Book Title: Udayan Vasavdatta
Author(s): Jain Education Board
Publisher: Jain Education Board

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Page 7
________________ उदयन और वासवदत्ता फटे कपड़े, घायल हालत में दूत अवन्ती की राजसभा में वापस पहुंचा और चण्डप्रद्योत को पूरी घटना सुना दी। उन कायरों की इतनी हिम्मत। मेरे दूत की पिटाई कर दी। चण्डप्रद्योत की सेना ने कौशाम्बी को चारों ओर से घेर लिया। भयंकर युद्ध हुआ। चण्डप्रद्योत ने सेनापति को आदेश दिया गलसेनापति कौशाम्बी पर आक्रमण की तैयारी करो। MAINTENALIANT महा राजा शतानीक सहित हजारों योद्धा वीरगति को प्राप्त हो गये। कौशाम्बी के मंत्रियों, सेनापतियों ने मिलकर निश्चय किया- मंत्रीवर ! देश की रक्षा राज्य के गौरव की रक्षा के लिए हम आखिरी दम के लिए आपका निर्णय तक लड़ते रहेंगे। वीरोचित है, परन्तु प्राण देकर भी यदि हम अपनी रक्षा नहीं कर सके तो? इस प्रश्न पर सभी मौन रहे और महारानी की तरफ देखने लगे।

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