Book Title: Yuvayogi Jambukumar Diwakar Chitrakatha 015
Author(s): Rajendramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 6
________________ युवायोगी जम्बूकुमार कुछ समय बाद उसे एक हरा-भरा बड़े-बड़े फलों वाला जम्बू वृक्ष स्वप्न में दिखाई दिया। वृक्ष आकाश से नीचे उतर कर धारिणी के मुख में प्रवेश कर गया। सुन्दर विचित्र स्वप्न देखकर धारिणी जाग उठी। प्रातःकाल होते ही सेठानी ने सेठ को अपने स्वप्न सुनाये। स्वामी, ऐसा सफेद सिंह मैंने जीवन में पहली बार देखा है, और दूसरे स्वप्न में हरा-भरा बड़े-बड़े पीले फलों वाला विशाल जम्बू वृक्ष । सचमुच ही विलक्षण था। PURYE Jain Education International जसमित्र की भविष्यवाणी सत्य हो रही है। सेठ ने जसमित्र को बुलाया। स्वप्न सुनकर जसमित्र ने कहा भाभी ! आपका पुत्र सिंह के समान पराक्रमी होगा। साथ ही जम्बू वृक्ष तरह अपने युग का कोई अद्वितीय पुरुष होगा। समग्र जम्बूद्वीप में उसके यश का विस्तार फैलेगा। For Private & Personal Use Only 00000 www.jainelibrary.org

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