Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir औ०१९ सूर्य०२३ रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२/ GANESEARCLERSAXERE अट्ठ सय उगुणवीसा अट्ठसहस्सा तिम्नि उ अट्ठावीसं कालोदहिम्मि अट्ठावीसं कालोदहिम्मि अट्ठावीसं कालोदाहमि अट्ठासीइ चत्ताई अट्ठासीइ चत्ताई अट्ठासीई च गहा अट्ठासीर्ति च गहा अट्ठासीर्ति च गहा अट्ठासीयं च महा अट्टिय कढिणे सिरहारु अट्टत्तरं च तीसं अट्टव जोयणाई अट्ठव सतसहस्सा अट्ठव सतसहस्सा अट्टेव सतसहस्सा | अट्टेव सयसहस्सा अणसणपाउवगमणं २७-१५१७ २७-४५३ | अट्रेव सयसहस्सा २७-१०९९ अणसणपाओवगमं २७-२२५ जं० २५ अट्टेव सयसहस्सा २७-१०४२ अणसणमूणोयरिया २७-१३६२ |नि० २६ २७-१०४५ अडयाल सयसहस्सा २१-४१ अणंतरगयाहारे २२-२२४ प्रकी०२७ २४-४३ अडयाल सयसहस्सा अणंतरागया नेर० अंत० २२-२५८सू० अडयाल सयसहस्सा २४-५२ अणिआहिवाण पञ्चस्थि० २७-१०५४ | अडयालीसं भाए २५-१२४ ।। अणुत्तरसु नरपसु २७-२५६ अडयालीसं भागा २७-१०१५ | अणुबद्धरोसबुग्गह २७-१२९९ २१-८४ अडयालीसं लक्खा २७-१०५१ अणुराहा रेवई चेव २७-८७६ अडसीह सयसहस्सा अणुलोमपूअणाए २७-६६० २७-१०८५ अणगार० भावि० मारणं०२२-१९६सू० अणुसुयइ सुयंतीए २७-४६६ २७-५५८ अणगार० लोग० फुसित्ता २२-३४७सू० अणुसोअर अण्णजणं २७-१८२४ २२-१३५ अणगारे० भावि अप्पा १९-४२सू० अण्णउत्थिया० दो किरि० २१-१०५सू० २७-९६५ अण मिगहियकुदिट्टी २२-१३० अतिसीतं अतिउण्हं २१-२३ २४-३६ अणभिग्गहिया भासा २२-१९७ अतुलसुहसागरगया १९-३० २४-४८ अणवट्ठतिगं पारतिगं २७-१३२४ अत्थमणे संझागय २७-८६२ अणवग्निय पणवन्निय २२-१५२ | अस्थिणं देवाणं सुक्कपोग्गला २२-३२७सून ANAANXX For Private and Personal Use Only

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