Book Title: Yuvayogi Jambukumar Diwakar Chitrakatha 015
Author(s): Rajendramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 5
________________ युवायोगी मम्बूकुमार फिर प्रश्न कुण्डली पर ध्यान देते हुए जसमित्र बोला पारण आप बहुत शीघ्र स्वप्न में एक श्वेत बालों वाला केसरीसिंह देखेंगी, तब आपको मेरी बात पर विश्वास हो जायेगा। | तभी द्वारपाल ने आकर सूचना दीTA 'वाह ! आज का दिन कितना शुभ है। श्रेष्ठीवर ! एक के बाद दूसरा हर्ष-समाचार मिला राजगृह के उद्यान है। चलो हम सब गणधर सुधर्मा के में गणधर सुधर्मा 4 दर्शन कर अपनी जिज्ञासाओं का स्वामी पधारे हैं... समाधान करेंगे? (GUN जसमित्र की भविष्य वाणी सुनते ही सेठानी | धारिणी का हृदय हर्ष से फूल उठा। सभी ने जाकर गणधर सुधर्मा के दर्शन किये, प्रवचन सुना। और प्रश्नों का समाधान पाया। एक रात सेठानी धारिणी अपने शयन कक्ष में सोयी हुई थी। रात का अन्तिम पहर था। अचानक उसने एक स्वप्न देखा-चांद-सा सफेद बालों वाला एक केसरीसिंह उसके मुख में प्रवेश कर रहा है। AVARAN CALL सिंह का स्वप्न देखकर धारिणी रोमांचित हो उठी। १. जैन-धर्म का मौलिक इतिहास : भाग-२ पृष्ठ २०३-४ के अनुसार यह घटना भगवान महावीर के १४वें अन्तिम वर्षावास के समय की है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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