Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Puja Prakash Chhabda
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ 26 27 8-9 27 27 | 28 29 20 20 31 लक्षणाभास के भेद लक्षण के भेद उपयोग के भेद उपयोग (अध्यात्म भाषा से 3 प्रकार का) | 10-11 | जीव के भेद । 12-14, | संसारी जीवों के भेद 22-23 पाँच स्थावरों के प्रत्येक के 4-4 भेद | 15 पाँच इन्द्रियाँ 16-18 । इन्द्रिय के भेद 19-21 इन्द्रियों और मन के विषय व आकार 24 संज्ञा शब्द के अनेक अर्थ | 25,29-30 विग्रहगति 26-28 | अनुश्रेणि गति | 31,33-35 जन्म के भेद किन जीवों के नियम से कौन-सा जन्म होता है कर्मभूमिया पंचेन्द्रिय असैनी व सैनी तिर्यंच के जन्म योनि के भेद किस योनि में कौन जीव जन्म लेता है? 84 लाख योनियाँ | 39,45-46, शरीर के भेद 40-42 | तैजस और कार्मण शरीर की विशेषता | 43 . | एक साथ एक जीव के कितने शरीर होते हैं कार्मण शरीर उपभोग रहित होता है वैक्रियिक शरीर के प्रकार 33 34 34 32 35 35 36 37 38 38 44. 39 47 39 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 258