Book Title: Vasudevahimdi Madhyama Khanda Part 1
Author(s): Dharmdas Gani, H C Bhayani, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 395
________________ 308 Vasudevahindi : Majjhima-khanda एगयओ 102.14 (एकतस्) एकदा एगसरत 185.11 शीघ्र (cf AH. p. 367 b. एकसरासहैव) एगेयर 59.9 (एकेतग्म) अन्योन्यम् ए, एव (compounded) = इयत् , एतावत् as in एदीह 76.19, रञ्चिर 58.2 एस्सुहुम 204.8, एबच्चिर 123.26 एवति, 54.22 10 26, एवदि 127, एवइय 164.14, 15 इयत्, एतावत् ओइण 196.13 अववि अगुंडित 68.2. अंगून 13.7 उपग्रह ओभाम् (=ओहाम् ) 7.4,8.18 9.19 154.15; 220.11 तिरस्कृत् भोयत्तिय 46.0 उपवर्तित 'brought near'. भोलग्गा 29.3, 4 सेवा भोलब 60.11, 14 अव+लम्बू 'halt' ओवित 7.2 परिकर्मित cf. ओग्गा, DN. 1.148 ओहोण 238.20 अवहीन ओहुद3 43.20 अवघाट) लिला. cf. DN. 1.196 ओहरितचन्दन-घर्षण-शिला. ककुंदर 22.4 (Sk.) कच्छमी 26.2 (काछपी) आभूषण-विशेष कटपूदणा 136.11-12 कटपूतना कर्डव 181.४ वाद्य-विशेष कणई 31.19.21.22 लता. cf. Sk. कनीनि, कणीचि. कनियार 8.16 कर्णिकार कण्णालिय 136.19 (कन्यालीक) कन्या-कौलीन-दोष कण्णाहाण 247.9 (कर्णाभाणक) कपिपर्ण-वार्ता कदो 124.17 कुतः कधिगा 225.19 (कथिका) लघु-कथा कम्मावि(ति 255.28 'treated as a servant' (from कम्मार 'servant'). कराल 3.113; 6.14; 24.5 'magnificent, imposing'. कठय 8.4 सूकर [DN. 2.51). काय 62.15, 72.10 कन्दुक कंबर 31 23 (DN. 2.13 कबर-विज्ञान does not fit here]. कानिजल 38.16 कपिजल कारुन्नवित 0.9 कारुण्य प्रेरित कालेयक 20.18 (Sk.) कावडिय 39.6 [कापटिक) 'fraudulent'. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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