Book Title: Yuvayogi Jambukumar Diwakar Chitrakatha 015 Author(s): Rajendramuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 33
________________ युवायोगी जम्बूकुमार इसके बाद जम्बूकुमार की शोभायात्रा प्रारम्भ हुई। सबसे आगे महाराज कूणिक अपनी चतुरंगिणी सेना सहित चल रहे थे और उनके पीछे जम्बूद्वीप का अधिष्टाता अनाधृत देव अपने दिव्य वैभव के साथ सम्मिलित था। जम्बूकुमार एक शिविका में बैठे हुए थे। पीछे आठों रमणियाँ, उनके पीछे उनके माता-पिता फिर प्रभव अपने ५०० साथियों सहित चल रहा था और उसके पीछे विशाल जनसमूह जय नाद करता हुआ राजगृह नगर में घूमती हुई शोभायात्रा गुणशील उद्यान में पहुँची। वैराग्यमूर्ति जम्बूकुमार की जय ! 136 1022 Jain Education International O ५२६ व्यक्तियों के साथ जम्बूकुमार ने गणधर सुधर्मा स्वामी के पास दीक्षा ग्रहण की। 31 For Private & Personal Use Only स्वामी की जय ! समाप्त www.jainelibrary.orgPage Navigation
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