Book Title: Udayan Vasavdatta
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 22
________________ उदयन और वासवदत्ता उदयन ने वसन्तक से वीणा लेकर स्वर छेडे। HTRA चिंघाड POOOS SHREGNANAMASSAYE ANEM हाथी ने उदयन को आते देखा तो जोर से चिंघाड़ा और विपरीत दिशा की ओर दौड़ा। उदयन हाथी के पीछे बढ़ता गया। हाथी घने जंगलों में घुसता गया। उदयन ने फिर छुपकर वीणा बजाई तो हाथी थम गया वसन्तक ! लगता है हाथी पर वीणा के स्वरों याक का प्रभाव हो गया। चलो नजदीक चलकर देखें। जसे ही उदयन हाथी के नजदीक पहुँचा। हाथी का पेट खुल गया और धड़धड़ाते हुए सशस्त्र सैनिक निकलने लगे। हैं, यह क्या? हाथी । तो काष्ठ का है। इतना बड़ा धोखा, महाछल ! 10

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