Book Title: Vruddhi Ratnamala
Author(s): Vruddhiratnamuni
Publisher: Keshrisinhji Saheb
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(१५) शिवपुर का ॥अब मोहेमर हेरे उसदिनका तजदे नरम सब मनका ॥ ४ ॥ इति सम्पूर्णम् ॥
॥ देशी गोपीचंदरे ख्यालरी ॥
॥ श्राजतो सहरमें सहीयांहर्ष वधावो ॥ नेम कुंवर अब आसीहेलो॥आज तो० ॥ समुप विजय शिवा देवीको नंदन यादव कुल अजु वालो हेलो ॥ आजतो.॥१॥ नेमकुंवर अब तोरण आया पशुवांकी सुणीहे पुकार हेलो ॥ आजतो० ॥२॥ जीवनकी जब दया जोआंणी । ओसंसार असारहे लो॥ जतो०॥३॥ तुर्ततज्या सब तनका आनुषण चमगया गढगिर नारीहेलो ॥आजतो० ॥४॥राजुल कहे जननीयोग धरीने प्रितम पासे मेंजासुहेलो ॥ आजतो०॥५॥ मात पिता जब आग्याापी चमगई गढ गिर नारीहेलो॥ आजतो. ॥६॥ नेम राजुल दोनोमुक्ति सिधाये पहलीराजुल नारीहेलो॥ श्राज तो०॥॥ नर नारी प्रनु नित प्रतिध्यावे वृद्धिचंद गुण गावेहेलो ॥ आजतो० ॥ ७॥ नगणी से पेतालीस वरसे । ज्ञानपंचमी गुरु वारहेलो ॥ आज तो सहर
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