Book Title: Tattvarthadhigam Sutra
Author(s): Labhsagar Gani
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 5
________________ शुद्धि पत्रक पंक्ति -- अशुद्ध घट शुद्ध दशन दर्शन र्शन दर्शन इहादि ईहादि पर्याय पर्याय: नवाष्ट नवाष्टा शमक शमिक लिग लिंग द्विविधो द्विविधोऽ सदेह संदेह पूण पूर्ण धर्मा घर्मा घटे नदन नंदन एशान ऐशान शका शंका प्रशसा प्रशंसा बंध ध्रौव्य सुवास लुबास तर्जना - तदर्जना ऊध्वधि ऊध्वधि सथाग संथारा जीविताशसा जीविताशंसा सुम्व बधाते बंधाते दवेद ते काय तेउकाय बाह्य वृत्य वन्ध बन्ध में हैं में जन्मा हुआ हैं तीर्थकर तीर्थकरी बध धौध्य सुख वेद वाह्य वृत्त्य

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