ति० चउ० अकिरिया, असुरकुमारेहितोचि एवं चेव, जाव वेमाणितेहितो, ओरालियसरीरेहिंतो जहा जीवेहिंतो, नेरइए णं भंते! जीवातो कतिकिरिए?, गो० सिय ति सिय चउ० सिय पंच०, नेरइए णं भंते! नेरइयातो कतिकिरिए?, गो०! सिय ति०सिय चउ० एवं जाव वेमाणिएहितो, नवरं नेरइयस्स नेरइएहिंतो देवेहितो य पंचमा किरिया नस्थि, नेरइया णं भंते ! जीवातो कतिकिरिया ?, गो०! सिय तिकि० सिय चउकि० सिय पंचकि०, एवं जाव वेमाणियातो, नवरं नेरइयाओ देवाओ य पंचमा किरिया नस्थि, नेरइया णं भंते ! जीवेहिंतो कतिकिरिया ?, गो०! तिकि० चउकि० पंचकि०, नेरइया णं भंते ! नेरइएहितो कतिकिरिया ?, गो०! तिकि० चउकि०, एवं जाव वेमाणिएहितो, नवरं ओरालियसरीरेहितो जहा जीवेटिं, असुरकुमारे ण मंते! जीवातो कतिकिरिए ?, गो०! जहेव नेरइए चत्तारि दंडगा तहेव असुरकुमारेवि चत्तारि दंडगा भाणितमा, एवं च उवउजिऊर्ण भावेयध्वंति, जीवे मणूसे य अकिरिए वुचति, सेसा अकिरिया न बुच्चंति, सब्बजीचा ओरालियसरीरेहितो पंचकिरिया, नेहयदेवहितो पंचकिरिया ण बच्चंति. एवं एकजीवपदे चत्तारि २ दंडगा भाणितवा, एवं एतं दंडगसयं, सब्वेवि य जीवादीया दंडगा । २८३। कति णं भंते ! किरियाओ पं०१, गो! पंच किरियाओं पं० त०कातिया जाव पाणातिवातकिरिया, नेरइया णं भंते ! कति किरियातो पं०?, गो०! पंच किरियातो पं० त०-कातिया जाव पाणातिवायकि०, एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स णं भंते! जीवस्स कातिया किरिया कजइ तस्स अहिगरणिया किरिया कजति जस्स अहिंगरणिया कज्जति तस्स कातिया कज्जति?, गो०! जस्सणं जीवस्स कातिया कज्जति तस्स अहिगरणी नियमा क. जस्स अहिगरणी क० तस्सवि काइया नियमा कजति, जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया कि तस्स पादोसिया० जस्स पादोसिया० तस्स काइया कि० क०?, गो०! एवं चेव, जस्स गं भंते ! जीवस्स काइया कजइ तस्स पारियावणिया कज्जइ जस्स पारियावणिया कज्जा तस्स कातिया कजइ ?, गो०! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कबइ तस्स पारितावणिया सिय कजइ सिय नो कजइ जस्स पुण पारियावणिया० तस्स काइया नियमा कजति, एवं पाणाइवायकिरियावि, एवं आदिवाओ परोप्परं नियमा तिण्णि कजंति, जस्स आइलाओ तिन्नि कजंति तस्स उपसिठाओ दोनि सिय कजति सिय नो कजति जस्स उवरिलाओ दोषिण कजंति तस्स आइलाओ नियमा तिपिण कजंति, जस्स णं भंते! जीवस्स पारियावणिया कजति तस्स पाणातिवायकिरिया कजति जस्स पाणातिवायकिरिया कजति तस्स पारियावणिया किरिया कज्जति ?, गो०! जस्स णं जीवस्स पारियावणिया कि० तस्स पाणातिवातकिरिया सिय कजति सिय नो कजति जस्स पुण पाणातिपातकिरिया कजति तस्स पारियावणिया नियमा कजति, जस्स णं भंते ! नेरइयस्स काइया कजति तस्स अधिगरणिया कजति ?, गो०! जहेव जीवस्स तहेव नेरइयस्सवि, एवं निरंतरं जाव वेमाणियस्स, जंसमयं णं भंते! जीवस्स काइया कि०क०समयं अधिगरणिया कि जंसमय अधिगरणिया कि० का समय काइया कि०, एवं जहेब आइलओ दंडओ तहेव माणितयो जाव वेमाणियस्स, जंदेसेणं भंते! जीवस्स काइया कि० संदेसेणं अधिगरणिया कि०?, तहेब जाव वेमाणियस्स, जंपएसेणं भंते ! जीवस्स काइया कितपदेसं अधिगरणिया कि०१, एवं तहेब जाव वेमाणियस्स, एवं एते जस्स जैसमयं जंदेस जंपएसेणं चत्तारि दंडगा होति, कति ण भंते! आतोजितातो किरियाओ पं०१, गो० पंच आओजियाओ किरियाओ पं० सं०-काइया जाव पाणातिवातकिरिया, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया आतोजिया किरिया अस्थि तस्स अधिगरणिया आतोजिता अस्थि ? जस्स अधिगरणिया आतोजिता अस्थि तस्स काइया आतोजिया अस्थि ?, एवं (१८९) ७५६ प्रज्ञापना, पद-पर मुनि दीपरत्नसागर Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एते अभिलावेणं ते चैव चत्तारि दंडगा भाणिता, जस्स जंसमयं जंदेसं जंपदेसेण जाव वैमाणियाणं, जीवे णं भंते! जैसमयं काइयाए अधिगरणियाए पादोसियाते किरियाए पुट्टे तंसमयं पारियावणियाते पुढे पाणातिवातकिरियाते पुढे ?, गो० ! अत्थेगतिते जीवे एगतियाओ जीवाओ जंसमयं काइयाए अधिगरणियाए पादोसियाते पुढे तंसमयं पारितावणियाए पुडे पाणावायकिरियाए पुढे अत्थेगतिते जीवे एगतियाओ जीवाओ जंसमयं काइयाए अधिगरणियाए पादोसियाते पुढे तंसमयं पारितावणियाए पुट्टे पाणाइवायकिरियाए अपुडे अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जंसमयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए पुढे तंसमयं पारि० किरि० अपुंडे० पाणाइवायकि० अपुट्टे । २८४। कति णं भंते किरियाओ पं० १. गो० ! पंच किरियाओ पं० ० आरंभिया जात्र मिच्छादंसणवत्तिया, आरंभिया णं भंते! किरिया कस्स कज्जति १, गो० अण्णयरस्सवि पमत्तसंजयस्स, परिग्गहिया णं भने किरिया कस्स कजइ ?, गो० ! अण्णयरस्सवि संजयासंजयस्स, मायावत्तिया णं भंते! किरिया कस्स कज्जति ? गो०! अण्णयरस्सावि अपमत्तसंजयस्स, अपचक्खाणकिरिया णं भंते! कस्स कजनि ?, गो! अण्णयरस्सवि अपचक्खाणिस्स, मिच्छादंसणवत्तिया णं भंते! किरिया कस्स कज्जति १, गो० ! अण्णयरस्सावि मिच्छादंसणिस्स, नेरइयाणं भंते! कति किरियानो पं० १. गो० पंच किरियातो पं० नं० आरंभिया जाव मिच्छादंसणवत्तिया, एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स णं भंते! जीवस्स आरंभिया किरिया कः तस्स परिग्गहिया कि० कज्जति जस्स परिग्गहिया कि० तम्स आरंभिया कि० १. गो० जम्स णं जीवस्स आरंभिया कि० तस्स परिग्गहिया सिय कज्जति सिय नो कज्जति जस्स पुण परिग्गहिया किरिया कः तम्स आरंभिया कि० णियमा क०, जम्स णं भंते! जीवम्स आरंभिया तस्स मायावत्निया कः पुच्छा, गो० ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया० क० तस्स मायावत्तिया नियमा क० जस्स पुण मायावत्निया क नम्स आरंभिया सिय कनि सिय नो क० जम्स णं भंते! जीवस्स आरंभिया कि० तस्स अपचक्खाणकिरिया पुच्छा ?, गो० ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किः तम्स अपचक्लाकिरिया सिय कति सिय नो कः जस्स पुण अपञ्चवाणकिरिया क० तस्स आरंभिया किरिया नियमा क० एवं मिच्छादंसणवत्तियाएवि समं एवं परिगहियाचि तीहिं उबरिहाहिं समं संचारतवा. जस्स मायावत्तिया कि० नम्स उबरिडाओ दोवि सिय कांति सिय नो कज्जति जस्स उवरिल्लाओ दो कज्जति तस्स मायावत्तिया णियमा कज्जति, जस्स अपचक्खाणः कः तम्स मिच्छादंसणवत्तिया सिय कजति सिय नो कज्जति, जस्स पुण मिच्छादंसणवत्तिया तस्स अपचक्खाणकिरिया णियमा कज्जति, नेरइयस्स आइडियातो चत्तारि परोप्परं नियमा कांनि जस्स एनाओ चनारि कति नम्स मिच्छादंसणवत्तिया भइज्जति, जस्स पुण मिच्छादंसणवत्तिया कज्जति तस्स एनातो चत्तारि नियमा कति, एवं जाव श्रणियकुमारम्स. पुढवीकाइयम्स जाब चउरिदियम्स पंचवि परोप्परं नियमा कजंति, पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स अतिहियातो तिष्णिवि परोप्परं नियमा कति जस्स एयाओ कति नम्स उवरिडिया दोणि भजति जम्स उबरिहातो दोणि कांति तस्स एतातो तिष्णिवि णियमा कजंति, जस्स अपचक्खाणकिरिया तस्स मिच्छादंसणवतिया सिय कति सिय नो कः जस्स पुण मिच्छाईणवनिया किरिया कः तम्स अपचक्खाणकिरिया नियमा क, मणूसस्स जहा जीवस्स, वाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स जहा नेरइयस्स, समयण्णं भंते! जीवम्स आरंभिया कः समयं परिग्गहिया कि० क० ? एवं एने जस्स जंसमयं जंदेसं जंपदेसेण य. चत्तारि दंडगा णेयचा, जहा नेरइयाणं तहा सङ्घदेवाणं नेत जाव वैमाणियाणं । २८५। अस्थि णं भंते! जीवाणं पाणातिवायवेरमणे कजति ?, हंता अन्थि, कम्हि णं भंते! जीवाणं पाणातिपातवेरमणे क० ? गो० छसु जीवनिकाएसु, अत्थि णं भंते ! नेरइयाणं पाणानिवातवेरमणे कः ? गो० नो इण्डे समड़े, एवं जाव वैमाणियाणं. णवरं मणुस्साणं जहा जीवाणं. एवं मुसावाएणं जाव मायामोसेणं. जीवस्स य मणूसस्स य. सेसाणं नो तिगडे समद्वे, णवरं अदिन्नादाणे गहणधारणिलेसु दवेसु, मेहुणे रूवेसु वा मवसहगएसु वा दसु सेसाणं सधेसु दचेसु. अस्थि णं भंते! जीवाणं मिच्छा सण सहवेरमणे कति ? हंना अस्थि कम्हि णं भंते! जीवाणं मिच्छादंसणसवेरमणे कजति ? गो ! सङ्घदवेसु एवं नेरइयाणं जाव वैमाणियाणं, णवरं एगिंदियविगलंदियाणं नो निणडे समट्टे | २८६ । पाणातिपानविरए णं भंते! जीवे कड कम्मपगडीनो बंधनि ?, गो० सत्तविह वा अद्भुवि वा छवि वा एगविहबंधए वा अबंधए वा. एवं मणूसेवि भाणितवे, पाणातिपातविरयाणं भंते! जीवा कति कम्मपगडीतो बंधति ?, गो० ! सज्ञेवि नाव होना सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अहवा सत्तविहगा एगविहगा अडविहबंध य अहवा सत्तविहगा एगविहगा अडविबंधगा य अहवा सन्तविहगा एगविहगा छविहबंध य अहवा सत्तविहगा एगविगा उत्रिहबंधगा य अहवा सत्तविहगा एगविहगा अबंधए य अहवा सत्तविहगा एगविहगा अबंधगा य अहवा सत्तविगा एगवि०गा अनुविधबंधगे य छविहबंधए य अहवा सनविहबंधगा य एगविहगा अद्भुविहबंधए य छविबंधगा य अहवा सत्त विहगा एगवि०गा अडविहबंधगा य छविबंधए य अह्वा सत्तविहबंधगा य एगचिहबंधगा य अद्भुविहबंधगा य छविहबंधगा य. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगाय अडविहवं७५७ प्रज्ञापना, पद- २२ मुनि दीपरत्नसागर Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4. धए य अबंधए य अहवा सत्तविहगा एगविहगा अविहबंधए य अबंधगा य अहवा सत्तविहगा एगविगा अविहबंधगा य अबंधए य अह्वा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अविहबंधगा य अबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छबिहबंधगे य अबंधए य अहबा सत्तविहगा एगविहबंधगा य छविबंधए य अबंधगा य अहवा सनविहबंधगा य एगविगा छबिहागा अबंधए य अहवा सनविहबंधगा य एगवि०गा छविहगा अचंधगा य अहवा सत्तविहवंधगा य एगविमा अट्ठविवंधगे य छविधए य अचं. धए य अहवा सनविहबंधगा य एगविगा अविहबंधए य छविहबंधए य अबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहगा अट्टविहबंधए य छविबंधगा य अबंधए य अहवा सत्तविहबंधगा य एगविगा अविधवंधए य छविहवैधगा य अचंधगा य अहवा सत्तविगा एगवि०गा अविमा उत्रिहबंधगे य अबंधए य अहवा सनविहबंधगा य एगपिळगा | अट्टविहगा छविहबंधगे य अचंधगा य अह्वा सत्तविगा एगविहगा अट्ठवि०गा छविहबंधगा य अवधए य अह्वा सत्तविहबंधमा य एगगा अट्टविगा छविहगा अबंधगा य, एवं एते अट्ठभंगा, सवेवि मिलिया सत्तावीसं भंगा भवंति, एवं मणूसाणवि एते चेव सत्तावीसं भंगा भाणितव्वा, एवं मुसावायविरयस्स जाच मायामोसविरयस्स, जीवस्स य मणुसम्स णं भंते ! जीवे कति कम्मपगडीतो पंधति, गो, सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा छविहवंधए वा एगवि०गा अबंधए, वा मिच्छादसणसाइविरएर्ण भंते नेहए कति कम्मपगडीतो बंधति?, गो! मत्तविहबंधए वा अविगे जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिए. मणसे जहा जीये. वाणमंतरजोडसितवेमाणिते जहा नेरडते. मिच्छादं. सणसहविरया णं भंते ! जीवा कति कम्मपगडीत, बंधति?, गो! ते चेव सत्तावीसं भंगा भाणितव्वा, मिच्छादसणसविस्या णं भंते ! नेरइया कति कम्मपगडीतो बंधति?, गो सब्वेवि ताव होज सत्तविहवंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगेय अहबा सत्तविहबंधगा य अडविगा, एवं जाव वेमाणिया, णवरं मणूसाणं जहा जीवाणं ।२८७। पाणातिवायविरयस्स णं भंते जीवस्स किं आरंभिया किरिया कजति जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कजति?, गो० पाणातिवायविरयस्स जीवस्स आरंभिया किरिया सिय कजति सिय नो कमति, पाणातिवायविरयस्स भंते! जीवस्स परिग्गहिया किरिया कजति?.गोणो इणट्टे समहे, पाणातिवायविरयस्सण भते! जीवस्स मायावत्तिया किरिया कति?. गो० ! सिय कजति सिय नो कजति, पाणातिपातविरयस्स णं भंते ! जीवस्स अपञ्चक्खाणवत्तिया किरिया कज्जति ?, गो० णो इणढे समढे, मिच्छादसणवत्तियाए पुच्छा, गोणो इणट्टे समढे, एवं पाणातिपातविरयस्स मणूसस्सवि, एवं जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स मणूसस्स य, मिच्छादसणसविस्यस्स णं भंते ! जीवस्स किं आरंभिया क. जाव मिच्छा. दसणवत्तिया क.?, गो! मिच्छादसणसाइविरतस्स जीवस्स आरंभिया सिय क० सिय नो क० एवं जाव अपचक्खाणकिरिया, मिच्छादसणवत्तिया न क०, मिच्छांदसणसाइविर - यस्स णं भंते ! नेरइयस्स किं आरंभिया क. जाच मिच्छादसणवत्तिया क.?, गो! आरंभिया क० जाव अपञ्चक्खाणकिरियावि क०, मिच्छादसणवत्तिया नो क०, एवं जाव थणि - यकुमारस्स, मिच्छादसणसाइविरयस्स णं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स एवमेव पुच्छा, गो०! आरंभिया क० जाव मायावत्तिया क० अपञ्चक्खाणकि० सिय क सिय नोक०, मिच्छादसणवत्तिया नोक०.मणूसस्स जहा जीवस्स, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहानेरइयस्स, एतासि णं भंते! आरंभियाणं जाव मिच्छादसणवत्तियाण य कतरे ?, गो! सबत्यो. वाओ मिच्छादसणवनियाओ अपचक्खाण, विसे० परिग्गहियातो विसे० आरंभियातो किरियातो विसे० मायावत्तियातो विसेसाहियातो ।२८८॥ किरियापर्य २२॥ कति पगडी कह बंधति कइहिवि ठाणेहिं बंधए जीयो। कति वेदेह य पयडी अणुभावो कइविहो कस्स ॥२१७॥ कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पं०?, गो०! अट्ट कम्मपगडीओ पं० त०- णाणावरणिज उयं नाम गोयं अंतराइयं, नेरइयाणं भंते ! कइ कम्मपगडीओ पं०?, गो! एवं चेव. एवं जाव वेमाणियाण । २८९। कहणं भंते ! जीवे अट्ठ कम्मपगडीतो बंधति?. गोनाणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं दरिसणावरणिज कम्म णियच्छति दसणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं दसणमोहणिनं कम्मं णियच्छति दसणमोह णिजस्स कम्मम्स उदएणं मिच्छतं नियच्छति मिच्छत्तेणं उदिएणं गो एवं खलु जीवो अट्ट कम्मपगडीतो बंधति, कहणं भंते! नेरइए अट्ठ कम्मपगडीओ बंधति?, गो एवं चेत्र, एवं जाव चेमाणिए, कहणं भंते ! जीवा अट्ट कम्मपगडीतो बंधति ?, गो०! एवं चेब, जाव चेमाणिया।२९०। जीवे णं भंते ! णाणावरणिज कम्म कतिहिं ठाणेहिं बंधति?, गो! दोहि ठाणेहिं तं०-रागेण य दोसेण य, रागे दुबिहे पं० तं-माया य लोभे य, दोसे दुविधे ५००-कोहे यमाणे य, इचेतेहिं चउहिं ठाणेहिं बिरितोवग्गहिएहिं एवं खलु जीवे णाणावरणिज कम्मं बंधति, एवं नेरतिते जाव वेमाणिते, जीवा णं भंते ! णाणावरणिज कम्म कतिहिं ठाणेहिं बंधति?, गो०! दोहिं ठाणेहि एवं चेष, एवं नेरदया, जाव वेमाणिया, एवं दसणावरणिज जाव अंतराइयं, एवं एते एगत्तपोहत्तिया सोलस दंडगा । २९१। जीवे णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं वेदेति?, गो०! अत्थेगहए वेदेति अत्यगइए नो वेएइ, नेरइए णं ७५८ प्रज्ञापना, पद-३ मुनि दीपरत्नसागर Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भंते ! णाणावरणिज कम वेदेति?, गो! नियमा वेदेति, एवं जाव वेमाणिते, णवरं मणूसे जहा जीवे, जीवाणं भंते ! णाणावरणिज कम वेदेति?, गो० एवं चेव, एवं जाव वेमाणिया, एवं जहा णाणावरणिज तहा दंसणावरणिज मोहणिजं अंतराइयं च, वेयणिज्जाउनामगोताई एवं चेच, नवरं मणूसेवि नियमा वेदेति, एवं एते एगत्तपोहत्तिया सोलस दंडगा इस्स संचियस्स चियस्स उवचियस्स आवागपत्तस्स वियागपत्तस्स फलपत्तस्स उदयपत्तस्स जीवेणं कयस्स जीवेणं निश्चत्तियस्स जीवेणं परिणामियस्स सयं वा उदिण्णस्स परेण वा उदीरियस्स तदुभएण वा उदीरिज्जमाणस्स गति पप्प ठितिं पप्प भवं पप्प पोग्गलपरिणामं पप्प कति. विधे अणुभावे पं०१, गो०! णाणावरणिज्जस्स णं कम्मस्स जीवेणं बदस्स जाब पोरालपरिणामं पप्प दसविधे अणुभावे पं०२०-सोतावरणे सोयविण्णाणावरणे नेत्तावरणे नेतविण्णाणावरणे घाणावरणे घाणविण्णाणावरणे रसावरणे रसविण्णाणावरणे फासावरणे फासविण्णाणावरणे जं वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणाम वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणामपप्प तेसिं वा उदएणं जाणियन्त्र जाणति जाणिउकामेऽवि ण याणति जाणित्ताविन याणति उच्छमणाणी यावि भवति णाणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं, एस णं गो०! णाणावरणिजे कम्मे एस णं गो! णाणावरणिजस्स कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प दसविधे अणुभावे पं०, दरिसणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाच पोग्गलपरिणाम पप्प कतिविधे अणुभावे पं०?, गो० दरिसणावरणिजस्स कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प णवविधे अणुभावे ५०० णिहा णिहाणिहा पयला पयला. पयला यीणखी चक्षु० अचक्सु० ओहि केवलदसणावरणे जं वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणामंपप्प तेसिं चा उदएणं पासियण पासति पासिउकामेवि ण पासति पासित्तावि ण पासति उच्छन्नदसणी यावि भवति दरिसणावराणेजस्स कम्मस्स उदएणं, एस गं गो०! दरिसणावरणिजे कम्म एसणं गाबदारसणावर स्स कम्मस्स जीवेणं पदस्स जाव पोग्गलपरिणाम पप्पणवविधे अणुभावे पं०,सायावेयणिजस्सणं भंते ! कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलाण परिणामं पप्प कतिविधे अणुभाचे पं०१, गो०! सातावेदणिजस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव अट्ठविधे अणुभावे पं० तं-मणुण्णा सद्दा मणुण्णा रूबा मणुण्णा गंधा मणुण्णा रसा मणुण्णा फासा मणोसुहता वयसुहया कायसुहता जं वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणाम वा बीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएणं सातावेदणिज कर्म वेदेति, एस णं गो! सायावेयणिजे कम्मे एस गं गो०! साताबेयणिजस्स जाब अट्ठविधे अणुभावे पं०, असाताव्यणिजस्स णं भंते! कम्मस्स जीवेणं तहेव पुच्छा उत्तरं च नवरं अमणुण्णा सहा जाब कायद्या , एसणं गो०! असायावेयणिजे कम्मे एस णं गो० असातावेदणिजस्स जाव अट्ठविधे अणुभावे, मोहणिजस्स णं भंते! कम्मस्स जीवेर्ण बद्धस्स जाव कतिविधे अणुभावे पं०?, गो मोहणिजस्स कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पंचविधे अणुभावे पं० सं०-सम्मत्तवेयणिजे मिच्छत्त० सम्मामिच्छत्त० कसाय नोकसायवेयणिजे जं वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणाम वा बीससा वा पोग्गलाण परिणाम तेसिं वा उदएणं मोहणिजं कर्म वेएइ एस णं गो०! मोहणिजस्स कम्मस्स जाप पंचविधे अणुभावे पं०, आउस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं तहेव पुच्छा, गो०! आउयस्स णं कम्मस्स जीवेणं पदस्स जाव चउबिहे अणुभावे पं० २०- नेरइयाउते तिरियाउते मणुयाउए देवाउए जे वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा बीससा वा पोग्गलाण परिणाम तेर्सि वा उदएणं आउयं कर्म वेदेति एस णं गो०! आउए कम्मे एसणं गो०! आउयस्स कम्मरस जाव एस णं गाँ०1 आउए कम्म एस णं गो०! आउयस्स कम्मरस जाव चउबिहे अणभावे पं०. सहणामस्स णं भंते! 13 | कम्मस्स जीवेणं पुच्छा, गो०! मुहणामस्स णं कम्मस्स जीवेर्ण चउद्दसविधे अणुभावे पं० त०- इट्टा सदा इट्टा रूवा इट्ठा गंधा इट्ठा रसा इट्टा फासा इट्ठा गती इट्टा ठिती इढे लावण्णे इट्ठा जसोकित्ती इडे उट्ठाणकम्मबलवीरियपुरिसकारपरकमे इहस्सरया केतस्सरया पियस्सरया मणुण्णस्सरया जं वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्ग| लार्ण परिणाम तेर्सि या उदएणं सुमणामं कम्मं बेएइ एस णं गो०! सुहनामकम्मे एस णं गो०! मुभणामस्स कम्मस्स जाव चउद्दसविधे अणुभावे पं०, दुहणामस्स णं भंते ! पुच्छा, b. गो०! एवं चेव गवरं अणिट्ठा सदा जाव हीणस्सरया दीणस्सरया अकंतस्सरया जं वेदेति सेसं तं चेव जाव चउद्दसविधे अणुभावे पं०, उच्चागोतस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं पुच्छा, गो०! उच्चागोतस्स कम्मस्स जीवेर्ण पद्धस्स जाव अट्ठविहे अणुभावे पं० त०-जातिविसिट्ठया कुल० बलवि० रूप० तव० सुय० लाभ इस्सरियवि. जं वेदेति पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणाम वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएर्ण जाव अट्ठविधे अणुभावे पं०, णीयागोयस्स ण मंते ! पुच्छा, गो०! एवं चेव णवरं जातिविहीणया जाव इस्सरिय| विहीणया जं वेदेति पुग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाण परिणाम तेसि वा उदएणं जाव अट्ठविधे अणुभावे पं०, अंतरायस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेर्ण पुच्छा, गो०! अंतराइयस्स कम्मस्स जीवेणं पद्धस्स जाव पंचविधे अणुभावे पं० त०- दाणंतराए लाभ० भोग उपभोग० बीरियंतराए जं वेदेति पोग्गलं जाव वीससा वा० तेसिं वा ७५९ प्रज्ञापना, पद-२३ मुनि दीपरबसागर A Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उदएणं अंतराइयं कर्म वेदेति एस णं गो० ! अंतराइए कम्मे एस णं गो०! जाव पंचविधे अणुभावे पं०।२९३॥ पर्य०२३ उ०१॥ कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पं०?, गो०! अट्ठ कम्मपगडीओ पं० त०- णाणावरणिजं जाच अंतराइयं, णाणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कतिविधे पं०?, गो! पंचविधे पं० त०-आभिणियोहियनाणावरणिजे जाव केवलनाणावरणिजे, दसणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कतिविये ५०?, गो०! दुबिहे पं० २०-निहापंचए य दसणचउक्कए य, निहापंचए णं भंते ! कतिविधे पं०?, गो० पंचविह पं० त०-निहा जाव थिणदी, दसणचउकए णं पुच्छा, गो! चउविध पं० त०. चक्खुदसणावरणिजे जाव केवलदसणावरणिज्जे, वेयणिज्जे णं भंते! कम्मे फतिविधे पं०१, गो०! दुषिहे पं० २० सायावेयणिज्जे य असायावेयणिजे य, सातावेयणिजे णं भंते! कम्मे पुच्छा, गो०! अढविधे पं० त०-मणुण्णा सदा जाव कायमुहया, असायावेदणिजे णं भंते! कम्मे कतिविधे पं०?, गो! अट्टविधे पं० त०- अमणुण्णा सहा जाव कायदहया, मोहणिज्जे णं भंते! कम्मे कतिविधे पं०१, गो०! दुविहे पं० त०-दसणमोहणिजे य चरित्तमोहणिजे य, दसणमोहणिजे णं भंते ! कम्मे कतिविधे पं०?, गो०! तिविहे पं० २०-सम्मत्त० मिच्छत्तवे० सम्मामिच्छत्तवेयणिजे, चरित्तमोहणिजे णं मंते! कम्मे कतिविधे पं०?, गो०! दुविधे पं०२०-कसायवे० नोकसायवेद०, कसायवेदणिजे णं भंते! कतिविधे पं०?, गो०! सोलसविधे पं० तं०- अणंताणुबंधी कोहे अर्णताणु० माणे माया लोभे, अपञ्चक्खाणे कोहे एवं माणे माया लोभे, पञ्चक्खांणावरणे कोहे एवं माणे माया लोभे, संजलणे कोहे एवं माणे माया लोभे, नोकसायवेयणिजे णं भंते ! कम्मे कतिविधे पं०?, गो०! णवविहे पं० त०-इत्थीवेयवेयणिजे पुरिसबेन[सगवे हासे रती अरती भए सोगे दुगुंछा, आउए णं भंते ! कम्मे कतिविधे पं०?, गो०! चउविधे पं० सं०- नेरइयाउए जाव देवाउए, णामे णं भंते! कम्मे कतिविधे पं०?, गो बायालीसतिविहे पं० तं०-गतिनामे जाति० सरीर० सरीरोवंग सरीरवंधण सरीरसंघयण संघायण संठाण० वष्ण. गंधक रस० फास० अगुरुलषु० उवधायक पराघाय. आणविक उस्सास. आय. उज्जोय विहायगति तस० थावर० सुहुम० पादर० पज्जत्त० अपजत्त० साहारणसरीर० पत्तेयसरीर थिर० अधिर० सुभ० असुभ० सुभग दूभग० मूसर० दूसर० आदेज अणादेज जसोकित्ति० अजसोकित्ति णिम्माण तित्थगरणामे ४२, गतिनामे णं भंते! कम्मे कतिविहे पं०?, गो०२ चउबिहे ५० त०-निरय तिरिय मणु देवगतिणामे, जातिणामे णं भंते ! कम्मे पुच्छा, गो०! पंचविहे पं० सं०- एगिदिय० जाव पंचिंदियजातिणामे, सरीरनामे गं भंते ! कम्मे कतिविधे पं०?, गो०! पंचविहे पं० तं०-ओरालिय० जाव कम्मगसरीरणामे, सरीरोवंगनामे गं मंते! कतिविधे पं०१, गो०! तिविधे पं० त०-ओरालिय० बेउविय. आहारगसरीरोवंगणामे, सरीरबंधणनामे णं भंते! कतिविहे पं०१, गो! पंचविधे पं० २०. ओरालिय० जाव कम्मगसरीरबंधणनामे, सरीरसंघायणामे णं मत! कति?, गो०! पंचविध पं००-ओरालिय० जाव कम्मगसरीरसंघायनामे, संघयणनामे णं भंते! कतिविधे पं०, गो०! छबिहे पं० २० वइरोसभनारायसंघयणनामे उसहनाराय० नाराय० अद्धनाराय० कीलिया० छेवट्ठसंघयणनामे, संठाणनामेणं भंते! कतिविधे पं०?, गो०! छविहे पं० सं०-समचउरंससंठाणनामे निग्गोहपरिमंडल साइ० वामण सुज हुंडसंठाणनामे, वण्णनामे णं भंते! कम्मे कतिविधे पं०१, गो०! पंचविधे पं० तं०-काल जाव सुकिल्लवण्णनामे, गंधनामे गं भंते! कम्मे पुच्छा, गो० ! दुविहे पं० तं०- सुरमिगंधनामे दुरभिगंधनामे, रसनामे णं पुच्छा, गो०! पंचविघे पं० तं०-तित्तरसनामे जाव महुररसनामे, फासनामे णं पुच्छा, गो०! LTI अट्टविहे पं० २०. कक्खड० जाव लहयफासनामे. अगरुलहयनामे एगागारे पं० उवघायनामे एगा गुरुलहुयनाम एगागार प० उवधायनाम एगागार प० पराघातनाम एगागार प०, आणुपुर्विणाम चांधिह प००-नरइयआणु. पुत्रीणामे जाव देवाणुपुरीणामे, उस्सासनामे एगागारे पं०, सेसाणि सञ्चाणि एगागाराई पं० जाव तित्थगरनामे, णवरं विहायगतिनामे दुविधे पं० त० पसत्यविहाय० अपसत्यविहायगतिनामे य, गोए णं भंते ! कम्मे कइविहे पं०१, गो० दुविहे पं० तं०- उच्चागोए य नीयागोए य, उच्चागोए णं भंते! कइविधे पं०?, गो०! अढविधे पं० २० जाइविसिट्ठया जाच इस्स. रियविसिट्ठया, एवं नीयागोएवि णवरं जातिविहीणता जाव इस्सरियविहीणया, अंतराए णं भंते! कम्मे कतिविधे पं०१, गो! पंचविधे पं० त० दाणंतराइए जाव वीरियंतराइए, णाणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स केवतितं कालं ठिती पं०१, गो०! जह० अंतोमुहुर्त उको तीसं सागरोवमकोडाकोडीतो तिषिण य वाससहस्साई अवाहा, अवाहूणिया कम्मठिती कम्मनिसेगो, निहापंचगस्स णं भंते ! कम्मस्स केवतितं कालं ठिती पं०१, गो०! जह० सागरोवमस्स तिण्णि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणिया उक्को० तीसं सागरोवमकोडाकोडीतो तिणि य वाससहस्साई अबाहा अबाहूणिया कम्मठिई कम्मनिसेगो, दसणचउक्कस्स णं भंते ! कम्मस्स केवइयं कालं ठिती पं० १, गो० ! जह• अंतो उको० तीसं सागरोबमकोडाकोडीतो तिण्णि य वाससहस्साई अबाहा०, सायावेयणिजस्स ईरियावहियं बंधगं पडुच्च अजहण्णमणुकोसेणं दो समया संपराइयबंधगं पडुच जहरू बारस मुहुत्ता उको० पण्णरस सागरोबमकोडाकोडीतो पण्णरस वाससयाई अबाधा, असाताबेदणिजस्स जहरू सागरोवमस्स तिण्णि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उक्को तीसं सागरोवमकोडाकोडीतो तिण्णि य वाससहस्साई अवाहा, सम्मत्तवेयणिजस्स पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को० छावदि सागरोवमाई सातिरेगाति, मिच्छत्तवेयणिजस्स (१९०) ७६० प्रज्ञापना, पद-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जह सागरोवमं पलितोवमस्स असंखेजतिभागेण ऊणगं उको सत्तरिसागरकोडाकोडीतो सत्तय वाससहस्साई अबाहा, अयाहूणिया०, सम्मामिच्छत्तवेयणिज्जस्स जह अंतो उक्को अंतो०, कसायबारसगस्स जह• सागरोषमस्स चत्तारि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया उको० चत्तालीसं सागरोक्मकोडाफोडीतो चत्तालीसं वाससताई अचाहा जाव निसेगो, कोहसंजलणे पुच्छा, गो०! जह• दो मासा उक्को० चत्तालीस सागरोवमकोडाकोडीनो चत्तालीस वाससताई अवाहा जाय निसेगो, माणसंजलणाते पुच्छा, गो०! जहा कोहस्स, मायासंजलणाते पुच्छा, गो०! जह• अदं मासं उक्को० जहा कोहस्स, लोहसंजलणाए पुच्छा, गो०! जह• अंतो० उक्को जहा कोहस्स, इस्थिवेयस्स पुच्छा, गो०! जह सागरोवमस्स दिवढे सत्तभार्ग पलितोषमस्स असलेजहभागेण ऊणयं उक्को. पण्णरस सागरोक्मकोडाकोडीतो पण्णरस वाससताई अचाहा०, पुरिसवेदस्स गं पुच्छा, गो! जह अट्ट संवच्छरातिं उको दस सागरोवमकोडाकोडीतो दस वाससताई अचाहा जाब निसेगो, णपुंसगवेदस्स णं पुच्छा, गो०! जह• सागरोवमस्स दोणि सत्तभागा पलितोवमस्स असं - खेजइभागेणं ऊणया उको बीस सागरोचमको० वीस य बाससताई अचाहा०, हासस्तीणं पुच्छा, गो! जह- सागरोवमस्स एकं सत्तभागं पछूितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणं उको दस सागरोवमकोडाकोडीओ दस बाससताई अवाहा०, अरतिभयसोगदुगुंछाणं पुच्छा, गो जह० सागरोचमस्स दोण्णि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उक्को० वीसं सागरोवमकोडाकोडीतो बीसं वाससताई अवाहा०, नेरइयाउयस्स णं पुच्छा, गो० जह० दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्को तेत्तीस सागरोबमाई पुषको. डीतिभागमभहियाति, तिरिक्खजोणियाउयस्स पुच्छा, गो०! जह० अंतो० उक्को तिष्णि पलितोबमाई पुरकोडितिभागमभहियाई, एवं मणूसाउयस्सवि, देवाउयस्स जहा नेरइयाउयस्स ठितित्ति, निरयगतिनामाए णं पुच्छा, गो० जह सागरोवमसहस्सस्स दो सत्तभागा पलितोबमस्स असंखिजतिभागेणं ऊणया उको बीसं सागरोवमकोडाकोडीतो वीस वाससताई अबाहा०, तिरियगतिनामाए जहा नपुंसगवेदस्स, मणुयगतिनामाते पुच्छा,गो! जह० सागरोबमस्स दिवदं सत्तभागं पलितोषमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणगं उक्को० पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीतो पण्णरस वाससवाई अबाहा. देवगतिनामाए णं पुच्छा, गो०! जहरू सागरोवमसहस्सस्स एग सत्तभागं पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणयं उक्को जहा पुरिसवेदस्स, एगिदियजातिनामाए णं पुच्छा, गो०! जह० सागरोक्मस्स दोण्णि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उको० वीसं सागरोवमकोडाकोडीतो वीसई वाससताई अबाहा०, बेईदियजातिनामे णं पुच्छा, गो० जह० सागरोवमस्स नव पणतीसतिभागा पलितोषमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया उको अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीतो अट्ठारस य वाससयाई अबाहा०, तेइंदियजातिनामाए णं जह० एवं चेव उक्को० अट्ठारस सागरोक्मकोडाकोडीतो अट्ठारस वाससताइं अबाहा, चाउरिदियजातिनामाए पुच्छा, गो० जह० सागरोवमस्स णव पणतीसतिभागा पलितोवमस्स असंखेजइमागेणं ऊणया उक्को० अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीतो अट्ठारस वाससताई अवाहा०, पंचिंदियजातिनामाए पुच्छा, गो जह सागरोवमस्स दोण्णि सत्तभागा पलितोषमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उक्को० वीसं सागरोवमकोडाकोडीतो वीस य वाससताई अबाहा, ओरालियसरीरएवि एवं चेव, वेउधियसरीरनामाए णं भंते! पुच्छा, गो०! जह० सागरोवमसहस्सस्स दो सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजइमागेणं ऊणया उक्को० वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ बीसई वाससयाई अवाहा०, आहारगसरीरनामाए जह• अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ उक्को० अंतोसागरकोडाकोडीओ, तेयाकम्मसरीरनामाए जह• दोण्णि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेर्ण ऊणया उक्को वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ वीस य वाससताई अवाहा०, ओरालियबेउवियाहारगसरीरोवंगनामाए तिण्हवि एवं चेव, सरीरबंधणनामाएवि पंचण्हवि एवं चेव, सरीरसंघायनामाए पंचण्हवि जहा सरीरनामाए कम्मरस ठिइत्ति, वइरोसभनारायसंघयणनामाए जहा रइनामाए, उसमनारायसंघयणनामाए पुच्छा, गो! सागरोवमस्स छ पणतीसतिभागा पलितोवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया उको० चारस सागरोवमकोडाकोडीओ चारस वाससताई अबाहा०, नारायसंघयणनामस्स जह• सागरोवमस्स सत्त पणतीसतिभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उको चोदस सागरोचमकोडाकोडीतो चउद्दस वाससताई अवाहा, अनारायसंघयणनामस्स जह• सागरोवमस्स अट्ठ पणतीसतिभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उको० सोलस सागरोवमकोडाकोडीतो सोलस वाससताई अबाहा०, खीलियासंघयणे णं पुच्छा, गो०! जह• सागरोवमस्स नव पणतीसतिभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उको• अट्ठारस सागरोबमकोडाकोडीओ अट्ठारस वाससताई अवाहा०, छेवटुसंघयणनामस्स पुच्छा, गो०! जह• सागरोजमस्स दोणि सत्तभागा पलितोवमस्स असं० ऊणया उको० बीसं सागरोवमको० वीस य वाससताई अवाहा०, एवं जहा संघयणनामाते छन्भणिया एवं संठाणावि छन्माणितवा, सुकिलु. वण्णणामाते पुच्छा, गो०! जह० सागरोवमस्स एग सत्तभागं पलितो० असं० ऊणगं उक्को० दस सागरोबमकोडाकोडीतो दस वाससताई अचाहा०, हालिदवण्णणामाए णं पुच्छा, गो! ७६१ प्रज्ञापना, पड़-२२ मुनि दीपरत्नसागर Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सागरोक्मस्स पंच अट्ठावीसतिभागा पलितोवमस्स असंखिजभा ऊ० उक्को अद्धतेरस सागरोवमकोडाकोडीओ अवतेरस वाससयाई अवाहा०, लोहितवण्णणामाए ण पुच्छा, गो०! जह सागरोवमस्स छ अट्ठावीसतिभागा पलितोषमस्स असं भागेण ऊणया उको० पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ पण्णरस वाससयाति अवाहा०, नीलवण्णनामाए पुच्छा, गो०! जह. सागरोवमस्स सत्त अट्ठावीसतिभागा पलितोषमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणगा उक्को अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीतो अदवारस वाससताई अवाहा०, कालवण्णनामाए जहा छेवट्ठसंघय०, मुग्भिगंधणामाते पुच्छा, गो०! जहा सुकिल्लवण्णनामस्स, दुम्भिगंधणामाए जहा छेवट्ठसंघयणस्स, रसाणं महुरादीणं जहा यण्णाणं मणितं तहेव परिवाडीते माणितवं, फासा जे अपसत्या तेसिं जहा छेवगुस्स, जे पसत्या तेसिं जहा सुकिजवष्णनामस्स, अगुरुलहुनामाते जहा छेवट्ठस्स, एवं उवघातनामारवि, परापायनामाएविएवं चेव, निस्याणुपुत्रीनामाए पुच्छा, गो०! जह० सागरोवमसहस्सस्स दो सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उक्को० वीसं सागरोचमकोडाकोडीओ वीसं वाससताई अबाहा०, तिरियाणुपु. बीए पुच्छा, गो०! जह० सागरोवमस्स दो सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उको बीसं सागरोवमकोडाकोडीओ वीसती वाससताई अबाधा०, मणुयाणुपुधी. नामाए णं पुच्छा, गो०! जह० सागरोवमस्स दिवड्ढे सत्तभागं पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणयं उक्को० पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ पण्णरस बाससताई अबाहा, देवाणुपुषीनामाते पुच्छा, गो०! जह• सागरोवमसहस्सस्स एग सत्तभागं पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणयं उक्को० दस सागरोक्मकोडाकोडीओ दस य वाससताई अवाहा०, ऊसासनामाते पुच्छा, गो०! जहा तिरियाणपुधीए, आयवनामाएवि एवं चेव, उज्जोयनामाएवि, पसत्यविहायोगतिनामाएवि पुच्छा, गो०! जह• एगं सागरोवमस्स सत्तभागं उक्को. दस सागरोवमकोडाकोडीओ दस पाससलाई अवाहा०, अपसस्थविहायोगतिनामस्स पुच्छा, गो०! जह. सागरोवमस्स दोणि सत्तभागा पलितोषमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणया उक्को० वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ वीस य वाससताई अवाहा०, तसनामाए थावरनामाए य एवं चेव, सुहुमनामाए पुच्छा, गो०! जह• सागरोवमस्स णव पणतीसतिभागा पलितोवमस्स असंखेजतिभागेण ऊणया उको अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीतो अट्ठारस य वाससताई अवाहा०, बादरनामाए जहा अप्पसत्यविहायोगतिनामस्स, एवं पज्जत्तनामाएवि, अपजत्तनामाए जहा मुहुमनामस्स, पत्तेयसरीरनामाएवि दो सत्तभागा, साहारणसरीरनामाए जहा सुहुमस्स, धिरनामाए एगं सत्तभागं, अधिरनामाए दो सुभनामाए एगो असुभनामाए दो सुभगनामाए एगो दूभगनामाए दो सूसरनामाए एगो दूसरनामाए दो आदिजनामाए एगो अणाइजनामाए दो जसोकित्तिनामाए जह• अट्ठ मुटुत्ता उक्को दस सागरो वमकोडाकोडीतो दस वाससताई अबाहा०, अजसोकित्तिनामाए पुच्छा, गो० जहा अपसत्यविहायोगतिनामस्स, एवं णिम्माणनामाएवि, तित्थगरणामाएणं पुच्छा, गो०! जह 10 अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ उको० अंतोकोडाकोडीओ, एवं जत्थ जहएगो सत्तभागो तत्य उको दस सागरोचमकोडाकोडीओ दस वाससताई अवाहा. जत्य दो सत्तभागा तत्थ उक्को०वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ वीस यवाससयाई अबाहा०, उच्चागोयस्स णं पुच्छा, गो०!जह अट्ठ मुहुत्ता उक्को० दस सागरोचमकोडाकोडीओ दस य वाससताई अवाहा०,णीया. गोत्तस्स पुच्छा, गो०! जहा अप्पसत्यविहायोगतिनामस्स, अंतराए णं पुच्छा, गो! जह• अंतो० उक्को तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ तिष्णि य वाससहस्साई अवाहा अबाहूणिया कम्महिती कम्मनिसेगो। २९५। एगिदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स किं बंधति?, गो०! जह० सागरोवमस्स तिणि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजइभागेणं ऊगया उक्लो. सेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधति, एवं निदापंचगस्सविदेसणचउकस्सवि, एगिदिया णं भंते ! सातावेदणिजस्स किंबंधति ?, गो!जह सागरोषमस्स दिवढे सत्तभार्ग पलिओवमस्स असंखे. जतिभागेणं ऊणयं उको० ते चेष पटिपुण्णं बंधति, असायवेयणिजस्स जहा णाणावरणिजस्स, एगिदिया णं भंते ! जीवा सम्मत्तवेयणिजस्स किंबंधति?, गो० णस्थि किंचि बंधति, एगिदिया णं मंते ! जीवा मिच्छत्तवेदणिजस्स कम्मस्स किं बंधति?, गो! जह सागरोवमं पलितोचमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणं उक्को० तं चैव पडिपुष्णं बंधति, एगिदिया णं भंते ! जीवा सम्मामिच्छत्तवेयणिजस्स किं बंधति?, गो! णस्थि किंचि बन्धंति, एगिदिया णं भंते! जीवा कसायचारसगस्स किं बंधति ?, गो० जह० सागरोवमस्स चत्तारि सत्तभागे पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणते उको० ते चेच पडिपुण्णे बंधति, एवं जाय कोहसंजलणाएवि, जाच लोभसंजलणाएवि, इस्थिवेदस्स जहा सातावेदणिजस्स, एगिदिया पुरिसवेदस्स कम्मस्स०?,जह सागरोषमस्स एगे सत्तभागं पलितोषमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणयं उक्को० तं चेव पडिपुणं बंधति, एगिदिया नपुंसगवेदस्स कम्मस्स०?,जह सागरोषमस्स दो सत्तभागे पलितोचमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणए उक्को० ते चेव पडिपुण्णे बंधति, हासरतीते जहा पुरिसवेदस्स, अरतिभयसोगदुगुंछाए जहा नपुंसगवेयस्स, नेरइयाऊ देवाऊ य निरयगति देवगति० वेउपियसरीर० आहारग• नेरइयाणुपुर्वि देवाणुपुचिं तित्थगरणामं एताणि पदाणि ण बंधति, तिरिक्खजोणियाउयस्स जह• अंतो० उको पुषकोडी सत्तहिं वास७६२ प्रज्ञापना, पर-२ मुनि दीपरनसागर Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सहस्सेहिं वासलहस्सतिभागेण य अहियं संपति, एवं मणुस्साउयस्सवि, तिरियगतिनामाए जहा नपुंसगवेवस्स, मणुयगतिनामाए जहा सातादणिजस्स, एगिदियनामाए पंचिदियजा. तिनामाए य जहानसगवेवस्स, मेवियतेवियजातिनामाए पुच्छा, गोजहसागरोवमस्स नव पणतीसतिभागे पलितोषमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणए उको ते घेष परिपुण्णे बंधति. चउरिवियनामाएवि जह सागरोवमस्स गव पणतीसतिभागे पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊगए उको० ते चेष पडिपुण्णे पंधति, एवं जत्थस्थि जहष्णगं दो सत्तभागा तिमि वा चत्तारि वा सत्तभागा अट्ठावीसतिभागा० भवंति तत्व णं जह० ते चेव पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणगा माणितथा उको० ते व पडिपुण्णे बंचंति, जत्थ णं जह० एगो वा दिवड्ढो वा सत्तभागो तत्थ जह-तं व माणित उफ्को तं चेव पडिपुण्णं बंधति, जसोकित्तिउच्चागोताणं जह• सागरोवमस्स एग सत्तभागं पलितोवमस्स असं० ऊणं उस्को तं चेव पडिपुणं बंधति, अंतराइयस्स णं मंते! पुच्छा, गो०! जहा णाणावरणिज उक्को० ते व पडिपुण्णे बंधति । २९६॥ पेइंदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिजस्स कम्मस्स किं बंधति, गो ! जह० सागरोषमपणवीसाते तिणि सत्तभागा पलितोवमस्स असं० ऊणया उसोते व पडिपुण्णे बंधति, एवं निहापंचगस्सवि, एवं जहा एगिदियार्ण भणितं तहा बेईदियाणवि माणितई, नवरं सागरोवमपणवीसाए सह भाणितया पलितोवमस्स असंखेजतिभागेर्ण ऊणा सेसा तं चेव पडिपुण्णं बंधति, जत्थ एगिदिया न बंधति तत्थ एतेविन बंधति. बेईदिया णं भंते! जीवा मिच्छत्तवेयणिज्जस्स किंबंधति?, गो० ! जह० सागरोषमपणवीस पलिओवमस्स असंखेजहभागेण ऊणयं उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधति, तिरिक्खजो. णियाउयस्स जह• अंतो० उक्को० पुषकोडिं चउहि वासेहिं अहियं बंधति, एवं मणुयाउयस्सवि, सेसं जहा एगिदियाणं, जाव अंतराइयस्स, तेईदिया णं मंते ! जीवा णाणावरणिजस्स किंबंधति ?, गो०! जह. सागरोवमपण्णासाए तिणि सत्तभागा पलितोवमस्स असंखेजइमागेणं ऊणया उक्को०ते व पडिपुण्णे बधति,एवं जस्स जति भागा ते तस्स सागरोवमपण्णासाए सह माणितशा, तेईदिया णं मते! मिच्छत्तवेदणिज्जस्स कम्मस्स किंबंधति?, गो०! जह• सागरोवमपण्णासं पलितोवमस्सासंखेजतिभागेणं ऊणयं उको तं चेव पडिपुष्णं बंधति, तिरिक्खजोणियाउस्स जह• अंतो.उको पुरकोडिं सोलसहि दिवसेहिं राइंदियतिमागेण य अहियं बंधति, एवं मणुस्साउयस्सवि, सेसं जहा इंदियाणं जाव अंतराइयस्स, परिदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिजस्स किं बंधति?, गो०! जह० सागरोवमसयस्स तिण्णि सत्तमागे पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणए उको० ते चेव पडिपुण्णे बंधति, एवं जस्स जति भागा तस्स सागरोवमसतेण सह भाणितशा, तिरिक्सजोणियाउयस्स कम्मस्स जह० अंतो० उको० पुषकोडिं दोहिं मासेहिं अहियं, एवं मणुस्साउयस्सवि, सेसं जहा येइंदियाणं, णवरं मिच्छत्तवेदणिजस्स जह० सागरोवमसतं पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणयं उक्को० तं व पडिपुण्णं बंधंति, सेसं जहा बेइंदियाणं जाच अंतराइयस्स, असण्णी णं मंते ! जीवा पंचिंदिया णाणावरणिजस्स कम्मस्स किंबंधति , गो०! जह• सागरोवमसहस्सस्स तिणि सत्तभागे पलितोषमस्सासंखेजतिभागेणं ऊणए उक्को० ते चेव पडिपुण्णे, एवं सो चेव गमो जहा बेइंदियाणं, णवरं सागरोवमसहस्सेण समं माणितचं जस्स जति भागत्ति, मिच्छत्तवेदणिजस्स जह० सागरोवमसहस्सं पलितोवमासंखेजतिभागेणं ऊणयं उक्को०तं चेव पडिपुण्णं, नेरइयाउयस्स जह० दस वाससहस्साई अंतोमुत्तममहियाई उक्को० पलितोवमस्स असंखेजतिभागं पुषकोडितिभागम्भहियं बंधति, एवं तिरिक्खजोणियाउयस्सवि णवरं जह• अंतो०, मणुयाउयस्सवि, देवाउयस्स जहा नेरइयाउयस्स, असण्णी णं भंते ! जीवा पंचिंदिया निरयगतिनामाए कम्मस्स किं बंधंति ?, गो! जह सागरोवमसहरसस्स दो सत्तभागे पलितोवमस्स असंखेजतिभागेणं ऊणए उक्को० ते चेव पडिपुण्णे, एवं तिरियगतीतेवि, मणुयगतिनामाएवि एवं चेव णवरं जह० सागरोवमसहस्सस्स दिवड्ढं सत्तभागं पलितोवमस्सासंखेज्जइभागेण ऊणं उक्को० तं चेव पडिपुण्णं बंधंति, एवं देवगतिनामाए नवरं जह० सागरोवमसहस्सस्स एग सत्तभार्ग पलिओवमस्सासंखे. ऊणं उक्को तं चेव पडिपुण्णं, वेउधियसरीरनामाए पुच्छा, गो०! जह• सागरोवमसहस्सस्स दोसत्तभागे पलितोवमस्सासंखेजतिभागेण ऊणे उक्को० दो पडिपुण्णे बंचंति, सम्मत्तसम्मामिच्छत्तआहारगसरीस्नामाते तित्थगरनामाए यण किंचि बंधति, अवसिटुं जहा बेइंदियाणं, णवरं जस्स जत्तिया भागा तस्स ते सागरोवमसहस्सेण सह भाणितधा, सधेसि आणु पुडीए जाव अंतराइयस्स, सण्णी णं भंते! जीवा पंचिंदिया णाणावरणिजस्स कम्मस्स किं बंधंति, गो० ! जह• अंतोमुहुर्त उक्को तीसं सागरकोडाकोडीओ तिणि वाससहस्साई | अवाहा०, सण्णी णं भंते ! पंचिंदिया णिहापंचगस्स किं बंधंति?, गो०! जह• अंतो० उक्को तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ तिषिण य वाससहस्साइं अवाहा०, दसणचउक्कस्स जहा पाणावरणिजस्स, सायावेदणिज्जस्स जहा ओहिया ठिती भणिता तहेव माणितचा ईरियावहियवंधयं पडुच संपराइयबंधयं च, असायावेयणिज्जस्स जहा णिदापंचगस्स, सम्मत्तवेदणिजस्स सम्मामिच्छत्तवेदणिजस्स जा ओहिया ठिती भणिता तं बंधति, मिच्छावेदणिजस्स जह• अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ उक्को सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ सत्तरि ७६३ प्रज्ञापनाप-२३ मुनि दीपरत्नसागर Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ य वाससहस्साई अवाहा०, कसायबारसगस्स जह० एवं चेव उक्को० चत्तालीसं सागरोवमकोडाकोडीओ चत्तालीस य वाससयाति अबाहा०, कोहमाणमायालोभसंजलणाए य दो मासा मासो अबमासो अंतोमुहुत्तो, एवं जहनगं, उक्कोसग पुण जहा कसायबारसगस्स, चउण्हवि आउयाणं जा ओहिया ठिती भणिता तं बंधति, आहारगसरीरस्स तिस्थगरनामाए य जह अंतोसागरोवमकोडाकोडीतो उक्को. अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ, पुरिसवेदणिजस्स जह० अट्ठ संवच्छराई उको दस सागरोवमकोडाकोडीओ दस य वाससयाई अवाहा, जसोकित्तिणामाए उचागोत्तस्स एवं चेव, नवरं जह• अट्ट मुहुत्ता, अंतराइयस्स जहाणाणावरणिजस्स, सेसएसु सवेसु ठाणेसु संघयणेसु संठाणेसु वण्णेसु गंधेसु य जह० अंतोसागरो. बमकोडाकोडीओ उको जा जस्स ओहिया ठिती भणिता ते पंधति णवरं इमं नाणत्तं अवाहा अवाहूणियाण बुचति, एवं आणुपुधीते सधेसिं, जाव अंतरायस्स ताव माणित । २९७। णाणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स जहण्णहितिबंधए केरिसए ?, गो०! अण्णयरे सुहुमसंपरायते उवसामए वा खवगे वा एस णं गो०! णाणावरणिजस्स कम्मस्स जहण्णयठितीपंधते, तबइरिते अजहण्णे, एवं एएणं अभिलावेणं मोहाउयवजाणं सेसकम्माणं माणितवं, मोहणिजस्सणं मंते! कम्मस्स जहण्णठितीबंधते के०?, गो ! अन्नयरे बादरसंपराए उवसामए वा खवए वा एस णं गो० मोहणिजस्स कम्मस्स जहण्णठितीबंधते, तञ्चतिरित्ते अजहण्णे, आउयस्स णं भंते ! कम्मस्स जहण्णठितीवंधते के०१, गो०! जे णं जीवे असंखे. प्पदापविद्वे सबनिस्बे से आउते, सेसे सचमहंतीए आउयबंधद्धाए, तीसे णं आउयबंधहाए चरिमकालसमयंसि सवजहणियं ठिई अपजत्तापजत्तियं निवतेति, एस णं गो ! आउ. यकम्मस्स जहण्णठितीबंधते, तपहरिते अजहण्णे ।२९८। उक्कोसकालद्वितीयं णं भंते ! णाणावरणिजं किं नेरइओ तिरिक्खजोणिओ तिरिक्खजोणिणी मणुस्सो मणुस्सिणी देवो देवी बंधइ ?, गो०! नेरइओवि जाव देवीवि बंधइ, केरिसए णं भंते ! नेरहए उकोसकालठिइयं णाणावरणिज कम्मं बंधड ?, गो०! सण्णी पंचिंदिए सबाहिं पज्जत्तीहिं पज्जत्ते सागारे जागरे सुत्तो(तो)वउत्ते मिच्छादिट्ठी कण्हलेसे य उकोससंकिलिट्ठपरिणामे ईसिमझिमपरिणामे वा एरिसए णं गो! नेरहए उकोसकालद्वितियं णाणावरणिज कम्मं बंधति, केरिसए णं मंते! तिरिक्खजोणिए उकोसकालठितीयं णाणावरणि कम्मं पंधति?, गो०! कम्मभूमए वा कम्मभूमगपलिभागी या सण्णी पंचेंदिए सबाहिं पजतीहि पजत्तए सेसं तं चेव जहा नेरइयस्स, एवं तिरिक्खजोणिणीवि मणूसेवि मणूसीवि, देवदेवी जहा नेरइए, एवं आउयवजाणं सत्तण्हं कम्माणं, उकोसकालठितीयं णं भंते! आउयं कम्मं किं नेरइओ बंधति जाव देवी पं०?, गो ! नो नेरइओ बंधह तिरिक्खजोणिओ पंधति नो तिरिक्खजोणिणी बंधति मणुस्सेवि बंधति मणुस्सीवि पंधति नो देवो बंधह नो देवी पंधइ, केरिसए णं भंते! तिरिक्खजोणिते उकोसठितीयं आउयं कम्मं बंधति?, गो! कम्मभूमए वा कम्मभूमगपलिभागी वा सण्णी पंचिदिए सबाहिं पजत्तीहिं पज्जत्तए सागारे जागरे सुत्तोब उकोससंकिलिट्ठपरिणामे, एरिसए णं गो०! तिरिक्खजोणिते उक्कोसकालद्वितीयं आउयं कम्मं बंधति, केरिसए णं मंते! मणूसे उकोसकालद्वितीयं आउयं कम्मं बंधति?, गो०! कम्मभूमए वा कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुत्तो(तो)वउत्ते सम्मदिट्टी वा मिच्छादिट्टी वा कण्हलेसे वा सुक्कलेसे वा णाणी वा अण्णाणी वा उको संकिलिट्ठपरिणामे वा असंकिलिट्ठप. रिणामे या तप्पाउम्गविमुज्झमाणपरिणामे वा एरिसए णं गो०! मणूसे उक्कोसकालद्वितीयं आउयं कम्म बंधति, केरिसया णं भंते ! मणुसी उकोसकालहिइयं आउयं कर्म बंधह, गो०! कम्मभूमिया वा कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुत्तोवउत्ता सम्मदिट्टी सुक्कलेसा तप्पाउगविमुज्झमाणपरिणामा एरिसिया णं गो०! मणूसी उक्कोसकालढिइयं आउयं कम्म | बंधति, अंतराइयं जहा णाणावरणिज । २९९॥ कम्मपगइपयं २३॥ कति णं मंते! कम्मपगडीओ पं०१, गो! अट्ठ कम्मपगडीओ पं० तं०-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, एवं नेर इयाणं जाव वेमाणियाणं, जीवे णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं बंधमाणे कति कम्मप० बंधइ ?, गो! सत्तविहबंधए वा अट्ठविह छविहवा, नेरइए णं भंते ! णाणावरणिज कम्म बंधमाणे कति कम्म० बंधति?, गो० सत्तविहवंधए या अट्ठविह०,एवं जाव वेमाणिते णवरं मणुस्से जहा जीवे, जीवा णं भंते ! णाणावरणिनं कम्मं पंधमाणा कति कम्म बंधति ?, गो०! सवेवि ताव होज सत्तविहबंधगाय अढविहधगा य अहवा सत्तविहवंधगा य अट्टविहबंधगा य छबिहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविहवंधगा य, रइया णं भंते ! णाणावरणिजं कम्मं बंधमाणा कति कम्म० बंधति?, गो०! सधेवि ताव होजा सत्तविहवंधगा अहवा सत्तविहबंधमा य अट्ठविहबंधगे य अहवा सत्तविहवंधगा य अट्टविहवं. धगा य तिण्णि भंगा, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइया णं पुच्छा, गो०! सत्तविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि एवं जाव वणफइकाइया, विगलाणं पंचिदियतिरिक्खजोणियाण य तियभंगो सवेवि ताव होज सत्तविहगा अहवा सत्तविहगा य अट्ठविहवंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य, मणूसा णं भंते! णाणावरणिजस्स पुच्छा, गो०! सब्वेवि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविगा य अहवा सत्तविहबंधगा य छत्रिहबंधए य अहवा सत्तविहबंधगा य छविहगा य अहवा सत्तविहर्षधगा य अडविहबंधगे य छविहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य छविहर्षधगा य अहवा सत्तवि०गाय अट्ठवि०गाय छविहबंधगे य अहवा (१९१) ७६४ प्रज्ञापना पद मुनि दीपरत्नसागर Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सत्तविहवंधगा य अहवि०गा य छविहवंधगा य एवं एते नव मंगा, सेसा वाणमंतरादिया जाव वेमाणिया जहा नेरइया सत्तविहादिवंधगा भणिता तहा भाणितचा, एवं जहा णाणावरणं बंधमाणा जहिं मणिता वसणावरणपि बंघमाणा तहिं जीवादीया एगत्तपोहुत्तेहि माणितबा, वेयणिज बंधमाणे जीवे कति०१, गो०! सत्तविहबंधए वा अट्टविहांधए वा छधिहबंधए वा एगविहवंधए वा, एवं मसेवि, सेसा नारगादीया सत्तवि०गा अवविहर्षचगा जाव वेमाणिते, जीचा णं मंते ! वेदणिज कम्मे पुच्छा, गो० सजेवि ताव होजा सत्तविहर्षधगा य अढवि०गा य एगवि०गाय छविहवंधए य अहवा सत्तविहवंधगा य बढविहगा एगविण्या य छधिगा य, अवसेसा नारगादीया जाव वेमाणिता जहिं णाणावरणं बंधंति तहिं माणितबा एवं, नवरं मणूसा णं भंते ! वेदणिज कम्मं बंधमाणा कति कम्मपगडीतो मंति', गो०! सोवि ताव होज सत्तवि०गा य एगविगा अहवा सत्तविहवंधगा य एगवि०गा अढविहधगे य अहवा सत्तविहांधगा य एगवि०गा य अढवि०गा अहवा सत्तविहगंधगा य एमबिगाय छविहधगेय अहवा सत्तविहवंधगा य एगवि०गा छविहगा अहया सत्त. विहधगा य एगविगा अढविहवंधते य छविहगा य अहवा सत्तविहधगा य एगवि०गा य अट्ठविहवंधते य छबिहबंधगा य अहवा सत्तविहवंधगा य एगवि०गा य अट्ठविगा छबिहवंधगे य अहवा सत्तविहवंधगा य एगवि०गा अववि०गा छविहगा एवं एए नव मंगा भाणियचा, मोहणिज बंधमाणे जीवे कति०?, गो०! जीवेगिदियवज्जो तियभंगो, जीवेमिदिया सत्तविहबंधगावि अढवि०गावि,जीवे णं भंते! आउयं कम्मं धमाणे कति कम्म०, गो०! नियमा अट्ठ, एवं नेरइए जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेणवि, णामगोयअंतराइयं बंधमाणे जीवे कति०?, गो०! जीवो णाणावरणिजंबंधमाणे जहिं बंधति तहिं मणितो, एवं नेहएवि जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेणविभाणियञ्च । ३००॥ कम्मबंधबंधपयं २४॥ कति णं मते! कम्मपगडीओ पं०१, गो०! अट्ठ कम्म० पं० त०-णाणावरणिज जाव अंतराइय, एवं नेरइयाण जाव वेमाणियाणं, जीवे णं भंते! णाणावरणिज्ज कम्मं बंधमाणे कति कम्म० वेदेति?, गो०! नियमा अट्ट कम्मपगडीतो वेदेति, एवं नेहए जाव बेमाणिए, एवं पुडुत्तेणवि, एवं वेदणिज्जवजं जाव अंतराइयं, जीवे णं भंते ! वेदणिज्ज कम्मं बंधमाणे कति कम्मपगडीतो वेदेति?, गो०! सत्तविहवेदए वा अढविहवेदए वा चउबिहवेदए वा, एवं मणूसेवि, सेसा नेरइयाई एगत्तेण पुहुत्तेणवि नियमा अट्ठ कम्मपगडीओ वेदंति जाव वेमा. | थिए, जीवा णं भंते ! वेदणिज्ज कम्मं पंधमाणा कति कम्मपगडीतो वेदेति.', गो०! सबेवि ताव होज्जा अट्ठविहवेदगा य चउविहवेदगा य अहवा अट्टविहवेदगा य चउविहगा सत्तविहवेदगे य अहवा अट्ठविहवेदगा य चउचि०गा सत्तविगा, एवं मणूसाविमणियथा।३०१॥ कम्मबंधवेयपयं२५॥ कति णं भंते ! कम्मपगडीओ०, गो० अट्ठ कम्मप० पं० त०. गाणावरणिजं जाव अंतराइयं, एवं नेरहयाणं जाव वेमाणियाणं, जीवे णं मंते! णाणावरणिज कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीओ बंधति ?, गो! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा छविहांधए वा एगविहबंधए वा, नेरइए णं मंते! णाणावरणिज कम्मं वेदेमाणे कति कम्मबंधति?, गो! सत्तविहबंधए वा अट्ठविल्गे, एवं जाव वेमाणिते, मणूसे जहा जीवे, जीवा | णं भंते ! णाणावरणिज कम्म वेदेमाणा कति कम्मपगडीतो बंधति?. गो! सोवि ताव होजा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहगा अहवा सत्तविहधगा य अट्टविहवंधगा छबिहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अढविहबंधगा य छबिहबंधगा अहवा सत्तविहवंधगा य अट्ठविहबंधगा एगविहवंधए य अह्वा सत्तविहवंधगा य अट्ठवि०गा एगवि०गा य अहवा सत्त नविहबंधगा य अट्ठवि०गा छविहबंधए य एगविहबंधए य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठवि० छबिहबंधए य एगविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठवि०गा छविहगा एगवि. हबंधए य अहवा सत्तविहवंधगा य अट्ठविल्गा छबिहगा एगविहगा एवं एते नव भंगा, अवसेसाणं एगिदियमणूसवज्जाणं तियभंगो जाव वेमाणियाणं, एगिदियाणं सत्तविहबंधगा य अट्ठबिह-गा, मणूसाणं पुच्छा, गो०! सधेवि ताव होज सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहवंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य छबिहबंधए य, एवं छविहबंधएणवि समं दो मंगा,एगविहवंधएणवि समं दो भंगा, अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधए य छविबंधए य चउभंगो, अहवा सत्तविबंधगा य विहबंधए य एगविहबंधए य चउभंगो, अहवा सत्तविहबंधगा य अद्रविहबंधए यछविहबंधए य एगविहबंधए य भंगा अट्ट, एवं एते सत्तावीसं भंगा, एवं जहा णाणावरणिज्जं तहा सणावरणिजपि अंतराइयंपि, जीवे णं भंते! वेदणिज कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीतो बंधति?, गो०! सत्तवि. हवंधते वा अढविहबंधते वा छबिहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधएवा, एवं मणूसेवि, अवसेसा णारयादीया सत्तविहगा अढविहगा, एवं जाव वेमाणितो, जीवा णं भंते ! वेदणिज कम्मं वेदेमाणा कतिकति ?, गो ! सबेवि ताव होजा सत्तविहबंधगा य अढविहबंधगा य एगविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठवि०गा एगविगा छबिहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहगा एगविहगा छविहगा य, अबंधगेणवि समं दो भंगा भाणितबा, अहवा सत्तविहगाय अट्ठविहगा एगविहगा छविहगे य अबंधगे य चउभंगो, ७६५ प्रज्ञापना, पद-२६ मुनि दीपरत्नसागर Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एवं एए नव भंगा, एगिदियाणं अभंगतं, नारगादीणं तियभंगो जाव वेमाणियाणं, नवरं मणूसाणं पुच्छा, सविताच होजा सत्तविहगा एगविहगा य अहवा सत्तविहगा य एग. विहगा य छविहगा य अट्ठविहगा अपंधते य, एवं एते सत्तावीसं भंगा माणितवा, एवं जहा वेदणिज तहा आउयं नाम गोयं च भाणितवं, मोहणिजे वेदेमाणे जहा णाणावरणिजं तहा भाणिया।३०२॥ कम्मवेयधपयं २६ ॥ कति णं मंते! कम्मपगडीओ पं०१, गो! अड, तं०- णाणावरणिज जाप गराइयं, एवं नेरइयाण जाव वेमाणियाणं, जीवेणं भंते ! णाणावरणिज कम्मं वेदेमाणे कति कम्मपगडीतो वेदेति !, गो०! सत्तविहवेयए वा अडविहवेयए था, एवं मणूसेवि, अवसेसा एगलेणवि पुहुत्तेणवि णियमा अट्ट कम्मपगडीतो वेदेति जाव वेमाणिए, जीवा गं भंते ! णाणावरणिज वेदेमाणा कति कम्मपगडीवो वेदेति?, गो०! सधेवि ताव होजा अढविहवेदगा अहवा अट्ठ०गा सत्त०गे अहवा अट्टगा य सत्तबिहवेदगा य, एवं मणूसावि, दरिसणावरणिज अंतराइयं च एवं चेव भाणित, वेदणिजं आउयनामगोत्तातिं वेदेमाणे कति कम्मपगडीओ एति, गो०! जहा बंधगवेदगस्स वेय. णिज तहा भाणितत्राणि, जीवे णं मंते ! मोहणिज के.गणे कति कम्मपगडीतो वेदेति', गो०! नियमा अह कम्मपगडीतो वेदेति, एवं नेरतिए जाच वेमाणिते, एवं पुडुत्तेणवि १३.३॥ कम्मवेदवेदपयं २७॥ सचित्ताऽभारड्डी केवति किं वावि सवतो चेव । कतिमार्ग सधे खलु परिणामे चेव पोखरे॥२१८॥ एगिदियसरीरादी लोमाहारो तहेव मणभक्खी। एतेसिंतु पदाणं विभावणा होति कातवा ॥२१९॥ नेरख्या गं भंते ! किं सचित्ताहारा अचित्ताहारा मीसाहारा ?, गो० नो सचित्ताहारा अचित्ताहारा नो मीसाहारा, एवं असुरकुमारा जाव वेमाणिया, ओरालियसरीरा जाच मणूसा सचित्ता० अचित्ता० मीसाहारावि, नेरइया णं भंते! आहारट्ठी?.हंता आहारट्ठी, नेरहयाणं भंते! केवतिकालस्स आहारट्टे समुप्पजति ?, गो०! नेरइयाणं दुविधे आहारे पं०० आभोगनिव्वत्तिते य अणाभोगनिवत्तिते य, तत्य णं जे से अणाभोगनिवत्तिते से णं अणुसमयमविरहिते आहारट्टे समुप्पजति, तत्थ णं जे से आभो गनिवत्तिते से णं असंखिजसमतिए अंतोमुहुत्तिते आहारट्टे समुप्पजति, नेरइया णं भंते! किमाहारमाहारेंति?, गो०! दवतो अणंतपदेसियातिं खेत्तओ असंखेजपदेसोगाढातिं कालतो S अण्णयरहिइयातिं भावओ वण्ण गंधक रस फासमंताई, जाई भावतो वण्णमंताई आहारेंति ताई किं एगवण्णातिं आहारति जाब किं पंचवण्णाई आहारैति?, गो० ठाणमम्गणं 5 पडुब एगवण्णाईपि आहारति जाव पंचवण्णाइंपि०विहाणमग्गणं पडुच कालवण्णाईपि आहारेंति जाव सुकिल्लाइंपि०,जाति वण्णतो कालवणातिं आहारति ताई किंएगगुणकालाई जाव सगुणकालाई संखिजा आहा. जाव अर्णतगुणकालाई आ०१, गो०! एगगुणकालाईपि जाव अणंतगुणकालाइंपि आ०,एवं जाव सुकिलाई, एवं गंधतोचि रसतोवि, जाई भावओ फासमंताई ताई नो एगफासाई नो दुफासाई नो तिफासाई चउफासाई आहारति जाव अट्ठफासाईपि आ० विहाणमग्गणं पहुच कक्खडाइपिजाव लुक्साइंपि, जाति फासतो कक्खडाति ताई किंएगगुणकक्खडाई जाव अणंतगुणकक्खडाई आ०१, गो०! एगगुणकक्खडाइंपि जाच अर्णतगुणकक्खडाइपि आ०,एवं अट्ठवि फासा भाणितव्वा जाव अणंतगुणलक्खाइपिआ०, जाति भंते ! अणंतगुणलुक्खाई ताई किं पुट्ठाई अपुट्ठाई आ०?, गो० पुट्ठाई० नो अपुट्ठाई आ०,जहा भासुद्देसए जाव णियमा छदिसिं आ०, ओसणं कारणं पहुच वष्णओ कालनीलातिं गंधओ दुम्भिगंधातिं रसओ तित्तकडुयाई फासओ कक्खडगुरुयसीयलुक्खाई, तेसिं पोराणे वण्णगुणे गंधगुणे रसगुणे फासगुणे विपरिणामइत्ता परिपीलइत्ता परिसाडइत्ता परिविद्धसइत्ता अण्णे अपुग्वे वण्णगुणे जाव फासगुणे उप्पाइत्ता आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले सबप्पणयाए आहारं आहारैति, नेरइया णं भंते ! सवओ आहारति सपओ परिणामंति सबओ ऊससंति सबओ नीससंति अभिक्खणं आहारेंति अभिक्खणं परिणामंति अभिक्खणं ऊससंति अभिक्खणं नीससंति आहब आहारेंति आहच परिणामेंति आहच ऊससंति आहच नीससंति ?, हंता गो! णेरड्या सवतो आहारैति एवं तं चेव जाव आहच नी०, नेरइया णं भंते! जे पोग्गले आहारत्ताते गिण्हति ते णं तेसिं पोग्गलाणं सयालंसि कतिभागं आहारेंति कतिभागं आसाएंति?, गो० असंखेजतिभागं आ० अर्णतभागं अस्साएंति, नेरडया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताते गिण्हति ते किस आहारैति नोसब्बे अपरिसेसए आहारैति, नेरइया णं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए गिण्हंति ते णं तेसिं पोग्गला कीसत्ताए भुजो २ परिणति ?, गो ! सोतिदियत्ताते जाव फासिंदियत्ताते अणिट्टत्ताते अकंतत्ताए अपियत्ताए असुभत्ताए अमणुण्णत्ताए अमणामत्ताते अणिच्छियत्ताते अ(प्र. अण)भिज्झियत्ताए अहत्ताते नो उडत्ताए दुक्खत्ताते नो सुहत्ताते एतेसिं भुजो २ परिणमंति।३०४॥ असुरकुमारा णं भंते ! आहारही?,हंता आहारट्टी, एवं जहा नेरइयाणं तहा असुरकुमाराणवि माणितव्वं जाव तेसिं भुजो २परिणमंति, तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिते से णं जहचउत्थभत्तस्स उको सातिरेगवाससहस्सस्स आहारट्टे समुप्पजइ, ओसण्णं कारणं पडुच वण्णतो हालिहसुकिल्लातिं गंधतो सुब्भिगंधाति रसतो अंबिलमहुरातिं फासओ मउयलहुयनिधण्हाति, तेसि पोराणे वण्णगुणे जाव फासिदियत्ताते जाव मणामत्ताते इच्छियत्ताते मि(म० अभि)ज्झियत्ताते उदत्ताते नो अहत्ताए सुहत्ताए नो दुहत्ताए ७६६ प्रज्ञापना पद-२ मुनि दीपरत्नसागर Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एतेसिं मुजोर परिणमंति, सेसं जहा नेरइयाणं, एवं जाव थणियकुमाराणं णकर आभोगनिव्वत्तिते उक्को० दिवसपुहुत्तस्स आहारट्टे समुप्पजति ।३०५। पुढचीकाइया णे भंते ! आहा-16 रही?,हंता आहारट्ठी, पुढवीकाइया णं भंते ! केवतिकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जति ?. गो०! अणुसमयमविरहिते आहारट्टे समुप्पज्जइ, पुढवीकाइया णं भंते ! किमाहारमाहारेंति ? एवं जहा नेरल्याणं जाव ताई कतिदिसि आहारेंति?, गो० निवाघातेणं छदिसि वाघायं पडुच सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसि नवरं ओसनकारणं न भण्णति, वण्णओ कालनीललोहितहालिहसुकिल्लातिं गंधतो सुम्मिगंधदुम्मिगंधातिं रसतो तित्तकडयकसायअंबिलमहुराई फासतो कक्खडमउयगुरुयलहुयसीतउण्ह(प० सिण )णिद्धलुक्खातिं, तेसिं पोराणे वण्णगुणे सेसं जहा नेरइयाणं जाव आहच नीससंति, पुढवीकाइया० गिव्हंति तेसिं मंते ! पोग्गलाणं सियालंसि कतिभागं आहारेंति कतिमार्ग आसाएंति ?, गो०! असंखेजतिभागं आहारैति अणंतभागं आसाएंति, पुढवीकाइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताते गिण्हंति ते किं सजे आहारेंति नोसचे आहारति ?, जहेव नेरइया तहेव, पुढवीकाइया० गिव्हंति ते णं तेसि पोग्गला कीसत्ताए भुजो २ परिणमंति?, गो०! फासिंदियवेमायत्ताते भुजो २ परिणमंति, एवं जाव वणप्फइकाइया ।३०६। बेइंदिया णं मंते! आहारट्ठी ?, हंता आहारही, | बेईदियाणं भंते ! केवतिकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जति ?, जहा नेरइयाणं, नवरं तत्य ण जे से आभोगनिश्चत्तिते से णं असंखिज्जसमइए अंतोमुहुत्तिए वेमायाए आहारट्टे समुप्पजति, सेसं जहा पुढवीकाइयाणं जाव आहच नीससति नवरं नियमा छदिसिं, बेईदियाणं भंते!० पुच्छा, गो! जे पोग्गले आहारत्ताते गिण्हंति ते ण तेसिं पुग्गलाणं सियालंसि कतिभागं आहारेंति कतिभागं आसाएंति?,एवं जहा नेरइयाण, बेईदियाणं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए गिण्हंति ते किं सो आहारति णोसवे आहारेंति?, गो० बेईदियाणं दुविधे आहारे पं० तं०-लोमाहारे य पक्खेवाहारे य, जे पोग्गले लोमाहारत्ताए गिव्हंति ते सजे अपरिसेसे आहारेंति, जे पोग्गले पक्खेवाहारत्ताए गेण्हति तेसिमसंखेज्जतिभागमाहारैति अणेगाइं च णं भागसहस्साई अफासाइज्जमाणाणं अणासाइज्जमाणाणं विद्धंसमागच्छति, एतेसिं णं भंते ! पोग्गलाणं अणासाइज्जमाणाणं अफासाइज्जमाणाण य कयरे०?, गो०! सवयोवा पोग्गला अणासाइज्जमाणा अफासाइज्जमाणा अर्णतगुणा, बेईदियाणं भंते! जे पोग्गला आहारत्ताते पुच्छा, गो०! जिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुज्जो २ परिणमंति, एवं जाव चउरिंदिया, णवरं गाई च णं भागसहस्साई अणाघाइज्जमाणाई अणासाइज्जमाणाई अफासाइज्जमाणाई विद्धसमागच्छति, एतेसिणं भंते! पोग्गलाणं अणाघाइज्जमाणाणं अणासाइज्जमाणाणं अफासाइज्जमाणाण य कयरे०१, गो० ! सबथोवा पोग्गला अणाघाइ० अणासा० अणंतगुणा अफासा० अणंत०, तेइंदियाणं भंते ! जे पोग्गला पुच्छा, गो०! घाणिदियजिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए तेर्सि भुज्जो २ परिणमंति, चाउरिदियार्ण चक्खिदियघाणिंदियजिभिदियफासिंदियवेमायत्ता। दियार्ण, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा तेईदिया, णवरं तत्य णं जे से आभोगनिवत्तिते से जहण्णेणं अंतोमुहुत्तस्स उक्को० छट्ठभत्तस्स आहारट्टे समुप्पज्जति, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया र्ण मंते! जे पोग्गला आहापुच्छा, गो०! सोतिदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए भुजो २ परिणमंति, मणूसा एवं चेव नवरं आभोगनिवत्तिते जह. अंतोमुहुत्तस्स उक्को० अट्ठमभत्तस्स आहारट्टे समुप्पज्जति, वाणमंतरा जहा नागकुमारा, एवं जोतिसियावि, णवरं आभोगनिवत्तिते जह० दिवसपुहुत्तस्स उक्को० दिवसपुहुत्तस्स आहारटे समुष्पज्जइ, एवं वेमाणियावि, नवरं आभोगनिवत्तिए जह० दिवसपुहुत्तस्स उक्को तेत्तीसाए वाससहस्साणं आहारट्टे समुप्पजति, सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव एतेसिं भुजो२ परिणमंति, सोहम्मे आभोगनिश्चत्तिते जह० दिवसपृहुत्तस्स उक्को दोण्हं वाससहस्साणं आहारट्टे स०, ईसाणे णं पुच्छा, गो०! जह० दिवसपुहुत्तस्स सातिरेगस्स उक्को सातिरेगाण दोण्हं वाससहस्साणं, सणकुमाराणं पुच्छा, गो०! जह० दोण्हं वाससहस्साणं उक्को० सत्तण्हं वाससहस्साणं, माहिंदे पुच्छा, गो० ! जहझेणं दोण्हं वाससहस्साणं सातिरेगाणं उक्को० सत्तण्हं वाससहस्साणं सातिरेगाणं, बंमलोए पुच्छा, गो०! जह० सत्तण्हं वाससहस्साणं उक्को० दसण्हं वाससह०, लंतए णं पुच्छा, गो०! जहः दसण्हं वाससहरू, उको चउहसण्हं वाससह०, महासुके ण पुच्छा, गो०! जह० चउद्दसण्हं वाससह उक्को० सत्तरसण्हं वाससह, सहस्सारे पुच्छा, गो०! जह सत्तस्सोहं वाससह उक्को० अट्ठारसहं वाससह, आणए णं पुच्छा, गो०! जह• अट्ठारसण्हं वाससह उक्को० एगूणवीसाए वाससहस्साणं, पाणए णं पुच्छा, गो०! जह० एगूणवीसाए वास० उक्को० वीसाए वासस ह.वीसाए वाससह० उको एकवीसाए वाससह०, अबुए णं पुच्छा, गो! जह० एकवीसाए वाससह०उकोबावीसाए वा०, हिट्ठिमहिट्ठिमगेविजगाणं पुच्छा, गो०! जह० बावीसाए वा० उक्को० तेवीसाए वा०, एवं सहत्य सहस्साणि माणियवाणि जाव सम्वहूं, हिटिममज्झिमगाणं पुच्छा, गो०! जह० तेवीसाए उको. चउवीसाए, हेहिमउवरिमाणं पुच्छा, गो० ! जह० चउवीसाए उक्को. पणवीसाए, मज्झिमहेट्ठिमार्ण पुच्छा, गो०! जह० पण्णवीसाए उक्को छब्बीसाए, मज्झिममज्झिमाणं पुच्छा, ७६७ प्रज्ञापना, - ६ मुनि दीपरत्नसागर Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गो!जह छब्बीसाए उक्को सत्तावीसाए, मजिसमउपरिमाणं पुच्छा, गो०!जह सत्तावीसाए उक्को अट्ठबीसाए, उचरिमहेट्ठिमाणं पुच्छा, गो०! जह० अट्ठबीसाए उक्को एगृणतीसाए, उपरिममजिझमाणं पुच्छा, गोन जह-एगूणतीसाए उक्को तीसाए, उचरिमउचरिमाणं पुच्छा, गो ! जहतीसाए उक्को एगतीसाए, विजयजयंतजयंतअपराजियाणं पुच्छा, गो०! जह• एगतीसाए उको तेत्तीसाए, सबटुगसिद्धदेवाणं पुच्छा, गो०! अजहण्णमणुकोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं आहारडे समुपजति । ३०७। नेरइया णं भंते ! किं एगि दियसरीराइं आहारेंति जाव पणिदियसरीराई०१, गो०! पुत्रभावपण्णवणं पहुच एगिदियसरीराइंपि आहारेंति जाच पंचिंदिय०, पडुप्पण्णभावपण्णवणं पहुच नियमा पंचिदियसरीराति आ०, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गो०! पुषभावपण्णपणं पडुब एवं चेव, पटुप्पण्णभावपण्णवणं पहुच नियमा एगिदियसरीराति, मेइंदिया पुनभावपण्णवर्ण पडून एवं चेव, पडुप्पण्णभावपण्णवणं पहुच नियमा बेइंदियाणं सरीरातिं आ०, एवं जाव चाउरिदिया ताव पुषभावपण्णवणं पडुच्च एवं, पडुप्पण्णभावपण्णवणं पहुच नियमा जस्स जति इंदियाई तइदियसरीराईते आहारैति, सेसा जहा नेरहया जाव वेमाणिता, नेरहया भंते! किं लोमाहारा पक्खेवाहारा?, गो०! लोमाहारा नो पक्खेवाहारा, एवं एगिदिया सवे भाणि - ता, पेइंदि० जाव मणूसा लोमाहारावि पक्खेवाहारावि ।३०८ा नेरच्या णं भंते ! किं ओयाहारा मणभक्सी ?, गो०! ओयाहारा णो मणभक्खी, एवं सवे ओरालियसरीरा, देवा सोवि जाव वेमाणिया ओयाहारावि मणभक्सीवि, तत्थ णं जे ते मणभक्ती देवा तेसिंणं इच्छामणे समुपजति-इच्छामो णं मणभक्षण करित्तते, तते णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकते 2 समाणे खिप्पामेव जे पोग्गला इहा कंता जाव मणामा ते तेसिं मणमक्सत्ताए परिणमंति से जहानामए सीया पोग्गला सीयं पप्प सीयं चेत्र अतिपतित्तार्ण चिट्ठति उसिणा वा पोग्गला उसिणं पप्प उसिणं चेव अइवइत्तार्ण चिट्ठति एवामेव तेहिं देवेहिं मणमक्खणे कए समाणे से इच्छामणे खिप्पामेव ति।३०९आहारपर्य २८ उ०१॥ 'आहार भविय सण्णी लेसा विट्ठी य संजत कसाए। णाणे जोगुवओगे वेदे य सरीर पजत्ती ॥२२०॥ जीचे ण मंत! किंसाहारए अणाहारए, गो! सिय आहारए सिय अणाहारए, एवं नेरइए जाव असुरकुमारे जाप माणिए, सिद्धे णं भंते ! किं आहारए अणाहारए?, गो० नो आहारए अणाहारए, जीवा गं भंते ! किं आहारया अणाहारया ?, गो! आहारयावि अणाहारयावि, नेस्याणं, पुच्छा, गो०! सब्वेवि ताव होजा आहारया अहवा आहारगा य अणाहारए य अहवा आहारगा य अणाहारगा य, एवं जाव वेमाणिया, णवरं एगिदिया जहा जीचा, सिद्धाणं पुच्छा, गो० नो आहारगा अणाहारगा। दारं १। भवसिदिए णं भंते! जीवे किं आहारते अणाहारते?, गो०! सिय आहारते सिय अणाहारए, एवं जाप वेमाणिए, भवसिद्धिया णं भंते! जीवा किं आहारमा अणा०?, गो०! जीवेगिंदियवजो तियभंगो, अमवसिदिएवि एवं चेच, नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धिए णं भंते! जीवे किं आहारए अणाहारए?, गो० णो आहारए अणाहारए, एवं सिद्धेवि, नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धिया णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा?, गो० नो आहारगा अणाहारगा, एवं सिद्धावि । दारं २शसणी णं भंते! जीवे किं आहारए अणाहारए?, गो०! सिय आ० सिय अणा०, एवं जाव वेमाणिए णवरं एगिदियविगलिंदिया नो पुच्छिति, सण्णी णं भंते! जीवा किं आहारगा अणाहारगा ?, गो.! जीवाइओ तियभंगो जाच वेमाणिया, असण्णी णं भंते! जीवे किं आहारए अणाहारए, गो०! सिय आ० सिय अणा०, एवं गेरइए जाव वाणमंतरे, जोइसियवेमाणिया ण पुच्छिति, असणी णं भंते! जीवा किं आ० अणा०?, गो! आहारगावि अणाहारगावि एगो मंगो, असण्णी णं मंते! णेरइया कि आहारया अणा०?, गो! आहारगा वा अणाहारगा वा अहवा आहारए य अणाहारए यहचा आहारए यअणाहारया य अहवा आहारगा य अणाहारए य अहवा आहारगा य अणाहारगा य, एवं एते छम्भंगा, एवं जाव चणियकुमारा, एगिदिएम अभंगतं. इंदियजावपंचिदियतिरिक्खजोणिएम तियभंगो, मणूसवाणमंतरेसु छम्भंगा, नोसपणी य, एवं मणूसेवि, सिद्धे अणाहारते, पुटुत्तेणं नोसण्णीनोअसण्णी जीचा आहारगावि अणाहारगावि, मणूसेसु तियभंगो, सिदा अणाहारगा। दारं ३।३१०। सलेसे णं भंते ! जीवे किं आहा अणा०?, गो० सिय आहारए सिय अणाहारए,एवं जाव वेमाणिते, सलेसा णं भंते! जीवा किं आहारगा अणा०१, गो०! जीवेंगिदियवजो तियभंगो, एवं कण्हलेसावि नीललेसावि काउलेसावि जीवेगिंदियवज्जो तियमंगो, तेउलेसाए पुढवीआउवणस्सइकाइयाणं छन्भंगो, सेसाणं जीवादिओ तियभंगो जेसिं अस्थि तेउलेसा, पम्हलेसाए मुक्कलेसाए य जीवादिओ तियभंगो, अलेसा जीवा मणुस्सा सिद्धायएगत्तेणवि पुहुत्तेणविनोआहारगा अणाहारगा।दारंशसम्मदिट्टीण भंते ! जीवा किं आहा० अणा०?, गो०! सिय आहा०सिय अणा०, बेईदिया तेइंदिया चउरिदिया छम्भंगा, सिद्धा अणाहारगा, अवसेसाणं तियभंगो, मिच्छादिट्ठीसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, सम्मामिच्छादिट्ठी णं भंते ! किं आहा० अणा०?, गो! आहारते नो अणा०, एवं एगिदियविगलिंदियवजं जाव बेमाणिते, एवं पुहुत्तेणवि । दारं ५। संजए णं मंते! जीवे किं आहा० अणा०?, गो! सिय आहारए सिय अणाहारए, एवं मणूसेवि, पुडुत्तेणं तियभंगो, असंजते पुच्छा, सिय आहारए सिय अणाहारए, पृहुत्तेणं जीवेगिंदियवजो तियभंगो, संजतासंजते णं जीवे०१, पंचिंदियतिरिक्खजोणिते मणूसे य, एते (१९२) ७६८ पज्ञापनापद-रद मुनि दीपरनसागर I Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एगत्तेणवि पुत्तेणवि आहारगा नो अणा०, नोसंजतनोअसंजतनोसंजतासंजते जाव सिद्धे य एते एगत्तेण पोहत्तेणवि नो आहा० अणा। दारं ६।सकसाई णं भंते! जीवे कि आहारए अणा०?, गो०! सिय आहा• सिय अणाहारते, एवं जाव वेमाणिए, पहुतेणं जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, कोहकसाईसु जीवादीसु एवं चेव नवरं देवेसु छन्भंगा, माणकसाईम जीवादिसु एवं चेव नवरं देवेसु छम्भंगा, मायाकसाईसु य देवनेरइएसु छम्भंगा अबसेसाणं जीवेगिंदियक्जो तियभंगो, लोहकसाईसु नेरइएसु छब्भंगा अबसेसेसु जीवेगिदियवजो तियभंगो, अकसाई जहा णोसपणीणोअसण्णी । दारं ७।३११। णाणी जहा सम्मदिट्ठी, आभिणियोहियणाणी सुयणाणी य इंदियतेइंदियचाउरिदिएसु छम्भंगा अबसेसेसु जीवादिओ तियभंगो जेसिं अस्थि, ओहिणाणी पंचिंदियतिरिक्खजोणिया आहारगा णो अणाहारगा अवसेसेसु जीवादिओ तियभंगो जेसिं अस्थि ओहिनाणं, मणपज्जवनाणी जीवा मणूसा य एगत्तेणवि पुहुत्तेणवि आहा० णो अणाहारगा, केवलनाणी जहा नोसपणीनोअसण्णी । दारं । अण्णाणी मतिअणाणी सुयअण्णाणी जीवेगिदियवजो तियभंगो, विभंगनाणी पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा य आहारगा णो अणा अवसेसेसु जीवादियो तियभंगो। दारं टासजोगीसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, मणजोगी वइजोगी जहा सम्मामिछादिट्ठी, नवरं वइजोगी विगलिंदियाणवि, कायजोगीसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, अजोगी जीवमणूससिद्धा अणाहारगा । दारं ९। सागाराणागारोबउत्तेसु जीवेगिदियवज्जो तियभंगो, सिखा अणाहारगा । दारं १०। सवेरे जीवेगिदियवज्जो तियभंगी, इस्थिवेदपुरिसवेदेसु जीवादिओ तियभंगो, नपुंसमवेदए य जीवेगिंदियवजो तियभंगो, अवेदए जहा केवलनाणी । दार ११॥ ससरीरी०१.जीवेगिंदियजो तियभंगो, ओरालियसरीरी०१, जीवमणसेसु तियभंगो, अवसेसा आहारमा नो अणाहारगा जेसिं अस्थि ओरालियसरीरं, वेउवियसरीरी आहारगसरीरी य आहारगा नो अणा जेसिं अस्थि, तेयकम्मसरीरी जीवेगिदियवज्जो तियभंगो, असरीरी जीवा सिद्धा य नो आहारगा अणा० । दारं १२। आहारपज्जत्तीए पजत्ते सरीरपज. त्तीए पजत्ते इंदियपज्जत्तीए पजत्ते आणापाणपज्जत्तीए फजत्तए भासामणपज्जत्तीए पज्जत्तते एतासु पंचसुवि पज्जत्तीसु जीवेसु मणूसेसु य तियभंगो अवसेसा आहारगा नो अणाहारगा, भासामणपज्जत्ती पंचिंदियाणं अक्सेसाणं नत्थि, आहारपजत्तीअपज्जत्तए णो आहारए अणा०, एगत्तेणवि पुहुत्तेणवि, सरीरपज्जत्तीअपज्जत्तए सिय आहारए सिय अणाहारए, उवरिस्जियासु चउसु अपजत्तीसु नेरइयदेवमणूसेसु छभंगा, अवसेसाणं जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, भासामणपजत्तएसु जीवेसु पंचिंदियतिरिक्खजोणिएमु य वियभंगो, नेरहयदेवमणुएसु छम्भंगा, सवपदेसु एगत्तपोहत्तेणं जीवादिया दंडगा पुच्छाए माणितब्वा जस्स जं अस्थि तस्स तं पुच्छिज्जति जस्स जं णस्थि तस्स तं न पुच्छिज्जति जाव भासामणपजत्तिअपज्जत्तएसु नेरइयदेवमणुए छम्भंगा सेसेसु तियभंगो।३१२॥ उ०२ आहारपयं २८॥ कइविहे णं भंते ! उवओगे पं०?, गो०! दुविहे उपओगे पं०२०-सागारोवओगे य अणा गारोवओगे य, सागारोवओगे णं भंते ! कतिविधे पं०१, गो०! अट्ठविहे पं० २०-आमिणिबोहियनाणसागारोवओगे सुय० ओहि मणपजव० केवल मतिअण्णाण सुयअविर्भSI गणाणसा०,अणागारोवओगेणं भंते! कतिविहे पं०१, गोचडबिहे पं००-चक्खुदंसणअणागारोवओगे अचक्खुदं ओहिदं० केवलदसणअणागारोवओगे य,एवं जीवाणं, नेरइयाण भंते! कतिविधे उवओगे पं०१.गो! विधे उबओमे पं० २०. सागारोवओगे य अणागारोवओगे य. नेरखयाणं भंते ! सागारोवओगे कहबिहे पं०१.गो! छबिहे पं००-मतिणाण, रोवओगे सुयणा० ओहिणा० मतिअण्णा० सुयअ० विभंगणाणसा०, नेरइया णं मंते! अणागारोवओगे कइविहे पं० २०, गो०! तिविहे पं० सं०-चक्खुदंसण. अचक्खु० ओहिदं. सणअणा०, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गो०! दुविहे उवओगे पं०२०-सागारो० अणगारोव०, पुढबी० सागारोबओगे कतिविधे पं०?, गो० दुविहे पं० २०. मतिअण्णाण सुयअ०, पुढवीका० अणागारो० कतिविधे पं०१, गो०! एगे अचक्खुदंसणअणा० ५०, एवं जाव वणप्फइकाइयाणं, बेइंदियाणं पुच्छा, गो०! दुविधे उवओगे पं०तं.. सागारोवओगे य अणागारोवओगे य, बेइंदियाणं भंते ! सागारो० कतिविधे पं०१, गो०! चउबिहे पं०२०-आभिणि सुय० मतिअण्णाण सुतअण्णाणसा०, बेइंदियाणं अणा० कइ. बिहे पं०?, गो! एगे अचसुदंसणअणागारो०, एवं तेइंदियाणवि, चउरिदियाणवि एवं चेव नवरं अणागारोवओगे दुविधे पं०२०-चकखुदंसणअणा० अचक्खु०, पंचिंदियतिरिक्तजोणियाणं जहा नेरइयाणं, मणुस्साणं जहा ओहिए उवओगे भणितं तहेव भाणितवं, वाणमंतरजोतिसियवेमाणियाणं भंते !०, जहा णेरइयाणं, जीवाणं भंते! किं सागारो० अणागारोवउत्ता?, गो०! सागारोवउत्तावि अणा०, से केणटेणं भंते! एवं बुच्चइ जीवा सागारोवउत्तावि अणा०?, गो०! जे णं जीवा आभिणिचोहियणाण सुय ओहिमण केवल मइअण्णाणसुयअण्णाणविभंगणाणोबउत्ता ते णं जीवा सागारोबउत्ता, जे णं जीवा चक्खु अचक्खु०ओहि केवलदसणोवउत्ता ते णं जीवा अणागारोवउत्ता से तेणडेणं गो०! एवं बुच्चइ. जीवा सागारोक्उत्तावि अणागारो०, नेरइया णं मंते! किं सागारोवउत्ता अणा०, गो०! नेरइया सागारोवउत्तावि अणागा०, से केणडेणं भंते! एवं वुच्चति०१, गो! जे णं नेरइया ७६९ प्रज्ञापना, पर-२९ मुनि दीपरत्नसागर Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आमिणिलोहिय० सुय ओहि मतिअण्णाण सुय० विभंगनाणोवउत्ता ते गं नेरइया सागा०, जे ण नेरइया चक्सु०अवखुदसण ओहि० ते ण नेरहया अणागारोवउत्ता, से तेणद्वेणं गो०! एवं वुबह जाव सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, मो०! तहेव जाय जे णं पुढपी० मतिअण्णाणसुयअण्णाणोवउत्ता ते णं पुढवी सागारोव० जेणं पुढवी. अचक्सुदंसणोवउत्ता ते णं पुढ० अणागारोवउत्ता, से वेणडेणं गो एवं बुक-जाव वणण्फइकाइया, बेइंदियाणं भंते ! अगुसहिया तहेव पुच्छा, गो! जाव जे जे बेइंदिया आमिणियोहिय सुयणाणमतिअण्णाणसुयअण्णाणोवउत्ता ते णं इंदिया सागारोवउत्ता, जे णं बेइंदिया अचक्खुदसणोषउत्ता ते णं अणागा०,से तेणटेणं गो०! एवं बु०, एवं जाव चाउरिदिया णवरं चक्सुदसणं अमहियं चरिंदियाणंति, पंचिंदियविरिस्खजोणिया जहा नेरइया, मणूसा जहा जीवा, वाणमंतरजोतिसियवेमाणिया जहा नेरझ्या ।३१३॥ उवओमपर्य २९॥ कतिविहा गं मंते ! पासणया पं०१, मो०! दुविहा पासणया ५००-सागारपासणया अणागारपासणया, सागारपासणया णं भंते! कइविहा ५०?, गो! छविहा पं० सं०-सुयणाणपा. ओहिणाणपा० मणपजवणाणपा० केवलणाणपा० सुयअण्णाणपा० विमंगणाणपासणया, अणागारपा० णं भंते ! कइविधा०१गो! तिबिहा पं० २०. चक्खुदसणअणागारपा० ओहिद० केवल०, एवं जीवाणंपि, नेरइयाणं मंते! कतिविधा पासणया पं०?, गो०! दुविहा पं० २०-सागारपा० अणागा०, नेरइया णं भंते ! सागारपा० काविहा पं०१, गो०! चउबिहा पं० त०-सुयणाणपा० ओहिणाणपा० सुअअण्णाणपा० विभंगणाण, नेरइयाणं मंते! अणागारपा० कतिविहा पं०१, गो०! दुविहा पं० त०-चक्षु. बसण. ओहिद०, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं भंते! कतिविहा पासणया पं०१, मो० एगा सागारपा०, पुढवीकाइयाणं भंते ! सागारपा० कतिविहा पं०१, गो०! एगा सुयअनाणसागारपा०प०, एवं जाव वणकइकाइयाणं, बेईदियाण मंते ! कतिविहा पासणया पं०१, गो०! एगा सागारपासणया पं०, बेईदियाण मंते! सागारपा० कइविहा पं०१, गो! दुविहा पं०० सुयणाणसा० सुयअण्णाणसा०, एवं तेईदियाणवि, चउरिदियाणं पुच्छा, गो०! दुविहा पं० त०-सागारपा० अणागारपा०, सागारपासणया जहा बेईदियार्ण, चाउरिदियार्ण भंते ! अणागारपा० कइविहा पं०?, गो०! एगा चक्सुदंसणअणागारपा०५०, मणूसाणं जहा जीवाणं, सेसा जहा नेरहया जाव वेमाणियाणं, जीवा गं भंते ! किं सागारपस्सी अणागारपस्सी ?, गो०! जीवा सागारपस्सीवि अणागार०, से केगडेणं भंते! एवं वुचइ-जीवा सागार० अणागार०१, गो०! जेणं जीवा सुतणाणी ओहि मणपज्जव० केवल० सुअअ. विभंगनाणी ते णं जीवा सागारपस्सी, जेणं जीवा चक्खुदंसणी ओहिदसणी केवलदसणी ते णं जीवा अणागारपस्सी, से एतेणद्वेणं गो! एवं बुचइ-जीवा सागारपस्सीवि अणागा०, नेरइया णं मंते ! किं सागारपस्सी अणागा०, गो०! एवं चेव, नवरं सागारपासणयाए मणपजवनाणी केवलनाणी न वुचति, अणागारपासणयाए केवलदसणं नस्थि, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, मो०! पुढवीकाइया सागारपस्सी णो अणागारपस्सी, से केणतुणं भंते ! एवं वुचइ०, गो०! पुढवीकाइयाणं एगा सुयअण्णाणसागारपासणया पं०,से तेण०१, मो०!, एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं, वेइंदियाणं पुच्छा, गो०! सागारपस्सी णो अणा०, से केणट्टेणं मंते! एवं वुचति०?, गो०! बेइंदियाणं दुविहा सागारपासणया पं०तं.. सुयणाणसासुअअणाण,से एएणद्वेणं गो०! एवं बुच्चइ०,एवं तेइंदियाणवि, चाउरिवियाणं पुच्छा, गो०! चउरिदिया सागारपस्सीवि अणागारपस्सीवि, से केणटेणं०?, गो०! जेर्ण चाउरिदिया सुयणाणी सुयअनाणी तेणं चरिंदिया सागारपस्सी, जेणं चउरिदिया चक्सुदसणी तेणं चउरिदिया अणागारपस्सी, से एएणतुणं गो० एवं युबइ-चउरिंदिया०, मणूसा जहा जीवा, अवसेसा जहा नेरइया जाय वेमाणिया।३१४। केवली णं मंते! इमं रयणप्पमं पुढवीं आगारेहिं हेतूहिं उक्माहिं दिटुंतेहिं वण्णेहिं संठाणेहिं पमाणेहिं पडोयारेहिं जंसमयं जाणति समयं पासह समय पासा तंसमयं जाणा, गोनोतिणढे समढे, से केणद्वेणं मंते! एवं बुथति केवली णं इमं स्यणप्पमं पुढवीं आगारेहिं० समयं जाणति नो समय पासति जंसमयं पासइ नो तंसमयं जाणइ ?, गो०! सागारे से णाणे भवति अणागारे से दसणे भवति, से तेणटेणं जाव णो समयं जाणाति, एवं जाव अहे सत्तम, एवं सोहम्मकप्पं जाव अऽयं, गेपिज्जगविमाणा अणुत्तरविमाणा ईसीपकभारं पुढवीं परमाणुपोग्गल दुपदेसियं संघ जाव अणंतपदेसियं खंघ, केवली णं भंते! इमं रयणप्पमं पुढवीं अणागारेहिं आहेतूहिं अणवमाहिं अदितेहिं अवण्णेहिं असंठाणेहिं अपमाणेहिं अपडोयारेहिं पासति न जाणति ?.हता गो! केवली णं इमं स्यणप्पमं पुढवीं अणागारेहिं जाव पासति न जाणति, से केणटेणं मंते! एवं बुचति- केवली इमं रयणप्पमं पुढवीं अणागारेहिं जाव पासति ण जाणति, गो०! अणागारे से दंसणे भवति सागारे से नाणे भवति, से तेण गो०! एवं कुबइ-केवली गं इमं स्यणप्पमं पुढवीं अणागारेहिं जाव पासति ण जाणति, एवं जाव ईसिपम्भारं पुढवीं परमाणुपोग्गलं अणंतपदेसियं खंघ पासति न जाणति ।३१५॥ पासणयापयं ३०॥ जीवा णं मंते! किं सण्णी असण्णी नोसण्णीनोअसण्णी ?, गो०! जीवा सण्णीवि असण्णीवि नोसण्णीनोअसण्णीवि, नेरहयाणं पुच्छा, गो०! नेरइया सण्णीवि असण्णीवि नो नोसपणीनोज७७० प्रज्ञापना पह-९ मुनि दीपरत्नसागर Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सम्णी, एवं असुरकुमारा जाप पणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गो०! नो सण्णी असण्णी नो नोसणीनोअसणी, एवं इंदियतेइंदियचाउरिदियावि, मणूसा जहा जीवा, पंचिं. दियतिरिक्खजोणिया वाणमंतरा य जहा नेत्या, जोतिसियवेमाणिया सण्णी नो असण्णी नो नोसण्णीनोअसणी, सिद्धाणं पुच्छा, गो० नो सण्णी नो असण्णी नोसणिनोअसण्णी, 'नेरइयतिरियमणुया य वणयरअसुराइ सणीऽसण्णी य। विगलिंदिया असणी जोतिसवेमाणिया सण्णी ॥२२१॥३१६। सम्णीपयं ३१ । जीवा गं भंते ! कि संजया असंजया संजयासंजया नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजया?, गो०! जीवा संजयावि असंजयावि संजयासंजयावि नोर्सजयनोअसंजयनोसंजयासंजयावि, नेत्या णं भंते! पुच्छा, गो०! नेरहया नो संजया असंजया नोर्सजयासंजया नो नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजया, एवं जाव चउरिंदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाण पुच्छा, गो०! पंचिंदियतिरिक्खजोणिता नो संजता असंजतावि संजतासंजतावि नो नोसंजतनोअसंजतनोसंजतासंजता, मणुस्साणं पुच्छा, गो०! मणूसा संजतावि असंजताबि संजतासंजतावि नो नोसंजतनोअसंजतनोसंजतासंजता, वाणमंतरजोतिसियवेमाणिया जहा नेरहया, सिद्धाणं पुच्छा, गो०! सिद्धानो संजता नो असंजता नो संजतासंजता नोर्सजतनोअसंजतनोसंजतासंजता, गाहा 'संजयअसंजय मीसगा य जीवा तहेव मणया य। संजतरहिया तिरिया सेसा असंजता हाँति ॥२२२॥३१७॥ संजयपयं ३२॥ भेद विसय संठाणे अभितरवाहिरेय देसोही। ओहिस्सय सयवहढी पडि. बाई चेव अपडिवाई ॥२२३॥ काविहा णं भंते ! ओही पं०१, गो०! दुविहा ओही पं० त०-भवपचइया य खओक्समिया य, दोण्हं भवपचइया, तं०-देवाण य नेस्याण य, दोण्हं खओक्समिया, सं०-मणूसाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाण य ।३१८। नेरइया णं भंते! केवइयं खेतं ओहिणा जाणंति पासंति?, गो०! जह• अदगाउयं उको चत्तारि गाउयाई ओहिणा जाणंति पासंति, स्यणप्पभापुढवीनेरहया णं भंते ! केवतियं खेत्तं०?, गो०! जह० अधुटाई गाउयाई उक्को० चत्तारि गाउयाई, सकरप्पभापुढवीनेरइया जह• तिण्णि गा. उको० अधुट्टाई गाउ०, वालुयप्पभापुढवीनेरइया जह० अदाइजाई गाउ० उक्को तिण्णि गाउयाई, पंकप्पभापुढवीनेरइया जह० दोण्णि गाउ० उको० अद्धाइजाई गाउ०, धूमप्पभापु० नेर० जह० दिवा गाउयं उको दो गाउ०, तमापु० जह० गाउयं उक्को० दिवड्ढे गाउयं, अधेसत्तमाए पुच्छा, गो०! जह• अद्धं गाउयं उको० गाउयं ओहिणा जाणंति पासंति, असुरकुमारा गं भंते! ओहिणा केवाइय०१, गो० जह. पणवीसं जोअणाई उक्को० असंखेजे दीवसमुद्दे, नागकुमारा णं जहरू पणवीसं जोअणाई उको. असंखेजे दीवसमुद्दे, एवं जाव थणियकुमारा, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! केवइयं खेतं०, गो! जह० अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं उक्को० असंखेज्जे दीवसमुद्दे, मणूसा णं भंते ! ओहिणा केवतितं०१, गो०! जह• अंगुलस्स असंखेजतिभागं उक्को० असंखेज्जाई अलोए लोयप्पमाणमेत्ताई खंडाई ओहिणा जा० पा०, वाणमंतरा जहानागकुमारा, जोइसिया णं भंते ! केवतितं० ओ०१, गो०! जह० संखेजे दीवसमुद्दे उको० संखेजे दीवसमुद्दे, सोहम्मगदेवाणं भंते! केवइयं खेत्तं०१, गो०! जह० अंगुलस्स असंखेजतिभागं उको० अहे जाव इमीसे रयणप्पभाए हिद्विाले चरमंते तिरियं जाव असंखिज्जे दीवसमुदे उड्ढे जावसगाई विमाणाई.एवं ईसाणगदेवावि, सणकुमाराविएवं चेव, नवरं जाव अहे दोच्चाए सक्करप्पभाए पुढवीए हिद्विाले चरमते, एवं माहिंददेवावि, भलोयलंतगदेवा तचाए पुढवीए हिद्विाले चरमंते,महासुक्कसहस्सारतदेवा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए हेहिले चरमंते, आणयपाणयारणचुयदेवा अहे जाव पंचमाए धूमप्पभाए हेहिले चरमंते, हेद्विममजिसमगेवेजगदेवा अधे जाव छहाए तमाए पुढवीए हेहिले चरमंते, उवरिमगेविजगदेवा णं भंते ! केवतियं खेत्तं?, गो०! जह• अंगुलस्स असंखेजतिभार्ग उको० अधे सत्तमाए हेहिले च० तिरिय जाव असंखेने दीवसमुहे उड्ड जाव सयाई विमाणाई, अणुत्तरोववाइयदेवा णं भंते! केवइयं खेत्तं ओ० जा० पा०१, गो०! सैभिन्नं लोग पं. गो तप्पागारसंठिए पं०, असुरकुमाराण पुच्छा, गाड संठिए पं०, असुरकुमाराणं पुच्छा, गो० पाङगसंठिते, एवं जाव थणियकमाराणं, पंचिंदियति. रिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो०! णाणासंठाणसं०, एवं मणूसाणवि एवं, वाणमंतराणं पुच्छा, गो०! पडहगसं०, जोतिसियाणं पुच्छा ?, गो० सालरिसंठाणसं० पं०, सोहम्मगदेवाणं पुच्छा, गो० उड्ढमुबंगागारसंठिए पं०, एवं जाय अचुयदेवाणं, गेकेजगदेवाणं पुच्छा, गो०! पुष्पचंगेरिसंठिए पं०, अणुत्तरोववाइयाणं पुच्छा, गो०! जवनालियासंठिते ओही पं० ३२०। नेहयाणं भंते ! ओहिस्स किं अंतो बाहिं?, गो०! अंतो नो बाहिएवं जाव थणियकुमारा, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो० नो अंतो चाहिं, मणूसाणं पुच्छा, गो०! अंतोवि बाहिपि, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं, नेरइयाणं भंते ! किं देसोही सोही?, गो०! देसोही नो सोही, एवं जाव थणियकुमारा, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं । पुच्छा, गो०! देसोही नो सोही, मणुसाणं पुच्छा, गो० देसोहीवि सबोहीवि, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं, नेरइयाणं भंते ! ओही किं आणुगामिते अणाणुगामिते बढमाणते हीयमाणए पडिवाई अप्पडिवाई अवहिए अणवहिए?, गो०! आणुगामिए नो अणाणुगामिए नो बदमाणते नो हीयमाणए नो पडिवाई अप्पडिवाई अचट्ठिए नो ७७१ मज्ञापना, पर-२ मुनि दीपरनसागर ओही किंसंठिए पं०१, गो०! तप्पामा Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 95 * *** अणबहिए, एवं जाव थणियकुमाराणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो० आणुगामितेवि जाव अणवविएवि, एवं मणसाणवि, वाणमंतरजोतिसियवेमाणियाणं जहा नेरहयाणं ।३२१॥ ओहिपदं ३३॥ अणंतरगयाहारे, आहारे भोयणाइय। पोग्गला नेव जाणंति, अज्झवसाणा य आहिया ॥२२४॥ सम्मत्तस्साहिगमे तत्तो परियारणा य बोद्धधा। काए फासे रूवे सहे य मणे य अप्पबहुं ॥२२५॥ नेरइया णं भंते ! अणंतराहारा ततो निबत्तणा ततो परियाइणया ततो परिणामणया ततो परियारणया तओ पच्छा विउवणया?, हंता गो नेरइयाणं अणंतराहारा ततो निधत्तणया जाव तओ पच्छा विउमणया, असुरकुमारा णं भंते ! अणंतराहारा ततो निवत्तणया जाय तओ पच्छा परियारणया?, हंता गो०! असुरकुमारा अणंतराहारा ततो नियत्तणया जाव ततो पच्छा परिया०, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइया णं भंते ! अणंतराहारा ततो निश्वत्तणया जाव ततो विउ० १, हंता गोतं चेव जाव परियारणया नो चेव णं विउपणया, एवं जाव चउरिदिया, नवरं बाउकाइया पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा य जहा नेरड्या, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा 1३२२। नेरइया णं भंते ! आहारे किं आभोगनिश्चत्तिते अणाभोगनि०, गो०! आभोगनिवत्तिएवि अणा०, एवं असुरकुमाराणं जाव वेमाणियाणं, णवरं एगिदियाणं नो आभोग. निवत्तिए अणाभोग०, नेरइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिव्हंति ते किं जाणंति पा० आहारेंति उदाहुन याणंति न पासंति आहारैति, गो० न याणंति न पासंति आहारति, एवं जाव तेईदिया, चउरिदियाण पुच्छा, गो०! अत्येगतिया न याति पासंति आहा० अत्थेगइया न याति न पासंति आहा०, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गो०! अत्थे. जा० पा० आहा. अत्ये० जान पा० आहा. अत्येन याणति पासंति आहा. अत्येन जान पा० आ०, एवं जाव मणुस्साणवि, वाणमंतरजोइसिया जहा नेरइया, वेमा. णियाणं पुच्छा, गो० अत्थे०जापा. आ. अत्थे न जान पा० आ०,सेकेणटेणं मंते! एवं बुच्चइ-वेमाणिया अत्ये जा०पा० आ० अत्थे न जान पा० आ०१, गो! वेमाणिया दुविहा पं० त० माइमिच्छादिविउववनगा य अमाइसम्मबिडिउव०, एवं जहा इंदियउद्देसए पढमे भणितं तहा माणितवं जाव से एएणतुणं गो०! एवं वुञ्चति०, नेरइया णं भंते ! केवतिया अज्झवसाणा पं०१, गो! असंखेजा अजझवसाणा पं०, ते णं मंत! किं पसत्था अपसत्या?, गो०! पसत्थावि अप०, एवं जाव बेमाणियाणं, नेरइया णं भंते ! किं सम्मत्ताभिगमी मिच्छत्ताभिगमी सम्मामिच्छत्ताभिगमी.गो! सम्मत्ताभिगमीवि मिच्छत्ताभिगर्म दिया णो सम्मत्ताभिगमी मिच्छत्ताभिगमी नो सम्मामिच्छत्ताभिगमा। ३२३ । देवा णं भंते! किं सदेवीया सपरियारा सदेवीया अपरियारा अदेवीया सपरियारा अदेवीया अपरियारा?, गो! अत्थेगतिया देवा सदेवीया सपरियारा अत्येक देवा अदेवीया सपरियारा अत्थे० देवा अदेवीया अपरिचारा नो चेव ण देवा सदेवीया अपरिचारा, से केणतुणं भंते! एवं वुथति अत्थे देवा सदेवीया सपरिचारात चेव जाव नो चेवणं देवा सदेवीया अप०?, गो०! भवणपतिवाणमंतरजोतिससोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवा सदेवीया सपरियारा सर्णकुमारमा. हिंदभलोगलंतगमहामुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणचुएसु कप्पेसु देवा अदेवीया सपरिचारा गेवेजअणुत्तरोववाइया देवा अदेवीया अपरियारगा नो चेच देवा सदेवीया अपरिचारा से तेणतुणं ?, गो०! एवं बुचइ-अत्ये० देवा सदेवीया सपरिचारा तं चेव नो चेव णं देवा सदेवीया अपरियारा । ३२४ । कतिविहा णं भंते! परियारणा पं०?, गो०! पंचविहा परियारणा पं०२०-कायपरियारणा फास० रूवप० सद० मणप०, से केणतुणं भंते! एवं वुच्चइ-पंचविहा परि० पं०?, गो०! भवणवइवाणमंतरजोइससोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवा कायपरि० सर्णकुमारमाहिदेसु देवा फासपरिभलोयलंतगेसु देवा रूवपरिया० महासुकसहस्सारेसु देवा सहप० आणयपाणयआरणचुएसु कप्पेसु देवा मणप० गेवेजअणुत्तरोववाइया देवा अपरियारगा, से तेणद्वेणं गो० ते चेव जाव मणपरियारगा, तत्थ णं जे ते कायपरियारगा देवा तेसिं णं इच्छामणे समुप्पजति-इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं कायपरियारं करेत्तए, तए णं तेहिं देवहि एवं मणसीकए समाणे खिप्पामेव ताओ अच्छराओ ओरालाति सिंगाराई मणुण्णाईमणोहराई मणोरमाइं उत्तरखेउवियरुबाई विउति त्ता तेसि देवाणं अंतिय पाउम्भवति, तते णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं कायपरियारणं करेंति ।३२५। से जहाणामए सीया पोग्गला सीतं पप्प सीयं चेत्र अतिवतित्ताणं चिट्ठति उसिणा वा पोग्गला उसिणं पप्प उसिणं चेव अतिवतित्ताणं चिट्ठति एवामेव तेहिं देवेहिं ताहिं अच्छराहिं सद्धिं कायपरियारणे कते समाणे से इच्छामणे खिप्पामेव अवेति ।३२६। अस्थि णं भंते! तेसिं देवाण सुकपोग्गला ?, हंता अस्थि, ते णं भंते ! तासिं अच्छराणं कीसत्ताते भुजो २ परिणमंति?, गो०! सौतिदियत्ताते चक्खुइंदि० घाणिदिय० रसिंदिय० फासिंदियत्ताते इट्टत्ताते कंतत्ताते मणुनत्ताते मणामत्ताते सुभगत्ताते सोहम्गरूवजोवणगुणलावसत्ताए ते तासिं भुजो २ परिणमंति ।३२७। तत्थ णं जे ते फासपरियारगा देवा तेसिं णं इच्छामणे समुप्पज्जति, एवं जहेब कायपरियारगा तहेव निरवसेसं भाणितवं, तत्थ णं जे ते रुवपरियारगा देवा तेसिं णं इच्छामणे समुष्पज्नति-इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं रूवपरियारणं करेत्तते, ते णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकते समाणे तहेव जाव उत्तरवेउषितातिं रूबाई विउति त्ता जेणामेव ते देवा तेणामेव उवागच्छति तेसि देवाणं अदूरसामंते ठिचा ताई उरालाई जाव (१९३) ७७२ प्रज्ञापना, प८-०३४ मुनि दीपरत्नसागर 24TAAtB Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मणोरमाई उत्तरखेउबिताई रूबाई उवदंसेमाणीतो २ चिड़ंति, तते णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं रूपपरियारणं करेंति, सेसं तं चैव जाव भुजो २ परिणमन्ति, तत्थ णं जे ते सद्दपरियारगा देवा तेसिं णं इच्छामणे समुप्पज्जति इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं सहपरियारणं करेत्तए, तते णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे तहेब जाव उत्तरवेउब्वियातिं रूवातं विजयंति त्ता जेणामेव ते देवा तेणामेव उवागच्छति ता तेसि देवाणं अदूरसामंते ठिच्चा अणुत्तराई उच्चावयाई सहाई समुदीरेमाणीतो २ चिति तते णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सदि सहपरियारणं करेंति सेसं तं चैव जाव भुजो २ परिणमंति, तत्थ णं जे ते मणपरियारगा देवा तेसिं इच्छामणे समुप्पजति इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं मणपरियारणं करेत्तते, तते णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे खिप्पामेव ताओ अच्छराज तत्थ गयाओ चैव समाणीओ अणुत्तराति उच्चावयातिं मणाई संपहारेमाणीतो २ चिट्ठति, तते णं ते देवा ताहि अच्छ राहिं सद्धिं मणपरियारणं करेंति, सेसं निरवसेसं तं चैव जाव भुजो २ परि० । ३२८ । एतेसिं णं भंते! देवाणं कायपरि जात्र मणपरि० अपरियारगाण य कयरे ०१, गो० ! सवत्थोवा देवा अपरि० मणपरि० संखे० सहपरि० असंखे० रूवप० असं० फासप० असं० कायप० असं० । ३२९ ॥ परियारणापयं ३४॥ सीता दव्वसरीरा साता तह वेदणा भवति दुक्खा। अम्भुवगमोवकमिया निदाय अणिदाय नायव्वा ॥ २२६ ॥ सायमसायं स सुहं च दुक्खं अदुक्खमसुहं च माणसरहियं विगलिदिया उ सेसा दुविहमेव ॥ २२७ ॥ कइविहा णं भंते! वेदणा पं०१, गो० तिविहा वेदणा पं० तं० सीता उसिणा सीतोसिणा, नेरइया णं भंते! किं सीतं वेदणं वेदेति उसिणं वे० वे० सीतोसिणं वेयणं वेदेति १, गो० ! सीतंपि ० उसिणंपि० नो सीतोसिणं वे० दे०, केई एकेकपुढचीए वेदणाओ भणति, रयणप्पभापुढवनेरइयाणं भंते! पुच्छा, गो०! नो सीतं० उसिनं० नो सीतोसिनं०, एवं जाववालयप्पभापुढवीनेरइया, पंकप्पभापुढषीनेरइयाणं पुच्छा, गो०! सीतंपि उसिपि नो सीतोसिणं, ते बहुयतरागा जे उसिणं० ते थोक्तरागा जे सीतं वेदणं वे०, धूमप्पभाए एवं चेत्र दुविहा नवरं ते बहुतरागा जे सीतं ते थोक्तरागा जे उसिणं, तमाए य तमतमाए य सीयं० नो उसिणं० नो सीतोसिणं वे० वेदेति, असुरकुमाराणं पुच्छा, गो ०! सीतंपि उसिपि सीतोसिणपि, एवं जाव वैमाणिया, कतिविहा णं भंते! वेदणा पं० १, गो० ! चउविहा पं नं० दवतो खेत्ततो कालतो भावतो, नेरइया णं भंते! किं दधतो वेदणं जाव किं भावतो वेयणं वेति ?, गो० ! दशओवि जाव भावओवि वे० वे०, एवं जात्र वैमाणिया, क्रतिविहा णं भंते! वेदणा पं०१, गो० ! तिविहा पं० तं० सारीरा माणसा सारीरमाणसा, नेरइया णं भंते! किं सारीरं० माणसं० सारीरमाणसं वे० ३०१, गो० ! सारीरपि माणसंपि सारीरमाणसंपि ० ० एवं जाव त्रेमाणिया, नवरं एगिंदियविगलिंदिया सारीरं नो माणसं नो सारीरमाणसं वे० दे०, कइविहा णं भंते! वेयणा पं० १, गो० ! ति विहावेयणा पं० तं साता असाता सातासाता, नेरइया णं भंते! किं सायं असतं० सायासायं वे० दे०१, गो० ! तिबिपि, एवं सहजीवा जाव वैमाणिया, कतिविहा णं भंते! वेदणा पं० १, गो० ! तिविहा पं० तं० दुक्खा सुहा अदुक्खसुहा, नेरइया णं भंते! किं दुक्खं वेदणं पुच्छा, गो० ! दुक्खंपि० सुहंपि० अदुक्खमसुहंपि वे० वे०, एवं जाव वैमाणिया । ३३० । कतिविहा णं भंते! वेदणा पं०१, गो० दुबिहा पं० तं० अब्भोवगमिया य उचक्कमिया य, नेरइया णं भंते! अम्भोवगमियं वेदणं० उवकमियं वेदणं वे०९, गो० ! नो अच्भोवगमियं उनकमियं ० ० एवं जाय चउरिंदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा य दुविपि वे० ३०, वाणमंतरजोतिसियवेमाणिया जहा नेरइया । ३३१ । कतिविहा णं भंते! वेदणा पं० १, गो० ! दुबिहा वेदणा पं० तं निदाय अणिदाय, नेरइया णं भंते किं निदायं० अणिदायं वेयणं वेएंति० १, गो०! निदायपि० अणिदायंपि वेदणं वे०, से केणट्टेणं भंते! एवं बुम्बइ-नेरइया निदायपि अनिदायपि वे० दे०१, गो० ! नेरइया दुविहा पं० तं० सण्णीभूया य असण्णीभूया य, तत्थ णं जे ते सण्णीभूया ते णं निदायपि० अनिदायपि०, तत्थ णं जे ते असण्णीभूता तेणं अणिदायं०, से तेणट्टेणं गो० ! एवं वुबइ- नेरइया निदायपि ० अणिदायंपि०, एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गो०! नो निदायं ० अणिदायं वे० दे०, सेकेणट्टेर्ण भंते! एवं० पुढवीकाइया नो निदायं ० अनिदायं वे० ३०१, गो०! पुढवीकाइया सधे असण्णी असण्णीभूयं अणिदायं वे० वे० से तेणद्वेणं गो०! एवं० पुढवीकाइया नो निदायं ० अणिदायं वे० वे०, एवं जाव चउरिंदिया, पंचिदियतिरिक्खजोणिया मणूसा वाणमंतरा जहा नेरइया, जोइसियाणं पुच्छा, गो० ! निदायंपि० अणिदायंपि वेयणं वेदन्ति, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ-जोइसिया निदायपि० अणिदायंपि वेयणं वेदंति ?, गो०! जोइसिया दुविहा पं० तं० माहमिच्छादिविवण्णगा य अमाइसम्मदिट्ठीउववण्णगा य, तत्थ णं जे ते माइमिच्छादिडिउववण्णगा ते णं अणिदायं वेयणं वेयंति, तत्थ णं जे ते अमाइसम्मदिडीउ० ते णं निदायं वे० दे०, से एतेणद्वेणं गो०! एवं० जोइसिया दुविहंपि वेदणं वे०, एवं माणियावि । ३३२ ॥ वेयणापयं ३५ ॥ 'वेयण कसाय मरणे वेउचिय तेयए य आहारे। केवलिए चैव भवे जीवमणुस्साण सत्तेव ॥ २२८ ॥ कति णं भंते! समुग्धाया पं०१, गो० ! सत्त समुग्धाया पं० तं० वेदणासमुग्धाते कसाय मारणंतिय० वेउच्चिय० तेया० आहार० केवलिसमुग्धाते, वेदणासमुग्धाए णं भंते! कतिसमइए पं०१, गो०! असंखेजसमइए अंतोमुहु७७३ प्रज्ञापना, पद-25 मुनि दीपरत्नसागर Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ त्तिते पं०, एवं जाव आहारसमुग्धाते, केवलिसमुग्घाए णं भंते ! कतिसमइए पं०१, गो०! अठ्ठसमइए पं०, नेरइयाणं भंते ! कति समुग्घाया पं०१, गो! चत्तारि समुग्घाया पं० त०. वेदणा० कसाय मारणंतियस० वेउधियस०, असुरकुमाराणं भंते! कति समुग्धाया पं०१, गो०! पंच पं० त०-वेदणा० जाच तेयासमुग्घाए, एवं जाव थणियकुमाराणं, पुढवीकाइयाणं भंते! कति समुग्धाया पं०१, गो०! तिष्णि तं०-वेदणा कसाय मारणंतियस०,एवं जाव चाउरिदियाणं, नवरं वाउकाइयाणं चत्तारि समुग्धाया पं० सं०-वेदणा० कसाय मारणंतिय. बेउवियस०,पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जाव वेमाणियाणं मंते! कति समुग्धाया पं०१, गो०! पंच समुग्घाया पं० २०. वेयणा० जाव तेयास०, नवरं मणूसाणं सत्तविहे समुग्घाए पं० सं०-वेदणा. जाव केवलिसमुग्धाते ।३३३ । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया वेदणासमुग्धाया अतीता ?, गो०! अणंता, केवड्या पुरेक्खडा ?, गो०! कस्सह अस्थि कस्सइ नस्थि, जस्सत्यि तस्स जहएको वा दो वा तिण्णि वा उक्को संखेजा वा असंखेजा वा अर्णता वा, एवमसुरकुमारस्सवि निरंतरं जाव वेमाणियस्स, एवं जाव तेयगसमुग्धाते, एवमेते पंच चउवीसा दंडगा, एगमेगस्स णं भंते! नेस्यस्स केवड्या आहारगसमुग्घाया अतीता?, गो०! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि जस्स अस्थि तस्स जह० एको वा दो वा उक्को तिण्णि, केवइया पुरेक्खडा?, कस्सइ अस्थि कस्सइ नस्थि जस्सस्थि जह. एको वा दो वा तिणि वा उको० चत्तारि, एवं निरंतरं जाव वेमाणियस्स, नवरं मणूसस्स अतीतावि पुरेक्खडावि जहा नेरइयस्स पुरेक्खडा, एगमेगस्स णं मंते! नेरइयस्स केबतिया केबलिसमुग्धाया अतीता, गो० नत्यि, केवइया पुरेक्खडा, गो! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि जस्सत्थि एको, एवं जाव बेमाणियस्स. नवरं मणसस्स अतीता कस्सह अस्थि करसह नास्थि जस्सस्थि एको, एवं पुरेक्खडावि । ३३४ नेसया णं भंते! केवइया वेदणासमुग्धाया अतीता?, गो० अर्णता. केवड्या पुरेक्खडा ?, गो०! अणंता, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव तेयगसमुग्याए, एवं एतेचि पंच पउबीसदंडगा, नेरइयाणं भंते ! केवड्या आहारगसमुग्धाया अतीवा?, गो०! असंखेजा, केवइया पुरेक्खडा, गो०! असंखेजा, एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं वणस्सइकाइयाणं मणूसाण य इमंणाणत्त-वणस्सइकाइयाणं भंते ! केवड्या आहारगसमुग्धाया अईया?, गो०! अणंता, मणूसाणं भंते ! केवइया आहारगसमुग्धाया अईया?, गो०! सिय संखेजा सिय असं०, एवं पुरेक्खडावि, नेहयाणं भंते ! केवइया केवलिसमुग्धाया अतीवा?, गो०! गस्थि, केवइया पुरेक्खडा?, गो! असंखेजा, एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं वणस्सइमणूसेसु इमं नाणत-वणस्सहकाइयाणं भंते ! केवइया केवलिसमुग्धाया अतीता?, गो० णस्थि, 5 केवइया पुरे०?, गो! अर्णता, मणूसार्ण मंते ! केवइया केवलिस अतीता०?, गो०! सिय अत्यि सिय नस्थि जइ अस्थि जहएको वा दो वा तिणि वा उक्को० सतपुडतं, केवतिया पुरेक्खडा?, गो०! सिय संखेजा सिय असं०।३३५/ एगमेगस्स र्ण भंते ! नेत्यस्स नेरइयत्ते केवड्या वेदणास अतीता?, गो०! अर्णता, केवाइया पुरेक्खडा, गो०! कस्सइ अस्थि कस्सइ.12 नत्थि जस्स अस्थि जहएको वा दो वा तिषिण वा उको संखेजा वा असंखेजा वा अर्णवा वा, एवं असरकमारते जाव वेमाणियत्ते, एगमेगस्स णं भंते ! असरकमारस्स नेइयत्ते केवइया वेदणासमुग्धाया अतीता ?, गो०! अर्णता, केवइया पुच्छा, गो०! कस्सइ अस्थि कस्सति नत्थि जस्सस्थि तस्स सिय सं० सिय असं० सिय अणंता, एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स असुरकुमारत्ते केवड्या वेदणासमुग्धाया अतीता ?, गो०! अर्णता, केवइया पु०१, गो०! कस्सइ अत्थि कस्सइनस्थि जस्सस्थि जहएको वा दो वा तिण्णि वा उक्को० सं० असंखे. अणंता बा, एवं नागकुमारत्तेवि जाव वेमाणियत्ते, एवं जहा वेयणासमुग्धातेणं असुरकुमारे नेरइयादिवेमाणियपजवसाणेसु मणितो तहा नागकुमारादिया अक्सेसेसु सट्टाणेसु परहाणेसु माणितवा जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एवमेते चउनीसा चउग्रीसं दंडगा भवति ।३३६। एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया कसायसमुग्धाया अतीता, गो ! अर्णता, केवइया पु०?, गो०! कस्सइ अस्थि कस्सह नस्थि जस्सस्थि एगुत्तरियाते जाव अर्णता, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स असुरकुमारते केवइया कसायसमुग्धाया अतीता ?, गो०! अर्णता, केवड्या पु०१, मो०! कस्सति अस्थि कस्सति नस्थि जस्सस्थि सिय संखेजा सिय असंखेजा सिय अणन्ता, एवं जाव नेरइयस्स थणियकुमारत्ते, पुढवीका एगुत्तरियाए नेतवं, एवं जाव मणुयत्ते, वाणर्मतरते जहा असुरकुमारत्ते, जोइसियत्ते अतीता अर्णता पुरेक्खडा कस्सति अस्थि कस्सति नत्थि जस्सस्थि सिय असंखेजा सिय अर्णता एवं वेमाणियत्तेवि सिय असंखेज्जा सिय अर्णता, असुरकुमारस्स नेरइयत्ते अतीता अर्णता, परेक्खडा कस्सति अस्थि कस्सति नस्थि जस्सत्यि सिय संखेजा सिय असुरकुमारते अतीता अणंता पुरेक्खडा एगुत्तरिया, एवं नागकुमारते जाब निरंतर वेमाणियत्ते जहा नेरइयस्स भणितं तहेव भाणितवं, एवं जाव थणियकुमारस्सवि वेमाणियत्ते नवरं सधेसिं सट्टाणे एगुत्तरियाए परहाणे जहेव असुरकुमारस्स, पुढवीकाइयस्स नेरइयत्ते जाव थणियकुमारत्ते अतीता अर्णता पुरेक्खडा कस्सति अस्थि कस्सति नस्थि जस्सस्थि सिय वसंखेजा सिय असंखेजा सिय अणंता, पुढवीकाइयस्स पुढवीकाइयत्ते जाव मणूसत्ते अतीता अर्णता पुरे० क० अत्यि क. नस्थि जस्स अस्थि एगुत्तरिया, वाणमंतरते जहा णेरइयत्ते ७७४ प्रज्ञापना पद मुनि दीपरत्नसागर Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोतिसियवेमाणियत्ते अतीता अर्णता, पुरेक्सडा कस्सई अत्थि कस्सई नत्यि जस्स अत्यि सिय असंखजा सिय अर्णता, एवं जाव मणूसत्तेवि नेया, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा गवरं सवाणे एगुत्तरियाए माणित जाच वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एवं एते चउच्चीसं चउरीसा दंडगा। १३७। मारणंतियामुग्धातो सदाणेपि परद्वाणेवि एगत्त. रियाए नेयञ्चो जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एवमेते चउवीसं चउचीसदंडगा भाणियचा, केउशियसमुग्धातो जहा कसायस० तहा निरवसेसो भाणितबो, नवरं जस्स नस्थि तस्स न बुधति, एत्थवि चाउवीस चाउरीसा दंडगा भाणियबा, तेयगसमु. जहा मारगंतियस०, गवरं जस्सऽत्यि, एवं एतेवि चाउचीसं चउचीसा दंडगा भाणितधा, एगमेगस्स णं भंते ! नेरइ. यस्स नेरइयत्ते केवड्या आहारगसमुग्पाया अतीता १. गोणस्थि, केवड्या पुरे०१, गो० णस्थि.एवं जाव वेमाणियत्ते, नवरं मणूसते अतीता कस्सइ अस्थि कस्सइ नस्थि जस्सस्थि जह एको वा दो वा उ० तिनि, केवड्या पु०?, गो! कस्सति अस्थि क० नस्थि, जस्सस्थि जहएको वा दो वा तिष्णि वा उ० चत्तारि, एवं सबजीवाणं मणुस्साणं भाणियचं, मणू. सस्स मणूसत्ते अतीता कस्सति अस्थि कस्सति नस्थि, जस्सस्थि जहएको वा दो वा तिष्णि वा उ०चत्तारि, एवं पुरेक्खडावि, एवमेते चउषीसं चाउचीसा दंडगा जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एगमेगस्स णं भंते ! नेरहयस्स नेइयत्ते केवइया केवलिसमुग्घाया अतीता ?, गो०! णत्यि, केवइया पुरेक्खडा?, गो० नत्थि, एवं जाच वेमाणियत्ते, णवरं मणूसत्ते अतीता नस्थि, पुरेक्खडा क० अत्यिक नत्यि, जस्सत्थि इको, मणूसस्स मणूसत्ते अतीता कस्सति अस्थि क० नत्यि, जस्सस्थि एको, एवं पुरेक्खडावि, एवमेते चउनीसं चउनीसा दंडगा।३३८ नेरइयाणं भंते ! नेरहयत्ते केवइया वेदणास० अतीता?, गो०! अर्णता, के० पुरे०?, गो०! अणंता, एवं जाव वेमाणियत्ते, एवं सबजीवाणं माणित जाव वेमाणियाणं वेमाणियत्ते, एवं जाव तेयगस०, णवरं उबउजिऊण नेयायं जस्सत्थि वेउधियतेयगा, नेरइयाणं भंते! नेरइयत्ते केवतिता आहारगस० अतीता ?, गो० नस्थि, केवतिता पु०?, गो०! णत्थि, एवं जाव वेमाणियत्ते गवरं मणूसत्ते अतीता असं० पुरेक्खडा असंखेजा एवं जाव वेमाणियाणं णवरं वणस्सइकाइयाण मणूसत्ते अतीता अर्णता पुरेक्खडा अणंता, मणूसाणं मणूसत्ते अतीता सिय संखेजा सिय असंखेजा, एवं पुरेक्खडावि, सेसा सचे जहा नेरहया, एवं एते चउवीसं चउवीसा दंडगा, नेरहयाणं भंते! नेरइयत्ते केव० केवलिसमुग्घाया अतीता ?, गो० नत्थि, के.पु., गो० नस्थि, एवं जाव वेमाणियत्ते णवरं मणूसत्ते अतीता णस्थि पुरे० असंखेजा,एवं जाव वेमाणिया नवरं वणस्सइकाइयाणं मणूसत्ते अतीता नस्थि पु० अर्णता, मणूसाणं मणूसत्ते अतीता सिय अस्थि सिय णस्थि जइ अस्थि जहएको वा दो वा तिषिण वा उक्को० सतपुहुल, फेवाझ्या पुरे०१, गोसिय संखेजा सिय असंखेजा, एवं यार्ण वेमाणियत्ते।३३९। एतेसिं णं भंते ! जीवाणं वेदणासमग्यातेणं कसाय. मारणंतिय० बेउबिय० तेय. आहारग० केवलिस० समोहयाणं असमोहयाण य कयरे०१, गो०! सवत्थोवा जीवा आहारगसमुग्घाएणं समोहया केवलिसमु० संखे० तेयगसमु० असं० वेउधिय० असं० मारणंतिय. समु० अणंत कसायस० असं० वेदणास विसेसाहिया असमोहया असंखिजगुणा ।३४०। एतेसिं णं भंते ! नेरइयाणं वेदणासमुग्घाएणं कसायस० मारणंतियस वेउवियस समो. हयाणं असमोहयाण य कतरे०१, गो०! सनत्थोवा नेरइया मारणंतियसमुग्घातेणं समोहया वेउशियसमुग्धातेणं. असं० कसायसमुग्धाएणं० संखे० वेदणासमुग्घा संखे० असमोहया संखे०, एतेसिं णं भंते ! अमुरकुमाराणं वेदणासमुग्घातेणं कसायस मारणंतिय० वेउश्चिय० तेयगसमोहताण असमोहताण य कयरे?, गो०! सबथोवा असुरकुमारा तेयगसमुग्धाएणं समोहया मारणंतियस असं वेदणास० असं० कसायसमु० संखे. वेउवियसमु० संखे० असमोहया असंखेजगुणा, एवं जाव थणियकुमारा, एएसिंणं भंते! पुढवीकाइयाणं वेदणास० कसाय० मारणं असमो०?, गो०! सबत्योवा पुढवीकाइया मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया कसायसमु० संखे० वेदणासमु० विसेसाहिया असमोहया असं०, एवं जाच वणस्सइकाइया णवरं सबथोवा बाउकाइया बेउनियसमुग्धाएणं समोहया मारणंतियसमु० असंखेज कसायसमु० संखे० वेदणास विसेसाहिया असमोहया असंखेजगुणा, बेइंदियाणं भंते! वेदणासमुग्घाएणं कसायस० मारणंतियस० समोहयाणं असमोहयाण य कतरे?, गो०! सबत्योवा बेइंदिया मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया वेदणासमु० असंखे० कसायस० असंखे. कसायसम० मारणंतियसबेउशियस० तेयासम० समोहयाणं असमोहयाण य कतरे०१. गो! सबत्योवा पंचिंदियतिरि० तेयासमुग्घायसमोहया वेउ० असं० मारणंतियस० असं वेदणास असं० कसायस० संखे० असमो० संखे०, मणुस्साणं भंते ! वेदणासमुग्घातेणं समोहयाणं कसायसमु० मारणंतियस० वेउनियस० तेयगस आहारगसमुग्धाएणं केवलिस० समोहयाणं असमोहयाण य कयरे०?, गो० सवयोवा मणुस्सा आहारगस० समोहया केवलि. सं० तेयगस संले० वेउवियस संखे० मारणंतियस असं० वेदणास० असं० कसायस संखे० असमोहया असंखेजगुणा, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं । ३४१। ७७५ प्रज्ञापना, पद-७ मुनि दीपरनसागर Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ० कति णं भंते! कसायसमुग्धाया पं०१, गो० ! चत्तारि कसायस० पं० तं०- कोहसमुग्धाते माण० माया० लोह०, नेरइयाणं भंते! कति कसायस ०१, गो० ! चत्तारि कसायस० पं० एवं जाय बेमाणियाणं, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स केवतिता कोहसमुग्धाता अतीता १, गो०! अनंता, केवविता पुरे०१, गो०! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि जस्सत्थि जह० एको वा दो वातिष्णि वाउको संखेजा वा असंखेजा वा अनंता वा, एवं जाव वैमाणियस्स, एवं जाव लोभसमुग्धाते, एते चत्तारि दंडगा, नेरइयाणं भंते! केवइया कोहसमु० अतीता १, गो० ! अनंता, के ० पु०१, गो० ! अनंता, एवं जाब वेमाणियाणं, एवं जाव लोभसमुग्याए, एवं एएवि चत्तारि दंडगा, एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया कोहस० अतीता ?, गो० ! अनंता, एवं जहा वेदणासमुग्धातो भणितो तहा कोहसमुग्धातोचि निरवसेसं जाव वैमाणियत्ते, माणसमुग्धाए मायासमुग्धातेवि निरवसेसं जहा मारणंतियसमुग्धाते, लोहसमुघातो जहा कसायसमुग्धातो नवरं सङ्घजीवा असुरादिनेरइएस लोहकसाएणं एगुत्तरियाते नेतवा, नेरइयाणं भंते! नेरइयत्ते केवइया कोहसमु० अतीता १, गो० ! अनंता, केव० पुरे० १. गो० ! अनंता, एवं जाव वैमाणियत्ते, एवं सद्वाणपरद्वाणेसु सवत्थ भाणियचा, सङ्घजीवाणं चत्तारिवि समुग्धाया जाव लोभसमुग्धातो जाव वैमाणियाणं वैमाणियते । ३४२ । एतेसिं णं भंते! जीवाणं कोहसमुग्धातेणं माण० माया• लोभसमुग्धातेण य समोहयाणं अकसायसमुग्धातेणं समोह० असमोहयाण य कयरे० १, गो० ! सङ्घत्योचा जीवा अकतायसमुग्धाएणं समो० मरणसमुग्धाएणं अणतः कोह० विसे० माया० विसे० लोभ० विसे० असमोहया संखेज्जगुणा, एतेसि णं भंते! नेरइयाणं कोह० माण० माया० लोभ० समोहयाणं असमो याण य कयरे ०१, गो० ! सवत्योचा नेरइया लोभ० समोहया माया० संखेज • माणस० संखे० कोहस० संखे असमोहया संखे०, असुरकुमाराणं पुच्छा, गो० ! सङ्घत्थोवा असुरकुमारा कोहस० समोहया माणसमुग्धाएणं संखे० माया० संखे० लोभ० संखे० असमोहया संखेज्जगुणा, एवं सङ्घदेवा जाव वैमाणिया, पुढवीकाइयाणं पुच्छा, गो० ! सवत्थोवा पुढवीकाइया माणसमुग्धाएणं समोहया कोहसमु० विसे० मायासमु० विसे० लोभस ० विसे० जसमो० संखे०, एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया, मणुस्सा जहा जीवा णवरं माणसमु० असं० । ३४३ । कइ णं भंते! छाउमत्थिया समुग्धाया पं०१, गो० छ छाउमत्थिया० पं० तं० वेदणा० कसाय मारणंतिय० बेडशिय० तेया० आहारगसमुग्धाते, नेरइयाणं भंते! कति छाउमत्थिया स० पं०१, गो० ! चत्तारि छाउमत्थिया० पं० तं० वेदणा० कसाय मारणंतिय० वेउडियस०, असुरकुमाराणं पुच्छा, गो०! पंच छाउ० समु० पं० [सं० वेदणा कसाय० मारणंति० वेउचिय० तेयगसमु०, एगिंदियविगलिंदियाणं पुच्छा, गो० ! तिष्णि छाउ० समु० पं० तं० वेदणासमु० कसायस० मारणंतियस०, णवरं वाउकाइयाणं चत्तारि स० पं० [सं० वेदणा० कसाय मारणंतिय० वेउब्जिय०, पंचिंदियतिरिक्ख जोणियाणं पुच्छा, गो० पंच० छाउ० स० पं० तं० वेदणा० कसाय मारणंतिय० बेडशिय० तेयगस०, मणूसाणं कति छाउमत्थिया समु० पं० १, गो० छ छाउमत्थिया स० पं० तं० वेदणा० कसाय मारणंतिय० वेडशिय० तेयग० आहारगस० । ३४४ जीवे णं भंते! वेदणासमुग्धाएणं समोहते समोहणित्ता जे पोग्गले निच्छुभति तेहिं णं भंते! पोग्गलेहिं केवहते खेत्ते अप्फुण्णे केवलिते खेत्ते फुडे ?, गो०! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभवाहणं नियमा छद्दिसि एवतिते खेत्ते अकुण्णे एवतिते खेत्ते फुडे, से णं भंते! खित्ते केवतिकालस्स अप्फुण्णे केव० फुडे १, गो०! एगसमइएण वा दु० वा ति० वा विग्गहेणं एवतिकालस्स अप्फुण्णे एवइयकालस्स फुडे, ते भंते! पोगले केवतिकालस्स निच्छुभति ?, गो० जह० अंतोमुडुत्तस्स उक्को० अंतो०, ते णं भंते! पोग्गला निच्छूढा समाणा जातिं तत्थ पाणातिं भूयातिं जीवातिं सत्तातिं अभिहृणंति वत्र्त्तेति लेसेंति संघाएंति संघर्हेति परितार्वेति किलार्मेति उद्दवेंति तेहिंतो णं भंते! से जीवे कतिकिरिए ?, गो० ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए, ते णं भंते! जीवा तातो जीवाओ कतिकिरिया १, गो० ! सिय तिकिरिया सिय चउकिरिया सिय पंचकिरिया, से णं भंते! जीवे ते य जीवा अण्णेसिं जीवाणं परंपराघाएणं कतिकिरिया १, गो० ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि, नेरइए णं भंते! वेदणासमुग्धाएणं समोहते एवं जहेव जीवे, णवरं नेरइयाभिलावो, एवं निरवसेसं जाव वैमाणिते, एवं कसायसमुग्धातोवि भाणितशो, जीवे णं भंते! मारणंतियसमुग्धातेणं समोहणइ त्ता जे पोग्गले णिच्छुभति तेहिं णं भंते! पोग्गलेहिं केवतिते खेत्ते अप्फुण्णे केवलिते खेत्ते फुडे ?, गो०! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभवाहणं आयामेणं जह० अंगुलस्स असंखेजतिभागं उको असंखेजाति जोयणातिं एगदिसि एवतिते खेत्ते अष्फुण्णे एवतिए खेत्ते फुडे, से णं भंते! खेत्ते केवतिकालस्स अकुष्णे केवतिकालस्स फुडे १, गो० ! एगसमइएण वा दुस० वा तिस० वा चउस० वा विग्गणं एवतिकालस्स अप्फुण्णे एवतिकालस्स फुडे, सेसं तं चैव जाव पंचकि०, एवं नेरइएवि वरं आयामेणं जह० साइरेगं जोयणसहस्सं उक्को० असंखेजातिं जोअणातिं एगदिसिं एवतिते खेते अप्फुण्णे एवतिते खित्ते फुडे विग्गणं एगसमइएण वा दु० वा ति० वा चउ० वा भवति, सेसं तं चैव जाव पंचकिरियावि, असुरकुमारस्स जहा जीवपदे णवरं विग्गहो तिसमइओ जहा नेरइयस्स, सेसं तं चैव जहा असुरकुमारे, एवं जाव वैमाणिए, णवरं एगिंदिये जहा जीवे निरवसेसं । ३४५ । जीवे णं भंते! वेउचियसमुग्धाएणं समोहते समोहणित्ता जे पुग्गले निच्छुभति तेहिं णं भंते! पोग्गलेहिं केवतिते खेत्ते अप्फुण्णे केवतिए खित्ते (१९४) ७७६ प्रज्ञापना, पद- ३६ मुनि दीपरत्नसागर Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फुडे १, गो०! सरीरप्यमाणमेते विक्वं भवाइलेणं आयामेणं जह० अंगुलस्स संखेज्जतिभागं उको० संखिजातिं जोअणातिं एगदिसिं विदिसिं वा एवइए खिते अप्फुण्णे एवतिते खेत्ते फुडे से णं भंते! केवतिकालस्स अप्फुण्णे केवतिकालस्स फुडे १, गो०! एगसमइएण वा दु० वा ति० वा विग्गणं एवतिकालस्स अप्फुण्णे एवतिकालस्स फुडे, सेसं तं चैव जाव पंच किरियावि, एवं नेरइएवि णवरं आयामेणं जह० अंगुलस्स असंखेजतिभागं उक्को० संलिजाई जोअणाई एगदिसिं, एवतिते खेते०, केवतिकालस्स०१, तं चैव जहा जीवपदे, एवं जहा नेरइयरस तहा असुरकुमारस्स, नवरं एगदिसिं विदिसिं वा, एवं जाव पणियकुमारस्स, वाउकाइयस्स जहा जीवपदे णवरं एगदिसि, पंचिदियतिरिक्खजोणियस्स निरवसेसं जहा नेरइयरस, मणूसवाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स निरवसेसं जहा असुरकुमारस्स, जीवे णं भंते! तेयगसमुग्धाएणं समोहते समोहणित्ता जे पोम्गले निच्छुम्भति तेहिं णं भंते! पोग्गलेहिं केवलिते खेत्ते अप्फुण्णे केवइए खिसे फुडे ?, एवं जहेव वेडशिते समुग्धाते तहेब, नवरं आयामेणं जह० अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं सेसं तं चैव एवं जाव वैमाणियस्स, नवरं पंचिंदिय तिरिक्खजोणियस्स एगदिसिं एवतिते खेते अष्फुण्णे एवइखित्तस्स फुडे, जीवे णं भंते! आहारगसमुग्धातेणं समोहते समोहणित्ता जे पोगले निच्छुम्भति तेहिं णं भंते! पोलेहिं केवइए खित्ते अष्फुण्णे केवइए खेले फुडे ?, गो० ! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभबाहलेणं आयामेणं जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं उको० संखेजाई जोयणाई एगदिसिं, एवतिते खेत्ते०, एगसमतिएण वा दु० ति० विग्गणं एवतिकालस्स अप्फुण्णे एवतिकालस्स फुडे, ते णं भंते! पोग्गला केवतिकालस्स निच्छुम्मति १, गो० जह० अंतो० उको० अंतोमुद्द तस ते णं भंते! पोग्गला निच्छूढा समाणा जातिं तत्थ पाणातिं भूयातिं जीवातिं सत्तातिं अभिहणंति जाव उदवेंति ते णं भंते! जीवे कतिकिरिए ?, गो० सिय तिकि० सिय चड० सिय पंचकिरिए, ते णं भंते! जीवाओ कतिकिरिया १, गो०! एवं चेव, से णं भंते! ते य जीवा अण्णेसिं जीवाणं परंपराघातेणं कतिकिरिया ?, गो०! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकि०, एवं मणूसेवि । ३४६ । अणगारस्त णं भंते! भावियप्पणो केवलिसमुग्धातेणं समोहयस्स जे चरमा निज्जरापोग्गला सुरुमा णं ते पोग्गला पं०१ समणाउसो ! सबलोगंपिय णं ते फुसित्ताणं चिति?, हंता गो० ! अणगारस्स भावियप्पणी केवलिसमुग्धाएणं समोहयस्स जे चरमा निज्जरापोग्गला मुद्दमा णं ते पोग्गला पं० समणाउसो, सङ्घलोगंपिय णं फुसित्ताणं चिति, छउमत्थे णं भंते! मणूसे तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं गंधेणं गंध रसेण वा रसं फासेण वा फासं जाणति पासति ?, गो० ! णो इणडे समट्टे, से केणणं भंते! एवं बुवति छउमत्थे णं मणूसे तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं णो किंचि वण्णेणं० गंघेणं रसेणं० फासेणं० णो जाणति पासति १, गो० अयण्णं जंबुद्दीवे दीवे सङ्घहीवसमुद्दाणं सङ्घभंतराए सखुड्डाए बट्टे तेलाप्यसंठाणसंठिते वट्टे रहचकवालसंठाणसंठिए बट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए बट्टे पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिए एवं जोअणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिष्णि जोयणसयसहस्साई सोलस सहस्साई दोण्णि सत्तावीसे जोयणसते तिष्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसतं तेरस य अंगुलाई अदंगुलं च किंचिविसेसाहिते परिक्खेवेणं पं० देवे णं महिढीते जाब महासो (हस पा० ) क्ले एवं महं सविलेवणं गंधसमुग्गतं गहाय तं अवदालेति सा इणामेवत्तिकट्टु केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छराणिवातेहिं तिसत्तमुत्तो अणुपरिय द्वित्ताणं हवमागच्छेजा से नूणं गो० ! से केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे तेहिं घाणपोम्गलेहिं फुडे ?, हंता फुडे, छउमत्थे णं गो०! मणूसे तेसिं घाणपुम्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं गंधेणं गंध रसेणं रसं फासेणं फार्स जाणति पासति ?, गो०! नो इणट्टे समहे, से एएणद्वेणं गो०! एवं दुबइ छउमत्ये णं मणूसे तेसिं निज्जरापोग्गलाणं नो किंचि वण्णं वण्णं गंधेणं गंध रसेणं रसं फासे फार्स जाणति पासति सुडुमा णं ते पोग्गला पं० समणाउसो, सङ्घलोगंपिय णं फुसित्ताणं चिट्ठति । ३४७। कम्हा णं भंते! केवली समुग्धायं गच्छति ?, गो०! केवलिस्स चत्तारि कम्मंसा अक्लीणा अवेदिया अणिजिण्णा भवति, तं० वेदणिजे आउए नामे गोए, सङ्घबहुप्पएसे से वेदणिजे कम्मे हवति सङ्घत्थोवे आउए कम्मे हवद, विसमं समं करेति बंधणेहिं ठितीहि य, विसमसमीकरणयाए बंधणेहिं ठितीहि य स खलु केवली समोहणंति, एवं खलु केवली समुग्धायं गच्छति, सज्ञेवि णं भंते! केवली समोहनंति ?, सचेवि णं भंते! केवली समुग्धातं गच्छति ?, गो० ! णो इणट्टे समट्टे, 'जस्साउएण तुलातिं, बंधणेहिं ठितीहि य। भवोवाहकम्माई, समुग्धातं से ण गच्छति ॥ २२९ ॥ अगंतूणं समुग्धातं, अनंता केवली जिणा । जरमरणविप्पमुका, सिद्धिं वरगतिं गता ॥ २३० ॥ ३४८ । कतिसमतिए णं भंते! आउजी (आवजिय, आउजिया, आउस्सिया पा०) करणे पं० १, गो० ! असंखेज्जसमतिए अंतोमुहुत्तिए आउजीकरणे पं० । ३४९ । कतिसमतिए णं भंते! केवलिसमुग्धाए पं०१, गो०! अट्ठसमतिते पं० सं० पढमे समए दंडं करेति बीए कवाडं करेति ततिए मंच करेति चडत्ये लोगं पूरेति पंचमे लोयं पडिसाहति छ मंयं पडि० सत्तमए समए कवार्ड पडि० अट्टमे समए दंडं पडिसाहरति त्ता तओ पच्छा सरीरत्थे भवति, से णं भंते! तहा समुग्धायगते किं मणजोगं जुजति बजोगं जुंजति कायजोगं जुंजति १, गो० नो मणजोगं नो वइजोगं कायजोगं जुंजइ, कायजोगं णं भंते! जुंजमाणे किं ओरालियकायजोगं जुंजति ओरालिय ७७७ प्रज्ञापना, पाहुड-१ मुनि दीपरत्नसागर Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मीसा कि वेउत्रिय वेउनियमीसा आहारग आहारगमीसा० कम्मगसरीरका?, गो० ओरालिय० ओरालियमीसा जइ नो वेउनियसरीरका नो वेउनियमीसा नो आहार. नो आहारगमीसा० कम्मगसरीरकायजोगपि जुजति, पढमट्ठमेसु समएसु ओरालियसरीर० बितियछट्टसत्तमेसु समएम ओरालियमीसा ततियचउत्थपंचमेमु समएमु कम्मगसरीस्कायजोगं जूंजनि / 3501 से भंते ! तहा समुग्घातगते किं सिज्मति बुज्नति मुचति परिनिवाति सवदुक्खाणं अंतं करेति ?. गो० नो इणट्टे समझे, से णं भंते ! ततो पडिनियत्तति ता नतो पच्छा मणजोगपि जॅजति वइजोगपि जुंजइ कायजोगपि जुजति, मणजोगं जुजमाणे किं सचमणजोगं जुजति जाव असचामोसमणजोगं जुजति ?, गो० ! सचमणजो० नोमोसमणना सच्चामास० असचामासमणजाग०, बतिजागजुजमाण किसबबइजाग जाव असचामासवइजोगा०. सब मोसवइजोगपि जुजति, कायजोर्ग जुंजमाणे आगच्छेज वा गच्छेजवा चिट्ठज्ज वा निसीएज वा तुयडेज वा उतघेज वा पलंघेज वा पाडिहारियं पीढफलगसेज्जासंथारगं पञ्चप्पिणेजा।३५११ से णं भंते ! तहा सजोगी सिज्झति जाव अंतं करेति ?, गो० नो इणढे समढे, सेणं पुधामेव सण्णिस्स पंचिदियपजत्तयस्स जहण्णजोगिस्स हेट्ठा असंखेजगुणपरिहीणं पढम मणजोगं निभति, ततो अर्णता येईदियपजत्तगस्स जहण्णजोगिस्स हेडा असंखिजगुणपरिहीणं दोचं वतिजोगं निरंभति, ततो अणंतरं च णं मुहमस्स पणगजीवस्स अपजत्लयस्स जहण्णजो. गिस्स हेडा असंखेजगुणपरिहीर्ण तथं कायजोर्ग निरुभति, से णं एतेण उवाएणं पढर्म मणजोगं निरंभति त्ता पतिजोगं निरंभति त्ता कायजोगं निरंभइत्ता जोगनिरोहं करेति त्ता अजोगन पाउणति त्ता इंसिं हस्सर्पचक्खरुचारणदाए असंखेजसमइयं अंतोमुहुत्तियं सेलेसिं पडिवाइ, पुत्ररइयगुणसेटीयं च णं कम्मं तीसे सेलेसिमदाए असंखेजाहिं गुणसेढीहिं असंखेने कम्मखंधे खवयति ता वेदणिजाउणामगोत्ते इचेते चत्तारि कम्मंसे जुगर्व खवेति त्ता ओरालियतेयाकम्मगाई सचाहिं विप्पजहणाहिं विप्पजहति त्ता उजुसेढीपडिवण्णो अफुसमाणगतीए एगसमएणं अविग्गहेणं उइदं गंता सागारोवउत्ते सिज्झाइ बुज्झइ० तत्व सिदो भवति, ते णं तत्थ सिदा भवंति असरीरा जीवघणा सणणाणोवउत्ता णिट्ठियट्ठा गीरया णिरेवणा वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयदं कालं चिट्ठति, से केणतुणं भंते! एवं बुञ्चइ-ते णं तत्थ सिद्धा भवंति असरीरा जीवघणा दसणणाणोवउत्ता निट्टियडा नीरया निरेयणा चितिमिरा विसुद्धा सासयमणागय कालं चिट्ठति?, गो० से जहाणामए बीयाण अम्गिदड्ढाणं पुणरवि अंकुरुप्पत्ती ण भवति एवामेच सिद्धाणवि कम्मवीएमु दड्ढेसु पुणरवि जम्मुष्पत्ती ण भवति, से तेणद्वेणं गो० ! एवं वुचइ-तेणं तत्थ सिद्धा भवंति असरीरा जीवघणा सणणाणोवउत्ता णिट्ठियहाणीरया णीरेयणा चितिमिरा विमुद्धा सासयमणागतवं कालं चिढ़तित्ति 'निच्छिण्णसञ्चदुक्खा जाइजरामरणपंधणविमुका।सासयमवावाहं चिट्ठति सुही मुहं पत्ता // 231 // 352 // समुग्धायपयं 36 // श्रीपज्ञापनोपांगं समान 2468 आपादपौर्णमास्यां।