Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust
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५७० ] सिम - पापमोधिनी
सूत्रम्। सूत्राङ्क । | सूत्रम्। . सूत्राङ्क । ईश्च्वावर्ण-स्य ॥ ४-३-१११ ॥ | उदरे विकणा० ॥७-१-१८१॥ ईषद्गुणक्यनैः ॥ ३-६-६४ ॥ उदश्चरः साप्यात् ॥३-३-३१ ॥ इ ३ वा ॥ १-२-३३ ॥ उदितः स्वरान्नो० ॥४-४-९८॥ उः पदान्तेऽनूत् ॥२-१-११८॥ उदितगुरोर्मा० ॥ ६-२-५॥ उक्ष्णो लुक् ॥ ७-४-५६ ॥ उदुत्सोरुन्मनसि ॥ ७-१-१९२॥ उणादयः ॥ ५-२-९३ ॥ उदोऽनध्व हे ॥ ३-३-६२ ॥ उत औविति० ॥४-३-५९ ॥ उद्यमोपरमौ ॥ ४-३-५७ ॥ उति शवारे-भे ॥ ४-३-२६ ॥ उपज्ञाते ॥ ६-३-१९१ ॥ उतोऽनडुच्चनुरोकः॥१-४-८१॥ | उपत्यकाधित्यके ॥७-१-१३॥ उतोऽप्राणिन-ऊङ्॥२-४-७३॥ उपपीडरुधकर्ष० ॥ ५-४-७५ ॥ उत्करादेरीयः ॥ ६-२-९१ ॥ | उपमानं सामान्यैः॥३-१-१०१॥ उत्कृष्टेऽनूपेन ॥ २-२-३९ ॥ . उपमानसहित० ॥२-४-७५ ॥ उत्तरादाहञ् ॥ ६-३-५॥ उपमेयं व्याघ्राद्यैः०॥३-१-१०२॥ उत्थापनादेरीयः ॥६-४-१२१ ॥ उपसर्गस्यानि० ॥ १-२-१९ ॥ उत्पातेन ज्ञाप्ये ॥ २-२-५९ ॥ उपसर्गस्यायो ॥२-३-१०० ॥ उत्सादेरज ॥ ६-१-१९ ॥ उपसर्गात् ॥ ७-३-१६२ ॥ उत्स्व राधु-त्रे ॥ ३-३-२६ ॥ उपसर्गात्खल० ॥ ४-४-१०७ ॥ उदः पचि-देः ॥ ५-२-२९ ॥ उपसर्गात्सुग० ॥ २-३-३९ ॥ उदः श्रेः॥ ५-३-५३ ॥ उपसर्गादिध्वनः ॥ ७-३-७९ ॥ उदः स्थास्तम्भः सः॥१-३-४४॥ उपसर्गादिस्यो० ॥ ३-३-२५ ॥ उदकस्योदः० ॥३-२-१०४ ॥ उपसर्गादातः ॥ ५-३-११०॥ उदग्ग्रामाद्य० ॥ ६-३-२५ ॥ उपसगादातो०॥५-१-५६ ॥ उदकोऽताये ॥ ५-३-१३५ ॥ उपसर्गादृहो० ॥ ४-३-१०६ ॥ उदच उदीच ॥ २-१-१०३ ॥ उपसर्गादः किः॥५-३-८७॥ उदन्वानब्धौ च ॥ २-१-९७ ॥ | उपसर्गादिवः ॥ २-२-१७ ॥
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