Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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Vasudevahirnds : Majhima-khanda
-कुसिमिदपरिसडिदपगलितंमुसवुत्ता
-कुसुमिदपरिपडिदपगलितंसुसंयुत्ता
सीमाणगपि ह वच्छ भकमा. णिग्ध टेउ
सीमणगपिहबच्छ अंकमा. जिग्घोडे
156.12 156.14 158.5 158.5 158.17 158.27 159.7 1602 1603 160.14 164.24 164.25 167 23 16726 169.20 170.22 170.26 1715 171.23 17215 176.1 176.7 176.23 176.24 176.25 178.12 179.8 1799 180.4 1809 18023 180.30 181.3 181.9
पय नामो -गुणाहिएण -रसतरा दिदठा अतदिठया रोस-वियपाविहिसी अजुज्झामाणस्स भक्खितो पयाओ(१) कलकला-रओ बुल्ल...[जो] पुरी ! मो। कण भशारा ठाहिई
एय नाम - गुणाहिएण -रसंतर' दिट्ठो
अंतद्धिया रोस-रावियपाविहिसि अजुज्झमाणस्स उक्खिसो फ्याओ(१) । कलकल-राओ चुल्लसोणे [जो] पुरि पविण्ठा मो। कारण भशारो ठाहिद
सासु कोसलापुरिजहा-कम्मे हिं सण्णद्धा पट्टय -अमडियासु
कोसलापुरिजहा कम्मेहिं सम्णद्धो पारि -जालट्रियासु
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