Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 628
________________ - શ્રી સિદ્ધહેમચન્દ્રશબ્દાનુશાસનસૂત્રાકારાઘનુક્રમણિકા [ ૬૧૩ सूत्रम् । सूत्राङ्क। रो लुप्यरि ॥ २-१-७५ ॥ रोऽश्मादेः ॥ ६-२-७९ ॥ नाम्यन्तोत्० ॥ २-१-८० ॥ ले वा ॥ १-४-६७ ॥ हदिहस्व-चा ॥ १-३-३१ ॥ लक्षणवी स्ये० ॥ २-२-३६ ॥ लक्षणेनाभि० ॥३-१-३३॥ लक्ष्म्या अनः ॥ ७-२-३२ ॥ लघोर्दोघो० ॥४-१-६४ ॥ लघौरुपान्त्यस्य ॥ ४-३-४ ॥ लघोर्यपि ॥ ४-३-८६ ॥ लवक्षरास० ॥३-१-१६० ॥ लङ्गिक्रमप्यो० ॥ ४-२-४७ ॥ लभः ॥ ४-४-१०३ ॥ ललाटवात० ॥ ५-१-१२५ ॥ लवणदः ॥ ६-४-६॥ लषपतपदः ॥ ५-२-४१ ॥ लाक्षारोचना० ॥ ६-२-२ ॥ लिप्स्यसिदौ ॥ ५-३-१० ॥ लिविन्दः ॥ ५-१-६० ॥ लियो नोऽन्तः ॥४-२-१५॥ लिलौ ॥ १-३-६५ ॥ लिहादिभ्यः ॥ ५-१-५० ॥ लीलिनो० ॥३-३-९० ॥ लीलिनोर्वा ॥ ४-२-९ ॥ । सूत्रम् । सूत्राङ्क । लुक ॥ १-३-९३ ॥ | लुक्चाजिनान्तात् ॥७-३-३९॥ लुक्युत्तरपद० ॥ ७-३-३८ ॥ लुगस्यादेत्यपदे ॥२-१-११३॥ लुगातोनायः ॥२-१-१०७ ॥ लुप्यरवृल्लेनत् ॥ ७-४-११२ ॥ लुबञ्चेः ॥ ७-२-१२३ ॥ लुब्बहुलं० ॥ ६-२-५७ ॥ लुब्वाध्याया० ॥ ७-२-७२ ॥ लुभ्यञ्चवि० ॥ ४-४-४४ ॥ लूधूसृ-तः ॥ ५-२-८७ ॥ लूनवियातात् ॥ ७-३-२१ ॥ लोकम्पृण० ॥ ३-२-११३ ॥ लोकज्ञाते० ॥ ७-४-८४ ॥ लोकसवे० ॥ ६-४-१५७ ॥ लोकात् ॥ १-१-३॥ लोपिच्छादे:० ॥ ७-२-२८ ॥ लोग्नोऽपत्येषु ॥ ६-१-२३ ॥ लो लः ॥ ४-२-१६ ॥ लोहितादि-त् ॥ २-४-६८ ॥ लाहितान्मणौ ॥ ८-३-१७ ।। वंशादेर्भा-सु ॥ ६-४-१६६ ॥ वंश्यज्यायो० ॥ ६-१-३॥ वंश्येन पूर्वार्थ ॥ ३-१-२९ ॥ वचोऽशब्दनाम्नि ॥४-१-११९॥

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