Book Title: Vruddhi Ratnamala
Author(s): Vruddhiratnamuni
Publisher: Keshrisinhji Saheb

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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ४५ ) अथ शिखरजी की यात्राकोस्तवन देश | विकेगीतकी | चाल साजनगुमी जमाव - तारेविंका देतालवी मोर ॥ लंबी मोर० ॥ श्री रेजिनेश्वर भेटताजी, मारेमनमेरी पूरे यश ॥ मनमे० ॥ प्रतक्षपरचापार्श्वकाजी, ध्यावोपूर्णज्योतिप्रकाश || पूर्ण० ॥ १ ॥ अस्पतजेशल मेरकाजी, मोटापा से प्रमाण || पटवा० ॥ सुजसवढायोचांदनेजी, दाता प्रगट्या कुल पुन्यवान || प्रगट्या० ॥ २ ॥ लक्ष्मी रे प्रगटीपांव मेंजी, करीमुलकां मुलकदूकान || मुलका० ॥ मालवदिशरतलाममेजी, चावासेवता निजस्थान || सेठ० ॥ ३ ॥ धर्मधुरंधर जामणीजी, खुदप्राणंदकुंवरउत्साह || द० ॥ शुभ दिनकरणीयात्राजी, जलउपज्यामनमेंजाव ॥ उपज्या० ॥ उगणी से मसव सोजांजी, सुदीएकादशसजसंग || एका० ॥ कोटेहो कलकत्तेगयाजी, चित्तनजमणात उमंग ॥ उजम० || ५ || पावापुरी फिर सिद्धकरथाजी, किनीया त्रासद निर्वाण | यात्रा० ॥ मंदिर विहारजुहारियाजी, क्षत्री कुंमकी यात्रा सुजाण ॥ कुं० ॥ ६ ॥ कुंमलपुर For Private and Personal Use Only

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