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पुस्तक समीक्षा
कटलाग आफ द मैनुस्किप्ट आफ पाटन जैन भंडार" भाग 1,2,3,4 संकलन स्व. मुनि पुण्य विजय जी, सम्पादक मुनि श्री जम्बूविजय जी । आकार - डबलडिमाई अठपेजी । पृष्ठसंख्या 402 + 222 +547 + 307 = 1475। कपड़े की पक्की जिल्द, प्रकाशक शारदा , चिमनभाई, एजुकेशनल रिसर्च सेन्टर, 'दर्शन' शाहीबाग, अहमदाबाद- 4, सम्पूर्णसेट का मूल्य : 1600/
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प्रस्तुत कृति चार भागों में और तीन जिल्दों में प्रकाशित है। प्रथम जिल्द में भाग व 2 द्वितीय जिल्द में भाग 3 एवं तृतीय जिल्द में भाग 4 मुद्रित है। प्रथम जिल्द के भाग 1 व 2 में बटन के हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर की 20035 हस्तप्रतों का विवरण दिया गया है। इसके प्रभाग में यह विवरण भंडार के ग्रन्थों की सूची क्रमांक के आधार पर दिया गया है। साथ ही साथ इन दोनों भागों में प्रत्येक ग्रंथ की पत्र संख्या, भाषा, रचनाकाल, लेखनकाल एवं लेखक का नाम आदि का उल्लेख भी है।
प्रथमभाग का प्रकाशन पूर्व में हो चुका है, इसलिए इस भाग में कृति के ग्रन्थाग्र, रचनाकाल, लेखनकाल, स्थिति, साइज आदि का उल्लेख नहीं किया गया है। प्रथमभाग में क्रमांक १ से १४७८६ तक की कृतियों के विवरण है। इसके द्वितीय भाग में 14790 से लेकर 20035 तक के ग्रन्थों का उल्लेख है। इसमें भी क्रमांक 19767 तक पत्र संख्या, भाषा, कर्त्ता, यांग, रचनाकाल, लेखनकाल आदि का विवरण है, किन्तु 19768 से लेकर 20035 तक मात्र
| संख्या दी गई है। यदि इन कृतियों का भी सम्पूर्ण विवरण होता तो अधिक उचित होता । प्रकाशन संस्था किन कारणों से यह विवरण देने में असमर्थ रही है, यह हम नहीं जानते हैं। अवश्य ही उसकी कोई कठिनाई रही होगी ।
द्वितीय जिल्द के तृतीय भाग में इन समग्र 20035 कृतियों का अकारादि क्रम से संयोजन या गया है। इससे पाठकों को यह सहज रूप से ज्ञात हो जाता है कि किस कृति की कितनी स्तप्रतियाँ इस भंडार में उपलब्ध है । उदाहरण के रूप में अंगचूलिया की ७ प्रतियां, अन्तकृतदशा की 11 प्रतियां और आवश्यक नियुक्ति की १७ प्रतियाँ इस भंडार में उपलब्ध है। आप इसमें कहीं-कहीं लेखनगत भिन्नता के कारण एक ही नामवाली कृतियों का दो-दो स्थानों
भी उल्लेख हुआ है जैसे अंगचूलिका के रूप में जहाँ दो कृतियों का उल्लेख है वहीं चूलिया एवं अड्गचूलिका के रूप में 5 कृतियों का उल्लेख है। भविष्य में इन भूलों का रिमार्जन आवश्यक है क्योंकि यह गलती केवल लेखनशैली की भिन्नता के कारण कम्प्यूटर के हो गई है।
है ।
तृतीय जिल्द के चतुर्थ भाग में पाटन के अन्य भंडारों की कृतियों का भी उल्लेख हुआ 3206 कृतियों का विवरण प्रस्तुत किया गया है। इसमें से भी ग्रन्थ नाम, कर्त्ता का नाम,
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