Book Title: Yuvayogi Jambukumar Diwakar Chitrakatha 015
Author(s): Rajendramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 22
________________ तभी नीचे से आवाज आई 100010 प्रभव ने कहा 0 सरदार ! हम सब छूट गये। आ जाओ ! चलो... / Jain Education International युवायोगी जम्बूकुमार प्रभव सीढ़ियों से नीचे उतरकर आया। अपने सभी साथियों से कहा जम्बूकुमार ठीक कहते हैं। इस धन के लालच ने हमें चोर और हत्यारा बना दिया, वरना हम भी सुखी जीवन जीते... अब मैं चोरी नहीं करूँगा । रुक जाओ ! यह धन कोई नहीं उठायेगा। क्या बात हो गई सरदार। ऊपर वाले जादू दिया आप पर! प्रभव ने मुनि बनने का अपना निश्चय बताया तो सभी ने कहा सरदार, हम भी आपका साथ देंगे। जिस रास्ते आप चलोगे उसी रास्ते हम भी चलेंगे.... 20 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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