Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 383
________________ 296 Vasudevahindi : Majjhima-khanda 107.4 कय-पुर Emend as अकय-पुष' 107.7 कु-लट्रिया =Sk. कुलस्थिता and कु-यष्टिका 107.18 महरिय (?), दाओ(?) इव। emend as सहियाओ, लदाओ इव 108.2 सभाव-साम(? संमा)लिय- It is also possible that alh is a मज्झदेसाओ corruption of खाम i.e. Sk. क्षाम. 108.16 -तन्मणु (?)जयासु Emend as भक्खणुज्जयासु 109.7 दप्पण (2) Emend as दप्पण (? दिपए) 109.20 अणुज्वहंते (ता) अणुबुह ते 110.4 -सारिए Emend as सोरिपुरोध 112.3 भयलाइ (?) Emend as 012731gas 112.9 आसमपदं तेणं (2) Emend as आसमपदंतेण 112.18 चतुरे। चतुरेरा (?) 113.2 संणिवा(?णा)द संणिवाद (=Sk, सन्निपात). The emen dation is unncessary 114.10-11 अवतिण्णो-तिष्ण (?) विग्गह। Emend as अवतिष्णो तिष्ण(१अणह) विगहे। 114.15 बसे (?) अणह [-णिग्गहे।] Emend as जं सि अणही-विग्गहे!] 115.10 का संभणे मे । Emend as कास भण(? मणे) मे 11523 णागदेवद-वभिदा (?) Emend as मादेवद-गभिदे। (i.e.-गहिदे।) 11811 -णिधवण(१) Emend as• णिधुवण119.3 अतरुहिंदे। = Sk. अन्तर्हित 121.4 विडविताणण May by विजाभताणण122.15 भलंत -खलंत(=Sk. स्खलत) 122.16 पदारो -Sk.प्रचारः 122.17 पहरिदं जणं May be पहरिदु जणस्स 123.4 मो 124.3 महणेव......करभा Emend as गहण-वणविणठ-पेरंतं पणठ णीसह-करमा 124.12-13 तीयोवणोदसामिवेया(१) तीयोवणीदसामिया(=Sk. तया उपनीत-साभिधेयो, 124.14 अवसरिदूण उडु[व]-विलग] =We who were in the vicinity of इध पत्ता । the hut moved away. 125.2 वरुग(?) वरंग125.16 वरण्हे =Sk.अपराहने 126.3 जधाण--बेध(१) Emend as णणु इध 126.18 अभिणवजादा (?) म(?मा)दा Emend as अभिणव-जादाए से मादा मया मया य । मे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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