Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 409
________________ Appendix-IV Page, Line 2.1 2.6 2.7 2.14 4.4 4.15 5.23 6.7 6.10 Corrections Printed text णिहस उन्वित(?) तंमणोभि"बुद्धि मंगल. णिहित्ता घरोदर-गता Correction णिसह उन्वि(१)मणोमि -बुद्धि-मंगलणिहिता घरोदर-गतं द्रिष्णा 6.16 6.20 6.20 7.1 7.4 7.12 7.14 8.4 8.4 8.5 8.22 9.2 9.8 9.10 9.12 9.15 9.19 9.20 दिण्णं अन्नं अवर-जुतस्स -हसतवाण •वय-बेरय ओभासित चक्खु-दसण पिया उ१४(१जु) असिंग-कण्ठय -गुणितचदम डलकत-सन्निभ-पत्ता परिप्पयंत अन्नो अवरजुतस्स (१) हसतवारण -वय(?). -वेस्य (?) ओभामित चक्खु-दसण पिया-उ१४ जु). अजसिंग-कंठय -गुलितचंदमंडल-कंत-सन्निभ-प(व)त्ता परिप्पवंत सि णीलासा सुदुक्कार-सुद्ध-मत. पर' णीलजसा सुदुक्कार(?)-मुद्ध-मतः वर(१) -छवि -पइणातिगवरेण(? -पदणातिगवरेण ૨૨ 9.20 लोषहा •लोवहा. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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