Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 404
________________ रोल 130.7 (DN 7.15) केालाहल रोहविय 182.6 रोपित लज्जालुय 41.21 लज्जालु लड 100.22, 188.24 (DN 7.26) मनेाज्ञ लंभ 17.23 (in कन्न - लंभा) लाभ, प्राप्ति लंभत ( = लंभय) 2.24 लम्भक लीहा 32.1 लेखा, रेखा बदेस 241.16 वैदेशिक Important Words वय 36.18 व्रज, गो-कुल वरई 44.4 वराकी वरालिय 12.18 : वग्गणा 42. 19 (वल्गना ) ' sound'. वट्टमाणी 15.6, सरीर - वट्टमाणी 216.12, सरीर - कुसल - वहमाणी 15.12 वर्तमान ' news '. वत्थिद 4.4 अवस्थित बद्दल 68.7 (DN. 7.35 ) मेघ ( Guj. वादळ ) वधा 60.8 हत्या वलंबमाणी 38.12 अवलम्बमाना ववव् 59.7 व्यवस्थापय, आश्वासय वसिम 238.22 वसति - स्थान 100.23 (in विज्जा - लंभ ) 100.22 (in पिया-लंभ) वंदुरा 250.23 (मन्दुरा) अश्वशाला वाइग 249.70; वाइय 4.15, 16 वाचिक 'oral message'. वाग 9.19, 268.9 (वल्क) त्वचा वारेज्ज 81.21 (DN. 7.55) विवाह वाव 45.10 वाव Jain Education International 317 वाहर 79.11 'to call'. वाहर - सद्दो 36.26 आमन्त्रण - शब्द 'call'. विकोविद 229.18 विकासित ( cf. PSM विकोअ, विकोवण = विकास, विस्तार) विक्खाल 74.14 विक्षालय विगार 21.1; 29.19 विकार विग्गअ 78.3 व्यग्र विच्छहत 24.26 आच्छादित विच्छित 10.19 ? [DN. 7.91 gives पाटित, विचित and विरल as the meanings, none of which is applicable here.) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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