Book Title: Sramana 1992 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 45
________________ शिव प्रसाद वि.सं. 1509 वि.सं. 1509 वि.सं. 1510 वैशाख सुदि 3 शनिवार पौष वदि 5 रविवार ज्येष्ठ सुदि 3 गुरुवार बी.जै.ले.सं., जै.धा.प्र.ले.सं., प्र.ले.सं., लेखांक लेखांक लेखांक 1435 1435 460 रा.प्र.ले.सं., लेखांक 167 वि.सं. 1510 माघ सुदि 10 बुधवार । श्री.प्र.ले.सं. लेखांक 221 वि.सं. 1512 माघ सुदि 5 सोमवार श.गि.द., लेखांक 422 वि.सं. 1513 पौष वदि 2 बुधवार जै.धा.प्र.ले.सं. भाग 1, लेखांक 1232 वि.सं. 1513 पौष वदि 3 गुरुवार वही, भाग 2 लेखांक 790 वि.सं. 1515 ज्येष्ठ सुदि 9 श्री.प्र.ले.सं., लेखांक 2 वि.सं. 1515 माघ सुदि 1 शुक्रवार प्रा.ले.सं., लेखांक 299 वि.सं. 1515 माघ सुदि 1 शुक्रवार श्री.प्र.ले.सं., लेखांक 56 वि.सं. 1515 माघ सुदि 1 शुक्रवार जै.धा.प्र.ले.सं. भाग 2 लेखांक 949 वि.सं. 1516 वैशाख वदि 12 शुक्रवार जै.ले.सं.भाग 1 लेखांक 554 एवं प्र.ले.सं. लेखांक 552 वि.सं. 1517 माघ सदि 5 गुरुवार श.गि.द., लेखांक 485 वि.सं. 1519 वैशाख सुदि 3 गुरुवार रा.प्र.ले.सं., लेखांक 221 वि.सं. 1519 मार्गशिर सुदि 4 गुरुवार श्री.प्र.ले.सं., लेखांक 8 वि.सं. 1522 ज्येष्ठ वदि 8 सोमवार जै.ले.सं., भाग 3, लेखांक 2346 वि.सं. 1527 ज्येष्ठ वदि 7 सोमवार जै.स.प्र. वर्ष 8, अंक 10, पृष्ठ 303 लेखांक 16 साधुरत्नसूरि के शिष्य (?) श्रीसूरि इनके द्वरा प्रतिष्ठापित एक प्रतिमा प्राप्त हुई है जिस पर वि.सं. 1486 ज्येष्ठ सुदि 6 रविवार का लेख उत्कीर्ण है। साधुरत्नसूरि के पट्टधर साधुसुन्दरसूरि इनके द्वरा प्रतिष्ठापित प्रतिमायें मिली है जो वि.सं. 1507 से वि.सं. 1533 तक की है। इनका विवरण इस प्रकार है :वि.सं. 1507 वैशाख वदि 11 बुधवार जै.धा.प्र.ले.सं.,भाग 1, लेखांक 1004 वि.सं. 1515 फाल्गुन सुदि 4 श्री.प्र.ले.सं., लेखांक 262 वि.सं. 1515 फाल्गुन सुरि 8 शनिवार अ.प्र.जै. ले.सं., लेखांक 171 वि.सं. 1515 जै.धा.प्र.ले., लेखांक 150 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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