Book Title: Udayan Vasavdatta
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 19
________________ उदयन और वासवदत्ता दूसरे दिन रहस्यमंत्री ने शिल्पकारों को शिल्पकारों ने दिन-रात लगकर एक अद्भुत यंत्र-कुंजर तैयार किया। कार्य पूर्ण होने बुलाकर अपनी योजना समझाई के बाद रहस्य मंत्री चण्डप्रद्योत को कार्यशाला में लेकर आया। तभी एक झूमता हमें काष्ठ का एक हुआ श्वेत हस्ती राजा के सामने आकर खड़ा हुआ। चण्डप्रद्योत चौंक गया। श्वेत यंत्र कुंजर हाथी हैं ! यह क्या? श्वेत बनाना है। हस्ती हमारे राज्य में? मंत्री हँसामहाराज ! यह हाथी असली नहीं, काष्ठ का है। पूरा यंत्रों से चलित है। इसके भीतर बैठे यांत्रिक के इशारों से यह मनचाही दिशा में मुड़ जाता है, उछलता है, झूमता है, चिंघाड़ता है और देखिए? जैसे ही मंत्री ने ताली बजाई। हाथी के पेट में से सैनिक निकलने लगे। UPiyRAN LAR Nuwan चण्डप्रद्योत आश्चर्यचकित रह गया।

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