Book Title: Vruddhi Ratnamala
Author(s): Vruddhiratnamuni
Publisher: Keshrisinhji Saheb

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (८) सानिधीकरे संकट टसेरे ॥ महाराराज ॥११॥ दादासाहब श्रीजिनदत्त सूरिंद॥पार्श्वा कुशक्षकरण कुशलेसरु । गूरु मुरतीरे ॥ महाराराज ॥ १२ ॥ प्रन् जीरी महिमा वरणीनजाय॥ पार्श्व० ॥ कलहलते जे जलहले जिनराजजीरे। महाराराज ॥ १३ ॥ नृप जेसाणे रावल श्री गजसिंह ॥ पार्श्व॥ हीरोइनकी चमावियो फल पावियोरे महाराराज ॥ १४॥ वामसुत श्री चिंतामणि महाराराज॥ पार्श्व०॥ वृद्धिचंद करी विनती सुणली जियेरे ॥ महाराराज ॥ १५ ॥ जगणीसे पंचावन शुनमास ॥ पार्श्व० ॥ नावसुदि दशमी दिने देवीकोटमेरे ॥ महाराराज ॥ १६ ॥ इति पदं सम्पूर्णम् ॥ ॥श्रीवरमसर पार्श्वनाथजीरी लावणी लिख्यते ।। पाश्वप्रनू पुजो सुखदाई ॥अशुन कर्म हटजाय पलक में प्रजूजी वरदाई ॥ पार्श्व ॥१॥ बाणारसी नगरी में जनम लियो । तव देवंगना थाई। जनम महोत्सव कुबरी करके अति आणंद पाई ॥ पार्श्वः।। ॥२॥ ईशादिक सहु देव मिलीने मेरू गिरजाई॥ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52