Book Title: Zen Katha Author(s): Nishant Mishr Publisher: Nishant Mishr View full book textPage 7
________________ मौन का मन्दिर निर्वाण को उपलब्ध हो चुका शोइची नामक ज़ेन गुरु अपने शिष्यों को तोफुकू के मन्दिर में पढाया करता था। दिन हो या रात, सम्पूर्ण मन्दिर परिसर में मौन बिखरा रहता था। कहीं से किसी भी तरह की आवाज़ नहीं आती थी। शोइची ने मंत्रों का जप और ग्रंथों का अध्ययन भी बंद करवा दिया था। उसके शिष्य केवल मौन की साधना ही करते थे। शोइची के निधन हो जाने पर पड़ोस में रहने वाली एक स्त्री ने मन्दिर में घंटियों की और मंत्रपाठ की आवाज़ सुनी वह जान गयी कि गुरु चल बसे थे। 6Page Navigation
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