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तालिका 2
सर्वाणदसूरि वि. सं. 1480 14851
गुणसागरसूरि [ वि. सं. 1483-15111
1
हेमरत्नसूर [ वि.सं. 14861
सुमतिप्रभसूर [ मुख्यपट्टधर ]
समुद्रसूरि वि. सं. 1492-15121
गुणधीरसूरि
[ शिष्यपट्टधर]
[वि. सं. 1516
-1536] प्रतिमालेख
प्रतिमालेख
पूर्णिमागच्छ से सम्बद्ध अभिलेखीय साक्ष्यों से कुछ अन्य मुनिजनों के पूर्वापर सम्बन्ध भी स्थापित होते हैं। इनका विवरण इस प्रकार है :
मुनिशेखरसूरि के पट्टधर साधुरत्नसूरि
पुण्यरत्नसूरि
[ पट्टधर 1
[वि. सं. 1512
-1534]
श्रमण, जुलाई-सितम्बर, १८८३
पूर्णिमागच्छीय साधुरत्नसूरि द्वारा प्रतिष्ठापित 28 जिन प्रतिमायें प्राप्त हुई हैं। इन पर वि.सं. 1485 से 1527 तक के लेख उत्कीर्ण हैं। इनका विवरण इस प्रकार है :
वि.सं. 1485 वि.सं. 1485 वि. सं. 1485
वि. सं. 1487 वि.सं. 1487
वैशाख सुदि 6 रविवार ज्येष्ठ वदि 5 रविवार ज्येष्ठ वदि 11 शनिवार कार्तिक वदि 5 गुरुवार माघ सुदि 5 गुरुवार वैशाख सुदि वि. सं. 1489 फाल्गुन सुदि 3 वि.सं. 1502 पौष वदि 10 बुधवार वि.सं. 1503 ज्येष्ठ सुदि 7 सोमवार वि.सं. 1506 माघ सुदि 13 रविवार
वि. सं. 1489
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जै. धा. प्र. ले.
बी. जै. ले. सं.
वही,
जै. ले.सं. भाग 3 श.गि.द.,
प्रा. ले.सं.,
जै. ले.सं., भाग 3 बी. जै. ले.सं.,
प्रा. ले.सं.,
जै. धा. प्र.ले.सं.,
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लेखांक
77
लेखांक
728
लेखांक
1598
लेखांक
2300
लेखांक 467
लेखांक 144
2305
लेखांक
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लेखांक 196
लेखांक 1130
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