Book Title: Siddhhem Balavbodhini Part 02
Author(s): Mahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 644
________________ * શ્રી સિદ્ધહેમચન્દ્રશબ્દાનુશાસનસૂત્રાકારાઘનુક્રમણિકા [ ૬૨૯ । सूत्रम्। सूत्राङ्क। सोयामायनि० ॥ ६-१-१०६ ॥ सौवीरेषु० ॥ ६-३-४७ ॥ स्कन्द स्यन्दः ॥४-३-३० ॥ स्कनः ॥ २-३-५५ ॥ स्कृच्छ्रतो० ॥ ४-३-८ ॥ स्क्रऽसंवृभृ० ॥ ४-४-८१ ॥ स्तम्बात् ॥ ५-३-३९ ॥ स्तम्भू स्तुम्भू० ॥३-४-७८॥ स्ताद्यशितो० ॥ ४-४-३२ ॥ . स्तुस्वञ्जश्चा० ॥२-३-४९. ॥ . स्तनान्न० ॥ ७-१-६४ ॥ . स्तोकाल्प० ॥ २-२-७९ ॥ स्तोमे उट् ॥ ६-४-१७६ ॥ स्त्यादिविभक्तिः॥ १-१-१९॥ स्त्रियाः ॥ २-१-५४ ॥ स्त्रियाः पुंसो० ॥ ७-३-९६ ॥ स्त्रिया ङितां० ॥१-४-२८ ॥ स्त्रियां क्तिः ॥ ५-३-९१ ॥ स्त्रियां नाम्नि ॥ ७-३-१५२॥ स्त्रियां तृतो० ॥ २-४-१ ॥ स्त्रियां लुप् ॥ ६-१-४६ ॥ स्त्रियाम् ॥ १-४-९३ ॥ स्त्रियाम् ॥ ३-२-६९ ॥ स्त्रियामूधसो न ॥७-३-१६९॥ स्त्रीदूतः ॥ १-४-२९ ॥ सूत्रम् । सूत्राङ्क। स्त्री पुंवञ्च ॥ ३-१-१२५ ॥ स्त्री बहुप्वा० ॥ ६-१-४८ ॥ स्थण्डिलात्० ॥६-२-१३९ ॥ स्थलादेर्मधुक० ॥ ६-४-९१ ॥ स्थाग्लाम्ला० ॥ ५-२-३१ ॥ स्थादिभ्यः कः ॥ ५-३-८२ ।। स्थान्तान्तगो० ॥६-३-११०॥ स्थानीवाऽ० ॥ ७-४-१०९ ॥ स्थापास्नात्रः कः ॥५-१-१४२॥ स्थामाजिना० ॥ ६-३-९३ ॥ स्थासेनिसेध० ॥२-३-४० ॥ स्थूलदूर-नः ।। ७-४-४२ ॥ स्थे शमास-रः ॥५-२-८१ ।। स्थो वा ॥ ५-३-९६ ॥ स्नाताद्वेद० ॥ ७-३-२२ ॥ . स्नानस्य नाम्नि ॥२-३-२२॥ स्नोः ॥ ४-४-५२ ॥ स्पद्ध ॥ ७-४-११९ ॥ स्पृश भृश० ॥ ३-४-५४ ।। स्पृशादि० ॥४-४-११२ ॥ स्पृशोऽनु० ॥ ५-१-१४९ ॥ स्पृहेा० ॥ २-२-२६ ॥ स्फाय स्फाव ॥ ४-२-२२ ॥ . स्फायः स्की वा ॥४-१-९४॥ स्फुरः स्फुला० ॥ ४-२-४ ॥

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