Book Title: Vruddhi Ratnamala
Author(s): Vruddhiratnamuni
Publisher: Keshrisinhji Saheb

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करिहर खारे। चांदमल उदार चित्तसुं नक्तिकर दिखलारे ॥ जात्रा॥५॥ आणंद हर्ष वधाई अनोपम फूल फले अब जोरे ॥ ज्ञान गुरु की नक्ति करतांमन इच्छा फल होरे॥ जात्रा॥६॥ खतरगच्छ नट्टारक सुखकर श्रीजिन मुक्ति सृरिंदारे । तत्रट्टे जिनचं सूरिश्वर गजित जाणे दीणंदारे ॥जात्रा ॥७॥ नमसूरिशाखा अति उत्तम सत्य विनयसुखकारीरे । अगरचंद गुरु के चरणांकी नक्ति न्हदयं में धरोरे जात्रा० ॥॥ वृद्धिचंद प्रजू गुण गाया यात्रा करी हरखायारे ॥ परमपुरुष परमेश्वर पुजो श्रीजिनराजवतायारे ॥ जात्रा० ॥ए ।सयनगणीसे वासठ वरसे चैत्र कृष्ण पक्ष मांहिरे॥ दशनी दिन जिनराजकृपासु अनुपम दोलत पारे ॥ जात्रा निनाणुं करी जुगतसं उलट नाव मन आणीरे ॥ इति चौढालियो संपूर्णम् ॥ ॥श्री लोद्रवपुर श्रीचिंतामणी पार्श्व जिन स्तवन लिख्यते ॥ ॥ देशी काछबेरेगीतरी॥ चालोसहियां लुभवपुररी जात पार्श्व पुज For Private and Personal Use Only

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