Book Title: Udayan Vasavdatta Author(s): Jain Education Board Publisher: Jain Education Board View full book textPage 5
________________ उदयन और वासवदत्ता भारत के प्राचीन वम्जि गणतंत्र की राजधानी थी वैशाली। वदत्ता वैशाली नरेश चेटक के सात पुत्रियाँ थीं। तीसरी पुत्री मृगावती का विवाह कौशाम्बी पति शसानीक के साथ हुआ। रानी मृगावती उस युग की परम सुन्दरी मानी जाती थी। पाँचवी पुत्री शिवादेवी अवन्ती के राजा चण्डप्रद्योत की रानी थी। एक दिन चण्डप्रद्योत की सभा में एक चित्रकार आया। उसने एक कलाकृति चण्डप्रद्योत को भेंट दी। वाह ! क्या अद्भुत चित्र है। चित्रकार तुम्हारी कल्पना का जबाव नहीं। महाराज, यह कल्पना नहीं सच है क्या ऐसी अपूर्व सुन्दटी) धरती पर है? कौन है यह सुन्दरी? कहाँ की शोभा है? अवश्य महाराज। कौशाम्बीपति शतानीक की रानी मृगावती का | है यह चित्र। ओह ! मृगावती ! उसके अद्भुत लावण्य की चर्चा सुनी तो हमने भी है, पर विश्वास नहीं हुआ।Page Navigation
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