Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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Corrections
331
अत्तिया
अशीया राज(०)। सोम-जुरो वरेहिई......देहिई ।
सरी
भोम-जुरी बरेहिह......देहिई। सत्तं अइकमिड पा(प)गास, परिदू(?)रे तहिं सहसा आ. य, तस्स
तेहि
पच्चाईय
18131 18223 183.3 1835 183.8 183.10 185.3 1854 18512 189.7 1903 190.11 191.9 192.11 193.1 1934-6 193.18 194.6 194.7 194.18 194.20-21 196.3 198.12 199.2 199.13 199 16 2009 201.11 202.14 203.7 20325 205.6 207.11
अई कमिउ पा(प)गास । परिदू(स)रे । तहिं सहा-आ० य तस्स तेसि पवयकि -दोला-रुदा, -घर(समा०......मड) सपुष्णाण तुद अकल्लएण चडादव-विसविमुहिदा -तातय सुदाए भणीय
-दोलारूदा, -घरसमा.......मडव सपुण्णाण
तुह
पुस्छमाणस्य सुहिणो
अकल्लएण। चदादव-विस-बिमोहिदा -तालय-सुदाए भणिय पुच्छमाणस्स मुहिणोसरिसवाणु अणिमाणि णिकहासिसमारूढो नह सो सर-तीरं
सस्सिवाणु आमच्छमाणि निकालासिশাৰী
सर-तीर
सा
गाम
गोमवं
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