Book Title: Vruddhi Ratnamala
Author(s): Vruddhiratnamuni
Publisher: Keshrisinhji Saheb

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (५) बावन जिनालो चैत्य हेलो॥ बारे सो बारो तरे प्रजू थाप्या नयोउयोत हेलो॥ पार्श्वगा॥संघवी सेठीये चोलेसा जस लीनो जगत में जोय हेलो ॥ वारे सो पावन जला बिंब तोरणसुधा जोय देखो॥पार्श्वगा॥ गुरु गौतम ने नितनमुं मारे सद गुरु सदा सहाय हलो ॥ शासणरीसानिधी करे सदा नैरव चक्रेश्वरी माय हेलो ॥ पार्श्व ॥6॥ ॥ ढाल चौथी॥ ॥ श्राज गई थी समोवसरण में ॥ एदेशी ॥ ___यात्रा निनाएं किनी जुगतसुं उसट नाव मन श्रांणीरे ॥ बहजार उपर क्यासी जिनबिंब सगला जोईरे ॥ जात्रा ॥१॥ रंग मंमपरलियामणो रचियो उणमें नाटक वणियोरे॥ काचकाम सोनेहरी सांचो जाणे मिनोज मियोरे॥ जात्रा॥२॥अगाई महोत्सव किनो उमंगसु धवल मंगल वरतायारे ॥ सत्तरजेद पूजा जणीसुंदर शाली जाण नृप धायारे॥ जात्रा॥३॥ फागुण वदि दशमी सिझियोगे श्वस्तिक मंगल की नोरे॥अष्टव्य से पुजन करके नरनवलावोलिनोरे॥ जात्रा ॥ ४ ॥ सातश्राविका रूपकुंवरसंग यात्रा For Private and Personal Use Only

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