Book Title: Tattvartha Sutra Author(s): Puja Prakash Chhabda Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur View full book textPage 9
________________ 15 16-17 18-19 20 21-22 22 23 24 25 26-29 30 31-32 33 1-2 3 4 5 6 7 Jain Education International मतिज्ञान के भेद पदार्थों के 12 भेद मतिज्ञान का विषय व 336 भेद ज्ञान की उत्पत्ति का क्रम श्रुतज्ञान के भेद अवधिज्ञान के भेद गुणप्रत्यय अवधिज्ञान के भेद अन्य प्रकार से अवधिज्ञान के भेद मन:पर्ययज्ञान के भेद ऋजुमति-विपुलमति मन:पर्ययज्ञान में अंतर अवधिज्ञान - मन:पर्ययज्ञान में अंतर 5 ज्ञानों का विषय एक जीव के एक साथ कितने ज्ञान हो सकते हैं मिथ्याज्ञान (कुज्ञान) के भेद य द्वितीय अध्याय द्वितीय अध्याय विषयजीव के असाधारण भाव कर्म की प्रकृतियाँ औपशमिक भाव के भेद क्षायिक भाव के भेद क्षायोपशमिक भाव के भेद क्षयोपशम का स्वरूप औदयिक भाव के भेद पारिणामिक भाव के भेद. सम्यक्त्व आदि गुणों में सम्भावित भाव -वस्तु For Personal & Private Use Only 11 11 22 12 13 13 14 14 व 14 15 15 16 17 18 19 20 21 22 23 23 24 24 25 25 26 www.jainelibrary.orgPage Navigation
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