Book Title: Zen Katha Author(s): Nishant Mishr Publisher: Nishant Mishr View full book textPage 9
________________ चाय का प्याला मेइज़ी युग (१८६८-१९१२) के नान-इन नामक एक ज़ेन गुरु के पास किसी विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर जेन के विषय में ज्ञान प्राप्त करने के लिए आया। नान-इन ने उसके लिए चाय बनाई। उसने प्रोफेसर के कप में चाय भरना प्रारम्भ किया और भरता गया। चाय कप में लबालब भरकर कप के बाहर गिरने लगी। प्रोफेसर पहले तो यह सब विस्मित होकर देखता गया लेकिन फ़िर उससे रहा न गया और वह बोल उठा। "कप पूरा भर चुका है। अब इसमें और चाय नहीं आयेगी"| "इस कप की भांति", - नान-इन ने कहा - "तुम भी अपने विचारों और मतों से पूरी तरह भरे हुए हो। मैं तुम्हें ज़ेन के बारे में कैसे बता सकता हूँ जब तक तुम अपने कप को खाली नहीं कर दो"।Page Navigation
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