Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 393
________________ 366 Vasudevahindi : Majjhima-khanda अंतरूहिद 119.3 अन्तहित अंतेउर-घरिसि(१स)अ 65 22 अन्तःपुर-धर्षक आकारी 260.2 उत्कृष्टा कतिधारी आ केकर 5.2 (स.) 'squinting slightly आगमिय 179.26, 180 9 आगमित, ज्ञात आगल् 152.7 (आकल) 'to tackle' आभदठ 28.9; 242.6 आभाषित, उक्त आभास् 32.25; 214.9 आ+भाष , वच आभिरामुअ 183.6 अभिरामक 'jester'. आय-बल 64.19 आत्म बल आयलय 194.12 (काम जन्य) व्याकुलता आरदो 217.5; 219.6 आरतस् , अर्वाक आवस्मय 20.5 आधार, आश्रय आलस्सालुअ 223.11 अलस (on the analogy of दयालुअ) आलिद्ध 8.9 आलीढ, आश्लिष्ट. आलोयणग 24.10 गवाक्षादि-प्रकाश-स्थान. cf आलोय in Ayāramga (PSM). आहिवञ्चिज्ज 256.26 आधिपत्यवत् , अधिपति इहरह 198 11, इहरहा 62 2 इतरथा उकाट्ट 42.19, उक्किट्टि 30.21 (उत्कृष्ट) हर्षवनि उकूव 61.16 उरकूज्; उकृविद 242 14 उस्कूजित, पूक्कत उक्खिण्ण 186.15 अवकीर्ण (DN. 1.130) उक्लेवय 210.3 वासोत्क्षेप उन[] 51.5 निर्जन (DN. 1.96) उज्जाणिया 19.21-22 उद्यानयात्रा (cf. Guj. उजाणी) उम्मेणग 274.19 उज्जयिनीसम्बन्धिन् उड 43 ? उहुवि] 124.14 उबुप उड 27.:3 पादिखनक (DN. 1.85) उत्तारि (in उत्तारि-कुसुम) 43.21 ! उत्थरित 42.19 आक्रमण उस्थंभिम 80 22 अक्टम्भित उदिवस 20.7; 49.10 प्रतीक्ष (cf. DN. 6.144 उदिक्खि अवलोकित). Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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