Book Title: Yashojivan Pravachanmala
Author(s): Pradyumnasuri
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 60
________________ २. ॥ ६० ॥ श्री स्वस्ति श्रीपार्श्वपरमेश्वरं प्रणम्य श्रीमती तत्र श्रीबजाणा शुभथाने पूज्याराध्य सकलपंडितशिरोमणी पं. श्री ६ जसबिजयग। श्री दसाडा थकी ल. भाई पद्मविजय म वंदना १०८ वार वांचजोऽत्र सुखं तत्राप्यस्तुऽपरं तमारो समाचार मेता दयाशंकरना मुखथी जाण्या । पं अमृतविजेना शिष्य मु. कल्याण फागण वद १४ अडिसरथी राते नीसर्या दग झ निमयें पलासुए थईनें श्री सिद्धाचल संघ भेगा थया तेमां एक चलोटों ने एक कपडां वराण बीजुं कनें कांई नथी ते जाणजो. बाकी १ मुं. कृष्ण छे अने पोताने पण डीले अर्ध अंग झलाणुं छे जिमणो अंग अकज्ज छे ते जाणजो. कामकाज लखजो हेत सनेह राखजो दिक्षा अवसरे आवी पूगजो चेला बादरवोरा बेचरदासनी वंदणा वांचजो. तत्र साधुने वंदणा केवी. वलता पत्र लखवा. मिती चैत्र प्रेमपत्र देवाजी (जोडणी मूळ प्रमाणे राखी छे) पुज्याराध्य सकलपंडित शिरोमणी प. श्री जसविजय.... (पं. पद्मविनो पत्र १ उभुं चीरीयुं कोबा. श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानभंडार नं. ३८३२९) 3. धत्ते न्याययशा यशोविजयतां श्रीवाचको नामनि साहाय्याद् बुधऋद्धिनामविमलः संवेगमार्गस्थितः । तच्छिष्यो गुरुकीर्तिकीर्तिविमलो बुद्धो गुरुस्तच्छिशुः सूरि : श्रीविबुधाभिधानविमलो ग्रन्थं व्यधत्ताममुम् ॥ ७६ ॥ सम्यक्त्वपरीक्षा xxx तेहना गुरु श्री ऋद्धिविमलगणि महापुरुष महातपस्वी संवेगी थया. ते संवत् १७१०ना वर्षे गुजरातमध्ये धाणधारमध्ये श्रीपालणपुरने पासे गोलाग्राम मध्ये श्रीमहावीरस्वामीनी सानिध्ये क्रियाउद्धार कर्यो. तेहकाले श्रीयशोविजयउपाध्याय काशीमहि न्यायशास्त्र भणीने इहां पधार्या छे तेह संवेगीपक्षी बहुश्रुत विचरता हता तेनी साहाय्ये श्रीऋद्धिविमलगणी क्रिया पालता हवा xxxx पत्र ४४८. सम्यक्त्वपरीक्षा बालावबोध. ला.द.वि.मं.नं. २३९४६ कर्ता : विबुधविमलजी. रचना सं. १८१३. गीतार्थी ग्रन्थकर्ता विजयपदपरः श्रीयशोवाचकेशी. यः सत्संविग्नपक्षीति बिरुद विविधस्तर्कसंपर्कबुद्धिः । न्यायाचार्यस्तु काश्यां द्विजकृतमहिमो लब्धविद्याप्रतिष्ठस्तत्साहाय्यप्रदानान्मुदितजनमदोऽभून्मुनिसिंहशूरः ॥ Jain Education International उपदेशशतक प्रशस्ति. भरा : हीक्षा : "धन सुहगुरु मेरो ही ज्जिया जे" For Private & Personal Use Only ४३ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154