Book Title: Yuvayogi Jambukumar Diwakar Chitrakatha 015
Author(s): Rajendramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 24
________________ युवायोगी जम्बूकुमार ...किन्तु वह डाल चूक गया। और द्रह में जा गिरा। यह देखकर बन्दरिया ने भी छलाँग लगाई। Jain Education International द्रह के दिव्य जल के प्रभाव से बन्दर एक सुन्दर युवक बन गया। E और वह भी सोलह वर्ष की सुन्दरी बन गई। द्रह से बाहर निकलकर युवक (बन्दर) नेअपनी पत्नी (बन्दरिया) से कहा यह द्रह कितना चमत्कारी है, कि डुबकी लगाते ही हम बन्दर से सुन्दर मानव बन गये। अब. अगर एक डुबकी और लगायें तो मानव से देव भी बन जायेंगे। 22 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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