Book Title: Aagam Manjusha 15 Uvangsuttam Mool 04 Pannavanaa
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 48
________________ जोणी उसिणा जोणी सीतोसिणा जोणी।१४९। नेइयाणं भंते ! कि सीता जोणी उसिणा जोणी सीतोसिणा जोणी?, गो० सीताविजोणी उसिणावि जोणी णो सीतोसिणा जोणी, अमुरकुमारार्ण भत! कि सीता जोणी उसिणा जोणी सीतोसिणा जोणी?, गो! नो सीता नो उसिणा सीतोसिणा जोणी, एवं जाव थणियकुमारार्ण, पुढपीकाइयाणं भंते कि सीना पणा जोगी.गो! सीताबि उसिणावि सीतोसिणावि.एवं आउबाउवणस्सडबेईदियतेइंदियचरिंदियाणवि पनेयं भाणिय, तेउकाइयाणं णो सीता उसिणा णो सीतो. सिणा, पंचिदियतिरिक्सजोणियाणं भंते ! कि सीता उसिणा सीतोसिणा जोणी?, गो० सीयावि उसिणावि सीतोसिणावि, समुच्छिमपंचिदियतिरिक्सजोणियाणचि एवं चेव, गब्भवर्कतियपंचिंदियतिरिक्सजोणियार्ण भंते ! कि सीता उसिणा सीतोसिणा जोणी?, गोणो सीता नो उसिणा सीतोसिणा जोणी, मणुस्साणं भंते ! किं सीना उसिणा सीनोसिणा जोणी?, मो० सीयाबि उसिणावि सीतोसिणावि, संमुच्छिममणुस्साणं भंते ! किं सीता उसिणा सीतोसिणा जोणी?, गो०! तिविहा जोणी, गम्भवतियमणुस्साणं भंते ! कि सीता उसिणा सीतोसिणा?, गोणो सीता णो उसिणा सीतोसिणा, वाणमंतरदेवाणं भंते! किं सीता उसिणा सीतोसिणा?, गो० णो सीता णो उसिणी सीनोसिणा, जोइसियवेमाणियाणवि एवं चेच, एएसिणं भंते ! जीवाणं सीतजोणियाणं उसिणजो० सीतोसिणजो अजोणियाण य कयरे?, गो०! सबथोवा जीवा सीतोसिणजोणिया उसिण असंखे. अजोणिया अर्णत सीतजोणिया अर्णतगुणा । १५०। कतिचिहा णं भंते ! जोणी पं०?, गो० तिविहा जोणी पं०-सचित्ता अचित्ता मीसिया, नेदयार्ण भंते! कि सचिना जोणी अचित्ता मीसिया जोणी?, गो० नो सचित्ता अचित्ता नो मीसिया जोणी, असुरकुमाराणं भंते ! किं सचित्ता अचित्ता मीसिया ?, गो० नो सचित्ता अचित्ता नो मीसिया, एवं जान थणिय. कुमाराणं, पुढवीकाइआणं भंते ! किं सचित्ता अचित्ता मीसिया ?, गो०! सचित्ता अचित्ता मीसियावि, एवं जाव चाउरिदियाणं, समुच्छिमपंचिदियतिरिक्सजोणियाणं संमच्छिममगुस्साण य एवं व, गम्भवतियचिदियतिरिक्खजोणियाणं गम्भवतियमणुस्साण य नो सचिना नो अचित्ता मीसिया, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा अमुरकुमाराणं, एतेसि णं भंते ! जीवाणं सचिनजोणीण अचिनजो मीसजो अजोणीण य कयरे ?, गो! सबथोवा जीवा मीसजोणिया अचित्तजो. असंखे. अजोणिया अणंत सचिनजो अणंतगुणा । १५१। कइविहाण भैते ! जोणी ५०?, गोतिविहा जोणी प० २०. संवुडा जोणी वियडा जोणी संवुडवियटा जोणी, नेरहयाणं भंते ! फि संखुटा वियडा संखुडवियडा जोणी ?, गो० संखुडा नो वियहा नो संदवियडा, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, बेईदियाणं पुच्छा, गो० नो संवुडा वियहा नो संवृदपियहा, एवं जाव परिदियाणं, समुच्छिमपं. चिदियतिरिक्खजोणियाण संमुण्डिममणुस्साण य एवं वेव, गम्भवतियपंचिदियतिरिक्ख जोणिय गब्भवतियमणुस्साण य नो संखुडा नो विवडा संखुडचियहा जोणी. वाणमतरजोइसियवमाणियाणं जहा नेरद्रयाण, एतेसिणं भंते ! जीवाणं संबुडजोणियाणं वियडजोर संवुडवियडजो• अजोणियाण य कयरे ?, गो० सवयोवा जीवा संवुडवियडजोणिया वियर असंसि. अजोणिया अर्णत संबड० अर्णतगणा । १५२। कढविहाणं भंते ! जोणी पं. गोतिबिहा जोणी पंत कुम्मुण्णया संखावत्ता सीपत्ता, कुम्मुण्णया णं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं, कुम्मुण्णयाए णं जोणीए उत्तमपुरिसा गम्भे वक्रमति :- अरहता चक्कवट्ठी बलदेवा वासुदेवा, संखावना णं जोणी इत्थीरयणम्स, संखावत्ताए जोणीए बहवे जीवा य पोमाला य वक्कमति विउकर्मति चयंति उपचयंति नो चेव णं णिप्फजंति, बंसीपत्ता ण जोणी पिटुजणस्स, बंसीपत्ताए णं जोणीए पिहुजणे गम्भे पक्कमति । १५३॥ जो. णिपदं ५ ॥ कति णं भंते ! पुढवीओ पं०१, गो! अट्ठ पुढवीओ पं० २०-रयणप्पभा सक्कर: वालुय- पंक धूम नम: तमतमप्पा इंसीपभारा. इमाणं भंते ! रयणप्पभा पुटवी कि चरमा अचरमा चरमा अचरमाई चरमंतपदेसा अचरमंतपदेसागो उमा णं रयणप्पभा पढवी नो चरमा नो अचरमा नो घरमाति नो अचरमानि नो चरमंतपदेसा नो I अचरमंतपदेसा नियमा अचरमं चरमाणि य परमंतपदेसा य अचरमंतपदेसा य, एवं जाव अधेसत्तमा पुढवी. सोहम्मानी जाव अणुनरविमाणाणं.. एवं चेव ईसीपम्भारावि.एवं चेव लोगेवि, एवं चेव अग्लोगेवि । १५४ । इमीसे णं भंते ! स्यणपभाए पुढवीए अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमनपएसाण य दद्वयाए पएसट्ठयाए दबट्टपएसटुयाए कयरे?, गोसवत्योवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दट्टयाए एगे अचरिमे चरिमाई असखिजगुणाई अचरिमं चरिमाणि य दोषि विसेसाहिआ पएसट्टयाए सवस्थोवा इमीसे स्यणप्पभाए पुढवीए चरमन्तपदेसा अचरमंतप० असंसे चरमंतपदेसा य अचरमंतपदेसा य दोवि विसे० दबपएसट्ठयाए सबथोवा इमास रयणप्पभाए पुढवीए दबट्टयाए एगे अच. रिमे चरिमाई असंखे. अपरिमं परिमाणि य दोवि विसे० चरमंतपएसा असंखे० अचरमंतपएसा असंखि चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोवि विसेसाहिआ, एवं जाव अहे. सनमाए, सोहम्मस्स जाव लोगस्स एवं चेव । १५५। अलोगस्स णं भंते ! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपदेसाण य अचरमन्तपदेसाण य दबट्टयाए पाएसट्टयाए दद्रुपएसट्टयाए ७१९ पज्ञापना, 17-१० मुनि दीपरनसागर

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